माया - तो फिर यहाँ नहीं बेड पे l ( लंड से हाथ हटा लेती है ) तुम सच में ऑफिस नहीं जाओगे ?
मानस इस पल कुछ भी सोचने की स्थिति में नहीं था उसे तो बस 3 वीक से जमा हुवा वीर्य बाहर निकालना था I
(तीन week से वो खुद ही मुट्ठ kyon नहीं मारा उसका reason आगे पता चलेगा )
भाग 2
मानस माया को चोदने के लिए पागल हुवे जा रहा था l
मानस - नहीं जाऊंगा ऑफिस l
नंगे भागते हुवे वो बाथरूम से रूम में आता है, हड़बड़ाहट में mobile लेते हुवे वो अपने बॉस को कॉल करता है l
मानस - हेलो sir... sorry.. ji.... Ji main आज नहीं आ पाउँगा.... हाँ वो फाइल मैंने भेज दी कल रात ही... जी... जी जी बिलकुल.. थैंक यू सो मच l
इधर माया पति की बेताबी पे हंस पड़ती है l मानस का लंड अब सिकुड़ चूका था, शायद बॉस से बात कर के l
मानस और माया की नज़र मिलती है और दोनों हंस पड़ते हैं l मानस माया का हाथ पकड़ अपनी ओर खींचता है और उसे बाँहों में कैद कर लेता है माया भी पति की बाँहों में ढीली पड़ जाती है l
चिकने पीठ पे मानस का हाथ धीरे धीरे फिसल कर ब्लाउज के छोर के पास उसकी कटीली कमर पे आ टिकती है l माया के गर्दन को चूमते हुवे वो दूसरे हाथ से साड़ी में उभरी उसकी नितम्बों को थाम लेता है l
मानस = ओह माया और कितना तडपाओगी...
दोनों के होंठ मिल जाते हैं l मानस अपने दोनों हाथों से माया के भरे बदन की नाप लेता रहता है l
माया भी मदहोशी में हलकी सी आह भर लेती है, गरम सांसों से भारी आह सुन मानस अपने होंठ आगे बढ़ा कर उसकी होंठ के अंदर घुस जाता hai.. maya पति की और नहीं तड़पाना चाहती थी तो वो पैरों पे उचकते हुवे अपने होंठ को पूरा खोल देती है l दोनों के अंदर सेक्स की आग भड़क उठी थी, उठती भी क्यों नहीं 3 हफ्तों के प्यासे थे दोनों l
दोनों पास ही पड़े बेड pe लेट जाते हैं l मानस सीधा लेटा होता है, लेकिन उसका लंड हवा में झटके मार रहा होता है l
बगल में सीने पे हाथ रखी उसकी पत्नी माया अपने पति के लंड को निहारती रहती है l
मानस कंधे से साड़ी का पल्लू हटाता है तो नीले ब्लाउज में माया की चूचियों की गोलाइयाँ देख अपने हाथों को रोक नहीं पाता l वो माया की फूली हुई चूचियों को अपनी हथेली में भींच लेता hai l माया को ऐसा अहसास हो रहा था जैसे उसकी पहली सुहागरात है जबकि 6 महीने से ज्यादा समय बीत चूका था शादी को l ना जाने कितनी बार सेक्स किये हैं दोनों ने लेकिन हर बार एक नया अहसास होताहै l
मानस ब्लाउज में अपनी पत्नी की गोरी चूचियों को देखते हुवे सामने की एक हुक खोलता है, मगर मानस में इतना भी सब्र नहीं था की वो पुरे बूब को बाहर आने देता इससे पहले की बूब बाहर आते वो 2 हुक के बड़े गैप के बीच अपनी जीभ डाल देता है और माया की क्लीवेज चाटने लगता है l
माया गरम जीभ की छुवन से सिहर उठती है, वो नीचे देखती hai तो पाती है की मानस मुट्ठी में लंड पकड़े उसे तेजी से रगड़ रहा था l
वो मानस के हाथ को रोकना चाहती है क्योंकि उसे ये पल लम्बा चाहिए था वो मजे को जल्द ख़त्म नहीं करना चाहती थी l मगर मानस नहीं रुकता वो लगातार क्लीवेज चाटते हुवे हाथों को झटका दे रहा था l इसी बीच फिर मानस माया का हाथ पकड़ अपने लंड पे रख देता है l
लंड काफी गरम हो गया था और अब माया भी अपना होश खो रही थी l क्योंकि मानस तेजी से हरकत करते हुवे ब्लाउज के सारे बटन खोल चूका था और एक हाथ से ब्रा को नीचे खींच उसकी जीभ माया के निप्पल के इर्द गिर्द घूम रही थी l
माया की सिसकारी निकलने लगी, चूड़ियों की खनखनाहट तेज हो गई l माया अब मानस का मुट्ठ मार रही थी l
मानस का मज़ा दोगुना हो गया था, उसकी साँसे तेज हो गई थी l वो सीधा हो गया और बेसब्री से लंड के पानी का इंतज़ार करने लगा l माया को अहसास हुवा की मानस की जीभ उसके बूब पे चलना बंद हो गई हैं l उसका ध्यान टूटा और उसने झट्ट से लंड छोड़ दिया l मानस तड़प के रह गया, उसके लंड का लावा फूटने ही वाला था की माया ने हाथ हटा लिया था l
मानस को भी होश आया तो उसे अपनी गलती का अहसास हुवा l उसने माया को अपने ऊपर ले लिया l माया खुश हो गई उसे ये postion बहुत पसंद था l
मानस ने blouse के दोनों साइड से हाथ फंसाया और ब्रा के साथ ही गर्दन से hote हुवे निकाल फेंका l
माया शरमा गई l उसकी दोनों चूचियां मानस के चेहरेके पास लटक रही थी l वो उठना चाही तो मानस उचक के उसके एक बूब को मुँह में ले लिया l
और दूसरे को हाथ में लेकर दबाने लगा l
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मानस किसी बच्चे की तरह बारी बारी से माया की दोनों चूची पी रहा था l माया के निप्पल खड़े हो गए थे l
मानस - आहहह माया.... तुम्हारी चूची कितनी मजेदार है l
माया - छी कितनी बार बोली हूँ ऐसा मत बोला करो l
मानस - तो क्या बोलूं मेरी जान
माया - बूब बोला करो l
मानस - मैं तो इसे चूची ही कहूंगा l बूब कहने mein देसी फील नहीं आता I
माया - ठीक है जो कहना है कहो तुम नहीं बदलोगे l अब करो जो करना है l
मानस - क्या बात है, बड़ी बेसब्र हो l
(कहते हुवे मानस ने अपना नंगा लंड माया की चूत के ऊपर सटा दिया l)
माया - नहीं बेसब्र तो तुम थे l
बातों बातों में मानस माया की साड़ी और पेटीकोट दोनों को एक साथ उपर खींच रहा था l एक वक़्त ऐसा आया जब साड़ी ऊपर नहीं जा रही थी तो माया अपनी कमर थोड़ी ऊपर की ताकि साड़ी पूरी उठ जाए l
मानस उसी वक़्त तेज़ी से साड़ी ऊपर कर अपना एक हाथ लंड के ऊपर हथेली खोले उल्टा रख लिया l
माया अपने पति के हरकत से अनजान जब वापस कमर नीचे की तो panty में उसकी चूत सीधा मानस के हाथ पे लगी l मानस ने तुरंत किसी स्पंज ki तरह उसकी चूत को हथेली से निचोड़ दिया l माया इस मीठे अहसास से सरोबोर थी उसके उन्माद का रस panty mein उतरने लगा था I
वो अपने पति के सीने mein सर छिपाए बिना कोई हरकत किये sharm से laal थी l
मानस ने हथेली से panty का छोर ढूंढा और इस बार फिर हाथ माया के नंगी चूत पे सरक गई l