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Incest I Am Murim Lord ( Reincarnation )

Ek number

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chapter 13

सुबह माला की नींद खुलती है तो देखती है विराज उसे बाहों मे लेके पुरा चिपका हुआ है टांगे माला के ऊपर थी चेहरा माला के चुचे के बीच चिपका हुआ

माला विराज को देख मुस्कुराते हुवे - मुझे बाहों मे लेके ऐसे सोया है जैसे मे उसकी बीवी हु उमर भी तो हो गई है जल्दी ही सादी करनी परेगी

माला विराज के गाल पे प्यार से किस करती है फिर धीरे से बिस्तर से उठ खेत तरफ जाती है फिर आती नहाती है शिवानी भी उठ कर नहा धोके रेडी होती है फिर खाना बनाने मे लग जाती है


माला आगन मे बैठी हुई थी रमन दातून करते हुवे माला को देख मुस्कुराते हुवे - रात बहोत अच्छी नींद आई होगी कियु

माला रमन को देख - कियु नही आयेगी अपने बेटे के साथ सुकून वाली नींद आई समझ गये

रमन मुस्कुराते हुवे - अरे बाबा वही तो केह रहा था

शिवानी रमन माला को देख - मा पापा आपको लगता है विराज आज सच मे जायेगा कमाने वादा कसमे तो खाये लेकिन पहले उसने कई बार हमारा भरोसा तोरा है

रमन माला सांत शिवानी को देखने लगते है कोई कुछ बोलता विराज कमरे से बाहर आते हुवे - भरोसा कोई जब एक बार नही कई बार तोर देता है तो उस इंसान पे फिर से भरोसा करना बहोत मुश्किल होता है दीदी लेकिन चिंता मत कीजिये 12 बजे के बाद आपका छोटा भाई एक साल बाद ही सब को दिखेगा


शिवानी रमन माला हैरान विराज को देखते है क्या बोले किसी को समझ नही आ रहा था

विराज खेत की तरफ जाते हुवे - लेकिन मेने जो उमीद भरोसा तोरा है उसे फिर हासिल करूँगा

विराज चला जाता है लेकिन सभी बहोत शोक मे थे विराज की हरकत बाते पहले से बदला नजर आ रहा था

रमन माला को देख - ये हमारा बेटा हि है ना
माला - तो और कोन है
रमन - नही बस बदला सा नजर आ रहा है बाते भी बरी अजीब करने लगा है

शिवानी - पापा आपका कहना सही है विराज सच मे बदल गया है


विराज घर से दूर एक छोटे पोखर के पास बैठ हल्का होते मन मे - किसी को अभी भी पुरा बिस्वास नही है मे बदल गया हु आज जाने वाला हु खैर ये तो होना ही था लेकिन मेरे जाने के बाद बिस्वास होगा सब को

तभी विराज के मन मे एक बात आती है विराज, एक मिनट मे जाऊंगा कहा करूँगा क्या एक साल तक एक मिनट मुरिम दुनिया मे चला जाऊंगा एक साल बाद वापस आ जाऊंगा हा ये सही है, tabhi विराज को याद आता है एक महीने बाद ही मुरिम मे जा सकता है
विराज मन मे, लग गये मे तो ये भूल ही गया अब क्या करू हा 40 साल मुरिम मे रहा मेने अपनी ही दुनिया नही घुमि एक महीने हर जगह घूम लेता हु एक महीने बाद मुरिम एक महीने अपनी पिर्थ्वी ऐसे ही एक साल निकल जायेंगे ये सही है

विराज ने प्लान बना लिया था एक साल कैसे कहा निकालना है

विराज हल्का होके घर आता है नहाता है रेडी होता है माला रमन शिवानी सांत चुप सब देख रहे थे विराज भी किसी को कुछ नही केहता

विराज फिर अपने दोस्त से मिलने चला जाता है 12 बजने वाले थे कमरे मे माला शिवानी बाते कर रहे थे

शिवानी - देखा मा बोला था 12 बजे जाने वाला है अभी तक आया भी नही
माला टेंसन मे थी
mala मन में - क्या सच मे मेरा लाल नही बदला है क्या फिर हमारी उमीद भरोसे को तोर देगा
तभी माला शिवानी को विराज की आवाज सुनाई देती है

विराज - मा दीदी पापा मे जाने के लिये रेडी हु

माला शिवानी रमन आगन मे आते है तो देखते है विराज तो पूरा रेडी था बैग लेके जाने के लिये रमन माला शिवानी पुरे शोक हो जाते है

माला जल्दी से विराज के पास आके कंधे पे हाथ रख - बेटा क्या सच मे जा रहा है मुझे लगा और हमने कोई तैयारी तुम्हारे लिये कुछ बनाया ही नही

विराज माला को देख - मा जनता हु कोई बात नही समझ सकता हु
शिवानी विराज के पास आके - छोटे हमे यकीन नही था लेकिन अब हो गया

विराज सब को देख - टाइम हो गया ट्रेन पकरनी है जाना होगा

तभी माला विराज को एकदम से गले लगा के रोते हुवे - बेटा माफ करदे तेरी बातो पे कस्मो पे बिस्वास नही और अब एकदम से तू सच मे जा रहा है मेरा दिल बहोत उदास हो गया है

विराज माला को बाहों मे लिये - मा रो मत मेने बहोत दर्द रोलाया है लेकिन अब सिर्फ खुसिया ही दूंगा

माला विराज के चेहरे को पकर आसु लिये - पहली बार जा रहा है अगर दिल ना लगे तो बिना झिझक घर आ जाना कोई कुछ नही बोलेगा

विराज - ठीक है मा

विराज मन मे -मा तो मा होती है कैसा भी बेटा हो बस चाहती है सही सलामत खुश रहे

शिवानी विराज के गले लग - छोटे मुझे भी माफ करदे तेरे पे भरोसा नही क्या
विराज - दीदी मेने जो क्या जाहिर है
रमन विराज के पास आके कंधे पे हाथ रख - बेटा खुशी हुई तुम अपने आप को बदल लिये जा अपनी लाइफ की नई सुरवात कर याद रख हमारे लिये कुछ ना भी करेगा तो चलेगा बस अपनी लाइफ के लिये कर एक बाप मा अपने बेटे के लिये यही चाहता है

विराज भी इमोसनल होके अपने पापा के गले लग जाता है विराज फिर अपनी मा दीदी पापा को देखता है माला आज बहोत खुश थी उसका बेटा बदल गया लेकिन जाने से दुखी भी थी

आदि चलते हुवे विराज के पैर पकर - मामा
विराज नीचे आदि को देखता है फिर गोद मे उठा के प्यार से गाल पे पप्पी लेते हुवे - मेरा प्यार भांजा तेरे मामा जा रहे है लेकिन आयेगे तो बहोत सारी कॉकलेट कपड़े खिलौने लेके आयेगे

आदि विराज को देख - मा कॉकलेट खिलौने
विराज मुस्कुराते हुवे - मा मेरे प्यारे भांजे

विराज शिवानी को देख - मेरी परी कहा है दीदी
शिवानी मुस्कुराते हुवे -सो रही है

विराज आदि को शिवानी को देता है कमरे मे जाता है आशी सुई बहोत प्यारी लग रही थी विराज आशी को प्यार से देखता है गाल मे पप्पी करके बाहर आता है और फिर सब घर से बाहर आते है

विराज - मा दीदी पापा जा रहा हु आप सब अपना ख्याल रखना

विराज सब से आशीर्वाद लेता है गले मिलता है

माला इमोसनल होके - बेटा अपना ख्याल रखना खाना पीना समय पे खाना
शिवानी - और रोज फोन करते रहना समझ गया
रमन - हा नही तो तेरी मा को रात नींद नही आयेगी
विराज हस्ते हुवे - ठीक है बाबा

विराज फिर सब को बाय बोल निकल परता है

माला विराज को जाते देख - हमने यकीन नही क्या और अब जा रहा है तो दुख हो रहा है मेने अपने लाल के लिये कुछ बनाया भी नही ना कपड़े पैक किये
रमन माला के कंधे पे हाथ रख - सांत हो जाओ माला विराज बेटा जनता समझता था वो बुरा नही मानेगा
शिवानी आदि को गोद मे लिये - चला गया यकीन नही होता lek अब उसके जाने से दिल उदास हो गया है

आदि विराज को दूर जाते देख - मामा मामा
शिवानी आदि को प्यार से - बेटा मामा जल्दी आ जायेंगे


विराज मैंन रोड के साइड खरा हो जाता है एक बस आती है विराज बैठ जाता है कहा जाना है विराज को पता नही लेकिन ऐसे हि एक महीने निकालने थे

घर पे सब कुछ सांत था आगन मे शिवानी माला खटिये पे बैठे थे अभी भी यकीन नही हो रहा था विराज चला गया है

वही विराज बस से ही सफर करता रहता है कही उतर गया घूम लिया फिर कोई दूसरी बस नई जगह ऐसे ही दिन निकलते गये


रात खाना खाते वक़्त आगन मे

माला रमन माला साथ बैठे खा रहे थे

शिवानी - मा छोटा तो सच मे चला गया
माला - हा मेरा लाल बदल गया ये देख बहोत खुश ही लेकिन उसके पास ना होने से दिल बेचैन है
रमन - बस भी करो कई लरके है जो घर मा बाप छोर सेहर कम कर रहे है
माला रमन को देख - तो क्या हा मे अपने बेटे की चिंता भी नाकरू
रमन - मेने ऐसा तो नही कहा

तभी विराज का फोन आता है माला जल्दी से फोन उठा के - हा मेरे लाल कहा पहुँचा कैसा है
विराज - सांत मा मे ट्रेन मे बैठ गया हु बाकी मे जब अपने दोस्त के पास पहुँच जाऊंगा तो उस दिन फोन करूँगा अब रखता हु
शिवानी - ध्यान रखना छोटे
रमन - पहुँचते ही फोन करना
माला - खाना खा लेना और पहुँचे फोन करना समझ गया
विराज समझ गया मा
फोन कट
3 दिन बाद

विराज हर जगह घूमता रहा और रात होटल मे रूम लेके रहता दिन इधर उधर जगह घूमते मजे से निकाल रहा था

विराज - तीन दिन ही हुवे है अभी एक साल बाद ही मे मा दीदी पापा के सामने जा सकता हु

रात 9 बज रहे थे माला रमन बिस्तर पे लेते हुवे थे

माला - आज हमारा बेटा पहुँच गया होगा लेकिन फोन अभी तक नही आया
रमन - माला चिंता मुझे भी है बाप हु उसका पहली बार गाव से हम से दूर गया है लेकिन इंतज़ार कर या खुद फोन कर ले ना

माला फोन उठा के - आपने सही कहा , लेकिन तभी विराज का फोन आ जाता है माला जल्दी से फोन उठा के , बेटा कैसा है पहुँच गया ना

विराज होटल के रूम मे लेता - जी मा अच्छे से पहुँच गया आप सब चिंता मत करो और हा दोस्त से बात की है कल जाके काम पे लग जाऊंगा तो कल साम फिर फोन करूँगा आप ने खाना खा लिया ना

माला - हा बेटा खा लिया तूने
विराज - मेने भी पापा मा आप सब चिंता मत करना मेरा मे रोज फोन करता रहूँगा
रमन - ठीक है बेटा अपना ध्यान रखना
विराज - ठीक है मा पापा रखता हु दीदी से बात करनी है फिर सोना भी है
माला - ठीक है बेटा सफ़र से करके थक गया होगा
फोन कट
रमन - अब राहत मिली
माला रमन को देख - हु

वही शिवानी बिस्तर पे लेती बुर मे उंगली कर रही थी वीडियो कॉल पे शिवानी का पति था और शिवानी नाइटी उठाये जोर जोर से उंगली करके सिसकिया लिये जा रही थी शिवानी का पति वीडियो कॉल पे सब देख लंड हिला रहा था तभी विराज का फोन आता है

शिवानी - सुनिये छोटे का फोन आ रहा है बाद मे करेगे
विकी - साले को गलत टाइम पे ही फोन करना था
शिवानी गुस्से से - क्या बोला
विकी डरते हुवे - कुछ नही कर लो बात
शिवानी - हु
शिवानी विराज का फोन उठा के - छोटे पहुँच गया ना अच्छे से
विराज - जी दीदी पहुँच गया अब तो बिस्वास हो गया ना
शिवानी - माफ करदे भाई अब बिस्वास हो गया
विराज - कोई बात नही लेकिन वादा याद रखना
शिवानी हस्ते हुवे - याद है जो मेरे पास होगा जो दे सकूँगी मागेगा दूंगी

विराज मन मे - आपकी बुर चाहिये दीदी एक कोसिस है मुरिम से आने के बाद हिम्मत आ गई पहले डर लगता था इस लिये कुछ नही क्या अब भी डर लग रहा है लेकिन कोसिस करने से क्या जाता है मिला तो ठीक नही मिला तो कोई बात नही

विराज - आपके पास आपके अंदर जो होगा वही मांगूगा अच्छा मेरी प्यारी भांजी भांजे सो गये है क्या कोई आवाज नही आ रही

शिवानी हस्ते हुवे - सही कहा आराम से सो रहे है
विराज - ठीक है दीदी थका हु सोने जा रहा हु कल फोन करूँगा
शिवानी - ठीक है सोजा और हा अपना ख्याल रखना
विराज - जी दीदी
फोन कट

शिवानी फिर विकी को फोन करती है फिर दोनो सुरु हो जाते है

दिन गुजरते जाते है विराज रोज रात अपनी मा दीदी पापा से कर करता रहता है बाकी के दिन मे अच्छी जगह घूमते निकाल एक महीने हो जाते है

विराज एक जगह खरा था पार्क मे आस पास कोई नही था विराज पोटल खोल मुरिम दुनिया का अंदर चला जाता बाहर आता है तो देखता है rin aria बाहर पेर के नीचे कुर्सी पे बैठे जूस पीते बाते कर रहे थे लेकिन जैसे ही दोनो की नजर विराज पे जाती है दोनो पुरे शोक हो जाते है लेकिन उसी के साथ खुशी से उछलते हुवे तेजी से भाग विराज के गले लग जाते है विराज भी अपनी दोनो बीवी को बाहों मे कस लेता है

rin विराज को देखते हुवे - आप तो जल्दी अचानक कैसे आ गये
aria - हा अचानक कैसे आप तो
विराज पहले दोनो के होठ का रस पिता है
विराज दोनो को देख - चलो आराम से बाते करते है

तीनों बैठ जाते है विराज सारी बाते बताता है

aria हैरान होके - अच्छा लेकिन सीधे बता देते आपके पास पैसे की कमी नही है
rin - नही सायद ऐसा नही कर सकते है है ना पति जी
विराज दोनो को देख - हा मा पापा अगर नेक अच्छे इंसान है तो उन्हें एकदम से पैसा देखाये जाये तो पूछेगे इतने पैसे कहा से आये तो मे क्या जवाब देता बोलो

aria - अच्छा आपके बात तो सही कही
विराज - इस लिये मे एक एक महीने पे यहा आता रहुंगा एक महीने पिर्थ्वी पे एक महीने यहा

aria rin खुश होके - तब तो हमे भी लेके चलिये ना
विराज कुछ सोच के - अच्छा आइडिया है पिर्थ्वी पे लोग कैसे रहते हो बाते करते है रहन सहन दुनिया के बारे मे जान लोगी तो मा पापा दीदी से मिलने के बाद तुम दोनो को दिकत नही होगी

rin aria खुश होके - हा आपने सही कहा

तभी mingu आता है और विराज को देख शोक होके - दामाद जी
विराज खरा होके - ससुर जी
mangu भी कुर्सी लेके बैठ जाता हैं विराज सारी बाते बता देता है
mingu - अच्छा ये बात है सही है यहा भी आपका आना जाना लगा रहेगा आप खुद सब कैसा चल रहा है देख लेगे
विराज - हा ये बात तो है

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रात होती है विराज नँगा aria rin नंगी होके विराज को मदहोस अदा से देख - पति जी सुरु करिये मा
विराज दोनो को देख मुस्कुराते हुवे - ठीक है करते हो सुरु

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विराज aria को बिस्तर पे लेता के बुर पे लंड घुसा के जोरदार चुदाई करते हुवे चुचे निपल मसल दबाने लगता है aria - आह उफ पति जी और जोर से कई दिन से बुर तरप् रही थी अब जाके आह सुकून मिला है आह उफ मजा आ रहा है

13
aria के बाद rin विराज के ऊपर लंड बुर मे लेके मजे से गांड उपर नीचे करते हुवे बुर मे लंड लेने लगती है
विराज रिं को देख - मेरी जान बहोत जोस मे हो उफ बुर बहोत गर्म है
rin गांड उपर नीचे करके लंड लेते हुवे विराज को देख - आह पति जी आज निकाल दो मेरी बुर की गर्मी उफ आह मजा आ रहा है

पूरी रात चुदाई चलती है कोई नॉर्मल इंसान तो थे नही जो एक चुदाई मे थक जाये सुबह मस्त तरीके से होती है फिर विराज rinaria को लेके सभी sect master से मिलने देखने निकल परता है

10 दिन बाद विराज aria rin को लेके पोटल खोल अपनी दुनिया मे लेके आता है jin को विराज दूसरी बार आयेगा तो लेके जायेगा बोल दिया था

aria rin जैसे ही पिर्थ्वी पे आते है गारी घर लोग के कपड़े भीर लोगो की बाते खाने सब कुछ देख पुरे शोक हो जाते है

विराज ने पावर से rin aria की खूबसूरती दबा दिया था दोनो नॉर्मल लरकी के तरह लग रहे थे जिस तरह जिन लग रहा था

विराज rin aria को बाजार मे घुमाने लगता हो rin aria तो हैरान इधर उधर लाइट गारी घर बिक रहे समान को हि देखे जा रहे थे

aira धीरे से - पति जी आपकी दुनिया मे बहोत अलग हैं कई अजीब समान बिक रहे है और ये गारी ही ना
विराज - हा बताया तो था
rin चारों तरफ देख - कपड़े खाने को देख तो मुझे भुक् लगने लगी है

विराज दोनो को देख मुस्कुराते हुवे - पहले अच्छे से घूम लॉ फिर जो खाना हो खायेंगे

विराज aria rin को बहोत अच्छे जगह सब कुछ दिखाते समझाते जाता है फिर सब खाना खाते है रात एक होटल मे रूम लेके बिस्तर पे लेत जाते है

aria rin विराज की सीने पे सर रखे - आपकी दुनिग तो कमाल की है अभी तो बहोत कुछ देखना बाकी है
विराज दोनो को देख - हा बहोत कुछ देखना बाकी हो है मे खुद पूरी दुनिया अपनी देखी नही पर चिंता मत कर कल धीरे धीरे सब देखा दूंगा

बस कल से विराज अपनी दोनो बीवी को अपनी दुनिया देखाने लगता साथ मे बताता भी रहता ये कोन सी जगह है किया बोलते है समान गारी बिजली सब कुछ अच्छे से बताते रहता है

रात विराज अपनी मा दीदी पापा से बाते करता तो rin aria अपनी सास ससुर दीदी की आवाजे बाते चुप चाप सुनती रहती थी

din महीने गुजरते चले जाते है विराज ने अच्छे से rin aria को दुनिया देखाया समझा भी दिया था अब तो rin aria जान समझ गये थे
विराज जी जी उसकी बीवी अपने ससुर को भी लेके अपनी दुनिया दिखाता घुमाता है सब का रेयक्सन् भी बहोत खतरनाक था

साल पुरे हो गये थे विराज हर रात मा से बाते करता था लेकिन जब मुरिम दुनिया मे होता तो पहले ही सब को कोई बहाना बना के बता देता सब मान भी जाते थे


लेकिन इस सालों मे विराज ने अपनी मा दीदी से कुछ गलत कहने की बाते करने की कोसिस नही की बस थोरि मस्ती बाते करता रहा

विराज को जो चाहिये था अपनी मा दीदी की बुर वो वादे पे टिका था विराज को भी नही पता था किया होगा जब वो बताएगा उसे क्या चाहिये

विराज मुरिम दुनिया मे था jin mangu rin aria को बाय बोल सीधा अपनी दुनिया मे आता है पार्क मे विराज बैठ जाता है दोपहर 2 बज रहे थे विराज माला को फोन करता है

माला - विराज मेरे लाल एक साल हो गये मेरी आखे तुझे देखने को तरस गये घर आजा मेरे लाल
विराज - मा आप ने कहा मे आज ही गारी पकर लूंगा
माला खुश होके - हा मेरे लाल आजा तेरी मा तुझे देखना चाहती है
विराज - ठीक है मा मे रखता हु
माला - ठीक है बेटा

विराज फोन रख मन मे - अब घर जाने का वक़्त आ गया है लेकिन मे जो चाहता हु मुझे मिल पायेगा कैसे कहूंगा दीदी मा से कही मुझे मार ना दे उफ डर भी लग रहा है लेकिन विराज हिम्मत करनी हि होगी अगर मा दीदी की बुर चाहिये तो

साम को विराज ट्रेन पकर लेता है और अपनी मा दीदी पापा से बात भी कर लेता है माला शिवानी रमन बहोत खुश थे

तीन दिन बाद

सुबह 10 बज रहे थे आगन मे शिवानी माला बैठे बाते कर रहे थे आदि तो आशी खेलने मे लगे थे माला शिवानी को पता pta था विराज कभी भी आ जायेगा वैसा होता भी है

विराज घर के अंदर आगन ने आता है तो सबसे पहले माला की नजर विराज पे जाती है तो माला पूरी शोक मे खरे होके - बेटा
अपनी मा को इतना हैरान शोक विराज का नाम लेते शिवानी भी पीछे मूर देखती है तो शिवानी भी हैरान शोक मे खरी हो जाती है विराज को देखती रहती है

वही विराज भी खुद बहोत हैरान शोक मे अपनी मा बहन को देख रहा था

माला शिवानी इस लिये शोक थी कियुंकी विराज बहोत हि जायदा हैंडसम मस्त बॉडी वाला बन गया था एक साल दूर रहने का फायदा उठा के विराज अपने आप को बहोत हैंडसम मस्त बॉडी वाला बना लिया था

तो वही विराज इस लिये अपनी मा दीदी को देख शोक था कियुंकी माला शिवानी पहले से बहोत खूबसूरत मस्त बदन की मलकिन बन गई थी

जब हम किसी को रोज देखते रहते तो सामने वाला कितना बदल गया है बता नही चलता लेकिन जब आप किसी को एक साल देखता है तो बदलाव साफ नजर आता है सामने वाला कितना बदल गया है

विराज इसी लिये अपनी मा दीदी के बॉडी देख हैरान था

अजब ही सीन था विराज दोनो का देख दोनो अभय को को देख शोक थे

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏
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Haiwaan

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सुबह माला की नींद खुलती है तो देखती है विराज उसे बाहों मे लेके पुरा चिपका हुआ है टांगे माला के ऊपर थी चेहरा माला के चुचे के बीच चिपका हुआ

माला विराज को देख मुस्कुराते हुवे - मुझे बाहों मे लेके ऐसे सोया है जैसे मे उसकी बीवी हु उमर भी तो हो गई है जल्दी ही सादी करनी परेगी

माला विराज के गाल पे प्यार से किस करती है फिर धीरे से बिस्तर से उठ खेत तरफ जाती है फिर आती नहाती है शिवानी भी उठ कर नहा धोके रेडी होती है फिर खाना बनाने मे लग जाती है


माला आगन मे बैठी हुई थी रमन दातून करते हुवे माला को देख मुस्कुराते हुवे - रात बहोत अच्छी नींद आई होगी कियु

माला रमन को देख - कियु नही आयेगी अपने बेटे के साथ सुकून वाली नींद आई समझ गये

रमन मुस्कुराते हुवे - अरे बाबा वही तो केह रहा था

शिवानी रमन माला को देख - मा पापा आपको लगता है विराज आज सच मे जायेगा कमाने वादा कसमे तो खाये लेकिन पहले उसने कई बार हमारा भरोसा तोरा है

रमन माला सांत शिवानी को देखने लगते है कोई कुछ बोलता विराज कमरे से बाहर आते हुवे - भरोसा कोई जब एक बार नही कई बार तोर देता है तो उस इंसान पे फिर से भरोसा करना बहोत मुश्किल होता है दीदी लेकिन चिंता मत कीजिये 12 बजे के बाद आपका छोटा भाई एक साल बाद ही सब को दिखेगा


शिवानी रमन माला हैरान विराज को देखते है क्या बोले किसी को समझ नही आ रहा था

विराज खेत की तरफ जाते हुवे - लेकिन मेने जो उमीद भरोसा तोरा है उसे फिर हासिल करूँगा

विराज चला जाता है लेकिन सभी बहोत शोक मे थे विराज की हरकत बाते पहले से बदला नजर आ रहा था

रमन माला को देख - ये हमारा बेटा हि है ना
माला - तो और कोन है
रमन - नही बस बदला सा नजर आ रहा है बाते भी बरी अजीब करने लगा है

शिवानी - पापा आपका कहना सही है विराज सच मे बदल गया है


विराज घर से दूर एक छोटे पोखर के पास बैठ हल्का होते मन मे - किसी को अभी भी पुरा बिस्वास नही है मे बदल गया हु आज जाने वाला हु खैर ये तो होना ही था लेकिन मेरे जाने के बाद बिस्वास होगा सब को

तभी विराज के मन मे एक बात आती है विराज, एक मिनट मे जाऊंगा कहा करूँगा क्या एक साल तक एक मिनट मुरिम दुनिया मे चला जाऊंगा एक साल बाद वापस आ जाऊंगा हा ये सही है, tabhi विराज को याद आता है एक महीने बाद ही मुरिम मे जा सकता है
विराज मन मे, लग गये मे तो ये भूल ही गया अब क्या करू हा 40 साल मुरिम मे रहा मेने अपनी ही दुनिया नही घुमि एक महीने हर जगह घूम लेता हु एक महीने बाद मुरिम एक महीने अपनी पिर्थ्वी ऐसे ही एक साल निकल जायेंगे ये सही है

विराज ने प्लान बना लिया था एक साल कैसे कहा निकालना है

विराज हल्का होके घर आता है नहाता है रेडी होता है माला रमन शिवानी सांत चुप सब देख रहे थे विराज भी किसी को कुछ नही केहता

विराज फिर अपने दोस्त से मिलने चला जाता है 12 बजने वाले थे कमरे मे माला शिवानी बाते कर रहे थे

शिवानी - देखा मा बोला था 12 बजे जाने वाला है अभी तक आया भी नही
माला टेंसन मे थी
mala मन में - क्या सच मे मेरा लाल नही बदला है क्या फिर हमारी उमीद भरोसे को तोर देगा
तभी माला शिवानी को विराज की आवाज सुनाई देती है

विराज - मा दीदी पापा मे जाने के लिये रेडी हु

माला शिवानी रमन आगन मे आते है तो देखते है विराज तो पूरा रेडी था बैग लेके जाने के लिये रमन माला शिवानी पुरे शोक हो जाते है

माला जल्दी से विराज के पास आके कंधे पे हाथ रख - बेटा क्या सच मे जा रहा है मुझे लगा और हमने कोई तैयारी तुम्हारे लिये कुछ बनाया ही नही

विराज माला को देख - मा जनता हु कोई बात नही समझ सकता हु
शिवानी विराज के पास आके - छोटे हमे यकीन नही था लेकिन अब हो गया

विराज सब को देख - टाइम हो गया ट्रेन पकरनी है जाना होगा

तभी माला विराज को एकदम से गले लगा के रोते हुवे - बेटा माफ करदे तेरी बातो पे कस्मो पे बिस्वास नही और अब एकदम से तू सच मे जा रहा है मेरा दिल बहोत उदास हो गया है

विराज माला को बाहों मे लिये - मा रो मत मेने बहोत दर्द रोलाया है लेकिन अब सिर्फ खुसिया ही दूंगा

माला विराज के चेहरे को पकर आसु लिये - पहली बार जा रहा है अगर दिल ना लगे तो बिना झिझक घर आ जाना कोई कुछ नही बोलेगा

विराज - ठीक है मा

विराज मन मे -मा तो मा होती है कैसा भी बेटा हो बस चाहती है सही सलामत खुश रहे

शिवानी विराज के गले लग - छोटे मुझे भी माफ करदे तेरे पे भरोसा नही क्या
विराज - दीदी मेने जो क्या जाहिर है
रमन विराज के पास आके कंधे पे हाथ रख - बेटा खुशी हुई तुम अपने आप को बदल लिये जा अपनी लाइफ की नई सुरवात कर याद रख हमारे लिये कुछ ना भी करेगा तो चलेगा बस अपनी लाइफ के लिये कर एक बाप मा अपने बेटे के लिये यही चाहता है

विराज भी इमोसनल होके अपने पापा के गले लग जाता है विराज फिर अपनी मा दीदी पापा को देखता है माला आज बहोत खुश थी उसका बेटा बदल गया लेकिन जाने से दुखी भी थी

आदि चलते हुवे विराज के पैर पकर - मामा
विराज नीचे आदि को देखता है फिर गोद मे उठा के प्यार से गाल पे पप्पी लेते हुवे - मेरा प्यार भांजा तेरे मामा जा रहे है लेकिन आयेगे तो बहोत सारी कॉकलेट कपड़े खिलौने लेके आयेगे

आदि विराज को देख - मा कॉकलेट खिलौने
विराज मुस्कुराते हुवे - मा मेरे प्यारे भांजे

विराज शिवानी को देख - मेरी परी कहा है दीदी
शिवानी मुस्कुराते हुवे -सो रही है

विराज आदि को शिवानी को देता है कमरे मे जाता है आशी सुई बहोत प्यारी लग रही थी विराज आशी को प्यार से देखता है गाल मे पप्पी करके बाहर आता है और फिर सब घर से बाहर आते है

विराज - मा दीदी पापा जा रहा हु आप सब अपना ख्याल रखना

विराज सब से आशीर्वाद लेता है गले मिलता है

माला इमोसनल होके - बेटा अपना ख्याल रखना खाना पीना समय पे खाना
शिवानी - और रोज फोन करते रहना समझ गया
रमन - हा नही तो तेरी मा को रात नींद नही आयेगी
विराज हस्ते हुवे - ठीक है बाबा

विराज फिर सब को बाय बोल निकल परता है

माला विराज को जाते देख - हमने यकीन नही क्या और अब जा रहा है तो दुख हो रहा है मेने अपने लाल के लिये कुछ बनाया भी नही ना कपड़े पैक किये
रमन माला के कंधे पे हाथ रख - सांत हो जाओ माला विराज बेटा जनता समझता था वो बुरा नही मानेगा
शिवानी आदि को गोद मे लिये - चला गया यकीन नही होता lek अब उसके जाने से दिल उदास हो गया है

आदि विराज को दूर जाते देख - मामा मामा
शिवानी आदि को प्यार से - बेटा मामा जल्दी आ जायेंगे


विराज मैंन रोड के साइड खरा हो जाता है एक बस आती है विराज बैठ जाता है कहा जाना है विराज को पता नही लेकिन ऐसे हि एक महीने निकालने थे

घर पे सब कुछ सांत था आगन मे शिवानी माला खटिये पे बैठे थे अभी भी यकीन नही हो रहा था विराज चला गया है

वही विराज बस से ही सफर करता रहता है कही उतर गया घूम लिया फिर कोई दूसरी बस नई जगह ऐसे ही दिन निकलते गये


रात खाना खाते वक़्त आगन मे

माला रमन माला साथ बैठे खा रहे थे

शिवानी - मा छोटा तो सच मे चला गया
माला - हा मेरा लाल बदल गया ये देख बहोत खुश ही लेकिन उसके पास ना होने से दिल बेचैन है
रमन - बस भी करो कई लरके है जो घर मा बाप छोर सेहर कम कर रहे है
माला रमन को देख - तो क्या हा मे अपने बेटे की चिंता भी नाकरू
रमन - मेने ऐसा तो नही कहा

तभी विराज का फोन आता है माला जल्दी से फोन उठा के - हा मेरे लाल कहा पहुँचा कैसा है
विराज - सांत मा मे ट्रेन मे बैठ गया हु बाकी मे जब अपने दोस्त के पास पहुँच जाऊंगा तो उस दिन फोन करूँगा अब रखता हु
शिवानी - ध्यान रखना छोटे
रमन - पहुँचते ही फोन करना
माला - खाना खा लेना और पहुँचे फोन करना समझ गया
विराज समझ गया मा
फोन कट
3 दिन बाद

विराज हर जगह घूमता रहा और रात होटल मे रूम लेके रहता दिन इधर उधर जगह घूमते मजे से निकाल रहा था

विराज - तीन दिन ही हुवे है अभी एक साल बाद ही मे मा दीदी पापा के सामने जा सकता हु

रात 9 बज रहे थे माला रमन बिस्तर पे लेते हुवे थे

माला - आज हमारा बेटा पहुँच गया होगा लेकिन फोन अभी तक नही आया
रमन - माला चिंता मुझे भी है बाप हु उसका पहली बार गाव से हम से दूर गया है लेकिन इंतज़ार कर या खुद फोन कर ले ना

माला फोन उठा के - आपने सही कहा , लेकिन तभी विराज का फोन आ जाता है माला जल्दी से फोन उठा के , बेटा कैसा है पहुँच गया ना

विराज होटल के रूम मे लेता - जी मा अच्छे से पहुँच गया आप सब चिंता मत करो और हा दोस्त से बात की है कल जाके काम पे लग जाऊंगा तो कल साम फिर फोन करूँगा आप ने खाना खा लिया ना

माला - हा बेटा खा लिया तूने
विराज - मेने भी पापा मा आप सब चिंता मत करना मेरा मे रोज फोन करता रहूँगा
रमन - ठीक है बेटा अपना ध्यान रखना
विराज - ठीक है मा पापा रखता हु दीदी से बात करनी है फिर सोना भी है
माला - ठीक है बेटा सफ़र से करके थक गया होगा
फोन कट
रमन - अब राहत मिली
माला रमन को देख - हु

वही शिवानी बिस्तर पे लेती बुर मे उंगली कर रही थी वीडियो कॉल पे शिवानी का पति था और शिवानी नाइटी उठाये जोर जोर से उंगली करके सिसकिया लिये जा रही थी शिवानी का पति वीडियो कॉल पे सब देख लंड हिला रहा था तभी विराज का फोन आता है

शिवानी - सुनिये छोटे का फोन आ रहा है बाद मे करेगे
विकी - साले को गलत टाइम पे ही फोन करना था
शिवानी गुस्से से - क्या बोला
विकी डरते हुवे - कुछ नही कर लो बात
शिवानी - हु
शिवानी विराज का फोन उठा के - छोटे पहुँच गया ना अच्छे से
विराज - जी दीदी पहुँच गया अब तो बिस्वास हो गया ना
शिवानी - माफ करदे भाई अब बिस्वास हो गया
विराज - कोई बात नही लेकिन वादा याद रखना
शिवानी हस्ते हुवे - याद है जो मेरे पास होगा जो दे सकूँगी मागेगा दूंगी

विराज मन मे - आपकी बुर चाहिये दीदी एक कोसिस है मुरिम से आने के बाद हिम्मत आ गई पहले डर लगता था इस लिये कुछ नही क्या अब भी डर लग रहा है लेकिन कोसिस करने से क्या जाता है मिला तो ठीक नही मिला तो कोई बात नही

विराज - आपके पास आपके अंदर जो होगा वही मांगूगा अच्छा मेरी प्यारी भांजी भांजे सो गये है क्या कोई आवाज नही आ रही

शिवानी हस्ते हुवे - सही कहा आराम से सो रहे है
विराज - ठीक है दीदी थका हु सोने जा रहा हु कल फोन करूँगा
शिवानी - ठीक है सोजा और हा अपना ख्याल रखना
विराज - जी दीदी
फोन कट

शिवानी फिर विकी को फोन करती है फिर दोनो सुरु हो जाते है

दिन गुजरते जाते है विराज रोज रात अपनी मा दीदी पापा से कर करता रहता है बाकी के दिन मे अच्छी जगह घूमते निकाल एक महीने हो जाते है

विराज एक जगह खरा था पार्क मे आस पास कोई नही था विराज पोटल खोल मुरिम दुनिया का अंदर चला जाता बाहर आता है तो देखता है rin aria बाहर पेर के नीचे कुर्सी पे बैठे जूस पीते बाते कर रहे थे लेकिन जैसे ही दोनो की नजर विराज पे जाती है दोनो पुरे शोक हो जाते है लेकिन उसी के साथ खुशी से उछलते हुवे तेजी से भाग विराज के गले लग जाते है विराज भी अपनी दोनो बीवी को बाहों मे कस लेता है

rin विराज को देखते हुवे - आप तो जल्दी अचानक कैसे आ गये
aria - हा अचानक कैसे आप तो
विराज पहले दोनो के होठ का रस पिता है
विराज दोनो को देख - चलो आराम से बाते करते है

तीनों बैठ जाते है विराज सारी बाते बताता है

aria हैरान होके - अच्छा लेकिन सीधे बता देते आपके पास पैसे की कमी नही है
rin - नही सायद ऐसा नही कर सकते है है ना पति जी
विराज दोनो को देख - हा मा पापा अगर नेक अच्छे इंसान है तो उन्हें एकदम से पैसा देखाये जाये तो पूछेगे इतने पैसे कहा से आये तो मे क्या जवाब देता बोलो

aria - अच्छा आपके बात तो सही कही
विराज - इस लिये मे एक एक महीने पे यहा आता रहुंगा एक महीने पिर्थ्वी पे एक महीने यहा

aria rin खुश होके - तब तो हमे भी लेके चलिये ना
विराज कुछ सोच के - अच्छा आइडिया है पिर्थ्वी पे लोग कैसे रहते हो बाते करते है रहन सहन दुनिया के बारे मे जान लोगी तो मा पापा दीदी से मिलने के बाद तुम दोनो को दिकत नही होगी

rin aria खुश होके - हा आपने सही कहा

तभी mingu आता है और विराज को देख शोक होके - दामाद जी
विराज खरा होके - ससुर जी
mangu भी कुर्सी लेके बैठ जाता हैं विराज सारी बाते बता देता है
mingu - अच्छा ये बात है सही है यहा भी आपका आना जाना लगा रहेगा आप खुद सब कैसा चल रहा है देख लेगे
विराज - हा ये बात तो है

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रात होती है विराज नँगा aria rin नंगी होके विराज को मदहोस अदा से देख - पति जी सुरु करिये मा
विराज दोनो को देख मुस्कुराते हुवे - ठीक है करते हो सुरु

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विराज aria को बिस्तर पे लेता के बुर पे लंड घुसा के जोरदार चुदाई करते हुवे चुचे निपल मसल दबाने लगता है aria - आह उफ पति जी और जोर से कई दिन से बुर तरप् रही थी अब जाके आह सुकून मिला है आह उफ मजा आ रहा है

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aria के बाद rin विराज के ऊपर लंड बुर मे लेके मजे से गांड उपर नीचे करते हुवे बुर मे लंड लेने लगती है
विराज रिं को देख - मेरी जान बहोत जोस मे हो उफ बुर बहोत गर्म है
rin गांड उपर नीचे करके लंड लेते हुवे विराज को देख - आह पति जी आज निकाल दो मेरी बुर की गर्मी उफ आह मजा आ रहा है

पूरी रात चुदाई चलती है कोई नॉर्मल इंसान तो थे नही जो एक चुदाई मे थक जाये सुबह मस्त तरीके से होती है फिर विराज rinaria को लेके सभी sect master से मिलने देखने निकल परता है

10 दिन बाद विराज aria rin को लेके पोटल खोल अपनी दुनिया मे लेके आता है jin को विराज दूसरी बार आयेगा तो लेके जायेगा बोल दिया था

aria rin जैसे ही पिर्थ्वी पे आते है गारी घर लोग के कपड़े भीर लोगो की बाते खाने सब कुछ देख पुरे शोक हो जाते है

विराज ने पावर से rin aria की खूबसूरती दबा दिया था दोनो नॉर्मल लरकी के तरह लग रहे थे जिस तरह जिन लग रहा था

विराज rin aria को बाजार मे घुमाने लगता हो rin aria तो हैरान इधर उधर लाइट गारी घर बिक रहे समान को हि देखे जा रहे थे

aira धीरे से - पति जी आपकी दुनिया मे बहोत अलग हैं कई अजीब समान बिक रहे है और ये गारी ही ना
विराज - हा बताया तो था
rin चारों तरफ देख - कपड़े खाने को देख तो मुझे भुक् लगने लगी है

विराज दोनो को देख मुस्कुराते हुवे - पहले अच्छे से घूम लॉ फिर जो खाना हो खायेंगे

विराज aria rin को बहोत अच्छे जगह सब कुछ दिखाते समझाते जाता है फिर सब खाना खाते है रात एक होटल मे रूम लेके बिस्तर पे लेत जाते है

aria rin विराज की सीने पे सर रखे - आपकी दुनिग तो कमाल की है अभी तो बहोत कुछ देखना बाकी है
विराज दोनो को देख - हा बहोत कुछ देखना बाकी हो है मे खुद पूरी दुनिया अपनी देखी नही पर चिंता मत कर कल धीरे धीरे सब देखा दूंगा

बस कल से विराज अपनी दोनो बीवी को अपनी दुनिया देखाने लगता साथ मे बताता भी रहता ये कोन सी जगह है किया बोलते है समान गारी बिजली सब कुछ अच्छे से बताते रहता है

रात विराज अपनी मा दीदी पापा से बाते करता तो rin aria अपनी सास ससुर दीदी की आवाजे बाते चुप चाप सुनती रहती थी

din महीने गुजरते चले जाते है विराज ने अच्छे से rin aria को दुनिया देखाया समझा भी दिया था अब तो rin aria जान समझ गये थे
विराज जी जी उसकी बीवी अपने ससुर को भी लेके अपनी दुनिया दिखाता घुमाता है सब का रेयक्सन् भी बहोत खतरनाक था

साल पुरे हो गये थे विराज हर रात मा से बाते करता था लेकिन जब मुरिम दुनिया मे होता तो पहले ही सब को कोई बहाना बना के बता देता सब मान भी जाते थे


लेकिन इस सालों मे विराज ने अपनी मा दीदी से कुछ गलत कहने की बाते करने की कोसिस नही की बस थोरि मस्ती बाते करता रहा

विराज को जो चाहिये था अपनी मा दीदी की बुर वो वादे पे टिका था विराज को भी नही पता था किया होगा जब वो बताएगा उसे क्या चाहिये

विराज मुरिम दुनिया मे था jin mangu rin aria को बाय बोल सीधा अपनी दुनिया मे आता है पार्क मे विराज बैठ जाता है दोपहर 2 बज रहे थे विराज माला को फोन करता है

माला - विराज मेरे लाल एक साल हो गये मेरी आखे तुझे देखने को तरस गये घर आजा मेरे लाल
विराज - मा आप ने कहा मे आज ही गारी पकर लूंगा
माला खुश होके - हा मेरे लाल आजा तेरी मा तुझे देखना चाहती है
विराज - ठीक है मा मे रखता हु
माला - ठीक है बेटा

विराज फोन रख मन मे - अब घर जाने का वक़्त आ गया है लेकिन मे जो चाहता हु मुझे मिल पायेगा कैसे कहूंगा दीदी मा से कही मुझे मार ना दे उफ डर भी लग रहा है लेकिन विराज हिम्मत करनी हि होगी अगर मा दीदी की बुर चाहिये तो

साम को विराज ट्रेन पकर लेता है और अपनी मा दीदी पापा से बात भी कर लेता है माला शिवानी रमन बहोत खुश थे

तीन दिन बाद

सुबह 10 बज रहे थे आगन मे शिवानी माला बैठे बाते कर रहे थे आदि तो आशी खेलने मे लगे थे माला शिवानी को पता pta था विराज कभी भी आ जायेगा वैसा होता भी है

विराज घर के अंदर आगन ने आता है तो सबसे पहले माला की नजर विराज पे जाती है तो माला पूरी शोक मे खरे होके - बेटा
अपनी मा को इतना हैरान शोक विराज का नाम लेते शिवानी भी पीछे मूर देखती है तो शिवानी भी हैरान शोक मे खरी हो जाती है विराज को देखती रहती है

वही विराज भी खुद बहोत हैरान शोक मे अपनी मा बहन को देख रहा था

माला शिवानी इस लिये शोक थी कियुंकी विराज बहोत हि जायदा हैंडसम मस्त बॉडी वाला बन गया था एक साल दूर रहने का फायदा उठा के विराज अपने आप को बहोत हैंडसम मस्त बॉडी वाला बना लिया था

तो वही विराज इस लिये अपनी मा दीदी को देख शोक था कियुंकी माला शिवानी पहले से बहोत खूबसूरत मस्त बदन की मलकिन बन गई थी

जब हम किसी को रोज देखते रहते तो सामने वाला कितना बदल गया है बता नही चलता लेकिन जब आप किसी को एक साल देखता है तो बदलाव साफ नजर आता है सामने वाला कितना बदल गया है

विराज इसी लिये अपनी मा दीदी के बॉडी देख हैरान था

अजब ही सीन था विराज दोनो का देख दोनो अभय को को देख शोक थे

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏
Nice update bro
 
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