Tinax
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Nice and sweetUpdate 43
Shuhagraat Kayem rahe
Room no 1
तपन अपने लंड पर कॉन्डम चढ़ा लेता हे और आधी सीसी लुब्रिकेंट मल के तानिया की ऊपर चढ़ जाता है । दोनो की आखों से आंख मिलती है और दोनो ही सहमति जताता है ।
तानिया अपनी शिर के नीचे दो तकिए रख देती है ताकि उसकी हाथ नीचे पोहोच जाए । अपने नए पति का लन्ड पकड़ कर अपनी गान्ड की छेद पर लगा के जिशु को आखों से जवाब देती है जिशु की अपने सुपाड़े से तानिया की गांड के छल्ले का एहसास होता है और वो दबाव देता है लेकिन लंड पिछल जाता है ।
तानिया फिर से निशाना साध देती है और ध्यान रखती है की इस बार ना पिछले । जिशू उसकी आखों में देख के फिर दबाव देता है इस बार उसका लन्ड गांड की छेद भेद करते हुए एक चौथाई हिस्सा घुस जाता है तो तानिया तुरंत ही बची हुई लंड के हिस्से को कस के मुट्ठी मार के आन्ह्ह्ह कर के जोर से चीख पड़ती है ।
कमरे की दीवार लकड़ी को जिससे काफी दरारे थी तानिया की चिंख दूसरे कमरे तक सुनाई देती है ।
Room no 2
जिशु और शीतल को तानिया की चीख सुन के अपने कार्य पर रोध लगा देते है । जिशु बरबर करता हे ,,साला कमीना ,,
शीतल मुस्कुराने लगती है । जिशू भी मुस्कुराता है उसे देख कर और उसकी टांगो के जगह बना लेता है (हरामी साला रूक तुझे बताता हू ) और शीतल की चूत पर कड़ारा धक्का मारता है ।
शीतल दर्द से बिलबिला उठती है उसकी चीख दूसरे कमरे में जाती है ,, उईईईह्ह्ह मर गई ,,
Room no 1
तपन अभी भी कशिश में लगा था लेकिन अपनी मम्मी की चींख सुन के रूक जाता है ।तानिया की हसी निकल जाती है ।
तानिया मुस्कुरा कर ,, क्या हुआ अब पता चला किसी की मम्मी के साथ ,,,
तपन मुस्कुराता हे ,, थोड़ा सेहन करना प्लीज,,
तानिया ,, नही जोर से मत करना ,,
तपन तानिया को बाहों में भर के धक्के लगाने शुरू करते हे । तानिया हर धक्के के साथ घुट घूट के आन्न्ह्ह्ह आन्ह्ह्ह्ह अन्ह्ह्ह कर के गला फाड़ रही थी । उसकी भींची आंखे चेहरे की भाव बता रही थी की उसे तकलीफ हो रही है । लेकिन झेल रही थी जो एक औरत में वो सेहन शक्ति की ताकत छुपी रहती हे । तपन का लंड के आधे हिस्से उसकी टाईट गांड में कस के फैला कर घुसता था और बाहर निकलता था । सुकर था की उसकी गांड टाईट होने की वजह से लंड तेजी से घुस नहीं पा रहे थे ।
Room no 2
जिशु शीतल की आखों में देख के उसकी होंठ चूसने लगता है और एक मध्यम रफ्तार में शीतल को चोदने लगता हे । जिशू का लंड उसकी गीली चूत के पूरी गेहराई माप ले रहा था । शुरू के कुछ पल शीतल बोहोत चिंखी लेकिन बाद में उसे निरंतर आनन्द आने लगी और जिशु को कस के गले लगा के पूरी साथ देते हुए आह्ह्ह्ह उह्ह्ह कर ले कामसुख का आनंद उठाने लगी । जिशु बीच बीच में उसकी गाल चूमता कंधे चूमता बदन को मसलता । शीतल शर्म आ रही उसका बेटा उसके पास ही था दूसरे कमरे जिसकी हरकत सुनाई दे रहा था । लेकिन उस निजी असीलता पर उसे एक अलग ही जोश महसूस हो रही थी । और जिशू के आखों में आंख डाले जता रही थी की उसे कितनी कामसुख मिल रही है जिशु से ।
Room no 1
तपन थोड़ी देर के लिए विराम लेता है । तानिया भी राहत लेती है । गांड चुदाई में चूत चुदाई का मजा तो नहीं हे लेकिन किसी किसी को एक चचका लग जाती है जो कभी कभी किसी को वो चचका चूत चुदाई की मेज से ज्यादा आनंदायक होती है । पर तानिया को गांड मरवाने का कोई चचका नही थी । लेकिन आज पहली बार उसे अलग ही महसूस हुई । तपन की बाहों में कसती हुई खुद को आगोश में पा कर और तपन के लंड से बेहाल हो कर जिस्मानी रूप से मर्द का एहसास पा कर खुश थी । हर औरत चाहती है उसका पार्टनर जिस्मानी रूप से बेहतर हो ताकि उसको संतुषी दे सके । तपन ने उसकी रक्षा कर के पहले जी जता दिया था कि वो उससे कितना प्यार करता है खयाल रखता है । तानिया तपन से पूरी तरह से कायल हो चुकी थी ।
तानिया लंबी लंबी सांस ले के ,, फाड़ दी मेरी तूने ,,
तपन ,, ज्यादा दर्द हुआ क्या ,,
तानिया मुस्कुरा कर ,, नही बरदस्त कर सकती हू । तुम्हे कैसा लगा मजा आया ,,
तपन,, हा मजा तो आयेगा ही लेकिन थोड़ा अलग लगा । वो जो तुम्हारी छेद का मुंह हे ना वो एक दम रबर की तरह खींच के रखती है लेकिन अंदर नर्म नर्म अच्छा लगता है ।,
तानिया मुस्कुराती है ,, अच्छा भूल मत तुम्हारी भी वैसा ही है ,,
तपन हस पड़ता है ,, कितनी गंदी हो ,,
तानिया ,, चलो रूक क्यू गए ,,
तपन ,, थोरी गंदी बाते करो ना उनको सुना दो ताकि जले ,,,
तानिया मुस्कुराती हे । तपन फिर धक्के मारने लगता हे तानिया को भी मजा लेने की मन करता है और वो चिल्लाने लग जाती है ,, ,, ओह जानू आन्ह्ह्ह जानू उह्ह्ह्ह नहीं । प्लीज धीरे अन्ह्ह्ह मर गई । उन्ह्ह्ह्ह जानू अप्प्स आआह्ह्ह नही फट जायेगी । प्लीज जानू प्लीज ।,,,
Room no 2
जिशु कान खड़े कर के ,,, साला हरामी कर क्या रहा है ,,
शीतल उसे प्यार करती हे उसके गाल चूम के बोलती है ,,, शिंता मत करो तुम्हारी मम्मी को मजा आ रही है ,,,
जिशू,,, आपको कैसे पाता ,,
शीतल मुस्कुरा के ,, बस पता हे हर चीज बताए नही जाते है । कुछ चीजें समझा जाता है ,,
जिशु मुस्कुराता है और शीतल की लबों पीने लगता है । जिशु उसकी जीव डाल के सलाइवा पीने लगता है । शीतल मुग्ध हो जाती है कभी उसके पति ने ऐसे क्रीड़ा करते हुए जोशीला चुम्बन बिना टूटे कभी नही किया ।
जिशु अपनी मम्मी की कामुक आवाज़ें सुन के जोश में ताबड़ तोड़ धाक्के मारने लग जाते हे ।शीतल आनन्द में खुले मन से चुदवाने लगती है ।
एक नई बात थी की दोनो दोस्त को एक नया एहसास मिला एक नई अनुभव अपनी अपनी मम्मी की कामुक आवाज़ें सुन के जोश में एक दूसरे की मम्मी को चोदा मन में एक सुखद कामुक एहसास जो मिला था वो अनोखा था जो कभी सायेद एक दूसरे से बयान नहीं करेंगे ।
उस रात जिंदगी
मुझसे मुखातिब हुई
मुस्कराई करीब आई
बाँहों में जा समाई
हम-बिस्तर.... हम-बदन हुई
जैसे कि हों एक जान
एक ही जिस्म भी!
गुजरती रात के साथ
हम इठलाते रहे
सहलाते-गुदगुदाते रहे
एक दूजे के / अपने ही से
जिस्मों को
साँसें, धड़कन, छुअन, सिहरन
हर अहसास से
मिलन का / दो से एक होने का
इत्मीनान तलाशती सी अंगुलियाँ
थिरकती रही जिस्मों पर ....
वक्त थमा नहीं
रात ढलती रही
देर किसी पहर
कौंधे किसी प्रश्न ने शायद
सहलाने, गुदगुदाने को
कुरेदने में बदला होगा
जिस्मों सी नजदीकी को
दिलों में ढूँढना चाहा होगा...
शायद
खुशनसीबी पे गुमाँ की चाहत ने
सहलाते, गुदगुदाते
....कुरेदते हुए जिस्मों को
जज्बातों को
अहसासों को
जख्मी कर डाला
जिस्मों पर
जज्बातों पर
गहराते जख्मों की चीर-फाड़ से
सुबहे सेहतमंद होते रहे.
यकीं तिनका-तिनका बिखरता रहा
सुलगे हुए जज्बात
धुआं बन उड़ते रहे
नाजुक से अहसास दम तोड़ते रहे
सुबह
सलवटों से अटी
मसली हुई चादर पर
अनमने, अलहदा, खामोश,
....बेजान जिस्म
बीती रात की ‘रंगीनी’ के
राज खोल रहे थे!
हसीन रात यादों की पन्नो पर अंकित हो गया