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Tapan's house
तपन लास्ट फिजिक्स की पेपर के लिए थोड़ा बोहोत पढ़ रहा था । चेतन ने ही उसे आंसर दिए थे जो उन तीनों को दिया था और एक नजर देख रहा था बाकी तो चेतन एग्जाम में उनके माइक्रोफोन में बोलने ही वाला था । तपन अपने कमरे से बाहर अपनी मम्मी और चेतन की बात करने की आवाज सुनता है । तपन अपने कमरे से बाहर निकल आया ।
तपन,, ओए तू यहां ,,
शीतल ,, देखो ना बेटा ये परेशान लग रहा है और कुछ बताता भी नहीं है ,,
चेतन और पतन एक दूसरे की नजर मिलती है और जैसे बिना कहे ही तपन समझ गया था । और अपने कमरे में आने का इशारा करता है । दोनो कमरे में घुस जाता है । तपन दरवाजा बंद करने से पहले ,, मम्मी हमारे लिए कुछ अच्छा खाना पका दो ना ,,
शीतल उलझन में उलझ गई चेतन को आज पहले बार काफी गम में दिख रहा था ।कुछ तो हुआ हे घर पर कुछ ज्यादा ही दांत पड़ी होगी ।पता करना पड़ेगा । और उसके दिमाग में एक ही शख्स का खायाल आता है ।
शीतल घर से बाहर पीछे की तरफ जा के फोन लगती है । और तुरंत ही दूसरी तरफ से फोन रिसीव होता हे । शीतल की दिल खुशनुमा हो जाती है मुस्कान से बावली हो जाती है ।
जिशू ,, हेलो माई डियर धर्म पत्नी ,,
शीतल शर्मा जाती है ,, चुप करो तुम । क्या कर रहे हो खाना खा लिया ,,
जिशू ,, नही अभी बस खाने ही वाला हूं वो नहाने में थोड़ा टाइम लग गया आज एग्जाम था ना ,,
शीतल,, अच्छा मुझे बताए नही कैसा था एग्जाम जानती तो हम तुम चेतन पंडित को उसके होते हुए हमारा एग्जाम कैसे खराब जा सकता है ,,
शीतल मुस्कुरा के ,, हा पता हे वैसे देवरजी येहा आए है । पता नही कुछ परेशान लग रहे है दोनो कमरे में बंद हो गए मुझे अंदर नहीं जाने दे रहे है ,,
जिशू मजाक में ,, कौन देवरजी ,,
शीतल शर्मा जाती है ,, चेतन । मजाक छोड़ो कपड़े पहन के सीधा आ जाओ में खाना बना रही हूं और दूसरे देवरजी को भी ले के आना ,,,
जिशू ,, में तो सोच रहा था की बिना कपड़ो के चला जाऊ ,,
शीतल हस्ती हे और फोन काट कर किचन में जाती है । शीतल बड़ी खुश लग रही थी हालाकि उसके लिए भी मुश्किल थी एक संसार रहते ही दूसरा संसार चला रही थी जिशु के साथ । कभी कभी उसे खुद को वडजलन लगती थी लेकिन जिशु के प्यार ने और धीरे धीरे मॉडर्न जमाने में ढलती जा रही थी या फिर नियति मान चुकी थी । जिशू के सिर्फ जिस्मानी सुख से ही नही मन की सुख से भी संतोष थी वो । समाज के लिए घृणा की बात थी लेकिन खुद की एक जिंदगी थी जो वो बिना सीमा रेखा के जीने में बेहतर जिंदगी दे रही थी जिसमे सिर्फ आनंद थी ।
inside tapan room
तपन,, क्या हुआ फिर से अंकल आंटी ,,
चेतन परेशान हो कर ,,, हा फिर से । इस बार गंदी गंदी गाली देते हुए दोनो एक दूसरे को । क्या करू में मेरी उम्र नहीं है दोनो को समझाने की फिर भी समझा समझा के थक चुका हूं । मुझे जिस बात का संदेह था वोही हुआ । ,,
तपन ,, हुआ क्या खुल के बता ना ,,
चेतन उसे पूरी कहानी बता देता है ।
दोनो उस विषय में बात कर रहे । और दस मिनट बाद कमरे की दरवाजे पे नोक होता है ।
तपन,, मम्मी खाना रख दो हम थोड़ी देर में खा लेंगे ,,
लेकिन तभी जिशु तेलीपोर्ट हो के अंदर आ जाता है और दरवाजा खोल देता हे विशु के लिए अब उसके पास भले ही रफ्तार वाली शक्ति थी लेकिन चीजों से आर पार होने की शक्ति तो नहीं थी ।
विशु और जिशू उन दोनो के साथ बैठ जाता है ।
विशू (चेतन से) क्या हुआ महा पंडित सुना है तु रो के आया मम्मी मम्मी कर के ,,,
जिशु हसने लग जाता है ।
तपन ,,, ये मम्मी भी ना बता ही दिया । भाई मजाक नहीं यार मामला सीरियस हे ।,,
फिर चारो गंभीर मुद्दा पे चर्चा करने लगते है ।
जिशु ,, ओके तो बात क्या है ,,
तपन फिर चेतन की बताई हुई कहानी विशू और जिशु को विस्तार से सुनता हे । दोनो बात को गौर से से सुनता भी है और राय रखने जाते है ।
जिशु ,, मतलब रतन अंकल का सच में अफेयर चल रहा हे ।,,
विशु ,, लेकिन दीपाली आंटी की नहीं है ,,
चेतन मुंह लटकाए बोलता है ,, क्या पता । पापा तो बोल रहे थे की उनके किसी डॉक्टर नवीन के साथ अफेयर चल रहा है । में तो पागल हो रहा हूं मेरी मम्मी पापा ऐसे निकलेंगे यार । क्या सोचा था क्या हो गया । अब दोनो तलाक ले रहे है ,,
तपन ,, यार ये तो बुरा हो गया ,,
लेकिन एक विशु था जो तीनों की विपरित दिशा में सोच विचार कर रहा था ,, चेतन तुझे अपने मम्मी पापा की अफेयर से प्रोब्लम है ,,
चेतन गुस्से में ,, यार कैसी बाते कर रहा हे किस बेटे को प्रोब्लम नही होगी अपने मां बाप की अफेयर से ,,
जिशु ,, यार विशू तू कैसी उल्टी सीधी बाते कर रहा हे । बात को समझ ले पहले कुछ भी बोलने से पहले ,,
विशु ,,, हा वोही तो में कह रहा हूं । जब तानिया आंटी तपन से और शीतल आंटी तेरे से अफेयर कर सकती है और तुम दोनो को कोई प्राब्लम नही है तो फिर रतन अंकल की किसी से अफेयर है तो इसमें क्या प्राब्लम भाई । तुम लोग भी तो उसी घाट की पानी पी रहे हो ,,,
तपन और जिशू निरुत्तर हो जाता है । चीज़े जितनी आसान दिखती है उतनी है नहीं । सच्चाई सबको करवा लगती है जब सच्चाई मान ना लो । विशू ने एक तरह से सही कहा था ।
विशू ,, क्या हुआ सांप सूंघ गया क्या । ,,
तपन ,, यार हमारी बात अलग है । चेतन की बात अलग है ,,
विशु ,, नही बात बिलकुल सही है । और में चेतन को आइना दिखा रहा हूं ,,
जिशु चिढ़ कर ,, मतलब तू हमें गलत ठहरा रहा है सब कुछ होने के बाद । शुरुवात में हमारी मदद कर के अब डाल से काला निकल रहा है ,,
विशु ,, नहीं में बस सच्चाई बता रहा हूं । चेतन को इतनी परेशान होने की जरूरत नही हे ,,,
चेतन सबपे बरस पड़ता है ,,, यार चुप रहो तुम तीनों । कहा की बात कहा ले जा रहे हो । बात मेरे प्रोब्लम की हो रही है ना की तुम लोगो की ।,,
चेतन ,, यार तुम लोग उपाय निकलने की जगह एक दूसरे की वकालत कर रहे हो ।,,
तीनों चुप हो जाता हे । और चेतन की बात पे फोकस करता हे ।
तपन ,, चेतन अब तुम क्या चाहते हो । अगर चाहो तो तुम्हारी पापा की अफेयर हम तुड़वा सकते है ,,
चेतन ,, उससे क्या होगा कुछ बदले तो नहीं मम्मी फिर भी पापा को माफ नेही करेगी । और पापा भी तो मम्मी को समझती है की उसकी भी अफेयर है बाहर ,,
जिशू ,, अगर ऐसा ही चलता रहा तो अंकल आंटी दोनो अलग ही हो जायेंगे ,,,
चेतन कुछ सोचने लगता हे ,, पहले पता करते है की मम्मी का सच में अफेयर हे की नहीं ,,
विशु ,, सही कहा । अगर हुआ तो भाई फिर ,,
चेतन ,, यार डराओ मत पापा का तो फिर भी ठीक हे बर्दास्त कर लूंगा । लेकिन मम्मी का यार समझा करो ,,,
विशु मजाक में तपन और जिशु की उपर बात फेकते हुए ,,, हा हा समझता हूं कोई अपनी मम्मी को छुए तो कैसे दुनिया इधर की उधर कर देते हैं लोग ,,,
तपन और जिशु दोनो विशू के ऊपर चढ़ जाता है ।
दरवाजे के बाहर से दीपाली जो कान लगाए सुन रही थी सब बाते ,,, मस्ती बाद में पहले सब लोग आ के खाना खा लो ,,