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pati patni ka super update
master piece update. bahut sundar lekhan
boss maza aa gaya.
super se bhi uper super wala update
Thank you so muchsuper funny and emotional update
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Bahut hi badhiya update diya hai Adirshi bhai...Update 56
राघव नेहा को सबसे दूर लेके आया था ताकि अकेले मे उसके साथ कुछ प्यार भारी बाते कर ले लेकिन तभी देशपांडे वाडे के गेट से एक शक्स की एंट्री हुई जिसे देख राघव अपनी जगह पर जम गया उससे भी ज्यादा हैरत उसे तब हुई जब उसने देखा के उसके पापा रमाकांत उस इंसान का स्वागत कर रहे थे और उनके साथ शेखर था
उस शक्स को देख राघव का दिमाग एकदम ब्लैंक हो गया उसके दिमाग मे पुरानी यादें चलने लगी वो नेहा से एकदम दूर हो गया वही अचानक राघव में आए इस बदलाव का कारण नेहा को समझ नहीं आ रहा था राघव नेहा से बगैर एक शब्द कहे वहा से चला गया वही नेहा को इस तरह उसके ऐसे बर्ताव का कारण समझ नहीं आ रहा था वो राघव को आवाज देते हुए उसके पीछे भागी तब तक जब तक वो घर के दूसरे कोने मे नहीं पहुचे राघव की आंखे एकदम लाल हो गई थी और उसे ऐसे देख नेहा को और चिंता होने लगी
नेहा- राघव क्या हुआ है आपको?
नेहा ने अपने हाथों से राघव का चेहरा थामते हुए उससे पूछा और राघव ने एकदम से उसे गले लगा लिया वो भी एकदम कस कर
नेहा- अचानक क्या हुआ आपको बताइए मुझे?
नेहा ने राघव की पीठ सहलाते हुए उससे पूछा
राघव- वो... वो है यहा जिससे मैं जिंदगी मे कभी नहीं मिलना चाहता था वो यही है मैंने देखो उसे
राघव बहुत ज्यादा नर्वस था उसकी साँसे भी तेज चल रही थी वही राघव की बात सुन नेहा समझ चुकी थी के वो किस बारे मे बात कर रहा है
नेहा- मैं जानती हु राघव, सब जानती हु
नेहा ने कहा जिसे सुन राघव ने उसे अपने से अलग किया और कन्फ़्युशन मे उसे देखने लगा
राघव- तुम.. तुम जानती हो?
नेहा- हा! शेखर ने बताया उस दिन जब मैं ऑफिस से रोते हुए घर आई थी
अब राघव के दिमाग मे सब क्लियर था कैसे उस दिन के बाद नेहा में एकदम बदलाव आया था वो डरी हुई नेहा और बोल्ड नेहा, उनके रिश्ते मे भी उसी दिन से बदलाव आया था वो नेहा को देखने लगा
राघव- तुम सब जानती थी लेकिन फिर भी मुझे कुछ नहीं बताया?
नेहा- मुझे लगा आप वापिस उन बातों मे उलझ जाएंगे इसीलिए काभी ये बात छेड़ी ही नहीं लेकिन उससे आपको हर्ट नहीं करना था मुझे
नेहा की बात सुन राघव कुछ नहीं बोला वो अपने ही खयालों मे गुम था नेहा ने उसे पुकारा तब जाकर वो अपने खयालों से बाहर आया उसने अपने चेहरे से नेहा का हाथ हटाया और पीछे हटने लगा
नेहा- क्या हुआ कहा जा रहे है आप
राघव- मुझे.... मुझे थोड़ा वक्त चाहिए नेहा मेरा दिमाग अभी जगह पर नहीं है और प्लीज मुझे रोकना मत
इतना बोल राघव वहा से चला गया और नेहा बस उसे जाते हुए देखती रही
‘है बप्पा इनकी रक्षा करना, सब ठीक कर देना’ नेहा ने मन ही मन प्रार्थना की
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राघव ने अपनी गाड़ी निकाली और घर से दूर निकल गया उसके दिमाग मे इस वक्त बहुत कुछ चल रहा था और जब वो एक सुनसान जगह पर पहुचा उसने गाड़ी रोकी और बाहर आया, उसे कुछ घुटन सी महसूस हो रही थी उसने अपने कुर्ते के ऊपर के 3 बटन खोले उसके दिमाग मे लोगों की आवाजे गूंज रही थी
“राघव यू आर अ लूसर”
“सब तुम्हारी वजह से हुआ है”
“ये तो साला है ही मनहूस”
“इसके साथ कभी कोई खुश नहीं रह पाएगा”
“अरे तभी तो इसका कोई दोस्त नहीं है”
“किलर...”
राघव- नहीं!! नहीं!!! नहीं!!
राघव अपने दोनों कानों पर हाथ रख जोर से चीखा वो पसीने से पूरा तरबतर था और उसकी साँसे भी तेज चल रही थी और वो अपनी गर्दन बार बार ना मे हिला रहा था
राघव- ये तुमने सही नहीं किया नेहा!! तुम्हें मुझे ये बात बता देनी चाहिए थी के तुम मुझ पर तरस खा रही हो इसीलिए मेरे साथ हो मेरे पास्ट की वजह से
राघव अपने घुटनों पर बैठ गया, उसकी आंखे नम हो गई थी और जैसे ही उसने अपनी आंखे बंद की वो उन्ही यादों मे खो गया
इधर घर मे नेहा इधर से उधर चक्कर काट रही थी रात के 1 बज रहे थे और राघव अभी तक लौटा नहीं था और नेहा को अब उसकी चिंता होने लगी थी वो कई बार राघव को कॉल लगा चुकी थी लेकिन राघव ने किसी कॉल का जवाब नहीं दिया था नेहा ने घरवालों के सामने तो जैसे तैसे राघव के काम का बहाना बना दिया था लेकिन चिंता के मारे उसका दिल इसवक्त जोरों से धडक रहा था उसने दोबारा राघव को कॉल लगाया लेकिन इस बार उसे फोन की रिंगटोन भी सुनाई दी देखा तो राघव आ चुका था
नेहा- कहा थे आप? और मेरा फोन क्यू नहीं उठा रहे थे? आप ठीक है ना??
बदले मे राघव ने बस हा मे गर्दन हिला दी और अपने रूम मे चला गया और उसके पीछे पीछे नेहा भी, राघव का उतरा हुआ चेहरा नेहा से देखा नहीं जा रहा था उसके दिमाग मे भी इसवक्त बहुत सी बाते चल रही थी और उसकी तंद्री तब टूटी जब राघव उसके बाजू मे आकार बैठा नेहा ने बेड पर उसके लिए जगह बनाई और राघव लेट गया
नेहा- राघव, आप ठीक है?
राघव- मैं ठीक हु नेहा बस थका हुआ हु सोना चाहता हु
राघव की बात सुन नेहा ने भी फिर किसी बात पर जोर नहीं दिया और राघव से लिपट कर सो गई
अगली सुबह जब नेहा की आँख खुली तो राघव वहा नहीं था नेहा ने राघव को बाद मे पूरे घर मे ढूंढा लेकिन वो उसे कही नहीं दिखा और जब नेहा ने राघव को कॉल करने के लिए अपना फोन खोला तो उसने राघव का मैसेज था
‘अर्जन्ट मीटिंग मे हु’
बस। सिर्फ चार शब्द उसने उसे भेजे थे बदले मे नेहा ने उसे घर जल्दी आने के लिए कहा जिसे रिप्लाइ मे राघव बस इतना बोला के ‘कह नहीं सकता कोशिश करूंगा’
नेहा को राघव के रिप्लाइज कुछ रूखे से उखड़े से लग रहे थे उसके अतीत के खयाल अब तक उसे तंग कर थे और नेहा का अब राघव से बात करना जरूरी था उसने राघव के घर आने के बाद उससे बात करने का फैसला किया लेकिन राघव उसके बाद घर आया ही नहीं
राघव इसवक्त बिल्कुल भी नेहा के सामने नहीं जाना चाहता था, उसे ये बात सबसे ज्यादा तकलीफ दे रही थी के उसकी चिक्की उसके अतीत की वजह से अबतक बस उसपर तरस खा रही थी। उसने ऑफिस से ही धनंजयजी को बता दिया था के वो 7 दिनों के लिए किसी बिजनस ट्रिप पर जा रहा है न तो उसने नेहा को कॉल किया न उसके कॉल का जवाब दिया, नेहा राघव के इस बर्ताव से बहुत खफा थी लेकिन वो ये भी जानती थी के वो तकलीफ मे था और अब उसे सब सही करना था।
आज 5 दिन हो चुके थे और अब राघव को ये सब फेस करना ही था
नेहा- शेखर अपने भाई को कॉल लगाओ
नेहा ने शेखर के रूम मे जाते हुए कहा,
शेखर- क्या हुआ भाभी
नेहा- अपने भाई को कॉल लगाओ और उनसे आज के आज वापिस आने कहो
शेखर- लेकिन भाभी भाई कभी कोई डील अधूरी छोड़ के नहीं आएगा
नेहा- उनसे कहो मेरी हालत बहुत खराब है और मुझे वो मेरी आँखों के सामने चाहिए
शेखर- भाभी सब ठीक है ना??
नेहा- जो ठीक नहीं है वो हो जाएगा
शेखर ने राघव को कॉल लगाया लेकिन राघव ने उसका कॉल नहीं उठाया और जब 5-6 बार ऐसा हुआ तो
नेहा- तुम्हारे पास उनके दोस्त विशाल का नंबर है
शेखर- हा
नेहा- वो विशाल के साथ होंगे विशाल को कॉल करो
जिसके बाद शेखर ने विशाल को कॉल किया और विशाल ने एक झटके मे कॉल उठाया
विशाल- हा शेखर बोलो
शेखर- भाई राघव भैया आपके साथ है?
शेखर की बात सुन विशाल ने उसके साथ बैठे राघव को देखा लेकिन कुछ नहीं बोला राघव ने उसे फोन स्पीकर पर रखने कहा
शेखर- है या नहीं मैं नहीं जानता वो बस हमारे किसी कॉल का जवाब नहीं दे रहे है अगर आपका उनसे कॉन्टेक्ट हो तो कहना के भाभी...
बोलते बोलते शेखर रुका वही राघव के कान भी फोन पर जम गए
शेखर- भाभी की तबीयत बहुत खराब है उनकी कन्डिशन...
लेकिन शेखर आगे कुछ कहता उससे पहले ही राघव ने विशाल से फोन लिया
राघव- क्या हुआ नेहा को?? शेखर क्या हुआ है उसे? वो ठीक है ना? टेल मि डैमइट
राघव की आवाज मे चिंता साफ थी, वो भले नेहा को अवॉइड कर रहा था सोच रहा था के नेहा बस उसपर तरस खा रही थी लेकिन चिंता तो वो उसकी बहुत करता था आखिर उसे पसंद करता था वो, भले को घर मे किसी से बात नहीं कर रहा था लेकिन जब भी उसकी शेखर या अपने चाचा के बिजनेस रिलेटेड बात होती तो वो उसमे बीचमे नेहा के बारे मे पूछ लेता था। वो भी नेहा से बात करना चाहता था सब क्लियर करना चाहता था लेकिन बस उसे थोड़ा वक्त चाहिए था
राघव- शेखर क्या हुआ है उसे!!
राघव चीखा
शेखर- भाई आप बस जल्द से जल्द घर आ जाओ
जिसके बाद शेखर ने फोन काट दिया और नेहा का प्लान सक्सेस हो गया अब शेखर को इतना करना था के जब भी राघव का फोन आए उसे ना उठाए
नेहा जब अपने रूम मे आई तो एक मिनट मे उसके फोन पर राघव के 5 मिस कॉल आ चुके थे और जितना वो राघव को जानती थी उस हिसाब से राघव अब तक वापिस आने की तयारी शुरू कर चुका होगा
नेहा- अगर ये अभी आने के लिए निकलते है तब भी आधी रात से पहले नहीं पहुच पाएंगे तब तक अपने काम निपटा लेती हु
नेहा ने सोचा मानो ये कोई बड़ी बात ना हो लेकिन अंदर ही अंदर वो बहुत डरी हुई थी, आज बहुत सी चीजों का खुलासा होना था और उसे कोई आइडिया नहीं था के राघव कैसे रीऐक्ट करेगा जब वो यहा पहुचेगा..
इस वक्त रात के 11.30 बज रहे थे घर पर नेहा के अलावा कोई नहीं था बाकी सभी लोग गणपती दर्शन के लिए गए हुए थे और वो 1-2 बजे तक नहीं लौटने वाले थे उन्होंने नेहा से भी चलने कहा लेकिन उसने तबीयत ठीक नहीं है का बहाना बना दिया
नेहा इस वक्त अपने रूम मे बैठी टीवी के चैनल्स बदल रही थी तभी झटके के साथ उसके रूम का दरवाजा खुला और राघव हाफते हुए अंदर आया, राघव को देख नेहा के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई और इससे पहले के नेहा कुछ कहती राघव ने उसे कस के गले लगा लिया, नेहा ने भी राघव को गले से लगाया
राघव ने नेहा को ऐसे पकड़ रखा था मानो उनकी जिंदगी बस नेहा से साथ है वो किसी कीमत पर उसे नहीं खोना चाहता था और नेहा भी राघव की बढ़ी हुई धड़कनों को महसूस कर सकती थी
राघव- तुम ठीक हो?? क्या हुआ है तुम्हें?? शेखर ने कहा था तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है?? बेबी क्या हुआ है??
राघव ने नेहा का चेहरा अपने हाथों मे थामते हुए उसे ऊपर से नीचे देखते हुए पूछा
नेहा- मैं ठीक हु मुझे कुछ नहीं हुआ है मैंने ही शेखर से आपसे झूठ कहने कहा था
नेहा की बात सुन राघव उसे शॉक मे देखने लगा वो बस नेहा पर चिल्लाने ही वाला था के उसे अपना नेहा से किया वादा याद आया के वो कभी उसपर गुस्सा नहीं करेगा और उसके ट्रिप पर जाने का भी यही रीज़न था के वो अपने आप को शांत करना चाहता था उसने नेहा के वादा किया था के बगैर बात करे किसी नतीजे पे नहीं पहुचेगा लेकिन फिर भी उसने अपने मन मे ये धारणा बना ली थी के नेहा को उसपर बस तरस आ रहा था, उसका दिमाग काम नहीं कर रहा था और वो एकदम से नेहा पर अपने सवालों की बारिश नहीं करना चाहता था जिससे नेहा को लगे के वो उसे दोष दे रहा है
राघव- क्यू??
राघव बस एक शब्द बोला, उसकी आवाज मे गुस्सा साफ था जिसे वो कंट्रोल कर रहा था
नेहा- आप मेरे कॉल्स का जवाब क्यू नहीं दे रहे थे?
नेहा के सीधा पॉइंट पर आते हुए सवाल का जवाब मे सवाल किया
राघव- तो इसीलिए शेखर से झूठ कहने कहोगी?? छोटी बच्ची हो क्या!! तुम्हें कोई आइडिया है मेरी क्या हालत हुई
नेहा- वही तो मैं भी जानना चाहती हु, मुझे पता है आप मेरे सवालों से बचने के लिए ही इस ट्रिप पर गए थे, आप मुझे इग्नोर क्यू कर रहे है??
राघव- मैं तुम्हें इग्नोर नहीं कर रहा हु मैं बस.... काम मे बिजी था
राघव ने नेहा से नजरे चुराते हुए कहा
नेहा- राघव मेरी ओर देखिए, आप मुझे उस दिन से इग्नोर कर रहे है, अगर आपके दिमाग मे कुछ चल रहा है तो प्लीज मुझे बताइए मैं हमेशा आपके साथ हु (नेहा ने राघव का हाथ पकड़ा) राघव मेरी ओर...
लेकिन नेहा बोलते बोलते रुकी जब उसने देखा के रघाव की आँखों मे पानी था
राघव- तुम मेरे अतीत की वजह से मुझपर तरस खा रही हो न? ये सब प्यार ये केयर सब मेरे पास्ट की वजह से है
नेहा- नहीं!!! नहीं नहीं!! आप ऐसा कैसे सोच सकते है ऐसा बिल्कुल नहीं है
राघव- तो फिर तुम्हारा बिहेवियर तब ही क्यू बदला जब शेखर ने तुम्हें सब कुछ सच बताया ?
नेहा- अब आप पहले मेरी बात ध्यान से सुनिए! हा शेखर ने मुझे सब बताया है क्युकी मैंने हमारे रिश्ते से सारी उम्मीदें खो दी थी ना तो आप कोशिश कर रहे थे ना ही मैं अब और आगे कुछ करना चाहती थी लेकिन इस रिश्ते को सार्थक करने किसी न किसी को तो कदम बढ़ाना ही था, मुझे फिक्र है आपकी और मुझे पूरा हक है ये जानना का की ऐसी कौनसी बात है जो आपको परेशान करती है और मैं इतना भी बता दु के उस सब मे आपकी कोई गलती नहीं थी आप बहुत बहादुर है राघव
नेहा- मेरा बिहेवियर इसीलिए नहीं बदला क्युकी मुझे आपके अतीत के बारे मे बात चला बल्कि मैं आपको मुझसे मिलाना चाहती थी आपका अतीत जो भी रहा हो मुझे उससे कोई फर्क नहीं पड़ता मुझे फर्क पड़ता है आपसे मुझे आपकी फिक्र है, आई एम सॉरी मुझे ये सब आपसे जानना चाहिए था ना की किसी और से लेकिन सिचूऐशन ही ऐसी थी के शेखर को मुझे सब बताना पड़ा वरना वो मुझे कभी वो बात नहीं बताता
नेहा ने राघव का गाल सहलाते हुए कहा
नेहा- शेखर ने मुझे सब बताया है लेकिन मुझे सब आपसे सुनना है। सब कुछ। शेखर ने मुझे सब सुनी सुनाई बाते बताई है लेकिन मुझे आपसे जानना है के क्या हुआ था, बताइए राघव आपका गुस्सा आपका डर आज सब बाहर आने दीजिए आज यहा आपको जज करने वाला कोई नहीं है आपको अपने डर का सामना करना होगा
राघव बस नेहा को देख रहा था
‘मुझे उसे सब बता देना चाहिए वो मेरी सारी बात मानेगी’ राघव ने मन ही मन सोचा
क्रमश:
Very nice updated broUpdate posted guys
Slow burning updateUpdate 56
राघव नेहा को सबसे दूर लेके आया था ताकि अकेले मे उसके साथ कुछ प्यार भारी बाते कर ले लेकिन तभी देशपांडे वाडे के गेट से एक शक्स की एंट्री हुई जिसे देख राघव अपनी जगह पर जम गया उससे भी ज्यादा हैरत उसे तब हुई जब उसने देखा के उसके पापा रमाकांत उस इंसान का स्वागत कर रहे थे और उनके साथ शेखर था
उस शक्स को देख राघव का दिमाग एकदम ब्लैंक हो गया उसके दिमाग मे पुरानी यादें चलने लगी वो नेहा से एकदम दूर हो गया वही अचानक राघव में आए इस बदलाव का कारण नेहा को समझ नहीं आ रहा था राघव नेहा से बगैर एक शब्द कहे वहा से चला गया वही नेहा को इस तरह उसके ऐसे बर्ताव का कारण समझ नहीं आ रहा था वो राघव को आवाज देते हुए उसके पीछे भागी तब तक जब तक वो घर के दूसरे कोने मे नहीं पहुचे राघव की आंखे एकदम लाल हो गई थी और उसे ऐसे देख नेहा को और चिंता होने लगी
नेहा- राघव क्या हुआ है आपको?
नेहा ने अपने हाथों से राघव का चेहरा थामते हुए उससे पूछा और राघव ने एकदम से उसे गले लगा लिया वो भी एकदम कस कर
नेहा- अचानक क्या हुआ आपको बताइए मुझे?
नेहा ने राघव की पीठ सहलाते हुए उससे पूछा
राघव- वो... वो है यहा जिससे मैं जिंदगी मे कभी नहीं मिलना चाहता था वो यही है मैंने देखो उसे
राघव बहुत ज्यादा नर्वस था उसकी साँसे भी तेज चल रही थी वही राघव की बात सुन नेहा समझ चुकी थी के वो किस बारे मे बात कर रहा है
नेहा- मैं जानती हु राघव, सब जानती हु
नेहा ने कहा जिसे सुन राघव ने उसे अपने से अलग किया और कन्फ़्युशन मे उसे देखने लगा
राघव- तुम.. तुम जानती हो?
नेहा- हा! शेखर ने बताया उस दिन जब मैं ऑफिस से रोते हुए घर आई थी
अब राघव के दिमाग मे सब क्लियर था कैसे उस दिन के बाद नेहा में एकदम बदलाव आया था वो डरी हुई नेहा और बोल्ड नेहा, उनके रिश्ते मे भी उसी दिन से बदलाव आया था वो नेहा को देखने लगा
राघव- तुम सब जानती थी लेकिन फिर भी मुझे कुछ नहीं बताया?
नेहा- मुझे लगा आप वापिस उन बातों मे उलझ जाएंगे इसीलिए काभी ये बात छेड़ी ही नहीं लेकिन उससे आपको हर्ट नहीं करना था मुझे
नेहा की बात सुन राघव कुछ नहीं बोला वो अपने ही खयालों मे गुम था नेहा ने उसे पुकारा तब जाकर वो अपने खयालों से बाहर आया उसने अपने चेहरे से नेहा का हाथ हटाया और पीछे हटने लगा
नेहा- क्या हुआ कहा जा रहे है आप
राघव- मुझे.... मुझे थोड़ा वक्त चाहिए नेहा मेरा दिमाग अभी जगह पर नहीं है और प्लीज मुझे रोकना मत
इतना बोल राघव वहा से चला गया और नेहा बस उसे जाते हुए देखती रही
‘है बप्पा इनकी रक्षा करना, सब ठीक कर देना’ नेहा ने मन ही मन प्रार्थना की
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राघव ने अपनी गाड़ी निकाली और घर से दूर निकल गया उसके दिमाग मे इस वक्त बहुत कुछ चल रहा था और जब वो एक सुनसान जगह पर पहुचा उसने गाड़ी रोकी और बाहर आया, उसे कुछ घुटन सी महसूस हो रही थी उसने अपने कुर्ते के ऊपर के 3 बटन खोले उसके दिमाग मे लोगों की आवाजे गूंज रही थी
“राघव यू आर अ लूसर”
“सब तुम्हारी वजह से हुआ है”
“ये तो साला है ही मनहूस”
“इसके साथ कभी कोई खुश नहीं रह पाएगा”
“अरे तभी तो इसका कोई दोस्त नहीं है”
“किलर...”
राघव- नहीं!! नहीं!!! नहीं!!
राघव अपने दोनों कानों पर हाथ रख जोर से चीखा वो पसीने से पूरा तरबतर था और उसकी साँसे भी तेज चल रही थी और वो अपनी गर्दन बार बार ना मे हिला रहा था
राघव- ये तुमने सही नहीं किया नेहा!! तुम्हें मुझे ये बात बता देनी चाहिए थी के तुम मुझ पर तरस खा रही हो इसीलिए मेरे साथ हो मेरे पास्ट की वजह से
राघव अपने घुटनों पर बैठ गया, उसकी आंखे नम हो गई थी और जैसे ही उसने अपनी आंखे बंद की वो उन्ही यादों मे खो गया
इधर घर मे नेहा इधर से उधर चक्कर काट रही थी रात के 1 बज रहे थे और राघव अभी तक लौटा नहीं था और नेहा को अब उसकी चिंता होने लगी थी वो कई बार राघव को कॉल लगा चुकी थी लेकिन राघव ने किसी कॉल का जवाब नहीं दिया था नेहा ने घरवालों के सामने तो जैसे तैसे राघव के काम का बहाना बना दिया था लेकिन चिंता के मारे उसका दिल इसवक्त जोरों से धडक रहा था उसने दोबारा राघव को कॉल लगाया लेकिन इस बार उसे फोन की रिंगटोन भी सुनाई दी देखा तो राघव आ चुका था
नेहा- कहा थे आप? और मेरा फोन क्यू नहीं उठा रहे थे? आप ठीक है ना??
बदले मे राघव ने बस हा मे गर्दन हिला दी और अपने रूम मे चला गया और उसके पीछे पीछे नेहा भी, राघव का उतरा हुआ चेहरा नेहा से देखा नहीं जा रहा था उसके दिमाग मे भी इसवक्त बहुत सी बाते चल रही थी और उसकी तंद्री तब टूटी जब राघव उसके बाजू मे आकार बैठा नेहा ने बेड पर उसके लिए जगह बनाई और राघव लेट गया
नेहा- राघव, आप ठीक है?
राघव- मैं ठीक हु नेहा बस थका हुआ हु सोना चाहता हु
राघव की बात सुन नेहा ने भी फिर किसी बात पर जोर नहीं दिया और राघव से लिपट कर सो गई
अगली सुबह जब नेहा की आँख खुली तो राघव वहा नहीं था नेहा ने राघव को बाद मे पूरे घर मे ढूंढा लेकिन वो उसे कही नहीं दिखा और जब नेहा ने राघव को कॉल करने के लिए अपना फोन खोला तो उसने राघव का मैसेज था
‘अर्जन्ट मीटिंग मे हु’
बस। सिर्फ चार शब्द उसने उसे भेजे थे बदले मे नेहा ने उसे घर जल्दी आने के लिए कहा जिसे रिप्लाइ मे राघव बस इतना बोला के ‘कह नहीं सकता कोशिश करूंगा’
नेहा को राघव के रिप्लाइज कुछ रूखे से उखड़े से लग रहे थे उसके अतीत के खयाल अब तक उसे तंग कर थे और नेहा का अब राघव से बात करना जरूरी था उसने राघव के घर आने के बाद उससे बात करने का फैसला किया लेकिन राघव उसके बाद घर आया ही नहीं
राघव इसवक्त बिल्कुल भी नेहा के सामने नहीं जाना चाहता था, उसे ये बात सबसे ज्यादा तकलीफ दे रही थी के उसकी चिक्की उसके अतीत की वजह से अबतक बस उसपर तरस खा रही थी। उसने ऑफिस से ही धनंजयजी को बता दिया था के वो 7 दिनों के लिए किसी बिजनस ट्रिप पर जा रहा है न तो उसने नेहा को कॉल किया न उसके कॉल का जवाब दिया, नेहा राघव के इस बर्ताव से बहुत खफा थी लेकिन वो ये भी जानती थी के वो तकलीफ मे था और अब उसे सब सही करना था।
आज 5 दिन हो चुके थे और अब राघव को ये सब फेस करना ही था
नेहा- शेखर अपने भाई को कॉल लगाओ
नेहा ने शेखर के रूम मे जाते हुए कहा,
शेखर- क्या हुआ भाभी
नेहा- अपने भाई को कॉल लगाओ और उनसे आज के आज वापिस आने कहो
शेखर- लेकिन भाभी भाई कभी कोई डील अधूरी छोड़ के नहीं आएगा
नेहा- उनसे कहो मेरी हालत बहुत खराब है और मुझे वो मेरी आँखों के सामने चाहिए
शेखर- भाभी सब ठीक है ना??
नेहा- जो ठीक नहीं है वो हो जाएगा
शेखर ने राघव को कॉल लगाया लेकिन राघव ने उसका कॉल नहीं उठाया और जब 5-6 बार ऐसा हुआ तो
नेहा- तुम्हारे पास उनके दोस्त विशाल का नंबर है
शेखर- हा
नेहा- वो विशाल के साथ होंगे विशाल को कॉल करो
जिसके बाद शेखर ने विशाल को कॉल किया और विशाल ने एक झटके मे कॉल उठाया
विशाल- हा शेखर बोलो
शेखर- भाई राघव भैया आपके साथ है?
शेखर की बात सुन विशाल ने उसके साथ बैठे राघव को देखा लेकिन कुछ नहीं बोला राघव ने उसे फोन स्पीकर पर रखने कहा
शेखर- है या नहीं मैं नहीं जानता वो बस हमारे किसी कॉल का जवाब नहीं दे रहे है अगर आपका उनसे कॉन्टेक्ट हो तो कहना के भाभी...
बोलते बोलते शेखर रुका वही राघव के कान भी फोन पर जम गए
शेखर- भाभी की तबीयत बहुत खराब है उनकी कन्डिशन...
लेकिन शेखर आगे कुछ कहता उससे पहले ही राघव ने विशाल से फोन लिया
राघव- क्या हुआ नेहा को?? शेखर क्या हुआ है उसे? वो ठीक है ना? टेल मि डैमइट
राघव की आवाज मे चिंता साफ थी, वो भले नेहा को अवॉइड कर रहा था सोच रहा था के नेहा बस उसपर तरस खा रही थी लेकिन चिंता तो वो उसकी बहुत करता था आखिर उसे पसंद करता था वो, भले को घर मे किसी से बात नहीं कर रहा था लेकिन जब भी उसकी शेखर या अपने चाचा के बिजनेस रिलेटेड बात होती तो वो उसमे बीचमे नेहा के बारे मे पूछ लेता था। वो भी नेहा से बात करना चाहता था सब क्लियर करना चाहता था लेकिन बस उसे थोड़ा वक्त चाहिए था
राघव- शेखर क्या हुआ है उसे!!
राघव चीखा
शेखर- भाई आप बस जल्द से जल्द घर आ जाओ
जिसके बाद शेखर ने फोन काट दिया और नेहा का प्लान सक्सेस हो गया अब शेखर को इतना करना था के जब भी राघव का फोन आए उसे ना उठाए
नेहा जब अपने रूम मे आई तो एक मिनट मे उसके फोन पर राघव के 5 मिस कॉल आ चुके थे और जितना वो राघव को जानती थी उस हिसाब से राघव अब तक वापिस आने की तयारी शुरू कर चुका होगा
नेहा- अगर ये अभी आने के लिए निकलते है तब भी आधी रात से पहले नहीं पहुच पाएंगे तब तक अपने काम निपटा लेती हु
नेहा ने सोचा मानो ये कोई बड़ी बात ना हो लेकिन अंदर ही अंदर वो बहुत डरी हुई थी, आज बहुत सी चीजों का खुलासा होना था और उसे कोई आइडिया नहीं था के राघव कैसे रीऐक्ट करेगा जब वो यहा पहुचेगा..
इस वक्त रात के 11.30 बज रहे थे घर पर नेहा के अलावा कोई नहीं था बाकी सभी लोग गणपती दर्शन के लिए गए हुए थे और वो 1-2 बजे तक नहीं लौटने वाले थे उन्होंने नेहा से भी चलने कहा लेकिन उसने तबीयत ठीक नहीं है का बहाना बना दिया
नेहा इस वक्त अपने रूम मे बैठी टीवी के चैनल्स बदल रही थी तभी झटके के साथ उसके रूम का दरवाजा खुला और राघव हाफते हुए अंदर आया, राघव को देख नेहा के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई और इससे पहले के नेहा कुछ कहती राघव ने उसे कस के गले लगा लिया, नेहा ने भी राघव को गले से लगाया
राघव ने नेहा को ऐसे पकड़ रखा था मानो उनकी जिंदगी बस नेहा से साथ है वो किसी कीमत पर उसे नहीं खोना चाहता था और नेहा भी राघव की बढ़ी हुई धड़कनों को महसूस कर सकती थी
राघव- तुम ठीक हो?? क्या हुआ है तुम्हें?? शेखर ने कहा था तुम्हारी तबीयत ठीक नहीं है?? बेबी क्या हुआ है??
राघव ने नेहा का चेहरा अपने हाथों मे थामते हुए उसे ऊपर से नीचे देखते हुए पूछा
नेहा- मैं ठीक हु मुझे कुछ नहीं हुआ है मैंने ही शेखर से आपसे झूठ कहने कहा था
नेहा की बात सुन राघव उसे शॉक मे देखने लगा वो बस नेहा पर चिल्लाने ही वाला था के उसे अपना नेहा से किया वादा याद आया के वो कभी उसपर गुस्सा नहीं करेगा और उसके ट्रिप पर जाने का भी यही रीज़न था के वो अपने आप को शांत करना चाहता था उसने नेहा के वादा किया था के बगैर बात करे किसी नतीजे पे नहीं पहुचेगा लेकिन फिर भी उसने अपने मन मे ये धारणा बना ली थी के नेहा को उसपर बस तरस आ रहा था, उसका दिमाग काम नहीं कर रहा था और वो एकदम से नेहा पर अपने सवालों की बारिश नहीं करना चाहता था जिससे नेहा को लगे के वो उसे दोष दे रहा है
राघव- क्यू??
राघव बस एक शब्द बोला, उसकी आवाज मे गुस्सा साफ था जिसे वो कंट्रोल कर रहा था
नेहा- आप मेरे कॉल्स का जवाब क्यू नहीं दे रहे थे?
नेहा के सीधा पॉइंट पर आते हुए सवाल का जवाब मे सवाल किया
राघव- तो इसीलिए शेखर से झूठ कहने कहोगी?? छोटी बच्ची हो क्या!! तुम्हें कोई आइडिया है मेरी क्या हालत हुई
नेहा- वही तो मैं भी जानना चाहती हु, मुझे पता है आप मेरे सवालों से बचने के लिए ही इस ट्रिप पर गए थे, आप मुझे इग्नोर क्यू कर रहे है??
राघव- मैं तुम्हें इग्नोर नहीं कर रहा हु मैं बस.... काम मे बिजी था
राघव ने नेहा से नजरे चुराते हुए कहा
नेहा- राघव मेरी ओर देखिए, आप मुझे उस दिन से इग्नोर कर रहे है, अगर आपके दिमाग मे कुछ चल रहा है तो प्लीज मुझे बताइए मैं हमेशा आपके साथ हु (नेहा ने राघव का हाथ पकड़ा) राघव मेरी ओर...
लेकिन नेहा बोलते बोलते रुकी जब उसने देखा के रघाव की आँखों मे पानी था
राघव- तुम मेरे अतीत की वजह से मुझपर तरस खा रही हो न? ये सब प्यार ये केयर सब मेरे पास्ट की वजह से है
नेहा- नहीं!!! नहीं नहीं!! आप ऐसा कैसे सोच सकते है ऐसा बिल्कुल नहीं है
राघव- तो फिर तुम्हारा बिहेवियर तब ही क्यू बदला जब शेखर ने तुम्हें सब कुछ सच बताया ?
नेहा- अब आप पहले मेरी बात ध्यान से सुनिए! हा शेखर ने मुझे सब बताया है क्युकी मैंने हमारे रिश्ते से सारी उम्मीदें खो दी थी ना तो आप कोशिश कर रहे थे ना ही मैं अब और आगे कुछ करना चाहती थी लेकिन इस रिश्ते को सार्थक करने किसी न किसी को तो कदम बढ़ाना ही था, मुझे फिक्र है आपकी और मुझे पूरा हक है ये जानना का की ऐसी कौनसी बात है जो आपको परेशान करती है और मैं इतना भी बता दु के उस सब मे आपकी कोई गलती नहीं थी आप बहुत बहादुर है राघव
नेहा- मेरा बिहेवियर इसीलिए नहीं बदला क्युकी मुझे आपके अतीत के बारे मे बात चला बल्कि मैं आपको मुझसे मिलाना चाहती थी आपका अतीत जो भी रहा हो मुझे उससे कोई फर्क नहीं पड़ता मुझे फर्क पड़ता है आपसे मुझे आपकी फिक्र है, आई एम सॉरी मुझे ये सब आपसे जानना चाहिए था ना की किसी और से लेकिन सिचूऐशन ही ऐसी थी के शेखर को मुझे सब बताना पड़ा वरना वो मुझे कभी वो बात नहीं बताता
नेहा ने राघव का गाल सहलाते हुए कहा
नेहा- शेखर ने मुझे सब बताया है लेकिन मुझे सब आपसे सुनना है। सब कुछ। शेखर ने मुझे सब सुनी सुनाई बाते बताई है लेकिन मुझे आपसे जानना है के क्या हुआ था, बताइए राघव आपका गुस्सा आपका डर आज सब बाहर आने दीजिए आज यहा आपको जज करने वाला कोई नहीं है आपको अपने डर का सामना करना होगा
राघव बस नेहा को देख रहा था
‘मुझे उसे सब बता देना चाहिए वो मेरी सारी बात मानेगी’ राघव ने मन ही मन सोचा
क्रमश: