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Erotica faithful to Unfaithful transformation story of an ips's wife.

valcoutinho

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Waiting for a next hot update.....
Kya likhte ho bhai...... Bas ab jaldi se update dedo.... Aur intezar nahi kiya jaata.... Jald se jald update dedo Bhai.
 
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शाम को लाकन, सरला के बाहर आने का इंतज़ार करने लगा और मन ही मन सोचा..

कह गयी तुम?? और ये दीपक भी पता नहीं खा रह गया..
साला कभी टाइम पे नहीं आता है..

तभी सरला सारा काम निपटा के आई..लकन अपने बॉक्स से उसको देख रहा था और मन ही मन बोला..

ये तो आ गई..ये साला दीपक कहा है.फोन करता हूं...

और लाकन दीपक को फोन किया और बोला..

एल: अरे काहा रह गया यार...घर जाना है मुझे..(थोड़ा परेशान करने वाली आवाज है)

डी: बस आ गया.. उस्ताद जी...गेट पे पहुंच रहा हूं...(जल्दी से साइकिल चलाते हुए)

तभी सरला भी आ गई..और लकान से बोली..

एस:: गेट खोल दीजिए ना..(हल्की मुस्कान से)

लाकन उठा और बहार को आते हुए बोला..

L:: हो गया काम तेरा..,??( ताला खोलते हुए)

एस: हां...आज बहुत गर्मी है...(साड़ी के पल्लू से पसीना पूछते हुए)

एल:: हां गर्मी तो है..तो अब घर जाएगी??(गेट के पास कहदे हो के)

एस: नहीं तो .जाना है काम पे .दूसरे घर...देर भी हो गई है...(भर को जाते हुए)


लकन उसे धीरे से बोला .


एल: रुक जा..मैं भी जा ही रहा हूं...चोर दूंगा..(चांस लेते हुए)

सरला उसको देख के बोली..

एस;: नहीं चले जाउंगी..रोज का है मेरा तो...ऐप तो ड्यूटी पर ही हो...


L:: नहीं दीपक आ रहा है..तू आगे रुकना मैं आता हूं..चोर दूंगा...( जल्दी से अंदर को देखते हुए)


एस: ठीक है..मैं आगे मोड़ पे रहूंगी..आओगे??(थोड़ा कन्फ्यूज्ड हो के)


L:: हां हां आउंगा ..बस आ ही गया है वो...( दूर से रोड मैं देखते हुए दीपक को)

सरला फिर चली गई..लकन उसके पीछे देख रहा था...

तबी दीपक आ गे..और वो हेरेन था की लकान आज इतना जल्दी मैं क्यों है.??


वो साइकिल अंदर ला के खड़े करते हुए बोला..


डी: क्या बात है जाना है क्या आपको???(पसीना पूछ के)


एल: हां यार जाना है...सुन रिपोर्ट भेज देना...मुझे देर हो रही है।(अपनी साइकिल लेते हुए)


और फिर जल्दी से निकल गया।

दीपक बॉक्स मैं बेथ के रिपोर्ट देखने लगा...

वही लाकन सरला के पास गया और साइकिल रोक के बोला..

एल: बेथ...(सरला को देख के)


सरला भी साड़ी को लपेटे हुए बैठ गई हल्का सा मुस्कुरा के..


रास्ते भर दोनों बात करते रहे...तभी लकान बातें ही बातें मैं उससे पूछता..

एल:: तेरा पति क्या काम करता है??(साइकिल खिंचते हुए)

एस: कुछ नहीं करता है .बस दारू चाहिए .दिन भर...(मुंह बना के)

एल: और बच्चे कितने हैं तेरे??( हल्का सा पीछे मुंह करके)

एस: 3 बच्चे हैं...2 लड़की, 1 लड़का..(पीछे बैठे हुए इधर उधर को देख के)


एल; तो बच्चों को इसे ही चोर आती है। (पलट के सरला को देख के)

एस:: क्या करूं फ़िर?? कोन देखेगा.. बच्चों को पालने को तो बाहर निकलना ही पड़ेगा...

लेकिन बड़ी बेटी देख लेती है..क्या करू, सब ऐसे ही है..(गहरी सांस ले कर, अपनी गरीबी को याद करते हुए)

लकां ये सुन के चौंक गया..और बोला..


एल; कितनी बड़ी है तेरी बेटी???(सरला को चौंका दिया हो के देख के)

सरला हाथ के देखी और बोली..


एस: आठवीं कक्षा में पढ़ती है..मेरी बेटी..(हंस के)

एल: क्या…?? तू तो नहीं लगती इतनी बड़ी??( हेरानी से)

एस: ह्म्म्म्म....(अपने टैरिफ पे खुश हो के मुस्कान से)

एस: छोटे मैं हो गई थी शादी .16 साल मैं..

बेटी हो गई है 15 की..(मुस्कुरा के पीछे से बैठ गए बोली)


एल:: अच्छा .बहुत जल्दी कर ली तूने शादी .???


एस: क्या करु?? माँ गुजर गई थी...बाप शराबी था..
उस समय अक्ल थी नहीं...मेरा पति पहले से ही यही काम करता था..
आ गई उसके साथ..मुझे क्या पता था.ये भी ऐसा ही निकलेगा...(दुखी हो के अपने दिन याद करते हुए)


एल: हम्म...तुजे कोई दिक्कत होगी तो बता देना..परसन ना होना..(पलट के सरला को देख के)


एस: हां...आचा मुझे यहीं उतार दो...यहां से चली जाऊंगी... यहीं पे है .मैडम जी का घर ..(पास पे चौराहे को देख के)


लकान ने साइकिल रोकी और एक दुकान से बच्चों के लिए कुछ ले लिया और बोला।


एल: ले ये अपने बच्चों को दे देना...(कैजुअली बोल के)

सरला हंस के मजाक मैं बोली।


एस: अच्छा..और बच्चों की माँ के लिए .हीहीहीहीही……(खिलखिला के हंसते हुए)

लकन उसके ब्लाउज के और देख के, कामुक नज़र से बोला..


एल: बच्चों की मां के लिए कभी कुछ और दूंगा... अगर बच्चों की मां बोलूंगी तो.. (सरला के जिस्म को घूर के)


सरला बुरी तरह से शर्मा गई .और हंसते हुए बोली..

एस: अच्छा मैं चलती हूं...आपको भी देर हो गया होगा...(इधर उधर देख के)

एल: सुबह कैसी आती है? (सरला को देख के)

एस: आ जाती हूं पैडल...ये ऑटो वाले बहुत पैसा लेते हैं...(मुंह बना के)

एल: बता देना नहीं तो मेरे साथ चलना. यहीं पे मिल जाना...(धीरे से बोला)


एस:: नहीं नहीं..आ जाउंगी.रोज़ का ही है..(कैज़ुअली बोल के)

एल:: डर लग रहा है क्या? पति से...(सरला को घूर के देखते हुए)

एस: हुन्नन्ह्ह..उससे लगेगा डर...बड़ा आया...नहीं मैं 6.30 बजे तक जाती हूं ना..
ऐप तो जल्दी चले जाते हो तब...

एल: चल ठीक है...जा फिर तू...

सरला जाने लगी तो लकां पीछे से बोला..

एल: अरे नंबर दे देती अपना....कभी फोन करने को होता...(पिछे से थोड़ा ज़ोर से)

सरला आगे को चलते हुए पलट के बोली..इशारे से..

एस: कल को दूंगी...(मुस्कुरा के लकन को देख के)

लकान उसको जाते हुए देखने लगा..और मन मैं सोचने लगा..


माल तो ये भी कड़क है...गर्म होगी ये भी..लेनी तो है उसकी..कैसे भी..


और फिर अपने घर को चले गया...लकन के मन में आज, एक तरफ अनिता थी तो दूसरी तरफ सरला थी..

वो कैसे भी दोनों को भोग लेना चाहता था..लेकिन अनीता को पाना इतना आसान नहीं था..लेकिन सरला उसको अब आसान सा शिकार लगने लगी थी..

वही सरला पैडल पैडल चलते हुए, लकान के बारे में मुख्य सोचने लगी थी..


कहा वो पहले लाकन को देखती भी नहीं थी...लेकिन आज वो उसकी साथ साइकिल में आ गई थी...

और मन ही मन मुस्कुरा रही थी..लकन के फोन नंबर मांगे की बात पे..

और मन ही मन सोची..


एक दिन साइकिल मैं नहीं लाया, फोन नंबर चाहिए...हुन्न्ह्ह...

इतने आसान से दे दूंगी क्या नंबर...??? ओह राम सिंह काका को भी फोन करना है..क्या अगर राम सिंह काका को पता चल गया तो मैं लकां से बात करती हूं तो गुस्सा तो नहीं होंगे?

नहीं नहीं लाकन को कोई नंबर नहीं दूंगी...खाली फिर फोन करता रहेगा..


वही घर पे अनिता अंदर बैठी थी..और लड़की और सरला के बारे में मैं सोच रही थी..

कहीं ना कहीं अनीता को सरला पे गुस्सा आ रहा था..और मन मैं सोचने लगी..

देखा कैसी बात कर रही थी…?? ज़रा सा आज़ादी नहीं मिली कि...हुन्न्ह्ह..

वो लकान भी ऐसा ही है..हर जगह मुँह मरने की आदत..

मुझे क्या करना है करे...हुन्न्ह्ह...


तभी उसको आनंद की याद आई और वो फोन की..

आनंद ने फोन उठाया...वो वापस आ रहा था...


An:: हां अनिता..तुमको ही फोन करने वाला था...(प्रभु दयाल के या देख के)


ए::क्यं??(मुह बना के)

An:: अरे वो प्रभु दयाल जी की मिस इज नहीं आये??


ए:: किन?? कब??(हैरान हो गए)


An:: अरे सुभ कह रहे थे कि अनीता से मिलने जाउंगी..तब कह रहा हूं..सयाद कहीं व्यस्त हो गए होंगे...


A:: बता नहीं सकते आप?? राम सिंह भी नहीं है...सरला भी चली गई है..आपसे तो मैं क्या ही कहूं...(मुंह बना के गुस्से से)


उत्तर: अरे तुम भी चलो ठीक है...रात को आ जाऊंगा...कहना मत बनाना...(बात काट के)

अनीता हेलो हेलो कहते रह गयी. और आनंद ने फोन काट दिया..उसको आनंद पर बहुत गुस्सा आया..

वही आनंद प्रभु दयाल को देख के मुस्कुरा के बोला...

An: अज्ज कल तो इतना गुस्सा करने लगी है .क्या बताऊ??(हंस के)

प्रभु दयाल भी हंस फिया..और मन ही मन बोला..


माल भी तो कड़ा है..आनंद बाबू तुम्हारा...तुम यहां रंडियों की लेने के चक्कर में हो..वाहा घर मैं तुम्हारे कुआं का पानी निकालने वाला नहीं है..

अब हमको ही करना पड़ेगा कुछ...


वही घर में अनिता, वेदों को दांत के पधारने बेथल दी...

तब भी इंटरकॉम बजा..


अनीता जल्दी से गई.. दीपक बोला.


डी:: मालम जी जय हिंद...


ए,:: हां दीपक...(बड़े सलीके से बाल की लाट को कान के पीछे डाला के)


डी:: जी मैडम जी .वो विधायक जी के घर से आये थे उनके मैडम...


अनीता ने जैसा ही सुना..वो शॉक्ड हो गई...और हड़बड़ा के बोली...

ए: ओह्ह…..हां हां…ले आओ…अंदर..(हड़बड़ा के)


अनीता ने फोन रखा..और आनंद को मन ही मन कहा...


और सोचने लगी की..अब उसे कहां बनाना पड़ेगा...तभी दरवाजे से आवाज आई..


नमस्ते... वेदंस...(एक जवान औरत की आवाज़)


अनीता दरवाजे पे गई..और ताला खोलते हुए बोली..


उत्तर: ओह्ह.. नमस्ते नमस्ते..अई..अईई.. (दिखावती हंसी से)


सरिता अंदर आ गई...वो एक भारी साड़ी पहनने थी...

सरिता 43 साल की जवान भरे जिस्म की मादा थी...जिसके ऊपर नीचे सब गोल था.. हाइट भी छोटी थी...और पीले चेहरे वाली..सेक्सी मादा थी..


टाइट मैरून कॉटन ब्लाउज जिसकी सफेद ब्रा की छाप साफ दिख रही थी.. साइड से उसकी ब्रा की स्ट्रिप भी बाहर निकल आई थी..


अनीता ने उसके ब्लाउज को देखा .और उसके स्तनों का साइज देखा ..और उसका मन खुद ही तुलना करने लगा कि किसके बड़े हैं ..


अनीता ने पाया की, सरिता के ही ज़ैदा बड़े हैं...वो एक पूरी मिल्फ़ थी..

जबकी अनिता अभी एक हिरानी सी..अपनी जवानी के शिखर पर पहुंची हुई मा..


अनीता को ध्यान आया..और वो ये सब गेट खोले और सरिता से बात करने में ये सब सोच ली थी...


सरिता अंदर आई तो पीछे से उसका बेटा रोहन निकल के आया।
.और अनिता को देख के मुस्कुरा के नमस्ते किया..


अनीता तो मानो अपने ख्याल से बाहर आई..और जल्दी से नमस्ते नमस्ते बोली...

और अंदर को आते हुए पलट के बोली।


जवाब: इसके पापा अभी बता रहे हैं..मुझसे..कि आप आने वाले हो..(मुस्कुरा के पलट के)


सरिता पीछे चलते हुए बोली..


एस: हां सुबह से आने वाली थी..अब इसके पापा, ड्राइवर को ले कर गए हैं..2 ड्राइवर भर गए हैं..कोई था नहीं घर पर..

अभी रोहन को बोला मैंने...कब सेसोच रही थी आउंगी...आ नहीं पा रही थी...आज इसके पापा भी नहीं थे..नहीं तो दिन भर फुर्सत नहीं मिलती...कभी कोई कभी कोई आता ही रहता है..

ए:: हां वो तो है...(सरिता और रोहन के सामने बेथ के)

रोहन अनीता को चोरी छुपे देख रहा था...वो तो अनीता पे पहले दिन से ही फिदा था..


लेकिन अनीता ने कोई ध्यान नहीं दिया..वो तो उसको एक बच्चा ही समझ रही थी...


उसको क्या पता ये बच्चा उसके ऊपर चढ़ने के सपने देख रहा है..

तभी सरिता बोली..अपने ऊपर उठा के दर्द भरे चेहरे से..


एस: अब तो ये पर कमर भी बेकार हो गई है..मिस। सिंह...बहुत दर्द है...(दर्द भरे चेहरा सीनिता को देख के)


ए; क्यों क्या हुआ?? (हेरानी से देख के)


एस: क्या पता घुटने में बहुत दर्द है...कितना दवा खा ली...ये अंग्रेजी दवा से तो मेरा वजन भी बढ़ रहा है..अब डॉक्टर कहता है घूमो...कैसे घूमो। ऐसे पेरो से...(दर्द भरे चेहरे से)


जवाब: हां ये तो दिक्कत हो गई है..अभी से...कैसे हो गया...


S: वो ही तो...बढ़ापे मैं क्या करूंगी?? अभी तो 43 साल ही लगा है...(हंस के)


अनीता भी हंस दी.तभी फ्लो फ्लो मैं वो बोल पड़ी.


उत्तर: आप ना एक बार आयुर्वेदिक दवा लो...मुजे भी अभी समस्या हुई थी...वो ही ले रही हूं...हाकिम जो है एक...


अनीता ने जैसे ही हकीम बोला.उसको याद आया कि वो क्या बोल दी है..सरिता के सामने..अपने पर मैं खुद ही कुल्हाड़ी मार दी..ऐसा उसको लगा..


तभी सरिता बोली..


एस:: कोन हकीम ?? खा रहे हैं?? मुझे भी दिखाना है...बहुत परेशान हूं...(बड़ी उत्कृष्टता पूर्व)


अनीता को मानो काटो तो कुन नहीं.उसको हो गया कि वो क्यों बोल दी..लेकिन अब तो बोल दिया..


जवाब: वो वो...मुजे नहीं पता..मेरे वहां काम वाली आती है..वो ही लाई दवा...एक बार लाई थी वो घर पे ही... यहीं दवा दे दी...(एक सांस मैं बोल पड़ी)


स: ओह…..(निराश हो के)

नंबर तो होगा?? एक बार दिखा दो..मुझे भी..क्या पता यहीं से लग जाए दवाई...डॉक्टर कह रहा है..नहीं तो ऑपरेशन करना होगा..मुझे तो बहुत डर लगता है..कौन देखेगा मेरा घर...इसके पापा.,इसको... (परेशां हो के)


अनीता कैसे भी वहां से बहना चा रही थी...और वो बहना बना के जूस लेने के बहाने किचन को गई...और अपने सर पे ज़ोर से मार के अपने कोस के बोल..

अब मत तू!!! अक्ल नाम की चीज नहीं है तेरे अंदर..क्या बोलेगी...अब अगर हकीम ने कभी, इसे बोल दिया तो..


कुछ तो सोच के बोला कर...

अनीता को बहुत टेंशन हो रहा था..वो जैसा तैसे जूस ले कर आई..


उसने देखा कि रोहन और उसकी मां कुछ बात कर रहे हैं..

तभी अनिता आ गई...उसके चेहरे का रंग उड़ गया था...


तभी सरिता बैग से कुछ निकल के बोली..


S:: आज वेदंस खा है?? पढाई कर रहा है क्या??(हंसते हुए)


उत्तर: अरे वो पढ़ई कर रहा है...(हंस के अंदर को देख के)


सरिता रोहन को देखी और अंदर जेन का इशारा की...


रोहन मन मार के चला गया..वो तो बस अनीता के सामने ही बैठना चाहता था..

उसकी नज़र अनीता के स्तनों पर थी..और अनीता के कट वाले सूट के बगल में, उसकी बगल पर..



तभी सरिता फिर से बोली।


एस: ऐप एक बार बता देते तो मैं ही चलती हूं...(अनुरोध भारी आवाज से)


अनीता को समझ नहीं आया कि वो करे तो क्या करे...


जवाब: हां हां...मैं कल सरला को बोलती हूं..उसके पास ही नंबर है ना..मैं खा रखूंगी उनका नंबर...

ऐप को कल दे दूंगी…


फिर दोनो की ऐसी ही बात होने लगी..सरिता अपने बारे में मुख्य बात करने लगी...

और बोलने लगी दूसरे बच्चे के लिए..अनीता ने जो था सब बता दिया...


अनीता का बात करने में मैं बिल्कुल आदमी नहीं था टेंशन से उसका सर दर्द कर रहा था..


अनीता औपचारिकताओं के लिए उनको डिनर के लिए पूछी, लेकिन सरिता ने मन कर दिया..

वही रोहन बाहर आ गया..वो अनीता के प्रति आकर्षण महसूस करने लगा था..उसका तो मन था कि वो यहीं रुक जाए..इस मस्त माल के पास..


खैर काफी देर बात करने के बाद वो लोग जेन लागे..

सरिता जाते समय फिर अनिता को, हकीम से बात करवाने को बोली..

अनीता भी बस दिलासा देने को हां हां कर दी..


खैर वो लोग गए..और अनीता रोहन को बोली..


ए:: रोहन मम्मी को लाते रहना....हां...(कार के खिड़की पर झुक के)


आर: जी जरूर..अब तो देख लिया है मैंने..आउंगा..आप भी आइएगा..(अनीता को देख के)


झुकने से अनिता के मोती क्लीवेज की लकीर साफ दिखने लगी थी जिसका अनिता को कोई अंदाज़ नहीं था..

लेकिन रोहन का लिंग तन के खड़ा हो गया वो नजारा देख के..

और फिर वो लोग चले गये..

उनके जाते ही अनिता जल्दी से अंदर चली गई...और टेंशन मैं वही बैठ गई..कि अब क्या करे..

सरिता तो मानो उसके पीछे ही पड़ गई थी...


अनीता को समझ मैं नहीं आ रहा था कि अब वो क्या करे..व
उसको डर है कि अगर गलती से कभी हकीम ने कुछ भी बोल दिया उसके सामने, तो वो तो मर ही जाएगी..

और वो ऐसा कोई मौका नहीं लेना चाहती थी...तो उसके मन ने उसको बोला..


अगर हकीम, सरिता जी के साथ भी……….


ये सोच के अनीता के चेहरे पर मुस्कान आ गई...

लेकिन दिल बोला..


हां सबको अपना जैसा समझ आ रही है तू??

मन बोला..


क्यों?? वो औरत नहीं है?? देखा कितनी अच्छी लगती है...हां थोड़ा वजन है...लेकिन इतना भी नहीं कि किसी को पसंद नहीं आए..

देखा उसके स्तन ??


और हकीम को देख के लगता है..?? वो तो सरला को ना छोरे!!


लेकिन हकीम कैसे करेगा?? विधायक की पत्नी है..ना ना..वो ऐसा तो नहीं करेगा..


मुझे बोलना होगा!!! लेकिन मैं कैसे??? पागल है??


अच्छा जब तू उसके कमरे तक जा सकती है..भर बेटे को व्यस्त करके उसके साथ अंतरंग हो सकती है तो..

जब तेरे जीवन का सवाल है तो तू..उसे ये नहीं बोल पा रही है..??


या फिर सब सोचने के बाद, अनीता उठी और मोबाइल ली...उसको समझ नहीं आया की, बोले तो क्या बोले??


लेकिन वो फ़ोन की..


हकीम ऐसे ही असली देख रहा था..अनीता का नंबर देख के उसके कान बंद हो गए...


वो तुरन्त फ़ोन पिक किया..


एच: हेलो...मोहतरमा (बहुत खुश हो के)


ए: हील्लो...हकीममम जी...(थोड़ा झिझक के)


H: हां जी फरमाइये...ऐप तो मैसेज भी नहीं की...(मुस्कुरा के)


जवाब: वो वो..ऐसे ही...सुनिए ना एक काम था...(संकोच करते हुए)


H: हुकुम करे..सरकार...(खुश हो के)


हकीम सोच रहा था कि, अनीता उसको कल और बुलाएंगे..


उत्तर: वो वो...ऐप विधायक प्रभु दयाल जी को जानते हो????(ठुक निगल के)


एच: हां हां...क्यों क्या हुआ?? वो तंदुरुस्त तो है??


जवाब: अरे वो ठीक है...असल में उनकी पत्नी है ना..उनके पेरो में दर्द है..घुटने में..तो मैंने ना आपका नाम बोल दिया दवाई के लिए..


H: अच्छा अच्छा..तो क्या हो गया...कितने लोग आते हैं...हमारे पास...मोहतरमा हमारी दुकान छोटी है..लेकिन हमारा इलम बहुत बड़ा है...

जवाब: अरे वो ठीक है..अब कैसे बोलू...कृपया अगर उनको मेरे और आपके बारे में पता चल गया तो...मैं कहीं की नहीं रहूंगी...

सच मैं बहुत टेंशन मैं हूं...(लगभाग भरे हुए गले से)


एच: ओफ़्फ़्फ़...ऊऊऊ...आपका मतलब अभी भी हम पे यकीन नहीं आया ना...??

आपको क्या लगता है..हम आपकी इज्जत दुनिया में नीलाम करेंगे???

उत्तर:: अरे वो बात नहीं है...मुझे विश्वास है आप पे..तभी मैं आपके पास आया था..और आज भी आपको बुलाया था...(थोड़ा शर्मनाक लगता है)

इस सुनके, हकीम का लंड फिर से खड़ा हो गया..और वो लिंग को दबा दबा के बात करने लगा।


एच: उफफफ...आप मत पूछिए...कितने दीवाने हो गए हो आपके!!!...


उत्तर: कृपया ऐप वो सब मत बोलिए...मेरा एक काम कर सकते हैं आप?? कृप्या!!(रंग का वादा करो)


H: हां हां बताओ ये ना...क्या करना है .कसम महसूस नहीं करेंगे..(गंभीर हो के)


एकता ने एक गहरी सांस भारी..और बोली..

उत्तर: तो फिर आपके उनके साथ भी……

एण्टी रुक गया..


एच: मतलब..?? Aaap चाहने वाले हैं कि..हम उनके साथ भी हमबिस्टर हैं???(आंख बड़ी करते हैं)


एकता आँखे बंद करके बोली..


ए: हन्नन्नन....(तेज-तेज सांस लेते हुए)

डोनो साइड से कोई आवाज़ नहीं आई...

और फिर हकीम बोला..


H:: तो इसका मतलब ये है कि..आप हमें कोई सामान नहीं रखना चाहते?? (गंभीर आवाज़ मैं)

Anita ने ये सुना और वो इरीटेटिंग आवाज है मैं बोली..


A: मैं.. ज़ोर से चिड के)

फिर आवाज को धीरे-धीरे करते हुए बोली..


मैने ये कहा??? बस मेरा ये काम कर दो...(थोड़ा टूटा से धीरे से)


एच: ठीक है...आप जैसा कहीं भी, वो हो जाएगा..

लेकिन आपको भी एक वादा करना होगा..



उत्तर: अब क्या ??( निराश आवाज में)


एच.एस.: aaap हमारे साथ, हमेशा के लिए jismani talukat rakhenge! हमेशा...जैसे अब तक हुआ है...आगे भी दोगे..

हां तो हमारे कमरे में..yaa हमको वहां कॉल के. Apne ghar pe bulaya tha....वैसे ही ऐसे अपने उस दिन हमारा साथ दिया था...वादा करिए...(अपनी पुरानी लिंग को मसल के)


ये सुन के शर्म से लाल हो गई...और बस शर्मनाक अहसास कराती ये ही बोली..


ए: हां...ठीक है...वैसे ही रहेंगे...अब बस...

लेकिन जो मैंने कहा है..वो होना चाहिए.बस...

H: होगे....एक गुजराती कर सकते हो??


उत्तर: कितनी बार गुजराती करते हो आप..बोलिए..(चिंता करने वाली आवाज मुख्य है)


H: वो उनकी कोई फोटो मिल जाती है तो....


ए: हम्म...(सोच के..)

एक होगी मेरे पास दे रही हूँ..लेकिन ये कभी पता नहीं चलना चाहिए..मेरे पास दे रही हूँ...


H: ऐप फिकर ना करे...नहीं होगा..


A:: ठीक है मैं भेज रहा हूं..कोई जल्दी नहीं है.. अपने खाते से के करना..

और छोटी सामग्री के…


एच: हाँ ठीक है...हम सब कुछ देख के ही जायेंगे...
ऐप भी दवा तो खा रही हैं ना??


हां...


H: आपका सोहर आ गया??


उत्तर: नहीं...


H: कल मिल सकते हैं?


उत्तर: अभी नहीं.. मैं बताता हूं...पहले जो काम बोलता है..वो बोलो..फिर..

H:: ठीक है ..आप फोटो दीजिए..


इटालियन फोन पर अनक और हकीम को भेजी गई फोटो

हकीम ने फोटो में गौर से...मेहरून टैटू...उफ बने हुए दोस्त की मालकिन..


हकीम अपना लिंग मसल के बोला..


वाह सुलेमान, अल्लाह मेहरबान है.. एक से एक नूर भेजा जा रहा है...

उसी वो आदमी मैंने सोचा..

ये कैसे आएगा??


और फिर सोचा...

हम्म..इसको भी दवा यूक्रेन..बहुत आराम से..करना चाहता हूँ...रिसा
क भूत है..

अंतिम ऐन्टेना ने संदेश दिया..


उत्तर: देखा??


हाकिम को बुलाया..


एच: हाँ देखा..लेकिन ये खा पाएँगे??


उत्तर: हम्म्म..मैं मिलने का कर सकता हूँ..यही...बाकी फिर से ऊपर है...


एच: जी ठीक है...और ऐप बताएं..

जवाब: अभी कुछ नहीं रखिए..मुझे काम है...आपको बताओ द रिव्यू.जैसा भी होगा।


H: बात कर तुम ना..


उत्तर: खा ना काम है..(थोड़ा सख्त आवाज से)

H: फोटो तो दे दो कम से कम.. अपनी इस कनीज़ को..


एजेंसी का फोन कट गया..और जल्दी से एक सेल भेजा..और नेट ऑफ कर दिया..


हाकिम मानो अब दोनों की फोटो देखने लगा..मानो तुलना कर रहा हो...
 
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Sham ko lakan , sarla ke bahar aane ka wait karne laga aur man hi man socha..

Kaha gayi ye?? Aur ye Deepak bhi pata nahi kha reh gaya..
Sala kabhi time pe nahi aata hai..

Tabhi sarla sara kaam nipta ke aayi..lakan apne box se usko dekh raha tha aur man hi man bola..

Ye to aa gayi ..ye sala Deepak kaha hai .phone karta hu…

Aur lakan Deepak ko phone kiya aur bola..

L: are kaha reh gaya yaar…ghar jana hai mujhe..( thoda irritating awaz main)

D: bas aa gaya .. ustaad ji…gate pe pahuch Raha hu…( zaldi se cycle chalate hue)

Tabhi sarla bhi aa gayi..aur lakan se boli..

S:: gate khol dijiye na ..( halki smile se)

Lakan utha aur bahar ko aate hue bola..

L:: ho gaya kaam Tera..,??( Lock kholte hue)

S: haan….aaaj bhut garmi hai…( saree ke pallu se pasina pochate hue)

L:: haan garmi to hai..to ab ghar jayegi??( Gate ke pass kahde ho ke)

S: nahi to .jana hai kaam pe .dusre ghar…der bhi ho gayi hai…( bhaar ko jate hue)


Lakan usse dhere se bola .


L: ruk ja ..main bhi ja hi Raha hu…chor dunga ..( chance lete hue)

Sarla usko dekh ke boli..

S;: nahi chale jaungi..Roz ka hai mera to…app to duty pe hi ho…


L:: nahi Deepak aa raha hai..tu aage rukna main aata hu..chor dunga…( zaldi se ander ko dekhte hue)


S: thik hai..main aage mod pe rahungi ..aaoge ??( Thoda confused ho ke)


L:: haan haan aunga ..bas aa hi gaya hai wo…( dur se road main dekhte hue Deepak ko)

Sarla phir chale gayi..lakan uske piche dekh raha tha…

Tabhi Deepak aa gay..aur wo herain tha ki lakan aaj itna zaldi main kyn hai.??


Wo cycle ander la ke khade karte hue bola..


D: kya baat kahi Jana hai kya apko???( Pasina poch ke)


L: haan yaar jana hai…sun report bhej dena …mujhe der ho rahi hai .( Apni cycle lete hue)


Aur fir zaldi se nikal gaya .

Deepak box main Beth ke report dekhne laga…

Wahi lakan sarla ke paas gaya aur cycle rok ke bola..

L: beth….( Sarla ko dekh ke)


Sarla bhi saree ko lapetate hue beth gayi halka sa muskura ke..


Raste bhar dono baat karte rahe…tabhi lakan baaton hi baaton main usse pucha..

L:: Tera pati kya kaam karta hai??( Cycle khinchte hue)

S: kuch nahi karta hai .bas daru chaiye .din bhar…( muh bana ke)

L: aur bacche kitne hai tere??( Halka sa piche muh karke)

S: 3 bacche hai…2 ladki ,1 ladka..( piche bethe hue idhar udhar ko dekh ke)


L; to bacchon ko isse hi chor aati hai .( Palat ke sarla ko dekh ke)

S:: kya karu fir?? Kon dekhega.. bacchon ko palne ko to bahar nikalna hi padega…

Lekin badi beti dekh leti hai ..kya karu ,sab aise hi hai ..( gehari saans le kar ,apni garibi ko yaad karte hue)

Lakan ye sun ke chonk gaya..aur bola..


L; kitni badi hai teri beti???( Sarla ko shocked ho ke dekh ke)

Sarla hand ke dekhi aur boli..


S: 8 vi class main padhti hai ..meri beti ..( Hans ke)

L: kya …?? Tu to nahi lagti itni badi??( Herani se)

S: hmmmmm….( Apne tariff pe khus ho ke muskan se)

S: chote main ho gayi thi shadi .16 saal main..

Beti ho gayi hai 15 ki ..( muskura ke piche se bethe hue boli)


L:: aacha .bhut zaldi kar li tune shadi .???


S: kya karu?? Maa gujar gayi thi…baap sharabi tha..
Us time akal thi nahi …mera pati pehle se hi yahi kaam karta tha..
Aa gayi uske sath..muje kya pata tha .ye bhi aise hi nikaega…( dukhi ho ke apne din yaad karte hue)


L: hmm…tuje koi dikkat hogi to bata dena .. parsan na hona ..( palat ke sarla ko dekh ke)


S: haan…aacha muje yahi utar do…yaha se chale jaungi…yahi pe hai .madam ji ka ghar ..( paas pe Chauraha ko dekh ke)


Lakan ne cycle roki aur ek duKan se bacchon ke liye kuch le liya aur bola .


L: le ye apne baccho ko de Dena…( casually bol ke)

Sarla hans ke majaak main boli .


S: accha..aur bacchon ki maa ke liye .hihihihihi……( khilkhila ke hanste hue)

Lakan uske blouse ke aur dekh ke , kamuk nazar se bola..


L: bacchon ki maa ke liye kabhi kuch aur dunga….ager bacchon ki maa bologi to ..( sarla ke jism ko ghur ke)


Sarla buri tarah se sharma gayi .aur hanste hue boli..

S: accha main chalti hu …apko bhi der ho gaya hoga…( idhar udhar dekh ke)

L: subh kaise aati hai?( Sarla ko dekh ke)

S: aa jati hu pedal pedal…ye auto Wale bhut Paisa lete hai….( Muh bana ke)

L: bata dena nahi to mere sath chalna .yahi pe mil jana…( dheere se bola)


S:: nahi nahi ..aa jaungi .Roz ka hi hai ..( casually bol ke)

L:: kyn dar lag raha hai kya ? Pati se …( sarla ko ghur ke dekhte hue)

S: hunnnnhh..usse lagega dar…bada aaya…nahi main 6.30 baje tak jati hu na..
App to zaldi chale jate ho tab….

L: chal thik hai…ja fir tu…

Sarla jane lagi to lakan piche se bola..

L: are number de deti apna….kabhi phone karne ko hota…( piche se thoda zor se)

Sarla aage ko chalte hue palat ke boli..ishare se..

S: kal ko dungi …( muskura ke lakan ko dekh ke)

Lakan usko jate hue dekhne laga..aur man main sochne laga..


Maal to ye bhi kadak hai…garm hogi ye bhi….Leni to hai uski..kaise bhi ..


Aur fir apne ghar ko chale Gaya…lakan ke mind main aaj , ek taraf Anita thi to dusre taraf sarla thi..

Wo kaise bhi dono ko bhog lena chata tha..lekin Anita ko pana itna asaan nahi tha..lekin sarla usko ab asaan sa shikar lagne lagi thi..

Wahi sarla pedal pedal chalte hue , lakan ke bare main sochne lagi thi..


Kaha wo pehle lakan ko dekhti bhi nahi thi…lekin aaj wo uske sath cycle main aa gayi thi…

Aur man hi man muskura rahi thi..lakan ke phone number mangane ki baat pe..

Aur man hi man Sochi..


Ek din cycle main laye nahi ki ,phone number chaiye…hunnnhh…

Itne asasni se de dungi kya number…??? Ohh ram Singh kaka ko bhi phone karna hai..kahi ager ram Singh kaka ko pata chal gaya to ki main lakan se baat karti hu to gussa to nahi honge?

Nahi nahi lakan ko koi number nahi dungi…Khali fir phone karta rahega..


Wahi Ghar pe Anita ander bethi thi .aur lakan aur sarla ke bare main soch rahi thi..

Kahi na kahi Anita ko sarla pe gussa aa raha tha..aur man main sochne lagi..

Dekha kaise baat kar rahi thi …?? Zara sa ajaadi mili nahi ki…hunnhh..

Wo lakan bhi aisa hi hai..har jagh muh marne ki adat..

Muje kya jo karna hai kare…hunnnhhh…


Tabhi usko Anand ki yaad aayi aur wo phone ki..

Anand ne phone uthya…wo wapas aa raha tha…


An:: haan Anita..tumko hi phone karne wala tha…( Prabhu dyal ke or dekh ke)


A:: kyn??( Muh bana ke)

An:: are wo Prabhu dyal ji ki miss is nahi aaye??


A:: Kyn?? Kab??( Shocked ho ke)


An:: are subh keh rahe the ki Anita se milne jaaungi..tab keh raha hu..sayad kahi bussy ho gaye honge…


A:: bata nahi sakte the aap?? Ram Singh bhi nahi hai…sarala bhi chale gayi hai..aapse to main kya hi kahu…( muh bana ke gusse se)


An: are tum bhi .chalo thik hai…raat ko aa jaunga…kahna mat banana…( baat kaat ke,)

Anita hello hello kehte reh gayi. Aur Anand phone kaat diya..usko Anand pe bhut gussa aaya..

Wahi Anand parbhu dyal ko dekh ke muskura ke bola…

An: ajj kal to itna gussa karne lagi hai .kya batau??( Hans ke)

Prabhu dyal bhi hans fiya..aur man hi man bola..


Maal bhi to kada hai..Anand babu tumhara…tum yaha randiyo ki lene ke chakkar main ho..waha Ghar main tumhare Kuan ka pani nikalne wala nahi hai..

Ab hamko hi karna padega kuch….


Wahi Ghar main Anita , vedans ko daant ke padhane bethal di…

To tabhi intercom Baja..


Anita zaldi se gayi.. Deepak bola .


D:: malam ji jai hind…


A,:: haan Deepak…( bade salike se baal ki laat ko kaan ke piche dala ke)


D:: ji madam ji .wo vidhayak ji ke ghar se aaye the unke madam …


Anita ne jaise hi suna..wo shocked ho gayi…aur hadbada ke boli…

A: ohhh…..haan haan…le aao …ander ..( hadbada ke)


Anita ne phone rakha..aur Anand ko man hi man kosa…


Aur sochne lagi ki..ab use khaan banana padega…tabhi door se awaz aayi..


Helloooo…. Vedans…..( ek jawan aurat ki awaz)


Anita door pe gayi..aur lock kholte hue boli..


A: ohh.. namaste namste….aaiye..Aaaiye….( Dikhawati hansi se)


Sarita ander aa gayi…wo ek heavy saree pehne thi…

Sarita 43 saal ki jawan bhare jism ki mada thi…jiske upper niche sab gol tha.. height bhi choti thi…aur pale face wali ..sexy mada thi..


Tight maroon cotton blouse jispe white bra ki chaap saaf dikh rahi thi..side se uske bra ka strip bhi bahar nikal aaya tha..


Anita ne uske blouse ko dekha .aur uske boobs ka size dekha..aur uska mind khud hi compare karne laga ki kiske bade hai..


Anita ne paya ki , Sarita ke hi zaida bade hai…wo ek puri Milf thi..

Jabki Anita abhi ek Hirani si..apne jawani ke peak pe pahuchi hui mada..


Anita ko dyan aaya..aur wo ye sab gate khone aur Sarita se baat karne main ye sab soch Li thi…


Sarita ander aayi to piche se uska beta Rohan nikal ke aaya.
.aur Anita ko dekh ke muskura ke namste kiya..


Anita to mano apne khayal se bahar aayi..aur jaldi se namste namste boli…

Aur ander ko aate hue palat ke boli .


A: iske papa abhi bata rahe hai..mujhe..ki aap aane wale ho..( muskura ke palat ke)


Sarita piche chalte hue boli..


S: haan subh se aane wali thi..ab iske papa , driver ko le kar gaye hai..2 driver bhar gaye hai..koi tha nahi Ghar pe..

Abhi Rohan ko bola Maine…kab sesoch rahi thi aaungi…aa nahi paa rahi thi…aaj iske papa bhi nhi the..nahi to din bhar fursatnahi milati hai…kabhi koi kabhi koi aata hi rehta hai ..

A:: haan wo to hai…( Sarita aur Rohan ke samne Beth ke)

Rohan Anita ko chori chupe dekh raha tha…wo to Anita pe pehle din se hi Fida tha..


Lekin Anita ne koi dyan nahi diya ..wo to usko ek baacha hi samjh Rahi thi…


Usko kya pata ye baacha uske upper chadne ke sapne dekh raha hai ..

Tabhi Sarita boli..apne per ko upper utha ke dard bhare face se..


S: ab to ye per kamar bhi bekar ho gayi hai..mis . Singh….bhut dard hai…( dard bhare face seanita ko dekh ke)


A; kyn kya hua??( Herani se dekh ke)


S: kya pata ghutne main bhut dard hai…kitna dawai kha li…ye english dawai se to Mera wajan bhi badh raha hai..ab doctor kehta hai ghumo…kaise ghumo. Aise pero se…( dard bhare face se)


A: haan ye to dikkat ho hai..abhi se…kaise ho gaya…


S: wo hi to…bhudhape main kya karungi?? Abhi to 43 va hi laga hai…( Hans ke)


Anita bhi hans di .tabhi flow flow main wo bol padi .


A: aap na ek baar ayurvedic dawai lo…muje bhi abhi problem Hui thi…wo hi le rahi hu….Hakim jo hai ek…


Anita ne jaise hi hakeem bola .usko yaad aaya ki wo kya bol di hai..Sarita ke samne….apne per main khud hi kulhadi maar di..aise usko laga..


Tabhi Sarita boli..


S:: kon hakeem ?? Kha rehte hain?? Muje bhi dikhana hai…bhut pareshan hu…( badi utsukta purvak)


Anita ko mano Kato to Kun nahi .usko ho gaya ki wo kyn bol di..lekin ab to bol diya..


A: wo wo…muje nhi pata ..mere waha kaam wali aati hai..wo hi laayi dawai…ek baar laayi thi wo ghar pe hi…yahi dawai de di…( ek saans main bol padi)


S: oh…..( nirash ho ke)

Number to hoga?? Ek baar dikha do..muje bhi..kya pata yahi se lag jaye dawai…doctor keh raha hai..nahi to operation karna hoga..muje to bhut dar lagta hai..kaun dekhega Mera ghar…iske papa .,isko…( pareshan ho ke)


Anita kaise bhi wha se bahnga cha rahi thi…aur wo bahana bana ke juice lene ke bahaane kitchen ko gayi…aur apne sir pe zor se maar ke apne ko kos ke boli..

Ab mat tu!!! Akal naam ki cheez nahi hai tere ander….kya bolegi…ab agar Hakeem ne kabhi ,isse bol diya to..


Kuch to soch ke bola kar….

Anita ko bhut tension ho raha tha ..wo jaise taise juice le kar aayi..


Usne dekha ki Rohan aur uski maa kuch baat kar rahe hai ..

Tabhi Anita aa gayi…uske face ka rang udda hua tha…


Tabhi Sarita bag se kuch nikal ke boli ..


S:: aaj vedans kha hai?? Padhai kar raha hai kya??(Hanste hue)


A: are wo padhai kar raha hai…( Hans ke ander ko dekh ke)


Sarita Rohan ko dekhi aur ander Jane ka ishara ki…


Rohan man maar ke chala gYa..wo to bas Anita ke samne hi bethe rehna chata tha..

Uski nazar Anita ke boobs pe thi ..aur Anita ke cut wale suit ke bagal main , uski armpit pe..



Tabhi Sarita fir se boli .


S: app ek baar bata dete to main hi chale jati…( request bhari awaz se)


Anita ko samjh nahi aaya ki wo kare to kya kare…


A: haan haan…main kal sarla ko bolti hu ..uske pass hi number hai na..main kha rakhungi unka number…

App ko kal de dungi…


Fir dono ki aise hi baat hone lagi..Sarita apne bare main baat karne lagi…

Aur bolne lagi dusre bacche ke liye ..Anita ne jo tha sab bata diya…


Anita ka baat karne main bilkul man nahi tha tension se uska sir dard kar raha tha..


Anita formalities ke liye unko dinner ke liye puchi , but Sarita ne mana kar diya..

Wahi Rohan bahar aa gaya..wo Anita ke prati akarshan mehsoos karne laga tha..uska to man tha ki wo yahi ruk jaye..is mast maal ke pass..


Kher kafi der baat karne ke baad wo log Jane Lage..

Sarita jate time fir Anita ko ,hakeem se baat karwane ko boli..

Anita bhi bas dilasa dene ko haan haan kar di..


Kher wo log gaye..aur Anita Rohan ko boli..


A:: Rohan mummy ko laate rehna ….haan …( car ke window pe jhuk ke )


R: ji zaroor..ab to dekh liya hai maine ..aunga..aap bhi aaiyega..( Anita ko dekh ke)


Jhukane se Anita ke moti cleavage ki lakeer saaf dikhne lagi thi jiska Anita ko koi andaaz nahi tha..

Lekin Rohan ka ling tan ke khada ho gaya wo nazara dekh ke..

Aur fir wo log chale gaye..

Unke jate hi Anita zaldi se ander gayi…aur tension main wahi beth gayi..ki ab kya kare..

Sarita to mano uske piche hi pad gayi thi…


Anita ko samjh main nahi aa raha tha ki ab wo kya kare..w
Usko dar ye tha ki agar galti se kabhi hakeem ne kuch bhi bol diya uske samne ,to wo to mar hi jaayegi..

Aur wo aisa koi chance nahi lena chatai thi…to uske mind ne usko bola..


Agar Hakeem ,Sarita ji ke sath bhi……….


Ye soch ke Anita ke face main muskaan aaa gayi…

Lekin dil bola..


Haan sabko apne jaisa samjh Rahi hai tu??

To mind bola..


Kyn?? Wo aurat nahi hai?? Dekha kitni acchi lagti hai…haan thoda weight hai…lekin itna bhi nahi ki kisi ko pasand nahi aaye..

Dekha uski breast ??


Aur hakeem ko dekh ke lagta hai..?? Wo to sarla ko na chore!!


Lekin hakeem kaise karega?? MLA ki wife hai ..na na…wo aise to nahi karega..


Muje bolna hoga!!! Lekin main kaise??? Pagal hai??


Accha jab tu uske room tak ja sakti hai ..bhar bete ko bussy karke uske sath intimate ho sakti hai to..

Jab tere life ka sawal hai to tu.. usse ye nahi bol paaa rahi hai ..??


Or ye sab sochne ke baad , Anita uthi aur mobile li…usko samjh nahi aaya ki ,bole to kya bole??


Lekin wo phone ki..


Hakeem aise hi real dekh raha tha..Anita ka number dekh ke uske kaan kahde ho gaye…


Wo turant phone pick Kiya..


H: hello…mohtarma ( bhut khus ho ke)


A: heellloo….hakeeemmm ji…..(thoda jhijhak ke)


H: haan ji farmaiye…app to message bhi nahi ki…( muskura ke)


A: wo wo..aise hi…suniye na ek kaam tha…( sankoch karte hue)


H: Hukum kare..sarkar….( Khush ho ke)


Hakeem soch raha tha ki , Anita usko kal aur bulayenge..


A: wo wo…app MLA Prabhu dyal ji ko jante ho????( Thuk nigal ke)


H: haan haan …kyn kya hua?? Wo tandurast to hai??


A: are wo thik hai…actually unki wife hai na..unke pero main dard hai..ghutne main..to maine na apka naam bol diya dawai ke liye..


H: accha accha..to kya ho gaya…kitne log aate hai…hamare pass…mohtarma hamari dukan choti hai..lekin hamara ilam bhut bada hai…

A: are wo thik hai..ab kaise bolu…pls agar unko mere aur apke bare main pata chal gaya to….main kahi ki nahi rahungi…

Sach main bhut tension main hu…( lagbhag bhare hue gale se)


H: offf….oooo…apko matlab abhi bhi hum pe yakeen nahi aaya na…??

Aapko kya lagta hai..hum apki izzat duniya mein nilam karenge???

A:: are wo baat nahi hai …muje viswas hai aap pe..tabhi main apke pass aayi thi..aur aaj bhi apko bulaya tha…( thoda embarrassing feel karte hue)

Anita ke muh se ye sun ke ,hakeem ka lund fir se khada ho gaya..aur wo ling ko daba daba ke baat karne laga .


H: uffff…aappp mat poochiye…kitne deewane ho chuke hain aapke!!!!....


A: pls app wo sab mat boliye…mera ek kaam kar sakte hain aap?? Pls!!( Request karte hue)


H: haan haan bataiye na…kya karna hai .Kasam semana nahi karenge..( serious ho ke)


Anita ne ek gehri saans bhari….aur boli..

A: to phir apko unke sath bhi……

Anita ruk gayi..


H: matlab..?? App chahti hain ki..hum unke sath bhi humbistari kare???( Aankh badi karte hue)


Anita aankh band karke boli..


A: haaannnnn…..( tez tez saans lete hue)

Dono taraf se koi awaz nahi aayi…

Aur fir hakeem bola..


H:: to iska matlab ye hai ki..app humse koi talukat nahi rakhna chachati hain?? ( Serious awaz main)

Anita ne ye suna aur wo irritating awaz main boli..


A: maine..( zor se chidd ke)

Fir awaz ko dheere karte hue boli..


Maine ye kaha apse??? Bas Mera ye kaam kar do bola…( thoda gusse se dheere se)


H: thik hai…app jaisa kahin , wo ho jayega..

Lekin apko bhi ek wada karna hoga ..



A: ab kya ??( Frustrated awaz main)


H: app hamare sath , hamesa hi jismani talukat rahenge!! Hamesa…jaise ab tak hua hai….aaage bhi karte rahenge..

Ya to hamare kamre main..ya hamko apne waha bula ke…waise hi jaise apne us din hamara sath diya tha….wada kariye….( Apne khade ling ko masal ke)


Anita ye sun ke sharm se laal ho gYi …aur bas embarrassing feel karte hue ye hi boli..


A: haan….thik h…waise hi rahega….ab bas…

Lekin jo maine kaha hai..wo ho jana chahiye.bas…

H: ho jayega….ek guzarish kar sakta hu??


A: kitni baar guzarish karte ho aap..boliye ..( irritating awaz main)


H: wo unki koi photo mil jati to…..


A: hmmm…( soch ke..)

Ek hogi mere pass de rahi hu..lekin unko kabhi pata nahi chalna chaiye ..mere bare main …


H: app fikar na kare…nahi hoga ..


A:: thik h main send kar rahi hu..koi jaldi nahi hai..apne hisab se dekh ke karna..

Aur thoda sambhal ke…


H: haan thik hai…hum sab kuch dekh ke hi karenge…
App bhi dawai to kha rahi hain na??


A: haan….


H: apke sohar aa gaye??


A: nahi …


H: kal mil sakte hai?


A: nahi abhi nahi.. Maine bata dungi…pehle jo kaam bola hai..wo kariye ..fir ..

H:: thik hai ..app photo dijiye..


Anita ne phone Kata aur hakeem ko photo bhej di Sarita ki..

Hakim ne photo dekhi gaur se…maroon lipstick…uff bhare hue jism ki Malkin..

images-2

Hakim apna ling masal ke bola..


Waah Suleman ,Allah meherbaan hai..ek se ek Noor bhej raha hai…

Tabhi wo man main socha..

Ye kaise aayegi??


Aur fir socha…

Hmm..isko bhi dawai Deni padegi..bhut Aram se ..karna padega…risa
k bhut hai ..

Tabhi Anita ne message kiya..


A: dekha??


To Hakim call Kiya..


H: haan dekha..lekin ye kha milenge??


A: hmmm..main milne ka kar sakti hu..yahi…baki fir tumhare upper hai…


H: ji thik hai…aur app bataiye..

A: kuch nahi abhi rakhiye..muje kaam hai…apko bata dungi .jaise bhi hoga .


H: baat kar lijiye na..


A: kaha na kaam hai ..( thoda strict awaz se)

H: photo to de dijiye kam se kam.. apne is kaneez ko..


Anita phone cut ki..aur zaldi se ek selfie bhej di..aur net off kar di..

Image-1727087973

Hakim mano ab dono ki photo dekhne laga.. mano compare kar raha ho…
 
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Sumit1990

सपनों का देवता
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Wah wah kya gajab ka update hai dost lajawab aur bhut garam ab to Hakim ki lottery lag gayi hai.....ab maja aayega threesome me....
 
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