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Adultery Dost ki mummy Savita aur mai ( interfaith )

mastmast123

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Sorry dosto mai kahani ko yaha par thoda hold kar raha hu. Interfaith story me sab aane wala hai. Maine koi religion ko mention nahi kiya hai. Koi surname nahi dali. Fir bhi 2 log offend ho gaye. Sexual conversation me itna hota hai. Ye sab bistar ki bate hoti hai. Baki bahar ek dusre ka samman kar rahe hai. Par fir bhi mai yahi par story ko sabhi ke abhipray tak rok raha hu.

I am sorry if i hurt anyone. And i dont have any problems ke story abhi hi stop bhi ho jaye to. Ya moderator delete bhi kar de to. Mai yaha jagahda karne ya karvane nahi likh raha.
Dear newborn,
I just want to say sensual writing without using any bad or insulting word is possible , if you want to see the sample I have written three stories here, they are not complete but you can see them in my postings and find sensual and errotic contents without a single bad word for females, that much is my saying, you are free to write your way , I never said stop writting , so continue as you wish to write.
 

Sex1989

Madina Ahmad Ali
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यही गंदी आदत होती है हर राइटर की जैसे ही औरत नीचे आई उसको humiliate करना शुरू कर देते हैं जब तक पटती नहीं तब तक तो वो देवी रहती है जैसे ही नीचे आई रण्डी और कुतिया और छीनाल और रखैल और गुलाम बन जाती है उसके लिए, और खुद को मालिक बना लेता है हर राइटर, ये सोच ही गंदी है आदमी की , उसके लिए औरत सिर्फ चोदने की ओर जलील करने की वस्तु है, वास्तव जब कोई दमदार औरत उस आदमी की गांड पर लात मारती तब उसको पता चलता है कि औरत क्या चीज़ है, ख्याली पुलाव तो कोई भी बना लेता है, शब्दों के, अपनी कहानी में खुद को हीरो बनाकर, जरा औरत तो इज्जत की नजरों से देखो, वो भी तुमको गांदू भड़वा कुत्ता और चूतिया बोल सकती है मगर तुमसे सुना नहीं जायेगा, कुछ तो इज्जत से लिखा करो
Agreed
 
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Reactions: deva55

dj wale babu

Hot girl incest +adult lover
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Right
यही गंदी आदत होती है हर राइटर की जैसे ही औरत नीचे आई उसको humiliate करना शुरू कर देते हैं जब तक पटती नहीं तब तक तो वो देवी रहती है जैसे ही नीचे आई रण्डी और कुतिया और छीनाल और रखैल और गुलाम बन जाती है उसके लिए, और खुद को मालिक बना लेता है हर राइटर, ये सोच ही गंदी है आदमी की , उसके लिए औरत सिर्फ चोदने की ओर जलील करने की वस्तु है, वास्तव जब कोई दमदार औरत उस आदमी की गांड पर लात मारती तब उसको पता चलता है कि औरत क्या चीज़ है, ख्याली पुलाव तो कोई भी बना लेता है, शब्दों के, अपनी कहानी में खुद को हीरो बनाकर, जरा औरत तो इज्जत की नजरों से देखो, वो भी तुमको गांदू भड़वा कुत्ता और चूतिया बोल सकती है मगर तुमसे सुना नहीं जायेगा, कुछ तो इज्जत से लिखा करो
Right agar aurat bahar kisi se chudwa le to wo bjaru agar mard ye kaam kre to powerfull man mard kre mza aurat kre sza
 
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