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Update:17
“ये आप क्या कर रहे हो ?”
मैंने उसे समझाया और बोला,
"आज मैं तेरी बूर को चूत बनाने जा रहा हूँ तो मुझे अपना लंड तेरी बूर में घुसेड़ना पड़ेगा और तुझे तकलीफ ना हो इस लिये मैं तेरी बूर को और अपने लंड को चिक्ना कर रहा हूँ।"
सोनिया थोड़ी देर के लिये सकते में आ गयी और बोली,
"भैया तुम्हारा लंड तो इतना मोटा हो रहा है और मेरी बूर तो बहुत छोटी है, फिर तुम कैसे अंदर डालोगे मैंने कहा,
"सोनिया अबसे तू मुझे मेरे नाम से बुलायेगी
मैंने बिस्तर पर चड़ कर सोनिया की जाँघों को अपने हाथों से पूरा फैल दिया और एक हाथ से लंड पकड़ कर दूसरे हाथ से सोनिया की बूर के लिप्स खोल कर अपना गुस्साया हुआ लाल सुपड़ा उसकी गुलाबी चूत से सटा दिया और बहुत हल्के-हल्के घिसते हुए बोला,
"देख ले सोनिया अपने लंड की तेरी चूत से मुलाकात करा रहा हूं।"
सोनिया को भी अपनी चूत पर लंड घिसाई बहुत अच्छी लग रही थी। वोह सिर्फ़ मस्ती में ऊँमम ऊँमम कर सकी।
एक दो मिनट बाद मैंने देखा कि सोनिया पर मस्ती पूरी तरह से सवार हो चुकी है तो मैंने अपने लंड का एक हल्का सा शॉट दिया जिससे मेरा लंड सोनिया की बूर बहुत ज्यादा कसी होने के कारण से फिसल कर बाहर आ गया।
इससे पहले कि सोनिया कुछ समझ पाती, मैंने एक हाथ से अपना लंड सोनिया के बूर के लिप्स खोल के उसके छेद पर रखा और अपने चूत्तड़ों से कस के धक्का दिया जिससे मेरा मोटा तगड़ा लंड 2 इन्च सोनिया की चूत में घुस गया।
सोनिया की गौंड में तो जैसे भूचाल आ गया। वोह जोर से चीखी,
"गोलू मार डाला !
ये क्या डाला है मेरे अंदर बहुत दर्द हो रहा है।
गोलू प्लीज़ बाहर निकाल ले।"
मैंने कुछ परवाह ना करते हुए दूसरा शॉट और कस के लगाया और अब मेरा पाँच इन्च लंड सोनिया की चूत में समा चूका था।
ऐसा लग रहा था जैसे किसी बोत्तल के छोटे छेद में अपना लंड घुसा दिया हो और बोत्तल के मुँह ने कस कर मेरे लंड को पकड़ लिया हो।
अगर मैंने सोनिया की कमर कस के पकड़ नहीं रखी होती तो सोनिया मेरा लंड निकाल के बाहर भाग जाती और ज़िंदगी भर कभी भी किसी से चुदवाती नहीं।
सोनिया अब मेरे सीने पर मुक्के मारने लगी तो मैंने उसके दोनों हाथ पकड़ कर फैल दिये और अपने पूरे शरीर का भार देते हुए उसके ऊपर लेट कर अपना पाँच इन्च लंड अंदर-बाहर करने लगा।
करीब पाँच-दस मिनट तक सिर्फ पाँच इन्च से ही संतोष करने के बाद मैंने सोनिया से पूछा,
“डारलिंग अब कैसा लग रहा है?"
तो बड़ी रुआँसी बोली,
“जब तुमने घुसेड़ा था उस समय तो मेरी जान ही निकल गयी थी पर अब तुम्हारी लंड घिसाई से थोड़ी राहत मिली है और अच्छा भी लग रहा है।
मैंने मौका अच्छा देख और अपने होंठ उसके होंठों पर रख और उसे पूरा दबोच कर एक ज़ोरदार कड़कड़ाता हुआ शॉट दिया जिससे मेरा पूरा साढ़े आठ इन्च लौड़ा सोनिया की चूत में समा गया।
मेरे होंठ उसके होंठों पर रखे हुए थे इस कारण वोह ज्यादा जोर से नहीं चीख पायी, और जो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया था उसका सोनिया को दर्द इतना हो रहा था कि आप खुद ही अन्दाजा लगा सकते हैं कि अगले पाँच मिनट तक मैं तो शांत अपना लंड उसकी चूत में डाल कर उसके रसीले होंठ चूसत रहा और सोनिया नीचे से दर्द के मारे लगातार अपने चूत्तड़ उछालती रही।
जब पाँच मिनट बाद उसने अपने चूत्तड़ उछालना बँद करा तब मैंने अपने लंड को धीरे धीरे उसकी चूत में सरकाना चालू करा सोनिया अभी भी अपना बदन दर्द के मारे कस-मसा रही थी पर पूरी मेरे नीचे दबी होने के कारण कुछ कर नहीं पा रही थी और पँद्रह-बीस धक्के अपनी चूत में ले लेने के बाद उसका दर्द भी कम हो गया था और उसका कसमसाना भी।
मैंने सोनिया के होंठों के ऊपर से अपने होंठ हटा लिये और बोला,
"क्यों मेरी प्यारी सोनिया!
अब बता कैसा महसूस हुआ जब मैंने अपना मस्त लौड़ा तेरी बूर में डाल कर उसे हमेशा के लिये चूत बना दिया और अब कैसा लग रहा है दर्द खतम होने परा"
सोनिया बोली
“क्या डारलिंग तुमने तो मेरी जान ही निकल दी। जब तुमने अपना लंड मेरी चूत में पेला था उस समय तो मुझे ऐसा लगा था कि शायद आज तुम मुझे मेरी चूत से लेकर दो हिस्सों में फ़ाड़ के रख दोगे।
बहुत दर्द हुआ था गोलू पर तुमने इतने प्यार से मुझे सम्भाला और बाद में जो प्यार से मेरी चूत बजा रहे हो तो ऐसा लग रहा है कि मैं जन्नत में हूँ।"
“मेरे बदन से ऐसी मस्ती छूट रही है कि क्या बताऊँ गोलू आब बहुत मज़ा आ रहा है। अब तुम जी भर के मुझे चोदो।"
मैंने सोनिया की दोनों जाँघे चौड़ी कर दी और अपने हाथों से उसकी सैण्डल की हीलस पकड़ लीं और खुद घुटने के बल बैठ कर अपनी गाँड के दना दन धक्के मारने लगा।
सोनिया को अब भी तकलीफ हो रही थी पर वोह भी अब चुदाई में पूरा साथ दे रही थी।
पहली चुदाई के कारण वोह और ज्यादा मस्ती सहन नहीं कर पायी और सितकारी भरती हुए अपनी चूत का पानी मेरे लंड पर गिराने लगी और बड़बड़ा रही थी,
“आह आह गोलू मज़ा आ गया। मुझे क्या मालूम था इतनी तकलीफ के बाद इतना सुख मिलेगा। इस सुख के लिये तो मैं अपनी चूत बार-बार तुमसे फड़वाऊंगी।"
मैंने भी लगातार आठ-दस शॉट लगाये और बल बला कर उसकी चूत में जड़ तक अपना लंड उतार के झड़ गया।
मैं सोनिया की कोरी बूर को चूत बना कर मस्त हो गया था और आराम से उसके ऊपर लेट कर उसके होंठों को चूस रहा था।
To Be Continued...
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Apka Pyara GOLU ❤
“ये आप क्या कर रहे हो ?”
मैंने उसे समझाया और बोला,
"आज मैं तेरी बूर को चूत बनाने जा रहा हूँ तो मुझे अपना लंड तेरी बूर में घुसेड़ना पड़ेगा और तुझे तकलीफ ना हो इस लिये मैं तेरी बूर को और अपने लंड को चिक्ना कर रहा हूँ।"
सोनिया थोड़ी देर के लिये सकते में आ गयी और बोली,
"भैया तुम्हारा लंड तो इतना मोटा हो रहा है और मेरी बूर तो बहुत छोटी है, फिर तुम कैसे अंदर डालोगे मैंने कहा,
"सोनिया अबसे तू मुझे मेरे नाम से बुलायेगी
मैंने बिस्तर पर चड़ कर सोनिया की जाँघों को अपने हाथों से पूरा फैल दिया और एक हाथ से लंड पकड़ कर दूसरे हाथ से सोनिया की बूर के लिप्स खोल कर अपना गुस्साया हुआ लाल सुपड़ा उसकी गुलाबी चूत से सटा दिया और बहुत हल्के-हल्के घिसते हुए बोला,
"देख ले सोनिया अपने लंड की तेरी चूत से मुलाकात करा रहा हूं।"
सोनिया को भी अपनी चूत पर लंड घिसाई बहुत अच्छी लग रही थी। वोह सिर्फ़ मस्ती में ऊँमम ऊँमम कर सकी।
एक दो मिनट बाद मैंने देखा कि सोनिया पर मस्ती पूरी तरह से सवार हो चुकी है तो मैंने अपने लंड का एक हल्का सा शॉट दिया जिससे मेरा लंड सोनिया की बूर बहुत ज्यादा कसी होने के कारण से फिसल कर बाहर आ गया।
इससे पहले कि सोनिया कुछ समझ पाती, मैंने एक हाथ से अपना लंड सोनिया के बूर के लिप्स खोल के उसके छेद पर रखा और अपने चूत्तड़ों से कस के धक्का दिया जिससे मेरा मोटा तगड़ा लंड 2 इन्च सोनिया की चूत में घुस गया।
सोनिया की गौंड में तो जैसे भूचाल आ गया। वोह जोर से चीखी,
"गोलू मार डाला !
ये क्या डाला है मेरे अंदर बहुत दर्द हो रहा है।
गोलू प्लीज़ बाहर निकाल ले।"
मैंने कुछ परवाह ना करते हुए दूसरा शॉट और कस के लगाया और अब मेरा पाँच इन्च लंड सोनिया की चूत में समा चूका था।
ऐसा लग रहा था जैसे किसी बोत्तल के छोटे छेद में अपना लंड घुसा दिया हो और बोत्तल के मुँह ने कस कर मेरे लंड को पकड़ लिया हो।
अगर मैंने सोनिया की कमर कस के पकड़ नहीं रखी होती तो सोनिया मेरा लंड निकाल के बाहर भाग जाती और ज़िंदगी भर कभी भी किसी से चुदवाती नहीं।
सोनिया अब मेरे सीने पर मुक्के मारने लगी तो मैंने उसके दोनों हाथ पकड़ कर फैल दिये और अपने पूरे शरीर का भार देते हुए उसके ऊपर लेट कर अपना पाँच इन्च लंड अंदर-बाहर करने लगा।
करीब पाँच-दस मिनट तक सिर्फ पाँच इन्च से ही संतोष करने के बाद मैंने सोनिया से पूछा,
“डारलिंग अब कैसा लग रहा है?"
तो बड़ी रुआँसी बोली,
“जब तुमने घुसेड़ा था उस समय तो मेरी जान ही निकल गयी थी पर अब तुम्हारी लंड घिसाई से थोड़ी राहत मिली है और अच्छा भी लग रहा है।
मैंने मौका अच्छा देख और अपने होंठ उसके होंठों पर रख और उसे पूरा दबोच कर एक ज़ोरदार कड़कड़ाता हुआ शॉट दिया जिससे मेरा पूरा साढ़े आठ इन्च लौड़ा सोनिया की चूत में समा गया।
मेरे होंठ उसके होंठों पर रखे हुए थे इस कारण वोह ज्यादा जोर से नहीं चीख पायी, और जो मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया था उसका सोनिया को दर्द इतना हो रहा था कि आप खुद ही अन्दाजा लगा सकते हैं कि अगले पाँच मिनट तक मैं तो शांत अपना लंड उसकी चूत में डाल कर उसके रसीले होंठ चूसत रहा और सोनिया नीचे से दर्द के मारे लगातार अपने चूत्तड़ उछालती रही।
जब पाँच मिनट बाद उसने अपने चूत्तड़ उछालना बँद करा तब मैंने अपने लंड को धीरे धीरे उसकी चूत में सरकाना चालू करा सोनिया अभी भी अपना बदन दर्द के मारे कस-मसा रही थी पर पूरी मेरे नीचे दबी होने के कारण कुछ कर नहीं पा रही थी और पँद्रह-बीस धक्के अपनी चूत में ले लेने के बाद उसका दर्द भी कम हो गया था और उसका कसमसाना भी।
मैंने सोनिया के होंठों के ऊपर से अपने होंठ हटा लिये और बोला,
"क्यों मेरी प्यारी सोनिया!
अब बता कैसा महसूस हुआ जब मैंने अपना मस्त लौड़ा तेरी बूर में डाल कर उसे हमेशा के लिये चूत बना दिया और अब कैसा लग रहा है दर्द खतम होने परा"
सोनिया बोली
“क्या डारलिंग तुमने तो मेरी जान ही निकल दी। जब तुमने अपना लंड मेरी चूत में पेला था उस समय तो मुझे ऐसा लगा था कि शायद आज तुम मुझे मेरी चूत से लेकर दो हिस्सों में फ़ाड़ के रख दोगे।
बहुत दर्द हुआ था गोलू पर तुमने इतने प्यार से मुझे सम्भाला और बाद में जो प्यार से मेरी चूत बजा रहे हो तो ऐसा लग रहा है कि मैं जन्नत में हूँ।"
“मेरे बदन से ऐसी मस्ती छूट रही है कि क्या बताऊँ गोलू आब बहुत मज़ा आ रहा है। अब तुम जी भर के मुझे चोदो।"
मैंने सोनिया की दोनों जाँघे चौड़ी कर दी और अपने हाथों से उसकी सैण्डल की हीलस पकड़ लीं और खुद घुटने के बल बैठ कर अपनी गाँड के दना दन धक्के मारने लगा।
सोनिया को अब भी तकलीफ हो रही थी पर वोह भी अब चुदाई में पूरा साथ दे रही थी।
पहली चुदाई के कारण वोह और ज्यादा मस्ती सहन नहीं कर पायी और सितकारी भरती हुए अपनी चूत का पानी मेरे लंड पर गिराने लगी और बड़बड़ा रही थी,
“आह आह गोलू मज़ा आ गया। मुझे क्या मालूम था इतनी तकलीफ के बाद इतना सुख मिलेगा। इस सुख के लिये तो मैं अपनी चूत बार-बार तुमसे फड़वाऊंगी।"
मैंने भी लगातार आठ-दस शॉट लगाये और बल बला कर उसकी चूत में जड़ तक अपना लंड उतार के झड़ गया।
मैं सोनिया की कोरी बूर को चूत बना कर मस्त हो गया था और आराम से उसके ऊपर लेट कर उसके होंठों को चूस रहा था।
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