Vik1006
Well-Known Member
- 3,322
- 12,966
- 158
Fantastic update...Update:11
अगले दिन सुबह ही सोनिया को आना था। मैं उसे स्कूल से दस बजे जाकर ले आया।
अबकी बार सोनिया को देखने का मेरा नज़रिया ही कुछ और था। मैं रास्ते भर उसे अपनी आँखों से नंगा करता रहा, और सोनिया मुझे अपनी ट्रिप के बारे में बताती जा रही थी।
उसे क्या मालूम था कि उसकी माँ और मेरे बीच में क्या सम्बंध बन चूके थे जिस के कारण मुझे उसके बदन की कुँवारी नशीली शराब पीने को मिलने वाली थी।
घर आ कर सोनिया बोली "भैया मैं तो नहा धो कर एक चाय पीयूँगी और सोऊंगी।
मेरे प्यारे भैया! मैं इतने नहा कर आती हूँ, तुम मेरे लिये चाय बना दो।"
मैंने कहा "कोई बात नहीं तू आराम से नहा ले।”
मेरे दिमाग में तो सिर्फ़ सोनिया को चोदने का नज़ारा घूम रहा था। एका एक मुझे एक आइडिआ सुझा जो मैंने एक किताब में पढ़ा था।
सोचा क्यों ना ट्राईई मार के देखूँ।
यही सोच के मैं चुप-चाप मीना चाची के कमरे में गया और निंद की चार- पाँच टैबलेट ला कर सोनिया की चाय मे मिला दी मुझे
मीना चाची ने कल ही बताया था कि जब कई बार वोह रात को चुदाई के लिये बहुत परेशान हो जाती थीं और सो नहीं पाती थीं तो वोह नींद की गोली लेकर सो जाती थीं।
इतने में सोनिया भी नहा-धो कर बाहर आ गयी थी। मुझे आज तक पता नहीं चल पाया है कि लड़कियाँ और औरतें, बहन की लौड़ियाँ इतने सैक्सी कपड़े क्यों पहनती हैं कि जिससे मर्द बेकाबू हो जाये।
क्या हर औरत मन ही मन यह चाहती है कि कोई उसे चोदे? सोनिया ने भी ऐसी नाइटी पहनी हुई थी जो फ्रंट ओपेन थी और जिस से सिर्फ उसके चूत्तड़ और आधी जाँघें छिप रही थी और स्लीवलेस होने के कारण उसकी बगल के छोटे-छोटे रोंए दिख रहे थे।
नाइटी का कपड़ा इतना मोटा नहीं था, जिसके कारण उसकी छाती पर उठ रही नोकों से मालूम पड़ रहा था कि उसने अंदर ब्रा नहीं पहनी, और जब वोह चौकड़ी मार कर मेरे सामने पलंग पर बैठी तो मेरा तो बुरा हाल हो गया।
उसकी चिकनी जाँघें और चड्डी में कसे हुए उसके चूत्तड़ और चूत की मछलियों को देख कर मेरा लंड तन गया।
मैंने बड़ी मुश्किल से अपने ऊपर चद्दर डाल कर खुद को शरमिन्दा होने से बचाया।
चाय पीते समय सोनिया ने बताया कि अबकी बार उसे ट्रिप में बहुत मज़ा आया और उसने अपनी सहेलियों के साथ खूब मस्ती करी।
थोड़ी देर में वोह बोली, "भैया मुझे बहुत जोर से नींद आ रही है, मैं तो अपने कमरे में सोने जा रही हूँ।"
मैंने करीब आधा घंटा वेट करा और अपने कमरे में बिस्तर पर लेट कर अपने लंड को मीना चाची के हाई हील के सैंडल से सहलाता रहा।
उसके बाद मैं उठा और सोनिया के कमरे कि तरफ गया। सोनिया ए.सी. चला के आराम से दरवाजा बंद करके सो रही थी।
मैंने चुप-चाप दरवाज़ा खोला और कमरे में घुस गया। सोनिया बड़े आराम से बिस्तर पे पीठ के बल हो कर सो रही थी और उसकी नाइटी जो पहले से ही छोटी थी, और उठ कर उसकी नाभी तक चड़ गयी थी, जिससे कमर के नीचे का सब कुछ दिख रहा था।
उसकी चड्डी में छुपी हुई चूत के उभार साफ-साफ दिखाई दे रहे थे। मेरा तो मादरचोद लंड साला हरामी, देख कर ही खड़ा हो गया।
मैंने सोनिया के पास जा कर उसके कंधे पकड़ कर थोड़ा जोर से हिलाया और बोला
“सोनिया देख तेरी सहेली का फोन आया है।" सोनिया की कुछ फरक नहीं पड़ा। वोह तो बस बे-खबर ही कर सोती रही।
मैंने फिर भी अपने को पक्का करने के लिये फिर से उसे ज़ोर से आवाज़ दी और हिलाया पर उसको नींद की गोली के कारण कोई असर नहीं हुआ।
मैंने सबसे पहले अपने कपड़े उतारे और पूरा नंगा हो कर सोनिया की नाइटी के आगे के बटन खोलने लगा और एक एक करके सारे बटन खोल दिये।
दोस्तों, उस समय मेरे हाथ काँप रहे थे क्योंकी आज मैं इतनी हिम्मत करके सोनिया का गोरा दूधिया बदन देखने जा रहा था जिसकी चड्डी और ब्रा सूंघ-सूंघ कर खूब मुठ मारा करता था।
सोनिया एक दम दूध की तरह गोरी थी और आज से पहले मैं बहुत तड़पा था उसका नंगा बदन देखने के लिये। नाइटी के सारे बटन खुलते ही उसके छोटे-छोटे मस्त खिलौने नंगे हो गये और मैंने देखा कि सोनिया के निप्पल भूरे नहीं बल्कि पिंक थे।
सोनिया अब सिर्फ मेरे समने एक चड्डी में लेट कर बे-खबर सो रही थी। मैंने झुक के अपने होंठ खोल के सोनिया के गुलाबी निप्पल अपने होंठों में दबा लिये और उसकी जवान, अभी तक अनछूई मस्त ३२ सैज़ की चूँची अपने हाथ में भर ली।
मीना चाची की बड़ी बड़ी गदरायी हुई चूचियों को दबाने के बाद जब मैंने सोनिया की चूचियाँ दबाईं, तब मालूम पड़ा कि साली लौंडिया कि चूँची क्या चीज़ होती है।
ऐसा लग रहा था जैसे किसी सख्त अनार को पकड़ लिया हो। दूसरा हाथ मैंने सोनिया की चड्डी में डाल दिया और उसकी बूर को अपने हाथों से फील करने लगा।
सोनिया की चूत पर मेरा हाथ टच होते ही मैं तो ऐसा गन-गनाया कि मैंने सोनिया के मस्त कचे अनार छोड़ कर दोनों हाथों से उसकी चड्डी उतारने लगा।
माँ कसम दोस्तों !
क्या साली कुँवारी बूर थी मेरी आँखों के सामने झूठ नहीं बोलूँगा, इच्छा तो यह करी कि उसकी टाँगें खोल के अपना लौड़ा सरका दूं उसकी कसी चूत में, पर मीना चाची की इन्सट्रक्शन याद आ गयी।
सोनिया की कुँवारी चूत होने के कारण उसकी बूर के लिप्स अभी तक खुले नहीं थे, बल्कि बड़े कायदे से एक लैन में थे और उसके ऊपर उसकी रेशमी झाँटें एकदम ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने धारदार चूत को छिपाने के लिये एक मखमली कारपेट बिछा दिया हो।
मेरा तो लौड़ा बुरी तरह से अकड़ गया था। मैं भी बिना समय गँवाये मौके का पूरा लाभ उठाना चाहता था और मैं पूरा नंगा सोनिया के ऊपर चढ़ गया।
मेरा लंड एकदम सोनिया की रेशमी झाँटों के कार्पेट पर लग गया था।
मैंने मारे मस्ती के सोनिया के पूरे नंगे बदन को अपनी बाहों में कस कर भर लिया और उसके नरम रस भरे होंठों पर अपने होंठ रख दिये और तबियत से उन्हें चूसने लगा।
सोनिया की चूचियाँ इतनी सख्त थीं कि मेरी छाती में उसके निप्पल चुभ रहे थे और वोह कसे हुए अनार जो मेरे सीने से लग कर थोड़े से दब गये थे, बहुत ही प्यारा सुख दे रहे थे।
मेरा बदन ती मारे मस्ती के काँप रहा था और मैंने अपने आप को थोड़ा सम्भालने के लिये एक सिगरेट जलाई और उसके ऊपर अपना लंड घिसने लगा।
शुरू में तो मेरी यह हालत थी कि बस अभी रस निकला, पर बड़ा कैंट्रोल करने के बाद मैं अब बड़े आराम से उसकी रेशमी झाँटों में अपना लंड घिस रहा था।
दोस्तों ! इतना मज़ा आ रहा था कि कलपना करना भी मुशकिल है। सिगरेट खतम होने के बाद मैंने अपने मुँह में उसकी चूँची भर ली और जोर-जोर से चूसना चालू कर दिया।
चूचियों का टेस्ट इतना नशीला था कि इतनी देर से रोका हुआ मेरे लंड का लावा पूरा सोनिया के पेट पर निकल गया और मैं भी परवाह किये बिना सोनिया कि तन्नाई हुई चूचियाँ चुसने में लगा रहा।
दोस्तों मैंने किताबों में सिर्फ पढ़ा था कि जवान चूँची चूसने से लंड तन्ना जाता है पर मैंने तो उस समय खुद अनुभव किया कि मादरचोद मुश्किल से तीन या चार मिनट में फिर से गन्ना बन गया।
मैंने उठ कर कपड़े से सोनिया का पेट साफ करा और एक हाथ से अपना लंड पकड़ कर सोनिया के होंठों पर घिसनेलगा।
क्या सनसनाहट हो रही थी कि मेरा लंड और कस गया। करीब पाँच-दस मिनट बाद मैंने सोनिया कि टाँगें खोलीं और उसकी जाँघों को चूसता हुआ अपनी जीभ उसकी कुँवारी बूर पर ले गया।
मैंने भी अपनी जीभ की धार सोनिया के बूर की दरार पर खूब घीसी। बाद में जब मस्ती बढ़ गयी तब मैंने अपने होंठ पूरे चौड़े किये और सोनिया की मस्तानी चूत अपने मुँह में भर ली और चूसाई चालू कर दी।
क्या मादक सुगंध आ रही थी। मैं तो जन्नत में था। करीब आधा घंटा बूर का मज़ा अपनी ज़ुबां से लूटने के बाद मैं उसकी खुली टाँगों के बीच बैठ गया और अपने लंड को एक हाथ से पकड़ कर दूसरे हाथ से अपना सुपाड़ा सोनिया की चूत के लिप्स खोल कर घिसने लगा।
थोड़ी ही देर में लौड़ा इतना उबाल खा गया कि इससे पहले मैं रोक पाता सोनिया के खुले लिप्स के उपर ही मेरा लंड झड़ गया।
मैंने करीब दो घंटे सोनिया के शरीर के साथ जी भर के खेला, और बाद में फिर से उसे चड्डी पहना कर और नाइटी ढंग से बंद कर के मैं बाहर आ गया और टी.वी. देखने लग गया।
To Be Continued...
Apna Comment Aur Feedback Dena Na Bhule...
Apka Pyara GOLU ❤