बहुत सुंदर कहानी लिख रहे है आप, कैसे एक घरेलु पतिव्रता नारी, बहक कर गैर मर्द के सम्पर्क में आती है और इतने पुराने अपने शादी शुदा जीवन को तबाह करने पर उतारू हो जाती है, मीना अभी तक अपने संस्कारो की वजह से उस दोहराहे पर खड़ी है जहाँ से वो अपने परिवार अपने पति की वफादार रह सकती हैं या दूसरी तरफ जमील जैसे इंसान की रंडी बन सकती है, अब वो आगे क्या करती है क्या सोचती है
वैसे जो प्लेटफॉर्म है वहा मीना का रंडी बनना तय है, अब उसको कितना समय लगता है ये देखना है,
अभी तक लेखक ने एक ओरत के हर पहलु हर एक भावना हर एक कशमकश को बखूबी दिखाया है,
मीना का पहली बार गैर के साथ सेक्स करने के बाद उसकी खुद की मनोस्थिति,
फिर दोबारा सेक्स के लिए बेचैन होकर वपिश जमील की तरफ मन का हो जाना,
फिर अपने पति के प्रति जामिल के गालिया सुनकर मनोस्थिति, गजब की लेखनी है आपकी ऐसे ही लिखते रहिये