SANJU ( V. R. )
Divine
अतीत के पन्नो मे कुछ ऐसी यादें है जो राघव भुल ही नही पा रहा है । यह शेखर की सोच से जाहिर हो रहा है। शेखर को यह बात नेहा को अवश्य बतानी चाहिए। शायद नेहा इसे अच्छी तरह हैंडल कर सके !
शिवशंकर जी को लगता है कि उनका पोता और बहू दोनो ही इस शादी से खुश है और अगर थोड़े-बहुत प्रॉब्लम हो भी रहा हो तो वो स्वयं ही आपस मे मिलकर प्रॉब्लम को दूर कर लेंगे । लगता है उन्हे अपने पोते के अतीत के बारे मे कुछ भी पता नही है। वो जानते ही नही है कि उनका प्रिय पोता शादी-ब्याह को बेकार का बंधन समझता है । वो इसे आजादी मे खलल और एक बर्डन समझता है। अगर वो यह सब जानते तो उसकी शादी कभी भी नही कराते। और अगर फिर भी उसकी शादी कराते तो इसका मतलब उनका मकसद एक लड़की के जीवन का भविष्य चौपट करना होता।
गार्डियन वगैर सोचे समझे अपने बच्चों की शादी जबरन करा देते है । इनका तो कुछ होता नही है लेकिन दो लोगों का पुरा जीवन ये तबाह कर डालते है।
आज के जमाने मे शादी-ब्याह बच्चों की सहर्ष सहमति के वगैर करना ही नही चाहिए। जमाने के साथ लोगों की सोच और उनके रहन-सहन मे काफी बदलाव आ चुका है। आप 20वीं सदी के नियम इस जमाने मे किसी पर जबरदस्ती नही लाद सकते।
अपडेट हमेशा की तरह वाह वाह था Adirshi भाई।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट।
शिवशंकर जी को लगता है कि उनका पोता और बहू दोनो ही इस शादी से खुश है और अगर थोड़े-बहुत प्रॉब्लम हो भी रहा हो तो वो स्वयं ही आपस मे मिलकर प्रॉब्लम को दूर कर लेंगे । लगता है उन्हे अपने पोते के अतीत के बारे मे कुछ भी पता नही है। वो जानते ही नही है कि उनका प्रिय पोता शादी-ब्याह को बेकार का बंधन समझता है । वो इसे आजादी मे खलल और एक बर्डन समझता है। अगर वो यह सब जानते तो उसकी शादी कभी भी नही कराते। और अगर फिर भी उसकी शादी कराते तो इसका मतलब उनका मकसद एक लड़की के जीवन का भविष्य चौपट करना होता।
गार्डियन वगैर सोचे समझे अपने बच्चों की शादी जबरन करा देते है । इनका तो कुछ होता नही है लेकिन दो लोगों का पुरा जीवन ये तबाह कर डालते है।
आज के जमाने मे शादी-ब्याह बच्चों की सहर्ष सहमति के वगैर करना ही नही चाहिए। जमाने के साथ लोगों की सोच और उनके रहन-सहन मे काफी बदलाव आ चुका है। आप 20वीं सदी के नियम इस जमाने मे किसी पर जबरदस्ती नही लाद सकते।
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