साठ- सत्तर के दशक की वह फिल्मी कहानी जहां एक परिवार बिछड़ने के दशकों बाद मिलता है - ऐसा ही कुछ इस कहानी मे भी नजर आ रहा है ।
लेकिन उन फिल्म की कहानियों मे किरदार बहुत कम होते थे पर इस कहानी मे पात्रों की संख्या बहुत ही अधिक है ।
और इतने अधिक पात्रों के कैरेक्टर के साथ न्याय करना , सभी को बराबर का रोल देना और भी मुश्किल काम है ।
आप ने इस चुनौती को स्वीकार किया और आप की कोशिश रंग लाई ।
अपडेट लिखते वक्त आप जिस तरह काॅमेडी और मनोरंजक घटनाओं का प्रयोग करती है वह अपडेट को और भी खुबसूरत बना देता है ।
सभी अपडेट बेहतरीन , शानदार , आउटस्टैंडिंग थे ।
लेकिन यह समझ नही आ रहा , दृष्टि की जालिम दादी को अंजलि से क्या दुश्मनी है ! दृष्टि को मै कसूरवार नही मानता क्योंकि वह अपने तथाकथित दादी की आज्ञा का पालन कर रही है ।
उसी तरह वर्षा की बेटी वन्या दुश्मन खेमे मे क्या कर रही है ? वह अशोक कपूर की मुलाजिम कैसे और क्यों बन गई ?
अंजलि के निर्देश से उसका परिवार बिखरा था । यह तब तक ठीक था जब तक बच्चे बड़े नही हुए लेकिन , अब यह सभी बच्चे अपनी पहचान ढूंढ रहे हैं । अंजलि से अपना सम्बन्ध खोज रहे हैं ।
शायद अब समय आ गया है कि अंजलि सबके सामने आएं और उन्हे वास्तविकता से रूबरू कराएं !
खुबसूरत अपडेट रिया जी ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।