कहानी की बेहतरीन शुरुआत। पहला अपडेट पूरी तरह से तुषार के बच्चों के परिचय मे निकला। तुषार की सभी बेटियां अपनी अपनी मां पर ही गई है लगता है। शनाया का किरदार सीमा जैसा ही है फर्क बस इतना है की सीमा उस उम्र में गरीब थी और शनाया के पास किसी चीज की कोई कमी नहीं। दीपा की बेटी दीपा से दूर रहकर भी कुछ कुछ उसके जैसी ही है, सचिन और कपिल की बेटियां शनाया की संगत में उसके जैसी बन गईं है। वहीं अनिता और रिंकी की बेटियां भी रिंकी जैसी है।
पिछली कहानी में सीमा की बेवकूफियों को संभालने के लिए अंजली, दीपा, तुषार, रुचि सब थे। लेकिन क्या शनाया की ऐसी किसी बेवकूफियों को संभाल पाएगा कोई, क्या दिया ये कर पाएगी।
दीपा ने हरदय को तैयार किया है उसे एक फौलाद बनाया है जिसका नमूना एक अनोखा कहानी में हाथी से लड़ते हुए हम देख चुके है। अभी कहानी वहां नहीं पहुंची है जहां पहली कहानी एक मां खत्म हुई थी। शायद अंजली सबको एक साथ बुलाए मिलने के लिए तब हरदय तुषार और रुचि को ढूंढने निकलेगा।
और क्या हरदय के अंश से मिलने का मतलब कहानी में टाइम ट्रैवल भी होगा।
शानदार अपडेट.