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Romance In Love.. With You... (Completed)

chawla sahab

Member
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Update 49




शिवशंकर- अब ऐसे पुतले की तरह ही बैठोगे या कुछ बोलोगे

दादू ने राघव को देखते हुए कहा वही शेखर इस पूरे ड्रामे को एंजॉय कर रहा था और मन ही मन दुआ कर रहा था के घरवाले और सवाल करे वही श्वेता ने अपनी हसी कंट्रोल करते हुए नेहा को देखा तो उसने अपना सर झुकाया हुआ था और उसके गाल लाल हो रखे थे शर्म के मारे वही अब सब लोग राघव के जवाब की राह देख रहे थे राघव को देख रहे थे के वो क्या बोलेगा..

राघव- वो दादू एक्चुअली... वो चूहा!! हा चूहा! पता नहीं रात मे कहा से कमरे मे चूहा घुस गया था और नेहा उसे देख घबरा गई थी और इधर उधर भाग रही थी

राघव ने नर्वस स्माइल के साथ कहा लेकिन घरवालों को उसपर यकीन ही नहीं हो रहा था और अब वो नेहा को देखने लगे जिससे नेहा की धड़कने बढ़ गई

गायत्री- नेहा क्या ये सच है??

दादी ने नेहा से पूछा क्युकी राघव भले ही कुछ बोल ले नेहा झूठ नहीं बोलेगी

नेहा- जी... जी दादीजी

नेहा ने नीचे देखते हुए कहा

जानकी- पता नहीं ये चूहा कहा से घुस आया है घर मे आज तो तुम्हारे रूम मे चूहे मारने की दवा डलवानी पड़ेगी

जानकी जी ने कहा वही राघव अब वहा और नहीं रुकना चाहता था

राघव- मुझे.... मुझे चलना चाहिए लेट हो रहा है

राघव ने सबकी नजरों को अवॉइड करते हुए कहा और और नेहा को भी इशारा किया और वहा से उठ गया और जल्द ही वो लोग अपनी कन्फ्यूज़ फॅमिली को पीछे छोड़ ऑफिस के लिए निकल गए

घर से बाहर आकार और कार मे बैठते ही राघव ने राहत की सास ली वही शर्म के मारे नेहा उसे देख भी नहीं रही थी ना ही राघव उसे देख रहा था और जैसे ही वो लोग ऑफिस पहुचे राघव अचानक चीखा

राघव- शीट!!!!!

नेहा- क्या... क्या हुआ ??

राघव- मॉम हमारे रूम मे चूहे मारने की दवा डालने वाली है

नेहा- तो?

राघव- तो?? हमारा बेड टूटा हुआ है

और राघव की बात सुन नेहा की भी आंखे बड़ी हो गई

नेहा- अब क्या करे??

राघव- मुझे नहीं पता, हमे कैसे भी करके किसी को पता चले बगैर बेड रिप्लेस करना होगा

नेहा- लेकिन कैसे??

राघव- वो सोचते है पहले चलो पलंग खरीदना है

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ते हुए कहा लेकिन नेहा ने उसे रोक दिया

नेहा- हमे क्यू जाना है आप ऑर्डर कर दीजिए ना??

राघव- और अगर वो सही नहीं आया तो? और जल्दी वापिस टूट गया तो??

नेहा- मैं.. मैं नहीं जा रही कही आप किसी एम्प्लोयी को भेज दीजिए चेक करने

राघव- क्यू??

नेहा- मुझे नहीं पसंद पलंग खरीदना

नेहा ने उसके जो दिमाग मे आया बोल दिया अब वो क्यू बोला ये वो भी नहीं जानती थी

राघव- ठीक है रुको यही मैं किसी और के साथ चला जाऊंगा

राघव ने कहा और जैसे ही उसने ये कहा उसने मन ही मन अपना माथा पीट लिया

नेहा- किसी और के साथ जाकर तो दिखाइए बेड पर सोने लायक नहीं छोड़ूँगी

नेहा ने एकदम गुस्से मे कहा वही राघव एक कदम पीछे हट गया उसके गुस्से से

राघव- ठीक है ठीक है किसी से कह देता हु, मैं नहीं जा रहा कही ही ही

नेहा ने फिर अपने को शांत करने के लिए एक लंबी सास ली वही राघव उससे थोड़ा पीछे सरका

राघव- तो मार्केटिंग के लेसन शुरू करे?? नहीं मतलब तुम कहो तो, कोई जल्दी नहीं है

राघव ने नेहा को देखते हुए कहा जिसपर नेहा ने हा मे गर्दन हिला दी और राघव उसे मार्केटिंग सीखाने लगा

राघव ने बेसिक से शुरुवात की और नेहा भी बड़े गौर से सब सुन रही थी और उसे पढ़ाते हुए राघव एकदम सीरीअस था नेहा को ऐसा लगा जैसे पढ़ाते टाइम पुराना राघव उसके सामने था, कुछ समय बाद नेहा को बोर होने लगा था और वो उबासिया लेते हुए जिस नॉवेल को वो पढ़ रही थी उसकी स्टोरी कर बारे मे सोच रही थी

राघव- इट सीम्स के तुम्हें इसमे कोई इंटरेस्ट नहीं है

राघव ने अपने हाथ बांधे नेहा से पूछा

नेहा- आप कबसे लगातार पढ़ाए जा रहे है एक ब्रेक तो ले लीजिए

राघव- तुम जानती हो ना मैं अपना काम छोड़ के तुम्हें पढ़ा रहा हु

नेहा- तो वो कीजिए ना हम इसे बाद मे कन्टिन्यू करेंगे तब तक मैं ऑफिस घूम आती हु

नेहा ने अपनी जगह पर से उठते हुए कहा तभी राघव के फोन पर एक मैसेज आया

राघव- पलंग ले लिया गया है दोपहर तक डिलिवर हो जाएगा

राघव ने नेहा से कहा

नेहा- अब क्या करना है?

नेहा ने अपने नाखून चबाते हुए राघव से पूछा और राघव ने उसका हाथ पकड़ के उसे रोका

राघव - पहले तो हर बार ये नाखून चबाना बंद करो

फिर राघव ने एक बंदे को कॉल लगाया और कैबिन मे आने कहा और जल्द ही शेखर एक स्माइल के साथ उसके कैबिन मे था

शेखर- हा भाई आपने बुलाया

राघव- हा मुझे तुम्हारी एक हेल्प चाहिए

शेखर- कुछ चाहीये क्या आपको मैं कुछ देर...

राघव- शट अप शेखर पहले सुन तो लो

राघव शेखर पर चिल्लाया और फिर नेहा से बोला

राघव- तुम्हें बाहर जाना था न ? जाओ मैं कुछ देर मे बुलाता हु तुम्हें

नेहा- लेकिन...

राघव- मैं कर लूँगा सारी बात तुम जाओ अभी बाद मे मैं जाने नहीं दूंगा

शेखर- अहम अहम!! भाई क्या चाहिए आपको?

लेकिन राघव ने अभी उसे इग्नोर लिया और नेहा की ओर देखा जो वहा से चली तो गई थी लेकिन कैबिन मे ही थी

राघव- नेहा मैं बता रहा हु अभी तुम नहीं गई तो बाद मे कोई ब्रेक नहीं मिलेगा

जिसके बाद उन्हे दरवान बंद होने का आवाज आज जिसके बाद राघव शेखर की ओर मुडा

शेखर- ओह हो नॉट बैड

राघव- शट अप शेखर!

राघव ने इतना कहा और शेखर के पेट मे एक मुक्का जड़ दिया

शेखर- आउच भाई क्या कर रहे हो!!

राघव- तो वो तू था जिसने मेरे रूम की अलमारी के ड्रॉर मे कंडोम रखा था??

राघव ने शेखर एक और मुक्का मारा याद है उस दिन कपड़े ढूंढते हुए राघव को ड्रॉर मे कुछ मिला था वो कंडोम का पैकेट था और कल रात ही राघव को पता चला था के वो शेखर ने रखा था जब शेखर ने उसे ड्रॉर चेक करने कहा था लेकिन तब राघव बोल नहीं पाया था

शेखर – आउच भाई!! मैंने तो बस अच्छे के लिए सोचा था

राघव- मेरा अच्छा बुरा मैं देख लूँगा तुमको कुछ नहीं करना है

राघव ने उसे टपली मारते हुए कहा

शेखर- खुद देख लेंगे मतलब आप खुद जाएंगे खरीदने

राघव- चुप रह यार और अब अपना मूह बंद करो और पहले मेरी बात सुनो

राघव ने शेखर को चुप कराया और शेखर ने भी मुह पर उंगली रख ली

राघव- मैं चाहता हु तुम घर के सब लोगों को दोपहर के पहले बाहर लेकर जाओ और शाम तक वापिस मत आना नया बेड बुलाया है और इससे पहले तुम पूछो क्यू तो कल रात हमारा पलंग टूट गया था इसिलीये

राघव की बात सुन शेखर ने चेहरे पर शरारती मुस्कान आ गई जिसे देख राघव बोला

राघव- ओ भाई मेरे अपने दिमाग के घोड़े मत दौडा वो नेहा भाग रही थी रूम मे और बेड पर गिर गई और टूट गया वो

शेखर- उम्म हम्ममम् हम्म

राघव- क्या? उंगली हटा कर क्लियर बोलो?

शेखर- नहीं मैं कह रहा था भाभी भाग क्यू रही थी और आपकी कन्डिशन भी कुछ सही नहीं थी

शेखर ने राघव को देखते हुए पूछा और अब राघव को उसे सब सच बताना ही था वरना वो चुप होने वाला नहीं था और सब सुनने के बाद शेखर का मुह खुला रह गया

शेखर- लेकिन भाई...

राघव- बस अब और कोई सवाल नहीं जितना बोला है उतना करो वरना तुम जानते हो मैं क्या कर सकता हु

शेखर- धमकी मत दो ऐसा क्या ही कर लोगे जाओ नही करता आपका काम

राघव- अच्छा बेटा तो श्वेता को बात दु के तुम कॉकरोच से कितना डरते हो तो?

और अब राघव की बात सुन शेखर उसे हैरानी और डर से देखने लगा और अब जो शरारती मुस्कान कुछ पल पहले शेखर के चेहरे पर थी वही राघव के चेहरे पर थी

शेखर- भाई नहीं आप ऐसा नहीं करोगे, श्वेता के सामने मैंने हमेशा अपने को ब्रैव दिखाया है वो प्यार से कभी कभी स्पाइडरमॅन बोलती है मुझे उसे पता चला उसका स्पाइडरमॅन कॉकरोच से डरता है तो बहूत चिढ़ाएगी वो

राघव- तो जितना बोला है उतना कर

शेखर- हा ठीक है जा रहा हु

इतना बोल के शेखर वहा से निकल गया.......

क्रमश:
vadhiya update brother
 

kas1709

Well-Known Member
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Update 49




शिवशंकर- अब ऐसे पुतले की तरह ही बैठोगे या कुछ बोलोगे

दादू ने राघव को देखते हुए कहा वही शेखर इस पूरे ड्रामे को एंजॉय कर रहा था और मन ही मन दुआ कर रहा था के घरवाले और सवाल करे वही श्वेता ने अपनी हसी कंट्रोल करते हुए नेहा को देखा तो उसने अपना सर झुकाया हुआ था और उसके गाल लाल हो रखे थे शर्म के मारे वही अब सब लोग राघव के जवाब की राह देख रहे थे राघव को देख रहे थे के वो क्या बोलेगा..

राघव- वो दादू एक्चुअली... वो चूहा!! हा चूहा! पता नहीं रात मे कहा से कमरे मे चूहा घुस गया था और नेहा उसे देख घबरा गई थी और इधर उधर भाग रही थी

राघव ने नर्वस स्माइल के साथ कहा लेकिन घरवालों को उसपर यकीन ही नहीं हो रहा था और अब वो नेहा को देखने लगे जिससे नेहा की धड़कने बढ़ गई

गायत्री- नेहा क्या ये सच है??

दादी ने नेहा से पूछा क्युकी राघव भले ही कुछ बोल ले नेहा झूठ नहीं बोलेगी

नेहा- जी... जी दादीजी

नेहा ने नीचे देखते हुए कहा

जानकी- पता नहीं ये चूहा कहा से घुस आया है घर मे आज तो तुम्हारे रूम मे चूहे मारने की दवा डलवानी पड़ेगी

जानकी जी ने कहा वही राघव अब वहा और नहीं रुकना चाहता था

राघव- मुझे.... मुझे चलना चाहिए लेट हो रहा है

राघव ने सबकी नजरों को अवॉइड करते हुए कहा और और नेहा को भी इशारा किया और वहा से उठ गया और जल्द ही वो लोग अपनी कन्फ्यूज़ फॅमिली को पीछे छोड़ ऑफिस के लिए निकल गए

घर से बाहर आकार और कार मे बैठते ही राघव ने राहत की सास ली वही शर्म के मारे नेहा उसे देख भी नहीं रही थी ना ही राघव उसे देख रहा था और जैसे ही वो लोग ऑफिस पहुचे राघव अचानक चीखा

राघव- शीट!!!!!

नेहा- क्या... क्या हुआ ??

राघव- मॉम हमारे रूम मे चूहे मारने की दवा डालने वाली है

नेहा- तो?

राघव- तो?? हमारा बेड टूटा हुआ है

और राघव की बात सुन नेहा की भी आंखे बड़ी हो गई

नेहा- अब क्या करे??

राघव- मुझे नहीं पता, हमे कैसे भी करके किसी को पता चले बगैर बेड रिप्लेस करना होगा

नेहा- लेकिन कैसे??

राघव- वो सोचते है पहले चलो पलंग खरीदना है

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ते हुए कहा लेकिन नेहा ने उसे रोक दिया

नेहा- हमे क्यू जाना है आप ऑर्डर कर दीजिए ना??

राघव- और अगर वो सही नहीं आया तो? और जल्दी वापिस टूट गया तो??

नेहा- मैं.. मैं नहीं जा रही कही आप किसी एम्प्लोयी को भेज दीजिए चेक करने

राघव- क्यू??

नेहा- मुझे नहीं पसंद पलंग खरीदना

नेहा ने उसके जो दिमाग मे आया बोल दिया अब वो क्यू बोला ये वो भी नहीं जानती थी

राघव- ठीक है रुको यही मैं किसी और के साथ चला जाऊंगा

राघव ने कहा और जैसे ही उसने ये कहा उसने मन ही मन अपना माथा पीट लिया

नेहा- किसी और के साथ जाकर तो दिखाइए बेड पर सोने लायक नहीं छोड़ूँगी

नेहा ने एकदम गुस्से मे कहा वही राघव एक कदम पीछे हट गया उसके गुस्से से

राघव- ठीक है ठीक है किसी से कह देता हु, मैं नहीं जा रहा कही ही ही

नेहा ने फिर अपने को शांत करने के लिए एक लंबी सास ली वही राघव उससे थोड़ा पीछे सरका

राघव- तो मार्केटिंग के लेसन शुरू करे?? नहीं मतलब तुम कहो तो, कोई जल्दी नहीं है

राघव ने नेहा को देखते हुए कहा जिसपर नेहा ने हा मे गर्दन हिला दी और राघव उसे मार्केटिंग सीखाने लगा

राघव ने बेसिक से शुरुवात की और नेहा भी बड़े गौर से सब सुन रही थी और उसे पढ़ाते हुए राघव एकदम सीरीअस था नेहा को ऐसा लगा जैसे पढ़ाते टाइम पुराना राघव उसके सामने था, कुछ समय बाद नेहा को बोर होने लगा था और वो उबासिया लेते हुए जिस नॉवेल को वो पढ़ रही थी उसकी स्टोरी कर बारे मे सोच रही थी

राघव- इट सीम्स के तुम्हें इसमे कोई इंटरेस्ट नहीं है

राघव ने अपने हाथ बांधे नेहा से पूछा

नेहा- आप कबसे लगातार पढ़ाए जा रहे है एक ब्रेक तो ले लीजिए

राघव- तुम जानती हो ना मैं अपना काम छोड़ के तुम्हें पढ़ा रहा हु

नेहा- तो वो कीजिए ना हम इसे बाद मे कन्टिन्यू करेंगे तब तक मैं ऑफिस घूम आती हु

नेहा ने अपनी जगह पर से उठते हुए कहा तभी राघव के फोन पर एक मैसेज आया

राघव- पलंग ले लिया गया है दोपहर तक डिलिवर हो जाएगा

राघव ने नेहा से कहा

नेहा- अब क्या करना है?

नेहा ने अपने नाखून चबाते हुए राघव से पूछा और राघव ने उसका हाथ पकड़ के उसे रोका

राघव - पहले तो हर बार ये नाखून चबाना बंद करो

फिर राघव ने एक बंदे को कॉल लगाया और कैबिन मे आने कहा और जल्द ही शेखर एक स्माइल के साथ उसके कैबिन मे था

शेखर- हा भाई आपने बुलाया

राघव- हा मुझे तुम्हारी एक हेल्प चाहिए

शेखर- कुछ चाहीये क्या आपको मैं कुछ देर...

राघव- शट अप शेखर पहले सुन तो लो

राघव शेखर पर चिल्लाया और फिर नेहा से बोला

राघव- तुम्हें बाहर जाना था न ? जाओ मैं कुछ देर मे बुलाता हु तुम्हें

नेहा- लेकिन...

राघव- मैं कर लूँगा सारी बात तुम जाओ अभी बाद मे मैं जाने नहीं दूंगा

शेखर- अहम अहम!! भाई क्या चाहिए आपको?

लेकिन राघव ने अभी उसे इग्नोर लिया और नेहा की ओर देखा जो वहा से चली तो गई थी लेकिन कैबिन मे ही थी

राघव- नेहा मैं बता रहा हु अभी तुम नहीं गई तो बाद मे कोई ब्रेक नहीं मिलेगा

जिसके बाद उन्हे दरवान बंद होने का आवाज आज जिसके बाद राघव शेखर की ओर मुडा

शेखर- ओह हो नॉट बैड

राघव- शट अप शेखर!

राघव ने इतना कहा और शेखर के पेट मे एक मुक्का जड़ दिया

शेखर- आउच भाई क्या कर रहे हो!!

राघव- तो वो तू था जिसने मेरे रूम की अलमारी के ड्रॉर मे कंडोम रखा था??

राघव ने शेखर एक और मुक्का मारा याद है उस दिन कपड़े ढूंढते हुए राघव को ड्रॉर मे कुछ मिला था वो कंडोम का पैकेट था और कल रात ही राघव को पता चला था के वो शेखर ने रखा था जब शेखर ने उसे ड्रॉर चेक करने कहा था लेकिन तब राघव बोल नहीं पाया था

शेखर – आउच भाई!! मैंने तो बस अच्छे के लिए सोचा था

राघव- मेरा अच्छा बुरा मैं देख लूँगा तुमको कुछ नहीं करना है

राघव ने उसे टपली मारते हुए कहा

शेखर- खुद देख लेंगे मतलब आप खुद जाएंगे खरीदने

राघव- चुप रह यार और अब अपना मूह बंद करो और पहले मेरी बात सुनो

राघव ने शेखर को चुप कराया और शेखर ने भी मुह पर उंगली रख ली

राघव- मैं चाहता हु तुम घर के सब लोगों को दोपहर के पहले बाहर लेकर जाओ और शाम तक वापिस मत आना नया बेड बुलाया है और इससे पहले तुम पूछो क्यू तो कल रात हमारा पलंग टूट गया था इसिलीये

राघव की बात सुन शेखर ने चेहरे पर शरारती मुस्कान आ गई जिसे देख राघव बोला

राघव- ओ भाई मेरे अपने दिमाग के घोड़े मत दौडा वो नेहा भाग रही थी रूम मे और बेड पर गिर गई और टूट गया वो

शेखर- उम्म हम्ममम् हम्म

राघव- क्या? उंगली हटा कर क्लियर बोलो?

शेखर- नहीं मैं कह रहा था भाभी भाग क्यू रही थी और आपकी कन्डिशन भी कुछ सही नहीं थी

शेखर ने राघव को देखते हुए पूछा और अब राघव को उसे सब सच बताना ही था वरना वो चुप होने वाला नहीं था और सब सुनने के बाद शेखर का मुह खुला रह गया

शेखर- लेकिन भाई...

राघव- बस अब और कोई सवाल नहीं जितना बोला है उतना करो वरना तुम जानते हो मैं क्या कर सकता हु

शेखर- धमकी मत दो ऐसा क्या ही कर लोगे जाओ नही करता आपका काम

राघव- अच्छा बेटा तो श्वेता को बात दु के तुम कॉकरोच से कितना डरते हो तो?

और अब राघव की बात सुन शेखर उसे हैरानी और डर से देखने लगा और अब जो शरारती मुस्कान कुछ पल पहले शेखर के चेहरे पर थी वही राघव के चेहरे पर थी

शेखर- भाई नहीं आप ऐसा नहीं करोगे, श्वेता के सामने मैंने हमेशा अपने को ब्रैव दिखाया है वो प्यार से कभी कभी स्पाइडरमॅन बोलती है मुझे उसे पता चला उसका स्पाइडरमॅन कॉकरोच से डरता है तो बहूत चिढ़ाएगी वो

राघव- तो जितना बोला है उतना कर

शेखर- हा ठीक है जा रहा हु

इतना बोल के शेखर वहा से निकल गया.......

क्रमश:
Nice update.....
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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टूटा पलंग तो ठीक, नया पलंग भी तो लोग समझ जायेंगे न??

उसी को रिपेयर करवा लेते भाई
Update 49




शिवशंकर- अब ऐसे पुतले की तरह ही बैठोगे या कुछ बोलोगे

दादू ने राघव को देखते हुए कहा वही शेखर इस पूरे ड्रामे को एंजॉय कर रहा था और मन ही मन दुआ कर रहा था के घरवाले और सवाल करे वही श्वेता ने अपनी हसी कंट्रोल करते हुए नेहा को देखा तो उसने अपना सर झुकाया हुआ था और उसके गाल लाल हो रखे थे शर्म के मारे वही अब सब लोग राघव के जवाब की राह देख रहे थे राघव को देख रहे थे के वो क्या बोलेगा..

राघव- वो दादू एक्चुअली... वो चूहा!! हा चूहा! पता नहीं रात मे कहा से कमरे मे चूहा घुस गया था और नेहा उसे देख घबरा गई थी और इधर उधर भाग रही थी

राघव ने नर्वस स्माइल के साथ कहा लेकिन घरवालों को उसपर यकीन ही नहीं हो रहा था और अब वो नेहा को देखने लगे जिससे नेहा की धड़कने बढ़ गई

गायत्री- नेहा क्या ये सच है??

दादी ने नेहा से पूछा क्युकी राघव भले ही कुछ बोल ले नेहा झूठ नहीं बोलेगी

नेहा- जी... जी दादीजी

नेहा ने नीचे देखते हुए कहा

जानकी- पता नहीं ये चूहा कहा से घुस आया है घर मे आज तो तुम्हारे रूम मे चूहे मारने की दवा डलवानी पड़ेगी

जानकी जी ने कहा वही राघव अब वहा और नहीं रुकना चाहता था

राघव- मुझे.... मुझे चलना चाहिए लेट हो रहा है

राघव ने सबकी नजरों को अवॉइड करते हुए कहा और और नेहा को भी इशारा किया और वहा से उठ गया और जल्द ही वो लोग अपनी कन्फ्यूज़ फॅमिली को पीछे छोड़ ऑफिस के लिए निकल गए

घर से बाहर आकार और कार मे बैठते ही राघव ने राहत की सास ली वही शर्म के मारे नेहा उसे देख भी नहीं रही थी ना ही राघव उसे देख रहा था और जैसे ही वो लोग ऑफिस पहुचे राघव अचानक चीखा

राघव- शीट!!!!!

नेहा- क्या... क्या हुआ ??

राघव- मॉम हमारे रूम मे चूहे मारने की दवा डालने वाली है

नेहा- तो?

राघव- तो?? हमारा बेड टूटा हुआ है

और राघव की बात सुन नेहा की भी आंखे बड़ी हो गई

नेहा- अब क्या करे??

राघव- मुझे नहीं पता, हमे कैसे भी करके किसी को पता चले बगैर बेड रिप्लेस करना होगा

नेहा- लेकिन कैसे??

राघव- वो सोचते है पहले चलो पलंग खरीदना है

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ते हुए कहा लेकिन नेहा ने उसे रोक दिया

नेहा- हमे क्यू जाना है आप ऑर्डर कर दीजिए ना??

राघव- और अगर वो सही नहीं आया तो? और जल्दी वापिस टूट गया तो??

नेहा- मैं.. मैं नहीं जा रही कही आप किसी एम्प्लोयी को भेज दीजिए चेक करने

राघव- क्यू??

नेहा- मुझे नहीं पसंद पलंग खरीदना

नेहा ने उसके जो दिमाग मे आया बोल दिया अब वो क्यू बोला ये वो भी नहीं जानती थी

राघव- ठीक है रुको यही मैं किसी और के साथ चला जाऊंगा

राघव ने कहा और जैसे ही उसने ये कहा उसने मन ही मन अपना माथा पीट लिया

नेहा- किसी और के साथ जाकर तो दिखाइए बेड पर सोने लायक नहीं छोड़ूँगी

नेहा ने एकदम गुस्से मे कहा वही राघव एक कदम पीछे हट गया उसके गुस्से से

राघव- ठीक है ठीक है किसी से कह देता हु, मैं नहीं जा रहा कही ही ही

नेहा ने फिर अपने को शांत करने के लिए एक लंबी सास ली वही राघव उससे थोड़ा पीछे सरका

राघव- तो मार्केटिंग के लेसन शुरू करे?? नहीं मतलब तुम कहो तो, कोई जल्दी नहीं है

राघव ने नेहा को देखते हुए कहा जिसपर नेहा ने हा मे गर्दन हिला दी और राघव उसे मार्केटिंग सीखाने लगा

राघव ने बेसिक से शुरुवात की और नेहा भी बड़े गौर से सब सुन रही थी और उसे पढ़ाते हुए राघव एकदम सीरीअस था नेहा को ऐसा लगा जैसे पढ़ाते टाइम पुराना राघव उसके सामने था, कुछ समय बाद नेहा को बोर होने लगा था और वो उबासिया लेते हुए जिस नॉवेल को वो पढ़ रही थी उसकी स्टोरी कर बारे मे सोच रही थी

राघव- इट सीम्स के तुम्हें इसमे कोई इंटरेस्ट नहीं है

राघव ने अपने हाथ बांधे नेहा से पूछा

नेहा- आप कबसे लगातार पढ़ाए जा रहे है एक ब्रेक तो ले लीजिए

राघव- तुम जानती हो ना मैं अपना काम छोड़ के तुम्हें पढ़ा रहा हु

नेहा- तो वो कीजिए ना हम इसे बाद मे कन्टिन्यू करेंगे तब तक मैं ऑफिस घूम आती हु

नेहा ने अपनी जगह पर से उठते हुए कहा तभी राघव के फोन पर एक मैसेज आया

राघव- पलंग ले लिया गया है दोपहर तक डिलिवर हो जाएगा

राघव ने नेहा से कहा

नेहा- अब क्या करना है?

नेहा ने अपने नाखून चबाते हुए राघव से पूछा और राघव ने उसका हाथ पकड़ के उसे रोका

राघव - पहले तो हर बार ये नाखून चबाना बंद करो

फिर राघव ने एक बंदे को कॉल लगाया और कैबिन मे आने कहा और जल्द ही शेखर एक स्माइल के साथ उसके कैबिन मे था

शेखर- हा भाई आपने बुलाया

राघव- हा मुझे तुम्हारी एक हेल्प चाहिए

शेखर- कुछ चाहीये क्या आपको मैं कुछ देर...

राघव- शट अप शेखर पहले सुन तो लो

राघव शेखर पर चिल्लाया और फिर नेहा से बोला

राघव- तुम्हें बाहर जाना था न ? जाओ मैं कुछ देर मे बुलाता हु तुम्हें

नेहा- लेकिन...

राघव- मैं कर लूँगा सारी बात तुम जाओ अभी बाद मे मैं जाने नहीं दूंगा

शेखर- अहम अहम!! भाई क्या चाहिए आपको?

लेकिन राघव ने अभी उसे इग्नोर लिया और नेहा की ओर देखा जो वहा से चली तो गई थी लेकिन कैबिन मे ही थी

राघव- नेहा मैं बता रहा हु अभी तुम नहीं गई तो बाद मे कोई ब्रेक नहीं मिलेगा

जिसके बाद उन्हे दरवान बंद होने का आवाज आज जिसके बाद राघव शेखर की ओर मुडा

शेखर- ओह हो नॉट बैड

राघव- शट अप शेखर!

राघव ने इतना कहा और शेखर के पेट मे एक मुक्का जड़ दिया

शेखर- आउच भाई क्या कर रहे हो!!

राघव- तो वो तू था जिसने मेरे रूम की अलमारी के ड्रॉर मे कंडोम रखा था??

राघव ने शेखर एक और मुक्का मारा याद है उस दिन कपड़े ढूंढते हुए राघव को ड्रॉर मे कुछ मिला था वो कंडोम का पैकेट था और कल रात ही राघव को पता चला था के वो शेखर ने रखा था जब शेखर ने उसे ड्रॉर चेक करने कहा था लेकिन तब राघव बोल नहीं पाया था

शेखर – आउच भाई!! मैंने तो बस अच्छे के लिए सोचा था

राघव- मेरा अच्छा बुरा मैं देख लूँगा तुमको कुछ नहीं करना है

राघव ने उसे टपली मारते हुए कहा

शेखर- खुद देख लेंगे मतलब आप खुद जाएंगे खरीदने

राघव- चुप रह यार और अब अपना मूह बंद करो और पहले मेरी बात सुनो

राघव ने शेखर को चुप कराया और शेखर ने भी मुह पर उंगली रख ली

राघव- मैं चाहता हु तुम घर के सब लोगों को दोपहर के पहले बाहर लेकर जाओ और शाम तक वापिस मत आना नया बेड बुलाया है और इससे पहले तुम पूछो क्यू तो कल रात हमारा पलंग टूट गया था इसिलीये

राघव की बात सुन शेखर ने चेहरे पर शरारती मुस्कान आ गई जिसे देख राघव बोला

राघव- ओ भाई मेरे अपने दिमाग के घोड़े मत दौडा वो नेहा भाग रही थी रूम मे और बेड पर गिर गई और टूट गया वो

शेखर- उम्म हम्ममम् हम्म

राघव- क्या? उंगली हटा कर क्लियर बोलो?

शेखर- नहीं मैं कह रहा था भाभी भाग क्यू रही थी और आपकी कन्डिशन भी कुछ सही नहीं थी

शेखर ने राघव को देखते हुए पूछा और अब राघव को उसे सब सच बताना ही था वरना वो चुप होने वाला नहीं था और सब सुनने के बाद शेखर का मुह खुला रह गया

शेखर- लेकिन भाई...

राघव- बस अब और कोई सवाल नहीं जितना बोला है उतना करो वरना तुम जानते हो मैं क्या कर सकता हु

शेखर- धमकी मत दो ऐसा क्या ही कर लोगे जाओ नही करता आपका काम

राघव- अच्छा बेटा तो श्वेता को बात दु के तुम कॉकरोच से कितना डरते हो तो?

और अब राघव की बात सुन शेखर उसे हैरानी और डर से देखने लगा और अब जो शरारती मुस्कान कुछ पल पहले शेखर के चेहरे पर थी वही राघव के चेहरे पर थी

शेखर- भाई नहीं आप ऐसा नहीं करोगे, श्वेता के सामने मैंने हमेशा अपने को ब्रैव दिखाया है वो प्यार से कभी कभी स्पाइडरमॅन बोलती है मुझे उसे पता चला उसका स्पाइडरमॅन कॉकरोच से डरता है तो बहूत चिढ़ाएगी वो

राघव- तो जितना बोला है उतना कर

शेखर- हा ठीक है जा रहा हु

इतना बोल के शेखर वहा से निकल गया.......

क्रमश:
 

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Update 49




शिवशंकर- अब ऐसे पुतले की तरह ही बैठोगे या कुछ बोलोगे

दादू ने राघव को देखते हुए कहा वही शेखर इस पूरे ड्रामे को एंजॉय कर रहा था और मन ही मन दुआ कर रहा था के घरवाले और सवाल करे वही श्वेता ने अपनी हसी कंट्रोल करते हुए नेहा को देखा तो उसने अपना सर झुकाया हुआ था और उसके गाल लाल हो रखे थे शर्म के मारे वही अब सब लोग राघव के जवाब की राह देख रहे थे राघव को देख रहे थे के वो क्या बोलेगा..

राघव- वो दादू एक्चुअली... वो चूहा!! हा चूहा! पता नहीं रात मे कहा से कमरे मे चूहा घुस गया था और नेहा उसे देख घबरा गई थी और इधर उधर भाग रही थी

राघव ने नर्वस स्माइल के साथ कहा लेकिन घरवालों को उसपर यकीन ही नहीं हो रहा था और अब वो नेहा को देखने लगे जिससे नेहा की धड़कने बढ़ गई

गायत्री- नेहा क्या ये सच है??

दादी ने नेहा से पूछा क्युकी राघव भले ही कुछ बोल ले नेहा झूठ नहीं बोलेगी

नेहा- जी... जी दादीजी

नेहा ने नीचे देखते हुए कहा

जानकी- पता नहीं ये चूहा कहा से घुस आया है घर मे आज तो तुम्हारे रूम मे चूहे मारने की दवा डलवानी पड़ेगी

जानकी जी ने कहा वही राघव अब वहा और नहीं रुकना चाहता था

राघव- मुझे.... मुझे चलना चाहिए लेट हो रहा है

राघव ने सबकी नजरों को अवॉइड करते हुए कहा और और नेहा को भी इशारा किया और वहा से उठ गया और जल्द ही वो लोग अपनी कन्फ्यूज़ फॅमिली को पीछे छोड़ ऑफिस के लिए निकल गए

घर से बाहर आकार और कार मे बैठते ही राघव ने राहत की सास ली वही शर्म के मारे नेहा उसे देख भी नहीं रही थी ना ही राघव उसे देख रहा था और जैसे ही वो लोग ऑफिस पहुचे राघव अचानक चीखा

राघव- शीट!!!!!

नेहा- क्या... क्या हुआ ??

राघव- मॉम हमारे रूम मे चूहे मारने की दवा डालने वाली है

नेहा- तो?

राघव- तो?? हमारा बेड टूटा हुआ है

और राघव की बात सुन नेहा की भी आंखे बड़ी हो गई

नेहा- अब क्या करे??

राघव- मुझे नहीं पता, हमे कैसे भी करके किसी को पता चले बगैर बेड रिप्लेस करना होगा

नेहा- लेकिन कैसे??

राघव- वो सोचते है पहले चलो पलंग खरीदना है

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ते हुए कहा लेकिन नेहा ने उसे रोक दिया

नेहा- हमे क्यू जाना है आप ऑर्डर कर दीजिए ना??

राघव- और अगर वो सही नहीं आया तो? और जल्दी वापिस टूट गया तो??

नेहा- मैं.. मैं नहीं जा रही कही आप किसी एम्प्लोयी को भेज दीजिए चेक करने

राघव- क्यू??

नेहा- मुझे नहीं पसंद पलंग खरीदना

नेहा ने उसके जो दिमाग मे आया बोल दिया अब वो क्यू बोला ये वो भी नहीं जानती थी

राघव- ठीक है रुको यही मैं किसी और के साथ चला जाऊंगा

राघव ने कहा और जैसे ही उसने ये कहा उसने मन ही मन अपना माथा पीट लिया

नेहा- किसी और के साथ जाकर तो दिखाइए बेड पर सोने लायक नहीं छोड़ूँगी

नेहा ने एकदम गुस्से मे कहा वही राघव एक कदम पीछे हट गया उसके गुस्से से

राघव- ठीक है ठीक है किसी से कह देता हु, मैं नहीं जा रहा कही ही ही

नेहा ने फिर अपने को शांत करने के लिए एक लंबी सास ली वही राघव उससे थोड़ा पीछे सरका

राघव- तो मार्केटिंग के लेसन शुरू करे?? नहीं मतलब तुम कहो तो, कोई जल्दी नहीं है

राघव ने नेहा को देखते हुए कहा जिसपर नेहा ने हा मे गर्दन हिला दी और राघव उसे मार्केटिंग सीखाने लगा

राघव ने बेसिक से शुरुवात की और नेहा भी बड़े गौर से सब सुन रही थी और उसे पढ़ाते हुए राघव एकदम सीरीअस था नेहा को ऐसा लगा जैसे पढ़ाते टाइम पुराना राघव उसके सामने था, कुछ समय बाद नेहा को बोर होने लगा था और वो उबासिया लेते हुए जिस नॉवेल को वो पढ़ रही थी उसकी स्टोरी कर बारे मे सोच रही थी

राघव- इट सीम्स के तुम्हें इसमे कोई इंटरेस्ट नहीं है

राघव ने अपने हाथ बांधे नेहा से पूछा

नेहा- आप कबसे लगातार पढ़ाए जा रहे है एक ब्रेक तो ले लीजिए

राघव- तुम जानती हो ना मैं अपना काम छोड़ के तुम्हें पढ़ा रहा हु

नेहा- तो वो कीजिए ना हम इसे बाद मे कन्टिन्यू करेंगे तब तक मैं ऑफिस घूम आती हु

नेहा ने अपनी जगह पर से उठते हुए कहा तभी राघव के फोन पर एक मैसेज आया

राघव- पलंग ले लिया गया है दोपहर तक डिलिवर हो जाएगा

राघव ने नेहा से कहा

नेहा- अब क्या करना है?

नेहा ने अपने नाखून चबाते हुए राघव से पूछा और राघव ने उसका हाथ पकड़ के उसे रोका

राघव - पहले तो हर बार ये नाखून चबाना बंद करो

फिर राघव ने एक बंदे को कॉल लगाया और कैबिन मे आने कहा और जल्द ही शेखर एक स्माइल के साथ उसके कैबिन मे था

शेखर- हा भाई आपने बुलाया

राघव- हा मुझे तुम्हारी एक हेल्प चाहिए

शेखर- कुछ चाहीये क्या आपको मैं कुछ देर...

राघव- शट अप शेखर पहले सुन तो लो

राघव शेखर पर चिल्लाया और फिर नेहा से बोला

राघव- तुम्हें बाहर जाना था न ? जाओ मैं कुछ देर मे बुलाता हु तुम्हें

नेहा- लेकिन...

राघव- मैं कर लूँगा सारी बात तुम जाओ अभी बाद मे मैं जाने नहीं दूंगा

शेखर- अहम अहम!! भाई क्या चाहिए आपको?

लेकिन राघव ने अभी उसे इग्नोर लिया और नेहा की ओर देखा जो वहा से चली तो गई थी लेकिन कैबिन मे ही थी

राघव- नेहा मैं बता रहा हु अभी तुम नहीं गई तो बाद मे कोई ब्रेक नहीं मिलेगा

जिसके बाद उन्हे दरवान बंद होने का आवाज आज जिसके बाद राघव शेखर की ओर मुडा

शेखर- ओह हो नॉट बैड

राघव- शट अप शेखर!

राघव ने इतना कहा और शेखर के पेट मे एक मुक्का जड़ दिया

शेखर- आउच भाई क्या कर रहे हो!!

राघव- तो वो तू था जिसने मेरे रूम की अलमारी के ड्रॉर मे कंडोम रखा था??

राघव ने शेखर एक और मुक्का मारा याद है उस दिन कपड़े ढूंढते हुए राघव को ड्रॉर मे कुछ मिला था वो कंडोम का पैकेट था और कल रात ही राघव को पता चला था के वो शेखर ने रखा था जब शेखर ने उसे ड्रॉर चेक करने कहा था लेकिन तब राघव बोल नहीं पाया था

शेखर – आउच भाई!! मैंने तो बस अच्छे के लिए सोचा था

राघव- मेरा अच्छा बुरा मैं देख लूँगा तुमको कुछ नहीं करना है

राघव ने उसे टपली मारते हुए कहा

शेखर- खुद देख लेंगे मतलब आप खुद जाएंगे खरीदने

राघव- चुप रह यार और अब अपना मूह बंद करो और पहले मेरी बात सुनो

राघव ने शेखर को चुप कराया और शेखर ने भी मुह पर उंगली रख ली

राघव- मैं चाहता हु तुम घर के सब लोगों को दोपहर के पहले बाहर लेकर जाओ और शाम तक वापिस मत आना नया बेड बुलाया है और इससे पहले तुम पूछो क्यू तो कल रात हमारा पलंग टूट गया था इसिलीये

राघव की बात सुन शेखर ने चेहरे पर शरारती मुस्कान आ गई जिसे देख राघव बोला

राघव- ओ भाई मेरे अपने दिमाग के घोड़े मत दौडा वो नेहा भाग रही थी रूम मे और बेड पर गिर गई और टूट गया वो

शेखर- उम्म हम्ममम् हम्म

राघव- क्या? उंगली हटा कर क्लियर बोलो?

शेखर- नहीं मैं कह रहा था भाभी भाग क्यू रही थी और आपकी कन्डिशन भी कुछ सही नहीं थी

शेखर ने राघव को देखते हुए पूछा और अब राघव को उसे सब सच बताना ही था वरना वो चुप होने वाला नहीं था और सब सुनने के बाद शेखर का मुह खुला रह गया

शेखर- लेकिन भाई...

राघव- बस अब और कोई सवाल नहीं जितना बोला है उतना करो वरना तुम जानते हो मैं क्या कर सकता हु

शेखर- धमकी मत दो ऐसा क्या ही कर लोगे जाओ नही करता आपका काम

राघव- अच्छा बेटा तो श्वेता को बात दु के तुम कॉकरोच से कितना डरते हो तो?

और अब राघव की बात सुन शेखर उसे हैरानी और डर से देखने लगा और अब जो शरारती मुस्कान कुछ पल पहले शेखर के चेहरे पर थी वही राघव के चेहरे पर थी

शेखर- भाई नहीं आप ऐसा नहीं करोगे, श्वेता के सामने मैंने हमेशा अपने को ब्रैव दिखाया है वो प्यार से कभी कभी स्पाइडरमॅन बोलती है मुझे उसे पता चला उसका स्पाइडरमॅन कॉकरोच से डरता है तो बहूत चिढ़ाएगी वो

राघव- तो जितना बोला है उतना कर

शेखर- हा ठीक है जा रहा हु

इतना बोल के शेखर वहा से निकल गया.......

क्रमश:
nice and beautiful update
 

raman chopra

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Update 49




शिवशंकर- अब ऐसे पुतले की तरह ही बैठोगे या कुछ बोलोगे

दादू ने राघव को देखते हुए कहा वही शेखर इस पूरे ड्रामे को एंजॉय कर रहा था और मन ही मन दुआ कर रहा था के घरवाले और सवाल करे वही श्वेता ने अपनी हसी कंट्रोल करते हुए नेहा को देखा तो उसने अपना सर झुकाया हुआ था और उसके गाल लाल हो रखे थे शर्म के मारे वही अब सब लोग राघव के जवाब की राह देख रहे थे राघव को देख रहे थे के वो क्या बोलेगा..

राघव- वो दादू एक्चुअली... वो चूहा!! हा चूहा! पता नहीं रात मे कहा से कमरे मे चूहा घुस गया था और नेहा उसे देख घबरा गई थी और इधर उधर भाग रही थी

राघव ने नर्वस स्माइल के साथ कहा लेकिन घरवालों को उसपर यकीन ही नहीं हो रहा था और अब वो नेहा को देखने लगे जिससे नेहा की धड़कने बढ़ गई

गायत्री- नेहा क्या ये सच है??

दादी ने नेहा से पूछा क्युकी राघव भले ही कुछ बोल ले नेहा झूठ नहीं बोलेगी

नेहा- जी... जी दादीजी

नेहा ने नीचे देखते हुए कहा

जानकी- पता नहीं ये चूहा कहा से घुस आया है घर मे आज तो तुम्हारे रूम मे चूहे मारने की दवा डलवानी पड़ेगी

जानकी जी ने कहा वही राघव अब वहा और नहीं रुकना चाहता था

राघव- मुझे.... मुझे चलना चाहिए लेट हो रहा है

राघव ने सबकी नजरों को अवॉइड करते हुए कहा और और नेहा को भी इशारा किया और वहा से उठ गया और जल्द ही वो लोग अपनी कन्फ्यूज़ फॅमिली को पीछे छोड़ ऑफिस के लिए निकल गए

घर से बाहर आकार और कार मे बैठते ही राघव ने राहत की सास ली वही शर्म के मारे नेहा उसे देख भी नहीं रही थी ना ही राघव उसे देख रहा था और जैसे ही वो लोग ऑफिस पहुचे राघव अचानक चीखा

राघव- शीट!!!!!

नेहा- क्या... क्या हुआ ??

राघव- मॉम हमारे रूम मे चूहे मारने की दवा डालने वाली है

नेहा- तो?

राघव- तो?? हमारा बेड टूटा हुआ है

और राघव की बात सुन नेहा की भी आंखे बड़ी हो गई

नेहा- अब क्या करे??

राघव- मुझे नहीं पता, हमे कैसे भी करके किसी को पता चले बगैर बेड रिप्लेस करना होगा

नेहा- लेकिन कैसे??

राघव- वो सोचते है पहले चलो पलंग खरीदना है

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ते हुए कहा लेकिन नेहा ने उसे रोक दिया

नेहा- हमे क्यू जाना है आप ऑर्डर कर दीजिए ना??

राघव- और अगर वो सही नहीं आया तो? और जल्दी वापिस टूट गया तो??

नेहा- मैं.. मैं नहीं जा रही कही आप किसी एम्प्लोयी को भेज दीजिए चेक करने

राघव- क्यू??

नेहा- मुझे नहीं पसंद पलंग खरीदना

नेहा ने उसके जो दिमाग मे आया बोल दिया अब वो क्यू बोला ये वो भी नहीं जानती थी

राघव- ठीक है रुको यही मैं किसी और के साथ चला जाऊंगा

राघव ने कहा और जैसे ही उसने ये कहा उसने मन ही मन अपना माथा पीट लिया

नेहा- किसी और के साथ जाकर तो दिखाइए बेड पर सोने लायक नहीं छोड़ूँगी

नेहा ने एकदम गुस्से मे कहा वही राघव एक कदम पीछे हट गया उसके गुस्से से

राघव- ठीक है ठीक है किसी से कह देता हु, मैं नहीं जा रहा कही ही ही

नेहा ने फिर अपने को शांत करने के लिए एक लंबी सास ली वही राघव उससे थोड़ा पीछे सरका

राघव- तो मार्केटिंग के लेसन शुरू करे?? नहीं मतलब तुम कहो तो, कोई जल्दी नहीं है

राघव ने नेहा को देखते हुए कहा जिसपर नेहा ने हा मे गर्दन हिला दी और राघव उसे मार्केटिंग सीखाने लगा

राघव ने बेसिक से शुरुवात की और नेहा भी बड़े गौर से सब सुन रही थी और उसे पढ़ाते हुए राघव एकदम सीरीअस था नेहा को ऐसा लगा जैसे पढ़ाते टाइम पुराना राघव उसके सामने था, कुछ समय बाद नेहा को बोर होने लगा था और वो उबासिया लेते हुए जिस नॉवेल को वो पढ़ रही थी उसकी स्टोरी कर बारे मे सोच रही थी

राघव- इट सीम्स के तुम्हें इसमे कोई इंटरेस्ट नहीं है

राघव ने अपने हाथ बांधे नेहा से पूछा

नेहा- आप कबसे लगातार पढ़ाए जा रहे है एक ब्रेक तो ले लीजिए

राघव- तुम जानती हो ना मैं अपना काम छोड़ के तुम्हें पढ़ा रहा हु

नेहा- तो वो कीजिए ना हम इसे बाद मे कन्टिन्यू करेंगे तब तक मैं ऑफिस घूम आती हु

नेहा ने अपनी जगह पर से उठते हुए कहा तभी राघव के फोन पर एक मैसेज आया

राघव- पलंग ले लिया गया है दोपहर तक डिलिवर हो जाएगा

राघव ने नेहा से कहा

नेहा- अब क्या करना है?

नेहा ने अपने नाखून चबाते हुए राघव से पूछा और राघव ने उसका हाथ पकड़ के उसे रोका

राघव - पहले तो हर बार ये नाखून चबाना बंद करो

फिर राघव ने एक बंदे को कॉल लगाया और कैबिन मे आने कहा और जल्द ही शेखर एक स्माइल के साथ उसके कैबिन मे था

शेखर- हा भाई आपने बुलाया

राघव- हा मुझे तुम्हारी एक हेल्प चाहिए

शेखर- कुछ चाहीये क्या आपको मैं कुछ देर...

राघव- शट अप शेखर पहले सुन तो लो

राघव शेखर पर चिल्लाया और फिर नेहा से बोला

राघव- तुम्हें बाहर जाना था न ? जाओ मैं कुछ देर मे बुलाता हु तुम्हें

नेहा- लेकिन...

राघव- मैं कर लूँगा सारी बात तुम जाओ अभी बाद मे मैं जाने नहीं दूंगा

शेखर- अहम अहम!! भाई क्या चाहिए आपको?

लेकिन राघव ने अभी उसे इग्नोर लिया और नेहा की ओर देखा जो वहा से चली तो गई थी लेकिन कैबिन मे ही थी

राघव- नेहा मैं बता रहा हु अभी तुम नहीं गई तो बाद मे कोई ब्रेक नहीं मिलेगा

जिसके बाद उन्हे दरवान बंद होने का आवाज आज जिसके बाद राघव शेखर की ओर मुडा

शेखर- ओह हो नॉट बैड

राघव- शट अप शेखर!

राघव ने इतना कहा और शेखर के पेट मे एक मुक्का जड़ दिया

शेखर- आउच भाई क्या कर रहे हो!!

राघव- तो वो तू था जिसने मेरे रूम की अलमारी के ड्रॉर मे कंडोम रखा था??

राघव ने शेखर एक और मुक्का मारा याद है उस दिन कपड़े ढूंढते हुए राघव को ड्रॉर मे कुछ मिला था वो कंडोम का पैकेट था और कल रात ही राघव को पता चला था के वो शेखर ने रखा था जब शेखर ने उसे ड्रॉर चेक करने कहा था लेकिन तब राघव बोल नहीं पाया था

शेखर – आउच भाई!! मैंने तो बस अच्छे के लिए सोचा था

राघव- मेरा अच्छा बुरा मैं देख लूँगा तुमको कुछ नहीं करना है

राघव ने उसे टपली मारते हुए कहा

शेखर- खुद देख लेंगे मतलब आप खुद जाएंगे खरीदने

राघव- चुप रह यार और अब अपना मूह बंद करो और पहले मेरी बात सुनो

राघव ने शेखर को चुप कराया और शेखर ने भी मुह पर उंगली रख ली

राघव- मैं चाहता हु तुम घर के सब लोगों को दोपहर के पहले बाहर लेकर जाओ और शाम तक वापिस मत आना नया बेड बुलाया है और इससे पहले तुम पूछो क्यू तो कल रात हमारा पलंग टूट गया था इसिलीये

राघव की बात सुन शेखर ने चेहरे पर शरारती मुस्कान आ गई जिसे देख राघव बोला

राघव- ओ भाई मेरे अपने दिमाग के घोड़े मत दौडा वो नेहा भाग रही थी रूम मे और बेड पर गिर गई और टूट गया वो

शेखर- उम्म हम्ममम् हम्म

राघव- क्या? उंगली हटा कर क्लियर बोलो?

शेखर- नहीं मैं कह रहा था भाभी भाग क्यू रही थी और आपकी कन्डिशन भी कुछ सही नहीं थी

शेखर ने राघव को देखते हुए पूछा और अब राघव को उसे सब सच बताना ही था वरना वो चुप होने वाला नहीं था और सब सुनने के बाद शेखर का मुह खुला रह गया

शेखर- लेकिन भाई...

राघव- बस अब और कोई सवाल नहीं जितना बोला है उतना करो वरना तुम जानते हो मैं क्या कर सकता हु

शेखर- धमकी मत दो ऐसा क्या ही कर लोगे जाओ नही करता आपका काम

राघव- अच्छा बेटा तो श्वेता को बात दु के तुम कॉकरोच से कितना डरते हो तो?

और अब राघव की बात सुन शेखर उसे हैरानी और डर से देखने लगा और अब जो शरारती मुस्कान कुछ पल पहले शेखर के चेहरे पर थी वही राघव के चेहरे पर थी

शेखर- भाई नहीं आप ऐसा नहीं करोगे, श्वेता के सामने मैंने हमेशा अपने को ब्रैव दिखाया है वो प्यार से कभी कभी स्पाइडरमॅन बोलती है मुझे उसे पता चला उसका स्पाइडरमॅन कॉकरोच से डरता है तो बहूत चिढ़ाएगी वो

राघव- तो जितना बोला है उतना कर

शेखर- हा ठीक है जा रहा हु

इतना बोल के शेखर वहा से निकल गया.......

क्रमश:
lovely update
 

dhparikh

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शिवशंकर- अब ऐसे पुतले की तरह ही बैठोगे या कुछ बोलोगे

दादू ने राघव को देखते हुए कहा वही शेखर इस पूरे ड्रामे को एंजॉय कर रहा था और मन ही मन दुआ कर रहा था के घरवाले और सवाल करे वही श्वेता ने अपनी हसी कंट्रोल करते हुए नेहा को देखा तो उसने अपना सर झुकाया हुआ था और उसके गाल लाल हो रखे थे शर्म के मारे वही अब सब लोग राघव के जवाब की राह देख रहे थे राघव को देख रहे थे के वो क्या बोलेगा..

राघव- वो दादू एक्चुअली... वो चूहा!! हा चूहा! पता नहीं रात मे कहा से कमरे मे चूहा घुस गया था और नेहा उसे देख घबरा गई थी और इधर उधर भाग रही थी

राघव ने नर्वस स्माइल के साथ कहा लेकिन घरवालों को उसपर यकीन ही नहीं हो रहा था और अब वो नेहा को देखने लगे जिससे नेहा की धड़कने बढ़ गई

गायत्री- नेहा क्या ये सच है??

दादी ने नेहा से पूछा क्युकी राघव भले ही कुछ बोल ले नेहा झूठ नहीं बोलेगी

नेहा- जी... जी दादीजी

नेहा ने नीचे देखते हुए कहा

जानकी- पता नहीं ये चूहा कहा से घुस आया है घर मे आज तो तुम्हारे रूम मे चूहे मारने की दवा डलवानी पड़ेगी

जानकी जी ने कहा वही राघव अब वहा और नहीं रुकना चाहता था

राघव- मुझे.... मुझे चलना चाहिए लेट हो रहा है

राघव ने सबकी नजरों को अवॉइड करते हुए कहा और और नेहा को भी इशारा किया और वहा से उठ गया और जल्द ही वो लोग अपनी कन्फ्यूज़ फॅमिली को पीछे छोड़ ऑफिस के लिए निकल गए

घर से बाहर आकार और कार मे बैठते ही राघव ने राहत की सास ली वही शर्म के मारे नेहा उसे देख भी नहीं रही थी ना ही राघव उसे देख रहा था और जैसे ही वो लोग ऑफिस पहुचे राघव अचानक चीखा

राघव- शीट!!!!!

नेहा- क्या... क्या हुआ ??

राघव- मॉम हमारे रूम मे चूहे मारने की दवा डालने वाली है

नेहा- तो?

राघव- तो?? हमारा बेड टूटा हुआ है

और राघव की बात सुन नेहा की भी आंखे बड़ी हो गई

नेहा- अब क्या करे??

राघव- मुझे नहीं पता, हमे कैसे भी करके किसी को पता चले बगैर बेड रिप्लेस करना होगा

नेहा- लेकिन कैसे??

राघव- वो सोचते है पहले चलो पलंग खरीदना है

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ते हुए कहा लेकिन नेहा ने उसे रोक दिया

नेहा- हमे क्यू जाना है आप ऑर्डर कर दीजिए ना??

राघव- और अगर वो सही नहीं आया तो? और जल्दी वापिस टूट गया तो??

नेहा- मैं.. मैं नहीं जा रही कही आप किसी एम्प्लोयी को भेज दीजिए चेक करने

राघव- क्यू??

नेहा- मुझे नहीं पसंद पलंग खरीदना

नेहा ने उसके जो दिमाग मे आया बोल दिया अब वो क्यू बोला ये वो भी नहीं जानती थी

राघव- ठीक है रुको यही मैं किसी और के साथ चला जाऊंगा

राघव ने कहा और जैसे ही उसने ये कहा उसने मन ही मन अपना माथा पीट लिया

नेहा- किसी और के साथ जाकर तो दिखाइए बेड पर सोने लायक नहीं छोड़ूँगी

नेहा ने एकदम गुस्से मे कहा वही राघव एक कदम पीछे हट गया उसके गुस्से से

राघव- ठीक है ठीक है किसी से कह देता हु, मैं नहीं जा रहा कही ही ही

नेहा ने फिर अपने को शांत करने के लिए एक लंबी सास ली वही राघव उससे थोड़ा पीछे सरका

राघव- तो मार्केटिंग के लेसन शुरू करे?? नहीं मतलब तुम कहो तो, कोई जल्दी नहीं है

राघव ने नेहा को देखते हुए कहा जिसपर नेहा ने हा मे गर्दन हिला दी और राघव उसे मार्केटिंग सीखाने लगा

राघव ने बेसिक से शुरुवात की और नेहा भी बड़े गौर से सब सुन रही थी और उसे पढ़ाते हुए राघव एकदम सीरीअस था नेहा को ऐसा लगा जैसे पढ़ाते टाइम पुराना राघव उसके सामने था, कुछ समय बाद नेहा को बोर होने लगा था और वो उबासिया लेते हुए जिस नॉवेल को वो पढ़ रही थी उसकी स्टोरी कर बारे मे सोच रही थी

राघव- इट सीम्स के तुम्हें इसमे कोई इंटरेस्ट नहीं है

राघव ने अपने हाथ बांधे नेहा से पूछा

नेहा- आप कबसे लगातार पढ़ाए जा रहे है एक ब्रेक तो ले लीजिए

राघव- तुम जानती हो ना मैं अपना काम छोड़ के तुम्हें पढ़ा रहा हु

नेहा- तो वो कीजिए ना हम इसे बाद मे कन्टिन्यू करेंगे तब तक मैं ऑफिस घूम आती हु

नेहा ने अपनी जगह पर से उठते हुए कहा तभी राघव के फोन पर एक मैसेज आया

राघव- पलंग ले लिया गया है दोपहर तक डिलिवर हो जाएगा

राघव ने नेहा से कहा

नेहा- अब क्या करना है?

नेहा ने अपने नाखून चबाते हुए राघव से पूछा और राघव ने उसका हाथ पकड़ के उसे रोका

राघव - पहले तो हर बार ये नाखून चबाना बंद करो

फिर राघव ने एक बंदे को कॉल लगाया और कैबिन मे आने कहा और जल्द ही शेखर एक स्माइल के साथ उसके कैबिन मे था

शेखर- हा भाई आपने बुलाया

राघव- हा मुझे तुम्हारी एक हेल्प चाहिए

शेखर- कुछ चाहीये क्या आपको मैं कुछ देर...

राघव- शट अप शेखर पहले सुन तो लो

राघव शेखर पर चिल्लाया और फिर नेहा से बोला

राघव- तुम्हें बाहर जाना था न ? जाओ मैं कुछ देर मे बुलाता हु तुम्हें

नेहा- लेकिन...

राघव- मैं कर लूँगा सारी बात तुम जाओ अभी बाद मे मैं जाने नहीं दूंगा

शेखर- अहम अहम!! भाई क्या चाहिए आपको?

लेकिन राघव ने अभी उसे इग्नोर लिया और नेहा की ओर देखा जो वहा से चली तो गई थी लेकिन कैबिन मे ही थी

राघव- नेहा मैं बता रहा हु अभी तुम नहीं गई तो बाद मे कोई ब्रेक नहीं मिलेगा

जिसके बाद उन्हे दरवान बंद होने का आवाज आज जिसके बाद राघव शेखर की ओर मुडा

शेखर- ओह हो नॉट बैड

राघव- शट अप शेखर!

राघव ने इतना कहा और शेखर के पेट मे एक मुक्का जड़ दिया

शेखर- आउच भाई क्या कर रहे हो!!

राघव- तो वो तू था जिसने मेरे रूम की अलमारी के ड्रॉर मे कंडोम रखा था??

राघव ने शेखर एक और मुक्का मारा याद है उस दिन कपड़े ढूंढते हुए राघव को ड्रॉर मे कुछ मिला था वो कंडोम का पैकेट था और कल रात ही राघव को पता चला था के वो शेखर ने रखा था जब शेखर ने उसे ड्रॉर चेक करने कहा था लेकिन तब राघव बोल नहीं पाया था

शेखर – आउच भाई!! मैंने तो बस अच्छे के लिए सोचा था

राघव- मेरा अच्छा बुरा मैं देख लूँगा तुमको कुछ नहीं करना है

राघव ने उसे टपली मारते हुए कहा

शेखर- खुद देख लेंगे मतलब आप खुद जाएंगे खरीदने

राघव- चुप रह यार और अब अपना मूह बंद करो और पहले मेरी बात सुनो

राघव ने शेखर को चुप कराया और शेखर ने भी मुह पर उंगली रख ली

राघव- मैं चाहता हु तुम घर के सब लोगों को दोपहर के पहले बाहर लेकर जाओ और शाम तक वापिस मत आना नया बेड बुलाया है और इससे पहले तुम पूछो क्यू तो कल रात हमारा पलंग टूट गया था इसिलीये

राघव की बात सुन शेखर ने चेहरे पर शरारती मुस्कान आ गई जिसे देख राघव बोला

राघव- ओ भाई मेरे अपने दिमाग के घोड़े मत दौडा वो नेहा भाग रही थी रूम मे और बेड पर गिर गई और टूट गया वो

शेखर- उम्म हम्ममम् हम्म

राघव- क्या? उंगली हटा कर क्लियर बोलो?

शेखर- नहीं मैं कह रहा था भाभी भाग क्यू रही थी और आपकी कन्डिशन भी कुछ सही नहीं थी

शेखर ने राघव को देखते हुए पूछा और अब राघव को उसे सब सच बताना ही था वरना वो चुप होने वाला नहीं था और सब सुनने के बाद शेखर का मुह खुला रह गया

शेखर- लेकिन भाई...

राघव- बस अब और कोई सवाल नहीं जितना बोला है उतना करो वरना तुम जानते हो मैं क्या कर सकता हु

शेखर- धमकी मत दो ऐसा क्या ही कर लोगे जाओ नही करता आपका काम

राघव- अच्छा बेटा तो श्वेता को बात दु के तुम कॉकरोच से कितना डरते हो तो?

और अब राघव की बात सुन शेखर उसे हैरानी और डर से देखने लगा और अब जो शरारती मुस्कान कुछ पल पहले शेखर के चेहरे पर थी वही राघव के चेहरे पर थी

शेखर- भाई नहीं आप ऐसा नहीं करोगे, श्वेता के सामने मैंने हमेशा अपने को ब्रैव दिखाया है वो प्यार से कभी कभी स्पाइडरमॅन बोलती है मुझे उसे पता चला उसका स्पाइडरमॅन कॉकरोच से डरता है तो बहूत चिढ़ाएगी वो

राघव- तो जितना बोला है उतना कर

शेखर- हा ठीक है जा रहा हु

इतना बोल के शेखर वहा से निकल गया.......

क्रमश:
Nice update....
 
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Update 49




शिवशंकर- अब ऐसे पुतले की तरह ही बैठोगे या कुछ बोलोगे

दादू ने राघव को देखते हुए कहा वही शेखर इस पूरे ड्रामे को एंजॉय कर रहा था और मन ही मन दुआ कर रहा था के घरवाले और सवाल करे वही श्वेता ने अपनी हसी कंट्रोल करते हुए नेहा को देखा तो उसने अपना सर झुकाया हुआ था और उसके गाल लाल हो रखे थे शर्म के मारे वही अब सब लोग राघव के जवाब की राह देख रहे थे राघव को देख रहे थे के वो क्या बोलेगा..

राघव- वो दादू एक्चुअली... वो चूहा!! हा चूहा! पता नहीं रात मे कहा से कमरे मे चूहा घुस गया था और नेहा उसे देख घबरा गई थी और इधर उधर भाग रही थी

राघव ने नर्वस स्माइल के साथ कहा लेकिन घरवालों को उसपर यकीन ही नहीं हो रहा था और अब वो नेहा को देखने लगे जिससे नेहा की धड़कने बढ़ गई

गायत्री- नेहा क्या ये सच है??

दादी ने नेहा से पूछा क्युकी राघव भले ही कुछ बोल ले नेहा झूठ नहीं बोलेगी

नेहा- जी... जी दादीजी

नेहा ने नीचे देखते हुए कहा

जानकी- पता नहीं ये चूहा कहा से घुस आया है घर मे आज तो तुम्हारे रूम मे चूहे मारने की दवा डलवानी पड़ेगी

जानकी जी ने कहा वही राघव अब वहा और नहीं रुकना चाहता था

राघव- मुझे.... मुझे चलना चाहिए लेट हो रहा है

राघव ने सबकी नजरों को अवॉइड करते हुए कहा और और नेहा को भी इशारा किया और वहा से उठ गया और जल्द ही वो लोग अपनी कन्फ्यूज़ फॅमिली को पीछे छोड़ ऑफिस के लिए निकल गए

घर से बाहर आकार और कार मे बैठते ही राघव ने राहत की सास ली वही शर्म के मारे नेहा उसे देख भी नहीं रही थी ना ही राघव उसे देख रहा था और जैसे ही वो लोग ऑफिस पहुचे राघव अचानक चीखा

राघव- शीट!!!!!

नेहा- क्या... क्या हुआ ??

राघव- मॉम हमारे रूम मे चूहे मारने की दवा डालने वाली है

नेहा- तो?

राघव- तो?? हमारा बेड टूटा हुआ है

और राघव की बात सुन नेहा की भी आंखे बड़ी हो गई

नेहा- अब क्या करे??

राघव- मुझे नहीं पता, हमे कैसे भी करके किसी को पता चले बगैर बेड रिप्लेस करना होगा

नेहा- लेकिन कैसे??

राघव- वो सोचते है पहले चलो पलंग खरीदना है

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ते हुए कहा लेकिन नेहा ने उसे रोक दिया

नेहा- हमे क्यू जाना है आप ऑर्डर कर दीजिए ना??

राघव- और अगर वो सही नहीं आया तो? और जल्दी वापिस टूट गया तो??

नेहा- मैं.. मैं नहीं जा रही कही आप किसी एम्प्लोयी को भेज दीजिए चेक करने

राघव- क्यू??

नेहा- मुझे नहीं पसंद पलंग खरीदना

नेहा ने उसके जो दिमाग मे आया बोल दिया अब वो क्यू बोला ये वो भी नहीं जानती थी

राघव- ठीक है रुको यही मैं किसी और के साथ चला जाऊंगा

राघव ने कहा और जैसे ही उसने ये कहा उसने मन ही मन अपना माथा पीट लिया

नेहा- किसी और के साथ जाकर तो दिखाइए बेड पर सोने लायक नहीं छोड़ूँगी

नेहा ने एकदम गुस्से मे कहा वही राघव एक कदम पीछे हट गया उसके गुस्से से

राघव- ठीक है ठीक है किसी से कह देता हु, मैं नहीं जा रहा कही ही ही

नेहा ने फिर अपने को शांत करने के लिए एक लंबी सास ली वही राघव उससे थोड़ा पीछे सरका

राघव- तो मार्केटिंग के लेसन शुरू करे?? नहीं मतलब तुम कहो तो, कोई जल्दी नहीं है

राघव ने नेहा को देखते हुए कहा जिसपर नेहा ने हा मे गर्दन हिला दी और राघव उसे मार्केटिंग सीखाने लगा

राघव ने बेसिक से शुरुवात की और नेहा भी बड़े गौर से सब सुन रही थी और उसे पढ़ाते हुए राघव एकदम सीरीअस था नेहा को ऐसा लगा जैसे पढ़ाते टाइम पुराना राघव उसके सामने था, कुछ समय बाद नेहा को बोर होने लगा था और वो उबासिया लेते हुए जिस नॉवेल को वो पढ़ रही थी उसकी स्टोरी कर बारे मे सोच रही थी

राघव- इट सीम्स के तुम्हें इसमे कोई इंटरेस्ट नहीं है

राघव ने अपने हाथ बांधे नेहा से पूछा

नेहा- आप कबसे लगातार पढ़ाए जा रहे है एक ब्रेक तो ले लीजिए

राघव- तुम जानती हो ना मैं अपना काम छोड़ के तुम्हें पढ़ा रहा हु

नेहा- तो वो कीजिए ना हम इसे बाद मे कन्टिन्यू करेंगे तब तक मैं ऑफिस घूम आती हु

नेहा ने अपनी जगह पर से उठते हुए कहा तभी राघव के फोन पर एक मैसेज आया

राघव- पलंग ले लिया गया है दोपहर तक डिलिवर हो जाएगा

राघव ने नेहा से कहा

नेहा- अब क्या करना है?

नेहा ने अपने नाखून चबाते हुए राघव से पूछा और राघव ने उसका हाथ पकड़ के उसे रोका

राघव - पहले तो हर बार ये नाखून चबाना बंद करो

फिर राघव ने एक बंदे को कॉल लगाया और कैबिन मे आने कहा और जल्द ही शेखर एक स्माइल के साथ उसके कैबिन मे था

शेखर- हा भाई आपने बुलाया

राघव- हा मुझे तुम्हारी एक हेल्प चाहिए

शेखर- कुछ चाहीये क्या आपको मैं कुछ देर...

राघव- शट अप शेखर पहले सुन तो लो

राघव शेखर पर चिल्लाया और फिर नेहा से बोला

राघव- तुम्हें बाहर जाना था न ? जाओ मैं कुछ देर मे बुलाता हु तुम्हें

नेहा- लेकिन...

राघव- मैं कर लूँगा सारी बात तुम जाओ अभी बाद मे मैं जाने नहीं दूंगा

शेखर- अहम अहम!! भाई क्या चाहिए आपको?

लेकिन राघव ने अभी उसे इग्नोर लिया और नेहा की ओर देखा जो वहा से चली तो गई थी लेकिन कैबिन मे ही थी

राघव- नेहा मैं बता रहा हु अभी तुम नहीं गई तो बाद मे कोई ब्रेक नहीं मिलेगा

जिसके बाद उन्हे दरवान बंद होने का आवाज आज जिसके बाद राघव शेखर की ओर मुडा

शेखर- ओह हो नॉट बैड

राघव- शट अप शेखर!

राघव ने इतना कहा और शेखर के पेट मे एक मुक्का जड़ दिया

शेखर- आउच भाई क्या कर रहे हो!!

राघव- तो वो तू था जिसने मेरे रूम की अलमारी के ड्रॉर मे कंडोम रखा था??

राघव ने शेखर एक और मुक्का मारा याद है उस दिन कपड़े ढूंढते हुए राघव को ड्रॉर मे कुछ मिला था वो कंडोम का पैकेट था और कल रात ही राघव को पता चला था के वो शेखर ने रखा था जब शेखर ने उसे ड्रॉर चेक करने कहा था लेकिन तब राघव बोल नहीं पाया था

शेखर – आउच भाई!! मैंने तो बस अच्छे के लिए सोचा था

राघव- मेरा अच्छा बुरा मैं देख लूँगा तुमको कुछ नहीं करना है

राघव ने उसे टपली मारते हुए कहा

शेखर- खुद देख लेंगे मतलब आप खुद जाएंगे खरीदने

राघव- चुप रह यार और अब अपना मूह बंद करो और पहले मेरी बात सुनो

राघव ने शेखर को चुप कराया और शेखर ने भी मुह पर उंगली रख ली

राघव- मैं चाहता हु तुम घर के सब लोगों को दोपहर के पहले बाहर लेकर जाओ और शाम तक वापिस मत आना नया बेड बुलाया है और इससे पहले तुम पूछो क्यू तो कल रात हमारा पलंग टूट गया था इसिलीये

राघव की बात सुन शेखर ने चेहरे पर शरारती मुस्कान आ गई जिसे देख राघव बोला

राघव- ओ भाई मेरे अपने दिमाग के घोड़े मत दौडा वो नेहा भाग रही थी रूम मे और बेड पर गिर गई और टूट गया वो

शेखर- उम्म हम्ममम् हम्म

राघव- क्या? उंगली हटा कर क्लियर बोलो?

शेखर- नहीं मैं कह रहा था भाभी भाग क्यू रही थी और आपकी कन्डिशन भी कुछ सही नहीं थी

शेखर ने राघव को देखते हुए पूछा और अब राघव को उसे सब सच बताना ही था वरना वो चुप होने वाला नहीं था और सब सुनने के बाद शेखर का मुह खुला रह गया

शेखर- लेकिन भाई...

राघव- बस अब और कोई सवाल नहीं जितना बोला है उतना करो वरना तुम जानते हो मैं क्या कर सकता हु

शेखर- धमकी मत दो ऐसा क्या ही कर लोगे जाओ नही करता आपका काम

राघव- अच्छा बेटा तो श्वेता को बात दु के तुम कॉकरोच से कितना डरते हो तो?

और अब राघव की बात सुन शेखर उसे हैरानी और डर से देखने लगा और अब जो शरारती मुस्कान कुछ पल पहले शेखर के चेहरे पर थी वही राघव के चेहरे पर थी

शेखर- भाई नहीं आप ऐसा नहीं करोगे, श्वेता के सामने मैंने हमेशा अपने को ब्रैव दिखाया है वो प्यार से कभी कभी स्पाइडरमॅन बोलती है मुझे उसे पता चला उसका स्पाइडरमॅन कॉकरोच से डरता है तो बहूत चिढ़ाएगी वो

राघव- तो जितना बोला है उतना कर

शेखर- हा ठीक है जा रहा हु

इतना बोल के शेखर वहा से निकल गया.......

क्रमश:
Veri nyc stori dear
 
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