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Romance In Love.. With You... (Completed)

Adirshi

Royal कारभार 👑
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Sr. Moderator
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Update 40



अगले दिन सब कुछ नॉर्मल था राघव के उसे मनाने से नेहा खुश थी वही घर के बाकी लोग इस बात से खुश थे के उन दोनों के बीच सब नॉर्मल हो चुका था, अभी रिद्धि नेहा स्वाती और श्वेता को सगाई के फ़ोटोज़ दिखा रही थी के तभी वहा राघव आया

राघव- मॉम मैं सोच रहा था आज जरा हम लोग अमराई मे हो आए खेत देख आए जब से आए है उधर गए ही नहीं

राघव ने जानकी जी से कहा जिसने बकियों का ध्यान भी उस ओर गया

जानकी- हम?

राघव- हा मतलब हम सब लोग मैं शेखर और बाकी सब, जबसे यहा आए है उधर गए ही नहीं मैं सोच रहा था प्लान बनाने का और वैसे भी चिक... मतलब नेहा और श्वेता ने हमारी अमराई कहा देखि है

जानकी- ठीक है तुम बच्चे लोग हो आओ लेकिन रात के खाने से पहले आ जाना वहा से जंगल का इलाका शुरू होता हो तो शाम के बाद कई बार जानवर आ जाते है तो संभाल कर

जानकी जी ने राघव को समझाया और उसने भी हा मे गर्दन हिलाई और तभी वहा रितु आई

रितु- कौन कहा जा रहा है??

“इसके पैर इसके घर मे नहीं टिकते क्या” रितु को वहा देख श्वेता नेहा के कान मे फुसफुसाई वही रितु ने नेहा को देखा जिसका चेहरा उसे देख के उतर गया था वही जब रितु ने राघव को देखा तो उसका चेहरा भी सपाट था जिससे रितु ने समझा के उनका बड़ा वाला झगड़ा हुआ है और ये सोच के उसके चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान आ गई

राघव- ओह हेलो रितु! तुम चलोगी हमारे साथ? हम जरा अमराई और खेतों की ओर जा रहे है!

राघव ने रितु को भी साथ चलने के लिए पूछा जीसे सुन नेहा ने उसे शॉक होकर देखा के ये करना क्या चाहता है लेकिन राघव के दिमाग मे कुछ तो चल रहा था इतना वो जानती थी

रितु- हा हा क्यू नहीं मैं भी चलती हु

राघव- हा तो फिर ठीक है सब आधे घंटे मे रेडी होकर मिलों

राघव ने सबको और फिर नेहा को देख कर कहा

---

ये सब लोग रेडी होने के लिए अपने अपने कमरों मे चले गए और जब रितु राघव और नेहा के कमरे के सामने से गुजरी तो उसे कुछ आवाजे सुनाई दी जीसे सुन उसके कान खड़े हो गए, राघव और नेहा अंदर कुछ बाते कर रहे थे जो रितु को पसंद नहीं आई और वो गुस्से से पैर पटकते हुए वहा से निकल गई

---

आधे घंटे बाद वो सब लोग रेडी थे

स्वाती- शेखर भईया उधर हम ज्यादा गाड़िया लेकर नहीं जा सकते रास्ता ठीक नहीं है हम ऐसा करते है 6 सीटर लेकर चलते है

शेखर- ये भी सही है मैं आता हु कार लेकर तुम लोग यही रुको

इतना बोल के शेखर गाड़ी लाने चला गया

रितु- अरे लेकिन राघव कहा है?

रितु ने इधर उधर देखते हुए पूछा तभी राघव वहा आया और राघव वो आता देख नेहा के चेहरा शर्म से लाल हो गया जो राघव ने नोटिस कर लिया वही रितु ने अपनी मुट्ठियां भींच ली

राघव- रेडी है सब?

विवेक- हा चलो चलो वो शेखर भाई भी आ गया कार लेकर

विवेक ने शेखर को आता देख कहा, रितु के उनके साथ आने से किसी को भी खुशी नहीं हो रही थी लेकिन राघव ने कहा था तो किसी ने मना नहीं किया वही नेहा ये नहीं सोच पा रही थी के राघव ने उसे साथ चलने क्यू कहा

कार आते ही सब लोग कार मे बैठ गए लेकिन बस एक शक्स था जो नहीं बैठ पाया और गाड़ी मे बैठी रितु बाहर खड़ी नेहा को देखने लगी

राघव- तुम बाहर क्या खड़ी हो बैठो ना

राघव ने नेहा से कहा जो ड्राइवर के बाजू की पैसेंजर सीट पर बैठा था

नेहा- कहा ?? सर पे ?

नेहा ने हल्के गुस्से से कहा

राघव- अरे तुम इधर आओ यार

राघव ने नेहा को अपने पास बुलाया और अपनी सीट थोड़ी पीछे सरकाई और नेहा का हाथ पकड़ कर उसने अपनी गोद मे बिठाया

राघव की ये हरकत देख विवेक ने तो सिटी बजा डाली वही रितु की स्माइल गायब हो गई वही नेहा की आंखे बड़ी हो गई और वो राघव को देखने लगी जो उसका ड्रेस एडजस्ट कर रहा था ताकि दरवाजा बंद कर सके

नेहा- ये... ये.... क्या....

राघव- चुप चाप बैठो

और जब नेहा अच्छे से राघव की गोद मे एडजस्ट हो गई तो राघव ने अपना चेहरा उसके कान के पास किया अब चुकी नेहा के बाल उड़ रहे थे तो पीछे से देखने वालों को कुछ अलग ही लग रहा था, उसने अपना हाथ नेहा की पीठ पर रखा और उसके कान मे कुछ फुसफुसाया अब वैसे तो इनके बीच सब नॉर्मल था लेकिन देखने वालों को ऐसा लग रहा था के कुछ चल रहा है, नेहा ने उसका शर्ट पकड़ लिया

श्वेता- भईया!! अगर आपको रोमांस करना ही था तो घर रुक जाते ना आप भाभी के साथ या हमे साथ क्यू लाया

श्वेता ने स्माइल के साथ रितु को देखते हुए कहा

राघव- अब इसमे मेरी थोड़ी गलती है तुम्हारी भाभी लग ही इतनी गजब रही है के मैं किसी और बात पर फोकस ही नहीं कर पा रहा

राघव ने कहा वही नेहा बस चुप चाप उसे सुन रही थी

राघव नेहा की उंगलियों के साथ खेलने लगा ताकि रितु का ध्यान उस ओर खिच सके जिसमे वो कुछ हद तक कमियाब भी रहा

कुछ ही समय मे वो लोग पहुच चुके थे

रिद्धि- वॉव यार क्या सही मौसम हो रखा है बढ़िया है एकदम

रिद्धि ने कार से उतरते हुए कहा। कुछ देर वहा घूमने के बाद वो सब लोग एक पेड़ के नीचे बैठे थे

रितु- राघव तुम्हें तो ऐसे सब मौसम की धूप की आदत नहीं है ना तुम्हें चाहिए कुछ??

रितु ने राघव का अटेंशन पाने के लिए पूछा

राघव- मुझे कुछ नहीं चाहिए रितु मैं एकदम ठीक हु और अच्छा लग रहा है यहा इन्फैक्ट मैं तो यहा एक जमीन लेने की सोच रहा हु कितनी शांति है यहा सोच रहा हु रिटायरमेंट के बाद नेहा से साथ यही सेटल हो जाऊं एकदम शांति मे

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ते हुए कहा वही नेहा बस उसे देखती रही और रितु ने मुह बिगाड़ लिया

श्वेता- लेकिन भईया आप यहा रहेंगे तो हमारे वाड़े मे कौन रहेगा??

श्वेता ने जानबुझ के पूछा

राघव- उम्म हमारे... हमारे बच्चे रहेंगे!

राघव तपाक से बोला वही नेहा ने चौक के उसे देखा और रितु को तो खासी आगयी

शेखर- ओह हो हो हो मामला यहा तक पहुच चुका है

विवेक- अरे पर उसके लिए बच्चे भी तो चाहिए

विवेक ने पूछा वही नेहा किसी से भी आँख नहीं मिला रही थी और राघव के हाथ से अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश कर रही थी लेकिन राघव ने उसका हाथ कस के पकड़ा हुआ था

राघव- डोंट वरी विकी वर्क इन प्रोग्रेस है

राघव ने कहा वही नेहा का मुह खुला का खुला रह गया और वो राघव को ऐसे देखने लगी मानो वो कोई ऐलीअन हो वही रितु आंखे फाड़े उसे देख रही थी

ये पागल हो गए है क्या??’ नेहा ने सोचा

श्वेता- मतलब मैं जल्द ही चाची बनने वाली हु

रिद्धि- और मैं बुआ

विवेक- अपुन चाचा 😎

और अब अचानक से सब लोग इस इंपोर्टेंट टॉपिक पर डिस्कस करने लगे वही नेहा बस चुप चाप उन्हे सुन रही रही और अचानक श्वेता बोली

श्वेता- और रितु? रितु क्या बनेगी?

श्वेता ने एकदम पूछा जिससे रितु थोड़ी सकपका गई

स्वाती- क्या बनेगी मतलब वो भी बुआ बनेगी भाई की दूर की बहन

स्वाती ने एकदम कहा जीसे सुन रितु को झटका लगा वही बाकी सब लोग अपनी हसी को कंट्रोल करने लगे

रितु- नहीं!! मेरा मतलब मैं दोस्त हु राघव की बहन नहीं हु

विवेक- फिर जो बच्चा होगा वो तुम्हें क्या बुलाएगा

विवेक ने पूछा जिसका रितु के पास कोई जवाब नहीं था वही राघव चुप चाप बस मजे ले रहा था

रितु- आंटी, हा आंटी ठीक रहेगा

रितु ने बात खतम करते हुए कहा लेकिन बाकी लोग इस बात को कहा छोड़ने वाले थे

श्वेता- अरे ऐसे कैसे तुम हमारी फॅमिली के इतने क्लोज़ हो और आंटी सही नहीं लगता सुनने मे दूर वाली फीलिंग आती है

राघव- करेक्ट! बुआ परफेक्ट है वैसे भी मेरे लिए रितु बहन जैसी ही है

राघव ने कहा जीसे सुन नेहा मन ही मन मुस्कुराई

रितु- नहीं!!!!!!

शेखर- क्यू?? मुझे तो तुम ब्रो कहती हो उस हिसाब से तो भाई भी...

रितु- नो!! मैं तुम्हें ब्रो कहती हु उसे नहीं और राघव मैं तुम्हारी बहन नहीं हु

रितु ने एकदम से कहा

नेहा- लेकिन वो तो तुम्हें बहन मानते है ना

रितु- वो कभी मेरा भाई नहीं बन सकता!!

नेहा- क्यू?

रितु- क्युकी आइ लव हिम!!!

अचानक आए इतने सवालों से रितु ने एकदम से कह दिया वही बाकी सब शॉक हो गए और अब राघव के चेहरे पे सीरीअस एक्सप्रेशन थे

कोई कुछ नहीं बोल रहा था

रितु- वो मेरे कहने का मतलब था के....

लेकिन राघव ने उसे रोक दिया

राघव- जानता हु क्या मतलब था इसीलिए आखरी बार कह रहा हु छोड़ दो ये सब

और राघव वहा से नेहा के साथ खड़ा हो गया और उसे खड़ा देख बाकी सब भी उठ गए

रितु- राघव मैं...

राघव- रितु मैंने तुम्हें पहले भी समझाया है के मैं और तुम साथ नहीं हो सकते

और राघव की इस बात ने रितु को भड़का दिया वो जो अब तक शांत थी अब गुस्से मे थी

रितु- क्यू!!!! क्या कमी है मुझमे?? ऐसा क्या है उसमे जो मुझमे नहीं है??

रितु ने चिल्ला कर कहा वही राघव बस शांति से अपनी जगह खड़ा रहा

रितु- आई लव यू राघव!! बचपन से.. तुम्हें समझ नहीं आता???

राघव- यू आर जस्ट ऑब्सेस्ड विद मि और मैं तुम्हारे लिए वैसे फ़ील नहीं करता हु मैंने पहले भी कहा था आज भी कह रहा हु समझ जाओ

रितु- ठीक है हु मैं पागल तुम्हारे लिए लेकिन मुझे बस एक बात जाननी है क्यू?? क्यू तुम मुझे पसंद नहीं करते?? मैं सुन्दर नहीं? मैं तो दिखने मे इससे ज्यादा अच्छी हु ऐसा क्या है उसमे जो मुझमे नहीं है मैं तुम्हें उससे ज्यादा खुश रख सकती हु!!

राघव- बस!! बहुत हुआ! मैं चुप हु इसका ये मतलब नहीं के तुम कुछ भी बोलोगी तुम्हें मेरी पत्नी के बारे मे कुछ भी कहने का कोई अधिकार नहीं है और मैं बहुत खुश हु उसके साथ

रितु- किससे झूठ कह रहे हो मैं जानती हु तुम्हारे दादाजी ने जबरदस्ती कराई है तुम्हारी शादी इसीलिए तो शादी के तुरंत बाद तुम चले गए थे

राघव- मेरी जिंदगी मे क्या चल रहा है क्या नहीं ये तुम्हारे मतलब का नहीं है इसिलए बेहतर होगा के मुझे भूल जाओ और मुझसे और मेरी बीवी से दूर रहो

रितु- आइ लव यू!!!!!!!!

राघव- बट आई डोंट!!! इतनी सी बात तुम्हें समझ नहीं आ रही

रितु- हूह मैं पीछे हट भी जाती अगर तुम उससे प्यार करते तो और तुम नहीं करते ये मैं जानती हु

राघव- मैं अपनी बीवी से कितना प्यार करता हु कितना नहीं ये मुझे किसी को बताने ही जरूरत नहीं है

रितु- मैं देख सकती हु राघव के तुम प्यार नहीं करते उससे मेरी बात मानो राघव छोड़ दो उसे वो बस एक जबरदस्ती की जिम्मेदारी है

रितु ने कहा और वही उसके आखरी शब्द सुन नेहा के आँख ने आसू आने लगे

राघव - कुछ रिश्ते बहुत खुबसूरत होते है लेकिन तुम नही समझोगी

राघव ने रितु को कुछ पल घूरा और नेहा को देखा उसके आँसुओ से भीगे चेहरे को देखा और उसके पास गया अपने हाथ से उसने आँसू पोंछे और सर हिला कर उसे रोने से मना किया और बोला

राघव- मैं तुम्हारा पति हु और तुम मेरी पत्नी हो बस यही है जो मायने रखता है बाकी किसी की बात सुनने का कोई मतलब नहीं है, तुम पत्नी हो मेरी सिर्फ जिम्मेदारी नहीं ये बात अपने दिमाग में डाल लो।

नेहा ने राघव की आँखों मे देखा, आज उन आँखों मे उसे अलग ही भावनाए दिख रही थी उसने उन दोनों के बीच की दूरी और कम की नेहा की आँखों मे देखा फिर उसके होंठों को देखा जो उसे बुला रहे थे

राघव- यू नो कभी कभी शब्दो से ज्यादा एक्शन मायने रखता है, एक्शन स्पीक लाउडर देन वर्ड्स!

इतना बोल के राघव ने उनके बीच की बची कूची दूरी भी मिटा दी और अपने होंठ नेहा के होंठों की ओर बढ़ा दिए और अब उनके होंठों के बीच बस आधा इंच की दूरी थी

सब लोग आंखे फाड़े ये सीन देख रहे थे नेहा की धड़कने बढ़ी हई थी दिमाग सुन्न था उसने अपनी आंखे कस कर बंद कर रखी थी उसे नहीं पता था क्या करे

राघव ने अपना एक हाथ उसकी कमर पर रखा और दूसरा हाथ उसकी गर्दन कर पीछे उसे और पास लाने, उसने अपने होंठों को वैसे ही रोके रखा था बगैर हिलाए और फिर उसने अपना चेहरा नेहा के कान के पास किया अपने होंठों से उसके गालों को छूते हुए, नेहा के पैर उसका साथ छोड़ रहे थे उसने राघव की शर्ट को कस लिया

राघव- ये किस मेरे लिए बहुत मायने रखता है नेहा, विल यू??

वो नेहा के कान मे फुसफुसाया और कुछ ही पालो मे उसे नेहा का हाथ अपने पीठ पर फ़ील हुआ उसे पास खिचते हुए उसने उसे किस की पर्मिशन दे दी और उन दोनों के होंठ आपस मे मिल गए बगैर किसी की फिर्क करे

राघव ने अपने एक हाथ से अपने भाई बहनों को घूमने का इशारा किया और वो भी पलट गए इन्हे इनका पर्सनल स्पेस देते हुए वही रितु जो अबतक शॉक मे खड़ी थी उसे भी श्वेता ने घुमा दिया

राघव ने अपने हाथों से नेहा के गालों को पकड़ा और नेहा के होंठों को चूमने लगा स्लोली पैशनेटली, अ परफेक्ट किस, उन दोनों के अंदर बहुत सी भावनाए थी बहुत से इमोशंस बह रहे थे एकदूसरे के लिए जीसे वो किस द्वारा एकदूसरे को बता रहे थे, अब तो वो ये भी भूल चुके थे के वहा उनके अलावा भी और लोग थे, पहले जब राघव को नेहा को किस करने का डेयर मिला था तब वो दोनों की इसके लिए तयार नहीं थे लेकिन पिछले कुछ दिनों मे उनके रिश्ते मे बहुत से बदलाव आए थे और वो एकदूसरे के और करीब आए थे और अब वो अपने इस रिश्ते को एक कदम और आगे बढ़ाने के लिए तयार थे......

क्रमश:
 

paarth milf lover

I m a big big milf and shayari lover💕♥️
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माफी

Adirshi भाई

इधर आप के अपडेट को रेगुलर न पढ़ पाने और उसपे कॉमेंट ना कर पाने के लिए माफी।।।

आज सारे बचे हुए अपडेट पढ़ डाले लाज़वाब लेखनी की आपने।।।

नेहा और राघव के कैरेक्टर दिल में बसते जा रहे है।।।

धन्यवाद तहे दिल से।।।।।
 

paarth milf lover

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Update 40



अगले दिन सब कुछ नॉर्मल था राघव के उसे मनाने से नेहा खुश थी वही घर के बाकी लोग इस बात से खुश थे के उन दोनों के बीच सब नॉर्मल हो चुका था, अभी रिद्धि नेहा स्वाती और श्वेता को सगाई के फ़ोटोज़ दिखा रही थी के तभी वहा राघव आया

राघव- मॉम मैं सोच रहा था आज जरा हम लोग अमराई मे हो आए खेत देख आए जब से आए है उधर गए ही नहीं

राघव ने जानकी जी से कहा जिसने बकियों का ध्यान भी उस ओर गया

जानकी- हम?

राघव- हा मतलब हम सब लोग मैं शेखर और बाकी सब, जबसे यहा आए है उधर गए ही नहीं मैं सोच रहा था प्लान बनाने का और वैसे भी चिक... मतलब नेहा और श्वेता ने हमारी अमराई कहा देखि है

जानकी- ठीक है तुम बच्चे लोग हो आओ लेकिन रात के खाने से पहले आ जाना वहा से जंगल का इलाका शुरू होता हो तो शाम के बाद कई बार जानवर आ जाते है तो संभाल कर

जानकी जी ने राघव को समझाया और उसने भी हा मे गर्दन हिलाई और तभी वहा रितु आई

रितु- कौन कहा जा रहा है??

“इसके पैर इसके घर मे नहीं टिकते क्या” रितु को वहा देख श्वेता नेहा के कान मे फुसफुसाई वही रितु ने नेहा को देखा जिसका चेहरा उसे देख के उतर गया था वही जब रितु ने राघव को देखा तो उसका चेहरा भी सपाट था जिससे रितु ने समझा के उनका बड़ा वाला झगड़ा हुआ है और ये सोच के उसके चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान आ गई

राघव- ओह हेलो रितु! तुम चलोगी हमारे साथ? हम जरा अमराई और खेतों की ओर जा रहे है!

राघव ने रितु को भी साथ चलने के लिए पूछा जीसे सुन नेहा ने उसे शॉक होकर देखा के ये करना क्या चाहता है लेकिन राघव के दिमाग मे कुछ तो चल रहा था इतना वो जानती थी

रितु- हा हा क्यू नहीं मैं भी चलती हु

राघव- हा तो फिर ठीक है सब आधे घंटे मे रेडी होकर मिलों

राघव ने सबको और फिर नेहा को देख कर कहा

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ये सब लोग रेडी होने के लिए अपने अपने कमरों मे चले गए और जब रितु राघव और नेहा के कमरे के सामने से गुजरी तो उसे कुछ आवाजे सुनाई दी जीसे सुन उसके कान खड़े हो गए, राघव और नेहा अंदर कुछ बाते कर रहे थे जो रितु को पसंद नहीं आई और वो गुस्से से पैर पटकते हुए वहा से निकल गई

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आधे घंटे बाद वो सब लोग रेडी थे

स्वाती- शेखर भईया उधर हम ज्यादा गाड़िया लेकर नहीं जा सकते रास्ता ठीक नहीं है हम ऐसा करते है 6 सीटर लेकर चलते है

शेखर- ये भी सही है मैं आता हु कार लेकर तुम लोग यही रुको

इतना बोल के शेखर गाड़ी लाने चला गया

रितु- अरे लेकिन राघव कहा है?

रितु ने इधर उधर देखते हुए पूछा तभी राघव वहा आया और राघव वो आता देख नेहा के चेहरा शर्म से लाल हो गया जो राघव ने नोटिस कर लिया वही रितु ने अपनी मुट्ठियां भींच ली

राघव- रेडी है सब?

विवेक- हा चलो चलो वो शेखर भाई भी आ गया कार लेकर

विवेक ने शेखर को आता देख कहा, रितु के उनके साथ आने से किसी को भी खुशी नहीं हो रही थी लेकिन राघव ने कहा था तो किसी ने मना नहीं किया वही नेहा ये नहीं सोच पा रही थी के राघव ने उसे साथ चलने क्यू कहा

कार आते ही सब लोग कार मे बैठ गए लेकिन बस एक शक्स था जो नहीं बैठ पाया और गाड़ी मे बैठी रितु बाहर खड़ी नेहा को देखने लगी

राघव- तुम बाहर क्या खड़ी हो बैठो ना

राघव ने नेहा से कहा जो ड्राइवर के बाजू की पैसेंजर सीट पर बैठा था

नेहा- कहा ?? सर पे ?

नेहा ने हल्के गुस्से से कहा

राघव- अरे तुम इधर आओ यार

राघव ने नेहा को अपने पास बुलाया और अपनी सीट थोड़ी पीछे सरकाई और नेहा का हाथ पकड़ कर उसने अपनी गोद मे बिठाया

राघव की ये हरकत देख विवेक ने तो सिटी बजा डाली वही रितु की स्माइल गायब हो गई वही नेहा की आंखे बड़ी हो गई और वो राघव को देखने लगी जो उसका ड्रेस एडजस्ट कर रहा था ताकि दरवाजा बंद कर सके

नेहा- ये... ये.... क्या....

राघव- चुप चाप बैठो

और जब नेहा अच्छे से राघव की गोद मे एडजस्ट हो गई तो राघव ने अपना चेहरा उसके कान के पास किया अब चुकी नेहा के बाल उड़ रहे थे तो पीछे से देखने वालों को कुछ अलग ही लग रहा था, उसने अपना हाथ नेहा की पीठ पर रखा और उसके कान मे कुछ फुसफुसाया अब वैसे तो इनके बीच सब नॉर्मल था लेकिन देखने वालों को ऐसा लग रहा था के कुछ चल रहा है, नेहा ने उसका शर्ट पकड़ लिया

श्वेता- भईया!! अगर आपको रोमांस करना ही था तो घर रुक जाते ना आप भाभी के साथ या हमे साथ क्यू लाया

श्वेता ने स्माइल के साथ रितु को देखते हुए कहा

राघव- अब इसमे मेरी थोड़ी गलती है तुम्हारी भाभी लग ही इतनी गजब रही है के मैं किसी और बात पर फोकस ही नहीं कर पा रहा

राघव ने कहा वही नेहा बस चुप चाप उसे सुन रही थी

राघव नेहा की उंगलियों के साथ खेलने लगा ताकि रितु का ध्यान उस ओर खिच सके जिसमे वो कुछ हद तक कमियाब भी रहा

कुछ ही समय मे वो लोग पहुच चुके थे

रिद्धि- वॉव यार क्या सही मौसम हो रखा है बढ़िया है एकदम

रिद्धि ने कार से उतरते हुए कहा। कुछ देर वहा घूमने के बाद वो सब लोग एक पेड़ के नीचे बैठे थे

रितु- राघव तुम्हें तो ऐसे सब मौसम की धूप की आदत नहीं है ना तुम्हें चाहिए कुछ??

रितु ने राघव का अटेंशन पाने के लिए पूछा

राघव- मुझे कुछ नहीं चाहिए रितु मैं एकदम ठीक हु और अच्छा लग रहा है यहा इन्फैक्ट मैं तो यहा एक जमीन लेने की सोच रहा हु कितनी शांति है यहा सोच रहा हु रिटायरमेंट के बाद नेहा से साथ यही सेटल हो जाऊं एकदम शांति मे

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ते हुए कहा वही नेहा बस उसे देखती रही और रितु ने मुह बिगाड़ लिया

श्वेता- लेकिन भईया आप यहा रहेंगे तो हमारे वाड़े मे कौन रहेगा??

श्वेता ने जानबुझ के पूछा

राघव- उम्म हमारे... हमारे बच्चे रहेंगे!

राघव तपाक से बोला वही नेहा ने चौक के उसे देखा और रितु को तो खासी आगयी

शेखर- ओह हो हो हो मामला यहा तक पहुच चुका है

विवेक- अरे पर उसके लिए बच्चे भी तो चाहिए

विवेक ने पूछा वही नेहा किसी से भी आँख नहीं मिला रही थी और राघव के हाथ से अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश कर रही थी लेकिन राघव ने उसका हाथ कस के पकड़ा हुआ था

राघव- डोंट वरी विकी वर्क इन प्रोग्रेस है

राघव ने कहा वही नेहा का मुह खुला का खुला रह गया और वो राघव को ऐसे देखने लगी मानो वो कोई ऐलीअन हो वही रितु आंखे फाड़े उसे देख रही थी

ये पागल हो गए है क्या??’ नेहा ने सोचा

श्वेता- मतलब मैं जल्द ही चाची बनने वाली हु

रिद्धि- और मैं बुआ

विवेक- अपुन चाचा 😎

और अब अचानक से सब लोग इस इंपोर्टेंट टॉपिक पर डिस्कस करने लगे वही नेहा बस चुप चाप उन्हे सुन रही रही और अचानक श्वेता बोली

श्वेता- और रितु? रितु क्या बनेगी?

श्वेता ने एकदम पूछा जिससे रितु थोड़ी सकपका गई

स्वाती- क्या बनेगी मतलब वो भी बुआ बनेगी भाई की दूर की बहन

स्वाती ने एकदम कहा जीसे सुन रितु को झटका लगा वही बाकी सब लोग अपनी हसी को कंट्रोल करने लगे

रितु- नहीं!! मेरा मतलब मैं दोस्त हु राघव की बहन नहीं हु

विवेक- फिर जो बच्चा होगा वो तुम्हें क्या बुलाएगा

विवेक ने पूछा जिसका रितु के पास कोई जवाब नहीं था वही राघव चुप चाप बस मजे ले रहा था

रितु- आंटी, हा आंटी ठीक रहेगा

रितु ने बात खतम करते हुए कहा लेकिन बाकी लोग इस बात को कहा छोड़ने वाले थे

श्वेता- अरे ऐसे कैसे तुम हमारी फॅमिली के इतने क्लोज़ हो और आंटी सही नहीं लगता सुनने मे दूर वाली फीलिंग आती है

राघव- करेक्ट! बुआ परफेक्ट है वैसे भी मेरे लिए रितु बहन जैसी ही है

राघव ने कहा जीसे सुन नेहा मन ही मन मुस्कुराई

रितु- नहीं!!!!!!

शेखर- क्यू?? मुझे तो तुम ब्रो कहती हो उस हिसाब से तो भाई भी...

रितु- नो!! मैं तुम्हें ब्रो कहती हु उसे नहीं और राघव मैं तुम्हारी बहन नहीं हु

रितु ने एकदम से कहा

नेहा- लेकिन वो तो तुम्हें बहन मानते है ना

रितु- वो कभी मेरा भाई नहीं बन सकता!!

नेहा- क्यू?

रितु- क्युकी आइ लव हिम!!!

अचानक आए इतने सवालों से रितु ने एकदम से कह दिया वही बाकी सब शॉक हो गए और अब राघव के चेहरे पे सीरीअस एक्सप्रेशन थे

कोई कुछ नहीं बोल रहा था

रितु- वो मेरे कहने का मतलब था के....

लेकिन राघव ने उसे रोक दिया

राघव- जानता हु क्या मतलब था इसीलिए आखरी बार कह रहा हु छोड़ दो ये सब

और राघव वहा से नेहा के साथ खड़ा हो गया और उसे खड़ा देख बाकी सब भी उठ गए

रितु- राघव मैं...

राघव- रितु मैंने तुम्हें पहले भी समझाया है के मैं और तुम साथ नहीं हो सकते

और राघव की इस बात ने रितु को भड़का दिया वो जो अब तक शांत थी अब गुस्से मे थी

रितु- क्यू!!!! क्या कमी है मुझमे?? ऐसा क्या है उसमे जो मुझमे नहीं है??

रितु ने चिल्ला कर कहा वही राघव बस शांति से अपनी जगह खड़ा रहा

रितु- आई लव यू राघव!! बचपन से.. तुम्हें समझ नहीं आता???

राघव- यू आर जस्ट ऑब्सेस्ड विद मि और मैं तुम्हारे लिए वैसे फ़ील नहीं करता हु मैंने पहले भी कहा था आज भी कह रहा हु समझ जाओ

रितु- ठीक है हु मैं पागल तुम्हारे लिए लेकिन मुझे बस एक बात जाननी है क्यू?? क्यू तुम मुझे पसंद नहीं करते?? मैं सुन्दर नहीं? मैं तो दिखने मे इससे ज्यादा अच्छी हु ऐसा क्या है उसमे जो मुझमे नहीं है मैं तुम्हें उससे ज्यादा खुश रख सकती हु!!

राघव- बस!! बहुत हुआ! मैं चुप हु इसका ये मतलब नहीं के तुम कुछ भी बोलोगी तुम्हें मेरी पत्नी के बारे मे कुछ भी कहने का कोई अधिकार नहीं है और मैं बहुत खुश हु उसके साथ

रितु- किससे झूठ कह रहे हो मैं जानती हु तुम्हारे दादाजी ने जबरदस्ती कराई है तुम्हारी शादी इसीलिए तो शादी के तुरंत बाद तुम चले गए थे

राघव- मेरी जिंदगी मे क्या चल रहा है क्या नहीं ये तुम्हारे मतलब का नहीं है इसिलए बेहतर होगा के मुझे भूल जाओ और मुझसे और मेरी बीवी से दूर रहो

रितु- आइ लव यू!!!!!!!!

राघव- बट आई डोंट!!! इतनी सी बात तुम्हें समझ नहीं आ रही

रितु- हूह मैं पीछे हट भी जाती अगर तुम उससे प्यार करते तो और तुम नहीं करते ये मैं जानती हु

राघव- मैं अपनी बीवी से कितना प्यार करता हु कितना नहीं ये मुझे किसी को बताने ही जरूरत नहीं है

रितु- मैं देख सकती हु राघव के तुम प्यार नहीं करते उससे मेरी बात मानो राघव छोड़ दो उसे वो बस एक जबरदस्ती की जिम्मेदारी है

रितु ने कहा और वही उसके आखरी शब्द सुन नेहा के आँख ने आसू आने लगे

राघव - कुछ रिश्ते बहुत खुबसूरत होते है लेकिन तुम नही समझोगी

राघव ने रितु को कुछ पल घूरा और नेहा को देखा उसके आँसुओ से भीगे चेहरे को देखा और उसके पास गया अपने हाथ से उसने आँसू पोंछे और सर हिला कर उसे रोने से मना किया और बोला

राघव- मैं तुम्हारा पति हु और तुम मेरी पत्नी हो बस यही है जो मायने रखता है बाकी किसी की बात सुनने का कोई मतलब नहीं है, तुम पत्नी हो मेरी सिर्फ जिम्मेदारी नहीं ये बात अपने दिमाग में डाल लो।

नेहा ने राघव की आँखों मे देखा, आज उन आँखों मे उसे अलग ही भावनाए दिख रही थी उसने उन दोनों के बीच की दूरी और कम की नेहा की आँखों मे देखा फिर उसके होंठों को देखा जो उसे बुला रहे थे

राघव- यू नो कभी कभी शब्दो से ज्यादा एक्शन मायने रखता है, एक्शन स्पीक लाउडर देन वर्ड्स!

इतना बोल के राघव ने उनके बीच की बची कूची दूरी भी मिटा दी और अपने होंठ नेहा के होंठों की ओर बढ़ा दिए और अब उनके होंठों के बीच बस आधा इंच की दूरी थी

सब लोग आंखे फाड़े ये सीन देख रहे थे नेहा की धड़कने बढ़ी हई थी दिमाग सुन्न था उसने अपनी आंखे कस कर बंद कर रखी थी उसे नहीं पता था क्या करे

राघव ने अपना एक हाथ उसकी कमर पर रखा और दूसरा हाथ उसकी गर्दन कर पीछे उसे और पास लाने, उसने अपने होंठों को वैसे ही रोके रखा था बगैर हिलाए और फिर उसने अपना चेहरा नेहा के कान के पास किया अपने होंठों से उसके गालों को छूते हुए, नेहा के पैर उसका साथ छोड़ रहे थे उसने राघव की शर्ट को कस लिया

राघव- ये किस मेरे लिए बहुत मायने रखता है नेहा, विल यू??

वो नेहा के कान मे फुसफुसाया और कुछ ही पालो मे उसे नेहा का हाथ अपने पीठ पर फ़ील हुआ उसे पास खिचते हुए उसने उसे किस की पर्मिशन दे दी और उन दोनों के होंठ आपस मे मिल गए बगैर किसी की फिर्क करे

राघव ने अपने एक हाथ से अपने भाई बहनों को घूमने का इशारा किया और वो भी पलट गए इन्हे इनका पर्सनल स्पेस देते हुए वही रितु जो अबतक शॉक मे खड़ी थी उसे भी श्वेता ने घुमा दिया

राघव ने अपने हाथों से नेहा के गालों को पकड़ा और नेहा के होंठों को चूमने लगा स्लोली पैशनेटली, अ परफेक्ट किस, उन दोनों के अंदर बहुत सी भावनाए थी बहुत से इमोशंस बह रहे थे एकदूसरे के लिए जीसे वो किस द्वारा एकदूसरे को बता रहे थे, अब तो वो ये भी भूल चुके थे के वहा उनके अलावा भी और लोग थे, पहले जब राघव को नेहा को किस करने का डेयर मिला था तब वो दोनों की इसके लिए तयार नहीं थे लेकिन पिछले कुछ दिनों मे उनके रिश्ते मे बहुत से बदलाव आए थे और वो एकदूसरे के और करीब आए थे और अब वो अपने इस रिश्ते को एक कदम और आगे बढ़ाने के लिए तयार थे......

क्रमश:
वाह हो ही गई प्यार की शुरुवात वो भी शानदार तरीके से।। लेकिन अपडेट जल्दी ही खत्म हो गया Adirshi भाई।।।

शानदार अपडेट।।।।
 

king cobra

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अगले दिन सब कुछ नॉर्मल था राघव के उसे मनाने से नेहा खुश थी वही घर के बाकी लोग इस बात से खुश थे के उन दोनों के बीच सब नॉर्मल हो चुका था, अभी रिद्धि नेहा स्वाती और श्वेता को सगाई के फ़ोटोज़ दिखा रही थी के तभी वहा राघव आया

राघव- मॉम मैं सोच रहा था आज जरा हम लोग अमराई मे हो आए खेत देख आए जब से आए है उधर गए ही नहीं

राघव ने जानकी जी से कहा जिसने बकियों का ध्यान भी उस ओर गया

जानकी- हम?

राघव- हा मतलब हम सब लोग मैं शेखर और बाकी सब, जबसे यहा आए है उधर गए ही नहीं मैं सोच रहा था प्लान बनाने का और वैसे भी चिक... मतलब नेहा और श्वेता ने हमारी अमराई कहा देखि है

जानकी- ठीक है तुम बच्चे लोग हो आओ लेकिन रात के खाने से पहले आ जाना वहा से जंगल का इलाका शुरू होता हो तो शाम के बाद कई बार जानवर आ जाते है तो संभाल कर

जानकी जी ने राघव को समझाया और उसने भी हा मे गर्दन हिलाई और तभी वहा रितु आई

रितु- कौन कहा जा रहा है??

“इसके पैर इसके घर मे नहीं टिकते क्या” रितु को वहा देख श्वेता नेहा के कान मे फुसफुसाई वही रितु ने नेहा को देखा जिसका चेहरा उसे देख के उतर गया था वही जब रितु ने राघव को देखा तो उसका चेहरा भी सपाट था जिससे रितु ने समझा के उनका बड़ा वाला झगड़ा हुआ है और ये सोच के उसके चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान आ गई

राघव- ओह हेलो रितु! तुम चलोगी हमारे साथ? हम जरा अमराई और खेतों की ओर जा रहे है!

राघव ने रितु को भी साथ चलने के लिए पूछा जीसे सुन नेहा ने उसे शॉक होकर देखा के ये करना क्या चाहता है लेकिन राघव के दिमाग मे कुछ तो चल रहा था इतना वो जानती थी

रितु- हा हा क्यू नहीं मैं भी चलती हु

राघव- हा तो फिर ठीक है सब आधे घंटे मे रेडी होकर मिलों

राघव ने सबको और फिर नेहा को देख कर कहा

---

ये सब लोग रेडी होने के लिए अपने अपने कमरों मे चले गए और जब रितु राघव और नेहा के कमरे के सामने से गुजरी तो उसे कुछ आवाजे सुनाई दी जीसे सुन उसके कान खड़े हो गए, राघव और नेहा अंदर कुछ बाते कर रहे थे जो रितु को पसंद नहीं आई और वो गुस्से से पैर पटकते हुए वहा से निकल गई

---

आधे घंटे बाद वो सब लोग रेडी थे

स्वाती- शेखर भईया उधर हम ज्यादा गाड़िया लेकर नहीं जा सकते रास्ता ठीक नहीं है हम ऐसा करते है 6 सीटर लेकर चलते है

शेखर- ये भी सही है मैं आता हु कार लेकर तुम लोग यही रुको

इतना बोल के शेखर गाड़ी लाने चला गया

रितु- अरे लेकिन राघव कहा है?

रितु ने इधर उधर देखते हुए पूछा तभी राघव वहा आया और राघव वो आता देख नेहा के चेहरा शर्म से लाल हो गया जो राघव ने नोटिस कर लिया वही रितु ने अपनी मुट्ठियां भींच ली

राघव- रेडी है सब?

विवेक- हा चलो चलो वो शेखर भाई भी आ गया कार लेकर

विवेक ने शेखर को आता देख कहा, रितु के उनके साथ आने से किसी को भी खुशी नहीं हो रही थी लेकिन राघव ने कहा था तो किसी ने मना नहीं किया वही नेहा ये नहीं सोच पा रही थी के राघव ने उसे साथ चलने क्यू कहा

कार आते ही सब लोग कार मे बैठ गए लेकिन बस एक शक्स था जो नहीं बैठ पाया और गाड़ी मे बैठी रितु बाहर खड़ी नेहा को देखने लगी

राघव- तुम बाहर क्या खड़ी हो बैठो ना

राघव ने नेहा से कहा जो ड्राइवर के बाजू की पैसेंजर सीट पर बैठा था

नेहा- कहा ?? सर पे ?

नेहा ने हल्के गुस्से से कहा

राघव- अरे तुम इधर आओ यार

राघव ने नेहा को अपने पास बुलाया और अपनी सीट थोड़ी पीछे सरकाई और नेहा का हाथ पकड़ कर उसने अपनी गोद मे बिठाया

राघव की ये हरकत देख विवेक ने तो सिटी बजा डाली वही रितु की स्माइल गायब हो गई वही नेहा की आंखे बड़ी हो गई और वो राघव को देखने लगी जो उसका ड्रेस एडजस्ट कर रहा था ताकि दरवाजा बंद कर सके

नेहा- ये... ये.... क्या....

राघव- चुप चाप बैठो

और जब नेहा अच्छे से राघव की गोद मे एडजस्ट हो गई तो राघव ने अपना चेहरा उसके कान के पास किया अब चुकी नेहा के बाल उड़ रहे थे तो पीछे से देखने वालों को कुछ अलग ही लग रहा था, उसने अपना हाथ नेहा की पीठ पर रखा और उसके कान मे कुछ फुसफुसाया अब वैसे तो इनके बीच सब नॉर्मल था लेकिन देखने वालों को ऐसा लग रहा था के कुछ चल रहा है, नेहा ने उसका शर्ट पकड़ लिया

श्वेता- भईया!! अगर आपको रोमांस करना ही था तो घर रुक जाते ना आप भाभी के साथ या हमे साथ क्यू लाया

श्वेता ने स्माइल के साथ रितु को देखते हुए कहा

राघव- अब इसमे मेरी थोड़ी गलती है तुम्हारी भाभी लग ही इतनी गजब रही है के मैं किसी और बात पर फोकस ही नहीं कर पा रहा

राघव ने कहा वही नेहा बस चुप चाप उसे सुन रही थी

राघव नेहा की उंगलियों के साथ खेलने लगा ताकि रितु का ध्यान उस ओर खिच सके जिसमे वो कुछ हद तक कमियाब भी रहा

कुछ ही समय मे वो लोग पहुच चुके थे

रिद्धि- वॉव यार क्या सही मौसम हो रखा है बढ़िया है एकदम

रिद्धि ने कार से उतरते हुए कहा। कुछ देर वहा घूमने के बाद वो सब लोग एक पेड़ के नीचे बैठे थे

रितु- राघव तुम्हें तो ऐसे सब मौसम की धूप की आदत नहीं है ना तुम्हें चाहिए कुछ??

रितु ने राघव का अटेंशन पाने के लिए पूछा

राघव- मुझे कुछ नहीं चाहिए रितु मैं एकदम ठीक हु और अच्छा लग रहा है यहा इन्फैक्ट मैं तो यहा एक जमीन लेने की सोच रहा हु कितनी शांति है यहा सोच रहा हु रिटायरमेंट के बाद नेहा से साथ यही सेटल हो जाऊं एकदम शांति मे

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ते हुए कहा वही नेहा बस उसे देखती रही और रितु ने मुह बिगाड़ लिया

श्वेता- लेकिन भईया आप यहा रहेंगे तो हमारे वाड़े मे कौन रहेगा??

श्वेता ने जानबुझ के पूछा

राघव- उम्म हमारे... हमारे बच्चे रहेंगे!

राघव तपाक से बोला वही नेहा ने चौक के उसे देखा और रितु को तो खासी आगयी

शेखर- ओह हो हो हो मामला यहा तक पहुच चुका है

विवेक- अरे पर उसके लिए बच्चे भी तो चाहिए

विवेक ने पूछा वही नेहा किसी से भी आँख नहीं मिला रही थी और राघव के हाथ से अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश कर रही थी लेकिन राघव ने उसका हाथ कस के पकड़ा हुआ था

राघव- डोंट वरी विकी वर्क इन प्रोग्रेस है

राघव ने कहा वही नेहा का मुह खुला का खुला रह गया और वो राघव को ऐसे देखने लगी मानो वो कोई ऐलीअन हो वही रितु आंखे फाड़े उसे देख रही थी

ये पागल हो गए है क्या??’ नेहा ने सोचा

श्वेता- मतलब मैं जल्द ही चाची बनने वाली हु

रिद्धि- और मैं बुआ

विवेक- अपुन चाचा 😎

और अब अचानक से सब लोग इस इंपोर्टेंट टॉपिक पर डिस्कस करने लगे वही नेहा बस चुप चाप उन्हे सुन रही रही और अचानक श्वेता बोली

श्वेता- और रितु? रितु क्या बनेगी?

श्वेता ने एकदम पूछा जिससे रितु थोड़ी सकपका गई

स्वाती- क्या बनेगी मतलब वो भी बुआ बनेगी भाई की दूर की बहन

स्वाती ने एकदम कहा जीसे सुन रितु को झटका लगा वही बाकी सब लोग अपनी हसी को कंट्रोल करने लगे

रितु- नहीं!! मेरा मतलब मैं दोस्त हु राघव की बहन नहीं हु

विवेक- फिर जो बच्चा होगा वो तुम्हें क्या बुलाएगा

विवेक ने पूछा जिसका रितु के पास कोई जवाब नहीं था वही राघव चुप चाप बस मजे ले रहा था

रितु- आंटी, हा आंटी ठीक रहेगा

रितु ने बात खतम करते हुए कहा लेकिन बाकी लोग इस बात को कहा छोड़ने वाले थे

श्वेता- अरे ऐसे कैसे तुम हमारी फॅमिली के इतने क्लोज़ हो और आंटी सही नहीं लगता सुनने मे दूर वाली फीलिंग आती है

राघव- करेक्ट! बुआ परफेक्ट है वैसे भी मेरे लिए रितु बहन जैसी ही है

राघव ने कहा जीसे सुन नेहा मन ही मन मुस्कुराई

रितु- नहीं!!!!!!

शेखर- क्यू?? मुझे तो तुम ब्रो कहती हो उस हिसाब से तो भाई भी...

रितु- नो!! मैं तुम्हें ब्रो कहती हु उसे नहीं और राघव मैं तुम्हारी बहन नहीं हु

रितु ने एकदम से कहा

नेहा- लेकिन वो तो तुम्हें बहन मानते है ना

रितु- वो कभी मेरा भाई नहीं बन सकता!!

नेहा- क्यू?

रितु- क्युकी आइ लव हिम!!!

अचानक आए इतने सवालों से रितु ने एकदम से कह दिया वही बाकी सब शॉक हो गए और अब राघव के चेहरे पे सीरीअस एक्सप्रेशन थे

कोई कुछ नहीं बोल रहा था

रितु- वो मेरे कहने का मतलब था के....

लेकिन राघव ने उसे रोक दिया

राघव- जानता हु क्या मतलब था इसीलिए आखरी बार कह रहा हु छोड़ दो ये सब

और राघव वहा से नेहा के साथ खड़ा हो गया और उसे खड़ा देख बाकी सब भी उठ गए

रितु- राघव मैं...

राघव- रितु मैंने तुम्हें पहले भी समझाया है के मैं और तुम साथ नहीं हो सकते

और राघव की इस बात ने रितु को भड़का दिया वो जो अब तक शांत थी अब गुस्से मे थी

रितु- क्यू!!!! क्या कमी है मुझमे?? ऐसा क्या है उसमे जो मुझमे नहीं है??

रितु ने चिल्ला कर कहा वही राघव बस शांति से अपनी जगह खड़ा रहा

रितु- आई लव यू राघव!! बचपन से.. तुम्हें समझ नहीं आता???

राघव- यू आर जस्ट ऑब्सेस्ड विद मि और मैं तुम्हारे लिए वैसे फ़ील नहीं करता हु मैंने पहले भी कहा था आज भी कह रहा हु समझ जाओ

रितु- ठीक है हु मैं पागल तुम्हारे लिए लेकिन मुझे बस एक बात जाननी है क्यू?? क्यू तुम मुझे पसंद नहीं करते?? मैं सुन्दर नहीं? मैं तो दिखने मे इससे ज्यादा अच्छी हु ऐसा क्या है उसमे जो मुझमे नहीं है मैं तुम्हें उससे ज्यादा खुश रख सकती हु!!

राघव- बस!! बहुत हुआ! मैं चुप हु इसका ये मतलब नहीं के तुम कुछ भी बोलोगी तुम्हें मेरी पत्नी के बारे मे कुछ भी कहने का कोई अधिकार नहीं है और मैं बहुत खुश हु उसके साथ

रितु- किससे झूठ कह रहे हो मैं जानती हु तुम्हारे दादाजी ने जबरदस्ती कराई है तुम्हारी शादी इसीलिए तो शादी के तुरंत बाद तुम चले गए थे

राघव- मेरी जिंदगी मे क्या चल रहा है क्या नहीं ये तुम्हारे मतलब का नहीं है इसिलए बेहतर होगा के मुझे भूल जाओ और मुझसे और मेरी बीवी से दूर रहो

रितु- आइ लव यू!!!!!!!!

राघव- बट आई डोंट!!! इतनी सी बात तुम्हें समझ नहीं आ रही

रितु- हूह मैं पीछे हट भी जाती अगर तुम उससे प्यार करते तो और तुम नहीं करते ये मैं जानती हु

राघव- मैं अपनी बीवी से कितना प्यार करता हु कितना नहीं ये मुझे किसी को बताने ही जरूरत नहीं है

रितु- मैं देख सकती हु राघव के तुम प्यार नहीं करते उससे मेरी बात मानो राघव छोड़ दो उसे वो बस एक जबरदस्ती की जिम्मेदारी है

रितु ने कहा और वही उसके आखरी शब्द सुन नेहा के आँख ने आसू आने लगे

राघव - कुछ रिश्ते बहुत खुबसूरत होते है लेकिन तुम नही समझोगी

राघव ने रितु को कुछ पल घूरा और नेहा को देखा उसके आँसुओ से भीगे चेहरे को देखा और उसके पास गया अपने हाथ से उसने आँसू पोंछे और सर हिला कर उसे रोने से मना किया और बोला

राघव- मैं तुम्हारा पति हु और तुम मेरी पत्नी हो बस यही है जो मायने रखता है बाकी किसी की बात सुनने का कोई मतलब नहीं है, तुम पत्नी हो मेरी सिर्फ जिम्मेदारी नहीं ये बात अपने दिमाग में डाल लो।

नेहा ने राघव की आँखों मे देखा, आज उन आँखों मे उसे अलग ही भावनाए दिख रही थी उसने उन दोनों के बीच की दूरी और कम की नेहा की आँखों मे देखा फिर उसके होंठों को देखा जो उसे बुला रहे थे

राघव- यू नो कभी कभी शब्दो से ज्यादा एक्शन मायने रखता है, एक्शन स्पीक लाउडर देन वर्ड्स!

इतना बोल के राघव ने उनके बीच की बची कूची दूरी भी मिटा दी और अपने होंठ नेहा के होंठों की ओर बढ़ा दिए और अब उनके होंठों के बीच बस आधा इंच की दूरी थी

सब लोग आंखे फाड़े ये सीन देख रहे थे नेहा की धड़कने बढ़ी हई थी दिमाग सुन्न था उसने अपनी आंखे कस कर बंद कर रखी थी उसे नहीं पता था क्या करे

राघव ने अपना एक हाथ उसकी कमर पर रखा और दूसरा हाथ उसकी गर्दन कर पीछे उसे और पास लाने, उसने अपने होंठों को वैसे ही रोके रखा था बगैर हिलाए और फिर उसने अपना चेहरा नेहा के कान के पास किया अपने होंठों से उसके गालों को छूते हुए, नेहा के पैर उसका साथ छोड़ रहे थे उसने राघव की शर्ट को कस लिया

राघव- ये किस मेरे लिए बहुत मायने रखता है नेहा, विल यू??

वो नेहा के कान मे फुसफुसाया और कुछ ही पालो मे उसे नेहा का हाथ अपने पीठ पर फ़ील हुआ उसे पास खिचते हुए उसने उसे किस की पर्मिशन दे दी और उन दोनों के होंठ आपस मे मिल गए बगैर किसी की फिर्क करे

राघव ने अपने एक हाथ से अपने भाई बहनों को घूमने का इशारा किया और वो भी पलट गए इन्हे इनका पर्सनल स्पेस देते हुए वही रितु जो अबतक शॉक मे खड़ी थी उसे भी श्वेता ने घुमा दिया

राघव ने अपने हाथों से नेहा के गालों को पकड़ा और नेहा के होंठों को चूमने लगा स्लोली पैशनेटली, अ परफेक्ट किस, उन दोनों के अंदर बहुत सी भावनाए थी बहुत से इमोशंस बह रहे थे एकदूसरे के लिए जीसे वो किस द्वारा एकदूसरे को बता रहे थे, अब तो वो ये भी भूल चुके थे के वहा उनके अलावा भी और लोग थे, पहले जब राघव को नेहा को किस करने का डेयर मिला था तब वो दोनों की इसके लिए तयार नहीं थे लेकिन पिछले कुछ दिनों मे उनके रिश्ते मे बहुत से बदलाव आए थे और वो एकदूसरे के और करीब आए थे और अब वो अपने इस रिश्ते को एक कदम और आगे बढ़ाने के लिए तयार थे......

क्रमश:
wonderful update I think Ritu ko sabak mil gaya hai behtar hoga agar wo zindagi me ab aage badhe
 

parkas

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अगले दिन सब कुछ नॉर्मल था राघव के उसे मनाने से नेहा खुश थी वही घर के बाकी लोग इस बात से खुश थे के उन दोनों के बीच सब नॉर्मल हो चुका था, अभी रिद्धि नेहा स्वाती और श्वेता को सगाई के फ़ोटोज़ दिखा रही थी के तभी वहा राघव आया

राघव- मॉम मैं सोच रहा था आज जरा हम लोग अमराई मे हो आए खेत देख आए जब से आए है उधर गए ही नहीं

राघव ने जानकी जी से कहा जिसने बकियों का ध्यान भी उस ओर गया

जानकी- हम?

राघव- हा मतलब हम सब लोग मैं शेखर और बाकी सब, जबसे यहा आए है उधर गए ही नहीं मैं सोच रहा था प्लान बनाने का और वैसे भी चिक... मतलब नेहा और श्वेता ने हमारी अमराई कहा देखि है

जानकी- ठीक है तुम बच्चे लोग हो आओ लेकिन रात के खाने से पहले आ जाना वहा से जंगल का इलाका शुरू होता हो तो शाम के बाद कई बार जानवर आ जाते है तो संभाल कर

जानकी जी ने राघव को समझाया और उसने भी हा मे गर्दन हिलाई और तभी वहा रितु आई

रितु- कौन कहा जा रहा है??

“इसके पैर इसके घर मे नहीं टिकते क्या” रितु को वहा देख श्वेता नेहा के कान मे फुसफुसाई वही रितु ने नेहा को देखा जिसका चेहरा उसे देख के उतर गया था वही जब रितु ने राघव को देखा तो उसका चेहरा भी सपाट था जिससे रितु ने समझा के उनका बड़ा वाला झगड़ा हुआ है और ये सोच के उसके चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान आ गई

राघव- ओह हेलो रितु! तुम चलोगी हमारे साथ? हम जरा अमराई और खेतों की ओर जा रहे है!

राघव ने रितु को भी साथ चलने के लिए पूछा जीसे सुन नेहा ने उसे शॉक होकर देखा के ये करना क्या चाहता है लेकिन राघव के दिमाग मे कुछ तो चल रहा था इतना वो जानती थी

रितु- हा हा क्यू नहीं मैं भी चलती हु

राघव- हा तो फिर ठीक है सब आधे घंटे मे रेडी होकर मिलों

राघव ने सबको और फिर नेहा को देख कर कहा

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ये सब लोग रेडी होने के लिए अपने अपने कमरों मे चले गए और जब रितु राघव और नेहा के कमरे के सामने से गुजरी तो उसे कुछ आवाजे सुनाई दी जीसे सुन उसके कान खड़े हो गए, राघव और नेहा अंदर कुछ बाते कर रहे थे जो रितु को पसंद नहीं आई और वो गुस्से से पैर पटकते हुए वहा से निकल गई

---

आधे घंटे बाद वो सब लोग रेडी थे

स्वाती- शेखर भईया उधर हम ज्यादा गाड़िया लेकर नहीं जा सकते रास्ता ठीक नहीं है हम ऐसा करते है 6 सीटर लेकर चलते है

शेखर- ये भी सही है मैं आता हु कार लेकर तुम लोग यही रुको

इतना बोल के शेखर गाड़ी लाने चला गया

रितु- अरे लेकिन राघव कहा है?

रितु ने इधर उधर देखते हुए पूछा तभी राघव वहा आया और राघव वो आता देख नेहा के चेहरा शर्म से लाल हो गया जो राघव ने नोटिस कर लिया वही रितु ने अपनी मुट्ठियां भींच ली

राघव- रेडी है सब?

विवेक- हा चलो चलो वो शेखर भाई भी आ गया कार लेकर

विवेक ने शेखर को आता देख कहा, रितु के उनके साथ आने से किसी को भी खुशी नहीं हो रही थी लेकिन राघव ने कहा था तो किसी ने मना नहीं किया वही नेहा ये नहीं सोच पा रही थी के राघव ने उसे साथ चलने क्यू कहा

कार आते ही सब लोग कार मे बैठ गए लेकिन बस एक शक्स था जो नहीं बैठ पाया और गाड़ी मे बैठी रितु बाहर खड़ी नेहा को देखने लगी

राघव- तुम बाहर क्या खड़ी हो बैठो ना

राघव ने नेहा से कहा जो ड्राइवर के बाजू की पैसेंजर सीट पर बैठा था

नेहा- कहा ?? सर पे ?

नेहा ने हल्के गुस्से से कहा

राघव- अरे तुम इधर आओ यार

राघव ने नेहा को अपने पास बुलाया और अपनी सीट थोड़ी पीछे सरकाई और नेहा का हाथ पकड़ कर उसने अपनी गोद मे बिठाया

राघव की ये हरकत देख विवेक ने तो सिटी बजा डाली वही रितु की स्माइल गायब हो गई वही नेहा की आंखे बड़ी हो गई और वो राघव को देखने लगी जो उसका ड्रेस एडजस्ट कर रहा था ताकि दरवाजा बंद कर सके

नेहा- ये... ये.... क्या....

राघव- चुप चाप बैठो

और जब नेहा अच्छे से राघव की गोद मे एडजस्ट हो गई तो राघव ने अपना चेहरा उसके कान के पास किया अब चुकी नेहा के बाल उड़ रहे थे तो पीछे से देखने वालों को कुछ अलग ही लग रहा था, उसने अपना हाथ नेहा की पीठ पर रखा और उसके कान मे कुछ फुसफुसाया अब वैसे तो इनके बीच सब नॉर्मल था लेकिन देखने वालों को ऐसा लग रहा था के कुछ चल रहा है, नेहा ने उसका शर्ट पकड़ लिया

श्वेता- भईया!! अगर आपको रोमांस करना ही था तो घर रुक जाते ना आप भाभी के साथ या हमे साथ क्यू लाया

श्वेता ने स्माइल के साथ रितु को देखते हुए कहा

राघव- अब इसमे मेरी थोड़ी गलती है तुम्हारी भाभी लग ही इतनी गजब रही है के मैं किसी और बात पर फोकस ही नहीं कर पा रहा

राघव ने कहा वही नेहा बस चुप चाप उसे सुन रही थी

राघव नेहा की उंगलियों के साथ खेलने लगा ताकि रितु का ध्यान उस ओर खिच सके जिसमे वो कुछ हद तक कमियाब भी रहा

कुछ ही समय मे वो लोग पहुच चुके थे

रिद्धि- वॉव यार क्या सही मौसम हो रखा है बढ़िया है एकदम

रिद्धि ने कार से उतरते हुए कहा। कुछ देर वहा घूमने के बाद वो सब लोग एक पेड़ के नीचे बैठे थे

रितु- राघव तुम्हें तो ऐसे सब मौसम की धूप की आदत नहीं है ना तुम्हें चाहिए कुछ??

रितु ने राघव का अटेंशन पाने के लिए पूछा

राघव- मुझे कुछ नहीं चाहिए रितु मैं एकदम ठीक हु और अच्छा लग रहा है यहा इन्फैक्ट मैं तो यहा एक जमीन लेने की सोच रहा हु कितनी शांति है यहा सोच रहा हु रिटायरमेंट के बाद नेहा से साथ यही सेटल हो जाऊं एकदम शांति मे

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ते हुए कहा वही नेहा बस उसे देखती रही और रितु ने मुह बिगाड़ लिया

श्वेता- लेकिन भईया आप यहा रहेंगे तो हमारे वाड़े मे कौन रहेगा??

श्वेता ने जानबुझ के पूछा

राघव- उम्म हमारे... हमारे बच्चे रहेंगे!

राघव तपाक से बोला वही नेहा ने चौक के उसे देखा और रितु को तो खासी आगयी

शेखर- ओह हो हो हो मामला यहा तक पहुच चुका है

विवेक- अरे पर उसके लिए बच्चे भी तो चाहिए

विवेक ने पूछा वही नेहा किसी से भी आँख नहीं मिला रही थी और राघव के हाथ से अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश कर रही थी लेकिन राघव ने उसका हाथ कस के पकड़ा हुआ था

राघव- डोंट वरी विकी वर्क इन प्रोग्रेस है

राघव ने कहा वही नेहा का मुह खुला का खुला रह गया और वो राघव को ऐसे देखने लगी मानो वो कोई ऐलीअन हो वही रितु आंखे फाड़े उसे देख रही थी

ये पागल हो गए है क्या??’ नेहा ने सोचा

श्वेता- मतलब मैं जल्द ही चाची बनने वाली हु

रिद्धि- और मैं बुआ

विवेक- अपुन चाचा 😎

और अब अचानक से सब लोग इस इंपोर्टेंट टॉपिक पर डिस्कस करने लगे वही नेहा बस चुप चाप उन्हे सुन रही रही और अचानक श्वेता बोली

श्वेता- और रितु? रितु क्या बनेगी?

श्वेता ने एकदम पूछा जिससे रितु थोड़ी सकपका गई

स्वाती- क्या बनेगी मतलब वो भी बुआ बनेगी भाई की दूर की बहन

स्वाती ने एकदम कहा जीसे सुन रितु को झटका लगा वही बाकी सब लोग अपनी हसी को कंट्रोल करने लगे

रितु- नहीं!! मेरा मतलब मैं दोस्त हु राघव की बहन नहीं हु

विवेक- फिर जो बच्चा होगा वो तुम्हें क्या बुलाएगा

विवेक ने पूछा जिसका रितु के पास कोई जवाब नहीं था वही राघव चुप चाप बस मजे ले रहा था

रितु- आंटी, हा आंटी ठीक रहेगा

रितु ने बात खतम करते हुए कहा लेकिन बाकी लोग इस बात को कहा छोड़ने वाले थे

श्वेता- अरे ऐसे कैसे तुम हमारी फॅमिली के इतने क्लोज़ हो और आंटी सही नहीं लगता सुनने मे दूर वाली फीलिंग आती है

राघव- करेक्ट! बुआ परफेक्ट है वैसे भी मेरे लिए रितु बहन जैसी ही है

राघव ने कहा जीसे सुन नेहा मन ही मन मुस्कुराई

रितु- नहीं!!!!!!

शेखर- क्यू?? मुझे तो तुम ब्रो कहती हो उस हिसाब से तो भाई भी...

रितु- नो!! मैं तुम्हें ब्रो कहती हु उसे नहीं और राघव मैं तुम्हारी बहन नहीं हु

रितु ने एकदम से कहा

नेहा- लेकिन वो तो तुम्हें बहन मानते है ना

रितु- वो कभी मेरा भाई नहीं बन सकता!!

नेहा- क्यू?

रितु- क्युकी आइ लव हिम!!!

अचानक आए इतने सवालों से रितु ने एकदम से कह दिया वही बाकी सब शॉक हो गए और अब राघव के चेहरे पे सीरीअस एक्सप्रेशन थे

कोई कुछ नहीं बोल रहा था

रितु- वो मेरे कहने का मतलब था के....

लेकिन राघव ने उसे रोक दिया

राघव- जानता हु क्या मतलब था इसीलिए आखरी बार कह रहा हु छोड़ दो ये सब

और राघव वहा से नेहा के साथ खड़ा हो गया और उसे खड़ा देख बाकी सब भी उठ गए

रितु- राघव मैं...

राघव- रितु मैंने तुम्हें पहले भी समझाया है के मैं और तुम साथ नहीं हो सकते

और राघव की इस बात ने रितु को भड़का दिया वो जो अब तक शांत थी अब गुस्से मे थी

रितु- क्यू!!!! क्या कमी है मुझमे?? ऐसा क्या है उसमे जो मुझमे नहीं है??

रितु ने चिल्ला कर कहा वही राघव बस शांति से अपनी जगह खड़ा रहा

रितु- आई लव यू राघव!! बचपन से.. तुम्हें समझ नहीं आता???

राघव- यू आर जस्ट ऑब्सेस्ड विद मि और मैं तुम्हारे लिए वैसे फ़ील नहीं करता हु मैंने पहले भी कहा था आज भी कह रहा हु समझ जाओ

रितु- ठीक है हु मैं पागल तुम्हारे लिए लेकिन मुझे बस एक बात जाननी है क्यू?? क्यू तुम मुझे पसंद नहीं करते?? मैं सुन्दर नहीं? मैं तो दिखने मे इससे ज्यादा अच्छी हु ऐसा क्या है उसमे जो मुझमे नहीं है मैं तुम्हें उससे ज्यादा खुश रख सकती हु!!

राघव- बस!! बहुत हुआ! मैं चुप हु इसका ये मतलब नहीं के तुम कुछ भी बोलोगी तुम्हें मेरी पत्नी के बारे मे कुछ भी कहने का कोई अधिकार नहीं है और मैं बहुत खुश हु उसके साथ

रितु- किससे झूठ कह रहे हो मैं जानती हु तुम्हारे दादाजी ने जबरदस्ती कराई है तुम्हारी शादी इसीलिए तो शादी के तुरंत बाद तुम चले गए थे

राघव- मेरी जिंदगी मे क्या चल रहा है क्या नहीं ये तुम्हारे मतलब का नहीं है इसिलए बेहतर होगा के मुझे भूल जाओ और मुझसे और मेरी बीवी से दूर रहो

रितु- आइ लव यू!!!!!!!!

राघव- बट आई डोंट!!! इतनी सी बात तुम्हें समझ नहीं आ रही

रितु- हूह मैं पीछे हट भी जाती अगर तुम उससे प्यार करते तो और तुम नहीं करते ये मैं जानती हु

राघव- मैं अपनी बीवी से कितना प्यार करता हु कितना नहीं ये मुझे किसी को बताने ही जरूरत नहीं है

रितु- मैं देख सकती हु राघव के तुम प्यार नहीं करते उससे मेरी बात मानो राघव छोड़ दो उसे वो बस एक जबरदस्ती की जिम्मेदारी है

रितु ने कहा और वही उसके आखरी शब्द सुन नेहा के आँख ने आसू आने लगे

राघव - कुछ रिश्ते बहुत खुबसूरत होते है लेकिन तुम नही समझोगी

राघव ने रितु को कुछ पल घूरा और नेहा को देखा उसके आँसुओ से भीगे चेहरे को देखा और उसके पास गया अपने हाथ से उसने आँसू पोंछे और सर हिला कर उसे रोने से मना किया और बोला

राघव- मैं तुम्हारा पति हु और तुम मेरी पत्नी हो बस यही है जो मायने रखता है बाकी किसी की बात सुनने का कोई मतलब नहीं है, तुम पत्नी हो मेरी सिर्फ जिम्मेदारी नहीं ये बात अपने दिमाग में डाल लो।

नेहा ने राघव की आँखों मे देखा, आज उन आँखों मे उसे अलग ही भावनाए दिख रही थी उसने उन दोनों के बीच की दूरी और कम की नेहा की आँखों मे देखा फिर उसके होंठों को देखा जो उसे बुला रहे थे

राघव- यू नो कभी कभी शब्दो से ज्यादा एक्शन मायने रखता है, एक्शन स्पीक लाउडर देन वर्ड्स!

इतना बोल के राघव ने उनके बीच की बची कूची दूरी भी मिटा दी और अपने होंठ नेहा के होंठों की ओर बढ़ा दिए और अब उनके होंठों के बीच बस आधा इंच की दूरी थी

सब लोग आंखे फाड़े ये सीन देख रहे थे नेहा की धड़कने बढ़ी हई थी दिमाग सुन्न था उसने अपनी आंखे कस कर बंद कर रखी थी उसे नहीं पता था क्या करे

राघव ने अपना एक हाथ उसकी कमर पर रखा और दूसरा हाथ उसकी गर्दन कर पीछे उसे और पास लाने, उसने अपने होंठों को वैसे ही रोके रखा था बगैर हिलाए और फिर उसने अपना चेहरा नेहा के कान के पास किया अपने होंठों से उसके गालों को छूते हुए, नेहा के पैर उसका साथ छोड़ रहे थे उसने राघव की शर्ट को कस लिया

राघव- ये किस मेरे लिए बहुत मायने रखता है नेहा, विल यू??

वो नेहा के कान मे फुसफुसाया और कुछ ही पालो मे उसे नेहा का हाथ अपने पीठ पर फ़ील हुआ उसे पास खिचते हुए उसने उसे किस की पर्मिशन दे दी और उन दोनों के होंठ आपस मे मिल गए बगैर किसी की फिर्क करे

राघव ने अपने एक हाथ से अपने भाई बहनों को घूमने का इशारा किया और वो भी पलट गए इन्हे इनका पर्सनल स्पेस देते हुए वही रितु जो अबतक शॉक मे खड़ी थी उसे भी श्वेता ने घुमा दिया

राघव ने अपने हाथों से नेहा के गालों को पकड़ा और नेहा के होंठों को चूमने लगा स्लोली पैशनेटली, अ परफेक्ट किस, उन दोनों के अंदर बहुत सी भावनाए थी बहुत से इमोशंस बह रहे थे एकदूसरे के लिए जीसे वो किस द्वारा एकदूसरे को बता रहे थे, अब तो वो ये भी भूल चुके थे के वहा उनके अलावा भी और लोग थे, पहले जब राघव को नेहा को किस करने का डेयर मिला था तब वो दोनों की इसके लिए तयार नहीं थे लेकिन पिछले कुछ दिनों मे उनके रिश्ते मे बहुत से बदलाव आए थे और वो एकदूसरे के और करीब आए थे और अब वो अपने इस रिश्ते को एक कदम और आगे बढ़ाने के लिए तयार थे......

क्रमश:
Bahut hi shaandar update diya hai Adirshi bhai....
Nice and excellent update....
 
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