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Romance In Love.. With You... (Completed)

wish vish

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Update 4


नेहा के पास घरवालों के सवाल का कोई जवाब नही था, वो सब के चेहरे देखते हुए खामोश रही फिर उसने बात संभालते हुए कहा

नेहा – पापाजी वो सुबह जल्दी चले गए उनकी कोई अर्जन्ट मीटिंग थी

नेहा ने सधी हुई आवाज मे नम्रता के साथ जवाब दिया

शिवशंकर- मुझे समझ नाही आता ये लड़का इतना काम क्यू करता है। अभी उसकि शादी को बस 5 ही महीने हुए है और ये है के अपने परिवार को थोड़ा समय देने के बदले काम मे उलझ हुआ है..

शिवशंकर जी ने थोड़ा इरिटेट होते हुए कहा उनको अपने बिजी पोते पर बहुत गुस्सा आ रहा था

गायत्री- आज कल तो वो घर पर रहता ही नही है, तुम्हें उससे बात करनी चाहीये न इस बारे मे नेहा, उसे घर पर रोकना तुम्हारा काम है पत्नी हो तुम उसकी

गायत्री जी ने नेहा को ताना मारा

नेहा बस सर झुकाए सबकी बाते सुन रही थी वो इसका जवाब नही देना चाहती थी या ये कहना ज्यादा सही होगा के उसके पास इसका कोई जवाब ही नही था।

उसका डीयर हसबंड शादी की रात को ही सारी रस्मे पूरी होने के बाद दो महीनों के लिए बिजनेस ट्रिप पर निकल गया था, और पिछले तीन महीनों से वो उसे पूरी तरह से इग्नोर कर रहा था मानो नेहा उसके लिए उस घर मे मौजूद ही नही थी, पता नही के उसने नेहा का चेहरा भी सही से देखा था या नही, नेहा ने राघव को उनके रूम मे बस 6-7 बार ही देखा था वो भी तब जब राघव भूल जाता था के नेहा भी उसी कमरे मे रहती है, वो रात मे देरी से आता था और सुबह जल्दी चला जाता था, उसके इस बर्ताव की वजह से नेहा उसकी ओर देख भी नही पाती थी, उसने तो राघव का चेहरा भी इन पाँच महीनों मे बस 4-5 बार ही देखा था बाकी समय राघव नेहा को देखते ही अपना रास्ता बदल लेता या नेहा उसे उसके बर्ताव की वजह से इग्नोर कर देती

उन्हे देख के कोई नही कह सकता था के वो दोनों शादी शुदा है, दो अनजान लोग अगर बातचित करे तो भी इनसे ज्यादा बाते कर सकते थे

विवेक- दादी इसमे कोई कुछ नही कर सकता, जब भईया किसी की बात सुनते ही नही तो इसमे भाभी क्या करेगी

विवेक ने नेहा की साइड लेते हुए कहा

शेखर- हा दादी, राघव भाई बैक टु बैक मीटिंग्स मे बिजी है नई ब्रांच के लॉन्च को लेकर इसमे भाभी की क्या गलती ,उझे तो यकीन है भाई ने भाभी की बात को भी इग्नोर कर दिया होगा

नेहा ने शेखर को इशारे से ही चुप रहने कहा

गायत्री- हा हा इसमे इसकी कहा गलती है, राघव के पास जब घर पर रुकने का कोई रीज़न ही नही है तो वो क्यू रुकेगा

गायत्री जी ने नेहा को फिर से ताना मारा

श्वेता ने नेहा की तरफ देखा लेकिन वो नीचे देख रही थी

शिवशंकर- बस बहुत हो गया गायत्री, तुम्हारा पोता इतना भी छोटा नही है के वो ये बात ना समझ सके, उसे भी ये बात सोचनी चाहिए के उसका भी एक परिवार है

रमाकांत- हा मा राघव अब बच्चा नाही है और हर बार हमेशा नेहा क्यू समझ के ले, राघव को भी अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होना चाहिए

शिवशंकर जी के बाद रमाकांत ने भी नेहा की साइड ली जीसे सुन कर गायत्री जी अपनी जगह से उठी और “मेरे सत्संग का समय हो गया है” बोल कर अपने कमरे मे चली गई और उनके पीछे पीछे शिवशंकर जी भी चले गए

कुछ ही समय मे विवेक और रिद्धि भी कॉलेज के लिए निकल गए और शेखर भी अपने रूम मे काम के लिए चला गया

रमाकांत- बेटा आइ एम सॉरी उसकी...

नेहा- कोई बात नाही पापा आप क्यू सॉरी कह रहे है वो बिजी है इसीलिए सबको टाइम नही दे पा रहे

नेहा की बात सुनकर धनंजय उसके पास आए और उसके सर पर हाथ रख कर बोले

धनंजय- हर बार उसकी साइड लेकर उसे बढ़ावा मत दो बेटा

नेहा ने कुछ नही कहा

धनंजय- चलिए भईया

जाते जाते रमाकांत के नेहा के सर पर हाथ फेरा और वहा से चले गए

जानकी - मुझे पता है तुम मेरे नालायक बेटे को सही रास्ते पर ले आओगी वो शुरू से ही ऐसा है

जानकी की बात सुन कर नेहा मुस्कुरा दी

मीनाक्षी- बेटा तुम जाओ और अपने बाकी के काम निपटाओ यहा मैं और जीजी संभाल लेंगे और घर मे सब नौकर है

जिसपर नेहा से गर्दन हिलाई और अपने रूम मे चली गई और जैसे ही वो रूम मे पहुची उसके पीछे किसी ने दरवाजा खटखटाया, नेहा ने दरवाजा खोला तो वहा श्वेता खड़ी थी

नेहा- हम्म तो मेरी देवरानी को मुझसे क्या काम है

नेहा ने थोड़े शरारती अंदाज मे पूछा

श्वेता- कुछ नही मैं तो बस अपनी जेठानी जी से मिलने आई थी

श्वेता ने भी उसकी टोन मे जवाब दिया

श्वेता- भाभी... आपसे एक बात पुछु ??

नेहा- हा हा पूछो न

नेहा ने बेड पर के कपड़े समेटते हुए कहा

श्वेता- भईया कहा है? मैंने तो उन्हे हमारी शादी मे भी नही देखा

श्वेता के सवाल ने नेहा के हाथ रोक दिए थे

नेहा- जैसा मैंने कहा वो काम मे बिजी है वरना ऐसा कौनसा भाई होगा जो अपने छोटे भाई की शादी मिस करेगा

नेहा के जवाब से श्वेता थोड़ा कन्विन्स हो गई थी

श्वेता- हा ये तो सही है लेकिन भाभी...

श्वेता कुछ आगे बोलती इससे पहले ही उसका फोन बजने लगा देखा तो वो शेखर का था

श्वेता- भाभी मैं आपसे बाद मे बात करती हु शेखर मुझे बुला रहे है

और श्वेता वहा से चली गई और उसके जाते ही नेहा अपने रूम के सोफ़े पर बैठ गई और उसने एक लंबी सास ली

“ये तो मुझे भी नाही पता के वो कहा है तो मैं तुम सबको क्या बताऊ ? मुझे तो ये भी नही पता के वो कल रात घर आए भी थे या नही, अब तो कभी कभी लगता है मेरी शादी हुई भी है या नही”

नेहा ने अपनी आंखे बंद की और सोफ़े पर ही लेट गई

--x--

शेखर- इतना क्या सोच रही हो स्वीट्हार्ट

शेखर ने श्वेता को पीछे से गले लगाते हुए कहा

श्वेता- भईया और भाभी के बारे मे सोच रही हु

शेखर- हूह? क्यू?

श्वेता- दादी ने कहा ना के भईया बहुत बिजी रहते है और उन दोनों की शादी को भी बस 5 ही महीने हुए है तुम्हें नाही लगता भईया को भाभी के साथ टाइम स्पेन्ड करना चाहिए ? तुमने भाभी का चेहरा देखा था जब बड़े पापा ने उन्हे भईया के बारे मे पूछा था ?

शेखर- बात तो तुम्हारी सही है, भाई हमेशा घर से दूर रहता है और उसने अपने आप को काम मे इतना उलझा लिया है के वो कभी कभी तो ऑफिस मे ही सो जाता है

श्वेता – तुम्हें क्या लगता है उनकी शादी बगैर उनकी मर्जी के हुई है?

शेखर – न, मुझे तो ऐसा नही लगता, हा ये सच है के उनकी अरेंज मेरिज है लेकिन अगर वो एक दूसरे को पसंद ना करते तो इस शादी से मना कर सकते थे और भाभी फॅमिली के साथ बहुत खुश लगती है और मैंने जब भी भाई भाभी को साथ देखा है वो मुझे नॉर्मल ही लगे और जहा तक भाई की बात है तो वो अपने आप को एक्स्प्रेस नाही करता और अब वो रूम के अंदर कैसे है ये मैं नहीं बता सकता सब हमारे जैसे नही होते न बेबी,

शेखर ने श्वेता के गाल को चूमते हुए कहा और उसे अपनी तरफ घुमाया और धीरे धीरे अपने होंठों को उसके होंठों की तरफ बढ़ाने लगा

----x----

जानकी- नेहा बेटा तुम ऑफिस चली जाओ अभी, तुम्हारे पापाजी ने एक इम्पॉर्टन्ट फाइल मँगवाई है और कहा है ये किसी फॅमिली मेम्बर के हाथ से ही भेजे, शेखर तुम्हारे साथ चला जाएगा और इन लोगों का लंच भी लेती जाओ, वैसे तो मैं शेखर को ही भेजती लेकिन उसे ऑफिस के बाद कही बाहर जाना है

नेहा- कोई बात नाही मा आप मुझे फाइल और लंच दे दीजिए मैं चली जाऊँगी

जानकी- हा मैं पैक करवाती हु तुम तब तक जाके रेडी हो जाओ

जिसके बाद नेहा अपने रूम मे रेडी होने चली गई

थोड़े समय बाद जानकी ने नेहा को 2 फाइल और लंच बोक्सेस दिए

जानकी- नेहा इस बात का खास ध्यान रखना के मेरा नलायाक बेटा और तुम्हारा पति खाना खा ले तुम तो जानती हो के वो इस मामले मे कितना लापरवाह है

और जैसे ही नेहा ने राघव के बारे मे सुना उसकी दिल की धड़कन बढ़ गई, वो तो उसके बारे मे भूल ही गई थी फिर भी उसने हा मे गर्दन हिला दी

शेखर- चले भाभी..

शेखर ने सीढ़ियों से उतरते हुए कहा लेकिन उसका ध्यान उसके फोन मे था

वो दोनों कार मे जाकर बैठे

‘हे भगवान मैं उनसे कैसे बात करूंगी मैंने तो इन 5 महीनों मे कभी उनसे बात नाही की’ नेहा बहुत नर्वस थी और अपनी ही सोच मे गुम थी

शेखर- क्या हुआ भाभी? आप नर्वस हो क्या? आप आज पहली बार अपनी कंपनी मे जा रही है न

शेखर की बात पर नेहा ने हा मे गर्दन हिलाई

शेखर- अरे इतना नर्वस मत होइए भाभी भईया भी तो वही है

नेहा- वही तो प्रॉब्लेम है

नेहा ने ये बात एकदम धीमे से कही थी जीसे शेखर नही सुन पाया

शेखर- आपने कुछ कहा क्या?

नेहा- न... नही तो..

शेखर- आपको पता है भाभी हम ना अभी शेर की गुफा मे जा रहे है

शेखर ने नेहा को छेड़ते हुए कहा लेकिन नेहा उसकी बात नही समझी

नेहा- शेर? हमने ऑफिस मे शेर क्यू रख रखा है ?

शेखर- वो तो आपको वही जाकर पता चलेगा

शेखर ने स्माइल के साथ कहा जिसने नेहा को और भी ज्यादा कन्फ्यूज़ कर दिया लेकिन इससे पहले नेहा कुछ और पूछ पाती वो लोग ऑफिस पहुच चुके थे

कार से उतारने के बाद नेहा ने सामने देखा और उसका नर्वसनेस और बढ़ गया, इसीलिए नाही क्युकी वो देश की टॉप कंपनी के सामने खड़ी थी बल्कि इसीलिए क्युकी वो नही जानती थी के वो राघव से कैसे बात करेगी और सबसे इम्पॉर्टन्ट बात राघव उसे ऑफिस मे देख कर कैसे रीऐक्ट करेगा

शेखर- आओ भाभी

शेखर ने कहा जिसके बाद वो दोनों ऑफिस मे इंटर हुए, उनके अंदर घुसते ही सब लोगों ने उन्हे ग्रीट करना शुरू कर दिया

शेखर- भाभी मुझे एक कॉल आ रहा है आप आगे जाइए मैं कुछ देर मे आता हु, मैं किसी को कहता हु आपको कैबिन तक छोड़ दे, उम्म मिस रूबी प्लीज भाभी को कैबिन तक छोड़ आइए

शेखर ने वहा खड़ी एक एम्प्लोयी से कहा जिसके जवाब मे उसने हा मे गर्दन हिला दी और स्माइल के साथ नेहा को देखा बदले मे नेहा ने भी उसे एक स्माइल दी

रूबी- मैडम प्लीज मेरे साथ आइए

जिसके बाद नेहा रूबी के पीछे पीछे जाने लगि लेकिन बीच रास्ते मे ही एक लड़की ने आकार उनको रोक दिया और कहा

“रूबी, धनंजय सर ने अपॉइन्टमेंट लिस्ट मँगवाई है जल्दी” उस लड़की ने कहा

रूबी- मैं तो भूल ही गई थी कोई बात नाही मैं अभी सर को वो लिस्ट दे देती ही लेकिन पहले मुझे...

नेहा- नही कोई बात नाही बस आप मुझे बात दीजिए मैं चलि जाऊँगी

नेहा ने रूबी से कहा जिसपर पहले तो रूबी थोड़ा रुकी लेकिन फिर बाद मे उसने नेहा को रास्ता बता दिया

नेहा उस फ्लोर पर पहुची जो उसे रूबी ने बताया था, वो आगे कैबिन की तरफ जा ही रही थी के किसी ने उसे रोक दिया

“मिस कहा जा रही है आप?”

उस लड़की ने थोड़ा कड़े शब्दों मे पूछा जिससे उस फ्लोर पर सबका ध्यान उनकी ओर चला गया

नेहा- वो मुझे कुछ काम था तो...

पर उसने नेहा की बात पूरी ही नही होने दी कुछ लोगों ने उस लड़की को रोकने की भी कोशिश की लेकिन वो किसी की नही सुन रही थी

“काम?” उसने नेहा को ऊपर से नीचे तक देखा

“तुम तो कोई इम्प्लॉइ नही लगती हो और बगैर अपॉइन्टमेंट के यहा कोई नही आ सकता, सर बिजी है अभी” उसने रुडली कहा

नेहा – मैं कोई इम्प्लॉइ नाही हु और ना ही मुझे यहा आने के लिए किसी अपॉइन्टमेंट की जरूरत है, मैं.....

नेहा को अब थोड़ा गुस्सा आ रहा था जिस तरीके से वो बात कर रही थी लेकिन उसने एक बार फिर नेहा की बात काट दी

“मैं तुम जैसी लड़कियों को अच्छे से जानती हु जिन्हे बस आमिर लोगों की अटेन्शन चाहिए होती है” उस लड़की की बात सुनकर नेहा की आंखे बड़ी हो गई वही वहा खड़े लोगों को थोड़ा शॉक लगा लेकिन नेहा उसकी बात का कुछ जवाब दे पाती उससे पहले ही वहा एक आवाज गूंजी

ऐसी आवाज जिससे नेहा अपनी सुध खो देती थी वो जब भी उसे सुनती थी और उसके दिल की धड़कन बढ़ जाती थी..
नेहा अपनी जगह जाम गई थी और वहा खड़े को डर से नीचे देख रहे थे

क्या होगा अब?

जानेंगे अगले भाग मे

क्रमश:
badhiya update
 

Naik

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Update 37





विवेक- यो भाभी यू रॉक!!!!!!!

विवेक नेहा के डांस पर चीयर कर रहा था वही शेखर सीटी बजा के नेहा का हौसला बढ़ा रहा था...

सिर्फ शेखर ही नहीं अपनी सारी गैंग नेहा के लिए चीयर कर रही थी सीटी मार रही थी हूटिंग कर रही थी और राघव बस आंखे फाड़े नेहा को देख रहा था उसे बिल्कुल आइडिया नहीं था के नेहा इतना बढ़िया डांस करती होगी

ये मेरी ही बीवी है ना? अच्छा हुआ यार इसको चैलेंज दिया मैंने वरना इतना बढ़िया डांस देखने ही नहीं मिलता’ राघव के मन मे नेहा को नाचता देख खयाल आया

अभी राघव नेहा के डांस मे खोया ही हुआ था के उसे एक और सीटी की आवाज सुनाई दी और जैसे ही राघव ने उस आवाज की और देखा तो उसका खून जलने लगा था क्युकी अनिकेत नेहा के लिए चीयर कर रहा था जो राघव को पसंद नहीं आया उसकी मुट्ठिया भींच गई

इसकी तो...’ राघव अनिकेत की ओर बढ़ने की वाला था के उसकी मा की आवाज ने उसे रोक दिया

जानकी- बहुत बढ़िया नेहा बहुत बढ़िया!!!!!

जिसके बाद राघव का ध्यान वापिस नेहा की ओर गया, नेहा की एक भी अदा राघव की नजरों ने नहीं छुट रही थी और जब उसकी नजर उस थिरकती हुई कमर पर पड़ी तो राघव अपने होश खो बैठा

ये कमर जान ले लेगी मेरी एक दिन’

इतने मे कुछ और लड़कियों ने नेहा को डांस मे जॉइन किया जिसके बाद नेहा ने कुछ समय उनके साथ डांस किया और फिर नीचे सबके पास आ गई और बाकी लोगों का कपल डांस शुरू हो गया।

हर कोई नेहा की तारीफ कर रहा था और अभी नेहा राधिका से बाते कर रही थी और राधिका उसके डांस की तारीफ कर रही थी तभी नेहा की नजर राघव पर पड़ी जो एकटक उसे देखे जा रहा था जिससे नेहा के चेहरे पर स्माइल आ गई

श्वेता- भाभी छा गई आप!!

आकाश- आप इतना बढ़िया डांस करती है भाभी हमे पता ही नहीं था

नेहा- बस शौक है मेरा और कुछ नहीं

ये लोग बात कर ही रहे थे के अनिकेत इनके पास पहुचा और नेहा ने उसे सबसे मिलवाया

अनिकेत- बहुत बढ़िया डांस किया है आपने नेहा जी

नेहा- थैंक्स अनिकेत

तभी श्वेता शेखर और आकाश और राधिका कपल डांस के लिए चले गए और वहा बस नेहा और अनिकेत बचे

राघव दूर खड़ा नजरों से ही अनिकेत का खून करने के मूड मे था तभी आँचल उसके पास आई

आँचल- तुम्हें नहीं लगता ये नेहा का एक ही दिन मे बहुत अच्छा दोस्त बन गया है

आँचल धीमे से राघव के कान मे बोली

राघव- वही तो

राघव ने जवाब दिया बगैर देखे के वो किससे बात कर रहा है वो तो बस नेहा और अनिकेत को देखने मे बिजी था जो हस हस के एकदूसरे से बाते कर रहे थे

आँचल- गुस्सा आ रहा है??

राघव- बहुत!!!

आँचल- वैसे बंदा है तो हैंडसम अगर उसने अभी नेहा को प्रपोज कर दिया तो...

राघव- नहीं!!

आँचल के शब्द सुनते ही राघव एकदम चीख के उसकी तरफ मूडा और देखा तो आँचल उसे देख हस रही थी

राघव- दी आप मुझे चिढ़ा रही है!

आँचल- मैं तो बस सच कह रही हु बाबा

राघव- ऐसा कुछ नहीं होगा समझी ना वैसे भी शादी हो चुकी है उसकी

आँचल- हा वो तो ठीक है लेकिन शादी नेहा की हुई है ना अनिकेत की थोड़ी और कलियुग है भाई कुछ भी हो सकता है

आँचल ने राघव को पीछे देखने का इशारा किया और राघव ने जैसे ही पीछे देखा उसका गुस्सा और बढ़ने लगा क्युकी अनिकेत नेहा के गाल खिच रहा था

इसको लगता है मरने की बहुत जल्दी है’

आँचल- मुझे लगता है ना वो नेहा को डांस के लिए पूछेगा

राघव- और आपको ऐसा क्यू लगता है

आँचल- अरे बाबा लड़की हु मैं मुझे पता है लड़कों के दिमाग मे कब क्या चलता है

राघव- हेह! नेहा मना कर देगी उसको देखना

आँचल- और अगर नेहा का डांस करने का मन कर रहा हो तो? अब तुम तो यहा खड़े हो तुम्हें डांस नहीं करना तो अगर उसने पूछा तो नेहा हा कर सकती है

राघव ने नेहा और अनिकेत को देखा, उसे उन दोनों का यू साथ खड़े रह के हस हस के बाते करना जरा भी पसंद नहीं आ रहा था उसके चेहरे से साफ था के उसे जलन हो रही थी और वो उनकी ओर बढ़ा

राघव के जाते ही आँचल ने अपनी पीठ थपथपाकर खुद को शाबासी दी और शेखर और श्वेता को थम्ब्स अप करके प्लान सक्सेसफुल का इशारा किया

वही राघव उन लोगों के पास पहुंचा और नेहा का हाथ पकड़ के उसका ध्यान अपनी ओर खिचा

अनिकेत- अरे राघव जी, मानना पड़ेगा आपकी वाइफ बहुत बढ़िया डांस करती है

राघव- हा मैंने भी देखा अभी अभी

राघव ने नेहा को अनिकेत से दो मीटर दूर खिचते हुए कहा और अनिकेत उसे अजीब नजरों से देखने लगा

अनिकेत- वैसे नेहा जी आप मिस कामिनी को जानती है क्या वो भी बहुत बढ़िया क्लासिकल डान्सर है

राघव- नहीं वो नहीं जानती किसी को

इससे पहले के नेहा अनिकेत के सवाल का जवाब देती राघव बोल पड़ा जिससे नेहा ने चौक के राघव को देखा और उसे इशारे से चुप रहने कहा लेकिन राघव कहा मानने वाला था

नेहा- ये मजाक कर रहे है अनिकेत मैं जानती हु उन्हे

नेहा ने मुस्कुरा कर कहा और राघव उसे घूर के देखने लगा

अनिकेत- वो....

अब इसके आगे अनिकेत कुछ बोलता उसके पहले ही राघव ने उसे रोक दिया

राघव- आई वुड लाइक तो टेक माइ वाइफ फॉर अ रोमांटिक डांस

राघव ने स्माइल के साथ कहा और बगैर किसी की बात सुने नेहा को लेकर या यू कहे खिच कर डांस फ्लोर पर ले गया।

राघव के हाथ नेहा का हाथ थामने के लिए बेकरार थे, राघव ने उसे अपने पास खिचा वही नेहा बस शॉक होकर उसे ये सब करते हुए देख रही थी, राघव ने नेहा का एक हाथ पकड़ के अपने कंधे पर रखा और दूसरा हाथ अपने हाथ मे पकड़ और उसकी आँखों मे देखने लगा और डांस करने लगा

वो अब नेहा के बहुत करीब था इतना के उन दोनों की नाक एकदूसरे वो टच कर रही थी, नेहा अपनी बढ़ी हुई धड़कनों पर काबू पाने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसका दिल उसके वश मे नहीं था, उसे ये सब बहुत अच्छा लग रहा था

राघव - तुम्हें उससे दूर रहना चाहिए

राघव धीमे से नेहा के कान मे फुसफुसाया वही नेहा भी समझ गई के वो किसकी बात कर रहा था

नेहा- वो बस मेरा दोस्त है

राघव- और मुझे तुम्हारा ये दोस्त पसंद नहीं है!

नेहा- इतने सालों बाद एक दोस्त बना है और आप चाहते है मैं उसे भी अवॉइड करू?

राघव- मैं हु ना तुम्हारा दोस्त, हसबैंड , सबकुछ बस उससे दूर रहो

राघव ने नेहा को डांस करते हुए घुमाते हुए कहा और फिर वापिस उसे अपने पास लिया

राघव का हाथ नेहा की पूरी पीठ पर घूम रहा था और फिर उसने अपनी पकड़ नेहा की कमर पर कस ली

राघव- और हा तुम सिर्फ मेरे साथ डांस करोगी और किसी के साथ नहीं

राघव ने दूर से ही अनिकेत को देखते हुए कहा

नेहा- क्यू? ऐसा क्यू?? और उसमे क्या दिक्कत है

राघव- वो मेरी चिक्की के जरूरत से ज्यादा करीब आ रहा है

नेहा ने अब अपना सर राघव के कंधे पर टीका दिया था और वो राघव की इस बात पर मुस्कुरा दी

राघव- हसो मत मैं सीरीअस हु

नेहा- आप जानते है ना मेरी शादी हो चुकी है और वो भी आप से ही

राघव- हा वो जानता हु मैं और आई ट्रस्ट यू लेकिन मुझे उसपर भरोसा नहीं है आँचल दी ने बताया है के वो सिंगल है समझी ना

नेहा- और आँचल दी को ये किसने कह दिया??

राघव- वो मुझे नहीं पता वैसे भी वो बंदा जन्मजात सिंगल लगता है शक्ल से ही

नेहा- वैसे तो फिर उसने भी मुझसे कहा था के मैं शादी शुदा नहीं लगती तो क्या मैं सिंगल हु?

नेहा ने शरारती स्माइल से साथ पूछा

राघव- तो वो तुम्हारे साथ फ्लर्ट कर रहा था ?

नेहा- अब ये बात कहा से आई

राघव- अरे तुम नहीं समझोगी वो

नेहा- हा ये भी सही है मैं कैसे समझूँगी मेरे पतिदेव तो कभी मेरे साथ फ्लर्ट करते ही नहीं है ना

नेहा की बात सुन राघव की आंखे चमक गई और मुस्कुराया

राघव- तो तुम चाहती हो मैं फ्लर्ट करू तुम्हारे साथ?

नेहा- हा... मतलब... यू नो रिलेशनशिप इन्ही सब से थोड़ी स्ट्रॉंग होती है.. मतलब...

नेहा सही शब्दों का चयन नहीं कर पा रही थी लेकिन राघव उसकी बात समझ चुका था

राघव- मैं सब कुछ करूंगा बस तुम उस चिपकू से दूर रहो

नेहा- ऐसा तो मत कहिए अच्छा इंसान है वो

राघव- आपका हसबैंड उससे भी बेटर है

नेहा- एक्सेक्टली एण्ड आई एम मैरीड

राघव- बट ही इस नॉट

नेहा- ही इस, शादी शुदा है वो भी

राघव- क्या?? सही मे??

राघव का रिएक्शन देख नेहा अपनी स्माइल नहीं रोक पाई

नेहा- हा बाबा और वो पापा भी है एक बेबी का, वहा देखिए

नेहा ने आँखों से राघव को अनिकेत की ओर देखने कहा तो वहा अनिकेत अपने बेटे को गोद मे लिए खड़ा था और उसके बगल मे उसकी वाइफ कोमल खड़ी थी

जैसे ही नेहा और राघव ने उन्हे देखा कोमल ने उन्हे थम्ब्स अप किया

राघव- मतलब मैं बेफिजूल ही टेंशन मे था

नेहा- वही तो और आप ऐसे बिहेव क्यू कर रहे थे

राघव- ऐसे मतलब कोई भी मेरी बीवी के आसपास घूमेगा तो मैं उसे रोकूँगा ही ना

नेहा- डोन्ट वरी मिस्टर देशपांडे मैं सिर्फ आपकी हु

नेहा ने प्यार से राघव की नाक खिचते हुए कहा और तुरंत ही उसके ध्यान मे आया के उसने क्या किया है

नेहा- वो... मैं

राघव- ओफकोर्स यू आर माइन

राघव ने इधर उधर देखते हुए कहा जिसपर नेहा शर्मा गई

वही दादू दादी और घर के बाकी सब लोग दूर से उन्हे ऐसे डांस करते हुए देख रहे थे

दादू- देखा गायत्री मेरा फैसला सही था ना

बदले मे दादी बस मुस्कुरा दी

रमाकांत- तुमने देखा जानकी अपना राघव मुस्कुरा रहा है

जानकी- कितने साल हो गए थे उसे ऐसे खुश देखे, नेहा के आने से वो बदल रहा है, भगवान मेरे बच्चों को ऐसे ही खुश रखे

अब तक राघव और नेहा डांस फ्लोर से नीचे आ गए थे और वो अनिकेत और कोमल के पास पहुचे

अनिकेत- बढ़िया डांस किया आपलोगो ने

राघव- थैंक यू अनिकेत !

राघव ने स्माइल के साथ अनिकेत को रिप्लाइ किया जिसपर अब अनिकेत थोड़ा चौका

अनिकेत- इनको अचानक क्या हुआ

अनिकेत धीमे से नेहा से बोला जिसपर नेहा बस हस दी

अनिकेत- ओके हमे निकालना पड़ेगा अब वरना घर पहुचते पहुकते लेट हो जाएगा

जिसके बाद अनिकेत वहा से कोमल के साथ निकल गया और उसके जाते ही आँचल वहा आई

आँचल- वाह वाह राघव सर क्या डांस किए हो आप क्या बात क्या बात

राघव- दी आप ना बात मत करो मुझसे

शेखर- भाई आपको तो डांस नहीं करना था फिर अचानक क्या हुआ

राघव- मर्जी है मेरी

राघव ने कहा और ऐसे ही बातों बातों मे समय कब बीता पता ही नही चला और अब सब लोग घर जाने के लिए निकल रहे थे और इस बार शेखर श्वेता आकाश और स्वाती एक कार मे थे वही रिद्धि विवेक राघव और नेहा एक कार मे वही बाकी सब अपनी अपनी गाड़ियों मे

राघव कार चला रहा था और नेहा उसका हाथ पकड़े उसके कंधे पर सर टिकाए बैठी थी, बहुत थक गई थी वो, राघव ने मिरर मे देखा तो रिद्धि और विवेक सो चुके थे


राघव ने भी अपनी उँगलिया नेहा की उंगलियों मे फसा दी और रोड पर ध्यान देने लगा वही नेहा ने अपनी आंखे बंद कर ली

जल्द ही वो लोग घर पहुच चुके थे राघव ने विवेक और रिद्धि को जगा के घर मे भेज और फिर नेहा को आवाज लगाई लेकिन नेहा ने कोई जवाब नहीं दिया

‘मैं भी कीसे जगाने की कोशिश कर रहा हु’ राघव ने सोचा और फिर नेहा के चेहरे को देख के मुस्कुराया और उसने अपनी गोद मे उठा लिया, जब वो घर मे पहुचा तो सब लोग अपने अपने कमरों मे जा चुके थे तो वो सीधा अपने कमरे मे चला आया और हल्के से नेहा को बेड पर लेटा कर चेंज करने चला गया और जब राघव वापिस आया तो नेहा बेड पर उसे बैठी हुई दिखी

नेहा- मैं यहा कैसे पहुची

नेहा ने अपनी आंखे मलते हुए पूछा

राघव- उड के!

नेहा- ह!!

राघव- अरे बाबा मैं उठा के लाया हु तुम्हें, अब चलो फटाफट चेंज करके आओ जाओ

जिसके बाद नेहा चेंज करके आई तो राघव बेड पर उसकी राह देख रहा था और बाद मे वो नींद के आग़ोश मे समा गए इस सब से बेखबर के कल का दिन कुछ अलग होने वाला था...

क्रमश:
Badhiya khoobsurat update bhai
 

wish vish

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Update 7



“मुझे तुम्हारे और नेहा के रिश्ते के बारे मे तुमसे कुछ बात करनी है”

शिवशंकर जी ने राघव से सीधे मुद्दे पर बात करना शुरू किया

शिवशंकर- आराम से बैठ जाओ राघव ये बात चित थोड़ी लंबी चलेगी

जिसके बाद राघव वहा रखी खुर्ची पर बैठ गया जिसके बाद शिवशंकर जी ने अपनी बात आगे बढाई

शिवशंकर- राघव तुम्हारी तुम्हारे काम के प्रति कुछ जिम्मेदारिया है मैं ये बात जानता हु और वैसे ही तुम्हारी तुम्हारे दोस्तों तुम्हारे परिवार के लिए भी कुछ जिम्मेदारिया है लेकिन इन सब मे जो तुम्हारे लिए सबसे इम्पॉर्टन्ट होना चाहिए वो है तुम्हारी पत्नी, तुम समझ रहे हो ना मैं क्या कह रहा हु?

राघव ने कुछ नही कहा बस एक सपाट चेहरे के साथ दादू को देखा

शिवशंकर- राघव अब तुम्हारी शादी हो चुकी है और ऐसा भी नही है के ये सब तुमसे जबरदस्ती कराया गया हो, मैंने तुमसे इस मामले मे तुम्हारी राय ली थी लेकिन मैंने पिछले महीनों मे जबसे तुम्हारी शादी हुई है देखा है के तुम अपनी पत्नी की तरफ अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हो उसे इग्नोर कर रहे हो

दादू ने राघव को उसकी गलती समझाई

राघव- मैं अपनी जिम्मेदारियों से नाही भाग रहा हु दादू मैं तो बस...

लेकिन शिवशंकरजी ने राघव को बीच मे ही रोक दिया

शिवशंकर- तुम सिर्फ नेहा को इग्नोर कर रहे हो, है ना?

दादू की बात सुन राघव ने नजरे घुमा ली

शिवशंकर- बेटा किसी भी रिश्ते से भागना कोई ऑप्शन नही है, मैं जानता हु जिम्मेदारी निभाने का मतलब तुम्हारे लिए सबकी जरूरतों को पैसों से पूरा करना है लेकिन मेरे बच्चे तुम्हारी ये सोच गलत है। एक बिजनेसमैन होने के नाते मैं ये भी जानता हु के पैसों से तुम कुछ भी खरीद सकते हो लेकिन इसका ये मतलब नाही की पैसों से तुम सब कुछ खरीद पाओ, रिश्तों मे जिम्मेदारी का मतलब होता है प्यार, खुशी, एक दूसरे के साथ बिताया समय, प्यार तुम्हारे परिवार वालों के लिए तुम्हारे दोस्तों के लिए तुम्हारे जीवनसाथी के लिए।

बोलते बोलते दादू दो पल रुके और फिर बोलना शुरू किया

शिवशंकर- मुझे पता है तुम शादी नही करना चाहते थे और हमने तुमपर इस बारे मे कोई दबाव भी नही डाला था, जब मैंने नेहा के बारे मे तुम्हारे बताया था तब तुमसे तुम्हारी मर्जी भी पूछी थी और उस वक्त तो तुमने भी हा कहा था लेकिन फिर क्या हुआ? तुम उससे भाग क्यू रहे हो? बेटा मैं अपनी सारी जिंदगी के अनुभव के आधार पर कह सकता हु के तुम्हारी नेहा से शादी कराना मेरी जिंदगी का सबसे सही फैसला था जीसे मैं सपने मे भी नही झुठला सकता, मैं जानता हु तुम इतने तो समझदार हो के अपनी जिंदगी के फैसले खुद कर सको लेकिन मेरे परिवार के लिए क्या सही है और क्या गलत ये भी मैं जानता हु और जहा तक बात है नेहा की तो उसके जैसी साफ और नेकदिल लड़की का तुम्हारी जिंदगी मे होगा तुम्हें खास बनाता है तुम्हें उस हीरे को संजोना है, हर किसी की अपने जीवनसाथी से कुछ उमीदे होती है वैसी नेहा की भी तो होंगी कभी इस बारे मे सोचा है?

राघव- उसे और क्या चाहिए होगा दादू? किसी भी लड़की के लिए मैं परफेक्ट हु

राघव ने थोड़े घमंड मे कहा जिसपर दादू मुस्कुराये और उन्होंने ना मे गर्दन हिला दी जिससे राघव वापिस शांत हो गया

शिवशंकर- हर लड़की को जिंदगी मे सिर्फ पैसा ही नही चाहिए होता राघव जिसके बल पर तुमने अभी ये बात कही है कुछ को प्यार और अटेन्शन भी चाहिए होता है, मैंने नेहा को कभी तुम्हें प्यार से देखते नही देखा है जानते हो क्यू? क्युकी वो डरती है तुमसे, तुम्हारे गुस्से से जिसके बारे मे उसने सबसे सुन रखा है अरे उसे तो असली राघव क्या है राघव का सॉफ्ट साइड क्या है पता ही नही है

राघव- मैं ऐसा ही हु दादू मेरा कोई दूसरा साइड नही है

राघव ने नजरे घूमते हए कहा

शिवशंकर- ना! तुम ऐसे नहीं हो, मैं तुम्हें बाकी लोगों के मुकाबले ज्यादा अच्छे से जानता हु तुम्हारा सारा बचपन मेरी ही गोद मे बीता है राघव बस बात ये है ये तुम अपने आप को एक्स्प्रेस नहीं करते हो क्युकी तुम इस रिश्ते को स्वीकारना ही नही चाहते ना जाने इसके पीछे क्या वजह है। देखो शादी शुदा जिंदगी मे अजस्ट होने मे समय लगता है मैं जानता हु और जब से तुम्हारी शादी हुई है तुम बस यहा से वहा भाग रहे हो इस बात को इग्नोर करते हुए के तुम्हारी शादी हो चुकी है, इस रिश्ते को सफल बनाने के लिए तुम दोनों को एफर्ट्स करने पड़ेंगे।

शिवशंकर- नेहा को ये कभी अच्छा नही लगेगा के तुम उसे सिर्फ अपनी एक रीस्पान्सबिलटी मानो, वो डेफ़िनटेली चाहती होगी के तुम उसे अपने पूरे मन से अपनाओ जहा तुम उसका खयाल रखो इससलिए नही क्युकी वो तुम्हारी जिम्मेदारी है बल्कि इसलिए क्युकी तुम उससे प्यार करते हो। हा अब प्यार एक ऐसी चीज है जो कहने से नहीं होती लेकिन मैं बस ये चाहता हु के तुम इस रिशर्ते हो एक मौका दो थोड़ा वक्त दो और अगर फिर भी तुम्हें इससे भागना ही है तो मैं उस लड़की की जिंदगी खराब करने के पक्ष मे नहीं हु

दादू की बात सुन राघव ने उन्हे देखा

शिवशंकर- राघव, तुम्हारे मा बाप को तुम्हारा समय चाहिए, तुम्हारे चाचा चाची को तुम्हारा समय चाहिए मैं तुम्हारी दादी विवेक रिद्धि सबलोग तुमको घर मे बहुत ही कम देखते है सबको तुम्हारा थोड़ा वक्त चाहिए जो तुम उनके साथ बिताओ बाते करो लेकिन तुम्हारी वाइफ उसे तुम्हारा टाइम भी चाहिए तुम्हारी अटेन्शन भी और तुम्हारा प्यार भी।

शिवशंकर- इस घर मे सब जानते है के शेखर और श्वेता एकदूसरे से कितना प्यार करते है वो तो कॉलेज के समय से एकदूसरे को जानते है पसंद करते है उनको देखके क्या नेहा को ऐसा नही लगता होगा के तुम लोगों का रिश्ता भी काश उनके जैसा होता? वो कभी कुछ कहती नही है इसका ये मतलब तो नही के उसकी कुछ इच्छाए नही है, वो कभी बताती नही है लेकिन उसे तुम्हारी फिक्र है क्युकी शी केयर फॉर यू शी सीम्स तो लाइक यू।

दादू की बात से राघव थोड़ा शॉक हुआ, अपने पिछले महीनों के नेहा के साथ के बर्ताव को देखते हुए वो ये सोच ही नहीं सकता था के नेहा उससे प्यार करती होगी

शिवशंकर- इन पिछले 5 महीनों मे जब भी उसे तुम्हारी जरूरत थी तुम उसके पास नही थे पर अब मैं चाहता हु तुम उसकी भरपाई करो उसके साथ वक्त बिताओ इस रिश्ते को सफल बनाने के लिए एक चांस दो , अब भले तुम इसे मेरा ऑर्डर मानो या कुछ और लेकिन मैं तुम्हें और नेहा को साथ देखना चाहता हु, उसके साथ वक्त बिताओ उसे काही घूमने ले जाओ, नई शादी हुई है तुम्हारी इस पल को थोड़ा इन्जॉय करो तभी तो एकदूसरे को तुम थोड़ा जान पाओगे। एकदम से मैं तुम्हारा काम रोक तो नही सकता लेकिन अब से तुम्हारा ऑफिस टाइम बस सुबह 9 से शाम 7 तक होगा उसके पहले या बाद मे मुझे तुम घर मे दिखने चाहिए

दादू की बात से राघव का चेहरा ऐसा हो गया मानो किसी बच्चे के हाथ से उसका पसंदीदा चॉकलेट ले लिया हो किसी ने

राघव- दादू लेकी...

शिवशंकर- ना! कोई बहाना नही चलेगा राघव तुम नही जानते तुम्हारी गैरमौजूदगी मे उसे कितने सवालों के जवाब देने पड़ते है, शेखर की शादी की सारी रस्में उसने अकेले की है जब तुम्हें उसके साथ होना चाहिए था लेकिन तुम कहा थे? तुम उससे भाग रहे थे पर अब बहुत हो गया अब ये सब अभी से बंद होना चाहिए

दादू की बातों से और आवाज से साफ पता चल रहा था के वो राघव से बहुत ज्यादा गुस्सा थे

शिवशंकर- जब तक तुम ही उसे पूरे मन से नही अपनाते वो इस परिवार को अपना परिवार कैसे माने बताओ? जब भी कोई उससे तुम्हारे बारे मे पूछता है वो कोई न कोई बहाना बना देती है जिससे तुम्हारी दादी के ताने उसे सुनने पड़ते है पर उसने कभी तुम्हारी शिकायत नहीं की। ऐसा नहीं है के वो इन बातों का या उन तानों का जवाब नही दे सकती लेकिन वो चुप रहती है सिर्फ तुम्हारे लिए

राघव चुप चाप बैठ सब सुन रहा था

शिवशंकर- एक लड़की अपना सब कुछ छोड़ कर अपने पति के साथ उसके जीवन मे प्रवेश करती है उसका पति ही उसके लिए सबकुछ होता है लेकिन जब उसका वो जीवनसाथी ही उसे अकेला छोड़ दे तब वो किसी से कुछ भी नही कह सकती।

शिवशंकर- मैं बस इतना चाहता हु के तुम इस शादी को एक मौका दो मैं अपने पूरे अनुभव के साथ कहता हु के तुम्हें अफसोस नही होगा

इतने कह कर दादू के राघव का कंधा थपथपाया और रूम मे बाहर चले गए और राघव वही सोच मे डूबा बैठा रहा

राघव ने अपने पीछे 5 महीनों के बर्ताव के बारे मे सोचा, उसने कभी नेहा से बात करने की कोशिश नही की थी पहली बार जब उसने नेहा से बात की तब वो शादी की रात को ही टूर पर निकल गया था और वापिस आने के बाद तो उसने उसे साफ और रुडली कह दिया था के वो उससे दूर रहे जससे उनके बीच दूरिया और बढ़ गई थी और बहुत देर इस बारे मे सोचने के बाद राघव ने एक लंबी सास ली और सीढ़िया चढ़ कर अपने रूम की ओर जाने लगा, जाते जाते उसकी नजर गार्डन मे बैठ कर बाते करते शेखर और श्वेता पर पड़ी जो एक हैप्पी कपल का बेहतरीन उदाहरण थे वही उसने तो कभी नेहा के साथ वक्त भी नही बिताया था या ये कहना ज्यादा सही होगा के उसने तो नेहा को कभी वाइफ समझा ही नही था, वो अपने रूम मे आया।

राघव जब रूम मे आया तो उसने देखा के नेहा बालकनी मे रजाई ओढ़े कोई बुक पढ़ रही थी, राघव ने कुछ पल तक नेहा को देखा और जब नेहा को लगा के कोई उसे देख रहा है तो उसने मूड कर देखा तो वहा राघव को पाया जिसके बाद नेहा ने नजरे नीची कर ली और दोबारा किताब पढ़ने लगी क्युकी वो जानती थी के राघव उससे बात नहीं करेगा और ऐसा जताएगा के वो वहा हो ही नही।

वो दोनों ही एकदूसरे के लिए अजनबी थे वो कोई बात कभी शुरू नही करता था वही नेहा भी कोई पहल नही करती थी क्युकी उसे शायद ये अच्छा ना लगे

राघव कुछ नही बोला और बेड पर जाकर काफी जगह छोड़ कर लेट गया, पिछले कुछ दिनों मे लगातार काम की थकान से उसे जल्दी नींद आ गई,

नेहा ने उसकी तरफ देखा और फिर लाइटस बंद कर दी, उसे वही बालकनी मे अच्छा लग रहा था वो तो वही सितारों को देखते हुए सो गई...

पता नहीं इनके जीवन मे क्या लिखा था...

क्या राघव इस शादी को एक मौका देगा??

अब क्या करेगा राघव??

और क्या नेहा कोई पहल करेगी??

देखेंगे अगले अपडेट मे..

क्रमश:
bade bujurg family me hone ka fayada badhiya hota hai bas unki baat samajhne wala chahiye, nice part
 

Naik

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Update 38




अगले दिन घर का महोल एकदम रिलैक्स था चुकी आकाश की सगाई हो चुकी थी इसीलिए आज किसी को भी कुछ काम नहीं था सब आराम से बैठे थे बाते कर रहे थे दिन का मजा ले रहे थे, नेहा संध्या जी के साथ बाते कर रही थी तभी वहा राघव आया जो की बहुत ज्यादा गुस्से मे था...

संध्या- अरे राघव तुम तो बाहर गए थे ना इतनी जल्दी आ गए??

संध्या जी ने पूछा लेकिन राघव ने कोई जवाब नहीं दिया, उसके चेहरे से उसका गुस्सा साफ झलक रहा था, नेहा ने राघव को देखा और फिर उसके पीछे देखा तो वहा रितु शैतानी मुस्कान के साथ खड़ी थी और नेहा को थोड़ा थोड़ा राघव के गुस्से का रीज़न समझ आ रहा था के हो ना हो रितु ने ही कुछ किया था, नेहा ने राघव को देखा तो पाया के राघव उसे ही घूर रहा था राघव ने नेहा का हाथ पकड़ा और उसे अपने साथ जबरदस्ती लेकर जाने लगा

जानकी- राघव क्या हुआ है??

जानकी जी ने चिंता से पूछा

राघव- हमारे बीच आज कोई नहीं बोलेगा मा!!

इतना बोल के राघव नेहा को खिचते हुए अपने साथ ले गया वो गुस्से मे उबल रहा था और ऐसे मे उसके सामने बोलने की हिम्मत किसी मे नहीं थी सब लोग शॉक होकर उसे देख रहे थे

राघव नेहा को लेकर अपने रूम मे आया और उसने दरवाजा लॉक कर दिया

नेहा- क्या.....

लेकिन राघव ने नेहा को बीच मे ही रोक दिया

राघव- शट अप!!!! जस्ट शट अप!!!

राघव ने जोर से कहा जिससे नेहा जहा थी वही जम गई

राघव- मैं क्या इतना गया गुजरा हु???

राघव ने कस कर नेहा की बाजुओ को पकड़ते हुए पूछा जिससे नेहा को थोड़ा दर्द हुआ लेकिन अभी राघव का उस ओर ध्यान ही कहा था

राघव- मैं क्या इतना बुरा हु जो अभी तक मैं तुम्हारा भरोसा भी नहीं जीत सका??? मैं क्या तुम्हारे ट्रस्ट के भी काबिल नहीं??

राघव चीखा वही नेहा कन्फ्यूजन मे उसे देखने लगी

नेहा- आप क्या कह रहे है??

राघव- मैं क्या कह रहा हु?? तुम मुझे इतना बताओ के तुम मेरे बारे मे क्या सोचती हो?? मैं क्या तुम्हारी नजरों मे इतना गिरा हुआ हु

राघव किसी बात से बहुत ज्यादा हर्ट था जो उसकी आँखों मे साफ दिख रहा था

नेहा- आप क्या कह रहे है मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा और आप ऐसी बाते क्यू कर रहे है और ये किसने कह दिया के मेरी नजरों मे आपकी कोई वैल्यू नहीं है??

राघव- तो फिर तुम्हें मुझपर भरोसा क्यू नहीं है!!!!!!!!

राघव चीखा

राघव- तुमने रितु से नहीं कहा के मुझपर ट्राय करे?? क्युकी तुम देखना चाहती थी के मैं कैसे रिएक्ट करूंगा??

राघव ने गुस्से मे पूछा वही नेहा को अब माजरा समझ आने लगा था

नेहा- मैं तो.....

राघव- जितना मैंने पूछा है बस उसका जवाब दो वो भी बस हा या ना मे !!

नेहा- हा!

राघव गुस्से मे जल रहा था वही नेहा की आँखों से आँसू की एक बूंद टपकी और उसका जवाब सुन राघव गुस्से मे अपने बालों मे हाथ घुमाने लगा, उसने नेहा को छोड़ दिया और अपनी ओर उंगली करके पूछा

राघव- तुम मुझे इतना नीच समझती हो???

राघव बहुत ज्यादा हर्ट था, जब रितु ने उसे बताया के नेहा उसे टेस्ट करना चाहिती है तो उसका दिल टूट गया था ये सोच के की नेहा उसपर ट्रस्ट नहीं करती

नेहा- नहीं!! आप गलत समझ रहे है मैं....

नेहा बोलना चाहती थी लेकिन राघव ने उसे बीच मे ही रोक दिया

राघव- एक शब्द नहीं! आज सिर्फ तुम मेरी सुगोनी! तुम हमारे रिश्ते को चांस देना चाहती थी ना फिर मुझपर ट्रस्ट भी नहीं कर सकती?? ऐसा नहीं है के तुम मुझे टेस्ट नहीं कर सकती लेकिन हमारे रिश्ते का भरोसा कहा गया??

राघव- मैं मानता हु मैने कभी तुम्हारे साथ सही बर्ताव नहीं किया लेकिन मैं अब चीज़े बदलने की कोशिश कर रहा हु वैसा बन रहा हु जैसा तुम चाहती थी! मैं अपने आप को तुम्हारे लिए बदलने की कोशिश कर रहा हु अब इससे ज्यादा और क्या चाहती हो तुम!!!!

राघव- मैं गुस्सैल हु! घमंडी हु! सेल्फिश हु, मुझे दुनियादारी से कोई मतलब नहीं है लेकिन मैं नीच नहीं हु! चीटर नहीं हु!!!

राघव ने चीख कर कहा

राघव- तुमने ये कैसे सोच लिया के मैं तुम्हें धोका दूंगा? मैंने कभी किसी और को उस तरह नहीं देखा है जैसे मैं तुम्हें देखता हु! मैं तुम्हें कभी धोका देने का सोच भी नहीं सकता, पहले जब मैं तुमसे इस रिश्ते से भाग रहा था तब भी मैंने किसी और लड़की के बारे मे नहीं सोचा क्युकी मैं जानता था के घर पर मेरी एक बीवी है!! मुझे अपनी लिमिट्स पता है। हमारे बीच सब कुछ सही जा रहा था न तुम खुश थी मैं खुश था, अरे मैं तो पसंद करने लगा था यार तुमको फिर इस सब की क्या जरूरत थी??

बोलते बोलते राघव की आँख से एक आंसू की बूंद गिरी लेकिन गुस्सा उसका अभी भी शांत नहीं हुआ था वही नेहा उसके इस कन्फेशन को शॉक होकर सुन रही थी और अब उसे सबसे पहले राघव की इस गलतफहमी को दूर करना था

नेहा- सुनिए!!

नेहा ने राघव के पास जाते हुए कहा लेकिन राघव दूर हट गया

राघव- मेरे पास आने की कोशिश भी मत करना, अगर तुम हमारे रिश्ते की इज्जत नहीं कर सकती तो तुम्हें मेरे पास आने का कोई अधिकार नहीं है

नेहा - मेरी बात तो सुनिए पहले

राघव- अब बचा क्या है सुनने को!! अगर तुम्हें कोई डाउट था मुझपर तो सीधे मुझसे पूछना चाहिए था ना की उस रितु को चैलेंज करना चाहिए था! तुमने भरोसा तोड़ा है मेरा!! इतने सालों बाद किसी पर भरोसा किया था मैंने विश्वास जताया था सोचा था तुम समझती हो मुझे लेकिन तुमने भी मुझे मझधार में छोड़ दिया

राघव ने पीछे हटते हुए कहा मानो किसी चीज से डर रहा हो, वो इनसिक्योर था डरा हुआ था इतने सालों बाद उसने किसी को अपना माना था लेकिन वो ट्रस्ट भी बस कुछ ही दिनों मे टूट चुका था

राघव- तुम.....

लेकिन इसबार राघव को नेहा ने बीच मे रोक दिया

नेहा- बस!!!! बहुत हो गया बहुत कहा आपने और बहुत सुन लिया मैंने अब बस!! आप एकबार मेरी बात नहीं सुन सकते??!! ऐसे सामने वाले की बात सुने बगैर नतीजे पर कैसे पहुच सकते है आप!!!

नेहा ने अपनी सारी ताकत से चीख कर राघव से कहा और राघव उसकी आवाज सुन शॉक था, ये पहली बार था जब नेहा ने राघव से इस आवाज मे बात की थी। अब नेहा भी बहुत ज्यादा गुस्से मे थी क्युकी राघव बगैर उसकी बात सुने पूरी बात जाने रितु के बहकावे मे उसे ही गुनहगार ठहराए जा रहा था

नेहा – बस एक बार मेरी बात नहीं सुन सकते आप??

राघव- अब तू......

नेहा- चुप!! बिल्कुल चुप!! खबरदार एक शब्द बोला तो!!

नेहा- आपसे किसने कह दिया के मुझे आप पर ट्रस्ट नहीं है?? उस रितु ने और आप उसकी बातों मे आ गए?? उसने तो आपको हमारे बीच की पूरी बात भी नहीं बताई है उसने बस आपसे उतना कहा जितना उसके मतलब का था जिससे वो हमारा रिश्ता बिगाड़ सके।

नेहा- हा मैंने लगाई उसके साथ शर्त किया उसे चैलेंज क्युकी वो पागल है आपको पाने के लिए और उसे सबक सीखना जरूरी था! उस दिन मैंने उससे कहा था के वो कोशिश कर ले क्युकी मैं जानती थी के आप उसकी ओर नजर उठा कर भी नहीं देखेंगे!!

जिसके बाद नेहा ने राघव को उसके और रितु के बीच हुई पूरी बात बताई जिसे आप पिछले पार्ट्स मे पढ़ चुके है और वो पूरी बात सुन के राघव शॉक था अब अब उसके पास बोलने को कुछ नहीं था उसे तो आइडिया भी नहीं था के ये सब हुआ है और आधी अधूरी बात से उसने सब कुछ खतम मान लिया था

नेहा- इसीलिए मैंने उसे चैलेंज किया था के उसकी उमीदे बिखरे और वो इस बात को मान ले के आपकी शादी हो चुकी है यही एक सही तरीका था

नेहा- अगर आप मुझपर भरोसा करते तो पहले आकर ये बात मुझसे पूछते ना की उसकी बातों मे आ जाते!! मुझे पूरा यकीन था के आप मुझे कभी धोका नहीं देंगे और इसी यकीन ने मुझे उसे चैलेंज करने की हिम्मत दी थी वरना कौन सी बीवी अपने पति पर रिस्क लेती है??? मुझे हमारे रिश्ते पर पूरा भरोसा था मैं इतना तो जानती हु आपको के आप कभी मुझसे मझधार मे नहीं छोड़ते, समझे!

नेहा- आप किसी नतीजे पर पहुचने से पहले किसी अनजान की बातों मे आने से पहले मुझसे बात कर सकते थे...

नेहा ने अपने आँसू पोंछते हुए कहा फिर वो राघव के पास आई और राघव की आँखों मे देखा जिसमे उसपर गुस्सा करने का अब गिल्ट था, उसने उसके गालों पर जमी उस आँसू की बूंद को साफ किया और रूम से बाहर चली गई और राघव बस वही खड़ा रहा, उसे पहले नेहा से इस बारे मे बात करनी चाहिए थी।

मैंने नेहा को छोड़ उस रितु पर कैसे यकीन कर लिया... मेरी चिक्की उससे ज्यादा समझदार है मुझे पहले उससे बात करनी चाहिये थी यू उसपर चिल्लाना नहीं चाहिए था उसने तो मुझपर अपना भरोसा जताया था और मैंने क्या किया?? उसपर चिल्लाया, बगैर सोचे के इससे उसे कितनी तकलीफ होगी, राघव देशपांडे चूतिये हो तुम एक नंबर के, अपनी ही बीवी को रुला दिया किसी बाहरवाली की बातों मे आके, सब कितना सही चल रहा था मैंने सब गुड गोबर कर दिया यारर!!!!!!’ राघव ने अपने ही हाथों से अपने बाल नोच डाले

मुझे सब सही करना होगा और उस रितु को तो मैं देखूँगा अब लेकिन उससे पहले चिक्की को मनाना पड़ेगा उसे सॉरी कहना पड़ेगा और सब पहले जैसा करना पड़ेगा, बहुत गुस्सा होगी वो’

राघव ने अपने आप को तयार किया नेहा से माफी मांगने और रितु का चैप्टर क्लोज़ करने और नेहा को मनाने निकल पड़ा।

नेहा उतरे चेहरे के साथ काम मे लगी हुई थी, किसी ने भी उससे कुछ नहीं पूछा था क्युकी सब जानते थे के उसका और राघव का बड़ा झगड़ा हुआ था

‘ये अपनी जगह सही है अगर कोई मुझे भी ऐसा अधूरा सच बताता तो मैं भी ऐसे ही रिएक्ट करती लेकिन इन्हे मेरी बात तो सुननी चाहिए थी, अब इन्हे इनकी गलती समझनी पड़ेगी मैं नाराज हु इनसे और जब तक इन्हे गलती समझ नहीं आती मैं माफ नहीं करने वाली और रही बात उस रितु की तो उसे तो मैं सबक सीखा कर रहूँगी कमीनी हमारा रिश्ता बिगाड़ने चली है इतना कमजोर नहीं है हमारा रिश्ता

नेहा इस बार रितु को छोड़ने वाली नहीं थी, रिश्तों को मजबूत बनाए रखने के लिए कभी कभी झगड़े भी अच्छे होते है अगर आज राघव नेहा पर नहीं चिल्लाता तो शायद वो उसे ये कभी नहीं बता पाता के वो उसे पसंद करने लगा है, इस झगड़े ने उनदोनों की एकदूसरे के लिए भावनाए उजागर कर दी है

अब देखना होगा के राघव नेहा को कैसे मनाता है वही नेहा अब रितु का क्या करेगी जानेंगे अगले अपडेट मे तब तक अगर कहानी अच्छी लग रही हो बुरी लग रही हो क्या कमी है क्या सही है प्लीज कमेंट्स करके बताए ताकि मैं अपनी लेखनी को और बेहतर कर सकु आपका मनोरंजन कर सकु, मिलते है अगले अपडेट मे तब तक के लिए सायोनारा..!

क्रमश:
Ritu n apna kaam dia or hamare Raghav bhai chadh gaye Neha per chai paani leker nikal daali saari bhadhas or saath m apne Dil ki BAAT bhi
Or jab Neha se saari sachchayi pata Chali tow ab pachta rehe h
Baherhal dekhte h Kaisa mante h or Ritu k saath kia hone wala h
Badhiya shaandar update bhai
 

wish vish

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Update 8




अगली सुबह

अलार्म मे घनघनाने की आवाज से राघव की नींद खुली और वो उठ कर बैठा, पूरी आंखे खोलने के बाद उसने अपने बाजू मे बेड पर देखा तो उसका चेहरा उतर गया, उसके बाजू का बेड का साइड खाली था नेहा वहा नहीं थी।

(पहले खुद इग्नोर करो फिर वो क्यू नहीं है इसपे चेहरा भी उतारो, हिपाक्रसी की भी सीमा होती है राघव बाबू :redface: )

इस वक्त सुबह के 5 बज रहे थे और जहा तक राघव नेहा को जानता था वो सुबह 5 बजे नही उठती थी राघव ने अपने रूम मे इधर उधर नजरे घुमाई तो पाया के बालकनी का दरवाजा खुला है वो बेड से उठा और बालकनी मे जाकर देखा तो नेहा वहा सोई हई थी,

‘इसको अचानक क्या हो गया? अब क्या मैडम मेरे साथ बेड भी शेयर नहीं कर सकती?’ (जैसे तुमको तो रहना ही है उसके साथ :sigh: ) राघव के दिमाग मे खयाल आया लेकिन वो कुछ नही बोला, उसने अपना सर झटका और रूम से बाहर चला आया जिम करने

यहा नेहा को बालकनी मे सोते सोते थोड़ी गर्मी लगने लगी जिससे उसकी आंखे खुल गई और उठकर जब उसने अपने आजू बाजू देखा तो पाया के वो रात को आसमान मे सितारे देखते हुए बालकनी मे ही सो गई थी, नेहा रूम मे आई और उसने घड़ी को देखा तो पाया के अभी उसके उठने का समय नहीं हुआ था इसीलिए वो वापिस बेड पर जाकर सो गई बगैर किसी बात की चिंता करे, नेहा को अपनी नींद से बहुत प्यार था लेकिन ये बात वो कभी मानती नहीं थी।

कुछ समय बाद..

राघव जिम से वर्काउट करके लौट रहा था और अपने रूम की ओर जा रहा था तब उसकी मा ने उसे रोका

जानकी- राघव रूम मे ही जा रहे हो ना?

राघव- हा मॉम! कुछ चाहिए आपको?

जानकी- नहीं बस नेहा को नींद से जगा देना उसने मुझसे उसे जल्दी जगाने कहा था वो आज श्वेता उसके मायके जा रही है न तो उसे बाय करने के लिए

राघव- दुनिया मे बहुत सालों पहले अलार्म का आविष्कार हो चुका है मॉम और इस काम के लिए उसने आपसे कहा?

जानकी- हा पर नेहा को नींद से जगाना अलार्म के बस का नहीं है या तो कोई उसे नींद से जगाए या वो खुद के हमेशा के टाइम पर ही उठेगी

ये नेहा के बारे मे एक नई जानकारी थी जो आज राघव को पता चली थी राघव ने हा मे गर्दन हिलाई और अपने रूम मे चला आया और जब वो रूम मे पहुचा तो उसने देखा के अब नेहा रूम मे आकर बेड पर सो रही थी तो राघव उसके पास आया

वेट! इसको जगाऊ कैसे अब?

सुनो! ना ना ये सही नही लगेगा कुछ और सोचना पड़ेगा राघव

हैलो? ना ये भी नाही

'हा एक काम करता हु इसके नाम से ही उठता हु लेकिन मैंने कभी इसके पहले उससे बात भी नहीं की है’

राघव का दिमाग सोच मे डूबा हुआ था के नेहा को कैसे जगाए क्या बुलाए उसे और आखिर मे उसने उसे उसका नाम पुकारके उठाने की ठानी (वाह! अपनी की बीवी को कैसे बुलाए इसपर दिमाग खपाया जा रहा है :sigh: )

राघव- न..नेहा

अबे जोर से बोल और हकला मत’

राघव- नेहा!

राघव ने थोड़ा जोर से कहा लेकिन नेहा अपनी जगह से एक इंच भी नहीं हिली, राघव ने रजाई खीचनी चाही लेकिन नेहा ने उसे कस के पकड़ा हुआ था राघव ने रजाई को अपनी ओर खींच कर निकालने की कोशिश की लेकिन नेहा ने नींद मे ही उसे वापिस अपने ऊपर खीच लिया और राघव बस उसे देखता ही रहा

राघव- नेहा उठ जाओ देखो लेट हो रहा है, तुम्हें श्वेता को सीऑफ करना था ना?

राघव ने एक और बार कोशिश की जिसपर

नेहा- बस 5 मिनट

उनींदी आवाज मे नेहा ने इतना कहा और वापिस सो गई, उसे वो क्या कर रही है क्या बोल रही है इसकी खबर भी नहीं थी

मॉम सही कह रही थी इसके बारे मे’ राघव ने मन मे सोचा

राघव- हे नेहा बहुत हुआ अब उठ जाओ

इतना बोल कर राघव ने पूरी रजाई खीच ली

नेहा- मैं नही उठने वाली जो करना है कर लो!

नेहा ने अपनी उसी उनींदी आवाज मे चीख कर कहा और वापिस सो गई और राघव बस उसे आंखे फाड़े देखता रहा, किसीने आज तक उसके साथ उची आवाज मे बात नही की थी और ये उसपर नींद मे ही सही लेकिन चिल्लाई थी

राघव- वापिस आकार सो जाना अब उठो

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ कर उसे बेड पर बैठाते हुए कहा जिससे इरिटैट होकर नेहा ने एक तकिया उठाया और उसे सीधा राघव के मुह पर दे मारा और वापिस बेड पर गिर गई लेकिन आंखे उसकी अब भी बंद थी

बस अब बहुत हो गया था अब तो नेहा ने खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मार ली थी उसने ग्रेट राघव देशपांडे के मुह पे तकिया दे मारा था

राघव- ए पागल लड़की अभी के अभी बेड से नीचे उतरो!

राघव चिल्लाया लेकिन गेस करो क्या हुआ होगा,

राघव के चिल्लाने का नेहा पर कोई असर नहीं हुआ और वो वैसी ही सोई रही और उसको ऐसे देखते हुए अब राघव को गुस्सा आने लगा था और वो सीधा बाथरूम की तरफ गया और वहा से एक पानी की बाल्टी ले आया और पूरी पानी से भरी बाल्टी उसने नेहा पर उड़ेल दी जिससे नेहा हड़बड़ाकर उठी

नेहा- सुनामी! सुनामी! मेरा फोन कहा है... मेरा फोन!!

नेहा बेड से उठी और चिल्लाने लगी वही राघव अपने हाथ बांधे उसे देख रहा था और जब नेहा को होश आया और उसके ध्यान मे आया के कोई सुनामी नहीं है तो उसने रूम मे देखा और पाया के राघव उसे घूर रहा था और राघव के हाथ मे पानी की बाल्टी थी

नेहा- ये कोई तरीका है किसी को जगाने का?

नेहा ने धीमी आवाज मे पूछा और राघव अविश्वास से उसे देखने लगा, ये वही लड़की थी जो नींद मे उसपर चिल्लाए जा रही थी, उसके मुह पर तकिया फेक रही थी और अब इतना धीमे बात कर रही थी के इसपर यकीन होना मुश्किल था

राघव- पागल लड़की मैं तुम्हें पिछले 20 मीनट से जगा रहा था और तुम पुछ रही हो ये क्या तरीका है अरे मैं पूछता हु सोने का ये कौनसा तरीका है?

नेहा- झूठ मत बोलिए मैं एक आवाज मे ही उठ जाती हु

नेहा ने कॉन्फिडेंट बनते हुए कहा और राघव बस उसे चुप चाप देखता रहा

राघव- वो तकिया दिख रहा है तुम्हें ?

राघव ने उस तकिया की तरफ इशारा किया जो नेहा ने उसे मारा था और जो अभी फर्श पर पड़ा था, नेहा ने उसे देखते हुए हा मे गर्दन हिलाई

राघव- वो तुमने फेका है।

नेहा- तो??

राघव- मेरे मुह पे !

नेहा- ओह... हैं..! क्या??

राघव- हा तुम... तुम किसी नशे मे धुत आदमी जैसा बिहेव कर रही थी, नहीं.. उससे भी बुरा वो भी अच्छे होते है पागल कही की

नेहा- मैं पागल नहीं हु और ना ही बेवड़ी

नेहा भी अब डिफेन्स मोड मे आ गई थी

राघव- तुम हो

नेहा- नहीं!

राघव- ओह शट उप सोच रहा हु मॉम को कैसा लगता अगर मेरी जगह वो तुम्हें जगाने आती तो

और मॉम का नाम आते ही नेहा के दिमाग की बत्ती जली के उसी ने जानकी को उसे जगाने कहा था और वो सीधे बाथरूम की ओर भागी बगैर राघव की एक बात सुने

राघव- कहा जा रही हो मेरी बात पूरी नहीं हुई अभी

राघव उसके पीछे से चिल्लाया लेकिन उसने उसे इग्नोर कर दिया

‘ये लड़की एक दिन मेरा ब्लड प्रेशर बढ़ा देगी’ राघव बड़बड़ाते हुए रूम के बाहर चला गया

कुछ समय बाद नेहा ने रेडी होकर रूम मे इधर उधर नजरे घुमा कर देखा के कही राघव वहा तो नही है, सुबह के उनके सीन के बाद वो राघव के सामने नहीं जाना चाहती थी और जब उसे राघव कही नही दिखा तो उसने राहत की सास ली और अपने आप को आईने मे देखा तभी उसे किसी के गला खखारने की आवाज आई नेहा ने थोड़ा साइड से देखा तो पाया के राघव उसे देखते हुए उसके पीछे आ रहा है

नेहा पलट कर थोड़ा पीछे जाने लगी लेकिन फिर रुक गई क्युकी इससे ज्यादा वो पीछे नहीं जा सकती थी और राघव उसके पास आए जा रहा था

नेहा- वो.. वो.. वो..

नेहा के मुह से आवाज नहीं निकल रही थी और राघव ने सवालिया नजरों से उसे देखते हुए अपनी एक भौ उठाई

वो नहीं जानती थी के क्या करना है वो उसके बेहद पास था जिससे उसके दिल की धड़कने बढ़ गई थी नेहा उसकी नजरों के बचने के लिए इधर उधर देखने लगी लेकिन राघव की इन्टेन्स नजरों से वो अपने को नहीं बचा पा रही थी

नेहा- वो.. वो वहा क्या है?

नेहा ने राघव के पीछे देखते हुए पूछा जिससे राघव ने भी पीछे पलट कर देखा की नेहा क्या कहना चाह रही है लेकिन तभी नेहा ने उसे हल्का सा धक्का दिया और वहा से जितना हो सके उतना तेज भाग ली

जब वो भागते हुए बाहर आई तो वो रिद्धि से टकरा गई

रिद्धि- भाभी क्या हुआ ऐसे भाग क्यू रही हो आप?

नेहा- वो.. वो रिद्धि...

लेकिन नेहा को कोई बहाना नहीं मिल रहा था

रिद्धि- आपने वापिस चूहा देख लिया क्या??

रिद्धि ने अंदाज लगाते हुए पूछा जिसपर नेहा ने हा मे गर्दन हिला दी

रिद्धि- भाभी उसमे इतना क्या डरना वो एक चूहा ही तो है

नेहा- ये वाला बहुत बड़ा है

नेहा ने धीमे से कहा लेकिन रिद्धि से सुन लिया

रिद्धि - बड़ा वाला! कोई ना मैं कहती हु किसी से वो चूहा ढूँढने अब चलो श्वेता भाभी का जाने का समय हो गया है उन्हे बाय भी तो करना है

जिसके बाद वो दोनों वहा से चली गई...

क्रमश:
bahut badhiya update
 

wish vish

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Update 10





नेहा ने पूजा की थाली पंडित जी को दे दी जिसे पंडित जी ने भी मुस्कुराकर लिया और बादमे पंडित जी ने आकार उन दोनों को प्रसाद दिया और नेहा के सर पर हाथ रख कर बोले

पंडित- जन्मदिन की बहुत शुभकामनाए नेहा बिटिया

(जन्मदिन है बी अपनी नायिका का :D )


जिसपर नेहा ने भी झुक कर पंडित जी का आशीर्वाद लिया वही राघव शॉक मे खड़ा उन्हे देख रहा था उसे तो आज नेहा का बर्थडे इसका दूर दूर तक कोई अंदाजा नहीं था, राघव को नेहा के साथ देख पंडित जी ने नेहा से पूछा

पंडित- अरे बिटिया ये कौन है ?

पंडित जी के सवाल से नेहा के ध्यान मे आया के आज तो राघव भी उसके साथ था वरना तो वो अकेले ही होती थी

नेहा- वो.. वो पंडित जी ये.. ये मेरे पति है राघव देशपांडे

नेहा ने धीमे से कहा वही राघव अब भी उसे देखे जा रहा था

पंडित- अरे वाह! अच्छा लगा आप से मिल कर। हर साल नेहा बिटिया अकेले ही आती है पर अब आप है उसके साथ उसे प्यार करने वाला जीवनसाथी मिल गया है, बड़ा अच्छा लगा नेहा बेटा तुम्हें खुश देख कर

(खुश :confuse: )



पंडित जी ने राघव और नेहा से कहा वही राघव कुछ नही बोला बस नेहा को देख के मुस्कुरा दिया

प्यार करने वाला जीवनसाथी’ नेहा ने मन मे सोचा मानो अपने आप को चिढ़ा रही हो

राघव- जी पंडितजी अब मैं हु ना अब नेहा अकेली नहीं है

राघव ने नेहा को देखते हुए कहा वही नेहा ने उसकी बात सुन कर उसे देखा, राघव की नजरे नेहा के मन मे तितलिया उड़ा रही थी और उसकी बात सुन नेहा के गालों पर लाली छाने लगी थी, शायद उसके मन मे कुछ तो उम्मीद जग रही थी लेकिन नेहा भावनाओ मे बहने वाली लड़की तो बिल्कुल नहीं थी वो मानो जानती थी के ये सब शायद दिखावा है

मंदिर मे दर्शन करने के बाद वो दोनों बाहर आए और राघव कुछ बोलता इससे पहले ही नेहा उससे थोड़ा दूर आई और वहा मौजूद कुछ गरीब बच्चों की ओर चली गई और उन्हे लेकर पास वाली दुकान ने उन्हे खाने पीने का सामान दिलाने लगी वही राघव खड़ा खड़ा उसकी हर ऐक्टिविटी देख रहा था।

नेहा वापिस आई और दोनों कर मे आ बैठे लेकिन कार बस खड़ी रही और जब राघव ने कार शुरू नहीं की तो नेहा ने पूछा

नेहा- क्या हुआ?? आप गाड़ी क्यू नाही चला रहे?

राघव- मुझे छोड़ो तुम्हें क्या हुआ है?

राघव ने अचानक से पूछा जिससे नेहा थोड़ा चौकी

नेहा- क.. कहा क्या.. कुछ भी तो नहीं

राघव – तुमने किसी को क्यू नहीं बताया के आज तुम्हारा बर्थडे है, अगर तुम ये बात बताती तो हम कुछ प्लान करते ना

राघव ने नेहा को घूरते हुए कहा

नेहा- अरे इस.. इसमे इतनी बड़ी क्या बात है बर्थडे ही तो है

राघव- लोग अपने बर्थडे के लिए एक्सईटेड रहते है और तुम कह रही हो बर्थडे ही तो है! यार कम से कम बताना तो चाहिए था तुम्हें

राघव ने हल्के गुस्से मे कहा

नेहा- मुझे मेरा बर्थडे मनाना पसंद नहीं है बस इसीलिए नहीं बताया।

नेहा ने इधर उधर देखते हुए कहा

राघव- और ऐसा क्यू भला, बताएंगी आप?

(वैसे तो ये उससे बात नहीं करता अब इतनी पंचायत :sigh: )

राघव ने नेहा के बिहेवियर से इरिटेट होते हुए पूछा और नेहा ने कुछ पल उसे अच्छे से देखा और फिर बोली

नेहा- मैं एक बहुत ही सिम्पल लड़की हु जिसे सिम्पल छोटी छोटी चीज़े पसंद है, मेरी शादी एक बड़े परिवार मे हुई है इसका ये मतलब नही है के सब मुझे अटेंशन दे या मैं कोई गोल्ड डिगर हु, मुझे किसी भी चीज का दिखावा पसंद नही है, मैं जानती थी के मैं अगर ये बात किसी को भी बताती तो घरवाले कुछ न कुछ प्लान जरूर करते और बर्थडे ना मनाना मेरी खुद की चॉइस है और इसीलिए मैंने किसी को नही बताया

नेहा बोलते बोलते कुछ पल रुकी और वापिस बोलना शुरू किया

नेहा- और आप को अचानक मेरी लाइफ मे इतना इंटरेस्ट कहा से आया? आप इस शादी से कभी खुश नही लगे मुझे फिर अब इतना इंटरेस्ट क्यू? मुझे किसी से किसी चीज की एक्सेप्टेशन नहीं है क्युकी भले ही वो मेरे लिए इम्पॉर्टन्ट क्यू न हो पर जब मेरे हसबैंड ही मुझे एक्सेप्ट नहीं करते तो मैं उस फॅमिली को अपना कैसे मानू?

बोलते बोलते नेहा की आँखों मे पानी आ गया था और राघव उसके इस कन्फेशन से शॉक होकर उसे देख रहा था

नेहा- प्लीज घर मे किसी को मेरे बर्थडे के बारे मे मत बताइएगा मैं उसे ही मेरा गिफ्ट समझ लूँगी

नेहा ने अपने आँसू पोंछते हुए कहा, कहना तो नेहा को बहुत कुछ था लेकिन कुछ भी कह कर कोई मतलब नहीं था, राघव इन बातों को कभी नहीं समझेगा ऐसा उसे लगता था।

राघव कुछ नहीं बोला और उसने शांति से गाड़ी घर की तरफ बढ़ा दी, घर पहुचने पर नेहा जल्दी से गाडी से उतरी और घर के अंदर चली गई वही राघव बस कार मे बैठा उसे जाते देखता रहा।

क्या मैंने उसे इतना हर्ट कर दिया? मैंने कभी नहीं सोचा था के मेरे एक्शंस उसे इतनी तकलीफ पहुचा देंगे और वो ऐसा कैसे सोच सकती है के मैं उसे एक गोल्ड डिगर मानता हु’ राघव ने गुस्से मे अपना हाथ गाड़ी के स्टिरिंग व्हील पे दे मार

‘मैं जानता हु मैंने कभी एक अच्छे पति की तरफ बिहेव नहीं किया है लेकिन मैंने कभी उसके बारे मे कुछ गलत भी नहीं सोचा, वही तो है तो जिसके आने से मेरा सारा परिवार खुश है, कितना खयाल रखती है सबका, मेरा भी, जबकि मैंने उसे कितना हर्ट किया है साफ कह दिया था उससे के मुझे उसकी कोई जरूरत नही फिर भी... शायद दादू सही थे नेहा के बारे मे’

एक तरफ राघव अपने खयालों मे गुम था वही नेहा को ऐसा लग रहा था के उसे राघव से वो सब बाते नहीं करनी चाहिए थी

‘हे भगवान क्या हो गया था मुझे? मैंने उनसे ये सब क्यू कह दिया? अब वो और ज्यादा गुस्सा होंगे, कुछ सोच नेहा कुछ सोच’ नेहा सोच मे गुम थी के तभी

“भाभी!!!!!” नेहा को विवेक और रिद्धि का आवाज आया जो उसे पुकार रहे थे और जब उसने पलट कर देता तो पाया के दोनों उसके रूम मे आ चुके थे

“हमने आपको बहुत मिस किया” रिद्धि और विवेक ने नेहा को दोनों साइड से हग करते हुए कहा

“और मैंने भी” उन दोनों की आवाज मे अब एक और आवाज मिल चुकी थी जो शेखर की थी जो कैजुअल कपड़ों मे था

नेहा- तुम्हारी मीटिंग थी ना गए नहीं तुम?

शेखर - हा वो जल्दी खतम हो गई तो लौट आया, बस अभी अभी लौटा हु और कपड़े बदल के आ गया

ये लोग बात कर ही रहे थे के इनको वहा किसी और के होने का भी एहसास हुआ और जब गेट पर नजर पड़ी तो देखा के राघव रूम के दरवाजे पे खड़ा था

विवेक- भाई हमारी भाभी का खयाल रखने का बहुत बहुत शुक्रिया अब अगर आपको ऑफिस जाना हो तो आप जाओ हम है अब यहां 😌

विवेक ने राघव को दूसरे शब्दों ने वहा से जाने के लिए बोल दिया था बोले तो उसे उसके ही रूम से निकाला जा रहा था और राघव विवेक को घूरने लगा लेकिन विवेक पे उसके कुछ असर नहीं हुआ

राघव- ओये चमन चिली! तुझे पता है न वो पहले मेरी बीवी है बाद मे तेरी भाभी

राघव की बात सुन कर नेहा उसे आखे बड़ी करके देखने लगी

शेखर- हा तो हम कहा कुछ कह रहे है भाई ओफकोर्स भाभी आप की ही है

शेखर ने राघव के मजे लेते हुए कहा लेकिन राघव ने कुछ रिस्पॉन्स नही किया और अंदर आकार बेड पर बैठ गया लेकिन मन ही मन वो खुश जरूर हुआ जब शेखर ने बोला के नेहा सिर्फ उसकी है

रिद्धि- भाई हम दिनभर भाभी से बाते करेंगे जैसे हर संडे को होता है आप बोर हो जाओगे

राघव- क्यू?? मैं क्यू बोर हो जाऊंगा मैं कोई 60 साल का नहीं हु समझी ना

विवेक- हा लेकिन बिहेव तो वैसा ही करते हो ना 60 साल वालों जैसा

राघव- विवेक, क्या बोला दोबारा बोलना

राघव मे विवेक को घूरते हुए पूछा

विवेक- क्या... यकीन ना हो तो भाभी से पूछ लो के आप 60 साल वाले अंकल जैसा बिहेव करते हो

विवेक ने मामला नेहा की ओर सरका दिया और नेहा बस राघव को देखने लगी जो अब नेहा के रिप्लाइ की राह देख रहा था

शेखर- हा हा बताओ भाभी

राघव- अब तो मुझे भी सुनना है बताओ

नेहा- वो... मैं... वो

नेहा कुछ बोलती इससे पहले ही रिद्धि बोल पड़ी

रिद्धि- ऑफफो क्या आप लोग भी भाभी से पूछ रहे वो तो भाई का ही साइड लेंगी ना छोड़ो ये बाते आज हमे बहुत कुछ करना है

शेखर- हा पहले बाते करेंगे फिर कोई मस्त फिल्म देखेंगे और फिर शाम मे कुछ बाहर से मंगवालेंगे खाने के लिए और रात.....

शेखर पूरा प्लान बता ही रहा था के राघव ने उसे बीच मे टोक दिया

राघव- उम्हू मूवी के बाद का प्लान रहने दो मैं और तुम्हारी भाभी बाहर जा रहे है

विवेक- क्यू??

विवेक ने राघव को घूरते हुए पूछा

राघव- मुझे अपनी बीवी को बाहर ले जाने के लिए तेरी पर्मिशन नहीं चाहिए

राघव ने भी विवेक को वैसे ही घूरते हुए कहा वही नेहा को राघव की बात सुनकर एक छोटा हार्ट अटैक ही आ गया

रिद्धि- ओहो भाई डेट पे लेजा रहे भाभी को 😉

राघव- यही रूम मे बैठो, बाते करो मैं अभी आता हु चेंज करके

राघव ने सबको इग्नोर किया और बाथरूम की ओर चला गया

शेखर- ये क्या हुआ अभी अभी

शेखर ने शॉक होकर पूछा

विवेक- लगता है मैं सपने मे हु

विवेक ने भी सेम टोन मे कहा

रिद्धि- भाभी भाई का सर वर टकराया है क्या कही ?

नेहा ने अपनी गर्दन ना मे हिला दी क्युकी राघव का ये बिहेवियर सबके लिए शॉकिंग था, वो कभी इनलोगों के साथ टाइम स्पेंड नही करता था, आज बड़ी मुद्दतों बाद राघव उनके साथ थोड़ा टाइम बितानेवाला था...


क्रमश:
birthday ke din kam se kam ye neha ko khush rakhega , nice update
 

Naik

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Update 39



नेहा अभी घर के पीछे बने बगीचे मे कुछ काम कर थी..

नेहा- रिद्धि प्लीज वो पानी की कैन पास करना तो पौधों को पानी डालना है

नेहा ने उतरे चेहरे के साथ कहा और रिद्धि ने उसे पानी की कैन पकड़ा दी तभी वहा राघव आ गया और उसने रिद्धि को देखते ही इशारे से वहा से जाने कहा और नेहा को देखा, रिद्धि भी वहा से चली गई और अब वहा बस राघव और नेहा बचे थे और नेहा को राघव के वहा होने का कोई अंदाजा नहीं था

राघव- नेहा...

राघव ने उसे पुकारा और नेहा ने अपना काम रोक दिया

राघव- वो.. मैं...

लेकिन राघव बोलते बोलते रुक गया क्युकी नेहा उसे घूरते हुए वहा से चली गई उसे वहा अकेला छोड़ के

‘ये तो बहुत ज्यादा गुस्सा है यार कुछ भी करके इसे आज मनाना ही पड़ेगा’ राघव ने सोचा

क्या करू ? क्या करू ? क्या करू? हा गूगल से पूछ के देखता हु उसके पास कोई आइडिया होगा’

ये सोच के राघव ने अपना फोन निकाला और बीवी को मनाने के तरीके खोजने लगा लेकिन गूगल के बताए रिजल्ट्स देख कर उसका दिमाग और खराब हो गया

हट बे ये गुगल की मान ली तो बीवी की नाराजगी तो दूर नहीं होगी उल्टा कही थप्पड़ ही ना पड जाए, अब मुझे ही कुछ ना कुछ तरीका सोचना होगा’ जिसके बाद राघव वहा से नेहा को ढूँढने निकल पड़ा

राघव नेहा को मनाने की पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन वो उसकी कोई बात सुन ही नहीं रही थी जहा नेहा जाती राघव वहा पहुच जाता और उसके वहा आते ही नेहा वहा से चली जाती

कुछ समय बाद अपनी सारी गैंग बड़ी दादी के कमरे मे उनसे बाते करते बैठी थी और बड़ी दादी के वहा होने से नेहा वहा से जा भी नहीं सकती थी और उसे यू उतरे हुए चेहरे के साथ बैठे देख बड़ी दादी ने उससे पूछा

कुमुद- नेहा, बच्चे क्या हुआ है यू उदास लग रही हो किसी से नाराज हो क्या बेटा

बड़ी दादी ने नेहा से उनकी लड़ाई का कारण जानना चाहा और वहा बैठे राघव को देखा

नेहा- नहीं कुछ नहीं दादी जी वो बस मैं अभी एक नॉवेल पढ़ रही हु ना उसका एक कैरेक्टर है उसने गुस्सा दिलाया है मुझे बस और कुछ नहीं

नेहा ने स्माइल के साथ कहा

कुमुद- और वो किरदार तुम्हारे गुस्से से क्यू जुड़ा हुआ है ?

नेहा- वो क्या है ना दादी जी मैंने उस जैसा इडियट आज तक नहीं देखा मतलब पढ़ा है

कुमुद- ऐसा क्या कर दिया उसने??

नेहा- बड़ी दादी वो ना किसी अनजान की बातों मे आकार अपनी की वाइफ पर चिल्लाया उसे रुलाया और फिर ऐसे बताने लगा जैसे कुछ हुआ ही नहीं है

नेहा ने राघव को देखते हुए कहा वही राघव ने नजरे घुमा ली वो जानता था के नेहा का इशारा उसी की तरफ था और उसे अब नेहा पर गुस्सा करने का पछतावा हो रहा था

कुमुद- ये तो गलत बात है भई उसे अपनी बीवी पर भरोसा करना चाहिए था ना की किसी और की बातों मे आना चाहिए था अरे खाने को तो बीवी की देगी ना, भगवान का शुक्र है हमारे परिवार मे तो ऐसा कोई नहीं है, हैना राघव!!

बड़ी दादी की बात सुन राघव को और भी ज्यादा गिल्टी फ़ील होने लगा.. राघव ने नेहा से बात करने की बहुत कोशिश की लेकिन वो किसी ना किसी बहाने उससे दूर भागती रही

सारा दिन राघव नेहा के पीछे पीछे घूमता रहा उससे बात करने की कोशिश करता रहा लेकिन नेहा ने उसकी एक ना सुनी उसे बार बार हर बार नेहा के उससे दूर जाते ही ये बात सताती के उसे बगैर पूरी बात जाने सारा गुस्सा नेहा पर नहीं उतारना चाहिए था

देखते देखते दिन बीत चुका था और रात के खाने का वक्त हो गया था सब लोग साथ मे खाना खा रहे थे

नेहा- दादाजी आपको कुछ चाहिए??

नेहा ने शिवशंकर जी से पूछा वही बाकी लोग खाने मे लगे हुए थे

शिवशंकर- हा बेटा वो दाल पास करना तो जरा

जिसके बार नेहा ने दादू को दाल परोसी

राघव- मुझे भी देना

नेहा को दादू को दाल परोसता देखा राघव ने भी उसका अटेंशन पाने के लिए दाल मांगी लेकिन नेहा दादू को दाल परोसके बर्तन वहा रख के राघव को इग्नोर करते हुए किचन मे चली गई

राघव को नेहा का उसे यू इग्नोर करना बिल्कुल पसंद नहीं आ रहा था, जब भी नेहा उसे इग्नोर करती उसके दिल मे एक टीस उठती लेकिन गलती भी उसकी थी

खाना खाने के बाद अपनी सारी गैंग छत कर बैठी थी, राघव ने सोचा नेहा को मनाने का उससे बात करने का मौका मिल जाएगा लेकिन नेहा वहा आई ही नहीं ये कह कर के उसके सर मे दर्द है, राघव नेहा का मूड सही करने की पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन वो उसे अब भी इग्नोर कर रही थी और उतरे चेहरे के साथ राघव अपने रूम मे लौट आया और रूम मे उसने देखा के नेहा बेड कर बैठी कोई बुक पढ़ रही थी

नेहा को भी राघव के कमरे मे आने का एहसास हो गया था लेकिन उसने नजर उठा कर भी नहीं देखा और बुक मे नजरे गड़ाए रखी , राघव ने रूम का दरवाजा लॉक किया और नेहा के बाजू मे आके बैठा

राघव- सर दर्द कर रहा है ?

राघव ने प्यार से पूछा लेकिन नेहा ने कोई जवाब नहीं दिया और उससे कोई जवाब ना पाकर राघव ने जिस कीतब को वो पढ़ रही थी वो उसके हाथ से ली और इससे पहले के वो कुछ कर पाती उस बुक को उसने दूसरी साइड रख दिया और नेहा बस हाथ बांधे राघव को घूरती रही

नेहा के घूरने का राघव पर कोई असर नहीं हुआ उसने नेहा का सर अपनी गोद मे रखा वो उठने की कोशिश करने लगी लेकिन राघव उसका सर थपथपाने लगा ताकि वो रीलैक्स करे

राघव- मैं जानता हु तुम नाराज हो बहुत नाराज हो लेकिन बस एक बार मेरी बात तो सुन लो

राघव ने प्यार से आराम से कहा और नेहा ने उसका हाथ पकड़ उसे रुकने कहा और वहा से उठ ओर उसे इग्नोर करके जाने लगी लेकिन राघव ने उसका हाथ पकड़ के उसे वापिस बीठा लिया

राघव- मैं मानता हु मुझसे गलती हुई है , मुझे किसी भी नतीजे पर पहुचने से पहले तुमसे बात करनी चाहिए थी लेकिन मैं हमारी रीलेशनशिप की ग्रोथ से बहुत खुश था और फिर उसने अचानक वो कह दिया तो मैं गुस्से पर काबू नहीं कर पाया, मेरे लिए किसी पर भी यकीन कर पाना बहुत मुश्किल है लेकिन तुमपर मुझे पूरा यकीन है और वो सब सुनकर मुझे लगा के तुम्हें मुझपर एतबार नहीं और मैं वो सब कह बैठा

राघव ने नेहा को समझाया वही नेहा की आँख से आँसू गिरा, राघव ने जैसे ही नेहा को रोते देखा उसने नेहा को गर्दन से पकड़ते हुए उन दोनों के सर आपस मे जोड़ लिए

राघव- सॉरी! सॉरी! सॉरी!

राघव बार बार नेहा से माफी मांगने लगा वही राघव का ये साइड नेहा के लिए नया था उसने राघव को पहली बार सॉरी कहते सुना था

राघव- मैं जानता हु मैं गधा हु बट माफ कर दो यार प्लीज! वादा करता हु दोबारा कभी ऐसा नहीं होगा, मैं बेवकूफ था जो उसकी बातों मे आया प्लीज!!

राघव को ऐसे देख नेहा कब तक नाराज रह पाती भला, राघव को सही मे अपनी गली का पछतावा था जो उसकी आँखों मे साफ दिख रहा था नेहा को उसकी दिन भर की कोशिशे दिखी थी जब वो उसे मना रहा था

राघव- बहुत बुरा हु मैं, सॉरी!

राघव ने नेहा के गाल अपने हाथ मे थामे कहा, जिस राघव देशपांडे मे कभी किसी को सॉरी नहीं कहा वो आज अपनी बीवी के आगे अपना मेल इगो बाजू करके माफी मांग रहा था

राघव- वादा करता हु दोबारा कभी ऐसा नहीं करूंगा लेकिन प्लीज तुम मुझे इग्नोर नहीं करोगी

राघव ने धीमे से कहा वही नेहा बस उसे देखने लगी आज के राघव में और उस राघव मे बहुत फर्क था जिससे नेहा ने पाँच महीने पहले शादी की थी, वो नेहा के लिए अपने आप को बदल रहा था

नेहा- माफ किया!

राघव- प्लीज... हैं!

नेहा- माफ किया आपको

नेहा मे मुस्कुरा कर कहा वही राघव के चेहरे पर भी एक मुस्कान उभर आई और उसने नेहा को गले लगा लिया

राघव- थैंक यू! थैंक यू! थैंक यू सो मच !

नेहा भी राघव के गले लग कर खुश थी उसकी बाहों मे वो अपने आप को सेफ महसूस कर रही थी, कुछ देर तक वो दोनों वैसे ही रहे फिर राघव ने आलिंगन तोड़ा और नेहा को देख कर कहा

राघव - वादा करो तुम मुझे कभी ऐसे इग्नोर नहीं करोगी, पता नहीं क्यू लेकिन तुम्हारा मुझे इग्नोर करना मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊँगा

नेहा- वादा रहा!

राघव- और मैं भी वादा करता हु के दोबारा कभी ऐसे किसी की बातों मे नहीं आऊँगा और तुम भी मुझपर से भरोसा मत हटाना, मेरे लिए अपने आप को इतनी जल्दी बदलना मुश्किल है लेकिन मैं कोशिश कर रहा हु और करता रहूँगा!

राघव ने किसी बच्चे की तरह कहा जिसपर नेहा बस हस दी और उसने हा मे गर्दन हिला दी,

राघव उसने बाजू मे बेड पर बैठा था और उसने उसे साइड से गले लगाया जिससे नेहा थोड़ी सप्राइज़ हुई

राघव- तुम्हें नहीं पता मुझे कितना बुरा लगा जब तुमने मुझे इग्नोर किया था

नेहा- मैं जानती हु

नेहा ने राघव ने बाल बिखेरते हुए कहा

राघव- तुम्हें पता था?? फिर इतना परेशान क्यू किया मुझे??

नेहा- वो इसीलिए क्युकी मैं चाहती थी के आपको ये बात समझे और आप दोबारा कभी ऐसा ना करे और मुझे मेरे बेबी का ये साइड थोड़ी दिखता फिर

नेहा ने कहा और जैसे ही उसके ध्यान मे आया के उसने राघव को बेबी कहा है उसने शर्मा के गर्दन झुका ली

कुछ टाइम तक दोनों मे से कोई कुछ नहीं बोला और फिर राघव ने ही चुप्पी तोड़ी

राघव- वो अब भी पसंद करती है मुझे??

राघव ने नेहा की उंगलियों से खेलते हुए रितु के लिए पूछा

नेहा- पसंद? वो पागल है आपके लिए मैंने बहुत समझाया उसे वॉर्न किया लेकिन लगता है अब उसे सबक सिखाना पड़ेगा

राघव- तुमने उसे मेरे लिए वॉर्न किया ??

नेहा- आपने बस यही सुना?

लेकिन राघव मुस्कुराया

राघव- तो अब आप क्या करेंगी आपकी वार्निंग तो फेल हो गई वो तो मैं था जो उसे अवॉइड कर रहा था

राघव ने नेहा को छेड़ते हुए सारा क्रेडिट खुद ले लिया

राघव- लगता है अब हम दोनों को उसे कोई सही सबक सिखाना होगा और इस बार बगैर वार्निंग के!

राघव की बात सुन नेहा कन्फ्यूजन मे उसे देखने लगी

नेहा- और वो कैसे?

राघव- राघव देशपांडे स्पेशल ट्रीटमेंट से

राघव ने शैतानी मुस्कान के साथ कहा वही नेहा को कुछ सही नहीं लगा रहा था राघव कुछ ऐसा करने वाला था जो उसने सोचा भी नहीं था

नेहा- मतलब??

राघव- बस जो मैं कहू करती जाओ सब पता चलेगा

नेहा फिर कुछ पल राघव को देखा के वो कुछ बताएगा लेकिन वो कुछ नहीं बोला लेकिन उसके दिमाग मे कुछ तो चल रहा था और वो क्या था ये तो अगले अपडेट मे पता चलेगा तब तक प्लीज कमेन्ट करते रहो मिलते है अगले अपडेट के साथ


क्रमश:
Chalo jo bhi huwa achcha huwa din Bhar pareshaan kerne k baad aakhir Neha m maaf ker dia
Ab dekhte Raghav k dimag kia idea aaya h Ritu ko sabka sikhane ke liye
Behtareen shaandar update
 

wish vish

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Update 11





“भाभी आपको पता है ये विवेक ने कॉलेज मे झगड़ा किया था”

रिद्धि ने अपना कंप्लेंट का पिटारा नेहा के सामने खोलना शुरू किया

“हा तो किया झगड़ा, भाभी आपको झगड़े का असल रीज़न नही पता है” विवेक ने अपने दात चबाते हुए थोड़े गुस्से से कहा

“क्या हुआ था क्यू हुआ झगड़ा?” शेखर ने पूछा

रिद्धि- आप क्या भाभी हो जो आपको बताए 😏

रिद्धि ने शेखर को चिढ़ाते हुए कहा जिसपर सब मुस्कुराये सिवाय एक के

विवेक- भाभी उसने रिद्धि को प्रपोज किया था अब आप ही बताओ मैं क्या चुप बैठ रहता दिए उसके दो क्या गलत किया

विवेक ने थोड़े गुस्से के कहा

“क्या!!”

अब रूम मे रिद्धि का एक ही भाई नही था ना दो और भी थे और जैसे ही उन्होंने ये सुना दोनों चीख पड़े, राघव जो बेड पर आधा लेटा हुआ था उठ के बैठ गया और उसके नेहा के बाजू मे बैठते ही नेहा भी सीधी बैठ गई वही शेखर विवेक के पास सरका

राघव- कॉलेज मे किसी ने रिद्धि को प्रपोज किया और तु अब बता रहा हमे🤨

राघव ने विवेक को डाटना शुरू किया

रिद्धि- ओ कम ऑन भाई इतनी भी बड़ी बात नहीं थी

रिद्धि ने बात संभालने की कोशिश की लेकिन तभी

शेखर- क्या बड़ी बात नहीं थी चुप तू बिल्कुल बहुत बड़ी बात थी ये के किसी ने तुमको प्रपोज करने की कोशिश की सही किया बे झगड़ के

राघव- और क्या, विवेक तू अभी के अभी मुझे उस लड़के का नाम और पता दे

अब राघव भी झगड़े मे कूद पड़ा था और उसे इन्वाल्व होता देख रिद्धि ने नेहा की ओर रुख किया

रिद्धि – भाभी बचाओ, प्लीज हेल्प!

और रिद्धि की बात सुन उसकी साइड नेहा ने ली

नेहा- अरे अरे रुको सुनो जरा, प्लीज ऐसे गुस्सा मत होइए मैं जानती हु के आप तीनों उसके भाई है यू आपका गुस्सा होना लाजमी है लेकिन ये बहुत कॉमन बात है हर लड़की को कभी न कभी ये फेस करना ही पड़ता है और वैसा ही रिद्धि के साथ भी हुआ, देखो विवेक मैं जानती हु के तुम ने झगड़ा इसीलिए किया क्युकी तुम नही चाहते के तुम्हारी बहन किसी गलत लड़के को चुने जो की सही है लेकिन ये सोचो के अगर तुम किसी को पसंद करते हो और उसका भाई ऐसे ही तुम्हें रोक दे तो क्या तुम उसे पसंद करना बंद कर दोगे?

नेहा के सवाल पर विवेक ने ना मे गर्दन हिला दी

नेहा - शेखर तुमने और श्वेता ने तो कॉलेज मे एकदूसरे को डेट करना शुरू किया था ना सोचो अगर उस टाइम श्वेता का भाई तुम्हें ऐसे ही पीट के रोक देता तो? क्या आज तुम्हारी और श्वेता की शादी होती? नाही ना

नेहा - मैं ये नही कह रही के किसी भी ऐरे गैरे को रिद्धि के पास आने दो लेकिन उसे उसके डिसीजन लेने दो वो इतनी तो समझदार है के उसके लिए कौन सही है कौन नही ये चुन सके और आप लोग तो हमेशा उसके साथ हो ही जो उसे बुरे लोगों से बचाए

नेहा के इस एक्सप्लीनेशन से सब लोगों को उसकी बात समझ आ गई थी

विवेक- आप सही हो भाभी लेट रिद्धि हँडल दिस लेकिन मैं इसका ध्यान तो जरूर रखूँगा के कोई ऐरा गैरा रिद्धि के पास न फटके

जिसपर शेखर ने भी हामी भारी वही राघव बस नेहा को देखता रहा

रिद्धि- भाभी आपको कितने लड़कों ने प्रपोज किया था शादी के पहले ?

रिद्धि ने सवाल पूछा जिससे नेहा तो थोड़ी अनकंफर्टेबल हो गई लेकिन इस सवाल के जवाब के लिए राघव उत्सुक हो गया

विवेक- बता दो भाभी हम लोग ही तो है यहा आप हमसे ये शेयर कर सकती है

शेखर- मेरे हिसाब से कम से कम 40 प्रपोज़ल मिले होंगे भाभी को

शेखर ने ये बात थोड़े कान्फिडन्स मे कही जिसे राघव ने एकदम नेहा को शॉक होकर देखा

नेहा - मैंने कभी गिना नही है

नेहा ने थोड़ा हसते हुए कहा

शेखर - कम ऑन भाभी कोई तो होगा जिसका प्रपोज़ल थोड़ा अलग होगा थोड़ा स्पेशल बताओ ना

नेहा- अरे बाबा कुछ स्पेशल कुछ अलग नही था लेकिन हा एक बंदा था या यू कहू के मेरा एक दोस्त था जिसने मुझे प्रपोज किया था, जो भी एक लड़की अपने बॉयफ्रेंड मे चाहती है न उसका परफेक्ट एग्जांपल था वो

नेहा ने अपने पुराने दिन याद करते हुए मुस्कुराकर कहा और उसकी वो मुस्कान देख कर राघव का दिल बैठा जा रहा था क्यू पता नहीं

‘यार ये कैसे मेरे सामने किसी और की तारीफ कर सकती है’ राघव मन ही मन बोला

(जब तू उसे भाव ही नहीं देगा तो वो तो दूसरों की तारीफ करेगी ही नूबड़े )

रिद्धि- फिर आप ने एक्सेप्ट किया था वो प्रपोज़ल?

और यहां राघव बाबू भगवान से प्रार्थना करने लगे (जिसको ये पसंद ही नहीं करता वो किसी को पसंद न करती हो इसकी प्रार्थना करे जा रहा अजीब आदमी)

नेहा- नही!

नेहा के ना कहतो ही राघव के जान मे जान आई

विवेक- क्यू? आप ही ने तो कहा की वो परफेक्ट था

नेहा- पर्फेक्शन हमेशा सबकुछ नही होता कभी कभी आप के दिल को उसकी चाहत होती है जो उसने कभी सोचा भी नही होता

नेहा की बात सुनकर राघव को लगा मानो नेहा ने वो शब्द उसके लिए कहे थे

नेहा- मैंने ना कभी उसे उस नजर से देखा ही नही वो हमेशा मेरा अच्छा दोस्त ही रहा हालांकि उसने ट्राय बहुत किया था और उसने क्या मैंने भी उसे एक चांस देने का ट्राय किया था पर मेरे दिल ने कभी वो रीलेशन माना ही नहीं और हम बस दोस्त ही रहे

नेहा की बात सुन राघव ने मुट्ठी कस ली जिसे शेखर ने देख लिया

शेखर- बस भाभी आगे का रहने दो लगता है यहा कुछ जल रहा है

शेखर ने राघव को छेड़ा और अब नेहा के ध्यान मे आया के आज तो राघव भी उनके साथ था नेहा को अपने ऊपर राघव की नजरे महसूस हो रही थी लेकिन वो उसकी तरफ नहीं देख रही थी

कुछ टाइम बाद सब मूवी देख रहे थे और जब मूवी खतम हुई शाम हो चुकी थी

राघव- रिद्धि तुम्हारी भाभी को रेडी कर दो आज, समझो आज उसका एक स्पेशल दिन है

राघव ने नेहा को देखते हुए रिद्धि से कहा लेकिन उसके चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नही थे

राघव- और हा आज तुम मे से कोई भी मेरी डेट डिस्टर्ब नही करेगा समझे ना

राघव ने विवेक और शेखर को घूरते हुए कहा वही नेहा के मन मे तो मानो तितलिया उड़ रही थी उसकी बात सुन के

शेखर- हा हा नही करेंगे डिस्टर्ब जाओ अपनी बीवी के साथ चल बे विवेक अपन फिफा खेलते है

जिसके बाद शेखर और विवेक वहा से चले गए

रिद्धि- भाभी लगता है आज भाई अपने सारे बिजी शेड्यूल की भरपाई करने वाले है

रिद्धि ने नेहा को छेड़ते हुए कहा जिसने उसे और नर्वस बना दिया

कुछ समय बाद राघव अपने फॉर्मल्स पहने तयार था और नेहा की राह देख रहा था, पिछले 15 मिनट से वो नेहा की राह देखते हुए खड़ा था और अगर आज नेहा का बर्थडे ना होता तो वो जरूर उसे डाट देता या ये प्लान कैन्सल कर देता

राघव- यार! ये रिद्धि उसे इतना कितना तयार कर रही है जो इतना समय लग रहा है

राघव का पेशंस अब खतम हो रहा था और वो हॉल मे इधर से उधर घूम रहा था नेहा की राह देख रहा था और जब राघव का पेशंस जवाब दे गया और वो उन्हे आवाज देने सीढ़ियों की तरफ मूडा तब उसकी नजरे वही जम गई

आज पहली बार उसने नेहा को साड़ी के अलावा किसी और आउटफिट मे देखा था, नेहा काले रंग के एक अनारकली ड्रेस मे बहुत ही खूबसूरत लग रही थी उसपर उसकी चाँद बालिया उसकी खूबसूरती मे चार चाँद लगा रही थी, नेहा ने बहुत हल्कासा मेकप किया था और माथे पर एक छोटी सी डायमंड की बिंदी लगाई थी जिससे उसका चाँद सा चेहरा और भी ज्यादा खिल रहा था

राघव की इन्टेन्स नजरों से बचने के लिए नेहा ने अपनी नजरे झुकाई और धीरे धीरे सीढ़ियों से नीचे आने लगी और राघव की नजरे उसके हर कदम का पीछा कर रही थी

नेहा राघव के सामने आकार खड़ी हो गई और अपने बालों की लट को अपने कान के पीछे करते हुए बोली

नेहा- चले..?

नेहा ने एकदम धीमे से पूछा जिसने राघव को वापिस होश मे लाया जिसे वो नेहा को देखते ही खो चुका था और राघव ने हा ने गर्दन हिलाई

विवेक- भाई हेव अ गुड डेट 😉

विवेक ने राघव को आँख मारते हुए कहा

रिद्धि- और आराम से आना भाई आज की शाम पूरी भाभी के नाम कर दो

नेहा- हम नहीं है तो तुम लोग प्लीज लड़ना मत मुझे पता है तुम लोग किसी फालतू बात पर लड़ लोगे और खाना टाइम से खा लेना और घर का खयाल रखना

नेहा ने जाते जाते रिद्धि और विवेक को समझाया

शेखर- अरे आप जाओ और आपकी डेट इन्जॉय करो भाभी हम संभाल लेंगे यहा नही लड़ेंगे

जिसके बाद राघव ने अपना दाया हाथ नेहा की तरफ आगे बढ़ाया और नेहा ने भी उसके हाथ मे अपना हाथ दे दिया और दोनों वहा से निकल गए

आज नेहा को कुछ अलग ही लग रहा था आज वो राघव का नया रूप देख रही थी बहुत सारी भावनाए उसके मन मे उमड़ रही थी

राघव ने जेंटलमैन की तरह नेहा के लिए पैसेंजर सीट का दरवाजा खोला और फिर खुद ड्राइवर सीट पर आकर बैठ गया और कार चल पड़ी

कार अपनी मंजिल की ओर बढ़ रही थी लेकिन कार मे पूरी शांति रही और मन ही मन अपने आप से काफी लड़ने के बाद नेहा ने इस शांति को भंग करने के लिए कहा

नेहा- हम कहा जा रहे है ?

नेहा ने बहुत ही धीमे से प्यार से पूछा था और उसकी टोन मे छुपे इमोशंस कोई भी समझ सकता था सिवाय उसके बाजू मे बैठे इंसान के

राघव- डिनर के लिए

राघव ने पूरा ध्यान रोड पर लगाते हुए कहा

नेहा- क्यू?

राघव ने कोई जवाब नहीं दिया

नेहा- आज मेरा बर्थडे है इसीलिए ना पर मैंने आपसे कहा था मुझे बर्थडे सेलीब्रैट करना नही पसंद

ये बात बोलते हुए नेहा का आवाज नॉर्मल से थोड़ा अलग था

राघव- नही, क्युकी मुझे तुम्हारे साथ जाना था इसीलिए

राघव ने सपाट शब्दों मे कहा, जाहीर था उसे गुस्सा आ रहा था और वो बस नेहा का बर्थडे मनाना चाहता था

अब पता नही इस डेट पर क्या होगा... कुछ बात बनेगी या कोई बड़ा झगड़ा होगा जिससे सब बिखर जाए

जानेंगे अगले अपडेट मे...

क्रमश:
lovely update
 

wish vish

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Update 12



राघव- नही क्युकी मुझे तुम्हारे साथ जाना था इसीलिए

राघव ने सपाट शब्दों मे कहा, जाहीर था उसे गुस्सा आ रहा था और वो बस नेहा का बर्थडे मनाना चाहता था।

नेहा- अगर मेरा आज बर्थडे ना होता तो आप मुझे कभी ऐसे बाहर नही ले जाते, आपको बस बुरा लग रहा था दया आ रही थी मुझपर

नेहा ने कहा और बोलते बोलते उसकी आवाज भारी होने लगी थी जिसे सुन कर राघव ने गाड़ी को एक साइड मे रोका और सपाट चेहरे के साथ नेहा को देखा और उसे देखते ही राघव के चेहरे के हावभाव बदनले लगे, नेहा को देख के साफ लग रहा था के वो अभी रो देगी

राघव - पहली बात तो ऐसा बिल्कुल नही है अगर आज तुम्हारा बर्थडे ना भी होता तो मेरे पास तुम्हें ऐसे बाहर लाने के और भी बहाने थे इसीलिए ये बात तुम अपने दिमाग से निकाल दो

राघव ने प्यार से कहा और नेहा ने उतरे चेहरे के साथ उसे कुछ टाइम तक देखा लेकिन कुछ बोली नहीं

राघव- तुम क्यू नहीं चाहती के सब तुम्हारा बर्थडे मनाए क्यू नही बताना चाहती किसी को

नेहा- ऐसा क्यू है के हम किसी के लिए हमारा प्यार हमारी सारी केयर बस उस इंसान के बर्थडे पर ही दिखते है भले ही उससे बाकी दिन बात भी ना करे, मैंने ऐसा करते बहुत लोगों को देखा है और बस यही मुझे पसंद नहीं है

राघव समझ रहा था के नेहा को कोई बात परेशान कर रही है लेकिन उसने अभी के लिए उस बात को इग्नोर किया और बोला

राघव- ठीक है तुम्हें नही पसंद सेलिब्रेट करना तो ना सही लेकिन अभी ऐसा मानो के हम बस एक डेट पर आए है मैं लेकर आया हु तुम्हें तो इस शाम को इन्जॉय करो

राघव ने कार वापिस शुरू करते हुए कहा वही नेहा उसे ऐसे देखने लगी मानो वो कोई एलियन हो क्युकी राघव ने उसके साथ कभी ऐसे प्यार से समझा के बात नहीं की थी, जल्द ही वो लोग एक 5 स्टार रेस्टोरेंट मे पहुचे और साथ ही रेस्टोरेंट के अंदर गए।

उनके रेस्टोरेंट मे एंटर होते ही मैनेजर खुद उन्हे रिसीव करने आया और उन्हे टेरेस मे बने सेक्शन मे ले गया जहा से पूरे शहर का व्यू मिलता था

आज का वो पूरा टेरेस राघव ने उन दोनों के लिए बुक किया हुआ था ताकि कोई उन्हे डिस्टर्ब ना करे

राघव ने नेहा के लिए एक खुर्ची खिची और उसे बैठने कहा और फिर उसके सामने आकार बैठ गया और जल्द ही एक वेटर आया और उनके खाने के ऑर्डर्स लेकर चला गया

नेहा ने देखा के राघव को इटालियन खाना बहुत पसंद है

उन दोनों के बीच एक अजीब खामोशी छाई थी कोई कुछ नहीं बोल रहा था और जल्द ही उनका खाना भी आ गया और उन्होंने चुप्पी साधे ही खाना खाया जिसके बाद राघव ने ही इस शांति को भंग करने का सोचा और बोलना शुरू किया

राघव- उम्म... तुम्हें पता है मैं ना तुम्हारे बारे मे कुछ नही जानता हु.. मतलब देखो ना इन पाँच महीनों मे मैं हमेशा इस शादी से भागता रहा हु

राघव बोल रहा था वही नेहा उसे देख भी नहीं रही थी, उसकी हिम्मत ही नहीं हो रही थी

राघव- लेकिन अब नही..

राघव ने नेहा को देखते हुए कहा और ये सुन के नेहा ने भी अपनी नजरे उठा कर राघव को देखा तो पाया के वो उसे ही देख रहा था

राघव- मैंने इस बारे मे बहुत सोचा है, हमारे बारे मे सोचा है और ये जाना है के भागने का कोई पॉइंट ही नही है

राघव की बाते अब नेहा को नर्वस कर रही थी

ये ऐसे क्यू कह रहे है ? कही ये मुझे डिवोर्स तो नहीं ना देना चाहते?’ नेहा के मन मे खयाल आया जिससे वो और भी ज्यादा नर्वस हो गई और उसकी आँखों मे पानी जमने लगा था

राघव- लेट्स गिव दिस रिलेशनशिप अ चांस हमे हमारे रिश्ते को सुधारने के लिए एक मौका देना चाहिए

राघव ने अचानक कहा

नेहा- और ऐसा क्या हुआ जिससे आप इस नतीजे पर पहुचे?

राघव की बात सुन अचानक नेहा के मुह से निकल गया

राघव- हूह?? क्या?

नेहा- मतलब आप तो इस शादी को एक्सेप्ट नही करना चाहते थे और ना ही ये मानना के आप शादी शुदा है और मैं इतनी भी गधी नहीं हु के मुझे ये समझ ना आए के आप ये शादी करना ही नहीं चाहते थे तो फिर अब ये सब क्यू?

नेहा की बात सुन अब राघव शॉक मे था

राघव- ये सब अचानक नहीं हुआ है नेहा मैंने इस बारे मे बहुत सोचा है और हा तुम सही हो मैं तयार नहीं था, उस समय मुझे थोड़ा टाइम चाहिए था तुम मुझे बताओ तुम क्या करती जब अचानक तुम्हें पता चलता के तुम्हारी किसी से शादी होने वाली है जिसे तुम जानती तक नहीं, हा मैंने दादू के डिसीजन के बाद शादी के लिए हा कही थी लेकिन मैं इसके बारे मे हमेशा कन्फ्यूज़ ही रहा

राघव- मुझे अपनी प्राइवसी और फ्रीडम बहुत प्यारी है नेहा और मैंने अपने दोस्तों को देखा है कैसे शादी के बाद उनकी लाइफ ही चेंज हो गई है उनकी लाइफ पार्टनर कैसे उन्हें कंट्रोल करती है और बस इसीलिए मैं शादी को लेकर शूअर नहीं था, कन्फ्यूज़ था लेकिन तुम उन सब से अलग हो ये मैं जान गया हु..

राघव आज पहली बार अपने दिल की बात नेहा से कर रहा था इससे पहले उन दोनों के बीच कभी ऐसी बाते नहीं हुई थी

नेहा- आपको क्या लगता है मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ? मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ है, मैं भी उस समय आपके बारे मे कुछ नही जानती थी लेकिन मैं कोशिश कर रही हु ना मैंने हमेशा हम दोनों के बीच चीजे बेहतर करने की कोशिश की है लेकिन आपने मुझे हमेशा इग्नोर किया, मैं ये तो जानती थी के मेरी शादी हो रही है लेकिन किससे ? आप एक बहुत अच्छे और बड़े परिवार के बेटे है एक सक्सेस्फूल बिजनेसमैन है लेकिन एक इंसान कैसे है मैंने कभी जाना ही नही, आपको याद है मैंने शादी से पहले आपसे कई बार मिलना चाहा था लेकिन आप हमेशा ही मुझे इग्नोर करते रहे

नेहा के कन्फेशन से राघव शॉक था उसे लगता था नेहा उसके बारे मे सब जानती है लेकिन यहा वो गलत था

नेहा- कुछ ही दिनों मे मेरी भी पूरी लाइफ चेंज हो गई थी मैं कंप्लेंट नही करती इसका ये मतलब तो नही के मुझे कुछ फरक ही ना पड़ा हो, मैंने आपको और दादाजी को इस बारे मे काफी बार बात करते सुना है लेकिन मैंने चुप रहना ही बेहतर समझा

नेहा- और रही बात प्राइवसी फ्रीडम और कंट्रोल की तो मैं आपकी प्राइवसी की बहुत रीस्पेक्ट करती हु और मुझे नही लगता के लाइफ पार्टनर्स हमेशा अपने बेटर हाफ ही लाइफ कंट्रोल करते है लेकिन कभी कभी आपको अपने पार्टनर को कुछ गलत करने से रोकना भी होता है चीजे दोनों तरफ से बैलेंस होनी चाहिए

नेहा- मैं आपको किसी बात के लिए टॉन्ट नहीं मार रही हु मैं बस हम दोनों के बीच कुछ बाते क्लियर कर रही हु जैसे आपने मुझे बताया के उस वक्त आपके दिमाग मे क्या था आपको कैसा लग रहा था वैसे ही मैं भी अपना पॉइंट ऑफ व्यू आपको बता रही थी क्युकी आप मेरे पति है और बस आप ही है जिससे मैं ये सब बाते कर सकती हु और मुझे खुशी है के आप ये सब बाते समझते है

नेहा ने एक स्माइल के साथ कहा, इस वक्त अपनी बात रखते हुए नेहा ऐसे लग रही थी जैसे वो किसी बिजनस प्रेजेंटेशन मे हो फूल कंसंट्रेशन के साथ

राघव- अपने बारे मे कुछ बताओ, मैं कुछ भी नही जानता हु

राघव ने दूसरी तरफ देखने हुए कहा

नेहा- मुझे लगता है मेरे साथ रह कर आप मेरे बारे मे ज्यादा अच्छे से जान पाएंगे न की सिर्फ सुन कर, इससे हमारा रिश्ता और मजबूत हो सकता है हम एकदूसरे को ज्यादा अच्छे से समझ पाएंगे

नेहा ने मुस्कुरा कर कहा

यार मुझे इतनी समझदार बीवी कैसे मिल गई ये कितनी ऑसम है यार और कितनी प्रैक्टिकल है, मिसेस नेहा देशपांडे तुम इस देश के वन ऑफ द बेस्ट बिजनेस टाइकून की पत्नी के रूप मे बेस्ट हो’ राघव ने मन ही मन सोच...

क्रमश:
lagta hai date night successfull ho gayi
 

Naik

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अगले दिन सब कुछ नॉर्मल था राघव के उसे मनाने से नेहा खुश थी वही घर के बाकी लोग इस बात से खुश थे के उन दोनों के बीच सब नॉर्मल हो चुका था, अभी रिद्धि नेहा स्वाती और श्वेता को सगाई के फ़ोटोज़ दिखा रही थी के तभी वहा राघव आया

राघव- मॉम मैं सोच रहा था आज जरा हम लोग अमराई मे हो आए खेत देख आए जब से आए है उधर गए ही नहीं

राघव ने जानकी जी से कहा जिसने बकियों का ध्यान भी उस ओर गया

जानकी- हम?

राघव- हा मतलब हम सब लोग मैं शेखर और बाकी सब, जबसे यहा आए है उधर गए ही नहीं मैं सोच रहा था प्लान बनाने का और वैसे भी चिक... मतलब नेहा और श्वेता ने हमारी अमराई कहा देखि है

जानकी- ठीक है तुम बच्चे लोग हो आओ लेकिन रात के खाने से पहले आ जाना वहा से जंगल का इलाका शुरू होता हो तो शाम के बाद कई बार जानवर आ जाते है तो संभाल कर

जानकी जी ने राघव को समझाया और उसने भी हा मे गर्दन हिलाई और तभी वहा रितु आई

रितु- कौन कहा जा रहा है??

“इसके पैर इसके घर मे नहीं टिकते क्या” रितु को वहा देख श्वेता नेहा के कान मे फुसफुसाई वही रितु ने नेहा को देखा जिसका चेहरा उसे देख के उतर गया था वही जब रितु ने राघव को देखा तो उसका चेहरा भी सपाट था जिससे रितु ने समझा के उनका बड़ा वाला झगड़ा हुआ है और ये सोच के उसके चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान आ गई

राघव- ओह हेलो रितु! तुम चलोगी हमारे साथ? हम जरा अमराई और खेतों की ओर जा रहे है!

राघव ने रितु को भी साथ चलने के लिए पूछा जीसे सुन नेहा ने उसे शॉक होकर देखा के ये करना क्या चाहता है लेकिन राघव के दिमाग मे कुछ तो चल रहा था इतना वो जानती थी

रितु- हा हा क्यू नहीं मैं भी चलती हु

राघव- हा तो फिर ठीक है सब आधे घंटे मे रेडी होकर मिलों

राघव ने सबको और फिर नेहा को देख कर कहा

---

ये सब लोग रेडी होने के लिए अपने अपने कमरों मे चले गए और जब रितु राघव और नेहा के कमरे के सामने से गुजरी तो उसे कुछ आवाजे सुनाई दी जीसे सुन उसके कान खड़े हो गए, राघव और नेहा अंदर कुछ बाते कर रहे थे जो रितु को पसंद नहीं आई और वो गुस्से से पैर पटकते हुए वहा से निकल गई

---

आधे घंटे बाद वो सब लोग रेडी थे

स्वाती- शेखर भईया उधर हम ज्यादा गाड़िया लेकर नहीं जा सकते रास्ता ठीक नहीं है हम ऐसा करते है 6 सीटर लेकर चलते है

शेखर- ये भी सही है मैं आता हु कार लेकर तुम लोग यही रुको

इतना बोल के शेखर गाड़ी लाने चला गया

रितु- अरे लेकिन राघव कहा है?

रितु ने इधर उधर देखते हुए पूछा तभी राघव वहा आया और राघव वो आता देख नेहा के चेहरा शर्म से लाल हो गया जो राघव ने नोटिस कर लिया वही रितु ने अपनी मुट्ठियां भींच ली

राघव- रेडी है सब?

विवेक- हा चलो चलो वो शेखर भाई भी आ गया कार लेकर

विवेक ने शेखर को आता देख कहा, रितु के उनके साथ आने से किसी को भी खुशी नहीं हो रही थी लेकिन राघव ने कहा था तो किसी ने मना नहीं किया वही नेहा ये नहीं सोच पा रही थी के राघव ने उसे साथ चलने क्यू कहा

कार आते ही सब लोग कार मे बैठ गए लेकिन बस एक शक्स था जो नहीं बैठ पाया और गाड़ी मे बैठी रितु बाहर खड़ी नेहा को देखने लगी

राघव- तुम बाहर क्या खड़ी हो बैठो ना

राघव ने नेहा से कहा जो ड्राइवर के बाजू की पैसेंजर सीट पर बैठा था

नेहा- कहा ?? सर पे ?

नेहा ने हल्के गुस्से से कहा

राघव- अरे तुम इधर आओ यार

राघव ने नेहा को अपने पास बुलाया और अपनी सीट थोड़ी पीछे सरकाई और नेहा का हाथ पकड़ कर उसने अपनी गोद मे बिठाया

राघव की ये हरकत देख विवेक ने तो सिटी बजा डाली वही रितु की स्माइल गायब हो गई वही नेहा की आंखे बड़ी हो गई और वो राघव को देखने लगी जो उसका ड्रेस एडजस्ट कर रहा था ताकि दरवाजा बंद कर सके

नेहा- ये... ये.... क्या....

राघव- चुप चाप बैठो

और जब नेहा अच्छे से राघव की गोद मे एडजस्ट हो गई तो राघव ने अपना चेहरा उसके कान के पास किया अब चुकी नेहा के बाल उड़ रहे थे तो पीछे से देखने वालों को कुछ अलग ही लग रहा था, उसने अपना हाथ नेहा की पीठ पर रखा और उसके कान मे कुछ फुसफुसाया अब वैसे तो इनके बीच सब नॉर्मल था लेकिन देखने वालों को ऐसा लग रहा था के कुछ चल रहा है, नेहा ने उसका शर्ट पकड़ लिया

श्वेता- भईया!! अगर आपको रोमांस करना ही था तो घर रुक जाते ना आप भाभी के साथ या हमे साथ क्यू लाया

श्वेता ने स्माइल के साथ रितु को देखते हुए कहा

राघव- अब इसमे मेरी थोड़ी गलती है तुम्हारी भाभी लग ही इतनी गजब रही है के मैं किसी और बात पर फोकस ही नहीं कर पा रहा

राघव ने कहा वही नेहा बस चुप चाप उसे सुन रही थी

राघव नेहा की उंगलियों के साथ खेलने लगा ताकि रितु का ध्यान उस ओर खिच सके जिसमे वो कुछ हद तक कमियाब भी रहा

कुछ ही समय मे वो लोग पहुच चुके थे

रिद्धि- वॉव यार क्या सही मौसम हो रखा है बढ़िया है एकदम

रिद्धि ने कार से उतरते हुए कहा। कुछ देर वहा घूमने के बाद वो सब लोग एक पेड़ के नीचे बैठे थे

रितु- राघव तुम्हें तो ऐसे सब मौसम की धूप की आदत नहीं है ना तुम्हें चाहिए कुछ??

रितु ने राघव का अटेंशन पाने के लिए पूछा

राघव- मुझे कुछ नहीं चाहिए रितु मैं एकदम ठीक हु और अच्छा लग रहा है यहा इन्फैक्ट मैं तो यहा एक जमीन लेने की सोच रहा हु कितनी शांति है यहा सोच रहा हु रिटायरमेंट के बाद नेहा से साथ यही सेटल हो जाऊं एकदम शांति मे

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ते हुए कहा वही नेहा बस उसे देखती रही और रितु ने मुह बिगाड़ लिया

श्वेता- लेकिन भईया आप यहा रहेंगे तो हमारे वाड़े मे कौन रहेगा??

श्वेता ने जानबुझ के पूछा

राघव- उम्म हमारे... हमारे बच्चे रहेंगे!

राघव तपाक से बोला वही नेहा ने चौक के उसे देखा और रितु को तो खासी आगयी

शेखर- ओह हो हो हो मामला यहा तक पहुच चुका है

विवेक- अरे पर उसके लिए बच्चे भी तो चाहिए

विवेक ने पूछा वही नेहा किसी से भी आँख नहीं मिला रही थी और राघव के हाथ से अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश कर रही थी लेकिन राघव ने उसका हाथ कस के पकड़ा हुआ था

राघव- डोंट वरी विकी वर्क इन प्रोग्रेस है

राघव ने कहा वही नेहा का मुह खुला का खुला रह गया और वो राघव को ऐसे देखने लगी मानो वो कोई ऐलीअन हो वही रितु आंखे फाड़े उसे देख रही थी

ये पागल हो गए है क्या??’ नेहा ने सोचा

श्वेता- मतलब मैं जल्द ही चाची बनने वाली हु

रिद्धि- और मैं बुआ

विवेक- अपुन चाचा 😎

और अब अचानक से सब लोग इस इंपोर्टेंट टॉपिक पर डिस्कस करने लगे वही नेहा बस चुप चाप उन्हे सुन रही रही और अचानक श्वेता बोली

श्वेता- और रितु? रितु क्या बनेगी?

श्वेता ने एकदम पूछा जिससे रितु थोड़ी सकपका गई

स्वाती- क्या बनेगी मतलब वो भी बुआ बनेगी भाई की दूर की बहन

स्वाती ने एकदम कहा जीसे सुन रितु को झटका लगा वही बाकी सब लोग अपनी हसी को कंट्रोल करने लगे

रितु- नहीं!! मेरा मतलब मैं दोस्त हु राघव की बहन नहीं हु

विवेक- फिर जो बच्चा होगा वो तुम्हें क्या बुलाएगा

विवेक ने पूछा जिसका रितु के पास कोई जवाब नहीं था वही राघव चुप चाप बस मजे ले रहा था

रितु- आंटी, हा आंटी ठीक रहेगा

रितु ने बात खतम करते हुए कहा लेकिन बाकी लोग इस बात को कहा छोड़ने वाले थे

श्वेता- अरे ऐसे कैसे तुम हमारी फॅमिली के इतने क्लोज़ हो और आंटी सही नहीं लगता सुनने मे दूर वाली फीलिंग आती है

राघव- करेक्ट! बुआ परफेक्ट है वैसे भी मेरे लिए रितु बहन जैसी ही है

राघव ने कहा जीसे सुन नेहा मन ही मन मुस्कुराई

रितु- नहीं!!!!!!

शेखर- क्यू?? मुझे तो तुम ब्रो कहती हो उस हिसाब से तो भाई भी...

रितु- नो!! मैं तुम्हें ब्रो कहती हु उसे नहीं और राघव मैं तुम्हारी बहन नहीं हु

रितु ने एकदम से कहा

नेहा- लेकिन वो तो तुम्हें बहन मानते है ना

रितु- वो कभी मेरा भाई नहीं बन सकता!!

नेहा- क्यू?

रितु- क्युकी आइ लव हिम!!!

अचानक आए इतने सवालों से रितु ने एकदम से कह दिया वही बाकी सब शॉक हो गए और अब राघव के चेहरे पे सीरीअस एक्सप्रेशन थे

कोई कुछ नहीं बोल रहा था

रितु- वो मेरे कहने का मतलब था के....

लेकिन राघव ने उसे रोक दिया

राघव- जानता हु क्या मतलब था इसीलिए आखरी बार कह रहा हु छोड़ दो ये सब

और राघव वहा से नेहा के साथ खड़ा हो गया और उसे खड़ा देख बाकी सब भी उठ गए

रितु- राघव मैं...

राघव- रितु मैंने तुम्हें पहले भी समझाया है के मैं और तुम साथ नहीं हो सकते

और राघव की इस बात ने रितु को भड़का दिया वो जो अब तक शांत थी अब गुस्से मे थी

रितु- क्यू!!!! क्या कमी है मुझमे?? ऐसा क्या है उसमे जो मुझमे नहीं है??

रितु ने चिल्ला कर कहा वही राघव बस शांति से अपनी जगह खड़ा रहा

रितु- आई लव यू राघव!! बचपन से.. तुम्हें समझ नहीं आता???

राघव- यू आर जस्ट ऑब्सेस्ड विद मि और मैं तुम्हारे लिए वैसे फ़ील नहीं करता हु मैंने पहले भी कहा था आज भी कह रहा हु समझ जाओ

रितु- ठीक है हु मैं पागल तुम्हारे लिए लेकिन मुझे बस एक बात जाननी है क्यू?? क्यू तुम मुझे पसंद नहीं करते?? मैं सुन्दर नहीं? मैं तो दिखने मे इससे ज्यादा अच्छी हु ऐसा क्या है उसमे जो मुझमे नहीं है मैं तुम्हें उससे ज्यादा खुश रख सकती हु!!

राघव- बस!! बहुत हुआ! मैं चुप हु इसका ये मतलब नहीं के तुम कुछ भी बोलोगी तुम्हें मेरी पत्नी के बारे मे कुछ भी कहने का कोई अधिकार नहीं है और मैं बहुत खुश हु उसके साथ

रितु- किससे झूठ कह रहे हो मैं जानती हु तुम्हारे दादाजी ने जबरदस्ती कराई है तुम्हारी शादी इसीलिए तो शादी के तुरंत बाद तुम चले गए थे

राघव- मेरी जिंदगी मे क्या चल रहा है क्या नहीं ये तुम्हारे मतलब का नहीं है इसिलए बेहतर होगा के मुझे भूल जाओ और मुझसे और मेरी बीवी से दूर रहो

रितु- आइ लव यू!!!!!!!!

राघव- बट आई डोंट!!! इतनी सी बात तुम्हें समझ नहीं आ रही

रितु- हूह मैं पीछे हट भी जाती अगर तुम उससे प्यार करते तो और तुम नहीं करते ये मैं जानती हु

राघव- मैं अपनी बीवी से कितना प्यार करता हु कितना नहीं ये मुझे किसी को बताने ही जरूरत नहीं है

रितु- मैं देख सकती हु राघव के तुम प्यार नहीं करते उससे मेरी बात मानो राघव छोड़ दो उसे वो बस एक जबरदस्ती की जिम्मेदारी है

रितु ने कहा और वही उसके आखरी शब्द सुन नेहा के आँख ने आसू आने लगे

राघव - कुछ रिश्ते बहुत खुबसूरत होते है लेकिन तुम नही समझोगी

राघव ने रितु को कुछ पल घूरा और नेहा को देखा उसके आँसुओ से भीगे चेहरे को देखा और उसके पास गया अपने हाथ से उसने आँसू पोंछे और सर हिला कर उसे रोने से मना किया और बोला

राघव- मैं तुम्हारा पति हु और तुम मेरी पत्नी हो बस यही है जो मायने रखता है बाकी किसी की बात सुनने का कोई मतलब नहीं है, तुम पत्नी हो मेरी सिर्फ जिम्मेदारी नहीं ये बात अपने दिमाग में डाल लो।

नेहा ने राघव की आँखों मे देखा, आज उन आँखों मे उसे अलग ही भावनाए दिख रही थी उसने उन दोनों के बीच की दूरी और कम की नेहा की आँखों मे देखा फिर उसके होंठों को देखा जो उसे बुला रहे थे

राघव- यू नो कभी कभी शब्दो से ज्यादा एक्शन मायने रखता है, एक्शन स्पीक लाउडर देन वर्ड्स!

इतना बोल के राघव ने उनके बीच की बची कूची दूरी भी मिटा दी और अपने होंठ नेहा के होंठों की ओर बढ़ा दिए और अब उनके होंठों के बीच बस आधा इंच की दूरी थी

सब लोग आंखे फाड़े ये सीन देख रहे थे नेहा की धड़कने बढ़ी हई थी दिमाग सुन्न था उसने अपनी आंखे कस कर बंद कर रखी थी उसे नहीं पता था क्या करे

राघव ने अपना एक हाथ उसकी कमर पर रखा और दूसरा हाथ उसकी गर्दन कर पीछे उसे और पास लाने, उसने अपने होंठों को वैसे ही रोके रखा था बगैर हिलाए और फिर उसने अपना चेहरा नेहा के कान के पास किया अपने होंठों से उसके गालों को छूते हुए, नेहा के पैर उसका साथ छोड़ रहे थे उसने राघव की शर्ट को कस लिया

राघव- ये किस मेरे लिए बहुत मायने रखता है नेहा, विल यू??

वो नेहा के कान मे फुसफुसाया और कुछ ही पालो मे उसे नेहा का हाथ अपने पीठ पर फ़ील हुआ उसे पास खिचते हुए उसने उसे किस की पर्मिशन दे दी और उन दोनों के होंठ आपस मे मिल गए बगैर किसी की फिर्क करे

राघव ने अपने एक हाथ से अपने भाई बहनों को घूमने का इशारा किया और वो भी पलट गए इन्हे इनका पर्सनल स्पेस देते हुए वही रितु जो अबतक शॉक मे खड़ी थी उसे भी श्वेता ने घुमा दिया

राघव ने अपने हाथों से नेहा के गालों को पकड़ा और नेहा के होंठों को चूमने लगा स्लोली पैशनेटली, अ परफेक्ट किस, उन दोनों के अंदर बहुत सी भावनाए थी बहुत से इमोशंस बह रहे थे एकदूसरे के लिए जीसे वो किस द्वारा एकदूसरे को बता रहे थे, अब तो वो ये भी भूल चुके थे के वहा उनके अलावा भी और लोग थे, पहले जब राघव को नेहा को किस करने का डेयर मिला था तब वो दोनों की इसके लिए तयार नहीं थे लेकिन पिछले कुछ दिनों मे उनके रिश्ते मे बहुत से बदलाव आए थे और वो एकदूसरे के और करीब आए थे और अब वो अपने इस रिश्ते को एक कदम और आगे बढ़ाने के लिए तयार थे......

क्रमश:
Bahot shaandar lajawab update
Ritu tow peece hhatne ko tayyar hi nahi h lekin aaj Raghav Babu tow kuch or hi soch ker Bethe the zabardast
Ab dekhte h aage kia hota h shaandar update
 
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