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कालिकामुख,, हेती क्या क्या लगता है पहला अध्याय पूरी हुई की नहीं,,
हेती,, कलिकामुख पहला अध्याय पूरी हुई । इसका प्रमाण जिशू और तपन की नियति कह रहा है । ,,
प्रहेति,, और दोनो ने नियति को अपना भी लिया हे । इसका मतलब है की मक्खियां जैसे मिठाई के ऊपर भिन भिनाना नहीं छोड़ता थी उसी तरह दोनो मित्र भी अपनी अपनी मम्मियों की हुस्न की काम लीला से दूर नही रह पाया ,,
कुभीनशी,, तो क्या दूसरा अध्याय शुरू किया जाए । उसकी नियति लिखी जाए क्या ,,
वीरान जंगल में चार पेड़ और इंसान की मिश्रित रुप आकार के 50 फीट ऊंची ऊंची पेड़ जोड़ो से चलते हुए कथन कर रहे थे ।
हेती,, दूसरा अध्याय कौन लिखेगा ,,
प्रहेती,, इस बार बारी है कुभीनशी का ,,
कुभीनशी,, प्रस्सात है । मेरी मार्क अलग हे दूसरा अध्याय लिखा जायेगा मगर मेरी नजरिए से । मेरी रूसी तो जानते है ही हो तुम सब लोग ।
प्रहेति हस कर ,, पता हे राक्षस कुभीनशी पाता है तुम्हारी चाटन में किसी को दखल अंदाजी पसंद नही है । लेकिन आपकी अध्याय की रचनाएं बड़े उन्नत मान के होते हे दृश्य मनमोहक होते है मन केंद्रित हो जाते है ध्यान मग्न रचनाए होते है ।,,
कालिकामुख,, भाई मुझे तो अध्याय लिखते जमाना हो गए ।,,
प्रहेती,, क्यूं आप लिखना चाहते है क्या दूसरा अध्याय,,
कालीकामुख,,, इस्सा तो थी पर राक्षस जगत का असूल है हर कार्य क्रम अनुयाई होना चाहिए । में तीसरा अध्याय आन पड़ी तो उसपे मेरे कलम की चियाही होगी ,,
कुभीनशी,, शुर्किया कालिकामुख पर क्या वो अवसर आएगा तीसरी अध्याय की जरूरत होगी । पाता है ना मेरी अध्याय अंतिम और सतिक होती है ,,
कालिकामुख,,, मगर इस बार तीसरी अध्याय बनेगी । लिख के देता हूं में ,,
कुभीनशी,,, हां हां हां हां देखते है मेरी कलम क्या तीसरी अध्याय मांगती है की नहीं ।,,
हेती,, इसका अर्थ ये हुआ कि आपको अपने कलम पर भारशा नहीं है । आपकी कलम अंतिम बिंदु किस जगह पर दागेगी आपको नही पता क्या ,,
प्रहेती ,,, राक्षस हैती कुभीनशी के काबिलियत पर सन्देह मत करो याद है ना कुभीनशी का us कहानी की अंतिम अध्याय कितना प्रसलित हुआ था पूरा जंगल उत्सव मनाया था उसकी अंतिम अध्याय से प्रफुल्लित हो कर ,,,
हेती,, प्रहेति आप सायेद भूल रहे हे कुभीनशी का जुबान पत्थर की लकीर होती है ,,
कुभीनशी ,,,, अरे अरे राक्षस हेती , राक्षस प्रहेति आप दोनो तो बच्चो की लड़ पड़े । समय की नियति पर विश्वास रखिए उत्तर मिल जाएगा । चलिए थोड़ा विश्राम कर लीजिए ,,
A Memorable Morning
समय 10 बज कर 13 मिनट ।
विशू और चेतन झोपड़ी पर आता हे और दोनो कमरे के दरवाजे खटखटाता है लेकिन अंदर से कोई जवाब नही ।
विशू,, भाई इन लोगो की रात अभी हुई है लगता हे , ,
चेतन हस कर ,, भाई लगता है अभी अभी सोए है । देखो बरामदे में खाना वैसा का वैसा ही पड़ा है खाने का भी वक्त नहीं मिला होगा या सायेद भूल गए होंगे ,,
दोनों हंसने लगते है और दुबारा खटखटाटा हे
। दो मिनट बाद जिशू और तपन कंबल ओढ़े कमरे से बाहर निकलता है ।
जिशु ,, क्या है इतनी सुबह सुबह क्यू आए हो ,,
चेतन ,, वाह भाई वाह दोस्त से बात करने का क्या तरीका आ गया है वाह भाई वाह,,
तपन,, साले बकवास बन कर । बोल क्यू आया है ,,
विशू ,, 10 बज गए है । हम तो नौकर हे तुम लोगो का इसलिए पूछने आए हे नाश्ते में क्या खाओगे ,,
तभी दोनो धर्म पत्नी बिखरी हुई बाल बिखरी हुई मेकअप के साथ नाइटी डाल के सॉल ओढ के कमरे से बाहर आती है । विशू और चेतन दोनो को देख मुस्कुराने लग जाते ।
तानिया ,, ओए बदमाश क्यू हस रहा है ,,
चेतन मजाक में ,, भाभी यहां तो आप लोगो की ननंद हे नही तो हम ही ननंद बन कर पूछते है की सुहागरात किसी थी अच्छी गई या ,,,,
शीतल इधर उधर नीचे कुछ ढूंढने लगी । उसे देख कर तानिया बोली ,,, क्या ढूंढ रहे हो शीतल ,,
शीतल ,, झाड़ू ढूंढ रही हूं इन दोनो की मर्यादा याद दिला दू झाड़ू से,,
विशू ,, चेतन भाग बे ,,
विशु और चेतन रेलिंग से कूद जाता है और भागते हुए बोलता है ,, जब भूख लगे तब फोन कर देना एहसान फरामुस लोगो ,,,
शीतल और तानिया हसने लगती है । जब दोनो चले जाते हे तब दोनो की नजरे अपने अपने पति और बेटे के नजरो से मिलती है और दोनो शर्म से ।
जिशु और तपन एक दूसरे को कंधे उसका के पूछता है की क्या हुआ लेकिन दोनो ही नही जानते दोनो पत्नियां क्यू इस तरह से शर्मा के कमरे में भागी ।
जिशू ,, कैसा था एक्सपीरियंस,,
तपन ,, तू बता ,,
जिशू ,, पहले तू बता तेरे से पूछा हे मैने ,,
तपन ,, तुझे जवाब पता है ,,
जिशु ,, तो तुझे भी पता है मेरा जवाब,,
दोनों दो पल के लिए चुप हो जाते है ।
तपन कुछ बोलने के लिए मुंह खुलता है लेकिन फिर चुप रह जाता हे ।
जिशु ,, शर्मा क्यू रहा है बोल ना ,,
तपन उसके कान में ,, क्या तूने पीछे से किया ,,
जिशू ,, देत नहीं ,,
तपन चुप हो जाता है उसे लगता है गलत सवाल पूछ लिया ।
जिशू ,, तूने किया ,,
तपन ,, हम्म,,
जिशू ,, हरामी मेरी मम्मी को तकलीफ दी ,,
तपन ,, तुने भी तो दी हे ,,
जिशू ,, ऐसा कुछ नही है उनको मजा आया था ,,
तपन ,, तानिया को भी मजा आया था ,,
जिशु ,, तू नाम से बुलाता हे साले ,,
तपन ,, उसने ही बुलाने को कहा हे । रात को मैंने भी सुना हे मम्मी ने तुझे भी तुम और नाम से बुलाने को कहा है तुझे । अपनी गिरेबान में झांक कर देख । अब शर्म छोड़ो और सत्य को अपनाओ ,,
तपन हाथ आगे कर देता हे जिशु दो पल सोच के मुस्कुराते हुए उससे हाथ मिला देता है ,, छोड़ दिया ,,
दोनो बापच कमरे में घुसते है ।
Room no 1
तानिया दूसरे कमरे में सुनाते हुए ,, तुम दोनो जाओ हमारे लिए पानी गर्म कर दो ,,
तपन तानिया को बाहों में भर कर ,, इतनी जल्दी क्या हे ,,
तानिया ,, हटो अभी नही दिन निकल आया है ,,
Room no 2
जिशू अपनी धर्म पत्नी को कपड़े और बिखरे समान समतने से रोक देते हे और बाहों में भर लेता है ।
शीतल शर्माती हुई ,, ची अभी नही । ,,
और कुछी देर में दोनो कमरे से आईईईई आह्ह्ह्ह्ह आंचच्चच्च्छ आवाज गूंज उठती है । माहोल फिर एक बार गरम हो जाता है ।
Polakh555bhai,baaki ke dono jodo ka kuch karo.Kahi unke hatyaar ko jang na lage.Waise un Charo ne aapka koi niji nuksaan kiya hain kya?Unki story ka koi aaghaz na ho raha?