Thanks Bro for your positive wordsYeh bahut badi problem hai bhai kuch writers ke piat par comments bhar bhar ke aate hai chaye woh update main deri karte rahe...
Par aap apna kaam karte raho..bus yahi kah sakte hai
Bhai kha ho?? aapke darshan to durlabh ho gaye h! Waiting 4 dhamakedaarrrrrrr wapsi ka Bro...वैसे भी हमारी प्राचीन सभ्यता, सभी तरह के संभोग को पूर्ण रूप से समर्थन करती है। जैसे खजुराहो में लगी हुई जब में ग्रुप सेक्स हो या एनल सेक्स, यहाँ तक कि गे सेक्स और incest भी। और भी जगह है जैसे नागदा मप्र में जंहा काम शास्त्र पढ़ाया जाता था, और मुर्तिया आज भी ठीक स्थिति में मौजूद है, जिससे ज्ञान होता है कि प्राचीन सभ्यता में केवल संभोग ही उचित था ... कई मामलो मे तो माँ-बेटी,बहने,भाई-भाई,भाई-बहन तक मिल बांट कर खाता है फिर ननद-भाभी का तो रिश्ता ही ऐसा है जिसमें ननद को सेक्स ज्ञान भाभी द्वारा प्रदान करने की प्राचीन परंपरा है ...कलांतर में कई कहानियाँ हैं,जहाँ भाभी ने स्वयं अपना पति यानी ननद के भाई से उनके संबंध बना लिए... और दोनो भाई बहन अब खुल के एक दूसरे के योनाचार में लिपटे हैं ...कौटुम्बिक व्यभिचार (Incest)हमारे पौराणिक इतिहास में भी मौजूं है, यम यमी संवाद....और इतिहास में राजा महाराजों की अपनी बहन को गर्भ धारण में सहायता की गई है!!!
Thanks BhaiBhai
Bhai kha ho?? aapke darshan to durlabh ho gaye h! Waiting 4 dhamakedaarrrrrrr wapsi ka Bro...![]()