बारिश का मौसम है
हरियाली है आंखों में,
तुम साथ जो आओ तो
कुछ ख्वाब भी बो आयें...
दो फूल खिल रहे थे
कुछ दूर दूर थे वो,
डाली ने कहा हंसकर
हम थोड़ा सा झुक जायें...
बारिशों के मौसम में
यादें जब लिपटती हैं,
ये दोनों प्यारी आंखें
रोयें कभी हंस जायें...
सुबह चाय की प्याली
जब ले के बैठती हूँ,
हिलती डुलती चाय में
तेरे अक्स उभर आयें...
यादें जो विचरती हैं
मिलने को तरसती हैं,
बारिश से अब ये कह दो
कहीँ और बरसें जायें...!!