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Erotica faithful to Unfaithful transformation story of an ips's wife.

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Ayesha952

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अनीता रामसिंह का इंतेज़ार करने लगी। थोड़ी देर में रामसिंह आ गया।

रामसिंह के मुंह से बीड़ी की बदबू आने लगी थी। वो सीधा स्टोर वाले कमरे को गया। तो अनीता उसको आवाज दी।

अनीता: रामसिंह! सुनो ( आवाज दे कर)

राम: हां जी मैडम जी आया। ( पानी पीते हुए)

और अनीता के पास गया।

राम: जी मैडम जी( अपना मुंह पोंछ कर)

अनीता: लो जूस पी लो।( रामसिंह को देते हुए)

रामसिंह थोड़ा झेप कर ग्लास ले लिया।

अनीता: कैसे करोगे? समान रख दिया?( थोड़ा टेंशन से)

रामसिंह: बस रख दिया है मैडम जी( पीते हुए)

अनीता: ठीक है कुछ मदद चाहिए होगी तो आवाज दे देना। मैं यही बैठी हूं( मैगज़ीन पढ़ते हुए)

रामसिंह: जी मैडम जी।( एक बार में पीते हुए)

फिर रामसिंह चला गया, वही अनीता के मोबाइल में फोन आया सरिता का।

सरिता उससे घूमने चलने की जिद्द करने लगी । अनीता उसको सब बात बता दी।

थोड़ी देर बात करने के बाद अनीता को , रोहन का मैसेज आया।

रो: हाय!

अनीता उसका मैसेज पढ़ कर थोड़ा सोची और रिप्लाई करी।

अनीता: हाय रोहन!

रो: मम्मी कह रही थी कि आप मना कर रहे हो चलने को?

अनीता: हां वो घर पर भी पेंट का काम चल रहा है। वेदांश के भी एग्जाम है तो।

रो: अरे तो फिर चलेंगे ना। चलिए ना प्लीज!

अनीता: अपनी मम्मी को ले जाओ। मैं क्या करूंगी वहां!

रो: मम्मी अकेले कैसे जाएंगी। आप भी चलते!

अनीता को उससे बात करने में कोई मन नहीं था तो वो थोड़ा रूड हो कर लिखी।

अनीता: क्यों मुझमें ऐसा क्या है?

रोहन उसका मैसेज पढ़ के थोड़ा हिल गया।

रो: सॉरी आप लगता है गुस्सा हो रहे हो। कोई नहीं।

अनीता कोई रिप्लाई नहीं की और मन में सोची।

अनीता: बड़ा आया घूमने वाला हुंह।।।( मुंह बना कर)

वही रोहन चिढ़ गया और मन में अनीता को गाली देते हुए बोला।

रो: बहन की लौड़ी साली रांड़, बहुत भाव खाती है। पति IPS है ना साली का। लूंगा तो जरूर साली की।

वही अनीता उठी और रामसिंह के पास गई और देखते रही कि वो क्या कर रहा है।

फिर किचिन में जा कर पेंट वाले को देखी। पेंट वाला उसको देखा लेकिन कुछ बोला नहीं।

अनीता फिर से रामसिंह के पास गई और बोली।

अनीता: रामसिंह!

राम: जी मैडम जी!( काम रोक कर)

अनीता: कुछ हेल्प करु?

राम: नहीं नहीं ।।ठीक है आप बैठिए।

अनीता: मन नहीं लग रहा। खाली बैठ कर नींद आ रही है। बेडरूम में भी वो लोग काम कर रहे है।( दरवाजे पर खड़े हो कर)

रामसिंह समान छांट रहा था। उसको भी अनीता का साथ अच्छा लगने लगा था। थोड़ी देर पहले ही वो अनीता को छू भी लिया था।

वही अनीता वही पर खड़े रही! और फिर चले गई। रामसिंह अनीता के हिलते हुए कुल्हे देखा।

और बस देखते गया जब तक दिखा। अनीता फिर वेदांस को पढ़ने को बोलने लगी लेकिन वो नहीं माना। तो वो फिर से रामसिंह के पास चले गई।

और रामसिंह से इधर उधर की बात करने लगी जबकि रामसिंह काम करते हुए बात करने लगा। अनीता भी आज रामसिंह से बहुत मन से बात कर रही थी।

तो रामसिंह भी बहुत खुश था। तभी वो प्लंबर आया और बोला।

प्लंबर: अरे रामसिंह भाई!

रामसिंह और अनीता दोनों प्लंबर को देखे ।

प्लंबर: वो थोड़ा सीमेंट लाना पड़ेगा। मैं अभी आता हूं।

तो रामसिंह अनीता के सामने थोड़ा चौड़ा हो कर बोला।

रामसिंह: क्या ,तुम लोग भी , 2 दिन हो गए है। जाओ ले कर आओ , और खत्म करो यार , बहुत दिक्कत हो रहा है ।

अनीता बस मन मन में मुस्कुरा गई। तो रामसिंह काम करते हुए बोला।

रामसिंह: एक तो वहां गुसलखाना का दरवाज़ा नहीं लगता है।( फर्श साफ करते हुए)

अनीता ने ये सुना तो बहुत शर्म महसूस करने लगी। रामसिंह बस ऐसे ही बोल पड़ा था।

अनीता , रामसिंह को उसको नहाते हुए देखने का सोचने लगी। उसके जिस्म में अलग दी सिरहन महसूस हो गई।

वही रामसिंह को भी याद आया कि वो क्या बोल दिया। वो चुप चाप बिना अनीता को देखे काम करने लगा।

अनीता अभी सर्वर रूम पर खड़ी थी। और वही कुर्सी पर बैठ गई। और सोचने लगी।

ह्म्म देखो, कैसे कह रहा है।।और सुबह मुझे नहाते हुए देख रहा था। और बाथरूम के दरवाजे पर अपना वो भी गिरा दिया।

( मन ही मन मुस्कुरा कर)

अनीता को अजीब सा महसूस होने लगा। जिस्म में अलग सी अंगड़ाई आने लगी ।तो वो रामसिंह को बोली।

अनीता: खाने का क्या करोगे? रामसिंह???( मुंह आगे को कर के , स्टोर रूम को देख कर)

रामसिंह: अभी रसोई का काम हो जाएगा तो बना देते है मैडम जी।

भूख लग गई क्या?( अनीता को देख कर)

अनीता: नहीं नहीं। ऐसे ही कह रही थी। नींद लग रही है बहुत। लाओ न थोड़ा काम कर देती हु।

तो रामसिंह उसको मन कर दिया। ऐसे ही दिनभर अनीता कभी हॉल में बैठ जाती तो कभी घर का काम देखते रहती।

रामसिंह किचेन को सेट कर दिया। प्लंबर भी शाम को काम निपटा के चला गया तो अनीता अपने कमरे में जा कर लेट गई ।

7 बजे जब उठी तो देखा रामसिंह किचेन को सही कर रहा था। पेंट वाले भी जा चुके थे।

अनीता बाहर आई तो रामसिंह बोला।

रामसिंह: मैडम जी । ये कॉफी ( कॉफी देते हुए)

अनीता कॉफी की तो वो बोला।

रामसिंह: वो मैडम जी कल वो लोग , आपके कमरे को रंग करेंगे। आप सोए थे तो उठाया नहीं।

अनीता: ठीक है। कर लेना।कल तो समान भूत हटाना पड़ेगा।( सोच कर)

रामसिंह: हम सब कर लेंगे मैडम जी। आप चिंता मत करिए।

अनीता: नहीं मैं भी करूंगी। हो जाएगा। अब तो लग रहा है कि कैसे भी ये पैंट का काम हो जाए।( कॉफी पीते हुए)

फिर रामसिंह बाहर गया। और अनीता के कपड़े उठा लाया ।और बोला।

रामसिंह: ये कपड़े कहा रख दी मैडम जी? ( हाथ में कैसे लिए)

अनीता रामसिंह के हाथ में अपने कपड़े देख कर शर्म से मर गई। कपड़े मतलब रामसिंह उसके चड्डी ब्रा भी लाया होगा।


तो वो नज़र फेर के मैगजीन पढ़ने का नाटक करते हुए बोली।

अनीता: अंदर ही रख दो रामसिंह।।( बिना उसको देखे)

रामसिंह अनीता के बेडरूम में कपड़े रख कर , वही से बोला।

रामसिंह: तह भी लगा दें। मैडम जी।( जोर से)

अनीता के मुंह से निकल पड़ा।

अनीता : हां लगा दो।( बिना सोचे, मैगजीन पढ़ते हुए)

अनीता को फिर समझ आया कि वो क्या बोल दी। लेकिन अब तो बोल दी। क्या कर सकते थे।

वही रामसिंह अनीता के एक एक कपड़े को तह करने लगा।।और अनीता की चड्डी और ब्रा को भी तह किया। और एक बार पीछे को देख कर , सूंघ लिया।

उसका लिंग खड़ा हो गया। और वो बस अनीता की चड्डी और ब्रा को देखते रहा ।।

तभी आनंद की गाड़ी आ गई। अनीता डर गईं । क्योंकि रामसिंह कभी ऐसे उसके बेडरूम में नहीं जाता था।

अनीता जल्दी से अपने कमरे को गईं। और अंदर जा कर देखा तो उसके होश उड़ गए।

उसने देखा कि रामसिंह उसके चड्डी को दोनों हाथों से पकड़े हुए खड़ा है।

शायद वो अनीता की चड्डी के शेप को देख रहा था। अनीता आई तो वो भी पलटा।

और दोनों की नज़र मिली। अनीता एक दम से उसको बाहर को देखते हुए बोली।

अनीता: रामसिंह इसके पापा आ गए है , जल्दी बाहर जाओ।( दबी हुईं आवाज से)

रामसिंह जो वैसे ही शर्म से मरे जा रहा था। अनीता की चड्डी को वही पर रख कर जल्दी से दबे पाऊं ,बाहर आ कर किचेन को गया।

किचेन में जा कर एहसास हुआ कि वो क्या कर दिया है।

उसको तो लगा कि आज गई नौकरी। उसका रोने जैसे मुंह हो गया।

तभी किसी से फोन पर बात करते हुए आनंद अंदर आया।।और सीधा सोफे पर बैठ गया।

अनीता अपने कपड़े , अलमीरा में रख कर बाहर आई। और ऐसे दिखाई जैसे उसको आनंद के आने का उसको पता ही ना हो।

आनंद बात करते हुए सोफे पर बैठ कर , जूते उतारने लगा।

अनीता उसके सामने बैठी थी।

आनंद ने फोन रखा तो वो बोली।

अनीता: क्या बात आज जल्दी?( घड़ी देख कर)

आनंद: हां एक मीटिंग में जाना है।( वाश बेसिन के ओर जा कर)

तो अनीता रामसिंह को आवाज दी।

अनीता: रामसिंह पानी लाना सर के लिए!!

और फिर आनंद से बात करने लगी घर के काम के लिए।
आनंद उससे बोला।

आनंद: जल्दी करवाओ यार । ( थोड़ा परेशान हो कर)

और रूम में थोड़ी कॉन्फिडेंसल फाइल है। अपने सामने ही रखना ।

तभी रामसिंह पानी ले कर आ गया। उसकी तो फटी पड़ी थी कि कही अनीता आनंद से कुछ बोल न दे।

लेकिन अनीता तो बिल्कुल नॉर्मल थी जैसे कुछ हुआ ही न हो।

वो जाने लगा । तो अनीता बोली।

अनीता: रामसिंह, कॉफी बना दो सर के लिए।( आनंद और रामसिंह को देख कर)

आनंद मना कर दिया। रामसिंह चुप चाप चला गया। थोड़ी राहत की सांस ली ।

वही आनंद नहा कर , कपड़े बदल कर चला गया 1 घंटे बाद।
वेदांश शाम से ही सोया था। अनीता उसको अभी उठाना नहीं चाहती थी।

अनीता , आनंद को बाहर छोड़ कर आई। और सीधा किचेन पर गई। जहां रामसिंह अपनी सोच में डूबे हुए, बर्तन कपड़े से साफ कर रहा था।

अनीता अंदर आई और बोली।

अनीता: रामसिंह!

रामसिंह एक दम से पलट कर सिर झुका दिया।

तो अनीता उसको बोली

अनीता: वो मुझे माफ़ कर देना।तुमको उस टाईम ,रूम से बाहर जाने को बोला। वो न इसके पापा की फाइल वगैरा रहती है ना।

वो खाली गुस्सा न करे इसलिए बोला।

( थोड़ा रिक्वेस्ट वाली आवाज से)

रामसिंह के होश उड़ गए। कहा वो सोच रहा था कि वो माफी मांगे गा। यहां तो उसकी मैडम जी उसको माफ करने को बोल रही थी।

क्या मैडम जी ने मुझे देखा नहीं??? रामसिंह ये सोच ही रहा था कि अनीता उसको बोली।

अनीता : क्या हुआ??( हंस के)

रामसिंह; जी जी , कुछ नहीं मैडम जी। ( इधर उधर देख कर)

अनीता: खाना बना दो न , बहुत भूख लगी है। ( मुस्कुरा कर)

फिर अनीता फिर से , अपने कुल्हे मटका कर चले गई। रामसिंह सोच में पड़ गया कि क्या सच में , मैडम जी ने मुझे नहीं देखा???

लेकिन मैं तो उनके सामने ही ,उनकी चड्डी को पकड़े था।

मैं भी पागल ही हूं, ये बड़े लोग इतनी छोटी छोटी बात नहीं सोचते।

ऐसे ही अनीता ने , वेदंस को उठाया। और खाना खाया। फिर वो रामसिंह को कल का काम बताई।

रामसिंह हा हा बोलते रहा। और फिर अपने कमरे को चला गया।

और जा कर अपने चारपाई पर लेट कर सोचने लगा।


आज तो बच गया। मुझे लगा , मैडम जी ,साहब से बोल देगी। लेकिन क्या
मैडम जी को बिल्कुल बुरा नहीं लगा??

लेकिन क्या चड्डी ,पहनती है मैडम जी। आह।।।मन करता है।।सूंघता रहूं।

और ये सोच कर, रामसिंह अनीता की फोटो , व्हाट्सएप पर देख कर हिलाने लगा।।

shweta-tiwari-1702286027

और अनीता के बारे में अश्लील बात करते हुए खुद को शांत करने लगा।

जारी रहेगा।।
𝐍𝐢𝐜𝐞
 
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Himanshu Garg

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अनीता रामसिंह का इंतेज़ार करने लगी। थोड़ी देर में रामसिंह आ गया।

रामसिंह के मुंह से बीड़ी की बदबू आने लगी थी। वो सीधा स्टोर वाले कमरे को गया। तो अनीता उसको आवाज दी।

अनीता: रामसिंह! सुनो ( आवाज दे कर)

राम: हां जी मैडम जी आया। ( पानी पीते हुए)

और अनीता के पास गया।

राम: जी मैडम जी( अपना मुंह पोंछ कर)

अनीता: लो जूस पी लो।( रामसिंह को देते हुए)

रामसिंह थोड़ा झेप कर ग्लास ले लिया।

अनीता: कैसे करोगे? समान रख दिया?( थोड़ा टेंशन से)

रामसिंह: बस रख दिया है मैडम जी( पीते हुए)

अनीता: ठीक है कुछ मदद चाहिए होगी तो आवाज दे देना। मैं यही बैठी हूं( मैगज़ीन पढ़ते हुए)

रामसिंह: जी मैडम जी।( एक बार में पीते हुए)

फिर रामसिंह चला गया, वही अनीता के मोबाइल में फोन आया सरिता का।

सरिता उससे घूमने चलने की जिद्द करने लगी । अनीता उसको सब बात बता दी।

थोड़ी देर बात करने के बाद अनीता को , रोहन का मैसेज आया।

रो: हाय!

अनीता उसका मैसेज पढ़ कर थोड़ा सोची और रिप्लाई करी।

अनीता: हाय रोहन!

रो: मम्मी कह रही थी कि आप मना कर रहे हो चलने को?

अनीता: हां वो घर पर भी पेंट का काम चल रहा है। वेदांश के भी एग्जाम है तो।

रो: अरे तो फिर चलेंगे ना। चलिए ना प्लीज!

अनीता: अपनी मम्मी को ले जाओ। मैं क्या करूंगी वहां!

रो: मम्मी अकेले कैसे जाएंगी। आप भी चलते!

अनीता को उससे बात करने में कोई मन नहीं था तो वो थोड़ा रूड हो कर लिखी।

अनीता: क्यों मुझमें ऐसा क्या है?

रोहन उसका मैसेज पढ़ के थोड़ा हिल गया।

रो: सॉरी आप लगता है गुस्सा हो रहे हो। कोई नहीं।

अनीता कोई रिप्लाई नहीं की और मन में सोची।

अनीता: बड़ा आया घूमने वाला हुंह।।।( मुंह बना कर)

वही रोहन चिढ़ गया और मन में अनीता को गाली देते हुए बोला।

रो: बहन की लौड़ी साली रांड़, बहुत भाव खाती है। पति IPS है ना साली का। लूंगा तो जरूर साली की।

वही अनीता उठी और रामसिंह के पास गई और देखते रही कि वो क्या कर रहा है।

फिर किचिन में जा कर पेंट वाले को देखी। पेंट वाला उसको देखा लेकिन कुछ बोला नहीं।

अनीता फिर से रामसिंह के पास गई और बोली।

अनीता: रामसिंह!

राम: जी मैडम जी!( काम रोक कर)

अनीता: कुछ हेल्प करु?

राम: नहीं नहीं ।।ठीक है आप बैठिए।

अनीता: मन नहीं लग रहा। खाली बैठ कर नींद आ रही है। बेडरूम में भी वो लोग काम कर रहे है।( दरवाजे पर खड़े हो कर)

रामसिंह समान छांट रहा था। उसको भी अनीता का साथ अच्छा लगने लगा था। थोड़ी देर पहले ही वो अनीता को छू भी लिया था।

वही अनीता वही पर खड़े रही! और फिर चले गई। रामसिंह अनीता के हिलते हुए कुल्हे देखा।

और बस देखते गया जब तक दिखा। अनीता फिर वेदांस को पढ़ने को बोलने लगी लेकिन वो नहीं माना। तो वो फिर से रामसिंह के पास चले गई।

और रामसिंह से इधर उधर की बात करने लगी जबकि रामसिंह काम करते हुए बात करने लगा। अनीता भी आज रामसिंह से बहुत मन से बात कर रही थी।

तो रामसिंह भी बहुत खुश था। तभी वो प्लंबर आया और बोला।

प्लंबर: अरे रामसिंह भाई!

रामसिंह और अनीता दोनों प्लंबर को देखे ।

प्लंबर: वो थोड़ा सीमेंट लाना पड़ेगा। मैं अभी आता हूं।

तो रामसिंह अनीता के सामने थोड़ा चौड़ा हो कर बोला।

रामसिंह: क्या ,तुम लोग भी , 2 दिन हो गए है। जाओ ले कर आओ , और खत्म करो यार , बहुत दिक्कत हो रहा है ।

अनीता बस मन मन में मुस्कुरा गई। तो रामसिंह काम करते हुए बोला।

रामसिंह: एक तो वहां गुसलखाना का दरवाज़ा नहीं लगता है।( फर्श साफ करते हुए)

अनीता ने ये सुना तो बहुत शर्म महसूस करने लगी। रामसिंह बस ऐसे ही बोल पड़ा था।

अनीता , रामसिंह को उसको नहाते हुए देखने का सोचने लगी। उसके जिस्म में अलग दी सिरहन महसूस हो गई।

वही रामसिंह को भी याद आया कि वो क्या बोल दिया। वो चुप चाप बिना अनीता को देखे काम करने लगा।

अनीता अभी सर्वर रूम पर खड़ी थी। और वही कुर्सी पर बैठ गई। और सोचने लगी।

ह्म्म देखो, कैसे कह रहा है।।और सुबह मुझे नहाते हुए देख रहा था। और बाथरूम के दरवाजे पर अपना वो भी गिरा दिया।

( मन ही मन मुस्कुरा कर)

अनीता को अजीब सा महसूस होने लगा। जिस्म में अलग सी अंगड़ाई आने लगी ।तो वो रामसिंह को बोली।

अनीता: खाने का क्या करोगे? रामसिंह???( मुंह आगे को कर के , स्टोर रूम को देख कर)

रामसिंह: अभी रसोई का काम हो जाएगा तो बना देते है मैडम जी।

भूख लग गई क्या?( अनीता को देख कर)

अनीता: नहीं नहीं। ऐसे ही कह रही थी। नींद लग रही है बहुत। लाओ न थोड़ा काम कर देती हु।

तो रामसिंह उसको मन कर दिया। ऐसे ही दिनभर अनीता कभी हॉल में बैठ जाती तो कभी घर का काम देखते रहती।

रामसिंह किचेन को सेट कर दिया। प्लंबर भी शाम को काम निपटा के चला गया तो अनीता अपने कमरे में जा कर लेट गई ।

7 बजे जब उठी तो देखा रामसिंह किचेन को सही कर रहा था। पेंट वाले भी जा चुके थे।

अनीता बाहर आई तो रामसिंह बोला।

रामसिंह: मैडम जी । ये कॉफी ( कॉफी देते हुए)

अनीता कॉफी की तो वो बोला।

रामसिंह: वो मैडम जी कल वो लोग , आपके कमरे को रंग करेंगे। आप सोए थे तो उठाया नहीं।

अनीता: ठीक है। कर लेना।कल तो समान भूत हटाना पड़ेगा।( सोच कर)

रामसिंह: हम सब कर लेंगे मैडम जी। आप चिंता मत करिए।

अनीता: नहीं मैं भी करूंगी। हो जाएगा। अब तो लग रहा है कि कैसे भी ये पैंट का काम हो जाए।( कॉफी पीते हुए)

फिर रामसिंह बाहर गया। और अनीता के कपड़े उठा लाया ।और बोला।

रामसिंह: ये कपड़े कहा रख दी मैडम जी? ( हाथ में कैसे लिए)

अनीता रामसिंह के हाथ में अपने कपड़े देख कर शर्म से मर गई। कपड़े मतलब रामसिंह उसके चड्डी ब्रा भी लाया होगा।


तो वो नज़र फेर के मैगजीन पढ़ने का नाटक करते हुए बोली।

अनीता: अंदर ही रख दो रामसिंह।।( बिना उसको देखे)

रामसिंह अनीता के बेडरूम में कपड़े रख कर , वही से बोला।

रामसिंह: तह भी लगा दें। मैडम जी।( जोर से)

अनीता के मुंह से निकल पड़ा।

अनीता : हां लगा दो।( बिना सोचे, मैगजीन पढ़ते हुए)

अनीता को फिर समझ आया कि वो क्या बोल दी। लेकिन अब तो बोल दी। क्या कर सकते थे।

वही रामसिंह अनीता के एक एक कपड़े को तह करने लगा।।और अनीता की चड्डी और ब्रा को भी तह किया। और एक बार पीछे को देख कर , सूंघ लिया।

उसका लिंग खड़ा हो गया। और वो बस अनीता की चड्डी और ब्रा को देखते रहा ।।

तभी आनंद की गाड़ी आ गई। अनीता डर गईं । क्योंकि रामसिंह कभी ऐसे उसके बेडरूम में नहीं जाता था।

अनीता जल्दी से अपने कमरे को गईं। और अंदर जा कर देखा तो उसके होश उड़ गए।

उसने देखा कि रामसिंह उसके चड्डी को दोनों हाथों से पकड़े हुए खड़ा है।

शायद वो अनीता की चड्डी के शेप को देख रहा था। अनीता आई तो वो भी पलटा।

और दोनों की नज़र मिली। अनीता एक दम से उसको बाहर को देखते हुए बोली।

अनीता: रामसिंह इसके पापा आ गए है , जल्दी बाहर जाओ।( दबी हुईं आवाज से)

रामसिंह जो वैसे ही शर्म से मरे जा रहा था। अनीता की चड्डी को वही पर रख कर जल्दी से दबे पाऊं ,बाहर आ कर किचेन को गया।

किचेन में जा कर एहसास हुआ कि वो क्या कर दिया है।

उसको तो लगा कि आज गई नौकरी। उसका रोने जैसे मुंह हो गया।

तभी किसी से फोन पर बात करते हुए आनंद अंदर आया।।और सीधा सोफे पर बैठ गया।

अनीता अपने कपड़े , अलमीरा में रख कर बाहर आई। और ऐसे दिखाई जैसे उसको आनंद के आने का उसको पता ही ना हो।

आनंद बात करते हुए सोफे पर बैठ कर , जूते उतारने लगा।

अनीता उसके सामने बैठी थी।

आनंद ने फोन रखा तो वो बोली।

अनीता: क्या बात आज जल्दी?( घड़ी देख कर)

आनंद: हां एक मीटिंग में जाना है।( वाश बेसिन के ओर जा कर)

तो अनीता रामसिंह को आवाज दी।

अनीता: रामसिंह पानी लाना सर के लिए!!

और फिर आनंद से बात करने लगी घर के काम के लिए।
आनंद उससे बोला।

आनंद: जल्दी करवाओ यार । ( थोड़ा परेशान हो कर)

और रूम में थोड़ी कॉन्फिडेंसल फाइल है। अपने सामने ही रखना ।

तभी रामसिंह पानी ले कर आ गया। उसकी तो फटी पड़ी थी कि कही अनीता आनंद से कुछ बोल न दे।

लेकिन अनीता तो बिल्कुल नॉर्मल थी जैसे कुछ हुआ ही न हो।

वो जाने लगा । तो अनीता बोली।

अनीता: रामसिंह, कॉफी बना दो सर के लिए।( आनंद और रामसिंह को देख कर)

आनंद मना कर दिया। रामसिंह चुप चाप चला गया। थोड़ी राहत की सांस ली ।

वही आनंद नहा कर , कपड़े बदल कर चला गया 1 घंटे बाद।
वेदांश शाम से ही सोया था। अनीता उसको अभी उठाना नहीं चाहती थी।

अनीता , आनंद को बाहर छोड़ कर आई। और सीधा किचेन पर गई। जहां रामसिंह अपनी सोच में डूबे हुए, बर्तन कपड़े से साफ कर रहा था।

अनीता अंदर आई और बोली।

अनीता: रामसिंह!

रामसिंह एक दम से पलट कर सिर झुका दिया।

तो अनीता उसको बोली

अनीता: वो मुझे माफ़ कर देना।तुमको उस टाईम ,रूम से बाहर जाने को बोला। वो न इसके पापा की फाइल वगैरा रहती है ना।

वो खाली गुस्सा न करे इसलिए बोला।

( थोड़ा रिक्वेस्ट वाली आवाज से)

रामसिंह के होश उड़ गए। कहा वो सोच रहा था कि वो माफी मांगे गा। यहां तो उसकी मैडम जी उसको माफ करने को बोल रही थी।

क्या मैडम जी ने मुझे देखा नहीं??? रामसिंह ये सोच ही रहा था कि अनीता उसको बोली।

अनीता : क्या हुआ??( हंस के)

रामसिंह; जी जी , कुछ नहीं मैडम जी। ( इधर उधर देख कर)

अनीता: खाना बना दो न , बहुत भूख लगी है। ( मुस्कुरा कर)

फिर अनीता फिर से , अपने कुल्हे मटका कर चले गई। रामसिंह सोच में पड़ गया कि क्या सच में , मैडम जी ने मुझे नहीं देखा???

लेकिन मैं तो उनके सामने ही ,उनकी चड्डी को पकड़े था।

मैं भी पागल ही हूं, ये बड़े लोग इतनी छोटी छोटी बात नहीं सोचते।

ऐसे ही अनीता ने , वेदंस को उठाया। और खाना खाया। फिर वो रामसिंह को कल का काम बताई।

रामसिंह हा हा बोलते रहा। और फिर अपने कमरे को चला गया।

और जा कर अपने चारपाई पर लेट कर सोचने लगा।


आज तो बच गया। मुझे लगा , मैडम जी ,साहब से बोल देगी। लेकिन क्या
मैडम जी को बिल्कुल बुरा नहीं लगा??

लेकिन क्या चड्डी ,पहनती है मैडम जी। आह।।।मन करता है।।सूंघता रहूं।

और ये सोच कर, रामसिंह अनीता की फोटो , व्हाट्सएप पर देख कर हिलाने लगा।।

shweta-tiwari-1702286027

और अनीता के बारे में अश्लील बात करते हुए खुद को शांत करने लगा।

जारी रहेगा।।
Bhai sahab kamal ki kahani hai ye,,, bilkul jindagi ki haqiqat
 
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