भाग -12
किचन में कुकिंग करते ही मैनें देखा की कंचन और विक्की अब एक दूसरे के बहुत करीब बैठ कर बात कर रहे थे पर क्या बात हो रही थी मैं सुन नहीं पा रही थी
रात में 9 बजे मैंने डिनर टेबल में सारा खाना सजा दिया और हम तीनों डिनर करने लगे
विक्की - कंचन दी, आपको वेज पसंद है या नॉन वेज
कंचन -मेरा पसंदीदा नॉन वेज है ,अंजू तू
मैं - मुझे दोनो पसंद है जो मिल जायेगी
विक्की - मैं भी नॉन वेज ही पसंद करता हूँ
(एैसा बोलकर विक्की ने कंचन और मेरी गोलाईयों को झांकने लगा, शायद उसका मतलब कुछ और ही था)
विक्की, कंचन और मेरे एकदम सामने बैठा था मैं
ताकि खाते समय हमारे गदराये बदन का लुफ्त उठा सके
कंचन -विक्की वो फल का बॉल पास करना
विक्की कंचन और मुझसे बोला
दीदी केला लोगी, क्योंकि फल का बॉल विक्की के तरफ था और हमारा हाथ नहीं पुहंचता
मैं -नहीं, मैं रात के समय केला नहीं लेती आई मिन नहीं खाती (गलती से मेरे मुंह में लेती वर्ड निकला)
पर विक्की मुस्कुराहते हुए कंचन से पूछा
कंचन - मुझे तो केला रात में बहुत ज्यादा पसंद है और मैं रात में केला खूब खाती हूं
(कंचन केला को देखते हुए वो भी डबल मिंनिग में बोली)
विक्की ने कांटा चम्मच से केला में कुछ लिखा और कंचन की ओर बढा दी
कंचन -बहुत टेस्टी है यार पर और मोटा होता तो मजा आता
(केले को लंड की तरह चूसती हुई, बोली)
विक्की -कल मैं आपको मेरा केला, मतलब मोटा वाला खिलाउंगा कंचन दी
कंचन -हां जरूर से
विक्की -ज्यादा पका हुआ या कच्चा
कंचन -जो केला टाईट हो तो लेने में मजा आयेगा
विक्की -मुझे तो जूस बहुत पसंद है संतरे का
(बोला और हमारे चूचियों को देखकर अपनी होंठों में जीभ फेरने लगा)
दोनो एकदम खुलमखुला बात कर रहे थे
अचानक मेरी जांघो पर लगा की कोई चीज टच हो रहा है बार बार, ओह हो ये तो विक्की का पैर था जो शायद कंचन की गोरी जाघों को छूने की कोशिश कर रहा
उसे लगा कि कंचन की जाघों का मजा ले रहा है
विक्की ने पैर बढा कर जाघों के बीच फंसा दिया और मेरी कोमल बूर तक पैर की उंगलियां आ गई
लगा मेरे को कोई चूम रहा है
मेरी तो उनकी हवस भरी बाते सुनकर पैंटी गीली हो गई
विक्की के पेैर भी ऱस से गीला हो गया था और उसने कहा
विक्की(फुस्फुसाते हुए) - अरे कंचन दी ,आपका तो जूस निकल गया
कंचन -कुछ कहा क्या तुमने विक्की
विक्की - न न.... नहीं, वो मुझे जूस पीना है
मैं -अच्छा मैं बना देती हूँ
बोल कर उठी और बेसिन में हाथ धोने लगी
तब विक्की को एहसास हुआ कि उसने मुझसे मजा लिया वो कंचन की जाघें नहीं थी
डिनर के बाद मैं और कंचन कमरे में विक्की भी जूस पीकर सोने चला गया
बहुत देर तक हम आपस में बाते करते रहे ,फिर
कंचन अपने बैग में कुछ ढूढने लगी और सारा समान बेड पर निकाल दिया पर उसे मिल नहीं रहा था
मैं -क्या हुआ, कुछ छूट गया या खो गया
कंचन -अरे, एक चीज नहीं मिल रही है
मैं -एैसा क्या इमम्पोटेंट है जो रात में इतनी परेशान हो रही हो नहीं मिल रही तो सुबह मिल ही जायेगी
कंचन - लगता है मैं ब्रा पैंटी डालना ही भूल गई
मैं -कोई बात नहीं, मैं हमेशा 1या 2 सेट नया रखती हूं कल नहा कर पहन लेना
कचन - तेरी साईज क्या है,
बोली और मेरे बूब्स को देखने लगी
मैं -38
कंचन - तो मुझमें ये लूज हो जाएगा मेरा 36 डी, साईज है
मैं -वो, तो कल ले देंगे
कंचन - तो कल मैं बिना ब्रा के ही रहूं, देखा नहीं तेरे मामा के दोस्त के बेटे को कैसे हमारी चूचियों को देखकर लार टपका रहा था
मैं -बच्चा है वो, हमारे सामने
कंचन -तो दूध पिला दो न उसको अपना चूची से
बोलकर कंचन जोर से हंसने लगी
मैं -हट, पगली कहीं की, कैसी बेहूदा बाते करती है
हमदोनो को बहुत जोर से हंसी अा गयी
मैं -जीजू भी रहते तो मजा आता
कंचन- वो तो अभी एक महीने से बंगलोर में है उनका 45 दिन का मैनेजमेंट प्रोग्राम है
मैं -तुम और जीजू 1 महीने से नहीं मिले हो
कंचन -हां यार, बहुत मन करता है
मैं -क्या मन करता है
मैं कंचन को चिढाने लगी
कंचन - चु .... मेरा मिलने का बहुत मन कर रहा है
(मेरी दोस्त चु.. बोल कर चुप हो गई वो शायद चुदवाने का मन कर रहा है बोलना चाह रही थी पर बात को घुमा दी)
मैं सोने से पहले बाहर का गेट लॉक कर कॉमन बाथरूम में गई और और ब्रा पैंटी उतार कर वहीं टांग दिया रात में मैं हल्के कपडे में ही सोना पसंद करती हूं
कमरे में मेरे आने तक कंचन सो गई थी और एैसी सोयी कि अधनंगा हो गया उसका बदन
शायद पंखे की वजह से, कंचन भी ब्रा पैंटी उतार कर ही सोती है लगता है अपने घर में
उसके बूर पर कोमल कोमल, और काले काले घुंघराले
रोयें (झांटे),बहुत सुंदर लग रहें थे
मैं भी बगल में लेट गयी बहुत जोर से नींद आयेगी आज थक गयी थी मैं
सुबह मैं जल्दी उठ गई, कॉमन बाथरूम से कुछ सुनाई दे रहा था, दरवाजा तो अंदर से बंद था
मैं गली में गई छत जाने के लिए सीढी चढते ही कॉमन बाथरूम की छोटी वेंटलेशन जो शीशे की है, वहां से बाथरूम के अंदर पूरा दिखता था
मैंने देखा कि अंदर बाथरूम में विक्की मेरी ब्रा पैंटी को पकड सूंघ रहा था जिससे उसी की मादक आवाज आ रही थी
मैं तो सन रह गई, फिर लंड को पकड कर मसलने लगा और मेरी पैंटी को चूमने चाटने लगा
उसका लंड पूरा तन गया था चड्डी के अंदर ही
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बहुत मोटा लग रहा था, अपने पापा से भी ज्यादा
लंड को मेरे ब्रा से लपेट कर
हाथो से अपने लंड को हिलाने लगा
और बोल रहा था कि ओ माई कंचन डालिंग, चोदूंगा तुमको जमके
आह..... ह....
फिर बहुत तेजी से मुठमारने लगा
और विक्की के मुँह से Ohh..... आह्ह.....
हम्म..... निकल रहा था
वो पूरे जोश में हिला रहा था फिर एक जोरदार वीर्य का फुव्वारा निकला जो मेरे ब्रा को भी पार कर पिचकारी बाथरूम के दरवाजे तक जा पुहंचा
मेरा ब्रा तो पूरा वीर्य में सना गया था
विक्की ने मेरे पैंटी से ही अपना पूरा लंड को पोछा
और बाथरूम के एक कोने में मेरी ब्रा पैंटी फेंककर
निकल गया
एक अजीब सा गंध फैल गया था बाथरूम में और वही गंध मेरे नाक तक भी आ गया मैं तुरंत वहां से वापस घर के अंदर आ गई
To be continued......