सही पकड़े हैंJayraj ko apne betion par sabse jyada haq hai... waiting
इंतजारशायद आपने ध्यान से पढ़ा नही Nasn जी मैंने यह बोला कि अभी संभव नही है बाद में शायद हो जाये इसलिए मैंने अभी के लिए बोली थी।
Nice Update...अपडेट 8
नीलम तुरन्त ही तैयार हो कर पापा के ऑफिस के लिए निकल लेती है ।इधर मोहिनी भी उसके जाने के कुछ देर बाद आंटी जी से विदा लेकर अपने घर की तरफ चल देती है उसे भी जल्द से तैयार होकर शॉपिंग के लिए जाना था क्यूंकि मा ने सुबह ही फ़ोन करके मोहिनी के परिवार में इस बात की खबर दे ही थी।
मोहिनी के परिवार का परिचय
पापा रविकांत शर्मा
मा सुनीता शर्मा
बेटी मोहिनी शर्मा
बहन ऋतु शर्मा
इधर हम लोग भी मन्दिर से घर पहुच गए थे । घर आते ही माँ ने बोला
माँ : जल्दी से सभी लोग तैयार हो जाओ (शेखर भैया से ) तुम आज कही मत जाना मैंने तुम्हारे पापा से बोल दिया है कि आज तुम ऑफिस नही जा रहे हो समझे इसलिए कोई भी बहाना नही चलेगा । पांच दिन बाद शादी है और अभी तक कुछ भी खरीदारी नही हुई है। कल से घर मे मेहमान भी आ जाएंगे । इसके बाद कुछ भी करना मुश्किल हो जाएगा ।।
चाची भी माँ की बातों का समर्थन करती हुई बोलती है
चाची : हा दीदी आप यह बात बिल्कुल ठीक कह रही है । छोटी तो कब से शॉपिंग पर जाने के लिये दिमाग खराब करके रखी हुई है ।
उनकी बात सुनकर माँ बोलती है कि
माँ : इसको तो मैंने पहले ही बोल दिया था कि अगर यह चाहे तो पूजा के साथ शॉपिंग पर चली जाए लेकिन यह लड़की कभी बात मानती है किसी की बस वही करेगी जो उसकी मर्जी ।
इन लोगो की बाते सुनकर रागिनी पक जाती है तो वह बोलती है
रागिनी : अगर आप लोगो का मेरी बुराई करना हो गया हो तो क्या हम लोग शॉपिंग पर चले । आगे जो कुछ बोलना होगा वह वंहा से आकर आप लोग मुझे बोल लेना।
उसने यह बात इस तरह से बोली थी कि हाल में खड़े सभी लोग हसने लगे फिर किरण दीदी बोलती है
किरण दीदी : हा माँ गुड़िया ठीक बोल रही है । हम लोगो को जल्दी चलना चाहिए कहि ऐसा ना हो कि वह लोग हमसे पहले ही वंहा पर आ जाए।
इसके बाद सभी लोग अपने रूम में तैयार होने के लिए चले गए । मेरे फोन पर किसी का फोन आ गया तो मैं उससे बात करते हुए बाहर चला गया और इसके बाद मैं अपने रूम की तरफ बढ़ गया और यह बात मेरे दिमाग से निकल गयी थी कि किरण दीदी मेरे ही रूम में तैयार हो रही होंगी । मैं अपने रूम में बेधड़क घुस गया लेकिन जब मैं अंदर गया तो अंदर का नजारा देख कर मेरा मुह खुला का खुला ही रह गया क्यूंकि अंदर दीदी कुछ इस तरह से थी और दरवाजा खुलने की आवाज सुनकर वह उसी हालत में पीछे मुड़ कर देखती है
फिर मुझे देख के अपने आप को ढकने की कोशिश भी नही करती है और बोली
किरण दीदी : अब दरवाजे पर खड़े हो कर देखता ही रहेगा या आकर तैयार भी होगा । हम लोग पहले ही से लेट है और देरी करना ठीक नही होगा।
किरण दीदी के ऐसे नॉर्मल विहेब पर मैं चौक उठा कि उन्होंने मुझे कुछ बोला नही लेकिन मुझे शर्म आ रही थी और खुद पर गुस्सा भी तो मैं बोला
मैं : दीदी प्लीज् मुझे माफ कर दीजिए वह मैं भूल गया था कि आप अंदर कपड़े बदल रही है ।
किरण दीदी : हम इस बारे में बाद में बात करते है अभी के लिए जल्दी से तैयार हो जा हम लोगो को देर हो रही है।
दीदी की बात सुनकर मैं डर गया कि कही यह मा को इस बारे में ना बता दे लेकिन फिर पूजा दीदी की बात का ख्याल आया तो मैं मैंने सोचा कि अब जो होगा देखा जाएगा।
फिर मैं तैयार हो कर बाहर आया तो देखा कि सभी लोग तैयार बैठे हुए थे सिर्फ मेरा ही इन्तजार हो रहा था । रागिनी बेचैनी से इधर उधर टहल रही थी मुझे देखते ही बोली
रागिनी : भैया सभी लोग लड़कियों को तो यू ही बदनाम करते है ।आप को तो तैयार होने में सबसे ज्यादा समय लगा है।
मैं : ऐसी कोई बात नही है छोटी वह तो बस एक फोन आ गया था इसलिए देर हो गई ।
माँ : अच्छा तुम लोग अपनी बहस बाद में कर लेना। अभी हम लोगो को चलाना चाहिए ।
माँ के बोलने से हम सभी लोग चल दिये पर ज्यादा लोग होने की वजह से छोटी गाड़ी में सभी लोग नही आ पा रहे थे तो मै मा से बोला
मैं: माँ आप सब लोग चलो मैं बाइक से आ रहा हु।
माँ : ठीक है लेकिन तू जानता है कि हम लोग कंहा जा रहे है ।
मैं : माँ इसमे कौन सी बड़ी बात है मैं आप लोगो के पीछे ही चल रहा हु ।
भैया : नही राज तुम ....... शॉपिंगमाल पहुँचो हम लोग भी वही आ रहे है और हा एक बात वह लोग अपने घर से निकल चुके है तो हो सकता है हम लोगो को पहुचने में देर हो तो तुम चलो जल्दी से ।
हमारी बात सुनकर किरण दीदी बोली
किरण दीदी : माँ मैं भी बाइक से ही जा रही हु बहुत दिन हो गए है बाइक पर सफर किये हुए पता नही फिर ऐसा मौका मिले ना मिले।
दीदी की बात सुनकर मैं तो डर गया और मैं चाह कर भी उन्हें मना नही कर सकता था क्यूंकि आज सुबह की घटना की वजह से मैं उनसे बचना चाहता था लेकिन अब तो वह साथ मे आने को बोल रही है अभी मैं यही सब सोच ही रहा था कि तभी माँ बोलती है
माँ :बेटी तुम्हे आराम से हमारे साथ चलो बाइक पर जाने की क्या जरूरत है ।
किरण दीदी : नही मा मुझे कोई दिक्कत नही होने वाली है मैं राज के साथ आ रही हु (फिर मेरी तरफ देखते हुए) क्यों राज तुम्हे तो कोई दिक्कत नही है मुझे अपने साथ ले चलने में ।
मैं उनकी बात सुनकर हड़बड़ा गया जिसको देख कर सब कोई तो समझ नही पाया लेकिन पूजा दीदी और किरण दीदी मुस्कराने लगी तब मैं किसी तरह खुद को संभालते हुए बोला
मैं : नही दीदी आप कैसी बात कर रही हो भला मुझे आपको साथ ले जाने में कोई दिक्कत कैसे हो सकती है।