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Romance In Love.. With You... (Completed)

dhparikh

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Update 15



शाम मे...

शेखर ऑफिस से वापिस आ चुका था और इस वक्त शेखर और श्वेता दादू दादी के रूम के बाहर खड़े थे और शेखर ने दरवाजा खटखटाकर अंदर आने की पर्मिशन मांगी और जब दादू ने उन्हे अंदर आने कहा तो वो अंदर गए तो देखा के दादू दादी अपने बेड पर बैठे थे

शेखर- दादू आपने बुलाया था हमे

गायत्री- हा! आओ पहले बैठो

दादी के कहते ही शेखर और श्वेता उनके सामने की बेड पर जाकर बैठ गए।

गायत्री- श्वेता तुम्हारे पगफेरे के गिफ्ट के लिए मैं चाहती हु के तुम लोग कही घूमने के लिए कोई जगह चुन कर मुझे बताओ हम तुम्हारी आने जाने और रहने की टिकट्स करवा देंगे

श्वेता- थैंक यू दादीजी- दादाजी पर हम दोनों अभी कही नहीं जाना चाहते

श्वेता ने बहुत नम्रता से कहा ताकि दादू दादी को बुरा ना लगे

शिवशंकर- क्यू?

शेखर - दादू अभी कुछ दिन ही हुए है हमारी शादी को इसीलिए हम अभी कही नहीं जाना चाहते हा लेकिन जब भी कही घूमने जाने का होगा हम आपको बात देंगे

गायत्री- ठीक है जैसा तुम दोनों को ठीक लगे

जिसके बाद दादी बेड से उठी और अपनी अलमारी से कोई चीज निकाली

गायत्री- श्वेता यह लो, ये कंगन मेरी सासुमा के है उन्होंने मुझे दिए थे और अब ये तुम्हारे है

दादी ने श्वेता को कंगन पकड़ाते हुए कहा

श्वेता- पर दादीजी ये मैं कैसे ले लू ये तो मा या बड़ीमा को मिलने चाहिए ना

गायत्री – उन्हे जो मिलना चाहिए था वो मैंने उन्हे दे दिया है और ये कंगन मैंने मेरे पोते की बहु के लिए रखे थे

श्वेता- फिर तो इनपे नेहा भाभी का हक बनता है वो बड़ी है मुझसे

श्वेता की बात सुन गायत्री मुस्कुरा दी जिससे श्वेता थोड़ा शॉक हो गई क्युकी उसने अपनी दादी सास को मुसकुराते हुए देखा ही नहीं था

(राघव पे इन्ही का असर है वो भी हसना नहीं जानता 🤦🏻‍♂️)


गायत्री- ऐसे मत देखो, मैं कम स्माइल करती हु इसका ये मतलब नहीं के मैं मुस्कुरा नहीं सकती, मैंने नेहा के लिए कुछ और रखा है जो उसे सही समय आने पर दूँगी ये कंगन तुम्हारे है शेखर की पत्नी के इसीलिए इन्हें ले लो।

श्वेता ने शेखर क देखा तो उसने हा मे गर्दन हिला दी तो श्वेत ने वो कंगन ले लिए और दादू और दादी का आशीर्वाद भी

गायत्री- मैं मंदिर बंद करने जा रही हु बस अभी आती हु

दादी ने दादू को देखते हुए कहा और वहा से चली गई और दादी के वहा से जाते ही शेखर ने दादू की ओर रुख किया

शेखर- दादू.. वो हमे आपसे कुछ बात करनी थी

शेखर ने संकोच के साथ कहा, वो श्योर नहीं था के वो बात पूछे या नहीं

शिवशंकर- हा बेटा पूछो

शेखर- उम्म.. दादू वो जब आपने भाई की शादी तय की थी तब.. मतलब... भाई खुश..

शेखर की बात पूरी हुई भी नहीं थी के दादू ने उसे बीच मे रोक दिया

शिवशंकर- तो तुमने वो बात नोटिस कर ली

जिसपर शेखर ने हा मे गर्दन हिला दी

शिवशंकर- मुझे बाते घुमानी नहीं आती बच्चे और मुझे लगता है अब तुम इतने बड़े तो हो चुके हो के अपने आसपास क्या चल रहा है उसे समझ सको और वैसे भी ये तो किसी दिन होना ही था

श्वेता- मतलब, मैं समझी नहीं दादू

शिवशंकर- मैं ये कहना चाहता हु के हा तुम्हारा अंदाज सही है, उन दोनों के बीच सब सही नहीं है

दादू के इस तरह सीरीअस होकर बात बताने से शेखर और श्वेता भी शॉक हो गए

शेखर- फिर हमे इन सब महीनों मे इस बारे मे पता कैसे नहीं चला

शिवशंकर- तुमने ये बात नोटिस नहीं की शेखर के तुम्हारा भाई घर के दूर भाग रहा है, उन दोनों की अरेंज मेरिज हुई है, ये मेरा डिसीजन था और सच कहू तो मुझे अपने डिसीजन पर कोई पछतावा नहीं है, राघव शादी के खयाल से खुश नहीं था लेकिन मैंने उसे मनाया था इस शादी के लिए

शेखर- आप ऐसा कैसे कर सकते है दादू? आप जानते है वो दोनों खुश नहीं है फिर आपने उनकी खुशिया क्यू छीनी

शिवशंकर- कौन कहता है वो खुश नहीं है?

दादू के सवाल ने दोनों को चौका दिया

शिवशंकर- तुम्हें कभी ऐसा लगा के वो दोनों एकदूसरे के साथ खुश नहीं है? हम किसी के साथ खुश है या नहीं ये तो हम तब ही जान पाएंगे जब हम उस इंसान के साथ रहेंगे और यहा इन दोनों के बीच सबसे बड़ी समस्या ही ये है, वो दोनों एकदूसरे के लिए अनजान है और एकदूसरे को जानने की समझने की कोशिश भी नहीं कर रहे, राघव को लगता है इस शादी ने उसकी फ्रीडम छीन ली है, वो उस टाइम शादी नहीं करना चाहता था लेकिन अब तुम मुझे एक बात सोचकर बताओ शेखर के क्या तुम्हें नेहा से अच्छी भाभी मिल सकती थी? हमे उससे बेहतर बहु मिल सकती थी?

दादू के सवाल पर शेखर ने ना मे सिर हिला दिया

शेखर- लेकिन दादू भाई का क्या वो...

शिवशंकर- राघव माने या ना माने पर वो अनजाने मे ही नेहा पर डिपेन्डन्ट है, अगर वो दोनों कोशिश करे तो अपने रिश्ते को सवार सकते है लेकिन राघव के लिए परफेक्ट हज़बन्ड यानि बस अपनी जिम्मेदारी निभाना है लेकिन मैं जानता हु के नेहा कभी ये नहीं चाहेगी के वो किसी की जिम्मेदारी बनके रहे, राघव की लाइफ काफी उलझी हुई है शेखर वो किसी के कहता नहीं है लेकिन मुझे यकीन है के उसकी जिंदगी सिर्फ नेहा सवार सकती है, वो दोनों एकदूसरे के लिए एकदम परफेक्ट बस दोनों ही इस बात को समझ नहीं पा रहे है, मैंने दोनों को एकदूसरे की केयर करते देखा है, रमाकांत ने मुझे ऑफिस वाला वाकया बताया था जिसे राघव चाहता तो इग्नोर कर सकता था लेकिन वो वहा नेहा के लिए गया, उन्हे बस एकदूसरे के साथ टाइम बिताना है और देखना समय सब सही कर देगा

दादू की बाते शेखर और श्वेता गौर से सुन रहे थे तभी उन्हे दरवाजा खुलने का आवाज आया देखा तो दादी वापिस आ रही थी

गायत्री- अरे तुम लोग अब भी यही हो?

शेखर- हा वो बस जा ही रहे थे, गुड नाइट दादू गुड नाइट दादी

जिसके बाद शेखर श्वेता के साथ वहा से निकल गया और दादी सवालिया नजरों से दादू को देखने लगी

गायत्री- क्या बता रहे थे आप इन दोनों को

शिवशंकर- कुछ नहीं बस सुखी जीवन जीने के तरीके बात रहा था

दादू ने मुस्कुरा कर कहा और दादी ने अपनी गर्दन झटक दी, वो अच्छे से जानती थी के दादू झूठ बोल रहे है लेकिन उन्होंने आगे नहीं पूछा क्युकी उन्हे ये भी पता था के दादू उन्हे कुछ नहीं बताएंगे

--x--x--

श्वेता- तुम अब भी भाई और भाभी के बारे मे सोच रहे हो ना शेरी?

शेखर- हम्म... तुमको क्या लगता है श्वेता, देखो भाई ना हमेशा से मेरा मेन्टर रहा है मेरा सबसे अच्छा दोस्त भी वही है जिससे मैं सब कुछ शेयर कर सकता हु इसीलिए भाई के लिए बुरा भी लग रहा है के उन्हे उनके पसंद की लड़की से शादी करने नहीं मिली लेकिन इन पाँच महीनों मे भाभी के साथ भी मेरा बॉन्ड भाई जितना ही मजबूत बन गया है, मैंने उनकी आँखों मे हमारे परिवार के लिए प्यार और रीस्पेक्ट देखा है, वो हमेशा भाई की गलतियों पर उनकी एब्सेंस पर पर्दा डालती रही है जैसे उन दोनों के बीच सब सही है कुछ हुआ ही ना हो, इसमे कोई दोराय नहीं है के भाभी ही भाई के लिए सही है लेकिन क्या भाई भाभी के लिए परफेक्ट है.. भाभी की भी तो कुछ इच्छाये होंगी, मुझे ना उन दोनों के लिए बुरा लग रहा है दोनों साथ मे खुश नहीं है

शेखर को सही मे इस सच से तकलीफ हो रही थी, उसके दो सबसे करीबी लोगों की जिंदगिया उलझी हुई थी

श्वेता- शेरी, बेबी लेकिन दादाजी भी तो सही कह रहे थे ना, ये मामला उन दोनों को ही संभालना होगा बगैर कोशिश किए सब सही कैसे होगा, जब तक वो दोनों ही कोशिश नहीं करेंगे तो हम भी क्या कर सकते है

शेखर- हम्म सही है, पता है श्वेता वो दोनों एकदूसरे के लिए परफेक्ट है बस इस बात को जान नहीं पा रहे और इसके लिए उन्हे साथ रहना होगा बात करनी होगी और ये है के एकदूसरे से दूर भागते रहते है

श्वेता- मेरे पास एक आइडिया है!

शेखर- क्या है जल्दी बताओ?

तो क्या होगा अब श्वेता का आइडिया क्या ये दोनों उन दोनों को पास ला पाएंगे?

क्रमश:
Nice update....
 

Adirshi

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Aisa kuch khaas tha nahi jispe hum apni raay de, dadaji ne samjhaya to kam se kam baat shuru hui dono ke bich ab Shekhar or uski biwi ek koshish kar rahe hai usse dekhte hai kya hota :yay:

Thoda sa thrill or twist add Kar do like Neha ko kidnap karwa do :yes1: baaki sab sahi lag raha :lollypop:
hum karte hai prabandh :writing:
 
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