Update 51
राघव ने अंधेरे मे ही स्विच बोर्ड टटोला और रूम मे डीम लाइट शुरू की जिसने महोल हो थोड़ा रोमांटिक बना दिया और जैसे ही राघव पलटा उसके होश ही उड गए मुह खुला रह गया और आंखे बस बाहर ही आने वाली थी......
राघव ने नेहा को सर से लेकर पैर तक सप्राइज़ होकर देखा, उसने कभी नेहा को ऐसे नहीं देखा था, उसने बस सिर्फ एक नाइट ड्रेस पहना था लेकिन उसमे भी कहर मचा रखा था, एक नाइट ड्रेस मे भी कोई इतना हॉट लग सकता है इसका राघव को अंदाज ही नहीं था और ये कहना तो बिल्कुल ही गलत होगा के नेहा को ऐसे देख राघव के अरमान ना जागे हो
राघव- न... न... ने.....
नेहा- शश......
नेहा ने राघव ने होंठों पर उंगली रख उसे बोलने से रोक दिया
नेहा- वेस्टर्न इस नॉट माइ थिंग! राइट??
नेहा ने राघव ने कान में सेडक्टिवली पूछा नेहा को भी नहीं पता था के उसमे आज इतनी हिम्मत कहा से आई थी लेकिन अब वो पीछे नहीं हटने वाली थी वही राघव की नजरे नेहा से हट ही नहीं रही थी वो सप्राइज़ एक्सप्रेशन के साथ नेहा को उसकी ड्रेस को देख रहा था उसने नेहा को कभी ऐसे कपड़ों मे नहीं देखा था वो सुपर हॉट लग रही थी जबकि उसने बस एक नाइट ड्रेस पहना था राघव ने नेहा को हमेशा साड़ी या ट्रडिशनल कपड़ों मे देखा था लेकिन इस शर्ट और शॉर्ट्स मे वो उसे पागल बना रही थी
नेहा- वाच इट मिस्टर देशपांडे
नेहा ने एक मुस्कान के साथ राघव के होंठों पर अपनी उंगली घुमाते हुए कहा वही राघव बगैर पलके झपकाए नेहा को देख रहा था जिसके बाद नेहा ने गाना प्ले किया और अपनी अदाओ से राघव को घायल करने लगी, नेहा के हिलते नितंब और उरोजों ने राघव की धड़कने तेज कर दी थी उसने नहीं सोचा था के आज उसे नेहा का ये अवतार देखने मिलेगा,
वो लोग अपने रूम मे थे एसी चल रहा था फिर भी तापमान बढ़ा हुआ था वही बालकनी से झाकता चाँद सिचूऐशन को और रोमांटिक बना रहा था नेहा सुपर हॉट और सेक्सी लग रही थी वही उसे देख राघव के होंठ सुख चुके थे जिनपर से उसने अपनी जीभ घुमाई, उसकी नजरे नेहा की लंबी टांगों पर थी जो इस वक्त बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी जिसके बाद राघव का ध्यान नेहा के ओवर्साइज़ ड्रेस की ओर गया जो नेहा के डांस मूवस् के साथ उसका क्लीवेज रीवील कर रहा था
नेहा- कैसा लगा मिस्टर देशपांडे
नेहा ने अपना सिडक्टिव डांस खतम कर राघव से पूछा लेकिन वो बताने की हालत मे कहा था वो तो बस मुह फाड़े बगैर पलके झपकाए उसे देख रहा था, नेहा ने उसकी तरफ एक कदम बढ़ाया और अपनी बाहों का हार उसके गले मे डाला
नेहा- क्या हुआ?? अब भी ऐसा लगता है के वेस्टर्न मेरे बस का नहीं?
नेहा ने मासूम बनते हुए पूछा जिसका जवाब वो जानती थी
राघव- तुम.... तुम... बहुत हॉट लग रही हो
राघव ने नेहा को सर से पैर तक देखते हुए कहा वही नेहा झूठा शॉक एक्सप्रेशन बनाते हुए बोली
नेहा- अपनी बीवी को कोई हॉट बोलता है !!
राघव- मेरी बीवी को ही कह रहा हु किसी और की थोड़ी
राघव के रिप्लाइ पर नेहा मुस्कुरा दी, राघव ने आँखों मे चमक लिए नेहा को देखा जैसे उसे उसकी मन चाही चीज मिल गई हो और वही भाव नेहा की आँखों मे थी थे
अचानक से नेहा को राघव की स्माइल उसकी आवाज उसका चेहरा, उसका बात करने का तरीका उसका उसकी केयर करने का तरीका सब कुछ अट्रैक्ट कर रहा था और अभी उसे सबसे ज्यादा राघव के होंठ अट्रैक्ट कर रहे थे,
राघव- नेहा..!!
नेहा की आंखे राघव के होंठों पर जमी हुई थी और उसका मन उसे चूमने को बेचैन हुआ जा रहा था, वो दोनों इतने करीब थे के राघव नेहा की सासों को अपनी नाक और होंठ के बीच महसूस कर सकता था, दोनों के बीच बस इंच भर का फासला था और अब महोल मे गर्मी बढ़ रही थी..
नेहा बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी और उसे देख राघव के अरमान तो पहले ही जाग चुके थे, राघव ने नेहा का एक पैर उठा कर अपनी कमर पर रखा और जैसे ही राघव ने अपने हाथ को नेहा की खुली टांग पर घुमाया उसके बदन मे एक सिरहन सी दौड़ गईं, उसने अपनी आंखे बंद कर ली, राघव के बस एक स्पर्श ने उसे और भी ज्यादा इंटिमेट कर दिया
राघव- तुम इतनी हॉट और सेक्सी लग रही हो के मैं बता नहीं सकता के तुम्हारे इस बोल्ड और सेक्सी अवतार ने मेरा क्या हाल किया है
राघव ने नेहा को अपने करीब खिचते हुए हल्के से अपनी हस्की आवाज मे कहा
नेहा की उंगली इस वक्त राघव के होंठों को छूते हुए गले से होते हुए उसकी छाती पे घूम रही थी और अब दोनों के बीच सेक्शुअल टेंशन बढ़ रहा था
नेहा के गुलाब की पंखुड़ियों समान होंठों को देखते हुए राघव ने अपने चेहरा उसके करीब किया लेकिन नेहा उसे किस करने से रोकने के लिए मुसकुराते हुए मूड गई
राघव का अब अपने आप पर काबू पाना मुश्किल हो रहा था, उसका एक हाथ अब भी नेहा के पैर पर घूम रहा था वही उसने अपना दूसरा हाथ नेहा की पीठ पर रखा और उसे ऊपर उठा लिया और उसे बेड तक ले आया
राघव ने धीमे से नेहा को बेड पर लिटाया और अपने आप को उसके ऊपर जिससे दोनों के बीच एक इंटिमेट क्लोज़नेस बन गई थी और अब नेहा की साँसे भारी होने लगी थी, इस पल की चाहत उन दोनों को ही नजने कब से थी
नेहा ने अपना निचला होंठ दातों तले दबाया, राघव की इन्टेन्स नजरे उसे परेशान कर रही थी
राघव- तुम ऐसा नहीं कर सकती, उनपर सिर्फ मेरा हक है, they’re all mine to bite, lick and suck समझ आया?
राघव ने नेहा का निचला होंठ उसके दांतों से बाहर निकाला और अपना चेहरा नेहा की गर्दन मे डाल दिया, राघव का स्पर्श नेहा को पागल बना रहा था, वो दोनों ही जानते थे को दोनों को ही एकदूसरे की जरूरत थी न सिर्फ ईमोशनली बल्कि फिजिकलि भी
राघव हल्के हल्के से नेहा की गर्दन पर चूम रहा था, उसे नेहा का स्वीट स्पॉट मिल चुका था और नेहा के हाथ राघव के बालों मे घूम रहे थे
राघव ने नेहा के सारे चेहरे ओर चूमा बस उसके होंठों को छोड़ कर, ये दूरी उससे भी सही नहीं जा रही थी लेकिन नेहा भी उसके लिए उतना ही तड़प रही थी ये देख उसके चेहरे पर एक मुस्कान आ गई
नेहा के दोनों पैर अब राघव की कमर के इर्द गिर्द थे, राघव ने नेहा की पहनी सैटन की शर्ट को थोड़ा सा नीचे सरकाया जिससे उसका एक कंधा अब पूरा राघव के सामने था, राघव ने अपनी उंगली नेहा के नग्न कंधे पर से घुमाई और ही एक गीली चुम्मी भी, नेहा की साँसे बढ़ रही थी, वो अपने निचले भाग मे गीलापन महसूस कर रही थी, जब राघव ने नेहा के गर्दन पर काटा तो वो दर्द से सिसक उठी...
नेहा की आंखे बंद थी और वो इस पल का मजा ले रही थी
राघव- अपनी आंखे खोलो बेबी
राघव ने सिडक्टिवली कहा
राघव की नजरे नेहा के होंठों पर पड़ी जो हल्के से खुले थे जो उसे अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे
नेहा- किस मी राघव
नेहा ने एकदम से कहा
नेहा- किस मी, आइ वॉन्ट टु taste यू
अब नेहा ने भी अपनी शर्म छोड़ दी थी
दोनों की नजरे आपस मे मिली दोनों की आँखों मे इस वक्त कई भावनाए उमड़ रही थी
इससे आगे कोई कुछ कहता नेहा को होंठ राघव के होंठों से मिल चुके थे
राघव नेहा को धीरे धीरे सॉफ्टली किस करने लगा और नेहा ने भी बगैर समय बर्बाद किया उसे वैसा ही प्रतिसाद दिया, नेहा की उँगलिया अब भी राघव के बालों मे घूमते हुए उनसे खेल रही थी
राघव ने नेहा को किस करते हुए ही उसे कमर से पकड़ के ऊपर उठाया और ऐसा करने मे अब नेहा का निचला गीला भाग राघव ने हार्ड पार्ट के कॉन्टेक्ट मे आया
नेहा- म्महम्म
किस के बीच ही नेहा के मुह से हलकी सी आवाज आई जैसे ही उसने राघव के हार्ड पार्ट को अपने वेट पार्ट पर फ़ील किया उसे एक स्ट्रॉंग सेन्सेशन महसूस हुआ
नेहा के होंठों को चूमते हुए चूसते हुए राघव ने अपनी जीभ उनपे से घुमाई और नेहा ने अपनी लोअर बॉडी को ऊपर उठाया और राघव ने बगैर एक पल सोचे बगैर किस तोडे उसे अपनी गोद मे बिठाया
राघव ने अपने दोनों हाथ नेहा के नितंबों पर रखे और नेहा के दोनों हाथ राघव के गले मे थे, राघव ने उसे अपनी ओर खिच लिया और नेहा भी राघव क्या चाहता है समझकर आगे बढ़ने लगी,
नेहा- आह
उसे मुह से एक धीमे, गहरी कराह निकली, राघव को खुश करने नेहा ने धीरे धीरे अपने नितबों को हिलाना शुरू और राघव ने उसका मुह छोड़ वापिस उसकी गर्दन पर अपना ध्यान लगाया, नेहा ने अचानक एक आनंद की लहर महसूस की और उसने अपनी गति को बढ़ा दिया और अपना सर झटके के साथ पीछे सरकाया
नेहा- ओ गॉड!! राघव !!
नेहा ने अभी अभी ऑर्गैज़म फ़ील किया था
राघव ने अपना हाथ नेहा की शर्ट के अंदर सरकाया और नेहा के नग्न शरीर पर उसका स्पर्श हुआ, नेहा की कमर के हल्के से चिमटी काटते हुए राघव के हाथ उसकी पीठ और पेट पर घूम रहे थे, राघव ने महसूस किया के नेहा के ब्रा नहीं पहन रखी थी और राघव ने अपने अंगूठे से उसके बाये उरोज के नीचे रगड़ा और शर्ट के ऊपर से ही उन आनंद कलशों को चूमने लगा, और नेहा उसके ऊपरी शरीर को गले लगाते हुए अपनी ठुड्डी उसे सर पर टिकाए सिसकने लगी,
राघव नेहा को अपनी बाहों मे भींचते हुए किसी भूखे शेर की तरह उसे चूम रहा था
वो दोनों ही रुकना नहीं चाहते थे और ये ड्राई हम्पिंग दोनों को आनंद का एहसास करा रही थी
राघव और नेहा दोनों ही इस वक्त अपनी ही दुनिया मे खोए हुए थे और राघव बस नेहा का शर्ट पूरी तरह से उतारने ही वाला था के किसी ने उनके रूम के दरवाजे पर खटखटाया जिससे उन्हे रुकना पड़ा
दोनों ही अचानक आए इस खलल से इरिटेट हुए थे वही नेहा के चेहरे पर शर्म की लाली छाई हुई थी
नेहा ने उठने की कोशिश की लेकिन राघव ने उसे रोक दिया और फिर से अपना रुख उसकी गर्दन की ओर घुमाया लेकिन इतने मे फिर से किसी से दरवाजा खटखटाया और इस बार साथ मे एक आवाज भी आई
विवेक- भाई!!! भाभी!!!
विवेक ने बाहर से उन्हे आवाज दी विवेक की आवाज सुन राघव ने घड़ी को देखा तो 11.30 बज रहे थे वो दोनों उठ गए नेहा शॉर्ट्स की जगह पायजामा पहनने चली गई वही राघव दरवाजा खोलने गया दरवाजा खुलते ही विवेक ने राघव को ऊपर से नीचे तक देखा हर बार इन्हे कोई न कोई डिस्टर्ब कर ही देता है।
राघव- क्या??
विवेक- आप ऐसे....
विवेक ने राघव के बिखरे बाल और कपड़े देखते हुए पूछा और राघव ने अपने आप को सही किया
राघव- सो रहा था मैं अब बताएगा क्यू आया है
विवेक- हा! भाभी कहा है??
विवेक ने रूम मे झाकते हुए पूछा लेकिन राघव ने उसे रोक दिया
राघव- क्यू??
विवेक- पहले भाभी को बुलाओ उनसे काम है
और अब इसी बात पे दोनों भीड़ गए तभी नेहा वहा आई
नेहा- क्या हुआ
विवेक- कुछ नहीं भाभी भाई मुझे आपने मिलने नहीं दे रहा था
राघव- अब काम बताएगा
राघव ने अपने हाथ बांधे पूछा
विवेक- हा, भाभी दादी ने कहा है के आपको बता दु के कल आपको आपके चाचा के यहा जाना है उन्होंने आपको कॉल किया था लेकिन आपने उठाया नहीं तो उन्होंने दादी से कहा अब रीज़न मुझे पता नहीं आप उनसे बात कर लेना
इतना बोल के विवेक वहा से निकल गया और राघव ने दरवाजा बंद किया
राघव- बात कर लो पहले चाचाजी से
राघव ने नेहा से बेड के पास जाते हुए कहा और नेहा ने भी अपना फोन उठाया और अपने चाचा को कॉल लगाया
नेहा- हैलो!
सतीश- हैलो नेहा बेटा! कैसी हो??
नेहा- मैं एकदम बढ़िया चाचाजी आप कैसे हो ?
तभी राघव नेहा के पास आया और अपना सर नेहा की गोद मे रख दिया और उसके एक हाथ से खेलने लगा
सतीश- मैं भी ठीक हु मैं कब से तुम्हें फोन लगा रहा था तुम जवाब ही नहीं दे रही थी कहा थी?
अपने चाचा के इस सवाल का नेहा पर पास कोई जवाब नहीं था
नेहा- वो.. चाचाजी मेरा फोन साइलन्ट मोड पर था तो रिंग सुनाई ही नहीं दी
नेहा का जवाब सुन राघव ने इशारे से ही क्या बात है कहा और नेहा ने उसे घूर कर देखा
सतीश- अच्छा अच्छा और राघव बाबू कैसे है?
तभी राघव ने नेहा की शर्ट के अंदर हाथ डाल उसके पेट पर अपनी उंगली घुमाने लगा और नेहा की साँसे तेज होने लगी
नेहा- वो.. वो... भी ठीक है
सतीश- क्या हुआ नेहू? तुम ऐसे क्यू बात कर रही हो सब ठीक है ना
नेहा- हा.... हा चाचाजी सब ठीक है चाची कैसी है?
सतीश- हा वो भी अच्छी है, नेहू??
नेहा- जी चाचाजी
सतीश- दामादजी तुम्हारा खयाल तो रखते है ना??
नेहा के चाचा की आवाज मे थोड़ा डर था
नेहा- हा चाचू वो बहुत खयाल रखते है मेरा
नेहा ने स्माइल के साथ कहा और राघव ने उसे देखा
सतीश- चलो अच्छा है फिर, जब वो शादी के बाद अचानक चले गए थे मुझे लगा था वो खुश नहीं है अब तुमसे सुन लिया तसल्ली हो गई
नेहा- मैं बहुत खुश हु चाचू आप बिल्कुल चिंता ना करे
सतीश- बहुत बढ़िया बात है ये तो, बेटा मैं क्या कह रहा था अगर तुम्हें कल समय हो तो एक बार मिलने आ जाओ , बहुत समय हो गया है तुम्हें देखे तुम्हारी चाची और सचिन भी काफी याद कर रहे है तुम्हें
नेहा- मैं जरूर आऊँगी चाचू
सतीश- और हा बेटा अगर दामादजी को फुरसत मिले तो उन्हे भी लाना, तुम दोनों कभी साथ नहीं आए हो
नेहा- मैं पूछ लेती हु उनसे
सतीश- ठीक है फिर मिलते है कल, अपना खयाल रखना
नेहा- जी चाचू, बाय
जिसके बाद नेहा ने फोन रख दिया और फोन रखते ही राघव उसके पास लपका
राघव- तो... क्या बाते हुई??
नेहा- कुछ नहीं चाचू ने हमे मिलने बुलाया है बहुत टाइम हो गया ना उनसे मिले
राघव- हमे??
नेहा- हा, हम कभी वहा साथ नहीं गए ना तो वो चाहते है के हम साथ आए
राघव- ठीक है कल शाम मे चले चलेंगे
नेहा- मुझे उनके साथ थोड़ा समय बिताना है शाम मे जाने पर कैसे होगा
राघव- और काम का क्या ??
नेहा- मैं कोई जॉब थोड़ी कर रही हु मैं छुट्टी ले सकती हु
नेहा ने राघव के टीशर्ट से खेलते हुए कहा
राघव- लेकिन मैं नहीं ले सकता
नेहा- प्लीज
राघव- ओके ऐसा करते है मैं सुबह तुम्हें ड्रॉप कर दूंगा और शाम को पिक कर लूँगा
नेहा- मुझे वहा कुछ दिन रहना है
राघव- बिल्कुल नहीं!!!
राघव ने एकदम से बेड पे सीधा बैठते हुए कहा
नेहा- क्यू??
राघव- क्या क्यू? मैं तुम्हें वहा नहीं छोड़ सकता वैसे भी तुम कल वहा पूरा दिन बिताओगी ही
नेहा- वो फॅमिली है मेरी
राघव- और मैं हज़बन्ड हु तुम्हारा
नेहा- और मैं आपही के साथ तो हु आप मुझे कुछ दिन वहा रहने नहीं दे सकते
राघव- तुम्हें जो सोचना है सोचो तुम वहा नहीं रहोगी
राघव ने जिद्दी बनते हुए कहा
नेहा- लेकिन मेरी फॅमिली का तो सोचिए
राघव- और तुम मेरे बारे मे तो सोचो
नेहा- तो आप भी मेरे साथ वहा रुक जाइए
राघव- नहीं
नेहा- तो मुझे तो रहने दीजिए ना
नेहा ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा
राघव- कुछ दिन बहुत होते है
नेहा- लेकिन फॅमिली है वो मेरी वो भी आपसे पहले
राघव- हा लेकिन
नेहा- राघव प्लीज....
नेहा ने प्यार भारी आवाज मे कहा और यहा राघव बाबू पिघल गए
राघव- ठीक है जाओ
राघव ने बेड पर से उठते हुए कहा और बाथरूम मे चला गया वही नेहा बस उसे जाते हुए देखने लगी कुछ देर बाद राघव आया और बेड पर नेहा के उलटी तरफ मुह करके सो गया
नेहा ने राघव को पीछे से गले लगाया और उसके कान मे बोली
नेहा- बस 2-3 दिन
और राघव के गाल को चूम लिया फिर कुछ पल राघव के रिप्लाइ का इंतजार किया और जब रिप्लाइ नहीं मिला तो उसने अपना हाथ निकालना चाहा लेकिन राघव ने उसका हाथ पकड़ा और उसकी ओर घूम गया
राघव- बस 1 दिन
राघव की बात पर नेहा मुस्कुराई और वो दोनों फिर नींद के आगोश मे समा गए एक दूसरे की बाहों मे
ये सच था के उनके रिश्ते को सवरने मे समय लगा था लेकिन अब वो समय सार्थ हो रहा था छोटे छोटे कदमों से उनका रिश्ता मजबूत हो रहा था......
क्रमश:
ऐसे ही किसी भाग की कमी लग रही थी, दोनों के बीच सबकुछ सही था लेकिन ये गर्मजोशी गायब थी जो इस भाग ने कुछ हद तक पूरी की है, जैसा आपने कहा के यह आपकी पहले ही कोशिश है उस नजरिए से ये बढ़िया कोशिश थी, बढ़िया भाग है, ऐसे ही लिखते रहे और हमारा मनोरंजन करते रहे