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Incest Ek Lambi Incest Kahani (Completed)

Sis lover

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आह भाई कहां गए लंडों के राजा तुम्हारा भी पानी छूट गया क्या
 

sumimaster

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Bro
CREDIT GOES TO ORIGINAL WRITER - AGYAAT


ye story pahle bhi xossip par thi
bas wahi copy paste kar raha hu
or isme kuch changes bhi karunga
Ye
agyaat ne likhi hai...
to unka sukriyaa



सेक्स..... एक ऐसा वर्ड है जिसको हर कोई जानता है एक्सेप्ट न्यू बोर्न बेबीस. डेली बेसिस पे हम डाइरेक्ट्ली ऑर इनडाइरेक्ट्ली कितने ही इन्सिडेंट देख सकते है देख सकते है जिनसे हम ईज़िली आइडिया लगा सकते है कि कैसे लोग सेक्स के लिए मेंटली फ्रस्टरेटेड है. चाहे रोड पे गंदा कॉमेंट करने वाला कोई लड़का हो या छत के किसी कोने मे छुप कर बात करती हुई कोई लड़की हो, चाहे बुरी तरीके से घूरता हुआ कोई बूढ़ा अंकल हो या ओपन ब्लाउस से अपनी असेट्स शो करती कोई आंटी. एवेरिवन ईज़ थर्स्टी फॉर सेक्स इट ईज़ देयर राइट टू हॅव इट ऑन टाइम. लेकिन ये हर किसी को टाइम पे नही मिल पाता, अगर मिल पाता तो लाइफ मे कोई ग़लत कदम उठता ही नही.


आज मे एक ऐसी कहानी शुरू करने जा रहा हू जो अपने अंदर इस दुनिया के सारे राज समेटे हुए है. स्टोरी सभी पढ़ते है और एक्सपेक्टेशन्स सभी की अलग अलग होती है. मेरी एक्सपेक्टेशन्स बस इतनी है कि सब मुझे सपोर्ट करेंगे और मेरी ग़लतियो को इग्नोर करेंगे. स्टोरी इस टोटली बेस्ड ऑन रियल इन्सिडेंट्स आंड सम ऑफ दा इन्सिडेंट्स आर आडेड फ्रॉम माइ साइड फॉर बेटर अंडरस्टॅंडिंग ऑफ रीडर्स.

ये कहानी एक मिड्ल क्लास जॉइंट फॅमिली की है जहाँ प्यार और रेस्पेक्ट कूट कूट कर भरा है. फॅमिली के कॅरेक्टर्स का इंट्रोडक्षन करा देता हू -

1. पंकज ग्रोवर ( 43 यियर्ज़ ओल्ड मेल) -

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2. स्मृति ग्रोवर ( 41 यियर्ज़ ओल्ड फीमेल आंड वाइफ ऑफ पंकज ग्रोवर)-
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3. आराधना ग्रोवर (21 यियर्ज़ ओल्ड गर्ल, डॉटर ऑफ मिस्टर. आंड मिसेज़. ग्रोवर) -
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4. प्रीति ग्रोवर ( 19 यियर्ज़ ओल्ड गर्ल, डॉटर ऑफ मिस्टर. आंड मिसेज़. ग्रोवर) -
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5. कुशल ग्रोवर ( 18 यियर्ज़ ओल्ड बॉय, सन ऑफ मिस्टर. आंड मिसेज़. ग्रोवर) -
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ये सभी इस कहानी के मेन कॅरेक्टर्स है लेकिन कुच्छ और भी कॅरक्टर है इस स्टोरी के जो टाइम बाइ टाइम सामने आते जाएँगे.

पंकज ग्रोवर ईज़ ए टॉल हॅंडसम मॅन, जो अपनी प्रिंटिंग फॅक्टरी चलाता है देहरादून मे. बिज़्नेस कोई बड़े लेवेल का नही है लेकिन इसे हम स्माल बिज़्नेस भी नही कह सकते. आलीशान घर बनाने की तमन्ना सिर्फ़ अभी दो साल पहले पूरी की अपनी बेटी आराधना की ग्रड्यूशन के बाद.

स्मृति एक हाइली ब्यूटिफुल हाउस वाइफ है आंड पार्ट टाइम सॉफ्टवेर डिज़ाइन्स भी करती है.


आराधना सबसे बड़ी लड़की है और काफ़ी सिन्सियर है, बच्चे सभी अपनी मोम पे गये है काफ़ी सुंदर है.
आराधना ग्रॅजुयेशन कर चुकी है और करेंट्ली फॅशन डिज़ाइनिंग का कोर्स कर रही.
उसकी छोटी बहन प्रीति 12थ स्टॅंडर्ड के एग्ज़ॅम दे चुकी है और रिज़ल्ट का वेट कर रही है.
उनका छोटा भाई कुशल अभी 11थ ग्रेड मे आया है.

कुशल - " पापा आप मुझे शॉपिंग कब कराएँगे, मेरे सभी फ्रेंड्स सनडे के दिन कितने सेक्सी क्लॉत्स पहन कर घूमते है". कुशल ने बाहर हॉल मे अपने पापा से कहा. ये सुनकर स्मृति अपनी हँसी नही रोक पाई जो पास हॉल मे ही बैठ कर अपने लॅपटॉप पे काम कर रही थी.

पंकज - " कैसे होते है सेक्सी क्लॉत्स, हमारे बच्चे को अब पता चल गया". पंकज ने कुशल के कान को पकड़ते हुए कहा.

कुशल - " पापा सेक्सी यानी गुड लुकिंग क्लोद्स. सेक्सी जीन्स आंड सेक्सी टी-शर्ट्स और शूज भी दिलाओ मुझे". कुशल ने बचते हुए कहा.

स्मृति - " क्या अपने बेटे की बात नही मान सकते". स्मृति ने इतराते हुए कहा, आज उसने पिंक कलर का सूट और वाइट कलर की पाजामी पहनी हुई थी. मेक अप की उसे इतनी ज़रूरत नही पड़ती क्यूंकी वो ऑलरेडी बेहद सुंदर पर्सनॅलिटी की मालकिन थी. हाइट 5 फीट 6 इंचस होगी ( श्योर नही हू), फेर कलर विद स्लिम बॉडी, बिग आइज़, टोटली पिंक लिप्स, वेस्ट लाइन 28 से ज़्यादा नही थी. फर्स्ट इंप्रेशन मे कोई भी नही कह सकता था कि शी ईज़ दा मदर ऑफ थ्री चिल्ड्रेन. सबसे खास बात उसके पर्सनल असेट्स थे, जिनको मे अभी बयान नही कर सकता. शॉर्ट क्लोद्स वो नही पहनती थी, और साड़ी , सूट ही ज़्यादा पहनती थी.

पंकज - " मेडम हम ने तो कभी मना नही किया, चाहे तो आप भी चलें". पंकज ने स्मृति की बात का जवाब देते हुए कहा.

स्मृति - " मुझे रहने दीजिए, आप कुशल को ले जाइए". स्मृति ने स्माइल करते हुए कहा. तभी प्रीति भी उपर से नीचे उतर आई.

प्रीति - "डॅड मे भी आपके साथ चलूंगी, क्या हमेशा इसे ही ले जाते हो".

कुशल - " तो तू क्यू जलती है, तेरे पास तो कपड़ो की कोई कमी नही है और हर दिन नये कपड़े पहनती है. आज भी देखो नयी जीन्स और नया कुर्ता पहना हुआ है". कुशल ने थोड़ा गुस्से मे कहा

प्रीति – “ कम तो तेरे पास भी नही है, और तूने भी कम स्टाइलिश कपड़े नही पहने है. ये बात अलग है कि तुझपे कम अच्छे लगते है और मुझपे ज़्यादा”. प्रीति ने अपने कुर्ते के कॉलर खड़े करते हुए कहा.

कुशल – “ देख लो मोम इसे, हमेशा मेरा मज़ाक उड़ाती रहती है”. और कुशल भाग कर अपनी मम्मी के पास बैठ गया.

कुशल और प्रीति की उमर मे ज़्यादा फ़र्क नही था इसीलिए वो लड़ते रहते थे. जैसा पहले मेन्षन किया है सभी बच्चे खूबसूरत थे. कुशल सिर्फ़ 18 साल का था लेकिन चेस्ट पे बाल आने शुरू हो गये थे, हाइट एक दम से काफ़ी बढ़ गयी थी और 6 फीट से शायद 1 इंच ही कम होगा. उसके चेहरे पे हल्की हल्की सेविंग आनी शुरू हो गयी थी और आवाज़ मे भारीपन भी था. दूसरी तरफ प्रीति ब्यूटिफुल होने के साथ साथ सेक्सी भी थी. लेकिन कभी शॉर्ट कपड़े नही पहनती थी, कभी कभी लेगिंग पहन लेती थी अदरवाइज़ मॅग्ज़िमम टाइम लूज कपड़े ही पहनती थी. उसकी हाइट अपनी मोम से थोड़ी ही ज़्यादा हुई थी अभी तक शायद हाफ इंच. बाकी कलर फेर, कर्ली हेर आंड पिंक लिप्स, बॉडी काफ़ी स्लिम थी लेकिन अभी कुवर्व्स आने स्टार्ट हो गये थे, फिगर अराउंड 32सी – 26 – 32 होगा. सभी लोग प्रीति की आइज़ की बहुत तारीफ करते थे.

पंकज – “ अच्छा अब लड़ना बंद करो और हम सब शॉपिंग करने सनडे को चलेंगे, ठीक है अब तो”. खुशी के मारे दोनो कुशल और प्रीति दोनो अपने पापा से चिपक गये. तभी गेट खुलता है और पूरे हॉल मे खुसबु फेल जाती है, सभी ने अपनी गर्दन घुमाई तो देखा कि आराधना बाहर से आई है.
आराधना – “ क्या बात है, घर मे काफ़ी खुशिया मनाई जा रही है”.

प्रीति – “ यू नो दी, डॅड हमे सनडे को शॉपिंग करने ले जा रहे है. मज़ा आ जाएगा ना”.

आराधना – “ आंड वॉट अबाउट मी डॅड, मुझे क्या दिला रहे हो”. आराधना ने अपने दोनो हाथ और कंधे क्वेस्चन मार्क स्टाइल मे उपर करते हुए कहा.

कुशल – “ ये लो अब हमारी दीदी भी बीच मे आ गयी है, अभी तक तो ये बस प्रीति ही उच्छल रही थी”.

आराधना – “ तू टेन्षन ना ले कुशल, डॅड सबका भला करेंगे. और इस बार हम आसानी से नही मानेंगे और एक्सपेन्सिव शॉपिंग करेंगे. क्यू डॅड”.

पनकाज – “ भाई अब जब हमारी प्यारी बेटी ने डिसिशन ले ही लिया है तो हम क्या कर सकते है”. और सभी खुश हो जाते है और आकर अपने डॅड से गले मिलने लगते है. सबसे गले मिलने के टाइम पंकज का चेहरा स्मृति की तरफ था और पंकज उसे फ्लाइयिंग किस ऑफर करता है नॉटी स्टाइल मे और स्मृति उसे आँख दिखाती है.

आज फ्राइडे है, आराधना कॉलेज से आने के बाद उपर अपने बेड रूम मे चली जाती है. तीनो बच्चो के बेड रूम उपर ही है और बाथरूम सभी के बेडरूम मे अटॅच है. फर्स्ट फ्लोर पे बच्चो के लिए टाय्लेट कामन है और वो तीनो के बेडरूम क्रॉस करने के बाद आता है. पंकज आंड स्मृति ग्रोवर ग्राउंड फ्लोर पर रहते है और उनका बाथरूम आंड टाय्लेट अटॅच है.

आराधना अपने रूम मे आने के बाद फ्रेश होने का डिसिशन लेती है और बाथरूम मे चली जाती है. इसी बीच उसकी छोटी बहन प्रीति उससे मिलने उसके रूम मे आ जाती है. बाथरूम के अंदर सबसे पहले वो अपना सूट उतारती है


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और अंडर आर्म्स चेक करती है. अर्धना बेहद ही खूबसूरत आंड फिट बॉडी की मालकिन है, उसकी बॉडी मे सबसे खास चीज़ उसका फेस और उसका वो पार्ट जो सभी लड़कों की तमन्ना होती है – बूब्स. आइ डॉन’ट नो हाउ टू एक्सप्लेन लेकिन कभी कभी ऐसा लगता था कि जैसे कोई आइरन रोड लगी हो उनमे, नेबरहुड गर्ल्स जेलस करती थी आराधना के बॉडी स्टाइल से आंड एस्पेशली बिकॉज़ ऑफ हर टाइट बूब्स . उसका फिगर 36सी – 26 – 36 होगा लेकिन उसके कपड़ो का तरीका कभी उसके फिगर को दूसरो के सामने शो नही करता था. अंडरआर्म्स चेक करने के बाद अपना एलेक्ट्रिक शेवर उठती है और अंडर आर्म हेर क्लीनिंग स्टार्ट कर देती है.

प्रीति – “ दीदी यू आर देअर?”

अर्धना – “ ओह प्रीति यस आइ आम हियर इन बाथरूम, लेट’स सिट आइ आम कमिंग आउट इन ए व्हाइल”. उसके एलेक्ट्रिक शेवर की आवाज़ बाहर तक आ रही थी. दोनो अंडर आर्म्स क्लीन करने के बाद वो बाथरूम मिरर मे अपने आप को निहारती है,


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पहले फ्रंट पोज़ मे आंड देन साइड पोज़. साइड पोज़ मे उसे ऐसा लगा जैसे कि वेस्ट के मुताबिक बूब्स कुच्छ ज़्यादा ही बाहर है और इस पे स्माइल करती है. लास्ट मे बॅक पोज़ देखने के बाद वो अपना फेस वॉश करती है. उसने अभी ब्रा और पाजामा के सिवाय कुच्छ नही पहना था. अपने उपरी पार्ट को टवल से ढक कर वो बाहर आ जाती है.

आराधना – “ और सुना प्रीति कैसा चल रहा है”. वॉर्डरोब से एक फुल स्लीव प्लेन येल्लो टी-शर्ट ऑर पयज़ामा निकालते हुए वो प्रीति से पूछती है.

प्रीति – “ कुच्छ नही दी, रिज़ल्ट का वेट कर रही हू और घर मे बोर होती रहती हू. आप सुनाए, हो गयी क्लीनिंग”. प्रीति ने एक नॉटी स्माइल के साथ आराधना से पुछा.

आराधना – “ क्लीनिंग? कैसी क्लीनिंग, क्या पुछ्ना चाहती है तू? आराधना ने बाथरूम के अंदर जाते हुए पुछा

प्रीति – “ नही वो आपके एलेक्ट्रिक शेवर की आवाज़ आ रही थी तो मेने सोचा शायद कुच्छ क्लीनिंग की जा रही है”. प्रीति ने फिर से एक नॉटी मुस्कान के साथ कहा
आराधना –“ प्रीति मे तुम्हारी एल्डर सिस्टर हू, तुम्हे मेरे साथ ऐसे मज़ाक नही करने चाहिए”. और ये कह कर वो बाथरूम मे फिर से चली गयी टी-शर्ट और पयज़ामा को पहन ने के लिए.

please give credit to the original writer and her profile name was Sexy_Shalini
 
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Lutgaya

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स्मृति भी कुशल के इरादे समझ जाती है कि वो कैसे मक्खन लगा रहा है.

" हाँ मैं फिट तो हू लेकिन अब मुझे लगने लगा है कि बॉडी मे वो बात नही है जो पहले थी. अब फिटनेस क्लब मे थोड़ी एक्सर्साइज़ और स्विम्मिंग करूँगी तो मुझे लगता है कि और फिट हो पाउन्गि..." स्मृति बोलती है

कुशल -" मोम आप जैसी फिगर तो बॉलीवुड आक्ट्रेस की भी नही है. लेकिन फिर भी आप जाय्न करना चाहती है तो कर सकती है....."

स्मृति -" अच्छा इतनी अच्छी दिखती हू मैं तुझे....?" स्मृति कुशल की आँखो मे देखती हुई बोलती है

कुशल -" मोम सच बोल रहा हू कि मैं तो आपकी बॉडी का फन हू. मुझसे कोई ग़लती ना हो अगर टाइम टू टाइम आप मुझे अपनी बॉडी दिखाती रहे......."

स्मृति उसकी ये बात सुनकर शर्मा जाती है -" चुप कर बदमाश......."

" नही मोम सच मे..... आपके सेक्सी बदन को देखने के लिए पता नही क्या क्या पापड बेले है मैने. आप मेरी ये हेल्प करेंगी ना, रेग्युलर अपना बॉडी शो कराएँगी ना मुझे... कसम से परेशान नही करूँगा फिर...." कुशल सारी बात बोल देता है

" चुप हो जा बदमाश....." स्मृति हंस कर बोलती है

" मोम वैसे कल रात के लिए मैं सॉरी बोलना चाहता हू. मुझे ऐसे ज़बरदस्ती नही करनी चाहिए थी...." और ड्रामा मेकर कुशल अपनी नज़रे झुका लेता है.

" चल जब तू अपनी ग़लती मान ही रहा है तो मैं इतनी पत्थर दिल नही हू. लेकिन हाँ कभी भी किसी औरत को बिना उसकी मर्ज़ी से कुच्छ नही करना चाहिए. मैं तेरी मा हू लेकिन एक अडल्ट भी तो मेरा फ़र्ज़ है कि मैं तुझे अच्छी बाते सिखाऊ. लॅडीस की नज़रो मे हमेशा उस आदमी की इमेज कम हो जाती है जो ज़बरदस्ती करता है या बिना मर्ज़ी के कुच्छ करता है...." स्मृति कुशल को समझाती है

कुशल -" मोम, यू आर ग्रेट. थॅंक यू. आपने मुझे अच्छी बात सिखाई है लेकिन पता नही वो... वो.... दर असल...... आपकी बॅक साइड का मैं फन रहा हू पिच्छले कई सालो से... कल रात डॅड नही थे तो मैं बहक गया. मुझे लगा कि आप अग्री नही होंगी तो ही ग़लती हो गयी....."

स्मृति -" मैं तेरी जवानी का जोश समझ सकती हू. और वैसे भी तेरे हथियार को देख कर ही पता चल जाता है कि कितनी गर्मी है तुझमे. लेकिन बेटा असली मर्द वो है जो लड़की को उसकी मर्ज़ी से तैयार करे.... नाकी ज़बरदस्ती से." कुशल की गैर मोजूदगी मे स्मृति भी खुल कर पेश आ रही थी.

कुशल -" क्यू मोम, मेरा लंड सही नही है....?"

स्मृति -" फिर से बदतमीज़ी और फिर से वो कर रहा है जो मुझे पसंद नही...."

कुशल -" सॉरी मोम... मैं जान ना चाहता था कि .. वो मेरा... मेरा हथियार कैसा है.... क्या वो सही है या कुच्छ कमी है. आपको तो एक्सपीरियेन्स है तो ऐसे ही जान ना चाहता था... प्लीज़ गुस्सा मत होना...."

स्मृति मुस्कुराती है और कहती है - " मस्त है एकदम. लेकिन अगर ज़बरदस्ती ना करे तो..... जो लड़की एक बार तेरे पास आएगी वो दोबारा भी ज़रूर आएगी...." स्मृति कुशल की आँखो मे आँखे डालती हुई कहती है

कुशल -" अगर ना आए तो.....?"

स्मृति -" बेटा भरोसा रखो और मेहनत करते रहो. फल ज़रूर मिलता है. अब चल मुझे काम करने दे क्यूंकी आफ्टरनून मे मुझे फिटनेस क्लब जाना है..." और ये कह कर स्मृति किचन मे घुस जाती है

कुशल -" मोम क्या मैं लेकर चलु आपको वहाँ.....?"

स्मृति( गॅस को ऑन करते हुए)- " बेटा वहाँ लॅडीस स्विम्मिंग करेंगी और एक्सर्साइज़ करेंगी. पता नही कैसा माहौल हो वहाँ पे..."

कुशल -" मोम मैं तो आपका बच्चा हू, तो बाकी सबका भी हुआ ना. तो मुझसे क्या परेशानी. प्लीज़ मुझे भी ले चलो...." और ये बोलते हुए वो मोम को रिक्वेस्ट करने लगता है.

" ओके....ओके, अब बाहर जा मैं चाइ ला रही हू. आफ्टरनून मे चलेंगे वहाँ पर....". और कुशल हॅपी होकर बाहर बैठ जाता है.
दूसरी तरफ

आराधना और सिमरन कॉलेज पहुँच चुकी थी. जाते ही दोनो कॅंटीन पहुँचती है और एक कॉर्नर मे जाकर बैठ जाती है.

" अब बता ना कि क्या प्लान है. प्लीज़ मुझे जल्दी से दिल्ली भिजवा दे...." आराधना बातो की शुरुआत करती है

सिमरन -" तो सुन प्लान ये है कि तू आज आफ्टरनून घर जाएगी और कहेगी कि एक प्रॅक्टिकल सेशन के लिए कॉलेज के कुच्छ बच्चे दिल्ली जा रहे है और उनमे तेरा भी नाम है ..."

आराधना -" अगर मोम ने मना कर दिया तो....?"

सिमरन -" मेरी जान पेरेंट्स की मेनटॅलिटी को पढ़ना सीख. तुझे ऐसे पेश आना है जैसे तुझमे कोई एग्ज़ाइट्मेंट नही है और तू खुद भी नही जाना चाहती. लेकिन तुझे ऐसे दिखाना है जैसे कि ये इस कोर्स के लिए बहुत ज़रूरी है. "

आराधना-" लेकिन अगर उन्हे कॉलेज से पता चल गया तो....?"

सिमरन -" मेरी जान तू वो मुझपे छोड़ दे. वो मैं सब संभाल लूँगी..."

आराधना- " अच्छा देल्ही पहुँचने के बाद क्या प्लान है?"

सिमरन-" फिर से तुझे थोड़ा आक्टेर बन ना पड़ेगा. देल्ही पहुँचने के बाद तुझे अपनी मोम को बोलना है कि कॉलेज वाले जहाँ रहने के लिए बोल रहे है वो जगह अच्छी नही तो तू वापिस आना चाहती है..."

आराधना -" ओह्ह्ह्ह.... लेकिन अगर उन्होने कह दिया कि बेटे आजा वापिस फिर क्या होगा..." आराधना शॉक्ड होते हुए बोलती है.

सिमरन -" मेरी जान तेरे डॅड ऐसा नही होने देंगे. वो तुझे अपने होटेल मे ही कहीं रूम दिला देंगे, और यही सजेशन तेरी मोम देगी तुझे...."

आराधना-" यार माइंड कमाल का है तेरा..... लड़की गजब है तू. आज लग रहा है कि तुझे फ्रेंड बनाना सही डिसीजन था." आराधना सिमरन के गले मे हाथ डालते हुए बोलती है

सिमरन -" अरे मेरी जान अब जब तक तुझे चुदवा ना दू तो तब तक मैं शांत नही रहूंगी.... " सिमरन आँख मारते हुए बोलती है.

आराधना -" चल तू भी बड़ी बदमाश है......"

सिमरन -" बदमाश तो लड़के होते है... अगर मैं होती तो मैं ही चोद देती तुझे... बता मुझसे चुदवा लेती या नही?"

आराधना उसकी ये बात सुन कर शरमा जाती है. उसके गाल लाल हो जाते है.

" तू भी कितनी गंदी बाते करती है... " आराधना शरमाते हुए बोलती है

सिमरन -" ओये होये..... मैं गंदी बाते करती हू और जब तेरे डॅड तुझे घोड़ी बना कर चोदेन्गे तो वो अच्छी बाते..... लेकिन तुझ जैसे मस्त माल को पाकर तेरे डॅड की तो लॉटरी लग जाएगी. अच्छा बता क्या पहन कर जा रही है तू देल्ही?"

आराधना -" एक शॉर्ट ड्रेस है... उसको. वो मेरे घुटनो तक है. "

सिमरन -" मेरी जान धीरे धीरे बिजलिया गिरा नही तो बिजली फैल हो जाएगी. मेरी बात मान और पूरे कपड़े पहन कर जा. टाइम बाइ टाइम अपने डॅड को अपनी बॉडी का दीदार करती रहियो...... जिससे वो एरॉटिक सेडक्षन फील करे..."

आराधना -" तो क्या पहन कर जाउ...?"

सिमरन -" मेरा मान ना है कि कोई सूट सलवार पहन कर चली जा. जिससे तेरे घर मे भी कोई शक ना करे. और देल्ही पहुँचते ही आइटम नंबर बन जा बस..."

आराधना -" चल कह तो सही रही है. तो अब बता क्या करना है. "

सिमरन -" फोन मिला अपनी मोम को और उन्हे बता कि कॉलेज की तरफ से देल्ही जाना है..."

आराधना -" ओके..."

आराधना अपने पर्स से फोन निकालती है और अपनी मोम को फोन मिलाती है.

" ट्रिंग ट्रिंग.... ट्रिंग ट्रिंग......"

" हेलो आरू........" स्मृति फोन उठाती है

आराधना -" हेलो मोम.... कैसी हो?"

स्मृति -" सही हू बेटा... बता कैसे फोन किया.."

आराधना-" मा वो मूड ऑफ है. कॉलेज वाले देल्ही भेजने की बात कर रहे है 10 दिन के लिए. लेकिन मेरा मूड नही है. "

स्मृति -" बेटे जब कॉलेज मे अड्मिशन लिया है तो कोर्स तो पूरा करना ही पड़ेगा. वैसे भी तेरे कोर्स मे देल्ही काफ़ी हेल्पफुल रहेगा.... तुझे ज़रूर जाना चाहिए..." सिमरन भी फोन पे बात सुन रही थी तो वो थंब अप करके आराधना को इशारा करती है

आराधना-" लेकिन मोम आपको तो पता है कि आज तक मैं घर से कहीं दूर नही गयी हू. पता नही अगर मैं वहाँ गयी तो वहाँ रह भी पाउन्गि या नही...." आराधना और सिमरन एक दूसरे की तरफ इशारो मे हंस रहे थे.
स्मृति -" लड़की की लाइफ मे तो एक ना एक दिन तो घर से जाना ही लिखा है. और वैसे भी देल्ही जाना तो हर किसी का सपना है. अभी तो तेरे डॅड भी वहीं है तो टेन्षन ना ले और जाने की तैयारी कर... वैसे जाना कब है...?"

आराधना -" आज ईव्निंग ही मोम..."

स्मृति -" तो लेट मत कर और जल्दी घर आजा. जिससे कि तू ईज़िली पॅकिंग कर सके. मैं अभी तेरे डॅड से भी बात कर लेती हू ताकि वो तेरी हेल्प कर दे...."

आराधना -" ठीक है मोम आप कहती है तो मैं चली जाती हू नही तो मूड तो नही है......."

स्मृति -" चल टेन्षन ना ले और जल्दी घर आजा... बाइ..."

आराधना -" बाइ मोम." आराधना ऐसे बोल रही थी जैसे वो बहुत अपसेट है.

फोन डिसकनेक्ट होते ही आराधना और सिमरन गले मिलती है.

" साली तुझे तो आक्टिंग का अवॉर्ड मिलना चाहिए... क्या मस्त ड्रामा किया है. अब मुझे यकीन हो गया है कि तू अपने इरादे मे पक्की है...." सिमरन गले मिलते हुए बोलती है.

आराधना -" थॅंक यू यार. चल अब एक क्लास अटेंड कर ले नही तो अगले 10 दिन कोई क्लास नही होगी...." दोनो हंसते हंसते क्लास रूम की तरफ चल देते है.

दूसरी तरफ घर पर सारा काम हो चुका था. कुशल नहा कर रेडी था और स्मृति अपने फिटनेस क्लब जाने के लिए तैयार हो रही थी. उसने एक स्पोर्ट ट्राउज़र और एक टीशर्ट पहनी हुई थी. उसकी ड्रेसिंग की वजह से वो काफ़ी यंग लग रही थी आज.

कुशल अपनी जीन्स टीशर्ट पहन कर नीचे आने के लिए अपने रूम से निकलता है. और फिर से वही सेम स्टोरी क्यूंकी प्रीति उसे अपने गेट पर खड़ी हुई मिल जाती है.

" कहाँ जा रहा है आज बन ठन कर...." प्रीति कुशल की तरफ आँखे मटकाते हुए कहती है.

" चुदाई करने जा रहा हू.... तू भी आजा......" कुशल चलते चलते फिर से बेशर्मो की तरह पेश आता है.

लेकिन इस बार प्रीति ने भी जवाब दिया -" तो तैयार हो जाउ....."

कुशल -" कहाँ के लिए....?"

प्रीति -" वहीं जहाँ तू अभी जाने के लिए कह रहा था...." प्रीति अपने नज़रे दूसरी तरफ करते हुए बोलती है.

कुशल ( एक जगह रुक कर)-" कहाँ कहा मैने जाने के लिए... बता तो सही......."

प्रीति -" चल जा भी मुझे नही जाना.... गंदी बाते करवाते रहो..... मुझे तेरे साथ जाने का शोक नही है..." प्रीति भी आटिट्यूड दिखाती है.

कुशल -" जैसी तेरी मर्ज़ी...." और ये बोल कर वो नीचे की तरफ जाने लगता है. प्रीति अब फर्स्ट फ्लोर की रेलिंग पर आकर खड़ी हो जाती है जहाँ से उसे ग्राउंड फ्लोर क्लियर दिख रहा था. वो देखती है कि स्मृति भी कहीं के लिए तैयार है.

कुशल नीचे पहुँचता है और अपनी मोम को उस स्पोर्ट बॅग मे बिकिनी रखते हुए देखता है.

" मोम इसका क्या करोगी...." कुशल का इशारा बिकिनी की तरफ था

स्मृति हंसते हुए बोलती है -" सर पर टोपी बाँधूंगी. अबे पागल बिकिनी स्विम्मिंग के लिए ही पहनते है ना...."

कुशल -" ओह्ह्ह समझ आया...." प्रीति उपर से ये सब देख रही थी.

" तो मोम के साथ जा रहा है वहीं....." प्रीति उपर से चिल्ला कर बोलती है. कुशल उसकी ये बात सुन कर घबरा सा जाता है.

" चल भाग अपने रूम मे, मैं तो मोम को फिटनेस क्लब छोड़ने जा रहा हू." कुशल प्रीति को इशारा करते हुए बोलता है.

" अच्छा अबसे थोड़ी देर पहले तो कहीं और जा रहा था तू और अब फिटनेस क्लब... बड़ा झूठा है तू......" प्रीति फिर से सिचुयेशन का फ़ायदा उठती है

स्मृति बीच मे बोलती है -" क्यूँ कहाँ जाने के लिए कह रहा था ये..." स्मृति प्रीति से पूछती है.

इससे पहले कि प्रीति कुच्छ बोले, कुशल अपनी मोम का हाथ पकड़ कर बाहर ले जाने लगता है -" मोम ये तो पागल है आप इसकी बात पर ध्यान ना दो....."

" बता दू कुशल...." और प्रीति ज़ोर से हँसने लगती है

स्मृति -" अच्छा प्रीति अब अपने भाई से लड़ना बंद कर. मैं फिटनेस क्लब जा रही हू और जल्दी आ जाउन्गि. आराधना दीदी कॉलेज से आती ही होंगी तो घर का ख्याल रखियो..

ये बात बोलकर स्मृति घर से बाहर चली जाती है.

" क्या बोल रहा था तू प्रीति को...." स्मृति अपने बॅग को कार मे रखते हुए बोलती है

कुशल -" मोम.... उसकी तो आदत है मज़ाक करने की..... आप उसकी बात पर ध्यान ना दो और कार मे बैठो...."

दोनो अब कार मे बैठ चुके थे. आज ड्राइविंग कुशल ने करनी थी, सो ड्राइविंग सीट पर बैठ कर कार को घर के बाहर निकालता है.
थोड़ी दूर चलने के बाद वो फिर से बात स्टार्ट करता है -" मोम आज तो फिटनेस क्लब मे बिजलिया गिरेगी... इतनी सेक्सी मोम बिकिनी पहन कर स्विम्मिंग करेंगी...."

स्मृति -" बेवकूफ़ वो एक लॅडीस फिटनेस क्लब है. वहाँ बिकिनी तो क्या बिना बिकिनी के भी स्विम्मिंग हो रही होगी....."

कुशल -" वाउ मोम.... प्लीज़ मुझे भी अंदर ले जाना.. " कुशल एग्ज़ाइटेड होते हुए बोलता है

स्मृति -" कोशिश करूँगी बट नो शरारत. नही तो सेक्यूरिटी से बोल कर बाहर करा दूँगी. "

और दोनो मे एक हेल्ती चॅट होती रहती है.

आराधना अपनी क्लास ख़तम करके घर पहुँच जाती है. सिमरन उसे ड्रॉप करती है और कहती है -" चल जल्दी से बॅग तैयार कर और मैं ईव्निंग मे तुझे पिक करके बस स्टॉप पर ड्रॉप कर दूँगी....."

आराधना " थॅंक यू सिम... तू ना होती तो पता नही क्या होता." आराधना कार से उतरते हुए बोलती है

सिमरन -" चल एमोशनल मत हो. ख्याल कर सेक्सी लिंगेरिएस, नाइट ड्रेस आंड लॉट ऑफ मेक अप आइटम्स भी पॅक करियो. वहाँ तुझे बहुत मेहनत करनी है अपना टारगेट पाने ले लिए..."

आराधना -" चल ठीक है.. " और ये बोलकर आराधना अपने घर के अंदर आ जाती है

वो ग्राउंड फ्लोर पर चेक करती है लेकिन उसे कोई दिखाई नही देता. " मोम..... मोम....." आराधना आवाज़ लगा कर देखती है

" वो यहाँ नही है क्यूंकी जिम गयी है कुशल के साथ...." प्रीति उपर रेलिंग से आवाज़ लगाते हुए बोलती है

" तो अब नौबत यहाँ तक आ गयी है कि बॉडी को और सेक्सी करने के लिए जिम भी जाय्न कर लिया है..." आराधना अपने मन मे सोचती है.

और धीरे धीरे उपर जाने लगती है. उसे उपर प्रीति दिखाई देती है. प्रीति ने आज ब्लॅक टॉप आंड शॉर्ट स्कर्ट पहनी हुई थी.

" वाउ.. क्या बात है. आज तो बड़ी स्टाइलिश लग रही है." आराधना उसे कॉंप्लिमेंट देती है

" कहाँ स्टाइलिश दीदी... मुझे तो लगता है कि कहीं मेरा ढाँचा बिगड़ता जा रहा है. क्या आपको लगता है कि मैं सेक्सी हू?" प्रीति भी सवालिया निगाहो से आराधना से पूछती है

आराधना -" इतना सीरीयस क्यू हो रही है. सेक्सी क्या सूपर सेक्सी है तू....."

प्रीति -" ओये होये मेरी प्यारी दीदी तो आज बड़ी मेहरबान है. क्या बात है..." प्रीति भी खुश होते बोलती है

आराधना -" मैने तो तुझे तेरी बात का जवाब दिया बस...."

प्रीति -" नही दीदी... मुझे नही लगता कि मैं सेक्सी हू..... आप प्लीज़ मेरी हेल्प करिए और मुझे बताइए कि क्या वाकई मे मैं सेक्सी हू...?"

आराधना -" यार अभी परेशन मत कर. मुझे देल्ही जाना है...."

प्रीति ( आराधना के करीब आते हुए)- " ओये दीदी आप देल्ही जा रही हो.... ग्रेट. क्या करने जा रही हो देल्ही मे..."

आराधना -" कुच्छ नही कॉलेज की तरफ से जा रही हू 10 दिनो के लिए....."

प्रीति -" क्या कोई फॅशन शो है वहाँ पर...." प्रीति एग्ज़ाइटेड होते हुए बोलती है.

आराधना -" हाँ है. लाइनाये फॅशन शो है. तू भाग लेगी उसमे....?" आराधना मज़ाक मे कहती है

प्रीति -" क्या दीदी... फर्स्ट प्राइज़ जीत कर लाउन्गि...."

आराधना -" अच्छा ऐसा तो लगता नही तुझे देख कर..." आराधना प्रीति को उपर से नीचे तक देखती है और उसे टीज़ करते हुए बोलती है.
______________________________

प्रीति को इसी मौके की तलाश थी क्यूंकी वो अपने उपर हुए डाउट्स को मिटाना चाहती थी. और वैसे भी वो एक ओपन माइंडेड लड़की थी.

" आप कहो तो दिखाऊ कि मैं कैसे दिखा सकती हू..... " प्रीति आराधना की तरफ देखते हुए बोलती है.

आराधना एक जगह रुक जाती है और अपनी कमर पर हाथ रखते हुए बोलती है -" दिखा कि ऐसा क्या है तुझमे." आराधना भी ऐसे पेश आ रही थी जैसे वो बोर हो रही है.

प्रीति एक कॉर्नर मे जाकर खड़ी हो जाती है.

तभी वो आराधना की तरफ देखते हुए अपने टॉप का एक साइड अपने शोल्डर से हटाती है.

वो आराधना को हैरान कर देती है जब वो अपना टॉप उतार देती है. वो सिर्फ़ अब एल ब्लॅक लेस वाली ब्रा मे थी. उसके बूब्स कितने मस्त थे वो बस आराधना ही जानती थी. उसकी आइज़ भी बहुत सेक्सी थी और उसकी स्माइल उसे और क्यूट बना रही थी.

ठीक उसके बाद प्रीति अपने दोनो हाथ अपनी स्कर्ट पे ले जाती है. और सबसे पहले अपनी स्कर्ट का बटन खोलती है और फिर ज़िप. किसी सेक्सी हेरोयिन की तरह वो अपनी स्कर्ट उतारती है.

और फाइनेली वो अपनी स्कर्ट भी उतार देती है. आराधना उसकी बॉडी को देख कर हैरान हो जाती है. उसको आशा नही थी कि प्रीति इतना डेवेलप हो चुकी है. उसका मूँह खुला का खुला रह जाता है.

" क्यूँ दीदी, क्या लगता है कि मैं जीत सकती हू या नही...." प्रीति ब्रा और पैंटी मे खड़े खड़े ही पूछती है.

" प्रीति अब तो मुझे और भी यकीन हो गया कि तू सूपर सेक्सी है. तेरा हज़्बेंड बहुत लकी होगा..." चल अब मेरी पॅकिंग मे हेल्प करा दे. आराधना के माइंड मे तो जैसे बस देल्ही जाना ही बसा हुआ था

" दीदी सच मे आपको अच्छी लगी मैं....." प्रीति हॅपी होते हुए बोलती है

" अबे सच बोल रही हू. अगर लड़का होती तो आज तो तू गयी थी काम से......" आराधना ऐसी बाते करती नही थी लेकिन आज अच्छे मूड मे थी.

प्रीति अपने मन मे सोचती है कि एक लड़का ऐसा भी है जिसे वो पिघला नही पा रही है. खैर वो दोबारा कपड़े पहन कर आराधना की पॅकिंग मे हेल्प करने चली जाती है.

दूसरी तरफ... स्मृति फिटनेस क्लब पहुँच चुकी थी. कुशल कार को पार्किंग मे लगाने जाता है और स्मृति फिटनेस क्लब मे एंट्री ले लेती है. क्यूंकी पार्किंग बॅक साइड मे थी तो कुशल को थोड़ा टाइम लग गया. कार को खड़ी करके कुशल अंदर जाता है, जब तक वो अंदर पहुँचा स्मृति चेंजिंग रूम मे अपने कपड़े चेंज कर के बिकिनी मे आ चुकी थी. ओह माइ गॉड क्या मस्त लग रही थी वो...... वो कुशल की तरफ देखते हुए स्टाइल मे आगे बढ़ती है. उसकी आइज़ बता रही थी कि वो एक सेक्सी लेडी है. उसकी चाल मे एक अलग ही बात थी, कुशल को फील हो रहा था कि स्मृति की बिकिनी ब्रा ज़्यादा टाइट है तभी तो उसके बूब्स जैसे उसे फाड़ कर आ जाने को तैयार थे.

स्मृति जैसे जैसे स्विम्मिंग पूल की तरफ बढ़ती जा रही थी, वैसे वैसे उसकी चाल और भी मस्तानी होती जा रही थी. कुशल अब उसे इशारा करता है कि उसकी बिकिनी ब्रा बहुत टाइट है. और उसे मज़ाक मे इशारा भी करता है कि उसे उतार दे. कुशल तो ये मज़ाक कर रहा था लेकिन स्मृति ने वो किया जिसकी आशा भी नही थी कुशल को. वो अपनी बिकिनी ब्रा की बॅक स्ट्रीप को खोल देती है. ओह माइ गॉड क्या सीन था. अब उसने ब्रा पहनी तो हुई थी लेकिन बूब्स आज़ाद थे,

कुशल एक बार फिर से एग्ज़ाइट्मेंट के सातवे आसमान पर था.

कुशल फिर से के बार कन्फ्यूज़ था कि कभी स्मृति उसे घास नही डालती जब वो उसे चोदता है और कभी उसके एक इशारे पर अपनी ब्रा की स्ट्रिपेस खोल कर अपने हेवी बूब्स के दर्शन के करा देती है. कुशल वाकई मे नही समझ पा रहा था कि स्मृति के माइंड मे चल क्या रहा था.

एक्स सेक्सी कॅट वॉक स्टाइल मे स्मृति स्विम्मिंग पूल की तरफ बढ़ती है लेकिन उसकी नज़रे बस कुशल पर ही थी. कुशल स्विम्मिंग पूल से थोड़ी दूरी पर एक चेर लेकर बैठ जाता है. स्मृति का गथीला बदन उसकी नज़रो के सामने ही था. स्मृति धीरे धीरे पूल मे उतरने लगती है, उस स्विम्मिंग पूल मे और भी लॅडीस थी लेकिन शायद कोई स्मृति के आस पास भी नही थी बॉडी की तुलना मे. स्मृति का आधा बदन पानी मे जा चुका था लेकिन अभी भी उसकी नज़रे कुशल पे ही थी. कुशल अभी नया नया जवान हुआ था, ऐसी मादकता वो हॅंडल नही कर पा रहा था, उसे खुद भी समझ नही आ रहा था कि आख़िर उसकी बॉडी मे ये क्या उथल पुथल हो रही है. स्मृति की शार्प आइज़ जैसे X रे कर रही थी कुशल का, दोनो की निगाहे बस एक दूसरे पर ही थी.

कुशल का टेंट तन चुका था. उसकी जीन्स मे कोई भी देख कर अंदाज़ा लगा सकता था कि अंदर कुच्छ मचल रहा है. स्मृति ये देख कर एक स्माइल देती है और अपने आप को स्विम्मिंग पूल की गहराइयो मे ले जाकर स्विम्मिंग करने लगती है.

कुशल को समझ नही आ रहा था कि कैसे वो अपने जवान लंड को शांत करे. उसने इधर उधर देखा तो काफ़ी लॅडीस थी. वो समझ गया कि यहाँ माहौल सही नही है तो वो बाहर जाने लगता है. उठ कर जब वो चलता है तो स्मृति की आवाज़ उसे चौंका देती है.

" कुशल.... कुशल...... कहाँ जा रहा है......."

कुशल पीछे मूड कर देखता है तो स्मृति स्विम्मिंग पूल की बाउंड्रीस पर अपने बूब्स टिका कर उससे पुछ रही थी. ऊफ्फ उसके बूब्स तो जैसे पागल ही कर देते है कुशल को....

कुशल अपनी एक फिंगर का इशारा करता है जिसमे वो ये कहना चाह रहा था कि वो पेशाब करने जा रहा है. स्मृति ये देख कर हँसने लगती है और फिर से स्विम्मिंग करने लगती है.

कुशल बाहर आकर पार्किंग मे जाता है और अपनी कार के करीब आ जाता है. वो इधर उधर देखता है और अपनी कार के गेट को खोल कर अंदर चला जाता है. वो अपनी जीन्स के बटन को ऐसे खोलता है जैसे पता नही कितना उतावला हो रहा हो. जीन्स का बटन खोला, ज़िप ओपन करी, फ्रेंची मे हाथ डाला और लंड बाहर. ओह..... उसने राहत की साँस ली, उसका लंड ऐसे हो रहा था जैसे कोई हाइ केपॅसिटी इंजेक्षन.

वो अपने लंड पर हाथ फिराता है और ख्यालो मे खो जाता है कि क्या ये इतना लकी है कि स्मृति जैसी सेक्सी लेडी को वो फक कर चुका है. उसके एग्ज़ाइट्मेंट की अब कोई सीमा नही थी, लंड सेकेंड बाइ सेकेंड फूलता जा रहा था. कुशल की आँखे बंद हो चुकी थी.

वो अपने लंड की उपरी खाल को उपर नीचे करके मास्टरबेट करने लगता है. वो अपने हाथ को इतनी पवर से आगे पीछे कर रहा था कि कार भी हिल रही थी. स्मृति की सेक्सी आइज़, जुवैसी लिप्स, क्रीमी चीक्स, मोटे मोटे बूब्स, चिकनी कमर, पतला पेट, फूली हुई पुसी और मस्त गान्ड उसे पागल कर रही थी.

" आअहह...... ओह..... आइ...... लव...... यू...... मोम......." वो अपने आप से ही बाते करके एग्ज़ाइटेड होता जा रहा था. लंड ऐसा रूप ले चुका था जैसे कोई मिज़ाइल हो और कुशल उसके मंथन मे पूरे दिलो जान से लगा हुआ था.

स्मृति भी स्विम्मिंग मे लगी हुई थी. उसकी स्विम्मिंग स्टाइल से तो यही लग रहा था कि वो एक अच्छी स्विम्मर है. ईवन बाकी लॅडीस भी स्मृति को देख रही थी, यंग गर्ल्स भी. इस फिटनेस क्लब मे स्मृति का फिरट इंप्रेशन काफ़ी पॉज़िटिव रहा था अभी तक तो. थोड़ी देर के बाद वो स्विम्मिंग पूल से बाहर आती है और अपने बिकिनी टॉप को पीछे से टाइ करती है. वो और भी वॉर्म अप एक्सर्साइज़ कंटिन्यू करना चाहती थी लेकिन उससे पहले उसने कुशल को फोन करने का प्लान बनाया क्यूंकी वो पेशाब करने की बोल कर गया और काफ़ी देर होने के बाद भी वो लौट कर नही आया.

स्मृति फिर अपने पर्स से मोबाइल निकाल कर कुशल को फोन मिलाती है. लेकिन कुशल को इधर कहाँ सुनाई दे रही थी मोबाइल की बेल, वो तो अपने लंड को पकड़ कर अपने ख्यालो की दुनिया मे खोया हुआ था.

स्मृति उसे दो बार फोन मिलाती है लेकिन वो पिक नही करता. आख़िर स्मृति एक मा थी तो उसके अंदर चिंता जाग जाती है. वो तुरंत कपड़े पहनती है और बाहर जाने का प्लान बनाती है. लकिन वो भीगे हुए कपड़ो पे ही टॉप पहन लेती है मीन भीगे हुए बिकिनी टॉप और पैंटी को चेंज नही करती है. क्यूंकी उसमे टाइम ही वेस्ट ही होना था.

चेक आउट रिजिस्टर पे साइन करके वो फिटनेस क्लब से बाहर आती है. और पार्किंग की तरफ चल देती है, जैसे उसके अंदर के कपड़े गीले थे तो वो भी थोड़ा तेज स्पीड मे चल रही थी क्यूंकी उसके अंदर के कपड़ो की शेप उसके उपरी कपड़ो पे आ रही थी.

थोड़ी ही दूरी पे उसे अपनी कार दिख जाती है. पार्किंग एरिया काफ़ी बड़ा था तो आस पास और कोई कार थी भी नही थी.

" आज समझाती हू इसे....." स्मृति भी गुस्से मे कार की तरफ बढ़ती है.

तेज स्पीड से स्मृति आगे बढ़ती है और कार का गेट खोलती है.....

" ओह्ह्ह्ह.....नो......नो........मोम.....आप इतनी........." कुशल के तो पाँव तले से जैसे ज़मीन खिसक जाती है. वो अपने मास्टरबेशन की फाइनल स्टेज पे था लेकिन स्मृति उससे पहले ही आ गयी थी. वो अपने लंड को फिर अपनी जीन्स मे छुपाने की कोशिश करता है लेकिन सेम इश्यू कि उस लंड को प्यार से तो जीन्स मे छुपाया जा सकता था लेकिन खड़े हुए हालत मे नही.

" ओह नो!!! अगेन......" और ये बोलकर वो अपने मूँह को दूसरी तरफ फिरा लेती है.

थोड़ी देर के लिए बिल्कुल साइलेन्स था. कुशल अपने लंड को जीन्स मे अंदर करने मे लगा हुआ था.

" क्या कर रहा है अभी तक.... " स्मृति दूसरी तरफ रहते हुए ही चिल्ला कर पूछती है.

" मोम... एक मिनिट...... हाँ अब आप आ सकती हो...." कुशल अपने लंड को अंदर कर चुका था और जीन्स की ज़िप बंद कर रहा था.

स्मृति अपने आप को फिर से कार की तरफ घुमाती है और कार का गेट खोल कर अपना बॅग कार की बॅक सीट पर फेंकते हुए कार मे बैठ जाती है. इतनी देर मे कुशल अपनी ज़िप भी बंद कर लेता है.

अब दोनो कार मे ही है. लेकिन दोनो के बीच साइलेन्स है. कुशल स्मृति की तरफ और स्मृति कार से बाहर की तरफ देख रही थी. कुच्छ सेकेंड जब कोई रेस्पॉन्स नही आता तो कुशल स्मृति से पुछ्ता है.

" मोम..... कहाँ घर चले.......?".

स्मृति -" नही तो क्या मुझे होटेल लेकर जाएगा.....". स्मृति अपने सनग्लास को लगाते हुए फिर से चिल्ला कर बोलती है

कुशल कार मे गियर डालता है और धीरे धीरे आगे बढ़ जाता है.

" मोम... काफ़ी जल्दी आपने स्विम्मिंग ख़तम करदी.... मुझे लगा कि आपको टाइम लगेगा...." कुशल बड़े प्यार से अपनी मोम से पुछ्ता है

स्मृति -" इसीलिए तू यहाँ आकर इसे हिलाने मे लगा हुआ था......." स्मृति उसकी आँखो मे आँखे डालकर पूछती है

कुशल -" मोम वो.... मुझे लगा कि आपको टाइम......"
इससे पहले कि कुशल की बात ख़तम होती कि स्मृति बीच मे ही बोल पड़ती है-

" तू मुझे एक बात बता. तेरी अंदर इतनी आग क्यूँ लगी हुई है. रात को ही तूने किया था और अब फिर से इसे हिलाने लगा.... ऐसी क्या मजबूरी आ गयी थी..."

कुशल -" मोम... वो.... वो.... आपके बूब्स की झलक से मैं पागल सा हो गया और रहा नही गया......"

स्मृति को उसकी ये बात सुनकर थोड़ी सी हँसी आ जाती है लेकिन अपने आप पर कंट्रोल करती है.

" देख कुशल... तेरे लिए अब मैं बुर्क़ा पहन कर तो रख नही सकती. कभी ना कभी तो नज़र पड़ ही जाती है लेकिन इसका क्या मतलब कि तू हमेशा ऐसे ही...." स्मृति का इशारा मास्टरबेशन की तरफ था.

" मोम.... सॉरी...... पता नही ऐसे क्यूँ होता है. अरे मोम आपके तो कपड़ो से पानी टपक रहा है..." कुशल का ध्यान फिर से स्मृति के टॉप पर जाता है.

स्मृति -" जब तूने फोन नही उठाया तो मुझे टेन्षन हो गयी और मैने गीली बिकिनी के उपर ही कपड़े पहन लिए..."

कुशल -" क्या आप मुझे इतना प्यार करती है....."

स्मृति -" गाड़ी चलाने पर ध्यान दे....." स्मृति मुस्कुराते हुए कहती है.

कुशल -" लेकिन मोम गीले कपड़े से तो आपको स्किन मे आलर्जी हो सकती है." कुशल थोड़ा सीरीयस होते हुए बोलता है.

स्मृति -" यही मैं सोच रही हू कि और वैसे भी अब थोड़ा अनकंफर्टबल लग रहा है...."

कुशल -" मोम..... अगर आप चाहे तो बॅक सीट पे जाकर अपने कपड़े चेंज कर सकती है. रोड पे ट्रॅफिक भी कम है."

स्मृति -" रोड के ट्रॅफिक से नही मुझे परेशानी इस कार के ट्रॅफिक से है...."

कुशल -" मोम, आप टेन्षन ना ले. मैं परेशान नही करूँगा... मैं नही चाहता कि मेरी मोम को कोई परेशानी हो...." कुशल फिर से सीरीयस होते हुए बोलता है

स्मृति को उसकी ये बात सुनकर कुशल पर बड़ा प्यार आता है और वो उसके गालो को किस करने के लिए थोड़ा सा आगे बढ़ती है कि तभी इतिफाक से कुशल अपना मूँह स्मृति की तरफ घुमा देता है और ----- पुचह......

दोनो के बीच लिप किस हो जाती है...... स्मृति के गीले होठ फिर से कुशल के मूँह मे आ जाते है और कुशल भी सेकेंड्स मे उनका रस चूस लेता है. स्मृति उसको एक धक्का दे कर अलग हो जाती है....

" आहह... ईडियट ड्राइविंग पर ध्यान दे......" स्मृति अपने होंठो को सॉफ करते हुए कहती है

कुशल -" मोम आप ही तो मुझे किस करने के लिए आगे बढ़ी..."

स्मृति -" बेवकूफ़ मैं तो गाल पे किस करना चाहती थी. लेकिन बाते ना बना अब...."

कुशल -" लेकिन मोम सच मे... आप कपड़े चेंज कर लीजिए नही तो मेरा ध्यान भंग हो रहा है. कुशल अपनी मा के बूब्स को घूरते हुए बोलता है. जो कि बिकिनी गीली होने की वजह से सॉफ दिखाई देने लगे थे
Nice story
 

Siraj Patel

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Hello everyone.

We are Happy to present to you The annual story contest of XForum


"The Ultimate Story Contest" (USC).

As you all know, in previous week we announced USC and also opened Rules and Queries thread after some time. Before all this, chit-chat thread already opened in Hindi section.

Well, Just want to inform that it is a Short story contest, in this you can post post story under any prefix. with minimum 700 words and maximum 7000 words . That is why, i want to invite you so that you can portray your thoughts using your words into a story which whole xforum would watch. This is a great step for you and for your stories cause USC's stories are read by every reader of Xforum. You are one of the best writers of Xforum, and your story is also going very well. That is why We whole heatedly request you to write a short story For USC. We know that you do not have time to spare but even after that we also know that you are capable of doing everything and bound to no limits.

And the readers who does not want to write they can also participate for the "Best Readers Award" .. You just have to give your reviews on the Posted stories in USC

"Winning Writer's will be awarded with Cash prizes and another awards "and along with that they get a chance to sticky their thread in their section so their thread remains on the top. That is why This is a fantastic chance for you all to make a great image on the mind of all reader and stretch your reach to the mark. This is a golden chance for all of you to portrait your thoughts into words to show us here in USC. So, bring it on and show us all your ideas, show it to the world.

Entry thread will be opened on 7th February, meaning you can start submission of your stories from 7th of feb and that will be opened till 25th of feb. During this you can post your story, so it is better for you to start writing your story in the given time.

And one more thing! Story is to be posted in one post only, cause this is a short story contest that means we can only hope for short stories. So you are not permitted to post your story in many post/parts. If you have any query regarding this, you can contact any staff member.



To chat or ask any doubt on a story, Use this thread — Chit Chat Thread

To Give review on USC's stories, Use this thread — Review Thread

To Chit Chat regarding the contest, Use this thread— Rules & Queries Thread

To post your story, use this thread — Entry Thread

Prizes
Position Benifits
Winner 1500 Rupees + Award + 30 days sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 500 Rupees + Award + 2500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories)
2nd Runner-UP 5000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories) + 2 Months Prime Membership
Best Supporting Reader Award + 1000 Likes+ 2 Months Prime Membership
Members reporting CnP Stories with Valid Proof 200 Likes for each report



Regards :- XForum Staff
 

S kumar M

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कुशल -" अच्छा !!!! फिर से धमकी. अब आप बताइए पापा को. मैं भी देखता हू कि आप क्या बताती है. क्या बोलेंगी आप उन्हे कि आप लाइयन से चुदि और जब पता चला कि वो कुशल है तो गुस्सा आ गया? या ये बोलेंगी कि मैने ज़बरदस्ती चोद दिया आपको."

स्मृति उसकी बात सुनकर तोड़ा घबरा जाती है. वो उससे नज़रे चुरा कर बोलने लगती है -" मैं तुझसे कोई और बात नही करना चाहती हू."

कुशल आगे बढ़ कर अपनी मा का हाथ फिर से पकड़ लेता है. " छोड़ मेरा हाथ कमिने......". लेकिन कुशल उसकी एक बात नही सुनता और उसे खींच कर अपनी बाँहो मे फिर से भर लेता है.

" मैने कहा छोड़ मुझे...." स्मृति छटपताती है. उसकी पीठ कुशल के सीने मे गढ़ रही थी. कुशल अपना एक हाथ ले जाकर फिर से उसकी गान्ड पर रख देता है.

" लगता है आज इस ऑडियो सीडी को दोनो साइड से बजाना पड़ेगा". कुशल का इशारा अब स्मृति की गान्ड की तरफ था.

स्मृति पूरी ताक़त लगा कर फिर से कुशल की पकड़ से बच निकल जाती है. उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी " तू..... तू ....... क्या सोचता है कि जो तू चाहेगा वो कर सकता है...." स्मृति गिड गीडाती है.

" झूठ से प्यार माँगा तो चूत मिली. लेकिन सच से सिर्फ़ गालियाँ मिल रही है. क्यूँ आपको मेरा लंड पसंद नही आया...." कुशल बोलता है

स्मृति -" मुझसे ऐसी बाते मत कर........."

कुशल -" मैं भी एक यंग अडल्ट हू. आपसे ऐसी बात कर सकता हू. आप मुझे बताइए कि क्या इस लंड मे जान नही है. आपकी चूत क्या सही नही चोदि मैने...." आगे बढ़ कर फिर स्मृति का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख देता है.

स्मृति अपना हाथ झटक कर फिर से पीछे की तरफ हो जाती है. लेकिन कुशल चुप नही होता -

" आप की चूत मे जो रस है , इस गान्ड मे जो दम है वो इस पूरे फार्म हाउस मे किसी लड़की के पास नही होगा. आपकी गदराई जवानी को देख कर मैं पागल हो रहा था. प्लान बनाया और वो सफल भी हुआ लेकिन ग़लती से लाइट जल गयी नही तो आप इस लाइयन से दोबारा मिलती...."

" मैं दोबारा नही मिलती............" स्मृति बोलती है

" खाना अपने हज़्बेंड की कसम..." कुशल उससे पुछ्ता है.

" इस घटिया लाइयन के लिए मे अपने हज़्बेंड की कसम नही खा सकती..." स्मृति बोलती है.

" लाइयन घटिया है. मे जानता हू लेकिन क्या उसका लंड भी घटिया है? क्या आप उससे सॅटिस्फाइ नही हुई?" कुशल पुछ्ता है

स्मृति चुप खड़ी हो जाती है और वो कुच्छ नही बोलती. कुच्छ सेकेंड्स के लिए रूम मे साइलेन्स हो जाता है. लेकिन कुशल फिर से बोलना शुरू करता है -

" मोम, बिलीव मी. हम एंजाय कर सकते है लेकिन किसी को पता भी नही चलेगा. आप को देख कर कोई भी नही कह सकता कि आप मेरी मा है. यहाँ तक कि जवान लड़किया भी आपके सामने पानी नही माँगेंगी. और आप अपने बेटे की हालत का तो सोचिए. भगवान ने मुझे इतना बड़ा लंड दिया है- किसलिए. सिर्फ़ सुबह उठ कर मूतने के लिए. इससे भला हो सकता है. मैं दिन रात आपकी सेवा करूँगा, बदले मे मुझे कुच्छ भी नही चाहिए. किसी और लड़की की तरफ नज़रे उठा कर के भी नही देखूँगा. प्लीज़ मुझे अपना पूरा प्यार दे दो". और कुशल अपना सर स्मृति के कंधो पे रख देता है.

" कुच्छ और कहना है या मैं जाउ...". स्मृति अपना कंधा हटाते हुए बोलती है.

" ट्राइ टू अडनरस्टॅंड मोम.... अब सब हो चुका है. हम इस रिलेशन्षिप को कंटिन्यू कर सकते है. मैने आपको टेस्ट कर लिया है और हमे एक ही घर मे रहना है. सोचिए कि मैं कैसे कंट्रोल करूँगा. आप अपने इस बेटे पे थोड़ा सा तो रहम करिए...." कुशल रिक्वेस्ट करता है.
स्मृति -" तेरे बाप से बोल कर सबसे पहले तेरी शादी करा दूँगी. फिर सब सही हो जाएगा...."

कुशल -" मैं सही कह रहा हू कि मेरा लंड भी खड़ा नही होगा चाहे पूरी रात कोई ट्राइ भी कर ले. अब ये बस मेरी मा के लिए ही खड़ा होगा.."

स्मृति -" बस बहुत हुआ.... अब मैं जा रही हू..." और कह कर वो बाहर निकलने लगती है

कुशल -" क्या आप मुझे साथ लेकर नही चलेंगी......"

स्मृति -" क्यू तू मेरे साथ आया था...."

कुशल -" मैं तो आ जाता लेकिन आप को लाइयन से मिलने मे थोड़ी परेशानी होती, इसीलिए नही आया...."

स्मृति -" मुझे नही पता और मैं जा रही हू..." और ये कह कर वो उस फ्लॅट से बाहर निकल कर ग्राउंड मे आ जाती है.


कुशल उसके पीछे पीछे चल रहा था. कुशल की निगाहे बस उसकी मतकती हुई गांद पर ही थी. कुशल पूरी बेशर्मी वाले मोड पर था. वो पीछे से ही सीटी बजाता हुआ बोलता है -" क्या मस्त गांद है............. वन इन आ मिलियन". स्मृति रुक जाती है. पीछे मुड़ती है और कहती है -

" क्या कहा अभी तुमने......."

कुशल -" मैने..... मैने कहा कि घर कैसे जाउ मे......"

स्मृति -" लुक..... कुशल!! अगर अबसे तूने कुच्छ बोला तो मुझसे बुरा कोई नही होगा.." स्मृति उंगली दिखा कर कुशल से बोलती है और फिर से आगे चल देती है

कुशल अभी भी पीछे पीछे चल रहा था लेकिन कुच्छ बोल नही रहा था. धीरे धीरे स्मृति उस फार्म हाउस से बाहर निकल जाती है. कुशल भी उसके पीछे पीछे बाहर आ जाता है. स्मृति अपनी गान्ड को मॅटकाति हुई फिर पार्किंग मे अपनी कार लेने चली जाती है.

कुशल बाहर आकर रोड पे बैठ जाता है. स्मृति वहाँ से कार लेकर आती है और कुशल को बैठते हुए देखती है. एक जोरदार ब्रेक के साथ गाड़ी उसके पास रुक जाती है. स्मृति विंडो ग्लास खोलती है और बोलती है. "यहीं मरने का इरादा है"

कुशल -" आप रहने दीजिए. मैं कैसे भी चला जाउन्गा.... अगर नही भी आया तो रात को रोड पर ही सो जाउन्गा....." कुशल बहुत मासूम बनते हुए बोलता है.

स्मृति गुस्से मे विंडो डोर बंद करती है और तेज़ी के साथ कार आगे ले जाती है. गाड़ी थोड़ी डोर ही चली थी कि एक बार फिर तेज़ी से ब्रेक लगती है और कार रिवर्स आने लगती है. कार फिर से कुशल के पास आकर रुक जाती है. लेकिन स्मृति कुच्छ बोलती नही.... हॅपी मूड के साथ कुशल खड़ा होकर गेट खोलता है और कार मे बैठ जाता है.

" आइ लव यू मोम....." कुशल स्मृति की तरफ देख कर बोलता है लेकिन तब तक स्मृति कार आगे बढ़ा चुकी थी.

कार एक सुनसान रास्ते से गुजर रही थी. स्मृति ने फुल स्पीड की हुई थी.

" मोम....... मोम......" कुशल बोलता है

" भोंक..... क्या बात है....." स्मृति बोलती है

" वो मोम..... वो.... पेशाब लगा है......." कुशल बोलता है.

पूरी ताक़त के साथ स्मृति फिर से ब्रेक लगाती है. " जा जल्दी कर के आ......" स्मृति बोलती है

कुशल गेट के बाहर निकल कर कार के ठीक सामने अपनी पॅंट खोलने लगता है. कार की हेडलाइट जली हुई थी.

" क्या यही जगह मिली है तुझे.... स्मृति चिल्लाति है

" मोम मुझे डर लगता है....." तब तक वो पॅंट खोल कर अपना लंड बाहर निकाल लेता है. और बाहर निकल कर एक स्माइल देता है.

" तो कम से कम मूँह तो दूसरी साइड कर ले...." स्मृति फिर से चिल्लाति है

ये सुनकर कुशल अपना मूँह दूसरी डाइरेक्षन मे कर लेता है.

कुशल काफ़ी देर तक ऐसे ही पेशाब करता रहता है. स्मृति भी जल्दी मे थी और बार बार उसे हॉर्न दिए जा रही थी. फाइनली कुशल अपनी ज़िप बंद करके भाग कर कार मे आकर बैठ जाता है.

स्मृति फिर से गुस्से मे तेज़ी के साथ गियर डाला और कार फिर से उस सुनसान रोड पे भागने लगी. लेकिन स्मृति का चेहरा तम तमाया ही हुआ था

" इतना टाइम लगता है तुझे पेशाब करने मे..... क्या सालो से रोक रखा था..." स्मृति गुस्से मे बोलती है.

" मोम... क्या आप तो हर बात पर ही गुस्सा हो रही है. मैने कोई टाइम वेस्ट तो किया नही. जितनी देर आया उतनी ही देर तक किया. अगर मुझे पता होता कि आप इतना गुस्सा हो जाएँगी तो मैं जाता ही नही." कुशल बोलता है

" चल अब अपने ड्रामे बंद कर..... " स्मृति कार चलाते हुए सामने देखकर बोलती है.

कार चल रही थी और दोनो शांत थे. कुशल तिर्छि निगाहो से बार बार स्मृति को देखे जा रहा था.

" मोम एक बात कहु....." कुशल बहुत ही पोलाइट स्टाइल मे स्मृति से बोलता है

" नही.... मुझे कुच्छ नही सुन ना....." स्मृति रिप्लाइ करती है

कुशल चुप होकर कार मे साद अंदाज़ मे कॉर्नर मे मूँह करके बैठ जाता है. अब कुशल का मूँह बाहर की तरफ था, स्मृति भी उसे तिर्छि निगाहो से देखती है.

" भोंक जल्दी क्या बात है....." स्मृति उसे थोड़ा सा सॅड देख कर बोलती है.

कुशल खुश होकर अपनी मा की तरफ घूमता है. और बोलता है -

कुशल -" मोम, चाहे जो भी बात है लेकिन एक बात कहु... चलो कही देता हू. आज मैने अपनी वर्जिनिटी खो दी. आज मैं कुँवारा नही रहा." कुशल सॅड स्टाइल मे अपने माथे पे हाथ मारते हुए बोलता है.

स्मृति -" तू फिर शुरू हो गया. मैने कहा ना तुझे कि मुझे ये बकवास पसंद नही है. और वैसे भी तेरा क्या भरोसा....... भूल गया वो बाते... आज मैने पार्टी मे एक लॅडीस के साथ ये किया और ये किया. फिर भी आज तक कुँवारा था तू. पता नही इतना फ्रॉड कैसे हो गया तू". स्मृति उसे वो बाते याद दिलाती है जो वो लाइयन बन कर बोलता था


कुशल -" मोम, चाटिंग मे ऐसा तो चलता ही है. लेकिन सच मे आज तक मैने किसी के साथ ..... नही किया था. आज पहली बार ऐसा हुआ."

स्मृति -" तुझे ये फार्म हाउस किसने बताया था?"

कुशल -" मेरा एक फ्रेंड है. उसका नाम सन्नी है, उसने बताया था यहाँ के बारे मे....."

स्मृति -" तो क्या तूने उसे ये भी बता दिया कि तू आज यहाँ किसके साथ आ रहा है....?"

कुशल -" मोम आप तो मुझे बिल्कुल पागल समझती है. भला ये बाते भी बताने की होती है, ऐसा तो कभी कोई नही बता सकता...."

स्मृति -" इससे पहले भी यहाँ किसी के साथ आया है तू.?" स्मृति कार चलाते हुए ये सारी बाते कर रही थी.

कुशल -" मोम मैने कहा ना कि आज पहली बार आया हू यहाँ. आप कहेंगी तो दोबारा भी आ जाउन्गा.... हाहहहाहा..."

स्मृति उसकी तरफ गुस्से भरी निगाहो से देखती है और ये देख कर कुशल की हँसी फिर से बंद हो जाती है.

थोड़ी देर बाद कुशल फिर से बात करना शुरू करता है-

" मोम एक बात पुच्छू ...." कुशल बोलता है

" हाँ बोल...." स्मृति का बिहेवियर इस बार थोड़ा पोलाइट था

" क्या आपको मेरे साथ...... यानी जो हमारे बीच हुआ अगर हम उस मे रीलेशन शिप को भूल जाए तो क्या आपको अच्छा नही लगा.... प्लीज़ प्लीज़ गुस्सा मत होना. ये एक सिंपल सवाल है" कुशल अपनी मा से पुछ्ता है.
स्मृति गाड़ी चलाने मे बिज़ी थी. उसने कुशल की इस बात का जवाब देना उचित नही समझ. लेकिन कुशल चुप हो ही नही रहा था और वो फिर से बोलता है -

" आप जितनी सेक्सी दिखती है.... उससे कहीं ज़्यादा सेक्सी आप उस दौरान हो जाती हैं जब आप..... जब आप सेक्स करती हैं...." कुशल बोलता जा रहा था लेकिन स्मृति उसकी किसी बात का जवाब देना उचित नही समझ रही थी.

लेकिन कुशल को तो जैसे भूत ही सवार था कि आज वो चुप नही होगा.

" किचन मे काम करते हुए देख कर नही लगता कि आप इतनी आक्टिव हो सकती है सेक्स के दौरान.... रियली यू आर ग्रेट मोम. हर बार मैं आपका ही बेटा बन कर पैदा होना चाहता हू."

" देख कुशल... मुझे एक और ग़लती का अहसास हो गया है कि तुझे मैं साथ लेकर आई. उससे पहले मैं एक ग़लती कर ही चुकी थी, अब मुझसे और ग़लतियाँ मत करा. मैं नही चाहती कि तू मेरे हाथो से एक थप्पड़ और खा ले" स्मृति उसे समझाती है.

" लेकिन आप इतना तेज गाड़ी क्यूँ चला रही है... मुझे डर लग रहा है..." कुशल बोलता है

" क्यूंकी मैं घर जल्दी पहुँचना चाहती हू." स्मृति रिप्लाइ करती है

" आज तक तो कभी आपको इतना तेज गाड़ी चलाते हुए नही देखा. आख़िर बात क्या है."

" क्यूंकी...... क्यूंकी...... मुझे भी बहुत तेज पेशाब लगा है.... अब समझा". स्मृति बहुत तेज चिल्ला कर कुशल से कहती है

" तो मोम, अभी तो घर पहुँचने मे बहुत टाइम लगेगा. और अगर आप ऐसे ही चलाएंगी तो शायद पहुँचनगे ही नही. अभी रोड खाली है, आप चाहे तो आप भी कर सकती है.." कुशल उसे एक आइडिया देता है

" मुझे रोड पर करना अच्छा नही लगता..." स्मृति बोलती है

कुशल -" मोम अच्छा तो किसी को नही लगता. लेकिन मजबूरी मे तो काम चलाना ही पड़ता है. प्लीज़ आप कार रोकिए, मैं वादा करता हू कि कोई परेशानी नही होगी." कुशल उसके हाथ पर हाथ रख कर बोलता है.

स्मृति - " तेरे जैसी बेशर्म नही हू. मुझसे नही होगा ये सब रोड पे. और कितनी घनी झाड़ियाँ है रोड के दोनो साइड, पता नही इनमे क्या होगा. ". स्मृति रोड के दोनो साइड देखती हुई बोलती है

कुशल -" मोम आपको झाड़ियो मे जाने की ज़रूरत ही नही है. आराम से कार के सामने जाकर कर लीजिए वैसे भी रोड पे और कोई गाड़ी दिख नही रही है. ये रोड बस उस फार्म हाउस ही जाती है जहाँ से लोग इतनी जल्दी नही आते...." कुशल सीरीयस होकर उसे समझाता है

स्मृति भी गाड़ी की स्पीड को कम कर चुकी थी, शायद वो कुशल की बातो से अग्री थी. और वैसे भी पेशाब वग़ैरा ऐसी बाते है कि जब कोई करता है तो और आता है.

वो कार को रोड के साइड मे लगा देती है. कुशल समझ जाता है कि उसको बहुत तेज पेशाब लगा है. वो कार को ऑफ करती है, हेडलाइट्स को भी ऑफ करती है.

" अच्छा तू यहीं बैठ....." स्मृति बोल कर कार का गेट खोलती है और बाहर चली जाती है. कुशल ये सब देख रहा था. स्मृति बाहर निकल कर चारो तरफ देखती है, ड्रेस को थोड़ा उपर करके अपने हाथ पैंटी तक ले जाती है और एक झटके मे पैंटी को नीचे कर देती है. कुशल कार मे बैठा ये सब देख रहा था, इस सेक्सी सीन को देख कर उसके हाथ खुद ब खुद अपने लंड पर पहुँच जाते है. स्मृति को भी आइडिया था कि शायद कुशल देख रहा होगा लेकिन वो जल्दी से पैंटी नीचे करके बैठ जाती है. उसकी गान्ड कुशल की तरफ थी, वो बैठते ही ऐसे पेशाब करती है कि उसकी आवाज़ कार मे बैठा कुशल भी सुन सकता था. कुशल समझ जाता है कि वाकई मे उसे बहुत तेज लगा है. कुशल अपने राइट हॅंड पर टर्न होमर गाड़ी की हेडलाइट ऑन कर देता है.

स्मृति की गदराई मस्त गांद, कार की दूधिया रोशनी मे बिल्कुल विज़िबल हो जाती है. लेकिन स्मृति का कोई रियेक्सन नही था, शायद वो पेशाब करने तक कुच्छ नही करना चाहती थी. थोड़ी देर बाद स्मृति खड़ी होती है, उसकी मस्त गान्ड को कुशल एक बार फिर से देखता है. स्मृति खड़े होते ही अपनी पैंटी उपर करती है और ड्रेस नीचे करती है. और वापिस मूड कर कार की तरफ तेज तेज कदमो से आने लगती है.

" कमीनेपन की सारी हदों जो तोड़ दे तू. कुत्ते कुच्छ तो लिहाज कर...." स्मृति कार मे बैठते हुए बोलती है

कुशल -" मोम जब मैं पेशाब करने गया तब भी तो लाइट ऑन थी. मैने तो नही कहा कि आप लिहाज करो. आपने तो मेरा लंड तक भी देखा...." कुशल भी एक झटके मे बोल जाता है

स्मृति -" मैने तेरा.... देखा? अबे जब तू बेशर्मो की तरह खुद ही कार के सामने आकर खड़ा हो गया तो क्या करती मैं..."

कुशल -" मोम चाहे लडो या कुच्छ भी कहो. आपकी गांद 200 आउट ऑफ 100 है. डॅड की तो निकल पड़ी है. ही ईज़ सो लकी..." कुशल अभी भी अपनी बदतमीज़ी वाली बातो से पीछे नही हट रहा था.

स्मृति ( कार को चलाते हुए) - " तेरे डॅड तेरे जैसे नही है. वो कभी मुझे इस नज़र से नही देखते..."

कुशल -" तो क्या आप अभी तक बॅक साइड से......... कुँवारी हो?"

स्मृति कुशल की तरफ देखती है गुस्से मे लेकिन कुच्छ बोलती नही. कुशल फिर से पुछ्ता है

" मोम बताइए ना कि आपको गान्ड को पापा ने चोदा है या नही...."

स्मृति का पारा एक दम से हाइ हो जाता है.

" नही...... नही ....... नही...... और कुच्छ पुच्छना चाहता है तो भोंक जल्दी"

कुशल -" सॉरी मोम... गुस्सा मत होइए प्लीज़. आप बहुत स्वीट है...." कुशल अपनी मम्मी के गालो को पकड़ते हूर बोलता है.

स्मृति -" हाँ सवाल ही ऐसे करेगा.... कि गुस्सा आता ही है"

कुशल -" नही सच मे मोम... यू आर अमेज़िंग. मैने आपको एक मर्द की निगाहो से देखा है..."

स्मृति को उसकी ये बात सुनकर थोड़ी सी हँसी आ जाती है.

" अबे ओ मर्द... अब चुप हो जा. घर आने वाला है.." स्मृति उसे बोलती है

कुशल -" मोम दूध पिलाओगी ना...घर चल कर." कुशल की निगाहे स्मृति के बूब्स पे थी.

स्मृति -" जूते खिलाउंगी.... खाएगा?"

इसी नोक झोंक मे कुच्छ ही देर मे घर पहुँच जाते है. स्मृति गाड़ी पार्क करती है और कुशल वो दोनो फाइनली गाड़ी के बाहर आ जाते है. दोनो घर के अंदर जाने लगते है - सबसे पहली एंट्री स्मृति करती है और उसके पीछे पीछे कुशल.

हॉल मे प्रीति और पंकज दोनो बैठे हुए थे.

पंकज -" क्या दोनो साथ गये थे...?"

पंकज स्मृति की तरफ देखते हुए पुछ्ता है. कुशल की तो जैसे जान ही निकल जाती है. उसके चेहरे पे डर के भाव सॉफ थे.

स्मृति -" नही ये तो आते टाइम रास्ते मे मिल गया था तो इसे भी ले आई...." और स्मृति एक स्माइल देती है कुशल को.

पंकज -" बहुत जल्दी आ गयीं, क्या मन नही लगा पार्टी मे...."

स्मृति -" नही पार्टी मे कुच्छ ऐसी आक्टिविटीस हो गयी कि मैं थक गयी और जल्दी आ गयी.".

" मोम लेकिन ऐसी कौन सी पार्टी थी जिसमे आप इतनी सेक्सी बन कर गयी थी..." प्रीति स्माइल करके अपनी मोम से पूछती है और फिर कुशल की तरफ देखती है.

" अबे क्या बाप बेटी पीछे पड़ गये हो. सेक्सी तो मैं हू ही तो बन कर क्या जाउ..... ला एक ग्लास पानी पिला." स्मृति प्रीति से बोलती है और उसे उठा कर खुद सोफे पे बैठ जाती है.

कुशल सीधा उपर चला जाता है. प्रीति की निगाहे कुशल पर ही थी जाते हुए. प्रीति पानी पिलाती है और खुद भी उपर चली जाती है.

कुशल अपनी टी-शर्ट उतार रहा था. प्रीति उसके रूम मे घुसती है और उसके मूँह के पास अपना मूँह लाती है और फिर दूर कर लेती है.

" मोम भी ड्रिंक करके आई है और तू भी. कहाँ से आ रहे हो तुम दोनो...." प्रीति कुशल से पूछती है.

कुशल -" तुझसे मतलब...... तू डिस्टर्ब मत कर मुझे. वैसे ही आज मूड इतना फ्रेश है और तू आ गयी मेरे रूम मे..."

प्रीति -" तो आज जनाब अपना मूड फ्रेश कर कर आए है. वैसे भी तेरे चेहरे की खुशी बता रही है कि तू कुच्छ करके आ रहा है...." प्रीति साइड मे मूँह करके बोलती है

कुशल -" क्या करके आ रहा हू.... चुदाई?"

प्रीति -" शायद........." प्रीति कुशल की आँखो मे देखती हुई बोलती है.

कुशल -" हा हा हा हा हा...... अबे लंड है मेरे पास. अगर चुदाई ना करू तो क्या गांद मराऊ. वैसे तू निकल यहाँ से अपनी चूत को लेकर...." कुशल उसे अपने डोर का रास्ता दिखाते हुए बोलता है.
अंदर एंटर होते ही स्मृति चारो तरफ देखती है लेकिन उसे कहीं से भी आइडिया नही लगता कि वो लाइयन है यहाँ. वो धीरे धीरे आगे बढ़ती है और एक बार काउंटर की खाली चेर पे जाकर बैठ जाती है. वो अभी भी देख रही थी कि आख़िर ये लाइयन है कहाँ.

" यू नीड एनितिंग मॅम?" वो बार गर्ल की आवाज़ से शॉक्ड हो जाती है और मूड कर देखती है.

" यस..... यस....... वन विस्की वित कोक प्लीज़...." स्मृति उस लड़की को बोलती है

" वन फॉर मी ऑल्सो". ये आवाज़ स्मृति के पीछे से आती है. स्मृति पीछे मूड कर देखती है तो एक इंसान उसकी आँखो पे अपना हाथ रख देता है. स्मृति उसका हाथ हटाती है और उसकी तरफ देखती है.

उसका फेस मास्क से ढका हुआ था, उसने बाकी बाय्स की तरह फुल मास्क पहना हुआ था. वो स्मृति की तरफ अपना हाथ मिलाने के लिए बढ़ता है. स्मृति एक बार उसे और एक बार उसके हाथ को देखती है. फाइनली उससे से शेक हॅंड करती है.

" हाई, आइ आम लाइयन....." स्मृति तो जैसे अपनी चेर से खड़ी हो जाती है. वो स्मृति के कंधो को पकड़ कर उसे फिर से उसकी राउंड चेर पे बिठाता है.

स्मृति -" तो तुम ही हो वो...."

लाइयन -" वो कौन.....?"

स्मृति -" वो ही जिससे मे चॅट करती रही"

लाइयन -" जी हम ही वो नाचीज़ है". लाइयन अपनी गर्दन झुकाता हुआ बोलता है.

इतने मे वो बार गर्ल दोनो के पेग बना कर ले आती है और उन्हे दे देती है.

" क्यू ना हम उस फ्री स्पेस मे बैठे". लाइयन स्मृति को वो खाली स्पेस दिखाता है जहाँ एक टेबल और दो चेर खाली पड़ी थी.

" हाँ ये सही रहेगा". स्मृति उसकी बात को मानते हुए बोलती है.

वो दोनो अब उन चेर पे जाकर बैठ जाते है. उस टेबल पे दो चेर थी जो कि एक ही डाइरेक्षन मे थी. यानी कि दोनो एक ही रो मे बैठ गये थे.

" हाँ जी मिस्टर. लाइयन, अब बताइए कि क्यू मिलना चाहते थे आप हम से?". स्मृति लाइयन से स्माइल करते हुए पूछती है.

लाइयन -" इस गजब की खूबसूरती को मैं पास से देखना चाहता था". लाइयन की ये बात सुनकर स्मृति शरमा जाती है.

स्मृति -" लेकिन कैसी खूबसूरती देख रहे हो जब ये फेस मास्क है". स्मृति का इशारा अपने फेस मास्क की तरफ था.

लाइयन -" फेस मास्क तो बस आपकी आइज़ पर है लेकिन अभी भी बहुत सुंदरता कवर्ड नही है. हम तो उसी से गुज़ारा चला लेंगे". लाइयन अपना फेस झुकाते हुए स्मृति के बूब्स की ओर इशारा करता है.

स्मृति - " तुम सुधरोगे नही. वैसे क्या तुम मुझे अपना फेस दिखा सकते हो, पता नही क्यू तुम्हारी आवाज़ कुच्छ पहचानी सी लग रही है. "

लाइयन -" मैं अपनी खूबसूरती की देवी से मिलने आया हू, मैं नही चाहता कि मुझे सेक्यूरिटी धक्के देकर बाहर निकाल दे. फेस मास्क हटाना सेफ नही है"

स्मृति -" जैसी तुम्हारी मर्ज़ी. और सूनाओ". स्मृति अपने पेग का सीप लेते हुए बोलती है.

लाइयन -" आज आपका दिन है. आप हमरी गेस्ट है, इतनी खूबसूरत गेस्ट जो हम से पुछेगि वो मैं बताउन्गा." लाइयन फिर से अपना चेहरा झुकाते हुए बोलता है

स्मृति -" एज क्या है तुम्हारी?"

लाइयन -" अभी कुच्छ महीने पहले ही 18 का हुआ हू?"

स्मृति तो जैसे ये बात सुनकर शॉक्ड ही हो जाती है लेकिन शो नही करती.

स्मृति -" तो 18 साल की उम्र मे ही ये सब शुरू कर दिया है. ड्रिंक भी कर रहे हो, मेरी एज पता है तुम्हे?"

लाइयन -" आपकी हर चीज़ पता है मुझे ". लाइयन फिर से स्मृति के बूब्स की तरफ गर्दन करते हुए बोलता है

स्मृति -" तो बताओ क्या है.....". अपने पेग का सीप लेते हुए स्मृति बोलती है

लाइयन -" 36 ड्ड" लाइयन अभी भी उसके बूब्स की तरफ ही देख रहा था

स्मृति - " क्या कहा तुमने....."

लाइयन -" मैने.. मैने कहा कि आपकी एज 40 के करीब होगी".

स्मृति -" तो लगभग मे तुम्हारी मा की उम्र की हू. और जो तुमने मेरे साथ स्केरी हाउस मे किया क्या वो सही था".

लाइयन -" आपकी उम्र होगी लेकिन लगती तो आप अभी भी पूरी जवान है तो मुझसे ग़लती हो गयी". अपनी तारीफ फिर से सुन कर स्मृति शरमा जाती है.

स्मृति -" अभी तो तुम्हे ठीक तरीके से दाढ़ी मूंछ भी नही आई होंगी"

लाइयन -" हर जगह आ चुकी है...". लाइयन ने फिर से अपना पेग पीते हुए डबल मीनिंग बात कही.

स्मृति अपने बॅग को खोल कर उसमे से एक सिगरेट बॉक्स निकालती है. और पेग को साइड मे रखकर सिगरेट को लाइटर से जलाती है. स्मृति धीरे धीरे खुल रही थी.

लाइयन -" क्या आप स्मोकिंग भी करती हैं?".

स्मृति -" कभी कभी.....".

लाइयन -" मुझे आपके बारे मे ये बात नही पता थी कि आप स्मोकिंग भी करती है".

स्मृति -" ये बात तो मेरे घर मे भी नही पता है. कभी कभी अपने हज़्बेंड की पी लेती हू. तुम ये छोड़ो और बताओ".

लाइयन -" आप बहुत सेक्सी है......"
स्मृति को उसकी ये बात काफ़ी अच्छी लगी. वो अपनी तारीफ से खुश हो रही थी लेकिन शो नही कर रही थी.

स्मृति -" तुम जैसे लड़को को तो हर लेडी सेक्सी लगती है..." स्मृति अपने पेग को ख़तम करते हुए बोलती है.

लाइयन -" ऐसा नही है. यहाँ मे चाहता तो कोई भी लड़की मेरे साथ हो सकती थी लेकिन मुझे बस आप सेक्सी लगती हो".

स्मृति -" तुम्हे इतना यकीन है कि तुम्हारे साथ कोई भी हो सकती थी"

लाइयन -" मेरे पास वो सब कुच्छ है जो लड़कियो को अच्छा लगता है..."

स्मृति -" क्या है तुम्हारे पास....?"

लाइयन -" हाइट, बॉडी, मनी..... और....."

स्मृति -" और क्या......."

लाइयन -" लंड......"

स्मृति उसकी इस बात को फिर से इग्नोर करते हुए अपने ग्लास को उठाती है और बार की तरफ चल देती है.

" मैं एक पेग और लेकर आती हू". जैसे ही वो चेर से उठ कर चलती है, लाइयन उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचता है. स्मृति आकर उसकी गोद मे गिर जाती है और स्मृति की पीठ लाइयन मे सीने से टकराती है. लाइयन उसके कान मे कहता है-

" आप यहीं बैठिए, ज़्यादा गांद मटकाओगि तो नज़र लग जाएगी". और वो उठ कर पेग लेने चला जाता है. स्मृति उसकी इस बद तमीज़ी को देखती रह जाती है.

जब वो पेग लेकर आ रहा होता है तो स्मृति उसे ध्यान से देखती है. अच्छी हाइट, चौड़े कंधे, मजबूत जिस्म. कुल मिलाकर अच्छी पर्सनॅलिटी थी.

" ये लीजिए आपका पेग". लाइयन ऑफर करता है

" थॅंक यू......". स्मृति उसे रिप्लाइ करती है.

जैसे जैसे टाइम बढ़ रहा था, उस ग्राउंड मे लोग थोड़े थोड़े कम होते जा रहे थे.

स्मृति -" यहाँ का माहौल मुझे अच्छा लगा. लेकिन ये सोशियल और प्राइवेट क्या है".

लाइयन -" अब धीरे धीरे लोग प्राइवेट मे ही जा रहे है. अभी जहाँ हम बैठे है ये जगह सोशियल है"

स्मृति -" तो प्राइवेट मे क्या होता है"

लाइयन -" वो सब भी होता है जो स्केरी हाउस मे नही हुआ". लाइयन की इस बात से चुप्पी हो जाती है.

स्मृति अपना दूसरा पेग भी ख़तम कर चुकी थी. और उसके साथ सिगरेट का असर तो वो थोड़ी थोड़ी रंग मे आने लगी थी.

स्मृति -" अब मुझे चलना चाहिए..."

लाइयन -" इतनी जल्दी.... क्या अपना ये दोस्त इतना बुरा लगा. या अपने दोस्त का कुच्छ बुरा लगा..."

तभी ठीक स्मृति के सामने एक लड़की अपनी ब्रा उतारती है, और सामने खड़े लड़के के मूँह मे अपना राइट बूब्स चूसने को दे देती है.

स्मृति -" छ्हि, कितनी गंदी लड़की है.....". माहौल खराब कर रही है."

लाइयन -" जैसे जैसे टाइम बढ़ेगा, यहाँ पर लड़कियो के कपड़े कम ही होते जाएँगे. क्यूँ ना हम प्राइवेट मे चले".

स्मृति -" क्या पता तुम फिर से कुच्छ बदतमीज़ी करो...."

लाइयन -" आप जैसा माल साथ मे हो और बदतमीज़ी ना हो तो सब सोचेंगे कि मैं मर्द नही गे हू..."

स्मृति -" ठीक है तो बैठो यहीं ....."

लाइयन -" नही नही. प्रॉमिस कोई बदतमीज़ी नही होगी".

स्मृति -" मैं कैसे यकीन करू?"

लाइयन -" मैं बस बोल हो सकता हू और कुच्छ तो नही कर सकता.". लाइयन बड़ा मासूम बनते हुए बोलता है.

दोस्तो सोचो ये साला लाइयन कौन है शायद आज स्मृति की खैर नही,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
 
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