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राघव- रवि आज की मेरी सारी मीटिंग्स लंच के बाद शिफ्ट कर दो और वेब डेवलपर को मेरे केबिन मे भेजो
राघव ने अपने असिस्टेंट से कहा और वो भी हा मे गर्दन हिलाता हुआ चला गया और नेहा और राघव राघव के केबिन मे घुसे और अंदर आते ही नेहा बोली
नेहा- अब क्या करना है?
नेहा ने ऑफिस मे इधर उधर देखते हुए राघव से पूछा और राघव को वो आज बहुत क्यूट लग रही थी
राघव- पहले बैठो तो फिर बताता हु क्या करना है
राघव ने अपना ब्लेजर उतारते हुए कहा और अब वो सिर्फ शर्ट और पैन्ट मे था वही नेहा बस उसकी वेल बिल्ड फिज़ीक को देख रही थी राघव की शर्ट उसके बॉडी से चिपकी हुए थी जिससे उसके मसल्स साफ दिख रहे थे और नेहा उसे देखने मे खोई हुई थी और राघव उसे देखते हुए बोला
राघव- मैं जानता हु मैं बहुत अच्छा दिखता हु मिसेस देशपांडे लेकिन हम ना यहा काम करने आए है
राघव की आवाज से नेहा अपने खयालों से बाहर आई और इधर उधर देखने लगी
नेहा- मैं... मैं आपको थोड़ी देख रही थी मैं तो आपके पीछे देख रही थी
नेहा ने बात संभालते हुए कहा
राघव- अच्छा!!
राघव ने अपने शर्ट की एक बटन खोलते हुए कहा वही नेहा की आंखे अब उसकी उंगलियों पर थी तभी उन्हे दरवाजे पर नॉक सुनाई दिया और राघव सीधा होकर बैठा और उसने "कम इन" कहा और दरवाजे से एक लड़का अपने हाथ मे अपना लैपटॉप लिए अंदर आया, उसे देखते ही कोई भी बता सकता था के वो एक वेबडेवलपर था
“गुड मॉर्निंग सर, गुड मॉर्निंग मैडम, आइ एम अंकित, सर आपने मुझे वेबसाईट बताने कहा था"
राघव- यस अंकित, हैव अ सीट फर्स्ट
राघव ने अंकित को सोफ़े कि ओर इशारा किया और बैठने कहा और नेहा को इशारा किया तो वो भी राघव के बाजू मे जाकर सोफ़े पर बैठ गई, अंकित ने उन्हे पूरी साइट की डिटेल्स समझाई और वेबसाईट के कुछ सैम्प्ल्स दिखाए उसका काम काफी अच्छा था और फिर उसने उनसे साइट का नाम पूछा
राघव- तुम्हारे दिमाग मे कोई बढ़िया सा नाम है??
राघव ने नेहा को देखते हुए पूछा और नेहा कुछ देर सोचने लगी और फिर मुस्कुराई
नेहा- नृत्यांजलि !!!
नेहा के मुह से ये नाम सुन राघव के चेहरे पर स्माइल आ गई वही अंकित शॉक होकर अपने बॉस को देख रहा था क्युकी उसने अपनी लाइफ मे कभी अपने बॉस को हसते हुए नहीं देखा था
राघव- अंकित वेबसाईट इसी नाम से बनेगी और आई गेस कल तक ये काम हो जाना चाहिए या और समय चाहिए होगा?
अंकित- नहीं कल सुबह तक मैं साइट रेडी कर दूंगा सर
राघव- ग्रेट यू कान गो नाउ
जिसके बाद अंकित वहा से चला गया और अंकित के जाते ही राघव ने नेहा को देखा जो काही खोई हुई थी और राघव नेहा के पास गया
राघव- क्या हुआ??
राघव ने नेहा को हिलाया तो वो अपने खयालों से बाहर आई
राघव- क्या हुआ कहा खोई हो??
नेहा- कुछ नहीं बस उस नाम के बारे मे सोच रही थी
नेहा ने राघव को देखते हुए कहा
नेहा- मेरी मॉम जब डांस सिखाया करती थी ना तब वो कहती थी के डांस एक पूजा है जिसे हर कोई नहीं पा सकता, उनकी क्लासेस का नाम था ये, नृत्यांजली!
राघव- तो तुमने ये नाम वहा से लिया है
जिसपर नेहा के बस हा मे गर्दन हिला दी और राघव ने उसका हाथ पकड़ा
राघव- परफेक्ट है!
राघव के कॉम्प्लीमेंट पर नेहा बस मुस्कुरा दी, उसे उसकी मॉम की याद आ रही थी तभी राघव उठ कर खड़ा हुआ
राघव- अच्छा चलो अब शूट टाइम!!
राघव ने बात बदलते हुए कहा
नेहा- अभी!!
राघव- यस! अब चलो उठो अभी..
राघव ने नेहा का हाथ पकड़ कर उसे उठाया और उसे लेकर दूसरे रूम मे आया और जैसे ही वो वहा पहुचे नेहा उस रूम को देखते ही रही
नेहा- कंपनी मे डांस स्टूडियो भी है??
नेहा ने राघव से पूछा
राघव- नहीं! ये मेरा कांफ्रेंस रूम है मैंने इसे रेनोवेट करने कहा था और अब मिसेस देखपाण्डे आप तयार हो जाइए अब आपको यहा अपने डांस से आग लगानी है
राघव ने आखरी लाइन नेहा के कान मे कही वही इससे नेहा थोड़ी चिंता मे आ गई
नेहा- लेकिन मैंने तो कुछ तयारी नहीं की है
राघव- कोई ना तुम जो करोगी अच्छा ही करोगी, आइ नो!
“मैडम प्लीज मेरे साथ आइए आपका थोड़ा सा टच उप करना है” एक लेडी ने नेहा के पास आते हुए कहा और वो दोनों वहा से चले गए वही राघव बाकी सारी बाते सही है या नहीं वो देखने लगा और डायरेक्टर से शूट रिलेटेड बाते करने लगा तभी शेखर वहा आ पहुचा
शेखर- वॉव गजब!!!
शेखर ने अंदर आते हुए रूम को देखते हुए कहा
राघव- तुम क्या कर रहे हो यहा ??
राघव ने शेखर को देखते हुए सीधा पूछा
शेखर- अरे यार भाई!! जाने दो मैं भी किससे कह रहा हु मैं आपके लिए नहीं आया हु यहा भाभी के लिए आया हु कहा है वो??
राघव- वो रेडी हो रही है और तुम्हें इस वक अपने काम को देखना चाहिए
शेखर- ब्रेक टाइम है मेरा ठीक है!
राघव- पर अभी सिर्फ 10 बजे है और शेखर देशपांडे मैं जानता हु तुम सीधा यही आए हो
शेखर- तो?? एक तो आपने मुझे आज मीटिंग के लिए जल्दी भेज दिया और अब मैं अपनी भाभी को सपोर्ट भी ना करू?? भाई यार प्लीज आप ना...
राघव- क्या?? आप ना.... क्या??
राघव ने घूरते हुए कहा
शेखर- कुछ नहीं बस भाभी को चीयर करो और क्या हे हे
तभी डायरेक्टर वहा आया
डायरेक्टर- सर सब रेडी है
और राघव ने भी हा मे सर हिला दिया तभी नेहा भी वहा आ गई और उसके आते ही शेखर उसके पास लपका
शेखर- अच्छा हुआ आप आगई भाभी ये आपका पति मुझे यहा से भगाने मे लगा हुआ है
शेखर ने नेहा के पीछे जाते हुए कहा वही राघव बस उसे घूरने लगा
राघव- शेखर!!!
लेकिन राघव की नेहा के सामने कहा चलनी थी इसीलिए वो आगे नहीं बोला
राघव - रेडी? शुरू करे??
राघव ने पूछा लेकिन नेहा काफी नर्वस थी और कैमरे के सामने डांस उसने पहले नहीं किया था
राघव और शेखर अपनी सीट पर बैठे ताकि सही से नेहा का डांस देख सके और डायरेक्टर ने नेहा को सब समझाया लेकिन उसके बार बार बोलने पर भी नेहा एक इंच भी नहीं हिली वो इतनी नर्वस थी के उसे किसी का आवाज नहीं सुनाई नही दे रहा था वो अपने खयालों मे खोई थी तभी राघव अपनी जगह से उठा और उसने अपने हाथों मे नेहा का चेहरा थामा, राघव का ये रूप उसके एम्प्लॉयज के लिए नया था राघव को उन्होंने कभी इतना एक्सप्रेसिव नहीं देखा था
राघव- नेहा क्या हुआ??
राघव ने धीरे से पूछा
राघव – घबराने की कोई बात नहीं है सब ठीक है मैं हु यहा तुम अच्छा करोगी ऐसे नर्वस मत हो
राघव ने नेहा को समझाया और नेहा उसे देखने लगी
नेहा- मैं... मैं नहीं कर सकती, ये कैमरे के सामने नहीं हो पाएगा मुझसे, मैंने कुछ गलत कर दिया तो??
आज इतना सब देख नेहा थोड़ा डर रही थी
राघव- तुम कर लोगी आराम से ट्रस्ट मी और ऐसे डरोगी तो सिखाओगी कैसे?? और वैसे भी तुम्हें रोज कैमरा फेस नहीं करना है लेकिन तुम्हें हर चीज का सामना करना सीखना होगा
शेखर- डॉन्ट वरी भाभी आप कर लोगे
राघव- देखो अब तो शेखर ने भी कह दिया और मुझे यकीन है तुम कुछ गलत नहीं करोगी अब एक लंबी सास लो और शुरू हो जाओ भूल जाओ के यहा कोई है बस अपने डांस पर फोकस करो, ओके।
राघव ने किसी बच्चे को समझते है ऐसे नेहा को समझाया और उसे भी सब समझ आया फिर राघव अपनी जगह आकर बैठा और नेहा ने एक लंबी सास ली और डांस शुरू किया......
राघव- रवि आज की मेरी सारी मीटिंग्स लंच के बाद शिफ्ट कर दो और वेब डेवलपर को मेरे केबिन मे भेजो
राघव ने अपने असिस्टेंट से कहा और वो भी हा मे गर्दन हिलाता हुआ चला गया और नेहा और राघव राघव के केबिन मे घुसे और अंदर आते ही नेहा बोली
नेहा- अब क्या करना है?
नेहा ने ऑफिस मे इधर उधर देखते हुए राघव से पूछा और राघव को वो आज बहुत क्यूट लग रही थी
राघव- पहले बैठो तो फिर बताता हु क्या करना है
राघव ने अपना ब्लेजर उतारते हुए कहा और अब वो सिर्फ शर्ट और पैन्ट मे था वही नेहा बस उसकी वेल बिल्ड फिज़ीक को देख रही थी राघव की शर्ट उसके बॉडी से चिपकी हुए थी जिससे उसके मसल्स साफ दिख रहे थे और नेहा उसे देखने मे खोई हुई थी और राघव उसे देखते हुए बोला
राघव- मैं जानता हु मैं बहुत अच्छा दिखता हु मिसेस देशपांडे लेकिन हम ना यहा काम करने आए है
राघव की आवाज से नेहा अपने खयालों से बाहर आई और इधर उधर देखने लगी
नेहा- मैं... मैं आपको थोड़ी देख रही थी मैं तो आपके पीछे देख रही थी
नेहा ने बात संभालते हुए कहा
राघव- अच्छा!!
राघव ने अपने शर्ट की एक बटन खोलते हुए कहा वही नेहा की आंखे अब उसकी उंगलियों पर थी तभी उन्हे दरवाजे पर नॉक सुनाई दिया और राघव सीधा होकर बैठा और उसने "कम इन" कहा और दरवाजे से एक लड़का अपने हाथ मे अपना लैपटॉप लिए अंदर आया, उसे देखते ही कोई भी बता सकता था के वो एक वेबडेवलपर था
“गुड मॉर्निंग सर, गुड मॉर्निंग मैडम, आइ एम अंकित, सर आपने मुझे वेबसाईट बताने कहा था"
राघव- यस अंकित, हैव अ सीट फर्स्ट
राघव ने अंकित को सोफ़े कि ओर इशारा किया और बैठने कहा और नेहा को इशारा किया तो वो भी राघव के बाजू मे जाकर सोफ़े पर बैठ गई, अंकित ने उन्हे पूरी साइट की डिटेल्स समझाई और वेबसाईट के कुछ सैम्प्ल्स दिखाए उसका काम काफी अच्छा था और फिर उसने उनसे साइट का नाम पूछा
राघव- तुम्हारे दिमाग मे कोई बढ़िया सा नाम है??
राघव ने नेहा को देखते हुए पूछा और नेहा कुछ देर सोचने लगी और फिर मुस्कुराई
नेहा- नृत्यांजलि !!!
नेहा के मुह से ये नाम सुन राघव के चेहरे पर स्माइल आ गई वही अंकित शॉक होकर अपने बॉस को देख रहा था क्युकी उसने अपनी लाइफ मे कभी अपने बॉस को हसते हुए नहीं देखा था
राघव- अंकित वेबसाईट इसी नाम से बनेगी और आई गेस कल तक ये काम हो जाना चाहिए या और समय चाहिए होगा?
अंकित- नहीं कल सुबह तक मैं साइट रेडी कर दूंगा सर
राघव- ग्रेट यू कान गो नाउ
जिसके बाद अंकित वहा से चला गया और अंकित के जाते ही राघव ने नेहा को देखा जो काही खोई हुई थी और राघव नेहा के पास गया
राघव- क्या हुआ??
राघव ने नेहा को हिलाया तो वो अपने खयालों से बाहर आई
राघव- क्या हुआ कहा खोई हो??
नेहा- कुछ नहीं बस उस नाम के बारे मे सोच रही थी
नेहा ने राघव को देखते हुए कहा
नेहा- मेरी मॉम जब डांस सिखाया करती थी ना तब वो कहती थी के डांस एक पूजा है जिसे हर कोई नहीं पा सकता, उनकी क्लासेस का नाम था ये, नृत्यांजली!
राघव- तो तुमने ये नाम वहा से लिया है
जिसपर नेहा के बस हा मे गर्दन हिला दी और राघव ने उसका हाथ पकड़ा
राघव- परफेक्ट है!
राघव के कॉम्प्लीमेंट पर नेहा बस मुस्कुरा दी, उसे उसकी मॉम की याद आ रही थी तभी राघव उठ कर खड़ा हुआ
राघव- अच्छा चलो अब शूट टाइम!!
राघव ने बात बदलते हुए कहा
नेहा- अभी!!
राघव- यस! अब चलो उठो अभी..
राघव ने नेहा का हाथ पकड़ कर उसे उठाया और उसे लेकर दूसरे रूम मे आया और जैसे ही वो वहा पहुचे नेहा उस रूम को देखते ही रही
नेहा- कंपनी मे डांस स्टूडियो भी है??
नेहा ने राघव से पूछा
राघव- नहीं! ये मेरा कांफ्रेंस रूम है मैंने इसे रेनोवेट करने कहा था और अब मिसेस देखपाण्डे आप तयार हो जाइए अब आपको यहा अपने डांस से आग लगानी है
राघव ने आखरी लाइन नेहा के कान मे कही वही इससे नेहा थोड़ी चिंता मे आ गई
नेहा- लेकिन मैंने तो कुछ तयारी नहीं की है
राघव- कोई ना तुम जो करोगी अच्छा ही करोगी, आइ नो!
“मैडम प्लीज मेरे साथ आइए आपका थोड़ा सा टच उप करना है” एक लेडी ने नेहा के पास आते हुए कहा और वो दोनों वहा से चले गए वही राघव बाकी सारी बाते सही है या नहीं वो देखने लगा और डायरेक्टर से शूट रिलेटेड बाते करने लगा तभी शेखर वहा आ पहुचा
शेखर- वॉव गजब!!!
शेखर ने अंदर आते हुए रूम को देखते हुए कहा
राघव- तुम क्या कर रहे हो यहा ??
राघव ने शेखर को देखते हुए सीधा पूछा
शेखर- अरे यार भाई!! जाने दो मैं भी किससे कह रहा हु मैं आपके लिए नहीं आया हु यहा भाभी के लिए आया हु कहा है वो??
राघव- वो रेडी हो रही है और तुम्हें इस वक अपने काम को देखना चाहिए
शेखर- ब्रेक टाइम है मेरा ठीक है!
राघव- पर अभी सिर्फ 10 बजे है और शेखर देशपांडे मैं जानता हु तुम सीधा यही आए हो
शेखर- तो?? एक तो आपने मुझे आज मीटिंग के लिए जल्दी भेज दिया और अब मैं अपनी भाभी को सपोर्ट भी ना करू?? भाई यार प्लीज आप ना...
राघव- क्या?? आप ना.... क्या??
राघव ने घूरते हुए कहा
शेखर- कुछ नहीं बस भाभी को चीयर करो और क्या हे हे
तभी डायरेक्टर वहा आया
डायरेक्टर- सर सब रेडी है
और राघव ने भी हा मे सर हिला दिया तभी नेहा भी वहा आ गई और उसके आते ही शेखर उसके पास लपका
शेखर- अच्छा हुआ आप आगई भाभी ये आपका पति मुझे यहा से भगाने मे लगा हुआ है
शेखर ने नेहा के पीछे जाते हुए कहा वही राघव बस उसे घूरने लगा
राघव- शेखर!!!
लेकिन राघव की नेहा के सामने कहा चलनी थी इसीलिए वो आगे नहीं बोला
राघव - रेडी? शुरू करे??
राघव ने पूछा लेकिन नेहा काफी नर्वस थी और कैमरे के सामने डांस उसने पहले नहीं किया था
राघव और शेखर अपनी सीट पर बैठे ताकि सही से नेहा का डांस देख सके और डायरेक्टर ने नेहा को सब समझाया लेकिन उसके बार बार बोलने पर भी नेहा एक इंच भी नहीं हिली वो इतनी नर्वस थी के उसे किसी का आवाज नहीं सुनाई नही दे रहा था वो अपने खयालों मे खोई थी तभी राघव अपनी जगह से उठा और उसने अपने हाथों मे नेहा का चेहरा थामा, राघव का ये रूप उसके एम्प्लॉयज के लिए नया था राघव को उन्होंने कभी इतना एक्सप्रेसिव नहीं देखा था
राघव- नेहा क्या हुआ??
राघव ने धीरे से पूछा
राघव – घबराने की कोई बात नहीं है सब ठीक है मैं हु यहा तुम अच्छा करोगी ऐसे नर्वस मत हो
राघव ने नेहा को समझाया और नेहा उसे देखने लगी
नेहा- मैं... मैं नहीं कर सकती, ये कैमरे के सामने नहीं हो पाएगा मुझसे, मैंने कुछ गलत कर दिया तो??
आज इतना सब देख नेहा थोड़ा डर रही थी
राघव- तुम कर लोगी आराम से ट्रस्ट मी और ऐसे डरोगी तो सिखाओगी कैसे?? और वैसे भी तुम्हें रोज कैमरा फेस नहीं करना है लेकिन तुम्हें हर चीज का सामना करना सीखना होगा
शेखर- डॉन्ट वरी भाभी आप कर लोगे
राघव- देखो अब तो शेखर ने भी कह दिया और मुझे यकीन है तुम कुछ गलत नहीं करोगी अब एक लंबी सास लो और शुरू हो जाओ भूल जाओ के यहा कोई है बस अपने डांस पर फोकस करो, ओके।
राघव ने किसी बच्चे को समझते है ऐसे नेहा को समझाया और उसे भी सब समझ आया फिर राघव अपनी जगह आकर बैठा और नेहा ने एक लंबी सास ली और डांस शुरू किया......
अगले दिन हर कोई आकाश की सगाई की तयारियों मे व्यस्त था क्युकी उन्हे सब कुछ करके लड़की वालों के यहा सगाई के लिए जाना था इसीलिए आज सुबह से ही घर मे चहल पहल थी हर कोई किसी ना किसी काम मे लगा हुआ था।
संध्या - नेहा बेटा तुम प्लीज पीछे गार्डन मे से फूलों की टोकरी ले आओगी ? मैंने आकाश से कहा था लेकिन वो भूल गया
नेहा - कोई बात नहीं चाचीजी मैं अभी ले आती हु
इतना बोल के नेहा वहा से चली गई और जब वो गार्डन मे से फूलों की टोकरी लेकर वहा से आ रही थी तभी किसी से उसका कंधा थपथपाया और नेहा ने मूड कर देखा तो वहा रितु खड़ी थी
नेहा - तुम्हें कुछ चाहिए क्या ?
नेहा ने उसे हल्की सी स्माइल पास करते हुए पूछा
रितु- हा! देखो मुझे घुमा फिरा कर बाते करने की आदत नहीं है मैं जो बोलती हु साफ बोलती हु इसीलिए सीधा मुद्दे पर आती हु, मैं चाहती हु तुम राघव से दूर रहो!
रितु से सपाट चेहरे से कहा और उसकी बात सुन नेहा ने कुछ पल उसे अच्छे से देखा और फिर जोर से हसने लगी और उसे हसता देख रितु का चेहरा उतर गया
नेहा- मतलब तुम एक पत्नी को उसके ही पति से दूर रहने कह रही हो ?
नेहा ने ताना मारते हुए पूछा
रितु- मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता तुम उसकी क्या लगती हो पत्नी या जो भी मैं जानती हु तुमने उससे उसके पैसों के लिए शादी की है और उसके गुड लुक्स की वजह से उसके साथ हो और मुझे नहीं लगता के वो तुम्हें पसंद भी करता होगा इसीलिए बेहतर होगा तुम उससे दूर रहो वो सिर्फ मेरा है।
अब रितु ने अपने रंग दिखने शुरू कर दिए थे।
नेहा- पहली बात तो ये के मैं उनकी पत्नी हु तो दूर तुम्हें रहना चाहिए उनसे, हा मानती हु के वो हैंडसम है उनके पास बहुत पैसे है लेकिन इसका ये मतलब नहीं के हमारा रिश्ता इन चीजों पे टीका हुआ है और रही बात उनकी मुझे पसंद करने ना करने की तो उससे तुम्हें कुछ नहीं करना है वो हमारा पर्सनल मैटर है। एक बात मै तुम्हें बता दे रही हु मेरा पति पर डोरे डालने की कोशिश भी मत करना मैं दिखती बहुत स्वीट और भोली हु लेकिन अपने रंग मे आ गई तो तुमसे बर्दाश्त नहीं होगा इसीलिए ये तुम्हारे लिए बेहतर होगा के तुम मेरे पति से दूर रहो!
नेहा के एकदम साफ शब्दों मे रितु को चेतावनी दे दी थी जिससे वो उसकी बात साफ साफ समझ जाए लेकिन जो समझे वो रितु कहा
रितु- हूह! अगर मैंने उसके पास जाना शुरू किया ना तो वो तुम्हें भूल जाएगा
रितु ने शैतानी मुस्कान के साथ कहा और नेहा ने अपनी मुट्ठीया भींच ली
नेहा- कोशिश करके देख लो
रितु- हा!
नेहा की बात ने रितु को कन्फ्यूज कर दिया था
नेहा- मैंने कहा कोशिश करके देख लो के तुम कितनी बुरी तरह हारोगी
अब नेहा ने रितु को चैलेंज दे दिया था
रितु- तो तुम राघव को दाव पर लगा रही हो?
रितु नेहा की बात सुन मन ही मन खुश हो रही थी
नेहा- नाह वो की खेलने की चीज नहीं है मैं तो उनपर जो मुझे यकीन है उसे दाव पर लगा रही हु, मुझे भरोसा है वो मुझे कभी धोका नहीं देंगे, अगर तुम जीती तो मैं अपना यकीन हार जाऊँगी और मैं जीती तो तुम उनका साथ पाने की उम्मीद
रितु- इतना भरोसा है तुम्हे उसपर देख के अच्छा लेकिन भूलो मत वो एक मर्द है
रितु ने शैतानी मुस्कान के साथ कहा
नेहा- हा तो! इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता के कोई मर्द है या औरत जब तक वो उस रिश्ते की कद्र करे, अगर रिश्ते मे विश्वास हो तो वो कभी किसी को धोका नहीं देंगे और मैं मेरे पति को तुमसे बेहतर जानती हु...
रितु- अपने इस डिसिशन पर पछताओगी नेहा
अब यहां नेहा और रितु के बीच जंग छिड़ने वाली है देखना होगा के आगे क्या होता है...
--x--x--
श्वेता- क्या!!!!! भाभी आपने सच मे ऐसा कहा??
श्वेता ने चौक के नेहा से पूछा क्युकी गार्डन मे उसके और रितु के बीच हुई सारी बात नेहा ने श्वेता को जैसी की वैसी बता दी थी, श्वेता के सवाल पर नेहा ने हा मे गर्दन हिलाई और श्वेता उसके गले लग गई
श्वेता- छा गई भाभी आप तो
नेहा- श्वेता मैंने तुम्हें बताया है लेकिन ये बात बस हमदोनों के बीच ही रहनी चाहिए समझ आया, किसी को मत बताना
श्वेता- अरे भाभी ये बात यहा से बाहर कही नहीं जा रही टेंशन नॉट लेकिन मुझे आपकी ये गुस्से वाली साइड नहीं पता थी
नेहा- कोई साइड नहीं है श्वेता, किसी भी पत्नी को कोई लड़की कहे के तुम्हारा पति मेरा है तो वो ऐसे ही रिएक्ट करेगी
श्वेता- और वो रितु है भी नागिन, पता है भाभी मैं जबसे उससे मिली हु मुझे अच्छी फीलिंग नहीं आ रही लेकिन भाभी बात तो वो सही कह गई मर्द तो आखिर मर्द है
नेहा- हा लेकिन मुझे इनपर पूरा भरोसा है
नेहा के चेहरे पर राघव के बारे मे सोचते ही एक मुस्कान आ गई
श्वेता- आपको अपने रिश्ते का सच पता है फिर भी इतना भरोसा भाभी.. अगर मैं आपकी जगह होती तो शायद शेरी पर इतना विश्वास नहीं दिखा पाती जितना आपने भईया पर दिखाया है..
नेहा- मैंने उनकी आँखों मे अपने लिए प्यार देखा है श्वेता और जबसे मैंने हमारे रिश्ते को सुधारने की कोशिश शुरू की है उनकी आँखों मे भी एक अलग ही चमक देखि है मैंने, उसके बाद उन्होंने कभी मुझे रोका नहीं है और रही बात तुम्हारी तो मैं जानती हु तुम शेखर से कितना प्यार करती हो
श्वेता- फिर भी कुछ प्लान सोचा है आपने उस नागिन से बचने का ? वो कुछ ना कुछ तो जरूर करेगी
नेहा- कोई प्लान नहीं है देखा जाएगा जो होगा....
अब देखने वाली बात होगी के रितु क्या चाल चलेगी और नेहा उसे कैसे रोकेगी लेकिन जो भी हो ये नेहा बनाम रितु की जंग देखने मे मजा बड़ा आएगा तो जुड़े रहिए कहानी के साथ
शुभंकर जी बड़ी दादी को लेकर अस्पताल गए हुए थे क्युकी उनका रूटीन चेकप होना था और जो जरूरी था वही घर के बाकी लोग बैठ कर चाय पीते हुए शादी और सगाई मे होने वाली रस्मों के बारे मे बाते कर रहे थे
स्वाती- सबसे बढ़िया तो जूते छुपाने वाली रस्म होती है, हमे मालामाल कर देती है वो
रिद्धि- पैसे का नेग तो और भी रस्मों मे मिलता है स्वाती..
जानकी- शेखर और श्वेता तो अपनी सगाई के टाइम पूरे फिल्मी थे क्या क्या नहीं किया था दोनों ने
रमाकांत- हा ना ये जनाब सीढ़ियों पर खड़े थे और श्वेता की उंगली मे धागा बांधा हुआ था और ऊपर से सरका के अंगूठी पहनाई थी
शेखर- अरे वो तो मैंने एक फिल्म मे देखा था बड़े पापा और मुझे वही करना था
संध्या- और वो नाम रखने वाली रस्म? शेखर तुमने क्या नाम रखा था श्वेता का हम तो बुआ जी की तबीयत की वजह से रुक नहीं पाए थे तो पता ही नहीं
विवेक- नाम वाली रस्म? ये कब हुई? और है क्या ये?
रिद्धि- जगेगा तब पता रहेगा ना दिन मे 18 घंटे तो सोते हो तुम
रिद्धि ने विवेक को टपली मारते हुए कहा
मीनाक्षी- अरे जब शादी के बाद लड़की दुल्हन बनके नए घर मे जाती है ना तो उसका नया नाम रखा जाता है जो उसके पति के नाम से मैच हो
विवेक- सही है यार, मैं भी सोच के रखता हु कुछ कभी काम आएगा
आकाश- ओये शेखर बता न तूने क्या नाम रखा था भाभी का?
शेखर- आद्या! माय फर्स्ट वन एण्ड ओन्ली लव... मैंने आद्या नाम रखा था
शेखर ने श्वेता की आँखों मे देखते हुए आकाश से कहा और श्वेता शर्मा गई
धनंजय- दट्स माय बॉय शाबाश!
धनंजय जी ने शेखर की तारीफ की जिसपर सब मुस्कुराने लगे
आरती- कितना बढ़िया नाम है लेकिन हमने तुम्हें कभी श्वेता को इस नाम से बुलाते हुए नहीं सुना ऐसा क्यू ?
आरती जी का सवाल सुन दादू बोले जो वही बैठे थे
शिवशंकर- ऐसा इस लिए क्युकी ना तो श्वेता अपना नाम बदलना चाहती थी ना ही हमारी उसका नाम बदलने की इच्छा थी, एक लड़की अपना घर अपना परिवार छोड़ कर अपने ससुराल आती है अपने पति के घर को स्वर्ग बनाने इससे ज्यादा और क्या चाहिए
गायत्री- हा... और वैसे भी ये सिर्फ एक रस्म है और किसी भी लड़की को नाम बदलने की जरूरत नहीं है हमारा नाम तो हमारी पहचान होता है हमारे माता पिता ही देन है वो
शिवशंकर- वही तो और बच्चे पर पहला अधिकार उसके मा बाप का होता है फिर उनका दिया नाम कोई लड़की कैसे बदले बताओ
रमेश- एकदम बराबर कहा आपने! मा बाप का दर्ज सबसे ऊपर है
आरती- अच्छा शेखर का तो सुन लिया अब चलो राघव तुमने नेहा को क्या नाम दिया था बताओ?
अचानक आए इस सवाल से नेहा और राघव दोनों के कान खड़े हो गए नेहा ने अपनी नजरे झुका ली और राघव को गिल्टी फ़ील होने लगा
जानकी- आपको तो पता है मामीजी राघव शादी वाले दिन ही बिजनस ट्रिप पर चला गया था और ये रस्म अगले दिन होती है तो हमने सोचा था के राघव से फोन पर वही से पुछ लेंगे लेकिन ये तो बाद मे हम सभी भूल गए थे
‘अब ये क्या नया रायता है यार, मैंने क्या क्या मिस किया है’ राघव मन ही मन अपने को कोसने लगा
मीनाक्षी- अरे हा ये तो हम भूल ही गए थे राघव को बाद मे किसी ने इस बारे मे पूछा ही नहीं क्युकी ये लौटा ही 2 महीने बाद था और वैसे भी नाम बदलना ही नहीं था तो किसी ने इसके बारे मे उतना सोचा भी नहीं
संध्या- अच्छा अब वैसे भी राघव उसे उस नाम से नहीं बुलाता लेकिन कुछ तो नाम इसने दिया ही होगा नेहा को वो बात दे
अब संध्या जी की बात सुन राघव के रोंगटे खड़े हो गए
राघव- चाची छोड़ो न कहा आप भी ये बात लेकर बैठ गई वैसे भी बुलाना सबने उसे नेहा ही है
राघव के बहाने बनने शुरू हो गए थे वही नेहा अपनी साड़ी के पल्लू से खेलने लगी
गायत्री- हा तुम्हारी बात सही है लेकिन बताओ तो क्या नाम रखा था तुमने ये इतनी कौनसी बड़ी बात है
जानकी – हा राघव ये तो मैं भी नहीं जानती के मेरे बेटे ने मेरी बहु को क्या नाम दिया था! ये तो गलत बात है चलो बताओ अब
राघव- मा आप भी क्या लेके बैठ गई छोड़ो ना
लेकिन राघव की एक नहीं चल रही थी क्युकी अब सारे घरवाले नाम जानने की जिद पकड़ चुके थे और कोई नाम था ही नहीं और इन सब के एक साथ प्रेशर देने से राघव कोई बढ़िया सा नाम सोच भी नहीं पा रहा था उसका दिमाग एकदम खाली हो गया था कोई आइडिया नहीं आ रहा था, उसने आजू बाजू कुछ हिंट्स के लिए देखा लेकिन उसे कुछ नहीं मिला, मदद की आस मे उसने नेहा को भी देखा लेकिन उसने भी हल्के गुस्से मे अपनी नजरे घुमा ली
‘इनके पास मेरे लिए कोई अच्छा नाम सोचने के 5 मिनट भी नहीं थे क्या? अब भुगतो’ नेहा ने मन ही मन सोचा
‘अरे यार इसको भी अपने मूड स्विंग्स अभी दिखने है क्या?’
रिद्धि- बताओ ना भाई सब राह मे है
रिद्धि ने राघव को उसके खयालों से बाहर निकाला
राघव- वो..
तभी राघव की नजर सामने टेबल पर पड़े अखबार पर गई और उसकी आंखे अखबार मे कोई बढ़िया सा नाम ढूँढने लगी
विवेक- बताओ यार भाई
विवेक ने थोड़ा जोर से पूछा
राघव- चिक्की
विवेक की बढ़ी हुई आवाज सुन एकदम से ये नाम राघव के मुह से निकला जिसे सुन सब लोग एकदम शांत हो गए
सब लोग आश्चर्य से राघव को देखने लगे और नेहा तो आँख और मुह फाड़े उसे देख रही थी और सबका ये रिएक्शन देख राघव ने वापिस अपने आप को मन ही मन डांटा
“चिक्की!!!!!!” गायत्री और जानकी को अब भी यकीन नहीं हो रहा था और राघव ने गर्दन झुकाए अपनी आंखे बंद कर मुंडी हिलाई
और राघव के एक्सप्रेशन देख वह मौजूद सभी जोर जोर से हसने लगे पेट पकड़ पकड़ कर
रिद्धि- भाई सच मे ये नाम रखा है आपने भाभी का ?? चिक्की??
रिद्धि अपना पेट पकड़ के हसते हुए बोली और विवेक जो सोफ़े की साइड पर बैठा हुआ था वो तो हसते हसते गिरने वाला था अगर आकाश उसे नहीं संभालता तो और आकाश विवेक को संभालते हुए हसे जा रहा था
रमाकांत- राघव ऐसा नाम कौन रखता है बेटा?? तुमने पी रखी थी क्या उस दिन?
रमाकांत जि अपनी हसी कंट्रोल करते बोले
राघव- डैड प्लीज आप तो मत ऐसा बोलिए
रमाकांत- अरे ऐसा नाम सोचो तुम हम बोले भी ना
जानकी- तुमने क्या सोचा था राघव जो मेरी बेटी का ऐसा नाम रखा
जानकी जी आपने आँसू पोंछते हुए बोली जो हसते हसते उनकी आँखों से आने लगे थे
शेखर- क्या था ये
राघव- इतनी बड़ी मजेदार बात भी नहीं है जो आपलोग ऐसे रिएक्ट कर रहे है मुझे क्यूट लगा ये नाम तो मैंने ये रख दिया बस
आरती- हा क्यूट तो है लेकिन तुम्हारे मुह से ऐसा नाम सुनना अलग है बस
आरती जी ने हसते हुए कहा और राघव ने मदद के लिए अपने दादू की ओर देखा जो वहा अभी उसका एकमात्र सहारा थे और दादू भी राघव का इशारा समझ कर बोले
शिवशंकर- बस बहुत हो गया ये उसकी चॉइस है उसे क्या नाम देना था ये उसका प्यार जताने का तरीका होगा
रमेश- हा सही है ये तो उनकी चॉइस है ये वो एकदूसरे को किस नाम से बुलाना चाहते है
रमेश जी भी मुसकुराते हुए बोले
गायत्री- अच्छा अब सब चलो बाते बहुत हुई और बहुत सा काम बाकी है अभी
दादी अपनी मुस्कान छुपाने का असफल प्रयास करते हुए बोली और सब हसते हुए अपने अपने काम मे लग गए
शेखर और श्वेता दोनों जानते थे के राघव ने झूठ बोला है लेकिन वो नाम ही ऐसा था के वो अपनी हसी रोक ही नहीं पाए और एक एक करके सब लोग वहा से अपने अपने कामों के लिए निकल गए और राघव ने राहत की सास ली और नेहा को देखा जो अब भी सेम शॉक वाले एक्सप्रेशन लिए वही अपनी जगह पर बैठी थी किसी मूर्ति की तरह
राघव ने नेहा के कंधे को अपनी उंगली से छुआ जिससे झटके के साथ नेहा उसकी ओर मुड़ी और नेहा के एकदम ऐसे मुड़ने से राघव थोड़ा डर के पीछे सरक गया
नेहा- ची.. चिक्की !!? आपको... आपको और कोई नाम नहीं मिल क्या?? चिक्की??
वो राघव की तरफ बढ़ी और राघव पीछे हटने लगा
राघव- मुझे और कोई नाम नहीं मिला तो...
नेहा- तो आपने चिक्की रख दिया हे भगवान मुझे नहीं पता था इस मामले मे आपका दिमाग इतना स्लो है
नेहा ने बाकियों के रिएक्शन याद कर रोने वाले एक्सप्रेशन अपने चेहरे पर लाए
राघव- ओये मेरा दिमाग स्लो नहीं है
नेहा- है!! इसीलिए तो आपने ऐसा नाम बताया, चिक्की कौन रखता है यार
राघव- रहने दो क्यूट नाम है
बदले मे नेहा ने बस उसे घूरा
राघव- क्या? क्यूट है तो है और अब मैं तुम्हें इसी नाम से बुलाऊँगा ठीक है न, चिक्की
राघव ने मुस्कुराते हुए नेहा के गाल खिचते हुए कहा, और कोई वक्त होता तो नेहा राघव के ऐसे उसे छेड़ने को इन्जॉय करती लेकिन अभी उसे चिक्की के सामने कुछ नहीं दिख रहा था
नेहा- आप मुझे इस नाम से बिल्कुल नहीं बुलाएंगे!
नेहा ने अपनी उंगली राघव को दिखा कर धमकाते हुए कहा
राघव- कौन बोला, मैं तो इसी नाम से बुलाऊँगा और तुम मुझे नहीं रोक सकती वैसे भी ये रस्म थी
राघव वहा से इतना बोल कर जाने लगा
नेहा- उहमहू चीटिंग है ये आप... आप ऐसा नहीं करेंगे.... रुकिए.... सुनिए तो... आप मुझे उस नाम से नहीं बुलाएंगे
नेहा राघव के पीछे पीछे जाने लगी लेकिन राघव ना तो मूड रहा था ना उसकी कोई बात सुन रहा था उसने बस चिक्की चिक्की की रट लगाई हुई थी......
नेहा राघव को अवॉइड कर रही थी क्युकी अब राघव का लैपटॉप तो बड़ी दादी के पास था और करने को कुछ था नहीं तो राघव नेहा को चिक्की नाम से चिढ़ा कर मजे ले रहा था और वो उसे चिक्की चिक्की बुलाते हुए पूरे घर मे उसके पीछे पीछे घूम रहा था बगैर परिवार वालों की चिंता करे और नेहा इससे काफी ज्यादा चिढ़ भी रही थी, इस वक्त नेहा किचन मे थी और सब्जियां काट रही थी
श्वेता- चिक्की भाभी भईया आपको बुला रहे है
श्वेता ने अपनी हसी छुपाते हुए नेहा से कहा और बदले मे नेहा ने उसे घूर के देखा
नेहा- उनहू उनहू श्वेता प्लीज!!
श्वेता- अच्छा अच्छा ठीक है नेहा भाभी मैं नहीं बुलाऊँगी आपको उस नाम से
श्वेता ने हसते हुए कहा
नेहा- वही अच्छा होगा और तभी वहा एंट्री हुई राघव की
राघव- चिक...
राघव किचन मे आते हुए नेहा को चिक्की बुलाने ही वाला था के वहा श्वेता को नेहा के साथ देख वो रुक गया और श्वेता हसते हुए वहा से चली गई और नेहा मन मे सोचने लगी
‘इनको अचानक क्या हो गया है? उफ्फ़ इनकी ये बच्चों जैसी हरकते!’
नेहा- क्या है!!
नेहा ने थोड़ा रुडली राघव से कहा
राघव- वो चिक्की असल मे......
नेहा- मुझे उस नाम से मत बुलाइए
नेहा ने फ्रस्टेट होकर राघव को अपने हाथ मे पकडा चाकू दिखाते हुए कहा और चाकू उसकी गर्दन के पास पकड़ा
राघव- अरे देखो ऐसा मत करो भरी जवानी मे विधवा हो जाओगी
नेहा- आई डोन्ट केयर मुझे बस मेरे नाम से मतलब है
नेहा ने राघव की तरफ एक कदम और बढ़ाया और राघव एक कदम पीछे हटा और सरेन्डर करने के लिए अपने दोनों हाथ उसने ऊपर उठा लिया
राघव- अरे शांत हो जाओ मेरी मा, और ये बताओ तुम्हें ये नाम पसंद क्यू नहीं है??
राघव ने मासूमियत से पूछा
नेहा- ऐसा नाम कीसे पसंद आएगा और पहली बात आपके दिमाग मे ये नाम आया कहा से वो बताइए पहले ?
नेहा ने राघव से पूछा
राघव- वो अखबार मे एड थी एक जिसमे लिखा था के अब लोनावला की फेमस चिक्की मिलेगी हर जगह बस वही से चिक्की उठा लिया
और राघव का जवाब सुन नेहा ने अपना माथा पीट लिया
नेहा- आप ना...
लेकिन बोलते बोलते नेहा रुक गई जब उसने राघव को उसे देख कर मुस्कुराता हुआ पाया
राघव- अच्छा सुनो न चिक्की.... मतलब नेहा, नेहा
जब चिक्की बुलाने पे नेहा ने वापिस राघव को घूरा तो उसने उसे नेहा बुलाना शुरू कर दिया
नेहा- हम्म क्या..
राघव- मैं जरा शेखर और आकाश के साथ कुछ काम से बाहर जा रहा हु आकाश को कुछ सामान लेना है और आज शॉप से कुर्ते वाला आ रहा है तो अगर मैं टाइम पर ना पहुंच पाया तो मेरे लिए अपनी पसंद का एक कुर्ता चुन कर रखना।
और इतना बोल के राघव बगैर नेहा की बात सुने वहा से निकल गया और नेहा बस मुसकुराते हुए उसे जाते हुए देखती रही
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रमाकांत- स्वाती बेटा जाओ नेहा को बुला लाओ, राघव ने कहा था के नेहा को कहे उसके लिए कुर्ता पसंद करने
रमाकांत जी ने स्वाती से कहा और वो भी हा मे गर्दन हिला कर चली गई
शुभंकर- हा हा अब जब हमने इनकी साड़िया पसंद की है तो ये भी तो हमारे लिए कपड़े पसंद करेंगी न
धनंजय- हा बिल्कुल
सब औरते अपने अपने पतियों की कपड़े सिलेक्ट करने मे मदद कर रही थी तभी वहा रितु आई
रितु- हैलो एवरीवन अरे वाह आज भी कपड़ों की खरीदारी चल रही है
जानकी- हा बेटा आज जेंट्स लोगों की बारी है
जानकी जी की बात सुन रितु ने इधर उधर देखा जैसे किसी को ढूंढ रही हो लेकिन वो बंदा उसे कही नहीं दिखा
रितु- राघव कहा है?? और शेखर और आकाश?
किसी को अजीब न लगे इस लिए उसने शेखर और आकाश के बारे मे भी पुछ लिया
संध्या- वो लोग कुछ काम से बाहर गए है
संध्या जी ने कपड़े देखते हुए ही रितु के सवाल का जवाब दिया
आरती - अरे रितु तुम भी आओ कुछ सजेशन दो
जिसके बाद रितु भी वहा बैठ गई इतने मे वहा नेहा आई और रमाकांत जी से बोली
नेहा- जी पापा आपने बुलाया था
रमाकांत- हा बेटा आओ राघव के लिए कुर्ता पसंद कर लो उसने मुझे तुम्हें याद दिलाने कहा था
और रमाकांत जी की बात सुन रिद्धि अपनी मा से बोली
रिद्धि- देखा मा आपका बेटा लाइन पर आ रहा है अब
जिसपर नेहा शर्मा गई
श्वेता- भाभी यहा आओ न
श्वेता ने नेहा को अपने बाजू की खाली जगह की तरफ इशारा करके बुलाया वही रितु बस नेहा को घूरे जा रही थी लेकिन कोई उसकी तरफ ध्यान नहीं दे रहा था
संध्या- अच्छा है राघव बदल रहा है वरना हम तो भूल ही गए थे के वो आखरी बार ऐसे किसी फॅमिली फंक्शन मे आया हो
मीनाक्षी- अरे ये तो नेहा है जो संभाल रही है उसे
जानकी- वही तो कोई और होती तो पता नहीं उसे संभाल पाती या नहीं
इन लोगों की बाते सुन नेहा कुर्ता पसंद करते हुए मुस्कुरा दी वही इन बातों ने रितु के मन मे आग लगा दी थी जिसकी जलने की बदबू बाहर तक आ रही थी
विवेक- ये गलत बात है यार, मैं तो सिंगल हु अब मेरे लिए कौन पसंद करेगा
विवेक ने कहा जिसपर नेहा और श्वेता ने एकसाथ कहा “हम है ना”
कुमुद- रुक मैं पसंद करती हु तेरे लिए तेरी बड़ी दादी की पसंद इतनी खराब नहीं है
सारा प्रोग्राम सही चल रहा था तभी रितु बीच मे बोल पड़ी
रितु- अरे अरे नेहा ये क्या कर रही हो? इस कुर्ते का कलर ऑफ है राघव को पसंद नहीं आएगा रुको मैं मदद करती हु तुम्हारी
रितु ने नेहा के पसंद किए कुर्ते को घृणित नजरों से देखा और खुद कुर्ता ढूंढने लगी
नेहा- इन्हे क्या पसंद है क्या नहीं मुझे अच्छे से पता है!
रितु- उसे डार्क कलर पसंद है इतना भी नहीं पता क्या फिर तुम्हें
रितु ने नेहा को ताना मारा जो वहा मौजूद किसी को भी अच्छा नहीं लगा
नेहा- वो टाइम और जगह के हिसाब से कलर पसंद करते है
नेहा ने आराम से कहा
रितु- नहीं! बचपन मे वो हमेशा डार्क कलर पहनता था चाहे कुछ हो और उसका पसंदीदा रंग डार्क ब्लू है उसने बताया था मुझे
रितु ऐसा जता रही थी जैसे वो राघव को नेहा से बेहतर जानती थी
नेहा- वो बचपन था रितु, वो अब बच्चे नहीं है और समय के साथ पसंद भी बदलती है
नेहा अब रितु की बातों से परेशान हो रही थी
रितु- तो मैं मदद करती हु तुम्हारी वैसे भी मेरी चॉइस तुमसे अच्छी है उसे पसंद आएगी
अब ये बात रितु ने कही तो नॉर्मली ही थी लेकिन नेहा जानती थी के वो उसे चैलेंज कर रही है
नेहा- उन्होंने मुझे खास तौर से उनके लिए कुर्ता पसंद करने करने कहा है रितु और अगर कोई और ये काम करेगा तो ये उन्हे अच्छा नहीं लगेगा तुम जाओ औरों की मदद करो मुझे अच्छे से पता है इन्हे क्या पसंद है क्या नहीं
नेहा ने प्यार से मुस्कान के साथ रितु से कहा लेकिन उसके शब्द किसी तीर की तरह थे वही ये बवाल देख श्वेता अपनी हसी कंट्रोल कर रही थी
नेहा को ऐसे राघव की साइड लेता देख उसपर हक जमाते देख दादू ने दादी की ओर देखा मानो इशारों मे कह रहे हो मैंने कहा था न नेहा राघव के लिए परफेक्ट है और दादी ने भी इशारों मे सहमति जताई
रितु- ठीक है मैं भी उसके लिए एक कुर्ता पसंद कर लेती हु जब वो आएगा तब उसी से पुछ लेंगे उसे किसका कुर्ता ज्यादा अच्छा लगा
रितु को नेहा द्वारा हुई अपनी सोम्य शब्दों वाली बेइज्जती रास नहीं आई और जिद्दी तो वो बहुत थी वही नेहा ने इसका कुछ नहीं हो सकता सोच के मुंडी हिला दी
कुछ समय मे सब की खरीदारी हो चुकी थी और अब बस वहा अपनी गैंग बची थी वो भी रितु के उस बचकाने आइडीया के चलते, नेहा और रितु दोनों ही राघव की राह देख रही थी तभी वो लोग वहा आए
शेखर- अरे वाह हो गया सब ?
शेखर ने अंदर आते हुए पूछा
रितु- राघव कहा है?
रितु ने शेखर से पूछा और नेहा अब उससे परेशान हो चुकी थी वही शेखर ने उसका सवाल सुन श्वेता को देखा तो श्वेता ने इशारे से ये पागल है ऐसा कहा
शेखर - भाई बस आ ही रहा है
शेखर ने नेहा को देखते हुए कहा और तभी वहा राघव की एंट्री हुई और रिद्धि उसके पास गई
रिद्धि- भाई आप आ गए अब चलो और अपने लिए एक कुर्ता पसंद करो ताकि मेरी भाभी का काम खतम हो
रिद्धि ने कहा और राघव कन्फ्यूजन मे उन्हे देखने लगा
रितु- राघव देखो मैंने तुम्हारे लिए एक कुर्ता पसंद किया है
रितु ने राघव के पास जाते हुए कुर्ता दिखाया और उसे देख राघव का मूड ही खराब हो गया और उसने नेहा को देखा और इशारों मे कहा के मैंने तुम्हें कहा था ना?? और इससे पहले रितु उसके पास पहुचती वो जाकर नेहा के बाजू मे बैठ गया
श्वेता- भईया भाभी और रितु ने आपके लिए ये दो कुर्ते पसंद किए है अब बताओ आपको कौनसा बढ़िया लगा
श्वेता ने राघव को एक डार्क ब्लू और एक हल्के गुलाबी रंग का ऐसे दोनों कुर्ते दिखाए
राघव- ये वाला...
राघव के डार्क ब्लू कुर्ते की ओर इशारा किया जिससे वहा बस एक इंसान को खुशी हुई
नेहा- ठीक है यही फाइनल फिर
नेहा ने झूठी मुस्कान के साथ कहा और वहा से उठने लगी इतने मे ही राघव ने उसका हाथ पकड़ कर उसे वहा बैठा लिया
राघव- क्या? फाइनल क्या? अरे पहले पूरी बात तो सुन लो मैं कह रहा हु ये वाला बहुत डार्क है सगाई के फंक्शन मे उतना सही नहीं लगेगा इसीलिए दूसरा वाला फाइनल करो
राघव की बात सुन नेहा ने उसकी ओर देखा और रितु की स्माइल गायब हो गई
राघव- और वैसे भी ये चिक्की... मतलब तुम्हारी साड़ी के साथ मैच हो रहा है तो इसे ही डन करो
राघव ने नर्वस स्माइल के साथ कहा और उसकी बात सुन नेहा के गाल लाल होने ले
शेखर- ओ हो हो मैचिंग मैचिंग....
शेखर ने राघव को चिढ़ाते हुए कहा वही राघव कुछ नहीं बोला बस उसने एक बार नेहा को देखा और वहा से निकल गया.....
राघव- रवि आज की मेरी सारी मीटिंग्स लंच के बाद शिफ्ट कर दो और वेब डेवलपर को मेरे केबिन मे भेजो
राघव ने अपने असिस्टेंट से कहा और वो भी हा मे गर्दन हिलाता हुआ चला गया और नेहा और राघव राघव के केबिन मे घुसे और अंदर आते ही नेहा बोली
नेहा- अब क्या करना है?
नेहा ने ऑफिस मे इधर उधर देखते हुए राघव से पूछा और राघव को वो आज बहुत क्यूट लग रही थी
राघव- पहले बैठो तो फिर बताता हु क्या करना है
राघव ने अपना ब्लेजर उतारते हुए कहा और अब वो सिर्फ शर्ट और पैन्ट मे था वही नेहा बस उसकी वेल बिल्ड फिज़ीक को देख रही थी राघव की शर्ट उसके बॉडी से चिपकी हुए थी जिससे उसके मसल्स साफ दिख रहे थे और नेहा उसे देखने मे खोई हुई थी और राघव उसे देखते हुए बोला
राघव- मैं जानता हु मैं बहुत अच्छा दिखता हु मिसेस देशपांडे लेकिन हम ना यहा काम करने आए है
राघव की आवाज से नेहा अपने खयालों से बाहर आई और इधर उधर देखने लगी
नेहा- मैं... मैं आपको थोड़ी देख रही थी मैं तो आपके पीछे देख रही थी
नेहा ने बात संभालते हुए कहा
राघव- अच्छा!!
राघव ने अपने शर्ट की एक बटन खोलते हुए कहा वही नेहा की आंखे अब उसकी उंगलियों पर थी तभी उन्हे दरवाजे पर नॉक सुनाई दिया और राघव सीधा होकर बैठा और उसने "कम इन" कहा और दरवाजे से एक लड़का अपने हाथ मे अपना लैपटॉप लिए अंदर आया, उसे देखते ही कोई भी बता सकता था के वो एक वेबडेवलपर था
“गुड मॉर्निंग सर, गुड मॉर्निंग मैडम, आइ एम अंकित, सर आपने मुझे वेबसाईट बताने कहा था"
राघव- यस अंकित, हैव अ सीट फर्स्ट
राघव ने अंकित को सोफ़े कि ओर इशारा किया और बैठने कहा और नेहा को इशारा किया तो वो भी राघव के बाजू मे जाकर सोफ़े पर बैठ गई, अंकित ने उन्हे पूरी साइट की डिटेल्स समझाई और वेबसाईट के कुछ सैम्प्ल्स दिखाए उसका काम काफी अच्छा था और फिर उसने उनसे साइट का नाम पूछा
राघव- तुम्हारे दिमाग मे कोई बढ़िया सा नाम है??
राघव ने नेहा को देखते हुए पूछा और नेहा कुछ देर सोचने लगी और फिर मुस्कुराई
नेहा- नृत्यांजलि !!!
नेहा के मुह से ये नाम सुन राघव के चेहरे पर स्माइल आ गई वही अंकित शॉक होकर अपने बॉस को देख रहा था क्युकी उसने अपनी लाइफ मे कभी अपने बॉस को हसते हुए नहीं देखा था
राघव- अंकित वेबसाईट इसी नाम से बनेगी और आई गेस कल तक ये काम हो जाना चाहिए या और समय चाहिए होगा?
अंकित- नहीं कल सुबह तक मैं साइट रेडी कर दूंगा सर
राघव- ग्रेट यू कान गो नाउ
जिसके बाद अंकित वहा से चला गया और अंकित के जाते ही राघव ने नेहा को देखा जो काही खोई हुई थी और राघव नेहा के पास गया
राघव- क्या हुआ??
राघव ने नेहा को हिलाया तो वो अपने खयालों से बाहर आई
राघव- क्या हुआ कहा खोई हो??
नेहा- कुछ नहीं बस उस नाम के बारे मे सोच रही थी
नेहा ने राघव को देखते हुए कहा
नेहा- मेरी मॉम जब डांस सिखाया करती थी ना तब वो कहती थी के डांस एक पूजा है जिसे हर कोई नहीं पा सकता, उनकी क्लासेस का नाम था ये, नृत्यांजली!
राघव- तो तुमने ये नाम वहा से लिया है
जिसपर नेहा के बस हा मे गर्दन हिला दी और राघव ने उसका हाथ पकड़ा
राघव- परफेक्ट है!
राघव के कॉम्प्लीमेंट पर नेहा बस मुस्कुरा दी, उसे उसकी मॉम की याद आ रही थी तभी राघव उठ कर खड़ा हुआ
राघव- अच्छा चलो अब शूट टाइम!!
राघव ने बात बदलते हुए कहा
नेहा- अभी!!
राघव- यस! अब चलो उठो अभी..
राघव ने नेहा का हाथ पकड़ कर उसे उठाया और उसे लेकर दूसरे रूम मे आया और जैसे ही वो वहा पहुचे नेहा उस रूम को देखते ही रही
नेहा- कंपनी मे डांस स्टूडियो भी है??
नेहा ने राघव से पूछा
राघव- नहीं! ये मेरा कांफ्रेंस रूम है मैंने इसे रेनोवेट करने कहा था और अब मिसेस देखपाण्डे आप तयार हो जाइए अब आपको यहा अपने डांस से आग लगानी है
राघव ने आखरी लाइन नेहा के कान मे कही वही इससे नेहा थोड़ी चिंता मे आ गई
नेहा- लेकिन मैंने तो कुछ तयारी नहीं की है
राघव- कोई ना तुम जो करोगी अच्छा ही करोगी, आइ नो!
“मैडम प्लीज मेरे साथ आइए आपका थोड़ा सा टच उप करना है” एक लेडी ने नेहा के पास आते हुए कहा और वो दोनों वहा से चले गए वही राघव बाकी सारी बाते सही है या नहीं वो देखने लगा और डायरेक्टर से शूट रिलेटेड बाते करने लगा तभी शेखर वहा आ पहुचा
शेखर- वॉव गजब!!!
शेखर ने अंदर आते हुए रूम को देखते हुए कहा
राघव- तुम क्या कर रहे हो यहा ??
राघव ने शेखर को देखते हुए सीधा पूछा
शेखर- अरे यार भाई!! जाने दो मैं भी किससे कह रहा हु मैं आपके लिए नहीं आया हु यहा भाभी के लिए आया हु कहा है वो??
राघव- वो रेडी हो रही है और तुम्हें इस वक अपने काम को देखना चाहिए
शेखर- ब्रेक टाइम है मेरा ठीक है!
राघव- पर अभी सिर्फ 10 बजे है और शेखर देशपांडे मैं जानता हु तुम सीधा यही आए हो
शेखर- तो?? एक तो आपने मुझे आज मीटिंग के लिए जल्दी भेज दिया और अब मैं अपनी भाभी को सपोर्ट भी ना करू?? भाई यार प्लीज आप ना...
राघव- क्या?? आप ना.... क्या??
राघव ने घूरते हुए कहा
शेखर- कुछ नहीं बस भाभी को चीयर करो और क्या हे हे
तभी डायरेक्टर वहा आया
डायरेक्टर- सर सब रेडी है
और राघव ने भी हा मे सर हिला दिया तभी नेहा भी वहा आ गई और उसके आते ही शेखर उसके पास लपका
शेखर- अच्छा हुआ आप आगई भाभी ये आपका पति मुझे यहा से भगाने मे लगा हुआ है
शेखर ने नेहा के पीछे जाते हुए कहा वही राघव बस उसे घूरने लगा
राघव- शेखर!!!
लेकिन राघव की नेहा के सामने कहा चलनी थी इसीलिए वो आगे नहीं बोला
राघव - रेडी? शुरू करे??
राघव ने पूछा लेकिन नेहा काफी नर्वस थी और कैमरे के सामने डांस उसने पहले नहीं किया था
राघव और शेखर अपनी सीट पर बैठे ताकि सही से नेहा का डांस देख सके और डायरेक्टर ने नेहा को सब समझाया लेकिन उसके बार बार बोलने पर भी नेहा एक इंच भी नहीं हिली वो इतनी नर्वस थी के उसे किसी का आवाज नहीं सुनाई नही दे रहा था वो अपने खयालों मे खोई थी तभी राघव अपनी जगह से उठा और उसने अपने हाथों मे नेहा का चेहरा थामा, राघव का ये रूप उसके एम्प्लॉयज के लिए नया था राघव को उन्होंने कभी इतना एक्सप्रेसिव नहीं देखा था
राघव- नेहा क्या हुआ??
राघव ने धीरे से पूछा
राघव – घबराने की कोई बात नहीं है सब ठीक है मैं हु यहा तुम अच्छा करोगी ऐसे नर्वस मत हो
राघव ने नेहा को समझाया और नेहा उसे देखने लगी
नेहा- मैं... मैं नहीं कर सकती, ये कैमरे के सामने नहीं हो पाएगा मुझसे, मैंने कुछ गलत कर दिया तो??
आज इतना सब देख नेहा थोड़ा डर रही थी
राघव- तुम कर लोगी आराम से ट्रस्ट मी और ऐसे डरोगी तो सिखाओगी कैसे?? और वैसे भी तुम्हें रोज कैमरा फेस नहीं करना है लेकिन तुम्हें हर चीज का सामना करना सीखना होगा
शेखर- डॉन्ट वरी भाभी आप कर लोगे
राघव- देखो अब तो शेखर ने भी कह दिया और मुझे यकीन है तुम कुछ गलत नहीं करोगी अब एक लंबी सास लो और शुरू हो जाओ भूल जाओ के यहा कोई है बस अपने डांस पर फोकस करो, ओके।
राघव ने किसी बच्चे को समझते है ऐसे नेहा को समझाया और उसे भी सब समझ आया फिर राघव अपनी जगह आकर बैठा और नेहा ने एक लंबी सास ली और डांस शुरू किया......
राघव- रवि आज की मेरी सारी मीटिंग्स लंच के बाद शिफ्ट कर दो और वेब डेवलपर को मेरे केबिन मे भेजो
राघव ने अपने असिस्टेंट से कहा और वो भी हा मे गर्दन हिलाता हुआ चला गया और नेहा और राघव राघव के केबिन मे घुसे और अंदर आते ही नेहा बोली
नेहा- अब क्या करना है?
नेहा ने ऑफिस मे इधर उधर देखते हुए राघव से पूछा और राघव को वो आज बहुत क्यूट लग रही थी
राघव- पहले बैठो तो फिर बताता हु क्या करना है
राघव ने अपना ब्लेजर उतारते हुए कहा और अब वो सिर्फ शर्ट और पैन्ट मे था वही नेहा बस उसकी वेल बिल्ड फिज़ीक को देख रही थी राघव की शर्ट उसके बॉडी से चिपकी हुए थी जिससे उसके मसल्स साफ दिख रहे थे और नेहा उसे देखने मे खोई हुई थी और राघव उसे देखते हुए बोला
राघव- मैं जानता हु मैं बहुत अच्छा दिखता हु मिसेस देशपांडे लेकिन हम ना यहा काम करने आए है
राघव की आवाज से नेहा अपने खयालों से बाहर आई और इधर उधर देखने लगी
नेहा- मैं... मैं आपको थोड़ी देख रही थी मैं तो आपके पीछे देख रही थी
नेहा ने बात संभालते हुए कहा
राघव- अच्छा!!
राघव ने अपने शर्ट की एक बटन खोलते हुए कहा वही नेहा की आंखे अब उसकी उंगलियों पर थी तभी उन्हे दरवाजे पर नॉक सुनाई दिया और राघव सीधा होकर बैठा और उसने "कम इन" कहा और दरवाजे से एक लड़का अपने हाथ मे अपना लैपटॉप लिए अंदर आया, उसे देखते ही कोई भी बता सकता था के वो एक वेबडेवलपर था
“गुड मॉर्निंग सर, गुड मॉर्निंग मैडम, आइ एम अंकित, सर आपने मुझे वेबसाईट बताने कहा था"
राघव- यस अंकित, हैव अ सीट फर्स्ट
राघव ने अंकित को सोफ़े कि ओर इशारा किया और बैठने कहा और नेहा को इशारा किया तो वो भी राघव के बाजू मे जाकर सोफ़े पर बैठ गई, अंकित ने उन्हे पूरी साइट की डिटेल्स समझाई और वेबसाईट के कुछ सैम्प्ल्स दिखाए उसका काम काफी अच्छा था और फिर उसने उनसे साइट का नाम पूछा
राघव- तुम्हारे दिमाग मे कोई बढ़िया सा नाम है??
राघव ने नेहा को देखते हुए पूछा और नेहा कुछ देर सोचने लगी और फिर मुस्कुराई
नेहा- नृत्यांजलि !!!
नेहा के मुह से ये नाम सुन राघव के चेहरे पर स्माइल आ गई वही अंकित शॉक होकर अपने बॉस को देख रहा था क्युकी उसने अपनी लाइफ मे कभी अपने बॉस को हसते हुए नहीं देखा था
राघव- अंकित वेबसाईट इसी नाम से बनेगी और आई गेस कल तक ये काम हो जाना चाहिए या और समय चाहिए होगा?
अंकित- नहीं कल सुबह तक मैं साइट रेडी कर दूंगा सर
राघव- ग्रेट यू कान गो नाउ
जिसके बाद अंकित वहा से चला गया और अंकित के जाते ही राघव ने नेहा को देखा जो काही खोई हुई थी और राघव नेहा के पास गया
राघव- क्या हुआ??
राघव ने नेहा को हिलाया तो वो अपने खयालों से बाहर आई
राघव- क्या हुआ कहा खोई हो??
नेहा- कुछ नहीं बस उस नाम के बारे मे सोच रही थी
नेहा ने राघव को देखते हुए कहा
नेहा- मेरी मॉम जब डांस सिखाया करती थी ना तब वो कहती थी के डांस एक पूजा है जिसे हर कोई नहीं पा सकता, उनकी क्लासेस का नाम था ये, नृत्यांजली!
राघव- तो तुमने ये नाम वहा से लिया है
जिसपर नेहा के बस हा मे गर्दन हिला दी और राघव ने उसका हाथ पकड़ा
राघव- परफेक्ट है!
राघव के कॉम्प्लीमेंट पर नेहा बस मुस्कुरा दी, उसे उसकी मॉम की याद आ रही थी तभी राघव उठ कर खड़ा हुआ
राघव- अच्छा चलो अब शूट टाइम!!
राघव ने बात बदलते हुए कहा
नेहा- अभी!!
राघव- यस! अब चलो उठो अभी..
राघव ने नेहा का हाथ पकड़ कर उसे उठाया और उसे लेकर दूसरे रूम मे आया और जैसे ही वो वहा पहुचे नेहा उस रूम को देखते ही रही
नेहा- कंपनी मे डांस स्टूडियो भी है??
नेहा ने राघव से पूछा
राघव- नहीं! ये मेरा कांफ्रेंस रूम है मैंने इसे रेनोवेट करने कहा था और अब मिसेस देखपाण्डे आप तयार हो जाइए अब आपको यहा अपने डांस से आग लगानी है
राघव ने आखरी लाइन नेहा के कान मे कही वही इससे नेहा थोड़ी चिंता मे आ गई
नेहा- लेकिन मैंने तो कुछ तयारी नहीं की है
राघव- कोई ना तुम जो करोगी अच्छा ही करोगी, आइ नो!
“मैडम प्लीज मेरे साथ आइए आपका थोड़ा सा टच उप करना है” एक लेडी ने नेहा के पास आते हुए कहा और वो दोनों वहा से चले गए वही राघव बाकी सारी बाते सही है या नहीं वो देखने लगा और डायरेक्टर से शूट रिलेटेड बाते करने लगा तभी शेखर वहा आ पहुचा
शेखर- वॉव गजब!!!
शेखर ने अंदर आते हुए रूम को देखते हुए कहा
राघव- तुम क्या कर रहे हो यहा ??
राघव ने शेखर को देखते हुए सीधा पूछा
शेखर- अरे यार भाई!! जाने दो मैं भी किससे कह रहा हु मैं आपके लिए नहीं आया हु यहा भाभी के लिए आया हु कहा है वो??
राघव- वो रेडी हो रही है और तुम्हें इस वक अपने काम को देखना चाहिए
शेखर- ब्रेक टाइम है मेरा ठीक है!
राघव- पर अभी सिर्फ 10 बजे है और शेखर देशपांडे मैं जानता हु तुम सीधा यही आए हो
शेखर- तो?? एक तो आपने मुझे आज मीटिंग के लिए जल्दी भेज दिया और अब मैं अपनी भाभी को सपोर्ट भी ना करू?? भाई यार प्लीज आप ना...
राघव- क्या?? आप ना.... क्या??
राघव ने घूरते हुए कहा
शेखर- कुछ नहीं बस भाभी को चीयर करो और क्या हे हे
तभी डायरेक्टर वहा आया
डायरेक्टर- सर सब रेडी है
और राघव ने भी हा मे सर हिला दिया तभी नेहा भी वहा आ गई और उसके आते ही शेखर उसके पास लपका
शेखर- अच्छा हुआ आप आगई भाभी ये आपका पति मुझे यहा से भगाने मे लगा हुआ है
शेखर ने नेहा के पीछे जाते हुए कहा वही राघव बस उसे घूरने लगा
राघव- शेखर!!!
लेकिन राघव की नेहा के सामने कहा चलनी थी इसीलिए वो आगे नहीं बोला
राघव - रेडी? शुरू करे??
राघव ने पूछा लेकिन नेहा काफी नर्वस थी और कैमरे के सामने डांस उसने पहले नहीं किया था
राघव और शेखर अपनी सीट पर बैठे ताकि सही से नेहा का डांस देख सके और डायरेक्टर ने नेहा को सब समझाया लेकिन उसके बार बार बोलने पर भी नेहा एक इंच भी नहीं हिली वो इतनी नर्वस थी के उसे किसी का आवाज नहीं सुनाई नही दे रहा था वो अपने खयालों मे खोई थी तभी राघव अपनी जगह से उठा और उसने अपने हाथों मे नेहा का चेहरा थामा, राघव का ये रूप उसके एम्प्लॉयज के लिए नया था राघव को उन्होंने कभी इतना एक्सप्रेसिव नहीं देखा था
राघव- नेहा क्या हुआ??
राघव ने धीरे से पूछा
राघव – घबराने की कोई बात नहीं है सब ठीक है मैं हु यहा तुम अच्छा करोगी ऐसे नर्वस मत हो
राघव ने नेहा को समझाया और नेहा उसे देखने लगी
नेहा- मैं... मैं नहीं कर सकती, ये कैमरे के सामने नहीं हो पाएगा मुझसे, मैंने कुछ गलत कर दिया तो??
आज इतना सब देख नेहा थोड़ा डर रही थी
राघव- तुम कर लोगी आराम से ट्रस्ट मी और ऐसे डरोगी तो सिखाओगी कैसे?? और वैसे भी तुम्हें रोज कैमरा फेस नहीं करना है लेकिन तुम्हें हर चीज का सामना करना सीखना होगा
शेखर- डॉन्ट वरी भाभी आप कर लोगे
राघव- देखो अब तो शेखर ने भी कह दिया और मुझे यकीन है तुम कुछ गलत नहीं करोगी अब एक लंबी सास लो और शुरू हो जाओ भूल जाओ के यहा कोई है बस अपने डांस पर फोकस करो, ओके।
राघव ने किसी बच्चे को समझते है ऐसे नेहा को समझाया और उसे भी सब समझ आया फिर राघव अपनी जगह आकर बैठा और नेहा ने एक लंबी सास ली और डांस शुरू किया......