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Romance In Love.. With You... (Completed)

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Update 43




विशाल और रितु को बाय करने के बाद राघव और नेहा अपने कमरे मे लौट आए

राघव- ये क्या हुआ अभी अभी.. ?

राघव ने कमरे मे आते हुए अचानक से पूछा

नेहा- हा??

वही राघव का सवाल समझ ना आने पर नेहा ने उसे कंफ्यूजन मे देखा

राघव- यही जो अभी अभी सीन हुआ है क्या ये सही था??

राघव अब भी इस पूरे नाटक पर कन्फ्यूज़ था हालांकि जो हुआ वो सही हुआ है लेकिन राघव समझ नहीं पा रहा था के क्या ये सब जरूरी था हालांकि इस नाटक ने उन्हे और करीब लाया था और कभी कभी आपको आगे बढ़ने के लिए एक पुश की जरूरत होती है जो उसके परिवार ने किया

नेहा- पता नहीं सही था या नहीं लेकिन इससे हम पास तो आए है हमारे रिश्ते मे इंप्रूवमेंट तो है

नेहा ने आराम से कहा जिसके बाद कुछ पल तक कोई कुछ नहीं बोला

राघव- सॉरी!!

राघव ने अचानक से कहा वही नेहा ने उसे चौक कर देखा

नेहा- अब ये किस लिए?

राघव- पिछले 5 महीने, जब से हमारी शादी हुई है मैंने कभी तुम्हारे बारे मे नहीं सोचा कभी केयर नहीं की मैं अपनी इनसिक्योरिटी से झूझ रहा था ईडियट था मैं, याद है तुमने मुझे उस दिन कहा था साथ मे टाइम स्पेन्ड करने ताकि मैं तुम्हें जान सकु तुम मुझे जान सको लेकिन अब सोचता हु सिर्फ एक्शन से किसी के बारे मे पता चलता तो मैं कभी ये नहीं जान पाता के तुम इतना अच्छा डांस करती हो इतनी जल्दी तो नहीं क्युकी वहा तो तुम कभी डांस करती नहीं

फिर राघव ने नेहा के दोनों हाथ पकड़े और उसके करीब आया

राघव- मुझे तुम्हारे बारे मे सब कुछ जानना है, मुझे अपनी चिक्की को जानना है, तुम्हारी पसंद नापसंद सब कुछ और ये सिर्फ एक्शन ने नहीं पता करना है बल्कि तुम मुझे बताओगी, प्लीज मुझे सब जानना है, तुम्हारे फ्यूचर प्लांस, सपने सब कुछ मुझे कुछ पता नहीं है!

नेहा ने कुछ पल राघव को देखा और फिर मुस्कुराई

नेहा- तो आप ही बताइए कहा से शुरू करू??

राघव- उम्म.... हॉबीस्?

नेहा- मेरी हॉबीस्.... मुझे कितबे पढ़ना पसंद है, कभी कभी गाना गाना अच्छा लगता है, पेंटिंग गेम्स और डांस तो बहुत बहुत ज्यादा पसंद है...

राघव- हा पढ़ने वाली बात तो पता है और मैं देख सकता तुम्हें कैसी बुक्स पसंद है

राघव ने टेबल पर रखी डार्क रोमांस की बुक देखते कहा

नेहा- ओये मेरी पर्सनल चीज है वो आप नहीं देख सकते

राघव- ओके ओके ठीक है अब एजुकेशन, फॅमिली?? सॉरी लेकिन मुझे कुछ नहीं पता, कभी इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया

राघव ने नीचे देखते हुए कहा वही नेहा की स्माइल गायब हो गई, इस लिए नहीं के राघव को कुछ नहीं पता था बल्कि इसके पीछे कोई और वजह थी, राघव ने ऊपर देखा तो उसका उतरा चेहरा उसे दिखा

राघव- सॉरी क्या मैंने.....

लेकिन नेहा ने उसे बीच मे रोक दिया

नेहा- इट्स ओके लेकिन....

राघव- लेकिन...?

नेहा- कुछ नहीं, मैंने डांस एण्ड आर्ट्स मे डिग्री ली है क्युकी मुझे डांस बहुत पसंद है

राघव- और आपको कौनसे टाइप का डांस पसंद है??

नेहा- सब तरह का

नेहा ने कहा जिससे राघव के चेहरे पर मुस्कान आ गई

राघव- सब सीखा भी इसी एक्साइटमेंट मे था क्या

नेहा- सीखना क्या है मैं पैदा ही टैलन्टिड हुई थी और डांस तो ड्रीम है मेरा

राघव- ड्रीम??

नेहा- हा मेरा सपना था अपनी डांस अकादेमी खोलने का लेकिन वो कभी हो ही नहीं पाया

नेहा ने उदासी भरे स्वर मे कहा

राघव- क्यू??

नेहा- उस टाइम इतने पैसे नहीं थे और किसी से मांगने की हिम्मत नहीं थी.... मेरी मा का सपना था ये वो एक बेस्ट क्लैसिकल डान्सर थी मैंने देखा है उन्हे डांस को इन्जॉय करते हुए

नेहा ने याद करते हुए कहा वही राघव को उसे देख थोड़ा बुरा लगा उसे नेहा के चेहरे पर ये उदासी वाले भाव अच्छे नहीं लग रहे थे वो अच्छे से जानता था के कैसा लगता है जब आप कोई सपना देखो और किसी कारण से उसे पूरा ना कर पाओ

राघव- तुम्हारी मा.....

लेकिन इस बार भी राघव को बोलते बोलते बीच मे रुकना पड़ा क्युकी किसी ने उनके रूम का दरवाजा खटखटाया था, राघव ने गेट खोला तो वहा विवेक स्माइल लिए खड़ा था

विवेक- भाई.... भाभी... अगर आप लोगों की प्यार भरी गुलू गुलू हो गई हो तो पीछे वाले गार्डन मे मिलों

विवेक की बात सुन नेहा तो नीचे देखने लगी वही राघव परेशान चेहरे से विवेक को घूरने लगा

राघव- क्यू???

विवेक- अरे आओ ना हम इंतजार कर रहे है

राघव- हम??

विवेक- इस टाइम इतने सवाल कौन करता है यार चलो जल्दी वही देख लेना

विवेक ने चिढ़ते हुए कहा और वहा से निकल गया और राघव और नेहा भी गार्डन मे पहुचे तो देखा के अक्खी गैंग वहा थी और इन्हे देख के उनके चेहरे पर शरारती मुस्कान उभर आई थी

शेखर- लबों को लबों पर सजाओ... क्या हो तुम मुझे अब बताओ....

राघव और नेहा के वहा आते ही शेखर के ये गाना गुनगुनाना शुरू किया वही ये गाना सुनते ही नेहा की तो बोलती बंद हो गई वही राघव शेखर को घूरने लगा

शेखर- क्या?? अब क्या मैं गाना भी नहीं गुनगुनाना सकता

शेखर के राघव को देखते हुए कहा तभी

रिद्धि- इश्क लबों का कारोबार....

रिद्धि ने भी शेखर का साथ देते हुए गाना गाना चालू किया और शेखर भी रिद्धि का साथ देने लगा वही नेहा ऊपर वाले से बचा ले वाली दुआ कर रही थी

राघव- शट अप रिद्धि!!

राघव ने रिद्धि को चुप कराने की कोशिश की लेकिन ये लोग कहा मानने वाले थे

रिद्धि- भाई मैं तो बस शेखर भईया के साथ अंताक्षरी खेल रही थी

रिद्धि ने शेखर को देखते हुए कहा

विवेक- भाई चरण कहा है आपके, नहीं शेखर भाई तो कॉलेज ट्रिप के श्वेता भाभी को किस किए थे आप तो फॅमिली ट्रिप पे सबके बीच... वो भी रितु के सामने मतलब बवाल एकदम!! 🫡😁

विवेक ने हसते हसते हुए कहा

राघव- ऐक्टिंग कर रही थी वो!

राघव ने कहा जिससे सब हसते हसते रुक गए और उसे कन्फ़्युशन मे देखने लगे फिर राघव ने उन्हे सब कुछ बताया और महोल शांत हो गया लेकिन कुछ ही पालो मे सब वापिस हसने लगे

आकाश- मतलब पोपट हो गया आपका

आकाश ने हसते हुए कहा

शेखर- शायद दुनिया का सबसे अच्छा पोपट

राघव- हसो मत बे ये क्या हसने वाली बात है!!

शेखर- अरे छोड़ो न भाई जो हुआ अच्छे के लिए हुआ इतना क्या सोचना उसमे

नेहा - फिर भी!! सोचो अगर हमारा बड़ा वाला झगड़ा होता तो और अगर हम को गलतफहमी क्लियर नहीं करते तो

शेखर- लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ ना सो रीलैक्स जो नहीं हुआ उसके बारे मे क्यू सोचना

श्वेता- लेकिन भाभी मैंने उसे मन ही मन कितना कुछ कह दिया मैंने तो उसे पत्थर समझ था वो तो हीरा निकली

फिर कुछ पालो बाद इन लोगों ने इस मैटर को यही क्लोज़ किया तभी संध्या जी ने उन्हे आवाज दी, दादू उन्हे बुला रहे थे, दादू ने उन्हे कहा के वो यहा अब बहुत दिन रुक चुके है तो अब कल सुबह ही वो सब घर के लिए निकलने वाले थे

खाना खाने के बाद नेहा जब रूम मे आई तो राघव बेड पर बैठा अपना फोन चला रहा था और नेहा को देखते ही उसकी आँखों मे एक चमक आ गई इसलिए नहीं के नेहा रूम मे आ गई थी बल्कि इसलिए क्युकी उसके हाथ मे राघव का लैपटॉप था और जब नेहा ने लैपटॉप राघव के सामने रखा तो उसके चेहरे पर एक बड़ी सी स्माइल आ गई

राघव- मैंने सारी पॅकिंग कर ली है

राघव ने नेहा से कहा

नेहा- ठीक है मैं मेरी पॅकिंग कर लरती हु

नेहा ने उठते हुए कहा तभी राघव ने उसका हाथ पकड़ लिया

राघव- मैंने तुम्हारी बैग्स भी पैक कर ली है

वही नेहा बस उसे देखने लगी क्युकी ये वो राघव तो नहीं था जीसे वो जानती थी

नेहा- मुझे लगता है हमे सोना चाहिए अब

नेहा ने अपना गला साफ करते हुए कहा और अपना हाथ राघव के हाथ से छुड़ाया

राघव- इतनी जल्दी? हम हमारी बातचित कन्टिन्यू करने वाले थे ना

राघव ने कहा और नेहा उसके बाजू मे जाकर बैठ गई

राघव- सो कन्टिन्यू, तुमने मुझे तुम्हारी हॉबी बताई सपने बताए अब फॅमिली??

राघव के सवाल पर नेहा सीधी होकर बैठ गई और राघव उसे कन्फ्यूज़ होकर देखने लगा

नेहा- फॅमिली!! मैं अपने चाचा चाची के साथ रहती थी शादी से पहले

राघव नेहा की आवाज मे का कंपन महसूस कर सकता था

राघव- तुम्हारे मॉम डैड? वो कहा है?

रहाव के सवाल पर नेहा की आंखे नम होने लगी और उसकी आँखों से आँसू गिरा और राघव ने अपने एक हाथ से उसे कंधे से पकड़ा

नेहा- वो.... वो.. नहीं रहे

नेहा ने अपने आँसू पोंछते हुए दूसरी तरफ देखते हुए कहा वही राघव को ये बात सुन एक बड़ा झटका लगा

राघव- तो फिर वो कौन थे जिन्होंने हमारी शादी की रस्में की थी? उन्हे देख कर कोई भी कह सकता था के वो ही तुम्हारे पेरेंट्स है कितने खुश थे वो

राघव ने नेहा का कंधा सहलाते हुए कहा

नेहा- वो मेरे चाचा चाची है और वो खुश इसीलिए थे क्युकी वो मुझे अपनी बेटी मानते है मुझसे बहुत प्यार करते है, आप जानते है मैंने इस शादी के लिए हा क्यू कही थी जबकि मैं आपको जानती भी नहीं थी?? मैंने हा कहा था क्युकी इस रिश्ते से वो बेहद खुश थे और मैं उन्हे ना नहीं कर सकती थी ये जानते हुए की उन्होंने मेरे लिए कितना किया है! आपने मुझसे पूछा था न के मैं अपना बर्थडे क्यू नहीं मानती? क्युकी वो वही दिन है जिस दिन मैंने अपने मा बाप को खो दिया था मैंने सपने मे भी नहीं सोच था के ऐसा कुछ होगा, हम खुश थे पार्टी कर रहे थे तब हमारी कार का एक ट्रक से एक्सीडेंट हुआ, मॉम मे मुझे तो बचा लिया लेकिन वो दोनों नहीं बच पाए और मैंने उन्हे अपने आँखों के सामने मरते देखा था

नेहा ने राघव को कस कर गले लगा लिया

नेहा- मुझे... मुझे आज भी उनके मुसकुराते चेहरे याद है जब मैंने उन्हे आखरी बार देखा था पापा ने कहा था के मैं उनकी स्ट्रॉंग प्रिन्सेस हु और मॉम मे कहा था के वो हमेशा मेरे साथ है...

अपने पेरेंट्स की याद मे नेहा रोने लगी थी वही राघव की आंखे भी नम हो गई थी

नेहा- मेरे चाचा चाची बहुत प्यार करते है मुझसे लेकिन मेरे मॉम डैड की जगह कोई नहीं ले सकता

नेहा अब जोर से रोए जा रही थी वही राघव ने उसे गले लगा कर उसके माथे को चूम लिया, वो नेहा को संभाल रहा था लेकिन उनसे उसे रोने दिया ताकि उसका दर्द बाहर आए नेहा को अभी उसकी जरूरत थी और राघव अच्छे से जानता था के जब आपको कोई करीबी आपको छोड़ के जाता है तो कैसा लगता है...

नेहा दो घंटे रोटी रही और राघव उसे संभालता रहा और रोते रोते ही नेहा सो गई, राघव ने उसके आँसू पोंछे और उसे अच्छे से बेड पर सुलाया और नेहा को गले लगा लिया और नेहा भी उसके आग़ोश मे समा गई.. नेहा तो सो गई थी लेकिन राघव की आँखों से नींद कोसों दूर थी और राघव बगैर पलके झपकाए उसकी तरफ देख रहा था और उसके दिमाग मे कुछ चल रहा था...... कुछ सीरीअस......

क्रमश:
बढ़िया भाग है नेहा के बारे में इस जानकारी का अनुमान था लेकिन उसे बताया बढ़िया तरीके से.
 

Adirshi

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जो ऋतु दूर से धूल भारी आँधी जैसी लग रही थी, वो तो पास आ कर, ख़ुशबू भारी फुहार निकली!
किरदार को उसके सर के बल ही पलट दिया..!

ग़ज़ब गूगली डाली भाई कहानी में!!

nice twist!!
palti master :smarty:
Thank you for the review :thanx:
 
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Adirshi

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ये कहानी भी आपकी सब कहानियों जैसी शानदार है,
पर “एक हटेली लव स्टोरी “ मेरी सबसे फ़ैवरेट कहानी है…
दिल मचल गया था अंत पढ़ कर!
अपनी कलम का ज़ोर दिखाते रही…
हम सबका दिल लुभाते रहो 👌🏽
bilkul, aap sath bane rahiye main aisi hi kahaniya lata rahunga :thanx:
 
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