Update:8 (Mega Update)
मैंने जब दो मिनट बाद दरवाज़ा खोला तो देंग रह गया कि चाची ने घन्टे भर में अपने कमरे की काया ही पलट दी थी। पूरा कमरा गुलाब से सज़ा हुआ था और भीनी भीनी उत्तेजित करने वाले इम्पोर्टेड सैंट की खुशबू हवा में फैली हुई थी।
मीना चाची अपनी सबसे सैक्सी दिखने वली साड़ी पहन कर और अपने चेहरे पर एक लम्बा सा घूँगाट डाल कर पलँग के बीचों-बीच बैठी हुई थी, और पलँग के साईड टबल पर एक पूरी व्हिस्की की बोत्तल और सिगरेट का पैकेट रखा हुआ था।
दोस्तों बोलने की जरूरत नहीं है कि हम दोनों के जिस्म में उस समय एक लावा फूट रहा था एक दूसरे को बुरी तरह चोदने के लिये और मेरी चाची ने सब इंतजाम करा हुआ था कि आज जम कर रात भर चुदाई हो।
मैंने धीरे से पलँग पर बैठ कर मीना चाची को अपनी और खिसकाया और बड़े धीरे से उनका घूंघट ऊपर उठा दिया।
मीना चाची ने आज कुछ ज्यादा ही सैक्सी मेक-अप करा हुआ था। उन्होंने अपने होंठों पर लाल चमकने वाली लिपस्टिक लगायी हुई थी और पूरे मुखड़े पर बहुत ही सुंदर तरिके से मेक-अप करा हुआ था।
ब्लाऊज़ उन्होंने बहुत ही लो कट पहना था और अगर ब्लाऊज़ को ब्रा बोला जाये तो ज्यादा मुनासिब होगा और अन्दर उन्होंने तो शायद बहुत ही छोटी साइज़ की पहनी हुई थी क्यों कि उसमें से मीना चाची कि मस्तानी जवानी छलक-छलक के बाहर आने को मचल रही थी।
उन्होंने अपने घने घने बालों को खुला रखा था जो किसी झरने की तरह उनकी कमर तक लहरा रहे थे। मीना चाची ने अपने हाथों और पैरों के नाखूनों पर लाल नेल पॉलिश लगा रखी थी।
साथ ही उन्होंने मुझे और भी उत्तेजित करने के लिये काले रंग की बहुत ही ऊँची (लगभग ५ इन्च) पेन्सिल हील की सैण्डल पहनी हुई थी। उनके गोरे-गोरे पैरों को उन सैण्डलों में देख कर मेरा लंड मेरी पैंट के अन्दर साँप की तरह फुफकारने लगा।
मैंने बड़े ही प्यार से मीना चाची का चेहरा अपने हाथों में ले कर उनके गुलाबी होंठों पर अपने होंठ रख दिये और तबियत से उनके होंठ और जीभ चूसने लगा और फिर मीना चाची की कमर में हाथ डाल कर उनकी नंगी पीठ पर फेरने लगा।
मीना चाची ने भी मुझे अपनी बाहों में ले लिया और अपनी चूचियों का दबाव देते हुए मेरे होंठ और जीभ चूसने लगी। मुझे होश नहीं हम कब तक एक दूसरे को यूँ ही चूसते रहे।
जब हम अलग हुए तो मैंने कहा “मीना डारलिंग तुम तो वाकय में बहुत खूबसुरत हो।
मैं तुमको अपनी पतनी बना कर धन्य हो गया।
तुम्हारा बदन लगता है जैसे भगवान ने तुम्हें खुद अपने हाथों से बनाया है। तुम्हें देख लेने के बाद कैसे कोई इंसान कैसे अपने ऊपर काबू रख सकता है।"
मीना चाची बोली “मेरे सरताज़, मैं बहुत खुश किस्मत हूं कि तुम मेरे पती हो और आशा करती हूं कि तुम मेरी बूर को चूत और चूत को भोसड़ा बना दोगे।"
इतना कह कर हम दोनों पलंग से उठे और एक दूसरे को बाहों में भर कर डाँस करने लगे।
डाँस करते-करते मैंने मीना चाची की साड़ी पीछे से उठाई और उनकी चड्डी में हाथ डाल के उनके चूत्तड़ मसलने लगा। इधर मीना चाची भी मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी और खोल कर मेरी शर्ट को फेंक दिया।
मैंने भी मीना चाची की साड़ी का एक छोर पकड़ कर खेंचना चालू कर दिया और मीना चाची ने भी अपना पूरा मस्त शरीर घूम-घूम कर दिखाते हुए साड़ी को उतरवाया।
अब मीना चाची सिर्फ ब्रा-कट ब्लाऊज़ और एक बहुत ही झीने पेटीकोट में थीं, जिसमें से अंदर का सब कुछ दिख रहा था। मीना चाची ने आज ब्लैक कलर की जी स्ट्रिंग पैंटी पहनी हुई थी जिस से सिर्फ़ उनकी चूत ढकी हुई थी और उनके गोरे-गोरे और मोटे-मोटे मँसल चूत्तड़ एक दम नंगे हो कर गज़ब ढा रहे थे।
मीना चाची एक दम नयी नवेली दुल्हन कि तरह शरमाने लगी तो मैंने आगे बढ़ कर उन्हें अपनी बाहों में ले लिया और पेटीकोट के ऊपर से उनके गुदाज चूतड़ों को दबाने लगा।
मीना चाची ने भी अपने हाथ आगे करे और मेरी पैंठ को खोल कर उतार दिया। इधर मैंने भी मीना चाची के झीने से पेटीकोट का नाड़ा खोल कर नीचे गिरा दिया और अपने हाथ पीछे ले जा कर उनके ब्रा-नुमा ब्लाऊज़ के हुक खोल दिये और उनका ब्लाऊज़ धीरे से उनकी बाहों पर से सरकाते हुए उतारने लगा।
मीना चाची ने आज बहुत ही छोटी (माइक्रो) ब्रा पहनी हुई थी। मैं साफ़-साफ़ देख रहा था कि ब्रा के कप बडी ही मुशकिल से मीना चाची के निप्पलों को ढक पा रहे थे और साथ ही ब्रा काफी टाइट भी होने के कारण मीना चाची का पूरा जोबन उबाल खा कर बाहर आने को मचल रहा था।
मीना चाची अब सिर्फ़ चड्डी- ब्रा और हाई हील सैण्डलों मैं थी और मैं भी अब सिर्फ़ चड्डी में था। हमने एक दूसरे को फिर से बाहों में जकड़ लिया और एक दूसरे को मसलते हुए नाचने लगे।
थोड़ी देर बाद मैं कुर्सी पर बैठ गया और मीना चाची को बोला “डारलिंग तुम आज अपनी गाँड हिलाते हुए दो पैग बनाओ और अपने हाथों से मुझे पिलाओ।"
मीना चाची भी बड़े ही मादक अन्दाज़ में अपने भारी भारी चूत्तड़ मेरे चेहरे के सामने ला कर टेबल पर झुक कर दो पैग बनाने लग गयी।
जी-स्ट्रिंग पैंटी पहने होने के कारण मीना चाची की चूत तो पूरी ढकी थी और स्ट्रिंग का स्ट्राप पूरा मीना चाची की गाँड की दरार के अंदर घुस कर उनकी गाँड के भूरे रंग के छेद को छुपाए हुए था।
मीना चाची के मस्त फूले हुए चूत्तड़ अपनी आँखों के सामने पा कर मदहोश हो गया और अपने होंठ मीना चाची के चूत्तड़ों पर लगा कर उनकी गाँड की दरार में अपनी जीभ घुसाइने लगा।
मीना चाची एकदम सितकार उठी और बोली “मेरे सनम ये क्या कर रहे हो, बड़ी गुद- गुदी हो रही है।"
मैंने कोई ध्यान ना देते हुए अपनी जीभ मीना चाची की गाँड के भूरे छेद पर फेरनी चालू रखी और हाथ बड़ा कर उनकी झुकी हुइ मस्तानी छातियों को पकड़ लिया और दबाने लगा। मीना चाची तो मस्ती के मारे अपने चूत्तड़ गोल-गोल हिलाने लगी।
पैग बनाने के बाद मैंने मीना चाची को खींच के अपनी गोदी में बैठा लिया और बोला “मीना क्या बात है, मैंने ऐसी चड्डी तो आज तक नहीं देखी जिसमे चूत तो ढकी रहती है पर गाँड पूरी नंगी रहती है।"
मीना चाची बड़ी मस्ती में बोली “जानम इसे जी स्ट्रिंग कहते हैं और ये खास कर चुदास औरतों के लिये ही बनाई गयी है। जिन कि चूत में ज्यादा खुजली होती है और जो बाज़ार में अपने चूत्तड़ों का जलवा दिखाना चाहती हैं वोह ऐसी चड्डियाँ और हाई हील सैण्डल खूब पहनती हैं।
हाई हील सैण्डलों से चाल और भी मस्तानी हो जाती है और पीछे से गाँड और सामने से छातियाँ सैक्सी तरह से उघड़ जाती हैं। मैंने आज खास तेरे लिये पहनी है।
" मैंने उनकी फूली हुइ चूचियों की घाटी में अपना मुँह लगा दिया और पसीने और सैंट की महक सूँघते हुए उनके चूचियों कि घाटी चूसने लगा। मीना चाची ने भी मेरा सर पकड़ कर अपने जोबनों पर दबा लिया।
थोड़ी देर मीना चाची की चूचियों कि घाटी चूसने के बाद मैंने मीना चाची को कहा कि अब वोह मुझे ड्रिंक पिलायें।
उन्होंने टेबल पर से ग्लास उठा कर मेरे होंठों से लगा दिया और बोली मेरे राजा एक घूँट में खतम करना, और मैंने भी दूसरा ग्लास उठा कर मीना चाची के होंठों से लगा दिया। मीना चाची बड़ी ही मादरचोद थी।
उन्होंने ड्रिंक पूरी नीट बनाई थी, बिना सोडे और पानी के मीना चाची तो रोज़ जम कर पीती थी पर मैं तो अभी नौ-सिखया ही था।
पर हिम्मत कर के मैंने भी एक घूँट में खाली कर दी और मीना चाची ने भी पूरी ड्रिंक एक घूँट में खली कर दी।
मैंने कस कर उनकी कमर में बाहें डाल कर अपनी और खींच लिया और उनकी उठी हुइ मदमस्त चूचियों को दबाने लगा और मीना चाची को बोला
“मेरी जान एक सिगरेट पिल दो"
तो मीना चाची बोली "डारलिंग सिगरेट मैं अपने स्टाइल से पिलाऊँगी।"
इतना कह कर उन्होंने सिगरेट जलायी और एक कश ले कर अपने होंठ मेरे होंठों से लगा दिये और सारा धुआँ मेरे मुँह में छोड़ दिया।
दोस्तों सिगरेट शौकीन हैं, मेरे कहने से एक बार ऐसे सिगरेट पी कर जरूर देखें, वादा करता हूं की आपका लंड एकदम उबाल खा जायेगा। मैंने कस कर मीना चाची की एक चूँची जो मेरी हाथेली में थी बहुत ही बे-दर्दी से मसल दिया।
मीना चाची भी चिहँक उठी और बोली “तुम बड़े वोह हो जी, मेरी मस्त जवानी इतनी बुरी तरह से मसल कर रख दी।
" मैंने भी कहा “ मीना रानी आज तुम्हारे जोबन कुछ ज्यादा ही उभार लिये हुए हैं, तुमने क्या जादू करा है कि सुबह से लेकर शाम तक तुम्हारी चूँची एक दुम इतनी बड़ी हो गयी।"
मीना चाची शर्माते हुए बोली कि "मैं आज तुमको उन चूचियों का मज़ा देना चाहती हूँ जो मेरी शादी के समय थी।
इसी लिये मैंने आज इस टाइट माइक्रो ब्रा में अपनी छातियों पर कसी है ताकि मेरी चूचियाँ उसमें समायें नहीं और फूट-फूट के बाहर निकल आने को तरसें।"
मीना चाची बोली “मेरी चूचियाँ कब से तड़प रही हैं तुम्हारे होंठों से चुसाने के लिये।" मैंने भी बिना देर करे हुए अपने हाथ पीछे ले जा कर मीना चाची की माइक्रो ब्रा के हुक खोल दियी ब्रा के हुक खुलते ही मीना चाची कि चूचियाँ एक दम स्प्रिंग की तरह उछली और मचल कर ब्रा की कैद से बाहर आ गयी।
मीना चाची ने अपने भूरे रंग के निप्पलों को आज रूज़ लगा कर एक दम गुलाबी बनाया हुआ था और मैंने बे-सब्री से उन पिंक निप्पलों को अपने मुँह में ले लिया और लम्बे-लम्बे चुस्से मारने लगा।
रूज़ लगे होने के कारण मीना चाची के निप्पल एक दम चैरी की तरह मीठे थे। मीना चाची की तो सितकारी ही निकली जा रही थी और मेरी तो ऐसी इच्छा हो रही थी कि मीना चाची कि चूत का जूस इन निप्पलोंसे निकले और मैं पी जाऊ मीना चाची मेरे सिर को अपनी चूचियों पर दबाती हुइ सितकारियाँ भर रही थी और बोल रही थी कि “मेरे सनम पी ले मेरे जिस्म का नशा।
आज तो जी खोल के अपनी जवानी का नशा पिलाऊँगी तुझे। अरे मादरचोद चूस ले मेरे निप्पलों को" और चाची ने अपने हाथों से मेरी चड्डी उतार दी जिससे मेरा लौड़ा मीना चाची के पेट पर टक्कर मारने लगा।
मीना चाची लंड को कस कर अपने हाथों से दबा रही थी और बोली “वाह मेरे बहन के लौड़े! अपनी दुल्हन से मिलने के लिये चिकना बन कर आया है। आज देखी हूँ कि किसकी माँ चुदती है, मेरी चूत की या तेरी।"
मीना चाची ने मेरे बाल पकड़ कर अपनी चूचियों पर से मेरा सर उठाया और बोलीं “डारलिंग पहले एक मीठा सा चोदा लगा दे, मेरी बूर इस समय धड़क रही है, नहीं तो जल कर खाक हो जायगी।
बाद में आराम से चूसाते हुए और चाटते हुए एक दूसरे को चोदेंगे।" मेरा भी बुरा हाल था। सुबह की चुदाई के बाद तो मैं भी तड़प रहा था मा चाची को चोदने के लिये।
मैंने उनको अपनी गोदी में उठा कर बिस्तर पर लिटा दिया और मीना चाची की टाँगें फैला कर जी-स्टिंग उतारी वाह क्या नज़ारा था! मीना चाची ने अपनी चूत के लिप्स भी रूज़ लगा कर गुलाबी करे हुए थे।
मैंने कहा " मीना थोड़ा सा और तड़प ले मेरी जान अभी तो तेरी बूर के लिप्स मुझे इनवाइट कर रहे हैं चूसने के लिये और बोलते हुए मैंने अपने होंठ मीना चाची की बूर के होंठों से चिपका कर जीभ चूत में घुसेड़ दी।
मीना चाची बोलती रहीं कि, “मेरे राजा मैं अपनी चूत का पहला पानी तेरे लंड पर झाड़ना चाहती हूँ। मादरचोद बाद में चाट लियो मेरी बूरा अभी तो अपने गन्ने से मेरी बूर को चूत बना दे।
जालिम कितना और तड़पायेगा अपनी मीना को।" मैंने देखा की मीना चाची की चूत से उनका थोड़ा-थोड़ा मदन रस रिसना चालू हो गय था और अगर मैं ज्यादा उनकी चूत चूसता तो वोह वहीं पर अपना सारा माल निकाल देतीं।
मैंने उनकी चूत पर से मुँह हटा लिया और मीना चाची के ऊपर चढ़ कर उनकी मोटी-मोटी चूचियों पर अपने चूतड़ रखे और अपना लंड मीना चाची के समने लहराते हुए बोला
"मेरी जान! जरा अपनी चूँची के निप्पल से मेरी गाँड मारो और मेरे लंड को अपने होंठों का प्यार दो फिर देखो आज तुम्हारी चूत की क्या भजिया बनाता हूँ।
" मीना चाची ने झट से मेरा लौड़ा अपने होंठों में ले लिया और दोनों हाथों से अपनी चूँची पकड़ कर कभी एक निप्पल तो कभी दूसरा निप्पल मेरी गाँड के छेद पर रगड़ने लगी और मैं धीरे-धीरे मीना चाची का मुँह चोद रहा था और बोला,
“मेरी जान! आज तो लंड की पहली धार तुम्हारे मुँह में ही उतारूंगा। ज़रा तबियत से चूसा मेरी प्यारी जान तू लंड के खड़े होने की चिंता मत कर झड़ने के बाद, आज तो जम के तेरे साथ सुहाग रात मनानी है। मैं तो आज पूरी रात चोदूँगा।
” फिर धीरे से मैंने अपने शॉट की स्पीड बढ़ा दी और हुमच-हुमच के मीना चाची के मुँह में लंड पेलने लगा।
एक शॉट में पूरा जड़ तक उनके गले तक उतार देता और उसी क्षण खींच के बाहर निकाल लेता और इस से पहले कि चाची सम्भलें, दोबारा लंड उनके गले तक उतार देता।
मीना चाची भी पीछे नहीं थी। वाकय में ऐसे चूस रही थी जैसे सदियों से लंड चूसने के लिये तरस रही हों। मैं पाँच मिनट तक उनके मुँह को ऐसे ही चोदता रहा और आखिर में अपना पूरा लंड उनके गले में फंसा कर बल-बला कर झड़ गया।
मीना चाची के गले में पूर लंड फंसा होने के कारण मेरी पूरी धार सीधी उनके गले में उतर रही थी और वोह हरामजादी चाची भी बिना नुकुर पुकुर किये मेरा रस पी रही थीं।
पूरा रस निकलने के बाद जब मैंने अपना लंड उनके मुँह से निकालना चाहा तो उन्होंने मेरे चूत्तड़ पकड़ कर अपने मुँह पर दबा लिये और मेरे झड़े हुए लंड की दोबारा से चूसाई चालू कर दी।
मैं तो इस नशीली चूसाई से पागल हो गया। झड़ कर दोबारा चूसवाने में जो मज़ा आ रहा था उसका वर्णन करना बड़ा मुश्किल है। मेरा साला लंड भी मादरचोद हो गया था। पाँच मिनुट की चूसाई में ही साला फिर से तैयार हो गया था।
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