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Adultery Freinds Forever (ek daastaan) - (COMPLETED)

Kitno ko lagta he story


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Polakh555

𝕱𝖔𝖑𝖑𝖔𝖜 𝖞𝖔𝖚𝖗 𝖎𝖓𝖓𝖊𝖗 𝖒𝖔𝖔𝖓𝖑𝖎𝖌𝖍
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Story badhiya jaa rahi hai. Dhire dhire sab ghulenge kaam vasna me
:thanks: aise hi support kariye mahaday :thank_you:
 
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Reactions: Paromita and Urwife

Polakh555

𝕱𝖔𝖑𝖑𝖔𝖜 𝖞𝖔𝖚𝖗 𝖎𝖓𝖓𝖊𝖗 𝖒𝖔𝖔𝖓𝖑𝖎𝖌𝖍
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Polakh555

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Update 18





कमरे के अंदर से आवाजें आ रही थी कुछ प्रकार के शब्दो के चयन के साथ ।

"नही नही प्लीज । मेरी बात सुनो में ये सब करने के लिए नही बुलाया तुम्हे । प्लीज मेरी बात को समझो । "

" नही आंटी आप ऐसा नही कर सकते है । एक तरफा फैसला से कैसे खत्म होता है। नही आंटी प्लीज आप समझिए मुझे मैंने बोहोत कशिश की मुझसे नही हो रहा है ।"


अंदर के कथपत सुन के विशु हिल गया ।(अबे यहां तो तानिया आंटी भी है अंडर । दोनो के बीच क्या बातें हो रही हे । आंटी क्या समझा रही है और तपन क्या नहीं हो रहा है बोल रहा है ।) विशु के मन में कोई सवाल थे जो उसे थोड़ी देर बाद जवाब मिलने वाला था ।


" तपन मुझसे और नही होगा में और अपने पति को धोखा नहीं दे सकती जब भी में उनकी आखों में देखती हूं में खुद को गिरी हुई महसूस करती हूं । प्लीज हमारे बीच जो भी था वो वोही खतम करते है ।"


" नही आंटी आप मुझे समझने की कशिश कीजिए । में आपसे से सच में प्यार करने लगा हूं । मुझे आपके बिना एक पल भी रहा नहीं जाता । मैंने कशिश की थी आपसे दूर रहूं पर नहीं रह पाया । सोते जागते आपकी ख्याल आता है आपके बाते याद आती है आपकी मुस्कुराहट याद आती है आपकी चेहरे मेरे आंखो के सामने घूमने लगती है । में आपके बिना नहीं रह सकता ना जी सकता ।"


विशु के पेड़ो के तले जमीन खिसक जाती है ये सुन के । (ये क्या चुटियापा चल रहा है दोस्ती के आड़ में ये कौनसा कांड हो रहा है । क्या सच में तपन और तानिया आंटी के बीच अफेयर चल रहे है । दोस्त के साथ इतना बड़ा धोखा । और तानिया आंटी वो भी । ये हो क्या रहा है भाई ।)


" नही तपन में और आगे नही बढ़ सकती । इसमें न तुम्हारा कोई भविष्य हे और ना ही मेरा । कुछ हे तो कलंक इस रिश्ते को यही खत्म का दो । यही बेहतर हे समझे बच्चो की तरह ज़िद्द मत करो ।"

" नहीं आंटी में ये सब नहीं कर सकता । में आपको नहीं छोड़ सकता में आपके बिना नहीं रह सकता । प्लीज में प्रोमिस करता हूं में कोई मुसीबत आने नहीं दूंगा में आपका खयाल रखूंगा । प्लीज आंटी प्लीज ।"

" मेरा बेटा जिशू तुम्हारा दोस्त हे । तुम लोग चड्डी बडी यार कहते हो ना । सोचो अगर एक दिन उस पता चलेगा तो क्या होगा कैसा लगेगा उसे और मुझे कैसा लगेगा उसके नजरो के सामने गिर के । और मेरे पति को पता चला तो तुम्हारी जान ले लेंगे सायेद मुझे भी मार देंगे "(तानिया ने गुस्से में कही थी)


विशु सोचने लगा ।(यार ये सब कबसे चल रहा है । जिशु को पता चलेगा तो तपन को जान से मार देंगे यार ) विशु कान लगाए पूरी बात सुनने की कशिश कर रहा था अंदर से अब कोई भी बात करने की आवाज नही आ रही थी ।

विशु कुछ मिनट वेट किया और फिर सीधा दरवाजे पे दस्तक देने लगे ।" तपन दरवाजा खोल । तपन "



कुछ सेकंड बाद घबराहट की आवाज आई अंदर से । " कौन "

बिशु ।" अरे में विशु खोल ना ।"

तपन ।" अरे तू । यार अभी फोन पे बिजी हूं । तू जा में आता हूं पांच मिनट में "


विशु ।" नही कुछ इंपॉर्टेंट बात करनी हे । तू दरवाजा खोल रहा है या मे तोड़ दूं दरवाजा ।"



फिर कुछ सेकंड बाद दरवाजा खुलता है । और बिशु तेजी से अन्दर जाता है और कमरे की चारो तरफ नजर घूमता है ।

विशु " कहा है । कहा चुप गई "

तपन ऐसा जताता है जिसे विशु पागल जैसे बिहेव कर रहा है ।" कौन कहा हे । कौन चुप गया है । क्या बकवास कर रहा है चैन से फोन पे बातें भी करने नहीं दे रहा है यार ।"


विशु अपनी सुपर पावर से एक पल में बाथरूम का दरवाजा खुला और हसने लगा ।" ओह तो आप यहां है । आइए आइए आंटी कब तक यूं बाथरूम में छुपी रहेगी । आइए बाहर आइए ."


तानिया तो दर के मारे जैसे पैंटी गीली कर दी । तपन का भी वोही हाल था दोनो ही हकलाने लगे । बिशु को क्या बोले कुछ समझा नहीं आ रहा था दोनो और बोलने के लिए मुंह खुलता तो हकलाते रह जाते दोनो ।


बिशु ।" अच्छा तो ये सब चला रहा है । "

बीच में तपन ।" नही भाई तू गलत समझ रहा है ।"

विशु थोड़ा ऊंची आवाज करते हुए ।" आन्हा नो नो नो भाई । जूठ नही मैने शुरू से ले के अंत तक सब सुन लिया हे । कोई बहाना नही अगर जूठ बोला एक भी बार तो में सेवको बता दूंगा ।"



तानिया भिंख मांगती हुई अंदाज रोने लगी ।" नही नही बेटा ऐसा मत करना । प्लीज हमारी बात सुन पहले । प्लीज किसी को मत बताना नही तो में बर्बाद हो जाऊंगी कही की नही रहूंगी में । प्लीज बेटा हाथ जोड़ के भिंख मांगती हूं प्लीज ।"


विशु को तरस आता है तानिया पर ।" ठीक है अभी आप शांत हो जाइए । अभी में किसी को नही बताने वाला । पर इसकी में वादा नहीं कर सकता । पहले मुझे इस धोखेबाज गद्दार से बात करना ने है । आप बाहर जाइए ।"


तानिया ।" नही बेटा ऐसा मत बोलो । प्लीज मुझे बर्बाद मत करो प्लीज बेटा समझने की कशिश करो सब बर्बाद हो जाएगा । में तो उसे समझने आती थी जो भी था खतम करते हे । प्लीज बेटा माफ कर दो ।"

बिशु ।" नही आंटी आप गलत इंसान से माफी मांग रही है । ये तो हे ही गया गुजरा लेकिन आप तो समझदार हे ऐसा करने से आपको एक सोचना चाहिए थे । में वादा करता हूं फिलहाल में किसी को नही बताऊंगा । आप जाइए प्लीज मुझ इस कमीने से अकेले में बात करनी हे ."


तानिया तरस भरी नजरो से बिशु को देखती हे और फिर तपन से । तपन उसे इशारे से विशु की बात मानने को कहता हे तो तानिया मजबूर हो कर तपन को गुस्से भरी निगाहों से घूरती हुई बाहर चली जाती है ।


बिशु दरवाजा बंद कर देता है और तपन को धक्का देता है । " साले तू अपने आपको दोस्त कहता है । हरामखोर अपनी ही दोस्त की मां के साथ रंगरलियां रचा रहा है तुझे शर्म नही आती ।"



तपन शर्म से नीचे नज़रे कर लेता है ।" भाई मेरी बात तो सुन ।"

विशु ।" क्या शुनू में हां क्या सुनूं में हा । यही की तू तानिया आंटी के साथ कैसे सो रहा है ।"


तपन को भी गुस्सा आता हे लेकिन अपने आप को काबू करता है ।" नहीं ऐसी बात नहीं हे । शुरुवात अनजाने से हुए थे लेकिन । प्लीज सुन न पहले ।"


विशु ।" हा तो बता । कैसे तूने दोस्त की पीठ पीछे चुरा घोपने की शुरुवात की बता ।"


तपन ।" भाई ऐसा मत कहो । वो जो आदिवासी लोग मिले थे रहने को जगह दी थी वो सब जूठ था ।"

बिशु ।" हा मुझे तभी सक्क हो गया था लेकिन इसके पीछे ये सब हो रहा है इतना बड़ा कांड के बारे में पता नही था और ना ही ऐसा सोचा था मैंने सोच भी कैसे सकता था में तेरी तरह गंदे विचार के नहीं हूं ना ।"


तपन ।" ऐसा नही हे पूरी बात जूठ नही हे (और उसने पूरी कहानी बताई ।) बस ऐसे ही थी शुरुआत । आंटी की मदद करने में बेहेक गया था । "


बिशु हाथी से चुदाई की इशारा करते हुए बोला " अच्छा बेटा बहकने का नाम दे के आंटी के साथ गपागप कर डाला "

तपन ।" कैसे गंदी बाते बोल रहा है । कह दिया ना बेहेक गए थे हम "

बिशु ।" अच्छा बेहेक् गए थे जनाबे आली । मान लिया एक बार बहक गए थे । लेकिन तूने कोई बार । वो सब भी बेहक गया था। और आंटी तुझे रिश्ता तोड़ने आई थी और तू मान नहीं रहा था सब सुना मैने । साले घटिया ठरकी इंसान ।"


तपन का कोई जवान नहीं बन पा रहा था बिशु ने बुरी तरह मार ली थी उसकी ।

बिशु । " अब बोल ना क्या बोलना चाहता हे । बोल ।चुप क्यों है हो गई सफाई । कोई जवाब है ।"


तपन गहरी सांस ले के बोला ।" में तानिया आंटी से प्यार करता हूं ।"

बिशु उसके तरफ देखता रह गया उसके आत्मविश्वास के साथ जो बोला ये देख के विशु एक पल के लिए दंग रह गया था और अगले ही पल वो हंसने लगा ।" हाहाहाहाहा अबे चूतिए इसे प्यार नही हवास कहते हे शरीर की भूख कहते है । कोई दूसरी मिल जायेगी देखना तू दो दिन में तानिया आंटी को भूल जायेगा ।"


तपन को गुस्सा आता हे और बिशु को धक्का दे के गिरा देता है । विशु को भी गुस्सा आता है और वो तपन के आखों के पलको में ही उठ के पीछे से उसको लात मरता है और तपन को पता भी नही चला की जब बिशु उठा और कब उसको पीछे से लात मारा । जब फर्श से गिरा पड़ा देखता है खुद को तब उसे महसूस होता हे ।


और दोनो में घमासान युद्ध होता है । जहा तपन बलसाली था वाहा विशु भी गतिवेग में तेज था उसको हवा में ही घूमते हुए बार कर रहा था । लेकिन तपन भले ही मार ज्यादा पड़ रही थी लेकिन उनको कुछ खास फर्क नही पड़ रहा था शरीर हद से ज्यादा मजबूत होने की वजह से और उसका बार जब दस में से एक बार विशू की ऊपर पड़ता तो वो चोटिल हो रहा था । दोनो ही बराबर टक्कर दे रह था ।



लेकिन दोनो को जरा भी अंदाजा नही लग रहा था की कोई बाहर दरवाजे पर कोई मुट्ठी कसे गुस्से में नाग की तरह जहर उबलते हुए फांफना रहा था और वो इन दोनो से चालक और समझदार था ।


वो और कोई नही बल्कि जिशांत था । वो चाहता तो दरवाजे खटखटा के अंदर भी आ सकता था लेकिन उसने जो सुना है उससे उसका खून तो खोला था साथ ही इतना दुखी हो गया था की बस उसने तभी फैसला कर लिया था की तपन को पाई पाई कर के चुकता करना होगा बिश्वशघाट करने का ।


दरसल जब बिशु वोहा से उठ के गया तो शेतन को किसी दोस्त का फोन आया था कुछ कॉलेज के बारे में इंपोर्टेंट बाते कर रहा था तो जिशू भी शेतन अकेला छोड़ के फॉर्महाउस पे घुसा और उसे दूर से ही अपनी मम्मी को चिढ़िए से उतर रही थी और वो सोच में पड़ गया था । इसलिए नहीं की वो चिड़ियों से उतर रही थी बल्कि तानिया की चेहरे पे परेशानी देख के ।


लेकिन उसने अपनी मम्मी से परेशानी नही पूछा कारण था उसने जो बीयर पी हे उसका गंध अगर तानिया ने सूंघ लिया तो खामखां पूरा दिन डांटती रहेगी । इसलिए उसने बाद में पूछने का सोचा और थर्ड फ्लोर पे गया और जब उसने कमरे घुसने की कशिश की तो पाया कि दरवाजा अंदर से लॉक है तो उसने दरवाजे पे नोक करने ही जा रहा था की उसे वो बाते सुनाई दी जिससे उसको एक हार्ट अटैक जैसा स्ट्रोक लगा दिलों दिमाग पर और वो चारी बातें सुनता गया और गुस्से में उसके मन में बदलें की भाव जन्म ले लिया दोस्ती की रिश्ता भूल गया ।
 

Polakh555

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Polakh555

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Aur ki apne aap reader's ki post keise apne aap sticky ho raha he kuch samjh nehi aa rha he । Koi help karega jo jaankar ho is baare me bhai....
 
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