Rajdeepchatha
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Ok bana raha hoonPlease make an index at the first page. Because sometimes it is hard to find the story because most pages are full of replies and reactions.
Waiting for next apdate bhai
nice update..!! jab jishu ko paata chalega toh kya hoga..!!Update 16
National highway
जिस जगह पर रोड ब्लॉक हुई थी ठीक उसी जगह पर पुलिस ने कैंप बना लिया था क्यों की रास्ता भले ही खोल दिया हो लेकिन अभी भी इस जगह की हालत ठीक नहीं थे । दूर यात्रीय को सफर करने से मना किया जा रहा था या फिर सावधानी बरतने को कह रहे थे ।
जिशु ।" हेलो सर । आप इंस्पेक्टर देवेन है क्या ।"
इंस्पेक्टर काम में बिजी था इसलिए खिचियानी जवाब दिया फिर यू कह लो पुलिस का रोब है ।" नेमेप्लेट किसलिए लगाए रखे है । दिखता नहीं क्या "
जिशु को गुस्सा आया पर वो मजबूर था हालत जनता था अभी इन्ही लोगो से मदद लेना होगा ।" सॉरी सर । मेरा नाम जिशांत मेहरा । क्या आप शुबत मेहरा को पहचानते है वो मेरे पापा है "
इंस्पेक्टर देवेन दिमाग में जोर देते हुए ।" अच्छा तो तुम हो जीशू । बड़े हो गए पहचान मे नही आ रहे हो बचपन में देखा था । अच्छा वो छोड़ो तुम यहां आए क्यू । तुम्हारे पापा से हर घंटे में कॉन्टेक्ट कर के रिपोर्ट दे रहा हूं । अकेले आए हो "
जिशु ।" नही ये मेरे दोस्त शेतन और विश्वास मेरे साथ आए है । वैसे कुछ खबर मिला आपको ।"
इंस्पेक्टर देवेन ।" देखो जैसा की तुम्हारे पापा ने बताया था की यही से आखरी कॉल की गई थी । तो इसके 20 किलोमीटर की एरिया के अंदर जो भी लॉज या होटल हे हम सभी से सान बिन किया पर वो लोग नही गए वहा । अगर यहां से उन लोगो ने दूसरी रास्ता ली है यही एक पहाड़ी से गुजरता हुआ रास्ता है कच्ची रास्ता । अगर यहां से गए होंगे तो वो ज़रूर मिल जायेंगे या कोई सबूत जरूर मिलेंगे चारो तरफ सर्च पार्टी ढूंढ रहें है । और भी कुछ लोग गायब है कुछ मिले और उनके जरिए पूछ टच कर के बाकी भी मिल ही जायेगा ।"
जिशु ने कोई जवाब नही दिया । और कुछ पूछने को था नही ।
वो तीनो इंस्पेक्टर ने जिस रास्ते की तरफ ईसरा किया था उस रास्ते की और आगे जा के देखने लगा ।
बिशु ।" यार इस रास्ते पे पानी भर गया हे । "
जिशू परेशान हो कर ।" यार उन लोगो को कुछ हुआ तो नही ना ।"
शेतन ।" कैसी बात कर रहा है । कुछ नही हुआ तपन और आंटी को । सब ठीक हे और भूल मत वरदान प्राप्त बलशाली दोस्त हे हमारा आंटी के साथ कुछ नही होगा । सायेद बाढ़ की वजह से किसी जगह पे रुके हुए है ।"
तभी केले की पेड़ से बना हुआ नाव से आते दिखाई दिया तानिया और तपन नाओ में सवार । इन तीनों की खुशी से चिल्ला उठे । और वो दोनो भी दूर से हाथ हिलाने लगे ।
वक्त ने बिचरे और वक्त ने ही मिलवा दिया । जब दोनो हाईवे के किनारे नाव रोक के उतरे तो तानिया दोरती हुई अपने बेटे के गले मिली खुशी से । तपन भी अपने यार शेतन और बिशु से गले मिला । वो दोनो खुश थे की उसके दोस्त सही सलामति से लौटे ।
तानिया ।" तुम लोग यहां ।"
जिशु ।" मम्मी हम लोग आप दोनो ढूंढने आए है ।
तानिया ।" सॉरी हम दूसरी रास्ता से निकलने की वजह से फंस गए थे । तुम्हारे पापा कहां है ।"
जिशु ।" वो पापा भी आप दोनो को ढूंढ रह है अपनी तरीके से । रुको में फोन लगता हूं"
जिशू ने अपने पापा को फोन लगाया ।
शुबत ।" हा बेटा बोलो कोई खबर ।"
जिशु खुसी से बोले ।" हा पापा मिल गए दोनो यही हे हमारे साथ ।"
शुबत राहत की सांस लेते हुए ।" अच्छा फोन दो अपनी मम्मी को "
जिशु ने तानिया को फोन दिया ।
शुबत ।" हेलो तानिया तुम ठीक हो न "
तानिया ।" हा जी बिलकुल ठीक हूं ।"
शुबत ।" लेकिन तुम लोग रात भर कहां थे । कोई फोन नही कोई खबर नहीं ।"
तानिया ।" वो वो हम लोग । घर आ के बताते हे " (तानिया मिलने की खुशी में भूल गई थी ।और उसे सब कुछ एक झटके में याद गई)
तपन माहोल को संभालते हुए बोला ।" अरे ऐसे ही खड़े खड़े इंटरव्यू लोगे क्या तुम लोग ।चलो कार में बताते है ।"
बिशु ।" भाई तुम्हारा कार कहा हे ।"
तपन अब क्या जवाब दे बड़ी अफसोस के साथ बोला ।" भाई कार तो पानी में डूब गए ।"
दो पल के लिए सब शांत हो गए लेकिन अगले ही पल अंजाम सोच के जिशु , शेतन और बिशु हसने लगे ।
शेतन ।" अब तेरी खेर नही तेरे पापा तुझे मार डालेंगे ।"
तपन बुरा सा मुंह बना के ।" जरा फोन दे मम्मी पापा को कॉल कर के बताता हूं हम ठीक ठाक हे ।"
शेतन ।" ये ले । तेरा फोन भी गुम हो गया हे क्या ।"
तपन मोबाइल लिया और उसके बात का जवाब दिए बिना अपने मम्मी के नंबर पे कॉल लगाया । और बात किया लेकिन कार वाली बात छुपा लिया उसने ।
फिर चारो गाड़ी में बैठे और बापच घर की तरफ चलने लगे । जिशु इस बार ड्राइव कर रहा था और तानिया उसके बगल में आगे बैठी थी को ड्राइवर की सीट में । और ये तीनों पीछे ।
शेतन ।" ये भाई आंटी और तुम कहा थे ।"
तपन (अब क्या बताऊं तुम लोगो को । अब तो कोई कहानी बनानी ही पड़ेगी सच तो बोल नही सकता अब ) ।" कहानी एडवेंचर है "
बिशु ।" हा तो बता ना ।"
जिशु और तानिया सब सुन रह थे । जिशु को जानने को बेहद इच्छुक था और वोही तानिया अब खुदपे शर्मींदेगी और पछतावा हो रही थी उसके बगल में उसका बेटा बैठा था उसके लिए वो पल बेहद शर्मनाक थे (तपन क्या कहानी सुनाएगा कही सच तो नही बोलेगा । नही वो ऐसा नही करेगा ।देखते हे क्या कहानी बनाता है ।"
तपन ।" सुन जब रास्ता ब्लॉक हो रखा था तो हमने उस कच्ची रास्ते से गए और रास्ता इतना उबर खबर थी की बोला नही जा सकता इतना खराब रास्ता था कीचड़ से भरे गड्ढे मे दलदल । और हमारा कार आगे के दो टायर पंचर हो गए । गाड़ी में था एक ही स्टेपनी टायर तो हम थोड़ी दूर चल के गए आग कोई मदद मिल जाय इसी भोरोषे पे । लेकिन कोई मिला नही तो हम बापच आए तो देखा हमारी गाड़ी डूब चुकी पानी में । हम परेशान थे आंटी और में । लेकिन किस्मत अच्छी ही एक वाहा पे आदिवासी बुद्धा मिला तो उसने अपने वाहा के बस्ती में ले के गए । वो आदिवासी लोग बोहोत अच्छे थे हमारी खातिर दारी की कबीले में और रात का बंदावस्त किया रहने का । और फिर सुबह हम नाव बना के दिया । आंटी की मोबाइल तो कार के साथ ही डूब गई और मेरे मोबाइल नेटवर्क नही मिल रहा था ऊपर से बारिश भी बोहोत थी । किसी तरह हम यहां पोहोच गए । बस यही था कहानी ।"
तानिया ने राहत की सांस ली । लेकिन कोई था जो उसे कहानी थोड़ा पसंद नही आया वो जनता था तपन को अच्छे से गहरी दोस्ती थी रोग रोग से वाकिफ था तपन से और उसे लगा कि कहानी बनावटी है जिसपे उसे सक्क हो गया लेकिन उसने कुछ बोला नहीं ।