Update:9
मैंने कहा "मीना आ जाओ अब तुम्हारी चूत रानी बजाता हूँ।" वोह थोड़ा सा लंड अपने मुँह से निकाल के बोली, “थोड़ा सा और ठहर मेरे राजा, अभी थोड़ा और चूस के लोहे की तरह बना दूँ, फिर जम के मेरी चूत बजाइओ,
बोलकर उन्होंने मेरा पूरा लंड मुँह के बाहर निकाला और सिर्फ़ मेरे लंड के सुपाड़े को और मूतने वाले छेद को अपनी जीभ में लपेट-लपेट कर जो मज़ा देना चाल किया वोह अभी तक का सबसे गढ़-गुढ़ाने वाला मज़ा था।
मैं मस्ती में आ के अपने चूत्तड़ों के नीचे दबी हुई उनकी मोटी मोटी चूचियों को बड़ी बुरी तरह से मसलने लगा। करीब दो तीन मिनट ऐसे करने के बाद मेरा लंड वाकय में दोबारा फटने की कगार पे आ गया था।
मीना चाची इसे भाँप चुकी थीं। इसी लिये उन्होंने जीभ फेरना बंद करा और बोली,
“अब आजा मेरे राजा! अब मेरी बूर खोल दे इस लौड़े से।" मैं मीना चाची के उपर से हट कर उनकी जाँघों के बीच आ गया और उन्होंने भी अपनी जाँघें पूरी खोल दीं थी और अपनी उंगली से अपनी चूत के लिप्स खोल दिये थे जिससे उनका रस में डूबा हुआ गुलाबी छेद दिख रहा था।
मीना चाची बोलीं, "देख ले मेरे राजा अपनी पूरी खोल के दे रही हूं, बाद में मत कहना कि मीना चाची ने खोल के चुदवाई नहीं।"
मैंने आगे बढ़ कर अपने लंड का सुपाड़ा मीना चाची की चूत के खुले हुए लिप्स के बीच में रख दिया और हाथ से पकड़ कर आराम से उनके गुलाबी छेद पर अपना सुपाड़ा रगड़ने लगा और मीना चाची से पूछा कि “आज तुम्हारी चूत हलाल करूँ कि झटका चोदूँ?"
मीना चाची बोलीं, "हलाल तो बहुत हो चुकी मेरे राजा! आज तो झटका चुदाई कर दो और माँ चोद दो मेरी चूत की।"
मैंने घुटने के बल हो कर मीना चाची की दोनों टाँगें अपने कंधे पर रख कर उन्हें फैला दिया और अपनी गाँड का पूरा जोर लगा कर एक करारा सा झटका मारा जिससे मेरा पूरा साडे आठ इन्च लम्बा लौड़ा मीना चाची की चूत में समा गगया।
मीना चाची क्षण भर के लिये तो चीखीं और फिर बड़-बड़ाने लगीं, “मादरचोद! आखिर तुने मेरी चूत की माँ चोद ही डाली।
अरे भोसड़ी वाले मैंने यह थोड़ी बोला था कि अपना पूरा गन्ना मेरी चूत में एक झटके से उतार दियो ।
बहन के लौड़े! आज मुझे वाकय में लग रहा है के मेरी असली सुहाग रात तो आज है। इतना दर्द तो मुझे पहली सुहाग रात को भी नहीं हुआ था। मेरे राजा क्या लौड़ा दिया है !
मेरी तो चूत आज वाकय में चूत बन गयी। मेरे सैया तूने आज मुझे धन्य कर दिया। मैं तो तेरी गुलाम हो गयी। मादरचोद! तू मेरा खसम बन जा आज से ले मेरी चूत चोद ले जितनी चोदनी है।"
मैं तो बस लगातार दना दन उनकी चूत में अपने लौड़े के धक्के दिये जा रहा था। जब भी मेरा धक्क लगता तो मेरी जाँघें मीना चाची के चूत्तड़ों और जाँघों से लग कर थप थप की आवाज़ पैदा कर रही थीं।
करीब आठ-दस मिनट के ज़ोरदार धक्कों के बाद मीना चाची किलकारी मारते हुए मेरे लंड पर अपना पानी फेंक दी।
मैंने भी मीना चाची की टाँगें अपने कंधों से उतार कर नीचे कर दीं और उन्हें चौड़ा कर के मीना चाची के ऊपर लेट कर कसके उनको अपनी बाहों में भर लिया और अपने होंठ उन के रसीले होठों पर एक बार फिर से जमा कर उनकी जीभ को चूसने लगा।
बड़े आराम से मैं अपने चूत्तड़ उछाल-उछाल के मीना चाची की चूत में अपना लौड़ा पेल रहा था। मेरी डारलिंग चाची ने भी अपने दोनों हाथ कस कर मेरे चूत्तड़ों पर दबाए हुए थे और जब मैं अपना लंड बाहर खींचता तब वोह अपने दोनों हाथों से मेरे चूत्तड़ दबा देती जिससे कि जल्दी से फिर मेरा लंड उनकी चूत में समा जाये।
करीब पँद्रह बीस मिनट तक ऐसे ही चुदाई करने के बाद मीना चाची बोली
"तुझे एक नया आसन बताती हूँ। उसमे मर्द का लंड औरत की चूत में पूरा अन्दर तक जाता है।"
इतना कह कर मीना चाची ने मुझे अपने ऊपर से उतरने के लिये कहा और मेरे समने घुटने के बल हो एक कुत्तिया की तरह हो कर अपने चूत्तड़ मेरी तरफ कर दिये औरबोली,
“ले बहन के लौड़े अब तू कुत्ता बना मैं अपनी चूत उभार के देती हूं और तू उसमें "तू अपना मस्त गन्ना उतार और फिर कस-कस कर मेरे चूत्तड़ों पर धक्के मारते हुए तबला बजा।"
इतना कह कर चाची ने अपनी गाँड उपर की और उठा दी, चूचियों को बिस्तर पर टिका दिया और अपना पेट नीचे करके अपनी जाँघों के बीच में से मुस्कुराती हुइ बूर खोल दी और मीना चाची के चूत्तड़ चौड़े होने के कारण उनका मस्त भूरे रंग का गाँड का छेद दिख रहा था जिसको देख कर अन्दाज़ा हो रहा था कि मीना चाची ने अभी तक गुदा सम्भोग का लुत्फ नहीं उठाया है।
दोस्तों इस समय वो नज़ारा दिख रहा था कि मैं अपने आप को रोकने में नाकाम था। मैने मीना चाची की रिस रही बूर में लंड थोड़ा सा घिसा और धक्का मार कर पूरा लंड उनकी चूत में झटके से उतार दिया।
वाह क्या मज़ा आया जैसे ही मैंने अपनी जाँघों से मीना चाची के फूली हुई चूत्तड़ों पर जम के धका दिया, मक्खन की तरह मेरा लंड मीना चाची की उभरी हुई चूत में घुसा और मेरे धक्के के दबाव से मीना चाची के चूत्तड़ स्पंज की तरह दब कर फैल गये और फैल कर और चौड़े हो गये और बाद में स्पंज की ही तरह फिर से फूल कर अपनी शेप में आ गये जिससे मुझे मीना चाची के चूत्तड़ों का धक्का महसूस हुआ।
मुझे इस आसन में मीना चाची की चूत लेने में बहुत मज़ा आ रहा था और मैं और जोश के साथ चूत बजाने लगा। जोश में आकर मैंने अपनी एक उँगली अपने थूक से गीली की और इससे पहले कि वोह कुछ समझ पातीं, मैंने अपनी उँगली मीना चाची की गाँड में घुसा दी।
वोह एक दम चिहुँक उठी और बड़-बड़ाई, “क्या कर रहा है मादरचोद, मेरी चूत तो अपने लंड से भर दी अब क्या मेरी गाँड अपनी उँगली से भरेगा क्या?
आज पहली बार किसी मर्द ने मेरी गाँड का छेद छेड़ा है। चल थोड़ा मेरी गाँड में अपनी उँगली चला दो"
वाकय में बहुत ही टाइट गाँड का छेद था। उँगली गीली होने के बावजूद बड़ी कसी कसी उनकी गाँड में घुस रही थी। करीब आठ-दस मिनट तक कुत्ता चुदाई में मीना चाची दो बार अपनी चूत का पानी निकाल चूकी थी और मेरे हर शॉट का जम कर जवाब अपने चूत्तड़ों के धक्के से दे रही थी और बड़-बड़ाते हुए कह रही थी की मेरे सनम आज तो जिंदगी का असली मज़ा आ गया।
बहन के लौड़े जब तेरा मूसल जैसा लंड पूरा मेरे अंदर घुस कर मेरी बचेदानी पर लगता है तो मैं तो बस गन - गना जाती हूँ। बहनचोद! तू मेरा मर्द क्यों नहीं बना? तुझसे तो इतना चुदवाती कि तू हमेशा मस्त रहता।
मादरचोद तेरे से चुदवाकर मेरी चूत को पसीना आ जाता है। तेरी तो जिस से शादी होगी उसकी तो सुहाग रात वाले दिन माँ चुद जायेगी। ज़िन्दगी भर चोदना भूल जायेगी।
चोद मेरे लंड, चोद, बहनचोदा" मीना चाची बड़-बड़ाती रही और मैंने अपने धक्के चलू रखे।
कुछ देर बाद मेरे लंड का पानी बहुत उबाल खा चुका था और मीना चाची की मस्त चूत में अपनी मस्ती निकालने के लिये बेकरार था। मैंने मीना चाची को कहा कि
“रानी अब तुम सीधी हो, मैं तुम्हारी चूचियों पर पसर कर तुम्हारा मुँह चूसते हुए झड़ना चाहता हूँ।"
मीना चाची मेरा लंड निकाल के फोरन सीधी हो गयी और मैंने भी बिना वक्त गवाये अपना लंड पूरा चूत में घुसेड़ कर उनके ऊपर लेट गया और मीना चाची कि दोनों चूचियाँ अपने हाथों में पकड़ कर अपने होंठ उनके रसीले होंठों पर रख कर और चूसते हुए दना दन उनकी चूत में शॉट लगाये और जब मेरा लंड झड़ा, उस समय तो मैंने इतनी जोर की शॉट मारा कि मीना चाची ने भी दर्द के मारे अपनी गाँड एक फुट हवा में उछाल दी, जैसे कह रही हो “ले मादरचोद! भर मेरी चूत को।"
मीना चाची ने मेरा पूरा माल अपनी चूत में सोख लिया और कसके मुझे अपने बदन से चिपका लिया और बुरी तरह मेरा मुँह चूसने लगी। मुझे तो इस चुदाई में सुबह से ज्यादा मज़ा आया था और इतनी देर चोदने के बाद मीना चाची के गुदाज़ बदन पर लेटना बहुत ही अच्छा लग रहा था।
थोड़ी देर बाद मैंने उनकी चूत से अपना लंड निकाला तो मीना चाची टपाक से उठ बैठीं और मेरा लंड चूसने लगी और अच्छी तरह से चूस कर पूरा लंड साफ कर दिया।
मीना चाची ने आगे बढ़कर दो सिगरेट जलाई और बोली, “गोलू डारलिंग! आज से तू सिर्फ मेरा मर्द है। तेरा चाचा तो बस नाम का मेरा पती है। मैं सिर्फ तेरी गुलाम बन कर रहूँगी।
तूने मुझे जीवन का वोह सुख दिया है जिसके लिये मैं पिछले 18 साल से तरसी हूं। बस मुझे दिन में एक बार जरूर चोद दिया करा देख मेरी चूत अभी तक तेरे धक्कों से हिली हुई है। आज मुझे मालूम पड़ा असली मर्द क्या होता है।
मेरे बलम देख तो सही मैं तेरे
लंड से किस-किस को खुश करवाती हूं।"
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