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Thank you for the reviewलगता है मिल गई आखिरकार
Thank you for the reviewलगता है मिल गई आखिरकार
Thank you for the reviewबढ़िया भाग है आखिरकार अक्षिता मिल गई और एकांश की तलाश खतम हुई लेकिन यार कम से कम डिटेक्टिव को थैंक यू ही कह देता उसे तो एकदम जैसे भगा दिया
Thank youशानदार भाग है
Thank you for the reviewकहानी अच्छी है किन्तु किरदार कभी कभी बहुत बचकाने लगते है, भाग बढ़िया है देखते है आगे क्या होता है
Thank you for the reviewमुझे लगता है यहा एकांश ने अक्षिता को सच बताना चाहिए था चीज़े और आसान होती, अच्छा भाग है लेखक साहब
Thank you for the reviewकहानी अच्छी है लेकिन एक ही जगह अटकी सी महसूस हो रही है पिछले कुछ भागों मे बस यही सब है, बाकी देखते है आगे क्या होगा
Thank you for the reviewशानदार भाग है अब कहानी वापिस ट्रैक पर आती लग रही है