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राकेश हँसने लगा" अरे क्या इसमें घुसाने को ही प्यार बोलते हैं" "तो" पिंकी ने उल्टा स्वाल किया! देखती जाओ मैं दिखाता हूँ प्यार क्या होता है. कहते हुए राकेश ने पिंकी को अपनी गोद में बैठा लिया. राकेश ने उसके होंठो को चूमना शुरू कर दिया और बड़ी शिद्दत से चूमते हुए उसे उसके बेड पर लिटा दिया. उसका नाइट सूट नीचे से हटाया और एक एक करके उसके बटन खोलने लगा. अब पिंकी के बदन पर एक पैंटी के अलावा कुछ नही था. राकेश ने अपना टॉवेल उतार दिया और झुक कर उसकी नाभि को चूमने लगा. पिंकी के बदन में चीटियाँ सी दौड़ रही थी. उसका मंन हो रहा था कि बिना देर किए राकेश उसकी योनी का मुँह अपने लिंग से भरकर बंद कर दे. वो तड़पति रही पर कुछ ना बोली; उसको प्यार सीखना जो था.