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Romance In Love.. With You... (Completed)

wish vish

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Update 29



राघव पूरे घर मे नेहा को ढूंढते हुए घूम रहा था लेकिन वो उसे कही नहीं दिख रही थी

रमेश- राघव, कुछ चाहिए क्या बेटा?

राघव- नहीं मामा दादू वो बस ऐसे...

रमेश- नेहा को ढूंढ रहे हो?

राघव- नहीं वो तो मैं.. वो...

रमेश- वो मा के कमरे मे है

इतना बोल के रमेश जी वहा से राघव का कंधा थपथपाते हुए मुस्कुराकर निकल गए और राघव झट से बड़ी दादी के कमरे की ओर लपका और जब वो कमरे मे पहुचा तो वहा कोई नहीं था सिवाय नेहा को जो अलमारी मे कुछ सामान रख रही थी और राघव की तरफ उसकी पीठ थी

राघव ने कमरे का दरवाजा धीरे से बंद किया ताकि नेहा को उसके आने का पता ना चले और कोई आवाज ना हो लेकिन वो पुराने जमाने का दरवाजा आवाज करते हुए बंद हुआ और नेहा का ध्यान उसकी ओर आ गया

नेहा ने पलट कर देखा तो वहा राघव को पाया, उसने सपाट चेहरे से राघव को देखा फिर वापिस अपने काम मे लग गई वही राघव भी चुप चाप वहा खड़ा उसके फ्री होने की राह देखने लगा ताकि उससे बात कर सके

नेहा ने अलमारी से एक बेडशीट निकाली और थड़ की आवाज से अलमारी का दरवाजा बंद कर दिया

ये मुझे ऐसा क्यू लग रहा है उसने उस दरवाजे मे मुझे इमेजिन करके उसे पटका है’ राघव के मन मे खयाल आया

वही नेहा उसे इग्नोर करते हुए बेड की ओर बढ़ी और उसने एक झटके मे पुरानी चादर हटा दी और नई बेड शीट बिछाने लगी और जब उसका काम खतम हो गया तो वो दरवाजे की तरफ आई

राघव- सुनो..!

राघव ने उसे आवाज दी जिसे सुन कर वो रुकी और राघव की ओर मुड़ी

राघव- ये....

लेकिन बोलते बोलते राघव रुक गया जब उसने देखा के नेहा ने उसे वापिस इग्नोर कर दिया है और वो बेड की ओर जा रही है जैसे वो वहा हो ही ना

नेहा ने बेड पर से पुराने पिलो कवर उठाए और वापिस दरवाजे की तरफ जाने लगी और वो दरवाजा खोलने की वाली थी के राघव ने उसकी कलाई पकड़ के उसे रोक दिया

राघव- मैं कुछ कह रहा हु

नेहा- कहिए!

नेहा ने बोला लेकिन इस बार उसकी आवाज सपाट थी

राघव- तुम मुझे इग्नोर क्यू कर रही हो?

नेहा- मैं कहा इग्नोर कर रही हु? इग्नोर करने का ठेका तो आपने लिया हुआ है

राघव- ताना मार रही हो?

नेहा- मैं कौन होती हु ताना मारने वाली? वैसे भी मुझसे क्या फ़र्क पड़ता है

नेहा ने धीमे से कहा

राघव- हुह? क्या कहा जोर से बोलो

नेहा- जाना है मुझे जाने दीजिए

नेहा ने थोड़ा चिल्लाके कहा

राघव- अरे यार चिल्ला क्यू रही हो?

नेहा- क्युकी पागल हु मैं

नेहा ने राघव के हाथ से अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा

राघव- हा वो मैं जानता हु लेकिन चिल्लाके बताने की क्या जरूरत थी बाकी लोग सुन लेते तो? और सोचो वो लोग मेरे बारे मे क्या सोचते

राघव ने नेहा को चिढ़ाते वापिस उसका हाथ पकड़ते हुए कहा जिसने नेहा का मूड और खराब कर दिया

नेहा- हा तो जाइए न फिर अपनी उस दोस्त के पास यहा मुझे मत तंग कीजिए वैसे भी लोग आप दोनों को साथ देख के खुश होंगे

नेहा ने वापिस चिल्लाते हुए अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश की लेकिन इस बार राघव ने उसका हाथ अच्छे से पकड़ हुआ था और उसने नेहा को अपनी तरफ खिचा जिससे वो उसके सीने से जा टकराई

राघव- नेहा, क्या हुआ है तुम्हे? ऐसे बिहेव क्यू कर रही हो?

नेहा- कुछ नहीं हुआ है मुझे

नेहा ने बगैर राघव से नजरे मिलाए उसके हाथों मे कसमसाते हुए कहा

राघव- चुप चाप खड़ी रहो

राघव ने नेहा को ऑर्डर देने की कोशिश की सिर्फ कोशिश

नेहा- मुझे जाना है बहुत काम है मुझे

राघव- ना! पहले बताओ क्या हुआ है

नेहा- कहा ना कुछ नहीं हुआ है और आप मेरे पास क्या कर रहे है आपकी वो स्पेशल दोस्त चली गई क्या

अब राघव के माजरा ध्यान मे आने लगा था

राघव- तुम, तुम कही रितु से जल तो नहीं रही हो?

नेहा- मैं... मैं क्यू जलने लगी मुझे कोई फरक नहीं पड़ता

नेहा ने अपनी नजरे इधर उधर घुमाते हुए कहा और उसे ऐसे करते देख राघव के चेहरे पर स्माइल आ गई

राघव- ये लो

राघव ने साड़ी का पैकेट उसकी ओर बढ़ाया

नेहा- ये क्या है

राघव- ये वो है जिसे तुम आकाश की सगाई मे पहनोगी

नेहा- मैंने अपने लिए साड़ी पसंद कर ली है ये जाकर उसे दीजिए जिसके लिए पसंद कर रहे थे

राघव- अरे पर ये तुम्हारे लिए है मैंने सिलेक्ट की है

नेहा- कहा ना मुझे नहीं चाहिए, गो टू हेल

नेहा ने राघव को धकेलते हुए कहा और राघव आगे कुछ कहता उससे पहले की उन्हे किसी के गला साफ करने की आवाज आई, दरवाजे पर बड़ी दादी खड़ी थी और शरारती मुस्कान से उन्हे देख रही थी

कुमुद- तुम लोगों को तुम्हारा रूम दिया है ना फिर मेरे कमरे मे रोमांस क्यू ?

बड़ी दादी की बात सुन दोनों उन्हे चौक के देखने लगे

नेहा- न.. नहीं दादी आप सोच रही है वैसा कुछ नहीं है

कुमुद- फिर कैसा है? दोनों ऐसे चिपक के खड़े हो ये रोमांस नहीं तो लड़ने का नया तरीका है क्या?

और अब इसमे नेहा कुछ कहती इससे पहले ही राघव बोला

राघव- देखो ना दादी ये आपकी बहु मुझे टाइम ही नहीं देती है

राघव मासूम बनते हुए बोला और उसकी बात पर नेहा उसे शॉक होकर देखने लगी

‘ये आज नाश्ते मे कुछ गलत खा लिए थे क्या जो ऐसी बाते कर रहे’ नेहा ने सोचा

कुमुद- ये सब क्या है नेहा यहा पहले ही दिन मुझे शिकायाते मिल रही है

राघव- हा हा बताओ अब दादी को

राघव अब नेहा को छेड़ने के पूरे मूड मे था लेकिन वो भी कम नहीं थी

बड़ा भोला बन रहे है ना अभी बताती हु इनको’ नेहा ने रघाव को देखते हुए सोचा फिर स्लाइम के साथ बड़ी दादी से बोली

नेहा- देखिए ना दादी ये आकाश की सगाई के लिए मुझे साड़ी नहीं दिला रहे है कहते है कोई जरूरत नहीं है

कुमुद- क्या...!

राघव- हैं?

दादी और राघव के मुह से ये एकसाथ निकला और अब दादी ने अपना मोर्चा राघव की तरफ बढ़ाया

कुमुद- ये मैं क्या सुन रही हु राघव?

राघव- अरे दादी नहीं ये झूठ बोल थी है मैंने ऐसा कब कहा??

राघव ने नेहा को देखते हुए कहा

नेहा- मैंने तो एक साड़ी पसंद भी की थी लेकिन इन्होंने लेने नहीं दी

नेहा अपने झूठे आँसू पोंछते हुए बोली और राघव के हाथ मे पकड़ा साड़ी का पैकेट दिखाया

राघव- क्या??

राघव मुह फाड़े नेहा को देख रहा था के वो कितनी सफाई से झूठ बोल रही थी

कुमुद- राघव क्या है ये सब? ये कोई तरीका है क्या और तुम होते कौन हो उसे साड़ी लेने से रोकने वाले अभी के अभी उसे वो साड़ी दो

राघव- लेकिन दादी....

कुमुद- मैंने कहा ना

राघव ने आँखों के कोने से नेहा को देखा जो उसे दादी से डांट खाता देख मजे ले रही थी वो कुछ पुटपुटाया और वो पैकेट उसने उसे दे दिया

नेहा- दादी जी ये तो यहा से जल्दी जाने का भी कह रहे थे ताकि वापिस काम पर जा सके, अब मैं तो यहा पहली बार आई हु मुझे और कुछ दिन रहना है , कहते है मैं इन्हे टाइम नहीं देती और खुद सारा दिन लैपटॉप लिए रहते है फिर आप बताओ मैं कैसे इनके साथ टाइम बिताऊ, ये तो यहा भी अपना लैपटॉप लाए है ताकि दिन रात काम कर सके

नेहा ने मासूम बनते हुए राघव की शिकायाते की

राघव नेहा को ‘अब तो तुम गई’ वाले लुक से घूरे जा रहा था लेकिन नेहा को कहा फरक पड़ना था

कुमुद- मैं ये क्या सुन रही हु राघव, परेशान हो गई हु तुमसे उसकी तो शिकायत कर दी तुमने और तुम्हारा क्या? नेहा बेटा जाओ और इसका लैपटॉप लाकर दो मुझे अब इसे 1 हफ्ते तक लैपटॉप नहीं मिलेगा।

बस दादी की ये लाइन राघव को शॉक देने काफी थी वो अपनी जगह पर जम गया

राघव- नहीं... नहीं दादी आप ऐसा नहीं करोगी, अरे मैं तो मजाक कर रहा था के ये टाइम नहीं देती आप मेरा लैपटॉप नहीं ले सकती

लेकिन दादी ने राघव के शब्दों को इग्नोर कर दिया

कुमुद- नेहा जाओ इसका लैपटॉप लेकर आओ

राघव- नहीं!!!!

कुमुद- जाओ नेहा, मैं भी देखती हु ये आदमी अब एक हफ्ता काम कैसे करता है

राघव- एक हफ्ता!!! नहीं!!! ऐसा नहीं करोगी आप!! नेहा खबरदार जो मेरे लैपटॉप को हाथ लगाया तो पछताओगी मैं कह रहा हु

राघव ने नेहा की ओर बढ़ते हुए कहा लेकिन दादी ने रोक दिया उसे

कुमुद- ओ राघव देशपांडे खबरदार अगर मेरी बहु को कुछ कहा तो तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा, नेहा मैं कह रही हु न तुम जाओ

और नेहा मुंडी हिलाते हुए वहा से चली गई, हालांकि उसे भी समझ आ गया था के फ़्लो फ़्लो मे वो ज्यादा बोल गई थी लेकिन इससे अब जो ड्रामा होगा उसमे मजा भी बड़ा आने वाला था और यही तो चांस था राघव को उसके लैपटॉप से दूर करने का और अपनी सौतन लैपटॉप को हटाने का ये मौका नेहा कहा छोड़ने वाली थी

जब नेहा लैपटॉप लेने गई तो राघव भी उसके पीछे जाने लगा लेकिन दादी ने रोक दिया उसे और द ग्रेट राघव देशपांडे अपने लैपटॉप को बचाने अपनी दादी ने मिन्नते करने लगा लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ इतने मे नेहा उसका लैपटॉप ले आई और राघव उसे खुले मुह से देखने लगा

राघव- नेहा मैं कह रहा हु रुक जाओ

राघव लैपटॉप छीनने नेहा की ओर लपका लेकिन नेहा उससे ज्यादा तेज थी उसने उसके अपने पास आने से पहले ही लैपटॉप दादी के हाथ मे पकड़ा दिया

राघव- दादी, दादी लैपटॉप वापिस दे दो प्लीज, मैं.... मैं वादा करता हु बिल्कुल ज्यादा काम नहीं करूंगा और 1 हफ्ते से पहले तो यहां से हिलूँगा भी नहीं पक्का वादा

राघव बड़ी दादी के सामने करीब करीब गिड़गिड़ा रहा था वही उसकी हालत देख नेहा मंद मंद हस रही थी

कुमुद- ना अब तो ये तुम्हें मिलने से रहा! अब तुम्हें ये लैपटॉप तब ही मिलेगा जब नेहा मुझसे कहेगी

दादी ने शरारती मुस्कान के साथ राघव की मिन्नतों को इग्नोर कर दिया और राघव ने हसती हुई नेहा को देखा और उसके देखते ही नेहा ने अपना चेहरा सपाट कर लिया

राघव- बड़ी दादी से कहो के मुझे मेरा लैपटॉप अभी के अभी वापिस दे

राघव ने नेहा पर रौब झाड़ते हुए उसे अपनी मजा लेते देख इरिटेट होकर कहा

नेहा- ना.. मैं दादी जी की बात नहीं टाल सकती उन्हे अच्छे नहीं लगेगा ना

नेहा ने मासूम बनते हुए कहा और राघव सीरीअस चेहरे के साथ उसे देखने लगा

राघव- मेरे पेशंस को टेस्ट मत लो नेहा जो कहा है वो करो

कुमुद- राघव तुम उसे धमका रहे हो?

राघव – दादी मुझे मेरा लैपटॉप वापिस चाहिए

कुमुद- ना कहा ना, नेहा तुम जाओ बेटा ये अब कुछ नही करेगा

और दादी के कहते ही नेहा वहा से भाग ली

राघव- रुको ! दादी ये चीटिंग है

और आगे दादी की कोई बात बगैर सुने ही राघव वहा से निकल गया

राघव- तुम्हारी तो... नेहा मैंने कहा यहा आओ और दादी को लैपटॉप वापिस देने कहो

राघव ने नेहा के पीछे आते हुए कहा वही नेहा उससे दूर भाग रही थी

नेहा- नहीं!

राघव- नेहा.. देखो बात मानो जो कहा है करो

नेहा- कहा ना मैं उनसे कुछ भी नहीं कहने वाली

नेहा ने हसते हुए कहा और इनकी इस पकड़म पकड़ाई ने बाकी घरवालों का ध्यान इनकी ओर खिच लिया, घरवालों ने इन दोनों को कभी ऐसे बच्चो जैसे बर्ताव करते नहीं देखा था तो वो शॉक थे

मीनाक्षी- भाभी क्या हो रहा है ये?

मीनाक्षी जी ने जानकी से पूछा जो अपने बेटे बहु को खुले मुह के साथ देख रही थी

शुभंकर- ये सही मे राघव और नेहा है?

रमेश- ये क्या हमेशा ऐसे ही रहते है?

धनंजय- ना ऐसे तो नहीं रहते

उन दोनों को देख अपनी दादी गायत्री ने तो अपनी आंखे मल ली उनको तो यकीन ही नहीं हो रहा था और वही राघव और नेहा पूरे घर में इधर उधर दौड़ रहे थे उन्हे बाकी दुनिया की फिक्र ही नहीं थी

राघव- नेहा देखो मेरी बात मान लो वरना...

लेकिन नेहा ने उसकी एक बात नहीं सुनी और दौड़ते हुए पीछे वाली बगीचे की तरफ आई

नेहा- हॉ!! मैं तो आपसे डर गई

नेहा ने डरने वाले एक्सप्रेशन बनाए फिर हसते हुए कहा और उसे ऐसे हसता देख राघव के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई ऐसी बड़ी सी स्माइल जिसे उसके चेहरे पर देखे घरवालों को अरसा हो गया था एकदम सच्ची

विवेक- ये सही मे भाभी है?

विवेक ने शेखर से पूछा जो उल्लू की तरह उन्हे ही देख रहा था जब वो पीछे की साइड आए थे

स्वाती- ये क्या कोई गेम खेल रहे है क्या?

स्वाती ने रिद्धि से पूछा जो अपनी पलके झपकते हुए इन सीन को पचाने की कोशिश कर रही थी

आकाश- राघव भाई? स्माइल करते हुए? ये सपना तो नहीं है ना?

लेकिन वहा एक ऐसा भी शक्स था जिसे इन दोनों की नजदीकिया पसंद नहीं आ रही थी, और वो थी रितु, साफ था उसे नेहा से जलन हो रही थी.... लेकिन क्यू...??
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wish vish

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Update 30




रितु बचपन से ही राघव को पसंद करती थी उसके पीछे पीछे घूमती रहती थी और जब इस बारे मे राघव को पता चला तो उसने रितु से दूरिया बनानी शुरू कर दी सोचा टाइम के साथ साथ सब बदल जाएगा लेकिन राघव तो आगे बढ़ गया लेकिन रितु नहीं बदली

रितु को जब राघव की शादी के बारे मे पता चला था तब उसे बहुत तकलीफ हुई थी बहुत रोई थी वो क्युकी वो राघव को पाना चाहती थी किसी भी कीमत पर और इसके लिए कुछ भी कर सकती थी भले वो राघव को पसंद आए या ना आए, उसने राघव के करीब आने की बहुत कोशिश की और जब राघव से उसे कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला तो उसने उसके परिवार से नजदीकिया बढाई और वो भी उसे हमेशा ही राघव की अच्छी दोस्त मानते रहे लेकिन कभी भी किसी ने उन दोनों को रिश्ते मे बांधने के बारे मे नहीं सोचा

रितु को कोई भी लड़की राघव के आसपास बर्दाश्त नहीं होती थी, किसी लड़की को राघव से बात करता देख वो पागल हो जाती थी जब बचपन मे कोई लड़की राघव के बात करने की कोशिश करती तो रितु उसके उससे दूर कर देती.. उसने तो राघव को प्रपोज भी किया था लेकिन राघव ने उसे मना कर दिया ये कहते हुए के वो बस अच्छे दोस्त है और उस वक्त रितु भी उसकी बात मान गई क्युकी वो उससे दूर नहीं जाना चाहती थी लेकिन मन ही मन वो राघव के लिए पागल हो रही थी।

एक लड़की को उसने राघव से बात करता देख उसका सर फोड़ दिया था और अब मामला सीरीअस होता जा रहा था, रितु की राघव के लिए दीवानगी बहुत बढ़ गई थी और राघव भी समझ चुका था के रितु को समझाना मुश्किल है इसीलिए उसने भी गाँव आना धीरे धीरे कम कर दिया था और उसे अवॉइड करने लगा था और बाद मे तो गाँव ना आने के राघव के अपने रीज़न थे जिससे वो गाँव आना ही छोड़ चुका था और अब भी उसे लगा था के रितु सब भूल चुकी होगी, वो बड़े हो गए थे मैच्योर हो गए थे लेकिन रितु नहीं बदली थी और अब भी उसे नेहा को राघव के साथ देख तकलीफ हो रही थी।

राघव और नेहा दोनों भागते हुए घर के पीछे वाले बगीचे मे पहुचे तो दोनों काफी हाफ रहे थे जिससे दोनों रुक गए

राघव- म.... मैं.. तुम्हें... आ.... आखरी बार कह रहा हु..

राघव बीच बीच में सास लेते हुए बोला

नेहा- अब.. अब बहुत.. देर हो गई

नेहा भी हाफ रही थी

राघव- तुम ना दिन ब दिन जिद्दी होती जा रही हो

राघव ने अपनी कमर पे दोनों हाथ रखते हुए कहा

नेहा- हा तो इसकी वजह भी आप ही है

राघव- मैं? मैंने क्या किया बताना जरा?

नेहा- कुछ करते ही तो नहीं यही तो दिक्कत है

नेहा ने एकदम धीमे से कहा जिसे राघव नहीं सुन पाया

राघव- क्या? क्या कहा जोर से कहो!

नेहा- नहीं कुछ नहीं हे :D हे :D मैंने कुछ नहीं कहा

राघव नेहा की ओर बढ़ा और अब उन दोनों के बीच बस 1 इंच का फासला बचा था और वो दोनों ही ये भूल चुके थे के वो कहा है

राघव- तुम्हें पता....

लेकिन राघव बोलते बोलते रुक गया जब उसे किसी चीज का आवाज आया और उसने नजरे घुमा के देखा तो वहा अक्खी गैंग खड़ी उन्हे देख रही थी सब के चेहरे पर शरारती मुस्कान थी सिवाय एक के

उन लोगों को देख राघव झट से पीछे सरका और नेहा भी उनसे नजरे बचाने लगी

अरे यार राघव तुझे हमेशा उसके इतना पास जाकर ही बात क्यू करनी होती है कभी तो जेंटलमैन जैसे बात कर उससे अब ये चांडाल चौकड़ी और परेशान करेगी’ राघव मन ही मन अपने आप को डांटने लगा

रिद्धि- भईया......

रिद्धि ने गाते हुए कहा

विवेक- अपने लिए एक कमरा ढूंढो भाई, हे भगवान मेरे मासूम मन पर इन सब का क्या असर होगा सोचा है आपने

राघव- चुप बे!

आकाश- डॉन्ट वरी भाई रूम साउन्ड प्रूफ है

आकाश अपनी हसी रोकते हुए बोला

शेखर- अरे गजब वैसे भी कल रात जो हुआ था वो दोबारा नहीं होना चाहीये है न भाई

शेखर ने राघव को देखते हुए कहा

राघव- क्या??

शेखर- अरे यार भाई समझो ऐसे सब के सामने बताना अच्छा नहीं लगेगा

राघव- अबे साफ साफ बोलेगा

जिसके बाद शेखर ने राघव के पास आकार कुछ कहा जो सिर्फ राघव को सुनाई दिया और उसके चेहरे के एक्सप्रेशन बदलने लगे वही नेहा बस उन्हे कन्फ़्युशन मे देखने लगी जिसके बाद मैं अभी आया बोलके राघव वहा से निकल लिया

ऐसा क्या कहा शेखर ने जो ये ऐसे चले गए जो भी हो बला टली’ नेहा ने सोचा तभी श्वेता उसके पास आई और उसके चिढाने से बचने के लिए नेहा जल्दी से बहाना बनाके वहा से निकल गई और उन दोनों के जाते ही वहा मौजूद सब हसने लगे

स्वाती- यार ये दोनों कितने क्यूट है यार

श्वेत- हा ना

रितु- हूह इसमे क्यूट क्या है बचकानी हरकते है सब

रितु ने अपनी जलीकटी सुनाई

श्वेता- वो क्या है ना रितु रिलेशनशिप को हेल्थी रखने के लिए भईया भाभी कभी कभी बच्चों जैसी हरकते करते है जिससे न प्यार बढ़ता है पर तुम्हारी कहा शादी हुई है जो तुम्हें ये बात पता होगी

श्वेता ने भी रितु को उसी की भाषा मे जवाब दिया जिसपर बाकी सब अपनी हसी रोकने की कोशिश करने लगे और इसपर रितु कुछ नहीं बोली वही शेखर ने श्वेता का हाथ पकड़ कर उसे आगे कुछ कहने को रोका

पता नहीं क्यू इससे मुझे कुछ अच्छी फीलिंग नहीं आ रही है लेकिन जो होगा देख लेंगे’ श्वेता ने सोचा

देखते देखते दिन बीत गया, रात का खाना पूरे परिवार ने साथ ही खाया और राघव खाना होते ही जल्दी से अपने रूम मे चला गया क्युकी शाम के बाद उसके भाई बहन उसे चिढ़ाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे थे

कुछ समय बाद नेहा भी रूम मे आई क्युकी अब रात काफी हो चुकी थी और सभी लोग अपने अपने कमरों मे जा चुके थे

नेहा अपने कमरे मे आई और उसने दरवाजा लॉक किया और जैसे ही वो दरवाजा लॉक करके पलटी वो वही जम गयी क्युकी वहा राघव उसे घूरते हुए खड़ा था...

ये ऐसे ही मुझे घूरेंगे तो आखे बाहर आ जाएंगी ऐसे इनकी ’ नेहा ने सोचा और अपनी आंखे घुमा दी

अब जो इनसे शाम मे राघव को इतना परेशान किया था अब उसका बदला लेने का टाइम आ चुका था..

राघव नेहा के करीब आया दोनों के चेहरे एक दूसरे के पास थे..

राघव- तो अब चुकी तुम मेरा लैपटॉप बड़ी दादी को दे ही चुकी तो ये कह के की मैं तुम्हें टाइम नहीं देता तो अब मैं एकदम फ्री हु तो चलो फिर साथ वक्त बिताए...

राघव की उँगलिया नेहा की कमर पर घूम रही थी जो उसके रोंगटे खड़े कर रही थी, और राघव अपनी उँगलिया चलाए जा रहा था वही उसके होंठ अब नेहा के गालों के करीब थे... और तभी नेहा को अपनी नाभि के पास राघव की उंगली फ़ील हुई, वो तो मानो सास लेना ही भूल गई थी

नेहा के अपनी आंखे कस के बंद कर ली उसकी साँसे जोर जोर से चलने लगी, राघव की नाक उसकी जॉलाइन से टच होती वो महसूस कर रही थी, नेहा ने जैसे तैसे उसे अपने से दूर हटाना चाहा लेकिन वो उसके और पास आ गया

राघव- अब क्या हुआ नेहा जी अब मेरे साथ टाइम नहीं बिताना

राघव नेहा के कान मे फुसफुसाया और उसके कान को चूम लिया जिससे नेहा के पैर उसका साथ छोड़ने लगे और वो गिरने ही वाली थी के राघव ने उसे कमर से पकड़ लिया

राघव- अभी तो मैंने कुछ किया भी नहीं और तुम्हारे पैर अभी से जवाब देने लगे तब क्या होगा जब....

लेकिन राघव बोलते बोलते रुक गया जब उसने नेहा को देखा जिससे उसके चेहरे पर एक स्माइल आ गई, नेहा पर राघव का इफेक्ट छाया हुआ था

नेहा- पल.. प्लीज...

राघव- हा..

नेहा- रु.... रुकिए... प्लीज...

नेहा राघव को रोकना भी चाहती थी और ये एहसास उसे अच्छा भी लग रहा था उसे, राघव की उँगलिया अभी भी उसकी कमर पर घूम रही थी उसे मदहोश कर रही थी जिससे उससे कुछ बोलते नहीं बन रहा था

नेहा ने राघव का शर्ट उसके कंधे से पकड़ लिया और नर्वसनेस मे उसके और करीब आ गई और उसे अपनी गर्दन पर राघव की साँसे फ़ील हो रही थी लेकिन अपनी नर्वसनेस मे उसने तभी कुछ ऐसा कर दिया जो उसे नहीं करना चाहिए था.. जिसने राघव को अपनी जगह पर जमा दिया.. नेहा की हरकत पर राघव अभी उसपर चिल्लाना चाहता था लेकिन जैसे ही उसने नेहा का मासूम चेहरा देखा वो चुप हो गया.. वेल बनते मूड को नेहा ने एकदम से डाउन कर दिया था और राघव एकदम उससे दूर हट्ट गया अब उसने ऐसा क्या किया था इसको आपलोग इमैजिन करो :D

कुछ पलों बाद कुछ ना होता देख नेहा ने अपनी आंखे खोली तो उसने देखा के राघव टोवेल लिए बाथरूम मे जा रहा था... नेहा का मुह खुला था उसने अपने मुह पर हाथ रखा और बड़ी बड़ी आँखों से बाथरूम के दरवाजे को देखने लगी जो थड़ की आवाज के साथ बंद हुआ....

‘ये क्या हुआ अभी अभी....' नेहा ने सोचा.....


क्रमश:
mind blowing update awesome story
 
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Update 44




अगले दिन देशपांडे परिवार अपने घर आने के लिए निकल चुका था सब लोग सफर को इन्जॉय कर रहे थे हसी मजाक चल रहा था और इन सब मे एक बंद ऐसा था जो चुप था अब आपको उसके बारे मे अलग से बताने की जरूरत नहीं है के वो कौन था, वो राघव ही था जो किसी सोच मे डूबा हुआ था उसके दिमाग मे कुछ चल रहा था, जब से वो अपने घर आने के लिए निकले थे तब से वो किसी से ज्यादा बोला नहीं था और जब वो सब लोग घर पहुचे और कार से उतरे तब भी राघव कार मे ही बैठा रहा और नेहा ने उसे ऐसे बैठा देख पूछा

नेहा- क्या हुआ आप नहीं आरहे अंदर??

राघव- नही मुझे कुछ जरूरी काम है और शायद रात मे मुझे लेट हो जाएगा

नेहा- लेकिन अभी अभी तो हम आए है कुछ खा लीजिए थोड़ा आराम कर लीजिए

राघव- मैं खा लूँगा अब तुम जाओ अंदर और सुनो शायद मुझे लेट होगा रात मे तो इंतजार मत करना

इतना बोल के बगैर नेहा के रिप्लाइ का इंतजार करे राघव वहा से निकल गया वही नेहा बस उसे जाते हुए देखती रही

दादी- ये कहा जा रहा है??

दादी ने राघव की जाती कार को देखते हुए पूछा

नेहा- उन्होंने कहा है उन्हे कुछ जरूरी काम है आने मे लेट होगा

नेहा ने दादी से कहा जिसपर दादी मे भी हा मे गर्दन हिला दी

दादी- आते ही काम शुरू हो गए इसके खैर चलो हम अंदर चलते है

दादी ने कहा और वो सब अंदर आए वही नेहा सोचने लगी

इन्हे इतना क्या जरूरी काम था जो घर के अंदर भी नहीं आए’

देखते देखते वो दिन बीत गया और जैसा राघव ने कहा था उसे आने मे लेट हो गया था तब तक नेहा सो चुकी थी और अगले दिन राघव नेहा के उठने के पहले ही जा चुका था और जब नेहा को इस बात का पता चला उसे थोड़ा दुख हुआ ऐसा लगा मानो यहा आते ही पुराना राघव वापिस आ गया है लेकिन ऐसा नहीं था इस बार राघव ने साइड टेबल पर नेहा के लिए एक नोट छोड़ी थी जिसमे लिखा था मे काम बहुत जरूरी है और उसने नेहा ने माफी भी मांगी थी और शाम मे मिलते है ऐसा कहा था जिसे पढ़ कर नेहा को थोड़ा अच्छा लगा


शाम मे नेहा और श्वेता किचन मे जानकी जी की मदद कर रही थी तभी जानकी जी की नजर लिविंग रूम मे बैठे राघव पर पड़ी और वो उसके पास आई

जानकी- राघव कहा थे तुम?? काम क्या सेहत से ज्यादा जरूरी है?

जानकी जी ने राघव को देखते ही उसपर सवाल दागने शुरू कर दिए वही राघव थका हुआ था उसने कुछ नहीं बोला

जानकी- देखो कितना थके हुए लग रहे हो जाओ अपने कमरे मे जाकर फ्रेश हो जाओ मैं नेहा के हाथों तुम्हारी कॉफी भिजवाती हु

जानकी जी ने राघव को डाटते हुए कहा और राघव भी चुप चाप अपने रूम मे चला गया।

कुछ देर बाद नेहा उसकी कॉफी लिए रूम मे पहुची तो रूम मे कोई नहीं था तब नेहा ने वो कॉफी साइड टेबल पर रखी तभी किसी ने उसकी कमर पर चुटी काटी जिससे नेहा थोड़ी उछली और उसने पलट कर देखा तो वहा राघव था

नेहा- क्या??

राघव- क्या क्या? इधर आओ मेरे पास तुम्हारे लिए कुछ है

इतना कहते हुए राघव ने नेहा को बेड पर बिठाया और अलमारी से कुछ सामान निकाला और नेहा के पास आया

राघव- ये लो

राघव ने एक एन्वलोप नेहा की ओर बढ़ाया

नेहा- क्या है ये??

राघव- खुद देख लो!!

राघव ने कॉफी का घूट लेते हुए कहा और जब नेहा ने वो एन्वलोप खोला और उसमे रखे दस्तावेज पढे तो उसकी आंखे हैरत मे बड़ी हो गई और वो राघव को देखने लगी

नेहा- आप... ये... मैं... ये क्या है.... ये तो....

नेहा सही शब्द नहीं चुन पा रही थी

राघव- क्या हुआ पढ़ा नहीं जा रहा?

नेहा- पढ़ा है लेकिन आपने.. ये...

राघव- हा मैंने, तुम्हारे बेटरहाफ ने तुम्हारे लिए...

नेहा- लेकिन ये बहुत ज्यादा है मैं नहीं ले सकती

नेहा ने डॉक्युमेंट्स देखते हुए कहा

राघव- क्यू क्या प्रॉब्लेम है इसमे??

नेहा- आपने मेरे नाम पर जमीन क्यू खरीदी???

राघव- क्यू का क्या मतलब है तुम्हारे लिए खरीदी है बीवी हो तुम मेरी और सुनो जल्द ही यहा कन्स्ट्रक्शन शुरू हो जाएगा और मैं चाहता हु तुम तुम्हारी डांस अकादेमी यहा खोलो

राघव ने नेहा के कंधे पकड़ते हुए कहा

नेहा- लेकिन मैं कैसे??? ये तो आपका है??

राघव- तुम मेरी वाइफ हो नेहा और जो मेरा है वो तुम्हारा है और कुछ गलत नहीं है इसमे ना ही कोई बुरा मानने वाली बात है तुम्हें जो तुम्हें चाहिए वो मुझसे मांगने का पूरा हक है और अब तुम्हारा सपना मेरा भी सपना है और मुझे अपना सपना पूरा करना है

राघव की बाते सुन नेहा की आँखों मे आसू आ गए उसने राघव को गले लगा लिया और राघव ने भी उसे अपनी बाहों मे समा लिया

राघव- शुश रोने की कोई जरूरत नहीं है अगर तुम ऐसे रोओगी तो स्टूडेंट्स को क्या सिखाओगी

राघव ने नेहा का मूड सही करने की कोशिश की और उसके बालों मे उँगलिया घुमाने लगा

नेहा- थैंक यू थैंक यू सो मच

राघव- थैंक क्यू कहने वाली कोई बात नहीं है और अब हमे बहुत काम करने है इसके लिए पहले मुझे बढ़िया खाना चाहिए और फिर अच्छी वाली नींद उसके बाद हम बाकी की बातों को डिस्कस करेंगे

नेहा- लेकिन घर के बड़े नहीं माने तो??

राघव- वो तुम्हारी किसी बात को टाल सकते है क्या?? और वो क्यू मना करने लगे उल्टा वो तो खुश होंगे। मेरी दादी अपने जमाने मे भी दादू के साथ बिजनेस संभालती थी मा और चाची भी अपना एनजीओ चलाती है फिर वो कैसे तुम्हें रोकेंगे

नेहा- पक्का??

राघव- हा बाबा अब चलो मैंने तुम्हें ये गिफ्ट दिया है तो बदले मे मुझे क्या मिलेगा?? राघव देशपांडे बगैर फायदे के कुछ नहीं करता

नेहा- मैं क्या दे सकती हु आपको?

राघव- ज्यादा नहीं चाहिए बस आज रात का खाना मेरी पसंद का हो

राघव ने अपनी कॉफी का घूट लेते हुए कहा वही नेहा बस उसे देखती रही फिर नेहा उठी और उसने डॉक्युमेंट्स ड्रॉर में रखे राघव अपनी कॉफी पीने मे बिजी था तभी राघव को अपने गालों पर नेहा के होंठ फ़ील हुए और अभी अभी क्या हुआ है ये राघव का माइन्ड प्रोसेस करता उससे पहले ही नेहा कमरे के बाहर जा चुकी थी...

रात के खाने पर घर के सब लोग साथ बैठे हुए थे तभी

रमाकांत- राघव तुमने कोई नहीं जमीन खरीदी है क्या? मुझे कुछ डॉक्युमेंट्स आए थे मेल पर मैंने पढे नहीं

नेहा उनकी बात सुन अपनी जगह पर जम गई उसे डर था के घरवाले उसके बारे मे क्या सोचेंगे

राघव- हा डैड मैंने नेहा के नाम पर जमीन ली है उसे डांस अकादेमी खोलनी थी इसीलिए

रमाकांत- अरे वाह!! नेहा बेटा ऑल द बेस्ट, मैंने तुम्हारे चाचा से भी तुम्हारे डांस की बहुत तारीफ सुनी है

धनंजय- ऐसा था तो बेटे पहले क्यू नहीं बताया तुमने मैं पहले ही ये सब अरैन्ज कर देता अब तक तो सब शुरू हो चुका होता लेकिन अब राघव ने कर दिया ये भी सही हुआ

शिवशंकर- चलो अच्छा है राघव का दिमाग सही काम कर रहा है

गायत्री- नेहा

नेहा- जी दादी

नेहा सबसे ज्यादा दादी के रिएक्शन से डर रही थी

गायत्री- अब से ज्यादा फोकस अपनी अकादेमी पर करना किचन पर नहीं यहा संभालने वाले बहूत है मैं चाहती हु मेरी बहु बेस्ट डांसर बने

जानकी- हा बेटे घर मैनेज करने के लिए हम है तुम अपने काम पर फोकस करो अब

सबके रिएक्शन सुन कर नेहा बहुत ज्यादा खुश थी उसने राघव को देखा तो मैंने तो पहले ही कहा था वाले इक्स्प्रेशन राघव के चेहरे पर थे सब लोगों ने नेहा को अड्वाइस दी के कैसे सब करे जिसके बाद वो दोनों अपने रूम एम आए और रूम मे आते ही नेहा ने वापिस राघव को गले लगा लिया और उसे थैंक यू कहने लगी

नेहा- आपको नहीं पता ये सब मेरे लिए कितना मायने रखता है

नेहा ने कहा लेकिन उसे कुछ और भी कहना था जो वो कह नहीं पा रही थी लेकिन राघव ने उसका चेहरा पढ़ लिया था

राघव- क्या हुआ कुछ और कहना है??

नेहा- वो... मैं आपको आपके पैसे लौटा दूँगी जब मैं कमाने लगूँगी

नेहा ने हिचकते हुए कहा वही राघव ने उसकी बात सुन अपना माथा पीट लिया

राघव- इतनी जिद्दी क्यू हो तुम.. मैंने कहा न ये सब तुम्हारा है और ये मैंने दिया है तुम्हें तुम्हारे हज़बन्ड ने किसी अजनबी ने नहीं

नेहा- लेकिन फिर....

राघव- हा हा ठीक है पहले कमाओ तो फिर उसे अपन अपने बच्चों के लिए फिक्स डिपोजिट कर देंगे खुश!!

नेहा- बच्चे!!!

राघव- हा !!! क्यू तुम्हें बच्चे नहीं चाहिए क्या?? 😉

राघव ने नेहा की आँखों मे देखते हुए कहा और इस बात का नेहा के पास कोई जवाब नहीं था

नेहा- वो.. मैं.. वो..

राघव- जाने दो छोड़ो सोने दो मुझे और तुम भी सो जाओ कल सुबह हमे जल्दी चलना है

राघव ने बेड पर बैठते हुए कहा

नेहा- हमे?? कहा??

राघव- ऑफिस और कहा और तुम्हें अभी अकादेमी के बारे मे सब बताना है और मार्केटिंग कैसी करनी है वो सिखाना है तभी तो ज्यादा से ज्यादा लोग अट्रैक्ट होंगे इस तरफ

नेहा- लोगों को अट्रैक्ट करने के लिए मेरा डांस ही काफी है हूह!

राघव- अच्छा है कान्फिडन्स अच्छा है लेकिन देविजी मार्केटिंग जरूरी है और और मैंने मेरे डेवलपर को बोला है तुम्हारे अकादेमी की वेबसाईट बनाने का जब तक बिल्डिंग तयार नहीं होती तब तक ऑनलाइन सिखाना, मैंने सब डिसाइड कर लिया है और अब तुम इससे पहले के ये बोलो के तुम घर से काम करोगी तो बिल्कुल नहीं!! नेहा जी इतना तो मैं आपको जान चुका हु के अगर तुम घर पर रही तो तुम घर और काम दोनों मैनेज करने की कोशिश करोगी और मैं चाहता हु तुम अब सिर्फ काम पर फोकस करो समझी

राघव की बात सुन नेहा का मुह खुला का खुला रह गया

राघव- चिक्की मुह बंद करो अपना वरना मक्खी घुस जाएगी और चलो सो जाओ अब कल जल्दी उठना है

नेहा ने अपना मुह बंद किया और चुप चाप बेड पर आकार लेट गई तब राघव बोला

राघव- सुबह प्लीज एक बारी मे उठ जाना वरना मैंने तुम्हें वैसे ही ऑफिस लेकर चला जाऊंगा

जिसपर नेहा मुह ही मुह मे पुटपुटाई

नेहा- मुझे क्या कुंभकरण समझा है

लेकिन राघव ने ये सुन लिया

राघव- हा! अब सो जाओ चुप चाप

नेहा- रावण

लेकिन इसबार राघव को ये सुनाई नहीं दिया

राघव- कुछ कहा क्या??

नेहा- नहीं नहीं!! कुछ भी तो नहीं!!

जिसके बाद कोई कुछ नहीं बोला और वो नींद के आगोश मे समा गए.....


क्रमश:
बढ़िया भाग है अब तो यह गिफ्ट का लेन देन चलता रहेगा
 
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Update 45




अगले दिन राघव नेहा को जगाने की कोशिश कर रहा था लेकिन नेहा तो नेहा है वो एक बारी मे जागे कैसे?? राघव भी अभी अभी नींद से जागा था और अपनी आंखे मलते हुए नेहा को आवाज देकर जगाने की कोशिश मे लगा हुआ था

राघव- चिक्की!! चिक्की जागो !!!

लेकिन नेहा ने उसे इग्नोर करते हुए करवट बदल ली

राघव- नेहा उठो यार देखो 5 बज चुके है

नेहा- उहहमहू 5 ही तो बजे है थोड़ा और सोने दो प्लीज

नेहा ने तकिये से अपना चेहरा छुपाते हुए आंखे बंद करे हुए कहा वही राघव ने नेहा की ये हरकत देख सोचा के वो उसे बाद मे जगाएगा पहले खुद रेडी हो ले और जब राघव तयार होकर वापिस रूम मे आया तब भी नेहा सोई हुई थी और उसने वापिस नेहा को जगाने की बहुत कोशिश की लेकिन उसकी सारी कोशिशे नाकाम रही और फिर उसने नेहा को गोद मे उठाया और बाथरूम की ओर चला गया

राघव- अब बस यही एक तरीका बचा है

राघव ने नेहा को देखते हुए कहा और उसे बाथटब मे लेटाया, नेहा के मासूम चेहरे को देख कर राघव को बुरा भी लग रहा था लेकिन दूसरा रास्ता उसे सूझ ही नहीं रहा था उसने हैंड शावर लिया और उसे शुरू कर के नेहा के चेहरे पर पानी मारा और ऐसे अचानक चेहरे पर पानी की बौछार गिरने से नेहा ने एकदम से अपनी आंखे खोली और डर मे राघव को देखने लगी

नेहा- क्या कर रहे है आप??

नेहा अपनी पूरी ताकत से चिल्लाते हुए बोली वही राघव ने अपने हाथ से अपने कान बंद कर लिए थे

राघव- अरे शांत, तुम जाग नहीं रही थी इसीलिए ये करना पडा अब चलो फटाफट तयार हो जाओ लेट हो रहा है हमे

राघव ने कहा और वहा से निकल लिया वही नेहा बस बाथरूम से चिल्लाते रही लेकिन राघव के कानों पर जु तक नहीं रेंगी और जैसे ही राघव बाथरूम से बाहर आया नेहा का चेहरा याद कर हसने लगा

कुछ टाइम बाद राघव अपने रूम मे अपने बेड पर बैठा कुछ फाइले देख रहा था तभी उसे दरवाजा खुलने का आवाज आया लेकिन नेहा बाहर नहीं आई

राघव- चिक्की!!

लेकिन कोई रिप्लाइ नहीं

राघव- नेहा!!!!

नेहा- आप रूम से बाहर जाएंगे प्लीज, आपने मुझे कपड़े लेने का मौका भी नहीं दिया

नेहा अंदर से चीखते हुए बोली

राघव- शीट!! अच्छा रुको मैं अभी कपड़े पकड़ता हु तुम्हें

राघव ने फाइल नीचे रखते हुए कहा और अलमारी की ओर बढ़ा तभी नेहा वापिस से चीखी

नेहा- नहीं मैं खुद कर लूँगी आप बाहर जाइए बस

राघव – नहीं जा सकता यार ये फाइल देखना जरूरी है

राघव ने बहाना बनाया जो की उसने क्यू बनाया उसे भी नहीं पता था वो नेहा के कपड़े ढूँढने लगा तभी उसने कोई गलत ड्रॉर खोल लिया और उसे वहा कुछ ऐसा दिखा जिसे देख उसकी आंखे बड़ी हो गई

ये किसने रखा यहा?? नेहा??? नहीं नहीं वो कैसे?? लेकिन फिर...’ तभी नेहा वापिस चिल्लाई और राघव ने झट से वो चीज अपनी जेब मे डाली और ड्रॉर बंद कर दिया

जिसने भी रखा है पता लगाना पड़ेगा उसको छोड़ूँगा नहीं मैं’

नेहा- क्या हुआ??

राघव- कुछ नहीं मैं स्टडी रूम मे जा रहा हु तुम रेडी हो जाओ

राघव ने अपनी फाइल लेते हुए कहा और वहा से निकल लिया...

कुछ देर बार राघव रूम मे आया तो नेहा तयार हो चुकी थी और वो अपने आप को आईने मे देख रही थी, राघव तो उसे देख देखता ही रह गया लेकिन फिर राघव ने उसे वापिस ऊपर से नीचे देखा

राघव- तुम ये पहन के चल रही हो??

राघव ने नेहा की साड़ी देखते हुए कहा

नेहा- हा! क्यू? क्या खराबी है इसमे?

राघव- खराबी कुछ नहीं है लेकिन डांस कैसे करोगी इसमे??

नेहा- लेकिन मैं डांस क्यू करूंगी? मेरी शादी थोड़ी है!

राघव- अरे लेकिन तुम्हारे डांस का विडिओ शूट होना है वेबसाइट के लिए, एडवर्टाइज के लिए कम से कम कोई सूट ही पहन लो

नेहा- लेकिन...

राघव- लेकिन वेकीन कुछ नहीं जाओ और चेंज कर के आओ

राघव ने नेहा को वापिस वॉर्ड्रोब मे धकेला और नेहा उसे मना भी नहीं कर पाई....


कुछ समय बाद......

जानकी- नेहा ये लो

जानकी जी ने नेहा को दही चीनी देते हुए कहा

नेहा- मा क्या जरूरत है इसकी

जानकी- अरे जरूरत क्यू नहीं है मेरी बेटी अपनी लाइफ का नया चैप्टर शुरू कर रही है और मुझे सब बेस्ट चाहिए

जानकी जी की बात सुन नेहा ईमोशनल हो गई और उसने जानकी जी को गले लगा लिया

जानकी- अरे क्या हुआ मेरे बच्चे हो ऐसे रोते थोड़ी है तुम अच्छा करोगी मुझे पता है

फिर जानकी जी ने नेहा को दही चीनी खिलाई फिर सबने नाश्ता किया और नेहा को ऑल द बेस्ट कहा

श्वेता- ऑल द बेस्ट भाभी

श्वेता ने नेहा को गले लगते हुए कहा

विवेक- और भाभी फिकर नॉट भाई है वहा कोई प्रॉब्लेम नहीं होगी

रिद्धि- हा और अगर मेरा भाई कुछ बोले तो सीधा मॉम को कॉल लगा देना वो उसे सीधा कर देंगी

ये सब वार्तालाप चल रहा था और राघव गाड़ी के पास खड़े होकर सुन रहा था

राघव- अरे चलो लेट हो रहा है

नेहा- ओके बाय

नेहा ने सबको बाय किया और राघव के बाजू मे कार मे आकार बैठ गई

राघव- हो गया सबका या छूट गया कोई

राघव ने नेहा को देखते हुए पूछा

नेहा- उन्हे फिक्र है मेरी

राघव- ये जानते हुए भी के मैं हु वहा

नेहा- आप वहा हो इसीलिए तो

लेकिन ये बात राघव नहीं सुन पाया

राघव - क्या??

नेहा- कुछ नहीं

जल्द ही वो लोग ऑफिस पहुचे और राघव पहले गाड़ी से उतरा फिर उसने नेहा के लिए दरवाजा खोला और वो लोग ऑफिस मे एंटर हुए और ऑफिस मे पहुकते हुए खडूस राघव वापिस आ चुका था अपने एक्सप्रेशनलेस चेहरे के साथ वही आज सब लोग उनके बॉस और बॉस की बीवी को देख रहे थे साथ मे हाथो मे हाथ डाले.. सब लोग राघव और नेहा को विश कर रहे थे, राघव इन सब अटेंशन का आदि था लेकिन नेहा को इसकी आदत नहीं थी

लिफ्ट मे राघव का असिस्टेंट उसे उसके आज के प्लांस बता रहा था और कुछ बिजनेस रिलेटेड बाते हो रही थी जो सब कुछ नेहा के दिमाग के ऊपर से जा रहा था और जल्द ही वो लोग ऑफिस के पास पहुचे

राघव- रवि आज की मेरी सारी मीटिंग्स लंच के बाद शिफ्ट कर दो और वेब डेवलपर को मेरे केबिन मे भेजो

राघव ने अपने असिस्टेंट से कहा और वो भी हा मे गर्दन हिलाता हुआ चला गया और नेहा और राघव राघव के केबिन मे घुसे और अंदर आते ही नेहा बोली

नेहा- अब क्या करना है?

क्रमश:
नींद से जगाने का अच्छा तरीका है यह
 

dhparikh

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Update 45




अगले दिन राघव नेहा को जगाने की कोशिश कर रहा था लेकिन नेहा तो नेहा है वो एक बारी मे जागे कैसे?? राघव भी अभी अभी नींद से जागा था और अपनी आंखे मलते हुए नेहा को आवाज देकर जगाने की कोशिश मे लगा हुआ था

राघव- चिक्की!! चिक्की जागो !!!

लेकिन नेहा ने उसे इग्नोर करते हुए करवट बदल ली

राघव- नेहा उठो यार देखो 5 बज चुके है

नेहा- उहहमहू 5 ही तो बजे है थोड़ा और सोने दो प्लीज

नेहा ने तकिये से अपना चेहरा छुपाते हुए आंखे बंद करे हुए कहा वही राघव ने नेहा की ये हरकत देख सोचा के वो उसे बाद मे जगाएगा पहले खुद रेडी हो ले और जब राघव तयार होकर वापिस रूम मे आया तब भी नेहा सोई हुई थी और उसने वापिस नेहा को जगाने की बहुत कोशिश की लेकिन उसकी सारी कोशिशे नाकाम रही और फिर उसने नेहा को गोद मे उठाया और बाथरूम की ओर चला गया

राघव- अब बस यही एक तरीका बचा है

राघव ने नेहा को देखते हुए कहा और उसे बाथटब मे लेटाया, नेहा के मासूम चेहरे को देख कर राघव को बुरा भी लग रहा था लेकिन दूसरा रास्ता उसे सूझ ही नहीं रहा था उसने हैंड शावर लिया और उसे शुरू कर के नेहा के चेहरे पर पानी मारा और ऐसे अचानक चेहरे पर पानी की बौछार गिरने से नेहा ने एकदम से अपनी आंखे खोली और डर मे राघव को देखने लगी

नेहा- क्या कर रहे है आप??

नेहा अपनी पूरी ताकत से चिल्लाते हुए बोली वही राघव ने अपने हाथ से अपने कान बंद कर लिए थे

राघव- अरे शांत, तुम जाग नहीं रही थी इसीलिए ये करना पडा अब चलो फटाफट तयार हो जाओ लेट हो रहा है हमे

राघव ने कहा और वहा से निकल लिया वही नेहा बस बाथरूम से चिल्लाते रही लेकिन राघव के कानों पर जु तक नहीं रेंगी और जैसे ही राघव बाथरूम से बाहर आया नेहा का चेहरा याद कर हसने लगा

कुछ टाइम बाद राघव अपने रूम मे अपने बेड पर बैठा कुछ फाइले देख रहा था तभी उसे दरवाजा खुलने का आवाज आया लेकिन नेहा बाहर नहीं आई

राघव- चिक्की!!

लेकिन कोई रिप्लाइ नहीं

राघव- नेहा!!!!

नेहा- आप रूम से बाहर जाएंगे प्लीज, आपने मुझे कपड़े लेने का मौका भी नहीं दिया

नेहा अंदर से चीखते हुए बोली

राघव- शीट!! अच्छा रुको मैं अभी कपड़े पकड़ता हु तुम्हें

राघव ने फाइल नीचे रखते हुए कहा और अलमारी की ओर बढ़ा तभी नेहा वापिस से चीखी

नेहा- नहीं मैं खुद कर लूँगी आप बाहर जाइए बस

राघव – नहीं जा सकता यार ये फाइल देखना जरूरी है

राघव ने बहाना बनाया जो की उसने क्यू बनाया उसे भी नहीं पता था वो नेहा के कपड़े ढूँढने लगा तभी उसने कोई गलत ड्रॉर खोल लिया और उसे वहा कुछ ऐसा दिखा जिसे देख उसकी आंखे बड़ी हो गई

ये किसने रखा यहा?? नेहा??? नहीं नहीं वो कैसे?? लेकिन फिर...’ तभी नेहा वापिस चिल्लाई और राघव ने झट से वो चीज अपनी जेब मे डाली और ड्रॉर बंद कर दिया

जिसने भी रखा है पता लगाना पड़ेगा उसको छोड़ूँगा नहीं मैं’

नेहा- क्या हुआ??

राघव- कुछ नहीं मैं स्टडी रूम मे जा रहा हु तुम रेडी हो जाओ

राघव ने अपनी फाइल लेते हुए कहा और वहा से निकल लिया...

कुछ देर बार राघव रूम मे आया तो नेहा तयार हो चुकी थी और वो अपने आप को आईने मे देख रही थी, राघव तो उसे देख देखता ही रह गया लेकिन फिर राघव ने उसे वापिस ऊपर से नीचे देखा

राघव- तुम ये पहन के चल रही हो??

राघव ने नेहा की साड़ी देखते हुए कहा

नेहा- हा! क्यू? क्या खराबी है इसमे?

राघव- खराबी कुछ नहीं है लेकिन डांस कैसे करोगी इसमे??

नेहा- लेकिन मैं डांस क्यू करूंगी? मेरी शादी थोड़ी है!

राघव- अरे लेकिन तुम्हारे डांस का विडिओ शूट होना है वेबसाइट के लिए, एडवर्टाइज के लिए कम से कम कोई सूट ही पहन लो

नेहा- लेकिन...

राघव- लेकिन वेकीन कुछ नहीं जाओ और चेंज कर के आओ

राघव ने नेहा को वापिस वॉर्ड्रोब मे धकेला और नेहा उसे मना भी नहीं कर पाई....


कुछ समय बाद......

जानकी- नेहा ये लो

जानकी जी ने नेहा को दही चीनी देते हुए कहा

नेहा- मा क्या जरूरत है इसकी

जानकी- अरे जरूरत क्यू नहीं है मेरी बेटी अपनी लाइफ का नया चैप्टर शुरू कर रही है और मुझे सब बेस्ट चाहिए

जानकी जी की बात सुन नेहा ईमोशनल हो गई और उसने जानकी जी को गले लगा लिया

जानकी- अरे क्या हुआ मेरे बच्चे हो ऐसे रोते थोड़ी है तुम अच्छा करोगी मुझे पता है

फिर जानकी जी ने नेहा को दही चीनी खिलाई फिर सबने नाश्ता किया और नेहा को ऑल द बेस्ट कहा

श्वेता- ऑल द बेस्ट भाभी

श्वेता ने नेहा को गले लगते हुए कहा

विवेक- और भाभी फिकर नॉट भाई है वहा कोई प्रॉब्लेम नहीं होगी

रिद्धि- हा और अगर मेरा भाई कुछ बोले तो सीधा मॉम को कॉल लगा देना वो उसे सीधा कर देंगी

ये सब वार्तालाप चल रहा था और राघव गाड़ी के पास खड़े होकर सुन रहा था

राघव- अरे चलो लेट हो रहा है

नेहा- ओके बाय

नेहा ने सबको बाय किया और राघव के बाजू मे कार मे आकार बैठ गई

राघव- हो गया सबका या छूट गया कोई

राघव ने नेहा को देखते हुए पूछा

नेहा- उन्हे फिक्र है मेरी

राघव- ये जानते हुए भी के मैं हु वहा

नेहा- आप वहा हो इसीलिए तो

लेकिन ये बात राघव नहीं सुन पाया

राघव - क्या??

नेहा- कुछ नहीं

जल्द ही वो लोग ऑफिस पहुचे और राघव पहले गाड़ी से उतरा फिर उसने नेहा के लिए दरवाजा खोला और वो लोग ऑफिस मे एंटर हुए और ऑफिस मे पहुकते हुए खडूस राघव वापिस आ चुका था अपने एक्सप्रेशनलेस चेहरे के साथ वही आज सब लोग उनके बॉस और बॉस की बीवी को देख रहे थे साथ मे हाथो मे हाथ डाले.. सब लोग राघव और नेहा को विश कर रहे थे, राघव इन सब अटेंशन का आदि था लेकिन नेहा को इसकी आदत नहीं थी

लिफ्ट मे राघव का असिस्टेंट उसे उसके आज के प्लांस बता रहा था और कुछ बिजनेस रिलेटेड बाते हो रही थी जो सब कुछ नेहा के दिमाग के ऊपर से जा रहा था और जल्द ही वो लोग ऑफिस के पास पहुचे

राघव- रवि आज की मेरी सारी मीटिंग्स लंच के बाद शिफ्ट कर दो और वेब डेवलपर को मेरे केबिन मे भेजो

राघव ने अपने असिस्टेंट से कहा और वो भी हा मे गर्दन हिलाता हुआ चला गया और नेहा और राघव राघव के केबिन मे घुसे और अंदर आते ही नेहा बोली

नेहा- अब क्या करना है?

क्रमश:
Nice update....
 

DARK WOLFKING

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Update 43




विशाल और रितु को बाय करने के बाद राघव और नेहा अपने कमरे मे लौट आए

राघव- ये क्या हुआ अभी अभी.. ?

राघव ने कमरे मे आते हुए अचानक से पूछा

नेहा- हा??

वही राघव का सवाल समझ ना आने पर नेहा ने उसे कंफ्यूजन मे देखा

राघव- यही जो अभी अभी सीन हुआ है क्या ये सही था??

राघव अब भी इस पूरे नाटक पर कन्फ्यूज़ था हालांकि जो हुआ वो सही हुआ है लेकिन राघव समझ नहीं पा रहा था के क्या ये सब जरूरी था हालांकि इस नाटक ने उन्हे और करीब लाया था और कभी कभी आपको आगे बढ़ने के लिए एक पुश की जरूरत होती है जो उसके परिवार ने किया

नेहा- पता नहीं सही था या नहीं लेकिन इससे हम पास तो आए है हमारे रिश्ते मे इंप्रूवमेंट तो है

नेहा ने आराम से कहा जिसके बाद कुछ पल तक कोई कुछ नहीं बोला

राघव- सॉरी!!

राघव ने अचानक से कहा वही नेहा ने उसे चौक कर देखा

नेहा- अब ये किस लिए?

राघव- पिछले 5 महीने, जब से हमारी शादी हुई है मैंने कभी तुम्हारे बारे मे नहीं सोचा कभी केयर नहीं की मैं अपनी इनसिक्योरिटी से झूझ रहा था ईडियट था मैं, याद है तुमने मुझे उस दिन कहा था साथ मे टाइम स्पेन्ड करने ताकि मैं तुम्हें जान सकु तुम मुझे जान सको लेकिन अब सोचता हु सिर्फ एक्शन से किसी के बारे मे पता चलता तो मैं कभी ये नहीं जान पाता के तुम इतना अच्छा डांस करती हो इतनी जल्दी तो नहीं क्युकी वहा तो तुम कभी डांस करती नहीं

फिर राघव ने नेहा के दोनों हाथ पकड़े और उसके करीब आया

राघव- मुझे तुम्हारे बारे मे सब कुछ जानना है, मुझे अपनी चिक्की को जानना है, तुम्हारी पसंद नापसंद सब कुछ और ये सिर्फ एक्शन ने नहीं पता करना है बल्कि तुम मुझे बताओगी, प्लीज मुझे सब जानना है, तुम्हारे फ्यूचर प्लांस, सपने सब कुछ मुझे कुछ पता नहीं है!

नेहा ने कुछ पल राघव को देखा और फिर मुस्कुराई

नेहा- तो आप ही बताइए कहा से शुरू करू??

राघव- उम्म.... हॉबीस्?

नेहा- मेरी हॉबीस्.... मुझे कितबे पढ़ना पसंद है, कभी कभी गाना गाना अच्छा लगता है, पेंटिंग गेम्स और डांस तो बहुत बहुत ज्यादा पसंद है...

राघव- हा पढ़ने वाली बात तो पता है और मैं देख सकता तुम्हें कैसी बुक्स पसंद है

राघव ने टेबल पर रखी डार्क रोमांस की बुक देखते कहा

नेहा- ओये मेरी पर्सनल चीज है वो आप नहीं देख सकते

राघव- ओके ओके ठीक है अब एजुकेशन, फॅमिली?? सॉरी लेकिन मुझे कुछ नहीं पता, कभी इस तरफ ध्यान ही नहीं दिया

राघव ने नीचे देखते हुए कहा वही नेहा की स्माइल गायब हो गई, इस लिए नहीं के राघव को कुछ नहीं पता था बल्कि इसके पीछे कोई और वजह थी, राघव ने ऊपर देखा तो उसका उतरा चेहरा उसे दिखा

राघव- सॉरी क्या मैंने.....

लेकिन नेहा ने उसे बीच मे रोक दिया

नेहा- इट्स ओके लेकिन....

राघव- लेकिन...?

नेहा- कुछ नहीं, मैंने डांस एण्ड आर्ट्स मे डिग्री ली है क्युकी मुझे डांस बहुत पसंद है

राघव- और आपको कौनसे टाइप का डांस पसंद है??

नेहा- सब तरह का

नेहा ने कहा जिससे राघव के चेहरे पर मुस्कान आ गई

राघव- सब सीखा भी इसी एक्साइटमेंट मे था क्या

नेहा- सीखना क्या है मैं पैदा ही टैलन्टिड हुई थी और डांस तो ड्रीम है मेरा

राघव- ड्रीम??

नेहा- हा मेरा सपना था अपनी डांस अकादेमी खोलने का लेकिन वो कभी हो ही नहीं पाया

नेहा ने उदासी भरे स्वर मे कहा

राघव- क्यू??

नेहा- उस टाइम इतने पैसे नहीं थे और किसी से मांगने की हिम्मत नहीं थी.... मेरी मा का सपना था ये वो एक बेस्ट क्लैसिकल डान्सर थी मैंने देखा है उन्हे डांस को इन्जॉय करते हुए

नेहा ने याद करते हुए कहा वही राघव को उसे देख थोड़ा बुरा लगा उसे नेहा के चेहरे पर ये उदासी वाले भाव अच्छे नहीं लग रहे थे वो अच्छे से जानता था के कैसा लगता है जब आप कोई सपना देखो और किसी कारण से उसे पूरा ना कर पाओ

राघव- तुम्हारी मा.....

लेकिन इस बार भी राघव को बोलते बोलते बीच मे रुकना पड़ा क्युकी किसी ने उनके रूम का दरवाजा खटखटाया था, राघव ने गेट खोला तो वहा विवेक स्माइल लिए खड़ा था

विवेक- भाई.... भाभी... अगर आप लोगों की प्यार भरी गुलू गुलू हो गई हो तो पीछे वाले गार्डन मे मिलों

विवेक की बात सुन नेहा तो नीचे देखने लगी वही राघव परेशान चेहरे से विवेक को घूरने लगा

राघव- क्यू???

विवेक- अरे आओ ना हम इंतजार कर रहे है

राघव- हम??

विवेक- इस टाइम इतने सवाल कौन करता है यार चलो जल्दी वही देख लेना

विवेक ने चिढ़ते हुए कहा और वहा से निकल गया और राघव और नेहा भी गार्डन मे पहुचे तो देखा के अक्खी गैंग वहा थी और इन्हे देख के उनके चेहरे पर शरारती मुस्कान उभर आई थी

शेखर- लबों को लबों पर सजाओ... क्या हो तुम मुझे अब बताओ....

राघव और नेहा के वहा आते ही शेखर के ये गाना गुनगुनाना शुरू किया वही ये गाना सुनते ही नेहा की तो बोलती बंद हो गई वही राघव शेखर को घूरने लगा

शेखर- क्या?? अब क्या मैं गाना भी नहीं गुनगुनाना सकता

शेखर के राघव को देखते हुए कहा तभी

रिद्धि- इश्क लबों का कारोबार....

रिद्धि ने भी शेखर का साथ देते हुए गाना गाना चालू किया और शेखर भी रिद्धि का साथ देने लगा वही नेहा ऊपर वाले से बचा ले वाली दुआ कर रही थी

राघव- शट अप रिद्धि!!

राघव ने रिद्धि को चुप कराने की कोशिश की लेकिन ये लोग कहा मानने वाले थे

रिद्धि- भाई मैं तो बस शेखर भईया के साथ अंताक्षरी खेल रही थी

रिद्धि ने शेखर को देखते हुए कहा

विवेक- भाई चरण कहा है आपके, नहीं शेखर भाई तो कॉलेज ट्रिप के श्वेता भाभी को किस किए थे आप तो फॅमिली ट्रिप पे सबके बीच... वो भी रितु के सामने मतलब बवाल एकदम!! 🫡😁

विवेक ने हसते हसते हुए कहा

राघव- ऐक्टिंग कर रही थी वो!

राघव ने कहा जिससे सब हसते हसते रुक गए और उसे कन्फ़्युशन मे देखने लगे फिर राघव ने उन्हे सब कुछ बताया और महोल शांत हो गया लेकिन कुछ ही पालो मे सब वापिस हसने लगे

आकाश- मतलब पोपट हो गया आपका

आकाश ने हसते हुए कहा

शेखर- शायद दुनिया का सबसे अच्छा पोपट

राघव- हसो मत बे ये क्या हसने वाली बात है!!

शेखर- अरे छोड़ो न भाई जो हुआ अच्छे के लिए हुआ इतना क्या सोचना उसमे

नेहा - फिर भी!! सोचो अगर हमारा बड़ा वाला झगड़ा होता तो और अगर हम को गलतफहमी क्लियर नहीं करते तो

शेखर- लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ ना सो रीलैक्स जो नहीं हुआ उसके बारे मे क्यू सोचना

श्वेता- लेकिन भाभी मैंने उसे मन ही मन कितना कुछ कह दिया मैंने तो उसे पत्थर समझ था वो तो हीरा निकली

फिर कुछ पालो बाद इन लोगों ने इस मैटर को यही क्लोज़ किया तभी संध्या जी ने उन्हे आवाज दी, दादू उन्हे बुला रहे थे, दादू ने उन्हे कहा के वो यहा अब बहुत दिन रुक चुके है तो अब कल सुबह ही वो सब घर के लिए निकलने वाले थे

खाना खाने के बाद नेहा जब रूम मे आई तो राघव बेड पर बैठा अपना फोन चला रहा था और नेहा को देखते ही उसकी आँखों मे एक चमक आ गई इसलिए नहीं के नेहा रूम मे आ गई थी बल्कि इसलिए क्युकी उसके हाथ मे राघव का लैपटॉप था और जब नेहा ने लैपटॉप राघव के सामने रखा तो उसके चेहरे पर एक बड़ी सी स्माइल आ गई

राघव- मैंने सारी पॅकिंग कर ली है

राघव ने नेहा से कहा

नेहा- ठीक है मैं मेरी पॅकिंग कर लरती हु

नेहा ने उठते हुए कहा तभी राघव ने उसका हाथ पकड़ लिया

राघव- मैंने तुम्हारी बैग्स भी पैक कर ली है

वही नेहा बस उसे देखने लगी क्युकी ये वो राघव तो नहीं था जीसे वो जानती थी

नेहा- मुझे लगता है हमे सोना चाहिए अब

नेहा ने अपना गला साफ करते हुए कहा और अपना हाथ राघव के हाथ से छुड़ाया

राघव- इतनी जल्दी? हम हमारी बातचित कन्टिन्यू करने वाले थे ना

राघव ने कहा और नेहा उसके बाजू मे जाकर बैठ गई

राघव- सो कन्टिन्यू, तुमने मुझे तुम्हारी हॉबी बताई सपने बताए अब फॅमिली??

राघव के सवाल पर नेहा सीधी होकर बैठ गई और राघव उसे कन्फ्यूज़ होकर देखने लगा

नेहा- फॅमिली!! मैं अपने चाचा चाची के साथ रहती थी शादी से पहले

राघव नेहा की आवाज मे का कंपन महसूस कर सकता था

राघव- तुम्हारे मॉम डैड? वो कहा है?

रहाव के सवाल पर नेहा की आंखे नम होने लगी और उसकी आँखों से आँसू गिरा और राघव ने अपने एक हाथ से उसे कंधे से पकड़ा

नेहा- वो.... वो.. नहीं रहे

नेहा ने अपने आँसू पोंछते हुए दूसरी तरफ देखते हुए कहा वही राघव को ये बात सुन एक बड़ा झटका लगा

राघव- तो फिर वो कौन थे जिन्होंने हमारी शादी की रस्में की थी? उन्हे देख कर कोई भी कह सकता था के वो ही तुम्हारे पेरेंट्स है कितने खुश थे वो

राघव ने नेहा का कंधा सहलाते हुए कहा

नेहा- वो मेरे चाचा चाची है और वो खुश इसीलिए थे क्युकी वो मुझे अपनी बेटी मानते है मुझसे बहुत प्यार करते है, आप जानते है मैंने इस शादी के लिए हा क्यू कही थी जबकि मैं आपको जानती भी नहीं थी?? मैंने हा कहा था क्युकी इस रिश्ते से वो बेहद खुश थे और मैं उन्हे ना नहीं कर सकती थी ये जानते हुए की उन्होंने मेरे लिए कितना किया है! आपने मुझसे पूछा था न के मैं अपना बर्थडे क्यू नहीं मानती? क्युकी वो वही दिन है जिस दिन मैंने अपने मा बाप को खो दिया था मैंने सपने मे भी नहीं सोच था के ऐसा कुछ होगा, हम खुश थे पार्टी कर रहे थे तब हमारी कार का एक ट्रक से एक्सीडेंट हुआ, मॉम मे मुझे तो बचा लिया लेकिन वो दोनों नहीं बच पाए और मैंने उन्हे अपने आँखों के सामने मरते देखा था

नेहा ने राघव को कस कर गले लगा लिया

नेहा- मुझे... मुझे आज भी उनके मुसकुराते चेहरे याद है जब मैंने उन्हे आखरी बार देखा था पापा ने कहा था के मैं उनकी स्ट्रॉंग प्रिन्सेस हु और मॉम मे कहा था के वो हमेशा मेरे साथ है...

अपने पेरेंट्स की याद मे नेहा रोने लगी थी वही राघव की आंखे भी नम हो गई थी

नेहा- मेरे चाचा चाची बहुत प्यार करते है मुझसे लेकिन मेरे मॉम डैड की जगह कोई नहीं ले सकता

नेहा अब जोर से रोए जा रही थी वही राघव ने उसे गले लगा कर उसके माथे को चूम लिया, वो नेहा को संभाल रहा था लेकिन उनसे उसे रोने दिया ताकि उसका दर्द बाहर आए नेहा को अभी उसकी जरूरत थी और राघव अच्छे से जानता था के जब आपको कोई करीबी आपको छोड़ के जाता है तो कैसा लगता है...

नेहा दो घंटे रोटी रही और राघव उसे संभालता रहा और रोते रोते ही नेहा सो गई, राघव ने उसके आँसू पोंछे और उसे अच्छे से बेड पर सुलाया और नेहा को गले लगा लिया और नेहा भी उसके आग़ोश मे समा गई.. नेहा तो सो गई थी लेकिन राघव की आँखों से नींद कोसों दूर थी और राघव बगैर पलके झपकाए उसकी तरफ देख रहा था और उसके दिमाग मे कुछ चल रहा था...... कुछ सीरीअस......

क्रमश:
nice update ..neha ki kahani dukhbhari hai ,kaise uske janmdin ke din uske maa baap ki maut ho gayi isliye wo apna janmdin nahi manati ..
 

DARK WOLFKING

Supreme
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Update 44




अगले दिन देशपांडे परिवार अपने घर आने के लिए निकल चुका था सब लोग सफर को इन्जॉय कर रहे थे हसी मजाक चल रहा था और इन सब मे एक बंद ऐसा था जो चुप था अब आपको उसके बारे मे अलग से बताने की जरूरत नहीं है के वो कौन था, वो राघव ही था जो किसी सोच मे डूबा हुआ था उसके दिमाग मे कुछ चल रहा था, जब से वो अपने घर आने के लिए निकले थे तब से वो किसी से ज्यादा बोला नहीं था और जब वो सब लोग घर पहुचे और कार से उतरे तब भी राघव कार मे ही बैठा रहा और नेहा ने उसे ऐसे बैठा देख पूछा

नेहा- क्या हुआ आप नहीं आरहे अंदर??

राघव- नही मुझे कुछ जरूरी काम है और शायद रात मे मुझे लेट हो जाएगा

नेहा- लेकिन अभी अभी तो हम आए है कुछ खा लीजिए थोड़ा आराम कर लीजिए

राघव- मैं खा लूँगा अब तुम जाओ अंदर और सुनो शायद मुझे लेट होगा रात मे तो इंतजार मत करना

इतना बोल के बगैर नेहा के रिप्लाइ का इंतजार करे राघव वहा से निकल गया वही नेहा बस उसे जाते हुए देखती रही

दादी- ये कहा जा रहा है??

दादी ने राघव की जाती कार को देखते हुए पूछा

नेहा- उन्होंने कहा है उन्हे कुछ जरूरी काम है आने मे लेट होगा

नेहा ने दादी से कहा जिसपर दादी मे भी हा मे गर्दन हिला दी

दादी- आते ही काम शुरू हो गए इसके खैर चलो हम अंदर चलते है

दादी ने कहा और वो सब अंदर आए वही नेहा सोचने लगी

इन्हे इतना क्या जरूरी काम था जो घर के अंदर भी नहीं आए’

देखते देखते वो दिन बीत गया और जैसा राघव ने कहा था उसे आने मे लेट हो गया था तब तक नेहा सो चुकी थी और अगले दिन राघव नेहा के उठने के पहले ही जा चुका था और जब नेहा को इस बात का पता चला उसे थोड़ा दुख हुआ ऐसा लगा मानो यहा आते ही पुराना राघव वापिस आ गया है लेकिन ऐसा नहीं था इस बार राघव ने साइड टेबल पर नेहा के लिए एक नोट छोड़ी थी जिसमे लिखा था मे काम बहुत जरूरी है और उसने नेहा ने माफी भी मांगी थी और शाम मे मिलते है ऐसा कहा था जिसे पढ़ कर नेहा को थोड़ा अच्छा लगा


शाम मे नेहा और श्वेता किचन मे जानकी जी की मदद कर रही थी तभी जानकी जी की नजर लिविंग रूम मे बैठे राघव पर पड़ी और वो उसके पास आई

जानकी- राघव कहा थे तुम?? काम क्या सेहत से ज्यादा जरूरी है?

जानकी जी ने राघव को देखते ही उसपर सवाल दागने शुरू कर दिए वही राघव थका हुआ था उसने कुछ नहीं बोला

जानकी- देखो कितना थके हुए लग रहे हो जाओ अपने कमरे मे जाकर फ्रेश हो जाओ मैं नेहा के हाथों तुम्हारी कॉफी भिजवाती हु

जानकी जी ने राघव को डाटते हुए कहा और राघव भी चुप चाप अपने रूम मे चला गया।

कुछ देर बाद नेहा उसकी कॉफी लिए रूम मे पहुची तो रूम मे कोई नहीं था तब नेहा ने वो कॉफी साइड टेबल पर रखी तभी किसी ने उसकी कमर पर चुटी काटी जिससे नेहा थोड़ी उछली और उसने पलट कर देखा तो वहा राघव था

नेहा- क्या??

राघव- क्या क्या? इधर आओ मेरे पास तुम्हारे लिए कुछ है

इतना कहते हुए राघव ने नेहा को बेड पर बिठाया और अलमारी से कुछ सामान निकाला और नेहा के पास आया

राघव- ये लो

राघव ने एक एन्वलोप नेहा की ओर बढ़ाया

नेहा- क्या है ये??

राघव- खुद देख लो!!

राघव ने कॉफी का घूट लेते हुए कहा और जब नेहा ने वो एन्वलोप खोला और उसमे रखे दस्तावेज पढे तो उसकी आंखे हैरत मे बड़ी हो गई और वो राघव को देखने लगी

नेहा- आप... ये... मैं... ये क्या है.... ये तो....

नेहा सही शब्द नहीं चुन पा रही थी

राघव- क्या हुआ पढ़ा नहीं जा रहा?

नेहा- पढ़ा है लेकिन आपने.. ये...

राघव- हा मैंने, तुम्हारे बेटरहाफ ने तुम्हारे लिए...

नेहा- लेकिन ये बहुत ज्यादा है मैं नहीं ले सकती

नेहा ने डॉक्युमेंट्स देखते हुए कहा

राघव- क्यू क्या प्रॉब्लेम है इसमे??

नेहा- आपने मेरे नाम पर जमीन क्यू खरीदी???

राघव- क्यू का क्या मतलब है तुम्हारे लिए खरीदी है बीवी हो तुम मेरी और सुनो जल्द ही यहा कन्स्ट्रक्शन शुरू हो जाएगा और मैं चाहता हु तुम तुम्हारी डांस अकादेमी यहा खोलो

राघव ने नेहा के कंधे पकड़ते हुए कहा

नेहा- लेकिन मैं कैसे??? ये तो आपका है??

राघव- तुम मेरी वाइफ हो नेहा और जो मेरा है वो तुम्हारा है और कुछ गलत नहीं है इसमे ना ही कोई बुरा मानने वाली बात है तुम्हें जो तुम्हें चाहिए वो मुझसे मांगने का पूरा हक है और अब तुम्हारा सपना मेरा भी सपना है और मुझे अपना सपना पूरा करना है

राघव की बाते सुन नेहा की आँखों मे आसू आ गए उसने राघव को गले लगा लिया और राघव ने भी उसे अपनी बाहों मे समा लिया

राघव- शुश रोने की कोई जरूरत नहीं है अगर तुम ऐसे रोओगी तो स्टूडेंट्स को क्या सिखाओगी

राघव ने नेहा का मूड सही करने की कोशिश की और उसके बालों मे उँगलिया घुमाने लगा

नेहा- थैंक यू थैंक यू सो मच

राघव- थैंक क्यू कहने वाली कोई बात नहीं है और अब हमे बहुत काम करने है इसके लिए पहले मुझे बढ़िया खाना चाहिए और फिर अच्छी वाली नींद उसके बाद हम बाकी की बातों को डिस्कस करेंगे

नेहा- लेकिन घर के बड़े नहीं माने तो??

राघव- वो तुम्हारी किसी बात को टाल सकते है क्या?? और वो क्यू मना करने लगे उल्टा वो तो खुश होंगे। मेरी दादी अपने जमाने मे भी दादू के साथ बिजनेस संभालती थी मा और चाची भी अपना एनजीओ चलाती है फिर वो कैसे तुम्हें रोकेंगे

नेहा- पक्का??

राघव- हा बाबा अब चलो मैंने तुम्हें ये गिफ्ट दिया है तो बदले मे मुझे क्या मिलेगा?? राघव देशपांडे बगैर फायदे के कुछ नहीं करता

नेहा- मैं क्या दे सकती हु आपको?

राघव- ज्यादा नहीं चाहिए बस आज रात का खाना मेरी पसंद का हो

राघव ने अपनी कॉफी का घूट लेते हुए कहा वही नेहा बस उसे देखती रही फिर नेहा उठी और उसने डॉक्युमेंट्स ड्रॉर में रखे राघव अपनी कॉफी पीने मे बिजी था तभी राघव को अपने गालों पर नेहा के होंठ फ़ील हुए और अभी अभी क्या हुआ है ये राघव का माइन्ड प्रोसेस करता उससे पहले ही नेहा कमरे के बाहर जा चुकी थी...

रात के खाने पर घर के सब लोग साथ बैठे हुए थे तभी

रमाकांत- राघव तुमने कोई नहीं जमीन खरीदी है क्या? मुझे कुछ डॉक्युमेंट्स आए थे मेल पर मैंने पढे नहीं

नेहा उनकी बात सुन अपनी जगह पर जम गई उसे डर था के घरवाले उसके बारे मे क्या सोचेंगे

राघव- हा डैड मैंने नेहा के नाम पर जमीन ली है उसे डांस अकादेमी खोलनी थी इसीलिए

रमाकांत- अरे वाह!! नेहा बेटा ऑल द बेस्ट, मैंने तुम्हारे चाचा से भी तुम्हारे डांस की बहुत तारीफ सुनी है

धनंजय- ऐसा था तो बेटे पहले क्यू नहीं बताया तुमने मैं पहले ही ये सब अरैन्ज कर देता अब तक तो सब शुरू हो चुका होता लेकिन अब राघव ने कर दिया ये भी सही हुआ

शिवशंकर- चलो अच्छा है राघव का दिमाग सही काम कर रहा है

गायत्री- नेहा

नेहा- जी दादी

नेहा सबसे ज्यादा दादी के रिएक्शन से डर रही थी

गायत्री- अब से ज्यादा फोकस अपनी अकादेमी पर करना किचन पर नहीं यहा संभालने वाले बहूत है मैं चाहती हु मेरी बहु बेस्ट डांसर बने

जानकी- हा बेटे घर मैनेज करने के लिए हम है तुम अपने काम पर फोकस करो अब

सबके रिएक्शन सुन कर नेहा बहुत ज्यादा खुश थी उसने राघव को देखा तो मैंने तो पहले ही कहा था वाले इक्स्प्रेशन राघव के चेहरे पर थे सब लोगों ने नेहा को अड्वाइस दी के कैसे सब करे जिसके बाद वो दोनों अपने रूम एम आए और रूम मे आते ही नेहा ने वापिस राघव को गले लगा लिया और उसे थैंक यू कहने लगी

नेहा- आपको नहीं पता ये सब मेरे लिए कितना मायने रखता है

नेहा ने कहा लेकिन उसे कुछ और भी कहना था जो वो कह नहीं पा रही थी लेकिन राघव ने उसका चेहरा पढ़ लिया था

राघव- क्या हुआ कुछ और कहना है??

नेहा- वो... मैं आपको आपके पैसे लौटा दूँगी जब मैं कमाने लगूँगी

नेहा ने हिचकते हुए कहा वही राघव ने उसकी बात सुन अपना माथा पीट लिया

राघव- इतनी जिद्दी क्यू हो तुम.. मैंने कहा न ये सब तुम्हारा है और ये मैंने दिया है तुम्हें तुम्हारे हज़बन्ड ने किसी अजनबी ने नहीं

नेहा- लेकिन फिर....

राघव- हा हा ठीक है पहले कमाओ तो फिर उसे अपन अपने बच्चों के लिए फिक्स डिपोजिट कर देंगे खुश!!

नेहा- बच्चे!!!

राघव- हा !!! क्यू तुम्हें बच्चे नहीं चाहिए क्या?? 😉

राघव ने नेहा की आँखों मे देखते हुए कहा और इस बात का नेहा के पास कोई जवाब नहीं था

नेहा- वो.. मैं.. वो..

राघव- जाने दो छोड़ो सोने दो मुझे और तुम भी सो जाओ कल सुबह हमे जल्दी चलना है

राघव ने बेड पर बैठते हुए कहा

नेहा- हमे?? कहा??

राघव- ऑफिस और कहा और तुम्हें अभी अकादेमी के बारे मे सब बताना है और मार्केटिंग कैसी करनी है वो सिखाना है तभी तो ज्यादा से ज्यादा लोग अट्रैक्ट होंगे इस तरफ

नेहा- लोगों को अट्रैक्ट करने के लिए मेरा डांस ही काफी है हूह!

राघव- अच्छा है कान्फिडन्स अच्छा है लेकिन देविजी मार्केटिंग जरूरी है और और मैंने मेरे डेवलपर को बोला है तुम्हारे अकादेमी की वेबसाईट बनाने का जब तक बिल्डिंग तयार नहीं होती तब तक ऑनलाइन सिखाना, मैंने सब डिसाइड कर लिया है और अब तुम इससे पहले के ये बोलो के तुम घर से काम करोगी तो बिल्कुल नहीं!! नेहा जी इतना तो मैं आपको जान चुका हु के अगर तुम घर पर रही तो तुम घर और काम दोनों मैनेज करने की कोशिश करोगी और मैं चाहता हु तुम अब सिर्फ काम पर फोकस करो समझी

राघव की बात सुन नेहा का मुह खुला का खुला रह गया

राघव- चिक्की मुह बंद करो अपना वरना मक्खी घुस जाएगी और चलो सो जाओ अब कल जल्दी उठना है

नेहा ने अपना मुह बंद किया और चुप चाप बेड पर आकार लेट गई तब राघव बोला

राघव- सुबह प्लीज एक बारी मे उठ जाना वरना मैंने तुम्हें वैसे ही ऑफिस लेकर चला जाऊंगा

जिसपर नेहा मुह ही मुह मे पुटपुटाई

नेहा- मुझे क्या कुंभकरण समझा है

लेकिन राघव ने ये सुन लिया

राघव- हा! अब सो जाओ चुप चाप

नेहा- रावण

लेकिन इसबार राघव को ये सुनाई नहीं दिया

राघव- कुछ कहा क्या??

नेहा- नहीं नहीं!! कुछ भी तो नहीं!!

जिसके बाद कोई कुछ नहीं बोला और वो नींद के आगोश मे समा गए.....


क्रमश:
lovely update ..laga hi tha ki raghav neha ko khush karne me lag jayega dance academy banake .
neha pehle darr rahi thi ki gharwalo ka reaction kya hoga par sab usko pasand karte hai aur dadi ,saas bhi kaam kar chuki hai to sabne neha ko dance par dhyan dene kaha ,waise aaj kal itna achcha pariwar milna neha ke to bhaag hi khul gaye hai 😍.
 

DARK WOLFKING

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Update 45




अगले दिन राघव नेहा को जगाने की कोशिश कर रहा था लेकिन नेहा तो नेहा है वो एक बारी मे जागे कैसे?? राघव भी अभी अभी नींद से जागा था और अपनी आंखे मलते हुए नेहा को आवाज देकर जगाने की कोशिश मे लगा हुआ था

राघव- चिक्की!! चिक्की जागो !!!

लेकिन नेहा ने उसे इग्नोर करते हुए करवट बदल ली

राघव- नेहा उठो यार देखो 5 बज चुके है

नेहा- उहहमहू 5 ही तो बजे है थोड़ा और सोने दो प्लीज

नेहा ने तकिये से अपना चेहरा छुपाते हुए आंखे बंद करे हुए कहा वही राघव ने नेहा की ये हरकत देख सोचा के वो उसे बाद मे जगाएगा पहले खुद रेडी हो ले और जब राघव तयार होकर वापिस रूम मे आया तब भी नेहा सोई हुई थी और उसने वापिस नेहा को जगाने की बहुत कोशिश की लेकिन उसकी सारी कोशिशे नाकाम रही और फिर उसने नेहा को गोद मे उठाया और बाथरूम की ओर चला गया

राघव- अब बस यही एक तरीका बचा है

राघव ने नेहा को देखते हुए कहा और उसे बाथटब मे लेटाया, नेहा के मासूम चेहरे को देख कर राघव को बुरा भी लग रहा था लेकिन दूसरा रास्ता उसे सूझ ही नहीं रहा था उसने हैंड शावर लिया और उसे शुरू कर के नेहा के चेहरे पर पानी मारा और ऐसे अचानक चेहरे पर पानी की बौछार गिरने से नेहा ने एकदम से अपनी आंखे खोली और डर मे राघव को देखने लगी

नेहा- क्या कर रहे है आप??

नेहा अपनी पूरी ताकत से चिल्लाते हुए बोली वही राघव ने अपने हाथ से अपने कान बंद कर लिए थे

राघव- अरे शांत, तुम जाग नहीं रही थी इसीलिए ये करना पडा अब चलो फटाफट तयार हो जाओ लेट हो रहा है हमे

राघव ने कहा और वहा से निकल लिया वही नेहा बस बाथरूम से चिल्लाते रही लेकिन राघव के कानों पर जु तक नहीं रेंगी और जैसे ही राघव बाथरूम से बाहर आया नेहा का चेहरा याद कर हसने लगा

कुछ टाइम बाद राघव अपने रूम मे अपने बेड पर बैठा कुछ फाइले देख रहा था तभी उसे दरवाजा खुलने का आवाज आया लेकिन नेहा बाहर नहीं आई

राघव- चिक्की!!

लेकिन कोई रिप्लाइ नहीं

राघव- नेहा!!!!

नेहा- आप रूम से बाहर जाएंगे प्लीज, आपने मुझे कपड़े लेने का मौका भी नहीं दिया

नेहा अंदर से चीखते हुए बोली

राघव- शीट!! अच्छा रुको मैं अभी कपड़े पकड़ता हु तुम्हें

राघव ने फाइल नीचे रखते हुए कहा और अलमारी की ओर बढ़ा तभी नेहा वापिस से चीखी

नेहा- नहीं मैं खुद कर लूँगी आप बाहर जाइए बस

राघव – नहीं जा सकता यार ये फाइल देखना जरूरी है

राघव ने बहाना बनाया जो की उसने क्यू बनाया उसे भी नहीं पता था वो नेहा के कपड़े ढूँढने लगा तभी उसने कोई गलत ड्रॉर खोल लिया और उसे वहा कुछ ऐसा दिखा जिसे देख उसकी आंखे बड़ी हो गई

ये किसने रखा यहा?? नेहा??? नहीं नहीं वो कैसे?? लेकिन फिर...’ तभी नेहा वापिस चिल्लाई और राघव ने झट से वो चीज अपनी जेब मे डाली और ड्रॉर बंद कर दिया

जिसने भी रखा है पता लगाना पड़ेगा उसको छोड़ूँगा नहीं मैं’

नेहा- क्या हुआ??

राघव- कुछ नहीं मैं स्टडी रूम मे जा रहा हु तुम रेडी हो जाओ

राघव ने अपनी फाइल लेते हुए कहा और वहा से निकल लिया...

कुछ देर बार राघव रूम मे आया तो नेहा तयार हो चुकी थी और वो अपने आप को आईने मे देख रही थी, राघव तो उसे देख देखता ही रह गया लेकिन फिर राघव ने उसे वापिस ऊपर से नीचे देखा

राघव- तुम ये पहन के चल रही हो??

राघव ने नेहा की साड़ी देखते हुए कहा

नेहा- हा! क्यू? क्या खराबी है इसमे?

राघव- खराबी कुछ नहीं है लेकिन डांस कैसे करोगी इसमे??

नेहा- लेकिन मैं डांस क्यू करूंगी? मेरी शादी थोड़ी है!

राघव- अरे लेकिन तुम्हारे डांस का विडिओ शूट होना है वेबसाइट के लिए, एडवर्टाइज के लिए कम से कम कोई सूट ही पहन लो

नेहा- लेकिन...

राघव- लेकिन वेकीन कुछ नहीं जाओ और चेंज कर के आओ

राघव ने नेहा को वापिस वॉर्ड्रोब मे धकेला और नेहा उसे मना भी नहीं कर पाई....


कुछ समय बाद......

जानकी- नेहा ये लो

जानकी जी ने नेहा को दही चीनी देते हुए कहा

नेहा- मा क्या जरूरत है इसकी

जानकी- अरे जरूरत क्यू नहीं है मेरी बेटी अपनी लाइफ का नया चैप्टर शुरू कर रही है और मुझे सब बेस्ट चाहिए

जानकी जी की बात सुन नेहा ईमोशनल हो गई और उसने जानकी जी को गले लगा लिया

जानकी- अरे क्या हुआ मेरे बच्चे हो ऐसे रोते थोड़ी है तुम अच्छा करोगी मुझे पता है

फिर जानकी जी ने नेहा को दही चीनी खिलाई फिर सबने नाश्ता किया और नेहा को ऑल द बेस्ट कहा

श्वेता- ऑल द बेस्ट भाभी

श्वेता ने नेहा को गले लगते हुए कहा

विवेक- और भाभी फिकर नॉट भाई है वहा कोई प्रॉब्लेम नहीं होगी

रिद्धि- हा और अगर मेरा भाई कुछ बोले तो सीधा मॉम को कॉल लगा देना वो उसे सीधा कर देंगी

ये सब वार्तालाप चल रहा था और राघव गाड़ी के पास खड़े होकर सुन रहा था

राघव- अरे चलो लेट हो रहा है

नेहा- ओके बाय

नेहा ने सबको बाय किया और राघव के बाजू मे कार मे आकार बैठ गई

राघव- हो गया सबका या छूट गया कोई

राघव ने नेहा को देखते हुए पूछा

नेहा- उन्हे फिक्र है मेरी

राघव- ये जानते हुए भी के मैं हु वहा

नेहा- आप वहा हो इसीलिए तो

लेकिन ये बात राघव नहीं सुन पाया

राघव - क्या??

नेहा- कुछ नहीं

जल्द ही वो लोग ऑफिस पहुचे और राघव पहले गाड़ी से उतरा फिर उसने नेहा के लिए दरवाजा खोला और वो लोग ऑफिस मे एंटर हुए और ऑफिस मे पहुकते हुए खडूस राघव वापिस आ चुका था अपने एक्सप्रेशनलेस चेहरे के साथ वही आज सब लोग उनके बॉस और बॉस की बीवी को देख रहे थे साथ मे हाथो मे हाथ डाले.. सब लोग राघव और नेहा को विश कर रहे थे, राघव इन सब अटेंशन का आदि था लेकिन नेहा को इसकी आदत नहीं थी

लिफ्ट मे राघव का असिस्टेंट उसे उसके आज के प्लांस बता रहा था और कुछ बिजनेस रिलेटेड बाते हो रही थी जो सब कुछ नेहा के दिमाग के ऊपर से जा रहा था और जल्द ही वो लोग ऑफिस के पास पहुचे

राघव- रवि आज की मेरी सारी मीटिंग्स लंच के बाद शिफ्ट कर दो और वेब डेवलपर को मेरे केबिन मे भेजो

राघव ने अपने असिस्टेंट से कहा और वो भी हा मे गर्दन हिलाता हुआ चला गया और नेहा और राघव राघव के केबिन मे घुसे और अंदर आते ही नेहा बोली

नेहा- अब क्या करना है?

क्रमश:
majedar update ..neha ke sone ki aadat pata hai sabko .raghav ne achcha dimaag lagaya neha ko jagane ka 🤣🤣..
ye raghav ko aisa kya mila 🤔.
pehle laga ki neha ke ander ke kapde to nahi mile par aisa nahi tha 😁.
 

PRAVAS DALEI

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Raghav is now doing what a good supportive husband should do. Helping his wife realising her dream. I hope he remains like this. Very very emotional story of Neha 😞😞
No one take the place of parents doesn't matter how much they love you. Glad to see the support of raghav's family in helping raghav fulfilling neha's dream. Let's wait for next update.
 
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