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रात को हम दोनो साथ में सोए ।
अगले दिन सुबह उठा तय्यार हुआ और स्कूल चला गया ।
नए स्कूल में दोस्त बनाने में ज़्यादा समय तो नहि लगा लेकिन ये ज़रूर पता चल गया की स्कूल में हरामी लड़के तो बहुत है और लड़कियाँ भी कोई कम नहि है । पहली नज़र में एक दो लड़कियाँ तो अच्छी लगी सोचा की gf बनाऊँगा पर थोड़ा जन्ने पहचाने के बाद ।
स्कूल से वापस घर आने के बाद खाना खाया और थोड़ा आराम करने लगा । चुकी शहर में नया आया था गाँव से तो दोस्त तो बने नहि और ना ही पापा ने फ़ोन दिया
पापा- बेटा फ़ोन थोड़े दिनो बाद मिल जाएगा तब तक चाचा या चाची के फ़ोन से काम चला लो ।
मैं - जी पापा ।
ये तो बड़ी दिक़्क़त हो गयी , गाँव में तो porn देख कि मुट्ठ मारने में कोई दिक़्क़त नहि होती थी but यह तो कोई जुगाड़ ही नहि है , अब क्या किया जाए ?
यही सोचते सोचते 2-3 दिन निकल गए ,अब लड़कों को पोर्न देखने से कौन रोक सकता है।
तो मैंने माँग चाची का फ़ोन और स्कूल से आने के बाद दोपहर में जब सब आराम करते थे तब देख के मुट्ठ मार लेता था और फ़ैंटसी तो सब को पता है
लड़कों को हम उम्र की लड़कियों से ज़्यादा aunty और milf ही पसंद आती है तो बस फिर क्या इनहि को देख के मुट्ठ मरता था ।
पर कभी चाची के बारे में ऐसा ख़याल नहि आया ।
इसका नतीजा ये हुआ की रात को चाची के साथ सोते समय लंड महाराज तन जाते ,,, मैं इसको ignore मार के सो जाता ।
एक रात मैं चाची से chipak के सो rha था और हमारे लंड महाराज खड़े हो गये ।
लंड सीधा चाची की गाँड में घुसने लगा ।
चाची ने वही nighty पहनी हुई थी
चाची को चुभन का अहसास हुआ तो पलट के देखा
चाची- हाय राम !! ये क्या है ( मेरे लंड को देखते हुए जो की boxer फाड़ के बाहर आने को उतावला था ) इसका इतना बड़ा कैसे लगता है 7.5 inch का होगा ।
छी छी क्या सोच rhi हूँ ये मेरा भतीजा है । अभी जवान है तो हो जाता होगा खड़ा , चलो कोई बात नहि ।
चाची थोड़ा आगे खिसक कि सो गयी ।
अगला दिन
सुबह उठा और तय्यार हो के स्कूल चला गया
दोस्तों अभी स्कूल में कुछ ख़ास नहि है तो जब कुछ interesting होगा तब अप्डेट में दे दूँगा !।।
घर आने के बाद खाना खाया और हर बार की तरह porn देखी और आराम करने चला गया ।
आज की porn देख के पता नहि क्यू बड़ा ही सुकून मिला शायद चाची के लिए मन में अरमान जागने लगे थे ।
रात में
चाची और मैं साथ में सोए थे वैसे ही चिपक के अब तो शायद आदत ही बन गयी थी , पहले घर की याद ना आए इसलिए और अब चाची की गद्देदार gaand मिली इसलिए ।
लंड महाराज जाग चुके थे लेकिन मई सो rha था ,सपने में मैं किसी की गाँड में अंदर बाहर कर rha हूँ ऐसा लग rha जो की असलियत में भी ऐसा ही हो रहा था और वो गाँड थी चाची की ।
क़सम से सपने में तो लग रहा था की क्या चीज़ है । और वही हक़ीक़त में -
चाची - कुछ दिनो तक तो लंड की चुभ rha था आज तो ये चुदाई कर rha है । ज़रा देखूँ तो
पीछे मूड के चची ने देखा तो -
चाची - अरे ये तो सो rha है , शायद सपना होगा .... बच्चा है चलो कोई ना ।
पर कही ना कही उनको भी अच्छा ही लग रहा था
अगर चुदाई सपने में ही क्यू ना कर rhe हो पर मुट्ठ तो निकलेगा ही ।
मेरी धक्कों की speed तेज हो गयी
चाची- लगता है इसका होने वाला है ..... आऽऽऽऽह आऽऽऽऽऽह .... पर मेको मज़ा क्यू आ rha है मैं क्यू गरम हो rhi हूँ?
नहि नहि शिखा ये ग़लत है .... बहुत ही गंदा सोच rhi है तू !!!
जो होना था वही ही हुआ मेरा जैसे ही वीर्य निकाला अचानक मेरी आँख खुल गयी ।
मेरी तो गाँड ही फ़ैट गयी देख के
आधा गाढ़ा सफ़ेद रस मेरी boxer में था और आधा चाची की nighty में ।
अब तो तू गया अमित !!
मैंने बड़ी हिम्मत कर के धीरे से उठा और bathroom की तरफ़ गया और boxer साफ़ करने लगा ।
चाची- लगता है bathroom गया है साफ़ करने ही ही ही .... ये गिला गिला क्या लग rha है मेरी गाँड में ?
हाथ ले जा के पीछे छुआ तो -
चाची - ये क्या??!!! ये तो वीर्य है !! छी छी
उन्होंने उसको उँगलियो से उठा कर। नाक के पास ले कि चली गयी
चची- हाय उफ़्फ़्फ़ क्या ख़ुशबू है आह और उनका एक हाथ धीरे से अपनी प्यारी सी मुनिया चूत पर चला गया
थोड़ी देर तक वो उसको सूंघती rhi और उसको चाट लिया ।
हेय भगवान ये क्या किया मैंने !!!! छी छी छी नहि नहि मुझे ऐसा नहि करना था । ये उनका एक दिमाग़ कह रहा था वही दूसरा हाय क्या वीर्य था गाढ़ा गाढ़ा , इनका(चाचा) तो बहुत पतला निकलता हाउ ।
नहि नहीं ये क्या सोच rhi हूँ मैं ।
तब तक मई bathroom से बाहर आने लगा , दरवाज़ा बंद करने की आवाज़ से चाची सतर्क हो गयी और पहले जैसे सू गयी ।
अभी के लिए इतना ही
दोस्तों bhaiyo और bhabhiyo प्लीज़ बताइए की कैसी लगा
अगला update jald ही