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Funny Dank meme series

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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WTF! This is so disrespectful and funny at the same time. :laughing:



(BTW, She is 30 years old.)​
This is decade old video, और इन मोहतरमा को अब प्रोब्लम हो रही है। और वैसे भी ज्योति जी अपनी इसी फिजिकल appearnce को शो ऑफ करने ही आई हैं।
 

avsji

कुछ लिख लेता हूँ
Supreme
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WTF! This is so disrespectful and funny at the same time. :laughing:



(BTW, She is 30 years old.)​

भाई जी, ये दिव्या मैडम ट्विटर पर व्यूज़ की भूखी है।
उसी चक्कर में ऐसी ऊल जलूल पोस्ट करती रहती है। उसको सीरियसली बिलकुल भी न लें।
 

manu@84

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बहुत बढ़िया है। भाड़ में जाए नाती पोते। साला पूरे खानदान का ठीकरा क्यों उठा कर रखें उमर भर?
सबको तकलीफ तब हुई होगी कि जायदाद का हिस्सा अपने पल्ले कम पड़ेगा।
ये समस्या तो अम्मून बड़ी फैमिली मे होती हैं, और इसका इलाज सिर्फ घर के बुजुर्ग जीते जी चाहे तो ईमानदारी और समझदारी के साथ सभी को बराबर देकर कर सकते है, अन्यथा महाभारत होती हैं और बुड्ढे मरने के बाद गाली खाते हैं😔
बुढ़ऊ की इतनी चिंता होती, तो उनको इस उमर में किसी से बियाह क्यों करना पड़ता?
सवाल दूसरे तरह से कहा जाये कि उस उम्र में ब्याह करने की जरूरत क्यों होती हैं, रोटी पानी देखरेख के लिए caretaker सैलरी पर मिलते है,

मेरे नजरिये से ब्याह एक सेक्स सुख लेने की सबसे सुलभ व्यवस्था होती हैं, अधिक उम्र में सेक्स कामना को दबा कर, धार्मिक क्रियाओं में लगाया जा सकता था.
 

avsji

कुछ लिख लेता हूँ
Supreme
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ये समस्या तो अम्मून बड़ी फैमिली मे होती हैं, और इसका इलाज सिर्फ घर के बुजुर्ग जीते जी चाहे तो ईमानदारी और समझदारी के साथ सभी को बराबर देकर कर सकते है, अन्यथा महाभारत होती हैं और बुड्ढे मरने के बाद गाली खाते हैं😔

मेरा ये मत है कि बुजुर्गों को जैसा मन करे, वो करें।
अपनी कमाई किसी को देने की कोई जरूरत नहीं।
पूत कपूत तो का धन संचय, पूत सपूत तो का धन संचय।

सवाल दूसरे तरह से कहा जाये कि उस उम्र में ब्याह करने की जरूरत क्यों होती हैं, रोटी पानी देखरेख के लिए caretaker सैलरी पर मिलते है,

सही है। लेकिन वो लोग भी बूढ़े लोगों को एक्सप्लॉयट करते हैं।

मेरे नजरिये से ब्याह एक सेक्स सुख लेने की सबसे सुलभ व्यवस्था होती हैं, अधिक उम्र में सेक्स कामना को दबा कर, धार्मिक क्रियाओं में लगाया जा सकता था.

सेक्स प्राकृतिक भावना है, लेकिन धर्म अप्राकृतिक है।
लिहाज़ा, सेक्स को क्यों दबाना? अगर सामाजिक तौर पर मान्य तरीका उपलब्ध है, तो क्यों न करें?
और बात के मूल में यही है - consenting adults अगर बिना समाज का कोई नियम तोड़े साथ में रहना चाहते हैं तो लोग उनके paersonal जीवन में अपनी चौधराहट क्यों झाड़ना चाहते हैं?!
 

manu@84

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मेरा ये मत है कि बुजुर्गों को जैसा मन करे, वो करें।
अपनी कमाई किसी को देने की कोई जरूरत नहीं।
पूत कपूत तो का धन संचय, पूत सपूत तो का धन संचय।
ये काहवाते बस दूसरो को उपदेश देने के लिए बनी होती हैं, वास्तिवक्ता अलग होती हैं, हर व्यक्ति अधिक से अधिक संचय करने की चाह रखता है किसके लिए सिर्फ अपने बच्चो के लिए, ये ही यथार्थ है. अन्यथा बच्चे भी बाप बदलने में समय नही लगाते ये अर्थ युग है😁
सही है। लेकिन वो लोग भी बूढ़े लोगों को एक्सप्लॉयट करते हैं।
ताली दोनो हाथो से बजती है😁 शुद्ध आचरण रख कर सेवा का लाभ ले तो कोई सेवादार कुछ नहीं कर सकता हैं.
सेक्स प्राकृतिक भावना है, लेकिन धर्म अप्राकृतिक है।
लिहाज़ा, सेक्स को क्यों दबाना? अगर सामाजिक तौर पर मान्य तरीका उपलब्ध है, तो क्यों न करें?

बात तो सही है पहले लोग रखैल रखते थे, अब live in रिलेशन, चलने लगा है.
और बात के मूल में यही है - consenting adults अगर बिना समाज का कोई नियम तोड़े साथ में रहना चाहते हैं तो लोग उनके paersonal जीवन में अपनी चौधराहट क्यों झाड़ना चाहते हैं?!
एक पुरानी फिल्म है प्रेम रोग है, उसमे शाम्मि कपूर साहब ने एक डाइलोग दिया था, कि जितनी भी अमर्यादित परम्परा है वो बड़े घरों मे शुरु होती हैं और धीरे धीरे छोटे छोटे घरों में एक बीमारी की तरह फैल जाती हैं.

इस तरह के बुढापे मे इश्क बाजी के जौहर दिखाना रहीसो के काम होते है, सामान्य बुजुर्ग तो अपनी जिम्मेदारी के बोझ तले सीधा चल भी नही पाता आखिरी समय तक यही सोचता है कि अपने फर्ज को ठीक से पूरा कर दिया या नही.
😁
 

manu@84

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Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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Riky007

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manu@84

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Not available as raha hai
पता नही कुछ eroor होगा 😔
 
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Reactions: Raj_sharma

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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ये काहवाते बस दूसरो को उपदेश देने के लिए बनी होती हैं, वास्तिवक्ता अलग होती हैं, हर व्यक्ति अधिक से अधिक संचय करने की चाह रखता है किसके लिए सिर्फ अपने बच्चो के लिए, ये ही यथार्थ है. अन्यथा बच्चे भी बाप बदलने में समय नही लगाते ये अर्थ युग है😁
जब बच्चे साथ रख ही नही रहे तो क्या बाप क्या बच्चे।
ताली दोनो हाथो से बजती है😁 शुद्ध आचरण रख कर सेवा का लाभ ले तो कोई सेवादार कुछ नहीं कर सकता हैं.
खुद का आचरण शुद्ध कर लोगे, दूसरों से ऐसा एक्सपेक्ट कैसे करोगे मगर?
बात तो सही है पहले लोग रखैल रखते थे, अब live in रिलेशन, चलने लगा है.

एक पुरानी फिल्म है प्रेम रोग है, उसमे शाम्मि कपूर साहब ने एक डाइलोग दिया था, कि जितनी भी अमर्यादित परम्परा है वो बड़े घरों मे शुरु होती हैं और धीरे धीरे छोटे छोटे घरों में एक बीमारी की तरह फैल जाती हैं.

शायद आपने देखा नही, गरीब घरों में भी ये सब होता है। हम मिडिल क्लास वाले ही मर्यादाओं के चक्कर में रहते हैं।
 
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