Ya to nayi kahani ban giBina dant ki dokari, bina danda ko deepudo, bc yo kasyo test hai yrr
जब मिलन की आस में ही कटे हर एक पल,Arj kiya hai ki
मिलने की उम्र में मिले नही किसी से नैन
होंगे अधियारे या दूधारे किस काम के,
प्रीतम की छवि जिनमे ना बसी प्रियतमा,
वो नैन नही है कीमत छदाम के,
सुनी प्राण प्यारी दिन रीते ही ना बीत जाएं,
बाल पना बीता दिन बीते हैं आराम के
अब ना मिलाओगी तो तब क्या मिलाओगी,
जब नैन ये तुम्हारे ना रहेंगे किसी काम
Ab iska jabaab dekar dikhao, jaisi cheej hoti hai waisa hi jabaab deta hai na![]()
Janta uchit karyawahi ki mang karti haiIsko yaha se kick mar kar hatana hoga use, na samjha to![]()
Bohot khoobजब मिलन की आस में ही कटे हर एक पल,
तो प्रीतम का नाम ही बन जाता है संबल।
तेरे बिना भी नयन ढूँढते हैं तेरा ही नूर,
हर अधियारे में दिखे तेरा ही मंज़र भरपूर।
ना उम्र की क़ैद, ना समय की दीवार,
सच्चे प्रेम का होता है अमिट आधार।
मिलन हो या ना हो, ये दिल न हार मानता,
तेरी यादों से ही हर लम्हा अरमान बन जाता।
Ab kai pato, bhopdika ve bhi mut* maruda hoya to bapdi chori ka khota ho jasiAdosi padosi ki moj hojyagi fir to![]()
Apna hi launda hai wo, use kya kaje ab, koi or hota to gamd me danda de diya hota ab takJanta uchit karyawahi ki mang karti hai