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Romance In Love.. With You... (Completed)

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Update 51





राघव ने अंधेरे मे ही स्विच बोर्ड टटोला और रूम मे डीम लाइट शुरू की जिसने महोल हो थोड़ा रोमांटिक बना दिया और जैसे ही राघव पलटा उसके होश ही उड गए मुह खुला रह गया और आंखे बस बाहर ही आने वाली थी......

राघव ने नेहा को सर से लेकर पैर तक सप्राइज़ होकर देखा, उसने कभी नेहा को ऐसे नहीं देखा था, उसने बस सिर्फ एक नाइट ड्रेस पहना था लेकिन उसमे भी कहर मचा रखा था, एक नाइट ड्रेस मे भी कोई इतना हॉट लग सकता है इसका राघव को अंदाज ही नहीं था और ये कहना तो बिल्कुल ही गलत होगा के नेहा को ऐसे देख राघव के अरमान ना जागे हो

राघव- न... न... ने.....

नेहा- शश......

नेहा ने राघव ने होंठों पर उंगली रख उसे बोलने से रोक दिया

नेहा- वेस्टर्न इस नॉट माइ थिंग! राइट??

नेहा ने राघव ने कान में सेडक्टिवली पूछा नेहा को भी नहीं पता था के उसमे आज इतनी हिम्मत कहा से आई थी लेकिन अब वो पीछे नहीं हटने वाली थी वही राघव की नजरे नेहा से हट ही नहीं रही थी वो सप्राइज़ एक्सप्रेशन के साथ नेहा को उसकी ड्रेस को देख रहा था उसने नेहा को कभी ऐसे कपड़ों मे नहीं देखा था वो सुपर हॉट लग रही थी जबकि उसने बस एक नाइट ड्रेस पहना था राघव ने नेहा को हमेशा साड़ी या ट्रडिशनल कपड़ों मे देखा था लेकिन इस शर्ट और शॉर्ट्स मे वो उसे पागल बना रही थी

नेहा- वाच इट मिस्टर देशपांडे

नेहा ने एक मुस्कान के साथ राघव के होंठों पर अपनी उंगली घुमाते हुए कहा वही राघव बगैर पलके झपकाए नेहा को देख रहा था जिसके बाद नेहा ने गाना प्ले किया और अपनी अदाओ से राघव को घायल करने लगी, नेहा के हिलते नितंब और उरोजों ने राघव की धड़कने तेज कर दी थी उसने नहीं सोचा था के आज उसे नेहा का ये अवतार देखने मिलेगा,

वो लोग अपने रूम मे थे एसी चल रहा था फिर भी तापमान बढ़ा हुआ था वही बालकनी से झाकता चाँद सिचूऐशन को और रोमांटिक बना रहा था नेहा सुपर हॉट और सेक्सी लग रही थी वही उसे देख राघव के होंठ सुख चुके थे जिनपर से उसने अपनी जीभ घुमाई, उसकी नजरे नेहा की लंबी टांगों पर थी जो इस वक्त बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी जिसके बाद राघव का ध्यान नेहा के ओवर्साइज़ ड्रेस की ओर गया जो नेहा के डांस मूवस् के साथ उसका क्लीवेज रीवील कर रहा था

नेहा- कैसा लगा मिस्टर देशपांडे

नेहा ने अपना सिडक्टिव डांस खतम कर राघव से पूछा लेकिन वो बताने की हालत मे कहा था वो तो बस मुह फाड़े बगैर पलके झपकाए उसे देख रहा था, नेहा ने उसकी तरफ एक कदम बढ़ाया और अपनी बाहों का हार उसके गले मे डाला

नेहा- क्या हुआ?? अब भी ऐसा लगता है के वेस्टर्न मेरे बस का नहीं?

नेहा ने मासूम बनते हुए पूछा जिसका जवाब वो जानती थी

राघव- तुम.... तुम... बहुत हॉट लग रही हो

राघव ने नेहा को सर से पैर तक देखते हुए कहा वही नेहा झूठा शॉक एक्सप्रेशन बनाते हुए बोली

नेहा- अपनी बीवी को कोई हॉट बोलता है !!

राघव- मेरी बीवी को ही कह रहा हु किसी और की थोड़ी

राघव के रिप्लाइ पर नेहा मुस्कुरा दी, राघव ने आँखों मे चमक लिए नेहा को देखा जैसे उसे उसकी मन चाही चीज मिल गई हो और वही भाव नेहा की आँखों मे थी थे

अचानक से नेहा को राघव की स्माइल उसकी आवाज उसका चेहरा, उसका बात करने का तरीका उसका उसकी केयर करने का तरीका सब कुछ अट्रैक्ट कर रहा था और अभी उसे सबसे ज्यादा राघव के होंठ अट्रैक्ट कर रहे थे,

राघव- नेहा..!!

नेहा की आंखे राघव के होंठों पर जमी हुई थी और उसका मन उसे चूमने को बेचैन हुआ जा रहा था, वो दोनों इतने करीब थे के राघव नेहा की सासों को अपनी नाक और होंठ के बीच महसूस कर सकता था, दोनों के बीच बस इंच भर का फासला था और अब महोल मे गर्मी बढ़ रही थी..

नेहा बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी और उसे देख राघव के अरमान तो पहले ही जाग चुके थे, राघव ने नेहा का एक पैर उठा कर अपनी कमर पर रखा और जैसे ही राघव ने अपने हाथ को नेहा की खुली टांग पर घुमाया उसके बदन मे एक सिरहन सी दौड़ गईं, उसने अपनी आंखे बंद कर ली, राघव के बस एक स्पर्श ने उसे और भी ज्यादा इंटिमेट कर दिया

राघव- तुम इतनी हॉट और सेक्सी लग रही हो के मैं बता नहीं सकता के तुम्हारे इस बोल्ड और सेक्सी अवतार ने मेरा क्या हाल किया है

राघव ने नेहा को अपने करीब खिचते हुए हल्के से अपनी हस्की आवाज मे कहा

नेहा की उंगली इस वक्त राघव के होंठों को छूते हुए गले से होते हुए उसकी छाती पे घूम रही थी और अब दोनों के बीच सेक्शुअल टेंशन बढ़ रहा था

नेहा के गुलाब की पंखुड़ियों समान होंठों को देखते हुए राघव ने अपने चेहरा उसके करीब किया लेकिन नेहा उसे किस करने से रोकने के लिए मुसकुराते हुए मूड गई

राघव का अब अपने आप पर काबू पाना मुश्किल हो रहा था, उसका एक हाथ अब भी नेहा के पैर पर घूम रहा था वही उसने अपना दूसरा हाथ नेहा की पीठ पर रखा और उसे ऊपर उठा लिया और उसे बेड तक ले आया

राघव ने धीमे से नेहा को बेड पर लिटाया और अपने आप को उसके ऊपर जिससे दोनों के बीच एक इंटिमेट क्लोज़नेस बन गई थी और अब नेहा की साँसे भारी होने लगी थी, इस पल की चाहत उन दोनों को ही नजने कब से थी

नेहा ने अपना निचला होंठ दातों तले दबाया, राघव की इन्टेन्स नजरे उसे परेशान कर रही थी

राघव- तुम ऐसा नहीं कर सकती, उनपर सिर्फ मेरा हक है, they’re all mine to bite, lick and suck समझ आया?

राघव ने नेहा का निचला होंठ उसके दांतों से बाहर निकाला और अपना चेहरा नेहा की गर्दन मे डाल दिया, राघव का स्पर्श नेहा को पागल बना रहा था, वो दोनों ही जानते थे को दोनों को ही एकदूसरे की जरूरत थी न सिर्फ ईमोशनली बल्कि फिजिकलि भी

राघव हल्के हल्के से नेहा की गर्दन पर चूम रहा था, उसे नेहा का स्वीट स्पॉट मिल चुका था और नेहा के हाथ राघव के बालों मे घूम रहे थे

राघव ने नेहा के सारे चेहरे ओर चूमा बस उसके होंठों को छोड़ कर, ये दूरी उससे भी सही नहीं जा रही थी लेकिन नेहा भी उसके लिए उतना ही तड़प रही थी ये देख उसके चेहरे पर एक मुस्कान आ गई

नेहा के दोनों पैर अब राघव की कमर के इर्द गिर्द थे, राघव ने नेहा की पहनी सैटन की शर्ट को थोड़ा सा नीचे सरकाया जिससे उसका एक कंधा अब पूरा राघव के सामने था, राघव ने अपनी उंगली नेहा के नग्न कंधे पर से घुमाई और ही एक गीली चुम्मी भी, नेहा की साँसे बढ़ रही थी, वो अपने निचले भाग मे गीलापन महसूस कर रही थी, जब राघव ने नेहा के गर्दन पर काटा तो वो दर्द से सिसक उठी...

नेहा की आंखे बंद थी और वो इस पल का मजा ले रही थी

राघव- अपनी आंखे खोलो बेबी

राघव ने सिडक्टिवली कहा

राघव की नजरे नेहा के होंठों पर पड़ी जो हल्के से खुले थे जो उसे अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे

नेहा- किस मी राघव

नेहा ने एकदम से कहा

नेहा- किस मी, आइ वॉन्ट टु taste यू

अब नेहा ने भी अपनी शर्म छोड़ दी थी

दोनों की नजरे आपस मे मिली दोनों की आँखों मे इस वक्त कई भावनाए उमड़ रही थी

इससे आगे कोई कुछ कहता नेहा को होंठ राघव के होंठों से मिल चुके थे

राघव नेहा को धीरे धीरे सॉफ्टली किस करने लगा और नेहा ने भी बगैर समय बर्बाद किया उसे वैसा ही प्रतिसाद दिया, नेहा की उँगलिया अब भी राघव के बालों मे घूमते हुए उनसे खेल रही थी

राघव ने नेहा को किस करते हुए ही उसे कमर से पकड़ के ऊपर उठाया और ऐसा करने मे अब नेहा का निचला गीला भाग राघव ने हार्ड पार्ट के कॉन्टेक्ट मे आया

नेहा- म्महम्म

किस के बीच ही नेहा के मुह से हलकी सी आवाज आई जैसे ही उसने राघव के हार्ड पार्ट को अपने वेट पार्ट पर फ़ील किया उसे एक स्ट्रॉंग सेन्सेशन महसूस हुआ

नेहा के होंठों को चूमते हुए चूसते हुए राघव ने अपनी जीभ उनपे से घुमाई और नेहा ने अपनी लोअर बॉडी को ऊपर उठाया और राघव ने बगैर एक पल सोचे बगैर किस तोडे उसे अपनी गोद मे बिठाया

राघव ने अपने दोनों हाथ नेहा के नितंबों पर रखे और नेहा के दोनों हाथ राघव के गले मे थे, राघव ने उसे अपनी ओर खिच लिया और नेहा भी राघव क्या चाहता है समझकर आगे बढ़ने लगी,

नेहा- आह

उसे मुह से एक धीमे, गहरी कराह निकली, राघव को खुश करने नेहा ने धीरे धीरे अपने नितबों को हिलाना शुरू और राघव ने उसका मुह छोड़ वापिस उसकी गर्दन पर अपना ध्यान लगाया, नेहा ने अचानक एक आनंद की लहर महसूस की और उसने अपनी गति को बढ़ा दिया और अपना सर झटके के साथ पीछे सरकाया

नेहा- ओ गॉड!! राघव !!

नेहा ने अभी अभी ऑर्गैज़म फ़ील किया था

राघव ने अपना हाथ नेहा की शर्ट के अंदर सरकाया और नेहा के नग्न शरीर पर उसका स्पर्श हुआ, नेहा की कमर के हल्के से चिमटी काटते हुए राघव के हाथ उसकी पीठ और पेट पर घूम रहे थे, राघव ने महसूस किया के नेहा के ब्रा नहीं पहन रखी थी और राघव ने अपने अंगूठे से उसके बाये उरोज के नीचे रगड़ा और शर्ट के ऊपर से ही उन आनंद कलशों को चूमने लगा, और नेहा उसके ऊपरी शरीर को गले लगाते हुए अपनी ठुड्डी उसे सर पर टिकाए सिसकने लगी,

राघव नेहा को अपनी बाहों मे भींचते हुए किसी भूखे शेर की तरह उसे चूम रहा था

वो दोनों ही रुकना नहीं चाहते थे और ये ड्राई हम्पिंग दोनों को आनंद का एहसास करा रही थी

राघव और नेहा दोनों ही इस वक्त अपनी ही दुनिया मे खोए हुए थे और राघव बस नेहा का शर्ट पूरी तरह से उतारने ही वाला था के किसी ने उनके रूम के दरवाजे पर खटखटाया जिससे उन्हे रुकना पड़ा

दोनों ही अचानक आए इस खलल से इरिटेट हुए थे वही नेहा के चेहरे पर शर्म की लाली छाई हुई थी

नेहा ने उठने की कोशिश की लेकिन राघव ने उसे रोक दिया और फिर से अपना रुख उसकी गर्दन की ओर घुमाया लेकिन इतने मे फिर से किसी से दरवाजा खटखटाया और इस बार साथ मे एक आवाज भी आई

विवेक- भाई!!! भाभी!!!

विवेक ने बाहर से उन्हे आवाज दी विवेक की आवाज सुन राघव ने घड़ी को देखा तो 11.30 बज रहे थे वो दोनों उठ गए नेहा शॉर्ट्स की जगह पायजामा पहनने चली गई वही राघव दरवाजा खोलने गया दरवाजा खुलते ही विवेक ने राघव को ऊपर से नीचे तक देखा हर बार इन्हे कोई न कोई डिस्टर्ब कर ही देता है।

राघव- क्या??

विवेक- आप ऐसे....

विवेक ने राघव के बिखरे बाल और कपड़े देखते हुए पूछा और राघव ने अपने आप को सही किया

राघव- सो रहा था मैं अब बताएगा क्यू आया है

विवेक- हा! भाभी कहा है??

विवेक ने रूम मे झाकते हुए पूछा लेकिन राघव ने उसे रोक दिया

राघव- क्यू??

विवेक- पहले भाभी को बुलाओ उनसे काम है

और अब इसी बात पे दोनों भीड़ गए तभी नेहा वहा आई

नेहा- क्या हुआ

विवेक- कुछ नहीं भाभी भाई मुझे आपने मिलने नहीं दे रहा था

राघव- अब काम बताएगा

राघव ने अपने हाथ बांधे पूछा

विवेक- हा, भाभी दादी ने कहा है के आपको बता दु के कल आपको आपके चाचा के यहा जाना है उन्होंने आपको कॉल किया था लेकिन आपने उठाया नहीं तो उन्होंने दादी से कहा अब रीज़न मुझे पता नहीं आप उनसे बात कर लेना

इतना बोल के विवेक वहा से निकल गया और राघव ने दरवाजा बंद किया

राघव- बात कर लो पहले चाचाजी से

राघव ने नेहा से बेड के पास जाते हुए कहा और नेहा ने भी अपना फोन उठाया और अपने चाचा को कॉल लगाया

नेहा- हैलो!

सतीश- हैलो नेहा बेटा! कैसी हो??

नेहा- मैं एकदम बढ़िया चाचाजी आप कैसे हो ?

तभी राघव नेहा के पास आया और अपना सर नेहा की गोद मे रख दिया और उसके एक हाथ से खेलने लगा

सतीश- मैं भी ठीक हु मैं कब से तुम्हें फोन लगा रहा था तुम जवाब ही नहीं दे रही थी कहा थी?

अपने चाचा के इस सवाल का नेहा पर पास कोई जवाब नहीं था

नेहा- वो.. चाचाजी मेरा फोन साइलन्ट मोड पर था तो रिंग सुनाई ही नहीं दी

नेहा का जवाब सुन राघव ने इशारे से ही क्या बात है कहा और नेहा ने उसे घूर कर देखा

सतीश- अच्छा अच्छा और राघव बाबू कैसे है?

तभी राघव ने नेहा की शर्ट के अंदर हाथ डाल उसके पेट पर अपनी उंगली घुमाने लगा और नेहा की साँसे तेज होने लगी

नेहा- वो.. वो... भी ठीक है

सतीश- क्या हुआ नेहू? तुम ऐसे क्यू बात कर रही हो सब ठीक है ना

नेहा- हा.... हा चाचाजी सब ठीक है चाची कैसी है?

सतीश- हा वो भी अच्छी है, नेहू??

नेहा- जी चाचाजी

सतीश- दामादजी तुम्हारा खयाल तो रखते है ना??

नेहा के चाचा की आवाज मे थोड़ा डर था

नेहा- हा चाचू वो बहुत खयाल रखते है मेरा

नेहा ने स्माइल के साथ कहा और राघव ने उसे देखा

सतीश- चलो अच्छा है फिर, जब वो शादी के बाद अचानक चले गए थे मुझे लगा था वो खुश नहीं है अब तुमसे सुन लिया तसल्ली हो गई

नेहा- मैं बहुत खुश हु चाचू आप बिल्कुल चिंता ना करे

सतीश- बहुत बढ़िया बात है ये तो, बेटा मैं क्या कह रहा था अगर तुम्हें कल समय हो तो एक बार मिलने आ जाओ , बहुत समय हो गया है तुम्हें देखे तुम्हारी चाची और सचिन भी काफी याद कर रहे है तुम्हें

नेहा- मैं जरूर आऊँगी चाचू

सतीश- और हा बेटा अगर दामादजी को फुरसत मिले तो उन्हे भी लाना, तुम दोनों कभी साथ नहीं आए हो

नेहा- मैं पूछ लेती हु उनसे

सतीश- ठीक है फिर मिलते है कल, अपना खयाल रखना

नेहा- जी चाचू, बाय

जिसके बाद नेहा ने फोन रख दिया और फोन रखते ही राघव उसके पास लपका

राघव- तो... क्या बाते हुई??

नेहा- कुछ नहीं चाचू ने हमे मिलने बुलाया है बहुत टाइम हो गया ना उनसे मिले

राघव- हमे??

नेहा- हा, हम कभी वहा साथ नहीं गए ना तो वो चाहते है के हम साथ आए

राघव- ठीक है कल शाम मे चले चलेंगे

नेहा- मुझे उनके साथ थोड़ा समय बिताना है शाम मे जाने पर कैसे होगा

राघव- और काम का क्या ??

नेहा- मैं कोई जॉब थोड़ी कर रही हु मैं छुट्टी ले सकती हु

नेहा ने राघव के टीशर्ट से खेलते हुए कहा

राघव- लेकिन मैं नहीं ले सकता

नेहा- प्लीज 🥺

राघव- ओके ऐसा करते है मैं सुबह तुम्हें ड्रॉप कर दूंगा और शाम को पिक कर लूँगा

नेहा- मुझे वहा कुछ दिन रहना है

राघव- बिल्कुल नहीं!!!

राघव ने एकदम से बेड पे सीधा बैठते हुए कहा

नेहा- क्यू??

राघव- क्या क्यू? मैं तुम्हें वहा नहीं छोड़ सकता वैसे भी तुम कल वहा पूरा दिन बिताओगी ही

नेहा- वो फॅमिली है मेरी

राघव- और मैं हज़बन्ड हु तुम्हारा

नेहा- और मैं आपही के साथ तो हु आप मुझे कुछ दिन वहा रहने नहीं दे सकते

राघव- तुम्हें जो सोचना है सोचो तुम वहा नहीं रहोगी

राघव ने जिद्दी बनते हुए कहा

नेहा- लेकिन मेरी फॅमिली का तो सोचिए

राघव- और तुम मेरे बारे मे तो सोचो

नेहा- तो आप भी मेरे साथ वहा रुक जाइए

राघव- नहीं

नेहा- तो मुझे तो रहने दीजिए ना

नेहा ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा

राघव- कुछ दिन बहुत होते है

नेहा- लेकिन फॅमिली है वो मेरी वो भी आपसे पहले

राघव- हा लेकिन

नेहा- राघव प्लीज....

नेहा ने प्यार भारी आवाज मे कहा और यहा राघव बाबू पिघल गए

राघव- ठीक है जाओ

राघव ने बेड पर से उठते हुए कहा और बाथरूम मे चला गया वही नेहा बस उसे जाते हुए देखने लगी कुछ देर बाद राघव आया और बेड पर नेहा के उलटी तरफ मुह करके सो गया

नेहा ने राघव को पीछे से गले लगाया और उसके कान मे बोली

नेहा- बस 2-3 दिन

और राघव के गाल को चूम लिया फिर कुछ पल राघव के रिप्लाइ का इंतजार किया और जब रिप्लाइ नहीं मिला तो उसने अपना हाथ निकालना चाहा लेकिन राघव ने उसका हाथ पकड़ा और उसकी ओर घूम गया

राघव- बस 1 दिन

राघव की बात पर नेहा मुस्कुराई और वो दोनों फिर नींद के आगोश मे समा गए एक दूसरे की बाहों मे

ये सच था के उनके रिश्ते को सवरने मे समय लगा था लेकिन अब वो समय सार्थ हो रहा था छोटे छोटे कदमों से उनका रिश्ता मजबूत हो रहा था......

क्रमश:
ऐसे ही किसी भाग की कमी लग रही थी, दोनों के बीच सबकुछ सही था लेकिन ये गर्मजोशी गायब थी जो इस भाग ने कुछ हद तक पूरी की है, जैसा आपने कहा के यह आपकी पहले ही कोशिश है उस नजरिए से ये बढ़िया कोशिश थी, बढ़िया भाग है, ऐसे ही लिखते रहे और हमारा मनोरंजन करते रहे
 

wish vish

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राघव ने अंधेरे मे ही स्विच बोर्ड टटोला और रूम मे डीम लाइट शुरू की जिसने महोल हो थोड़ा रोमांटिक बना दिया और जैसे ही राघव पलटा उसके होश ही उड गए मुह खुला रह गया और आंखे बस बाहर ही आने वाली थी......

राघव ने नेहा को सर से लेकर पैर तक सप्राइज़ होकर देखा, उसने कभी नेहा को ऐसे नहीं देखा था, उसने बस सिर्फ एक नाइट ड्रेस पहना था लेकिन उसमे भी कहर मचा रखा था, एक नाइट ड्रेस मे भी कोई इतना हॉट लग सकता है इसका राघव को अंदाज ही नहीं था और ये कहना तो बिल्कुल ही गलत होगा के नेहा को ऐसे देख राघव के अरमान ना जागे हो

राघव- न... न... ने.....

नेहा- शश......

नेहा ने राघव ने होंठों पर उंगली रख उसे बोलने से रोक दिया

नेहा- वेस्टर्न इस नॉट माइ थिंग! राइट??

नेहा ने राघव ने कान में सेडक्टिवली पूछा नेहा को भी नहीं पता था के उसमे आज इतनी हिम्मत कहा से आई थी लेकिन अब वो पीछे नहीं हटने वाली थी वही राघव की नजरे नेहा से हट ही नहीं रही थी वो सप्राइज़ एक्सप्रेशन के साथ नेहा को उसकी ड्रेस को देख रहा था उसने नेहा को कभी ऐसे कपड़ों मे नहीं देखा था वो सुपर हॉट लग रही थी जबकि उसने बस एक नाइट ड्रेस पहना था राघव ने नेहा को हमेशा साड़ी या ट्रडिशनल कपड़ों मे देखा था लेकिन इस शर्ट और शॉर्ट्स मे वो उसे पागल बना रही थी

नेहा- वाच इट मिस्टर देशपांडे

नेहा ने एक मुस्कान के साथ राघव के होंठों पर अपनी उंगली घुमाते हुए कहा वही राघव बगैर पलके झपकाए नेहा को देख रहा था जिसके बाद नेहा ने गाना प्ले किया और अपनी अदाओ से राघव को घायल करने लगी, नेहा के हिलते नितंब और उरोजों ने राघव की धड़कने तेज कर दी थी उसने नहीं सोचा था के आज उसे नेहा का ये अवतार देखने मिलेगा,

वो लोग अपने रूम मे थे एसी चल रहा था फिर भी तापमान बढ़ा हुआ था वही बालकनी से झाकता चाँद सिचूऐशन को और रोमांटिक बना रहा था नेहा सुपर हॉट और सेक्सी लग रही थी वही उसे देख राघव के होंठ सुख चुके थे जिनपर से उसने अपनी जीभ घुमाई, उसकी नजरे नेहा की लंबी टांगों पर थी जो इस वक्त बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी जिसके बाद राघव का ध्यान नेहा के ओवर्साइज़ ड्रेस की ओर गया जो नेहा के डांस मूवस् के साथ उसका क्लीवेज रीवील कर रहा था

नेहा- कैसा लगा मिस्टर देशपांडे

नेहा ने अपना सिडक्टिव डांस खतम कर राघव से पूछा लेकिन वो बताने की हालत मे कहा था वो तो बस मुह फाड़े बगैर पलके झपकाए उसे देख रहा था, नेहा ने उसकी तरफ एक कदम बढ़ाया और अपनी बाहों का हार उसके गले मे डाला

नेहा- क्या हुआ?? अब भी ऐसा लगता है के वेस्टर्न मेरे बस का नहीं?

नेहा ने मासूम बनते हुए पूछा जिसका जवाब वो जानती थी

राघव- तुम.... तुम... बहुत हॉट लग रही हो

राघव ने नेहा को सर से पैर तक देखते हुए कहा वही नेहा झूठा शॉक एक्सप्रेशन बनाते हुए बोली

नेहा- अपनी बीवी को कोई हॉट बोलता है !!

राघव- मेरी बीवी को ही कह रहा हु किसी और की थोड़ी

राघव के रिप्लाइ पर नेहा मुस्कुरा दी, राघव ने आँखों मे चमक लिए नेहा को देखा जैसे उसे उसकी मन चाही चीज मिल गई हो और वही भाव नेहा की आँखों मे थी थे

अचानक से नेहा को राघव की स्माइल उसकी आवाज उसका चेहरा, उसका बात करने का तरीका उसका उसकी केयर करने का तरीका सब कुछ अट्रैक्ट कर रहा था और अभी उसे सबसे ज्यादा राघव के होंठ अट्रैक्ट कर रहे थे,

राघव- नेहा..!!

नेहा की आंखे राघव के होंठों पर जमी हुई थी और उसका मन उसे चूमने को बेचैन हुआ जा रहा था, वो दोनों इतने करीब थे के राघव नेहा की सासों को अपनी नाक और होंठ के बीच महसूस कर सकता था, दोनों के बीच बस इंच भर का फासला था और अब महोल मे गर्मी बढ़ रही थी..

नेहा बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी और उसे देख राघव के अरमान तो पहले ही जाग चुके थे, राघव ने नेहा का एक पैर उठा कर अपनी कमर पर रखा और जैसे ही राघव ने अपने हाथ को नेहा की खुली टांग पर घुमाया उसके बदन मे एक सिरहन सी दौड़ गईं, उसने अपनी आंखे बंद कर ली, राघव के बस एक स्पर्श ने उसे और भी ज्यादा इंटिमेट कर दिया

राघव- तुम इतनी हॉट और सेक्सी लग रही हो के मैं बता नहीं सकता के तुम्हारे इस बोल्ड और सेक्सी अवतार ने मेरा क्या हाल किया है

राघव ने नेहा को अपने करीब खिचते हुए हल्के से अपनी हस्की आवाज मे कहा

नेहा की उंगली इस वक्त राघव के होंठों को छूते हुए गले से होते हुए उसकी छाती पे घूम रही थी और अब दोनों के बीच सेक्शुअल टेंशन बढ़ रहा था

नेहा के गुलाब की पंखुड़ियों समान होंठों को देखते हुए राघव ने अपने चेहरा उसके करीब किया लेकिन नेहा उसे किस करने से रोकने के लिए मुसकुराते हुए मूड गई

राघव का अब अपने आप पर काबू पाना मुश्किल हो रहा था, उसका एक हाथ अब भी नेहा के पैर पर घूम रहा था वही उसने अपना दूसरा हाथ नेहा की पीठ पर रखा और उसे ऊपर उठा लिया और उसे बेड तक ले आया

राघव ने धीमे से नेहा को बेड पर लिटाया और अपने आप को उसके ऊपर जिससे दोनों के बीच एक इंटिमेट क्लोज़नेस बन गई थी और अब नेहा की साँसे भारी होने लगी थी, इस पल की चाहत उन दोनों को ही नजने कब से थी

नेहा ने अपना निचला होंठ दातों तले दबाया, राघव की इन्टेन्स नजरे उसे परेशान कर रही थी

राघव- तुम ऐसा नहीं कर सकती, उनपर सिर्फ मेरा हक है, they’re all mine to bite, lick and suck समझ आया?

राघव ने नेहा का निचला होंठ उसके दांतों से बाहर निकाला और अपना चेहरा नेहा की गर्दन मे डाल दिया, राघव का स्पर्श नेहा को पागल बना रहा था, वो दोनों ही जानते थे को दोनों को ही एकदूसरे की जरूरत थी न सिर्फ ईमोशनली बल्कि फिजिकलि भी

राघव हल्के हल्के से नेहा की गर्दन पर चूम रहा था, उसे नेहा का स्वीट स्पॉट मिल चुका था और नेहा के हाथ राघव के बालों मे घूम रहे थे

राघव ने नेहा के सारे चेहरे ओर चूमा बस उसके होंठों को छोड़ कर, ये दूरी उससे भी सही नहीं जा रही थी लेकिन नेहा भी उसके लिए उतना ही तड़प रही थी ये देख उसके चेहरे पर एक मुस्कान आ गई

नेहा के दोनों पैर अब राघव की कमर के इर्द गिर्द थे, राघव ने नेहा की पहनी सैटन की शर्ट को थोड़ा सा नीचे सरकाया जिससे उसका एक कंधा अब पूरा राघव के सामने था, राघव ने अपनी उंगली नेहा के नग्न कंधे पर से घुमाई और ही एक गीली चुम्मी भी, नेहा की साँसे बढ़ रही थी, वो अपने निचले भाग मे गीलापन महसूस कर रही थी, जब राघव ने नेहा के गर्दन पर काटा तो वो दर्द से सिसक उठी...

नेहा की आंखे बंद थी और वो इस पल का मजा ले रही थी

राघव- अपनी आंखे खोलो बेबी

राघव ने सिडक्टिवली कहा

राघव की नजरे नेहा के होंठों पर पड़ी जो हल्के से खुले थे जो उसे अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे

नेहा- किस मी राघव

नेहा ने एकदम से कहा

नेहा- किस मी, आइ वॉन्ट टु taste यू

अब नेहा ने भी अपनी शर्म छोड़ दी थी

दोनों की नजरे आपस मे मिली दोनों की आँखों मे इस वक्त कई भावनाए उमड़ रही थी

इससे आगे कोई कुछ कहता नेहा को होंठ राघव के होंठों से मिल चुके थे

राघव नेहा को धीरे धीरे सॉफ्टली किस करने लगा और नेहा ने भी बगैर समय बर्बाद किया उसे वैसा ही प्रतिसाद दिया, नेहा की उँगलिया अब भी राघव के बालों मे घूमते हुए उनसे खेल रही थी

राघव ने नेहा को किस करते हुए ही उसे कमर से पकड़ के ऊपर उठाया और ऐसा करने मे अब नेहा का निचला गीला भाग राघव ने हार्ड पार्ट के कॉन्टेक्ट मे आया

नेहा- म्महम्म

किस के बीच ही नेहा के मुह से हलकी सी आवाज आई जैसे ही उसने राघव के हार्ड पार्ट को अपने वेट पार्ट पर फ़ील किया उसे एक स्ट्रॉंग सेन्सेशन महसूस हुआ

नेहा के होंठों को चूमते हुए चूसते हुए राघव ने अपनी जीभ उनपे से घुमाई और नेहा ने अपनी लोअर बॉडी को ऊपर उठाया और राघव ने बगैर एक पल सोचे बगैर किस तोडे उसे अपनी गोद मे बिठाया

राघव ने अपने दोनों हाथ नेहा के नितंबों पर रखे और नेहा के दोनों हाथ राघव के गले मे थे, राघव ने उसे अपनी ओर खिच लिया और नेहा भी राघव क्या चाहता है समझकर आगे बढ़ने लगी,

नेहा- आह

उसे मुह से एक धीमे, गहरी कराह निकली, राघव को खुश करने नेहा ने धीरे धीरे अपने नितबों को हिलाना शुरू और राघव ने उसका मुह छोड़ वापिस उसकी गर्दन पर अपना ध्यान लगाया, नेहा ने अचानक एक आनंद की लहर महसूस की और उसने अपनी गति को बढ़ा दिया और अपना सर झटके के साथ पीछे सरकाया

नेहा- ओ गॉड!! राघव !!

नेहा ने अभी अभी ऑर्गैज़म फ़ील किया था

राघव ने अपना हाथ नेहा की शर्ट के अंदर सरकाया और नेहा के नग्न शरीर पर उसका स्पर्श हुआ, नेहा की कमर के हल्के से चिमटी काटते हुए राघव के हाथ उसकी पीठ और पेट पर घूम रहे थे, राघव ने महसूस किया के नेहा के ब्रा नहीं पहन रखी थी और राघव ने अपने अंगूठे से उसके बाये उरोज के नीचे रगड़ा और शर्ट के ऊपर से ही उन आनंद कलशों को चूमने लगा, और नेहा उसके ऊपरी शरीर को गले लगाते हुए अपनी ठुड्डी उसे सर पर टिकाए सिसकने लगी,

राघव नेहा को अपनी बाहों मे भींचते हुए किसी भूखे शेर की तरह उसे चूम रहा था

वो दोनों ही रुकना नहीं चाहते थे और ये ड्राई हम्पिंग दोनों को आनंद का एहसास करा रही थी

राघव और नेहा दोनों ही इस वक्त अपनी ही दुनिया मे खोए हुए थे और राघव बस नेहा का शर्ट पूरी तरह से उतारने ही वाला था के किसी ने उनके रूम के दरवाजे पर खटखटाया जिससे उन्हे रुकना पड़ा

दोनों ही अचानक आए इस खलल से इरिटेट हुए थे वही नेहा के चेहरे पर शर्म की लाली छाई हुई थी

नेहा ने उठने की कोशिश की लेकिन राघव ने उसे रोक दिया और फिर से अपना रुख उसकी गर्दन की ओर घुमाया लेकिन इतने मे फिर से किसी से दरवाजा खटखटाया और इस बार साथ मे एक आवाज भी आई

विवेक- भाई!!! भाभी!!!

विवेक ने बाहर से उन्हे आवाज दी विवेक की आवाज सुन राघव ने घड़ी को देखा तो 11.30 बज रहे थे वो दोनों उठ गए नेहा शॉर्ट्स की जगह पायजामा पहनने चली गई वही राघव दरवाजा खोलने गया दरवाजा खुलते ही विवेक ने राघव को ऊपर से नीचे तक देखा हर बार इन्हे कोई न कोई डिस्टर्ब कर ही देता है।

राघव- क्या??

विवेक- आप ऐसे....

विवेक ने राघव के बिखरे बाल और कपड़े देखते हुए पूछा और राघव ने अपने आप को सही किया

राघव- सो रहा था मैं अब बताएगा क्यू आया है

विवेक- हा! भाभी कहा है??

विवेक ने रूम मे झाकते हुए पूछा लेकिन राघव ने उसे रोक दिया

राघव- क्यू??

विवेक- पहले भाभी को बुलाओ उनसे काम है

और अब इसी बात पे दोनों भीड़ गए तभी नेहा वहा आई

नेहा- क्या हुआ

विवेक- कुछ नहीं भाभी भाई मुझे आपने मिलने नहीं दे रहा था

राघव- अब काम बताएगा

राघव ने अपने हाथ बांधे पूछा

विवेक- हा, भाभी दादी ने कहा है के आपको बता दु के कल आपको आपके चाचा के यहा जाना है उन्होंने आपको कॉल किया था लेकिन आपने उठाया नहीं तो उन्होंने दादी से कहा अब रीज़न मुझे पता नहीं आप उनसे बात कर लेना

इतना बोल के विवेक वहा से निकल गया और राघव ने दरवाजा बंद किया

राघव- बात कर लो पहले चाचाजी से

राघव ने नेहा से बेड के पास जाते हुए कहा और नेहा ने भी अपना फोन उठाया और अपने चाचा को कॉल लगाया

नेहा- हैलो!

सतीश- हैलो नेहा बेटा! कैसी हो??

नेहा- मैं एकदम बढ़िया चाचाजी आप कैसे हो ?

तभी राघव नेहा के पास आया और अपना सर नेहा की गोद मे रख दिया और उसके एक हाथ से खेलने लगा

सतीश- मैं भी ठीक हु मैं कब से तुम्हें फोन लगा रहा था तुम जवाब ही नहीं दे रही थी कहा थी?

अपने चाचा के इस सवाल का नेहा पर पास कोई जवाब नहीं था

नेहा- वो.. चाचाजी मेरा फोन साइलन्ट मोड पर था तो रिंग सुनाई ही नहीं दी

नेहा का जवाब सुन राघव ने इशारे से ही क्या बात है कहा और नेहा ने उसे घूर कर देखा

सतीश- अच्छा अच्छा और राघव बाबू कैसे है?

तभी राघव ने नेहा की शर्ट के अंदर हाथ डाल उसके पेट पर अपनी उंगली घुमाने लगा और नेहा की साँसे तेज होने लगी

नेहा- वो.. वो... भी ठीक है

सतीश- क्या हुआ नेहू? तुम ऐसे क्यू बात कर रही हो सब ठीक है ना

नेहा- हा.... हा चाचाजी सब ठीक है चाची कैसी है?

सतीश- हा वो भी अच्छी है, नेहू??

नेहा- जी चाचाजी

सतीश- दामादजी तुम्हारा खयाल तो रखते है ना??

नेहा के चाचा की आवाज मे थोड़ा डर था

नेहा- हा चाचू वो बहुत खयाल रखते है मेरा

नेहा ने स्माइल के साथ कहा और राघव ने उसे देखा

सतीश- चलो अच्छा है फिर, जब वो शादी के बाद अचानक चले गए थे मुझे लगा था वो खुश नहीं है अब तुमसे सुन लिया तसल्ली हो गई

नेहा- मैं बहुत खुश हु चाचू आप बिल्कुल चिंता ना करे

सतीश- बहुत बढ़िया बात है ये तो, बेटा मैं क्या कह रहा था अगर तुम्हें कल समय हो तो एक बार मिलने आ जाओ , बहुत समय हो गया है तुम्हें देखे तुम्हारी चाची और सचिन भी काफी याद कर रहे है तुम्हें

नेहा- मैं जरूर आऊँगी चाचू

सतीश- और हा बेटा अगर दामादजी को फुरसत मिले तो उन्हे भी लाना, तुम दोनों कभी साथ नहीं आए हो

नेहा- मैं पूछ लेती हु उनसे

सतीश- ठीक है फिर मिलते है कल, अपना खयाल रखना

नेहा- जी चाचू, बाय

जिसके बाद नेहा ने फोन रख दिया और फोन रखते ही राघव उसके पास लपका

राघव- तो... क्या बाते हुई??

नेहा- कुछ नहीं चाचू ने हमे मिलने बुलाया है बहुत टाइम हो गया ना उनसे मिले

राघव- हमे??

नेहा- हा, हम कभी वहा साथ नहीं गए ना तो वो चाहते है के हम साथ आए

राघव- ठीक है कल शाम मे चले चलेंगे

नेहा- मुझे उनके साथ थोड़ा समय बिताना है शाम मे जाने पर कैसे होगा

राघव- और काम का क्या ??

नेहा- मैं कोई जॉब थोड़ी कर रही हु मैं छुट्टी ले सकती हु

नेहा ने राघव के टीशर्ट से खेलते हुए कहा

राघव- लेकिन मैं नहीं ले सकता

नेहा- प्लीज 🥺

राघव- ओके ऐसा करते है मैं सुबह तुम्हें ड्रॉप कर दूंगा और शाम को पिक कर लूँगा

नेहा- मुझे वहा कुछ दिन रहना है

राघव- बिल्कुल नहीं!!!

राघव ने एकदम से बेड पे सीधा बैठते हुए कहा

नेहा- क्यू??

राघव- क्या क्यू? मैं तुम्हें वहा नहीं छोड़ सकता वैसे भी तुम कल वहा पूरा दिन बिताओगी ही

नेहा- वो फॅमिली है मेरी

राघव- और मैं हज़बन्ड हु तुम्हारा

नेहा- और मैं आपही के साथ तो हु आप मुझे कुछ दिन वहा रहने नहीं दे सकते

राघव- तुम्हें जो सोचना है सोचो तुम वहा नहीं रहोगी

राघव ने जिद्दी बनते हुए कहा

नेहा- लेकिन मेरी फॅमिली का तो सोचिए

राघव- और तुम मेरे बारे मे तो सोचो

नेहा- तो आप भी मेरे साथ वहा रुक जाइए

राघव- नहीं

नेहा- तो मुझे तो रहने दीजिए ना

नेहा ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा

राघव- कुछ दिन बहुत होते है

नेहा- लेकिन फॅमिली है वो मेरी वो भी आपसे पहले

राघव- हा लेकिन

नेहा- राघव प्लीज....

नेहा ने प्यार भारी आवाज मे कहा और यहा राघव बाबू पिघल गए

राघव- ठीक है जाओ

राघव ने बेड पर से उठते हुए कहा और बाथरूम मे चला गया वही नेहा बस उसे जाते हुए देखने लगी कुछ देर बाद राघव आया और बेड पर नेहा के उलटी तरफ मुह करके सो गया

नेहा ने राघव को पीछे से गले लगाया और उसके कान मे बोली

नेहा- बस 2-3 दिन

और राघव के गाल को चूम लिया फिर कुछ पल राघव के रिप्लाइ का इंतजार किया और जब रिप्लाइ नहीं मिला तो उसने अपना हाथ निकालना चाहा लेकिन राघव ने उसका हाथ पकड़ा और उसकी ओर घूम गया

राघव- बस 1 दिन

राघव की बात पर नेहा मुस्कुराई और वो दोनों फिर नींद के आगोश मे समा गए एक दूसरे की बाहों मे

ये सच था के उनके रिश्ते को सवरने मे समय लगा था लेकिन अब वो समय सार्थ हो रहा था छोटे छोटे कदमों से उनका रिश्ता मजबूत हो रहा था......

क्रमश:
romantic update, itne badhiya scene me rukawat kyu daal diye
 

raman chopra

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राघव ने अंधेरे मे ही स्विच बोर्ड टटोला और रूम मे डीम लाइट शुरू की जिसने महोल हो थोड़ा रोमांटिक बना दिया और जैसे ही राघव पलटा उसके होश ही उड गए मुह खुला रह गया और आंखे बस बाहर ही आने वाली थी......

राघव ने नेहा को सर से लेकर पैर तक सप्राइज़ होकर देखा, उसने कभी नेहा को ऐसे नहीं देखा था, उसने बस सिर्फ एक नाइट ड्रेस पहना था लेकिन उसमे भी कहर मचा रखा था, एक नाइट ड्रेस मे भी कोई इतना हॉट लग सकता है इसका राघव को अंदाज ही नहीं था और ये कहना तो बिल्कुल ही गलत होगा के नेहा को ऐसे देख राघव के अरमान ना जागे हो

राघव- न... न... ने.....

नेहा- शश......

नेहा ने राघव ने होंठों पर उंगली रख उसे बोलने से रोक दिया

नेहा- वेस्टर्न इस नॉट माइ थिंग! राइट??

नेहा ने राघव ने कान में सेडक्टिवली पूछा नेहा को भी नहीं पता था के उसमे आज इतनी हिम्मत कहा से आई थी लेकिन अब वो पीछे नहीं हटने वाली थी वही राघव की नजरे नेहा से हट ही नहीं रही थी वो सप्राइज़ एक्सप्रेशन के साथ नेहा को उसकी ड्रेस को देख रहा था उसने नेहा को कभी ऐसे कपड़ों मे नहीं देखा था वो सुपर हॉट लग रही थी जबकि उसने बस एक नाइट ड्रेस पहना था राघव ने नेहा को हमेशा साड़ी या ट्रडिशनल कपड़ों मे देखा था लेकिन इस शर्ट और शॉर्ट्स मे वो उसे पागल बना रही थी

नेहा- वाच इट मिस्टर देशपांडे

नेहा ने एक मुस्कान के साथ राघव के होंठों पर अपनी उंगली घुमाते हुए कहा वही राघव बगैर पलके झपकाए नेहा को देख रहा था जिसके बाद नेहा ने गाना प्ले किया और अपनी अदाओ से राघव को घायल करने लगी, नेहा के हिलते नितंब और उरोजों ने राघव की धड़कने तेज कर दी थी उसने नहीं सोचा था के आज उसे नेहा का ये अवतार देखने मिलेगा,

वो लोग अपने रूम मे थे एसी चल रहा था फिर भी तापमान बढ़ा हुआ था वही बालकनी से झाकता चाँद सिचूऐशन को और रोमांटिक बना रहा था नेहा सुपर हॉट और सेक्सी लग रही थी वही उसे देख राघव के होंठ सुख चुके थे जिनपर से उसने अपनी जीभ घुमाई, उसकी नजरे नेहा की लंबी टांगों पर थी जो इस वक्त बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी जिसके बाद राघव का ध्यान नेहा के ओवर्साइज़ ड्रेस की ओर गया जो नेहा के डांस मूवस् के साथ उसका क्लीवेज रीवील कर रहा था

नेहा- कैसा लगा मिस्टर देशपांडे

नेहा ने अपना सिडक्टिव डांस खतम कर राघव से पूछा लेकिन वो बताने की हालत मे कहा था वो तो बस मुह फाड़े बगैर पलके झपकाए उसे देख रहा था, नेहा ने उसकी तरफ एक कदम बढ़ाया और अपनी बाहों का हार उसके गले मे डाला

नेहा- क्या हुआ?? अब भी ऐसा लगता है के वेस्टर्न मेरे बस का नहीं?

नेहा ने मासूम बनते हुए पूछा जिसका जवाब वो जानती थी

राघव- तुम.... तुम... बहुत हॉट लग रही हो

राघव ने नेहा को सर से पैर तक देखते हुए कहा वही नेहा झूठा शॉक एक्सप्रेशन बनाते हुए बोली

नेहा- अपनी बीवी को कोई हॉट बोलता है !!

राघव- मेरी बीवी को ही कह रहा हु किसी और की थोड़ी

राघव के रिप्लाइ पर नेहा मुस्कुरा दी, राघव ने आँखों मे चमक लिए नेहा को देखा जैसे उसे उसकी मन चाही चीज मिल गई हो और वही भाव नेहा की आँखों मे थी थे

अचानक से नेहा को राघव की स्माइल उसकी आवाज उसका चेहरा, उसका बात करने का तरीका उसका उसकी केयर करने का तरीका सब कुछ अट्रैक्ट कर रहा था और अभी उसे सबसे ज्यादा राघव के होंठ अट्रैक्ट कर रहे थे,

राघव- नेहा..!!

नेहा की आंखे राघव के होंठों पर जमी हुई थी और उसका मन उसे चूमने को बेचैन हुआ जा रहा था, वो दोनों इतने करीब थे के राघव नेहा की सासों को अपनी नाक और होंठ के बीच महसूस कर सकता था, दोनों के बीच बस इंच भर का फासला था और अब महोल मे गर्मी बढ़ रही थी..

नेहा बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी और उसे देख राघव के अरमान तो पहले ही जाग चुके थे, राघव ने नेहा का एक पैर उठा कर अपनी कमर पर रखा और जैसे ही राघव ने अपने हाथ को नेहा की खुली टांग पर घुमाया उसके बदन मे एक सिरहन सी दौड़ गईं, उसने अपनी आंखे बंद कर ली, राघव के बस एक स्पर्श ने उसे और भी ज्यादा इंटिमेट कर दिया

राघव- तुम इतनी हॉट और सेक्सी लग रही हो के मैं बता नहीं सकता के तुम्हारे इस बोल्ड और सेक्सी अवतार ने मेरा क्या हाल किया है

राघव ने नेहा को अपने करीब खिचते हुए हल्के से अपनी हस्की आवाज मे कहा

नेहा की उंगली इस वक्त राघव के होंठों को छूते हुए गले से होते हुए उसकी छाती पे घूम रही थी और अब दोनों के बीच सेक्शुअल टेंशन बढ़ रहा था

नेहा के गुलाब की पंखुड़ियों समान होंठों को देखते हुए राघव ने अपने चेहरा उसके करीब किया लेकिन नेहा उसे किस करने से रोकने के लिए मुसकुराते हुए मूड गई

राघव का अब अपने आप पर काबू पाना मुश्किल हो रहा था, उसका एक हाथ अब भी नेहा के पैर पर घूम रहा था वही उसने अपना दूसरा हाथ नेहा की पीठ पर रखा और उसे ऊपर उठा लिया और उसे बेड तक ले आया

राघव ने धीमे से नेहा को बेड पर लिटाया और अपने आप को उसके ऊपर जिससे दोनों के बीच एक इंटिमेट क्लोज़नेस बन गई थी और अब नेहा की साँसे भारी होने लगी थी, इस पल की चाहत उन दोनों को ही नजने कब से थी

नेहा ने अपना निचला होंठ दातों तले दबाया, राघव की इन्टेन्स नजरे उसे परेशान कर रही थी

राघव- तुम ऐसा नहीं कर सकती, उनपर सिर्फ मेरा हक है, they’re all mine to bite, lick and suck समझ आया?

राघव ने नेहा का निचला होंठ उसके दांतों से बाहर निकाला और अपना चेहरा नेहा की गर्दन मे डाल दिया, राघव का स्पर्श नेहा को पागल बना रहा था, वो दोनों ही जानते थे को दोनों को ही एकदूसरे की जरूरत थी न सिर्फ ईमोशनली बल्कि फिजिकलि भी

राघव हल्के हल्के से नेहा की गर्दन पर चूम रहा था, उसे नेहा का स्वीट स्पॉट मिल चुका था और नेहा के हाथ राघव के बालों मे घूम रहे थे

राघव ने नेहा के सारे चेहरे ओर चूमा बस उसके होंठों को छोड़ कर, ये दूरी उससे भी सही नहीं जा रही थी लेकिन नेहा भी उसके लिए उतना ही तड़प रही थी ये देख उसके चेहरे पर एक मुस्कान आ गई

नेहा के दोनों पैर अब राघव की कमर के इर्द गिर्द थे, राघव ने नेहा की पहनी सैटन की शर्ट को थोड़ा सा नीचे सरकाया जिससे उसका एक कंधा अब पूरा राघव के सामने था, राघव ने अपनी उंगली नेहा के नग्न कंधे पर से घुमाई और ही एक गीली चुम्मी भी, नेहा की साँसे बढ़ रही थी, वो अपने निचले भाग मे गीलापन महसूस कर रही थी, जब राघव ने नेहा के गर्दन पर काटा तो वो दर्द से सिसक उठी...

नेहा की आंखे बंद थी और वो इस पल का मजा ले रही थी

राघव- अपनी आंखे खोलो बेबी

राघव ने सिडक्टिवली कहा

राघव की नजरे नेहा के होंठों पर पड़ी जो हल्के से खुले थे जो उसे अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे

नेहा- किस मी राघव

नेहा ने एकदम से कहा

नेहा- किस मी, आइ वॉन्ट टु taste यू

अब नेहा ने भी अपनी शर्म छोड़ दी थी

दोनों की नजरे आपस मे मिली दोनों की आँखों मे इस वक्त कई भावनाए उमड़ रही थी

इससे आगे कोई कुछ कहता नेहा को होंठ राघव के होंठों से मिल चुके थे

राघव नेहा को धीरे धीरे सॉफ्टली किस करने लगा और नेहा ने भी बगैर समय बर्बाद किया उसे वैसा ही प्रतिसाद दिया, नेहा की उँगलिया अब भी राघव के बालों मे घूमते हुए उनसे खेल रही थी

राघव ने नेहा को किस करते हुए ही उसे कमर से पकड़ के ऊपर उठाया और ऐसा करने मे अब नेहा का निचला गीला भाग राघव ने हार्ड पार्ट के कॉन्टेक्ट मे आया

नेहा- म्महम्म

किस के बीच ही नेहा के मुह से हलकी सी आवाज आई जैसे ही उसने राघव के हार्ड पार्ट को अपने वेट पार्ट पर फ़ील किया उसे एक स्ट्रॉंग सेन्सेशन महसूस हुआ

नेहा के होंठों को चूमते हुए चूसते हुए राघव ने अपनी जीभ उनपे से घुमाई और नेहा ने अपनी लोअर बॉडी को ऊपर उठाया और राघव ने बगैर एक पल सोचे बगैर किस तोडे उसे अपनी गोद मे बिठाया

राघव ने अपने दोनों हाथ नेहा के नितंबों पर रखे और नेहा के दोनों हाथ राघव के गले मे थे, राघव ने उसे अपनी ओर खिच लिया और नेहा भी राघव क्या चाहता है समझकर आगे बढ़ने लगी,

नेहा- आह

उसे मुह से एक धीमे, गहरी कराह निकली, राघव को खुश करने नेहा ने धीरे धीरे अपने नितबों को हिलाना शुरू और राघव ने उसका मुह छोड़ वापिस उसकी गर्दन पर अपना ध्यान लगाया, नेहा ने अचानक एक आनंद की लहर महसूस की और उसने अपनी गति को बढ़ा दिया और अपना सर झटके के साथ पीछे सरकाया

नेहा- ओ गॉड!! राघव !!

नेहा ने अभी अभी ऑर्गैज़म फ़ील किया था

राघव ने अपना हाथ नेहा की शर्ट के अंदर सरकाया और नेहा के नग्न शरीर पर उसका स्पर्श हुआ, नेहा की कमर के हल्के से चिमटी काटते हुए राघव के हाथ उसकी पीठ और पेट पर घूम रहे थे, राघव ने महसूस किया के नेहा के ब्रा नहीं पहन रखी थी और राघव ने अपने अंगूठे से उसके बाये उरोज के नीचे रगड़ा और शर्ट के ऊपर से ही उन आनंद कलशों को चूमने लगा, और नेहा उसके ऊपरी शरीर को गले लगाते हुए अपनी ठुड्डी उसे सर पर टिकाए सिसकने लगी,

राघव नेहा को अपनी बाहों मे भींचते हुए किसी भूखे शेर की तरह उसे चूम रहा था

वो दोनों ही रुकना नहीं चाहते थे और ये ड्राई हम्पिंग दोनों को आनंद का एहसास करा रही थी

राघव और नेहा दोनों ही इस वक्त अपनी ही दुनिया मे खोए हुए थे और राघव बस नेहा का शर्ट पूरी तरह से उतारने ही वाला था के किसी ने उनके रूम के दरवाजे पर खटखटाया जिससे उन्हे रुकना पड़ा

दोनों ही अचानक आए इस खलल से इरिटेट हुए थे वही नेहा के चेहरे पर शर्म की लाली छाई हुई थी

नेहा ने उठने की कोशिश की लेकिन राघव ने उसे रोक दिया और फिर से अपना रुख उसकी गर्दन की ओर घुमाया लेकिन इतने मे फिर से किसी से दरवाजा खटखटाया और इस बार साथ मे एक आवाज भी आई

विवेक- भाई!!! भाभी!!!

विवेक ने बाहर से उन्हे आवाज दी विवेक की आवाज सुन राघव ने घड़ी को देखा तो 11.30 बज रहे थे वो दोनों उठ गए नेहा शॉर्ट्स की जगह पायजामा पहनने चली गई वही राघव दरवाजा खोलने गया दरवाजा खुलते ही विवेक ने राघव को ऊपर से नीचे तक देखा हर बार इन्हे कोई न कोई डिस्टर्ब कर ही देता है।

राघव- क्या??

विवेक- आप ऐसे....

विवेक ने राघव के बिखरे बाल और कपड़े देखते हुए पूछा और राघव ने अपने आप को सही किया

राघव- सो रहा था मैं अब बताएगा क्यू आया है

विवेक- हा! भाभी कहा है??

विवेक ने रूम मे झाकते हुए पूछा लेकिन राघव ने उसे रोक दिया

राघव- क्यू??

विवेक- पहले भाभी को बुलाओ उनसे काम है

और अब इसी बात पे दोनों भीड़ गए तभी नेहा वहा आई

नेहा- क्या हुआ

विवेक- कुछ नहीं भाभी भाई मुझे आपने मिलने नहीं दे रहा था

राघव- अब काम बताएगा

राघव ने अपने हाथ बांधे पूछा

विवेक- हा, भाभी दादी ने कहा है के आपको बता दु के कल आपको आपके चाचा के यहा जाना है उन्होंने आपको कॉल किया था लेकिन आपने उठाया नहीं तो उन्होंने दादी से कहा अब रीज़न मुझे पता नहीं आप उनसे बात कर लेना

इतना बोल के विवेक वहा से निकल गया और राघव ने दरवाजा बंद किया

राघव- बात कर लो पहले चाचाजी से

राघव ने नेहा से बेड के पास जाते हुए कहा और नेहा ने भी अपना फोन उठाया और अपने चाचा को कॉल लगाया

नेहा- हैलो!

सतीश- हैलो नेहा बेटा! कैसी हो??

नेहा- मैं एकदम बढ़िया चाचाजी आप कैसे हो ?

तभी राघव नेहा के पास आया और अपना सर नेहा की गोद मे रख दिया और उसके एक हाथ से खेलने लगा

सतीश- मैं भी ठीक हु मैं कब से तुम्हें फोन लगा रहा था तुम जवाब ही नहीं दे रही थी कहा थी?

अपने चाचा के इस सवाल का नेहा पर पास कोई जवाब नहीं था

नेहा- वो.. चाचाजी मेरा फोन साइलन्ट मोड पर था तो रिंग सुनाई ही नहीं दी

नेहा का जवाब सुन राघव ने इशारे से ही क्या बात है कहा और नेहा ने उसे घूर कर देखा

सतीश- अच्छा अच्छा और राघव बाबू कैसे है?

तभी राघव ने नेहा की शर्ट के अंदर हाथ डाल उसके पेट पर अपनी उंगली घुमाने लगा और नेहा की साँसे तेज होने लगी

नेहा- वो.. वो... भी ठीक है

सतीश- क्या हुआ नेहू? तुम ऐसे क्यू बात कर रही हो सब ठीक है ना

नेहा- हा.... हा चाचाजी सब ठीक है चाची कैसी है?

सतीश- हा वो भी अच्छी है, नेहू??

नेहा- जी चाचाजी

सतीश- दामादजी तुम्हारा खयाल तो रखते है ना??

नेहा के चाचा की आवाज मे थोड़ा डर था

नेहा- हा चाचू वो बहुत खयाल रखते है मेरा

नेहा ने स्माइल के साथ कहा और राघव ने उसे देखा

सतीश- चलो अच्छा है फिर, जब वो शादी के बाद अचानक चले गए थे मुझे लगा था वो खुश नहीं है अब तुमसे सुन लिया तसल्ली हो गई

नेहा- मैं बहुत खुश हु चाचू आप बिल्कुल चिंता ना करे

सतीश- बहुत बढ़िया बात है ये तो, बेटा मैं क्या कह रहा था अगर तुम्हें कल समय हो तो एक बार मिलने आ जाओ , बहुत समय हो गया है तुम्हें देखे तुम्हारी चाची और सचिन भी काफी याद कर रहे है तुम्हें

नेहा- मैं जरूर आऊँगी चाचू

सतीश- और हा बेटा अगर दामादजी को फुरसत मिले तो उन्हे भी लाना, तुम दोनों कभी साथ नहीं आए हो

नेहा- मैं पूछ लेती हु उनसे

सतीश- ठीक है फिर मिलते है कल, अपना खयाल रखना

नेहा- जी चाचू, बाय

जिसके बाद नेहा ने फोन रख दिया और फोन रखते ही राघव उसके पास लपका

राघव- तो... क्या बाते हुई??

नेहा- कुछ नहीं चाचू ने हमे मिलने बुलाया है बहुत टाइम हो गया ना उनसे मिले

राघव- हमे??

नेहा- हा, हम कभी वहा साथ नहीं गए ना तो वो चाहते है के हम साथ आए

राघव- ठीक है कल शाम मे चले चलेंगे

नेहा- मुझे उनके साथ थोड़ा समय बिताना है शाम मे जाने पर कैसे होगा

राघव- और काम का क्या ??

नेहा- मैं कोई जॉब थोड़ी कर रही हु मैं छुट्टी ले सकती हु

नेहा ने राघव के टीशर्ट से खेलते हुए कहा

राघव- लेकिन मैं नहीं ले सकता

नेहा- प्लीज 🥺

राघव- ओके ऐसा करते है मैं सुबह तुम्हें ड्रॉप कर दूंगा और शाम को पिक कर लूँगा

नेहा- मुझे वहा कुछ दिन रहना है

राघव- बिल्कुल नहीं!!!

राघव ने एकदम से बेड पे सीधा बैठते हुए कहा

नेहा- क्यू??

राघव- क्या क्यू? मैं तुम्हें वहा नहीं छोड़ सकता वैसे भी तुम कल वहा पूरा दिन बिताओगी ही

नेहा- वो फॅमिली है मेरी

राघव- और मैं हज़बन्ड हु तुम्हारा

नेहा- और मैं आपही के साथ तो हु आप मुझे कुछ दिन वहा रहने नहीं दे सकते

राघव- तुम्हें जो सोचना है सोचो तुम वहा नहीं रहोगी

राघव ने जिद्दी बनते हुए कहा

नेहा- लेकिन मेरी फॅमिली का तो सोचिए

राघव- और तुम मेरे बारे मे तो सोचो

नेहा- तो आप भी मेरे साथ वहा रुक जाइए

राघव- नहीं

नेहा- तो मुझे तो रहने दीजिए ना

नेहा ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा

राघव- कुछ दिन बहुत होते है

नेहा- लेकिन फॅमिली है वो मेरी वो भी आपसे पहले

राघव- हा लेकिन

नेहा- राघव प्लीज....

नेहा ने प्यार भारी आवाज मे कहा और यहा राघव बाबू पिघल गए

राघव- ठीक है जाओ

राघव ने बेड पर से उठते हुए कहा और बाथरूम मे चला गया वही नेहा बस उसे जाते हुए देखने लगी कुछ देर बाद राघव आया और बेड पर नेहा के उलटी तरफ मुह करके सो गया

नेहा ने राघव को पीछे से गले लगाया और उसके कान मे बोली

नेहा- बस 2-3 दिन

और राघव के गाल को चूम लिया फिर कुछ पल राघव के रिप्लाइ का इंतजार किया और जब रिप्लाइ नहीं मिला तो उसने अपना हाथ निकालना चाहा लेकिन राघव ने उसका हाथ पकड़ा और उसकी ओर घूम गया

राघव- बस 1 दिन

राघव की बात पर नेहा मुस्कुराई और वो दोनों फिर नींद के आगोश मे समा गए एक दूसरे की बाहों मे

ये सच था के उनके रिश्ते को सवरने मे समय लगा था लेकिन अब वो समय सार्थ हो रहा था छोटे छोटे कदमों से उनका रिश्ता मजबूत हो रहा था......

क्रमश:
Lovely update
 

chawla sahab

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राघव ने अंधेरे मे ही स्विच बोर्ड टटोला और रूम मे डीम लाइट शुरू की जिसने महोल हो थोड़ा रोमांटिक बना दिया और जैसे ही राघव पलटा उसके होश ही उड गए मुह खुला रह गया और आंखे बस बाहर ही आने वाली थी......

राघव ने नेहा को सर से लेकर पैर तक सप्राइज़ होकर देखा, उसने कभी नेहा को ऐसे नहीं देखा था, उसने बस सिर्फ एक नाइट ड्रेस पहना था लेकिन उसमे भी कहर मचा रखा था, एक नाइट ड्रेस मे भी कोई इतना हॉट लग सकता है इसका राघव को अंदाज ही नहीं था और ये कहना तो बिल्कुल ही गलत होगा के नेहा को ऐसे देख राघव के अरमान ना जागे हो

राघव- न... न... ने.....

नेहा- शश......

नेहा ने राघव ने होंठों पर उंगली रख उसे बोलने से रोक दिया

नेहा- वेस्टर्न इस नॉट माइ थिंग! राइट??

नेहा ने राघव ने कान में सेडक्टिवली पूछा नेहा को भी नहीं पता था के उसमे आज इतनी हिम्मत कहा से आई थी लेकिन अब वो पीछे नहीं हटने वाली थी वही राघव की नजरे नेहा से हट ही नहीं रही थी वो सप्राइज़ एक्सप्रेशन के साथ नेहा को उसकी ड्रेस को देख रहा था उसने नेहा को कभी ऐसे कपड़ों मे नहीं देखा था वो सुपर हॉट लग रही थी जबकि उसने बस एक नाइट ड्रेस पहना था राघव ने नेहा को हमेशा साड़ी या ट्रडिशनल कपड़ों मे देखा था लेकिन इस शर्ट और शॉर्ट्स मे वो उसे पागल बना रही थी

नेहा- वाच इट मिस्टर देशपांडे

नेहा ने एक मुस्कान के साथ राघव के होंठों पर अपनी उंगली घुमाते हुए कहा वही राघव बगैर पलके झपकाए नेहा को देख रहा था जिसके बाद नेहा ने गाना प्ले किया और अपनी अदाओ से राघव को घायल करने लगी, नेहा के हिलते नितंब और उरोजों ने राघव की धड़कने तेज कर दी थी उसने नहीं सोचा था के आज उसे नेहा का ये अवतार देखने मिलेगा,

वो लोग अपने रूम मे थे एसी चल रहा था फिर भी तापमान बढ़ा हुआ था वही बालकनी से झाकता चाँद सिचूऐशन को और रोमांटिक बना रहा था नेहा सुपर हॉट और सेक्सी लग रही थी वही उसे देख राघव के होंठ सुख चुके थे जिनपर से उसने अपनी जीभ घुमाई, उसकी नजरे नेहा की लंबी टांगों पर थी जो इस वक्त बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी जिसके बाद राघव का ध्यान नेहा के ओवर्साइज़ ड्रेस की ओर गया जो नेहा के डांस मूवस् के साथ उसका क्लीवेज रीवील कर रहा था

नेहा- कैसा लगा मिस्टर देशपांडे

नेहा ने अपना सिडक्टिव डांस खतम कर राघव से पूछा लेकिन वो बताने की हालत मे कहा था वो तो बस मुह फाड़े बगैर पलके झपकाए उसे देख रहा था, नेहा ने उसकी तरफ एक कदम बढ़ाया और अपनी बाहों का हार उसके गले मे डाला

नेहा- क्या हुआ?? अब भी ऐसा लगता है के वेस्टर्न मेरे बस का नहीं?

नेहा ने मासूम बनते हुए पूछा जिसका जवाब वो जानती थी

राघव- तुम.... तुम... बहुत हॉट लग रही हो

राघव ने नेहा को सर से पैर तक देखते हुए कहा वही नेहा झूठा शॉक एक्सप्रेशन बनाते हुए बोली

नेहा- अपनी बीवी को कोई हॉट बोलता है !!

राघव- मेरी बीवी को ही कह रहा हु किसी और की थोड़ी

राघव के रिप्लाइ पर नेहा मुस्कुरा दी, राघव ने आँखों मे चमक लिए नेहा को देखा जैसे उसे उसकी मन चाही चीज मिल गई हो और वही भाव नेहा की आँखों मे थी थे

अचानक से नेहा को राघव की स्माइल उसकी आवाज उसका चेहरा, उसका बात करने का तरीका उसका उसकी केयर करने का तरीका सब कुछ अट्रैक्ट कर रहा था और अभी उसे सबसे ज्यादा राघव के होंठ अट्रैक्ट कर रहे थे,

राघव- नेहा..!!

नेहा की आंखे राघव के होंठों पर जमी हुई थी और उसका मन उसे चूमने को बेचैन हुआ जा रहा था, वो दोनों इतने करीब थे के राघव नेहा की सासों को अपनी नाक और होंठ के बीच महसूस कर सकता था, दोनों के बीच बस इंच भर का फासला था और अब महोल मे गर्मी बढ़ रही थी..

नेहा बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी और उसे देख राघव के अरमान तो पहले ही जाग चुके थे, राघव ने नेहा का एक पैर उठा कर अपनी कमर पर रखा और जैसे ही राघव ने अपने हाथ को नेहा की खुली टांग पर घुमाया उसके बदन मे एक सिरहन सी दौड़ गईं, उसने अपनी आंखे बंद कर ली, राघव के बस एक स्पर्श ने उसे और भी ज्यादा इंटिमेट कर दिया

राघव- तुम इतनी हॉट और सेक्सी लग रही हो के मैं बता नहीं सकता के तुम्हारे इस बोल्ड और सेक्सी अवतार ने मेरा क्या हाल किया है

राघव ने नेहा को अपने करीब खिचते हुए हल्के से अपनी हस्की आवाज मे कहा

नेहा की उंगली इस वक्त राघव के होंठों को छूते हुए गले से होते हुए उसकी छाती पे घूम रही थी और अब दोनों के बीच सेक्शुअल टेंशन बढ़ रहा था

नेहा के गुलाब की पंखुड़ियों समान होंठों को देखते हुए राघव ने अपने चेहरा उसके करीब किया लेकिन नेहा उसे किस करने से रोकने के लिए मुसकुराते हुए मूड गई

राघव का अब अपने आप पर काबू पाना मुश्किल हो रहा था, उसका एक हाथ अब भी नेहा के पैर पर घूम रहा था वही उसने अपना दूसरा हाथ नेहा की पीठ पर रखा और उसे ऊपर उठा लिया और उसे बेड तक ले आया

राघव ने धीमे से नेहा को बेड पर लिटाया और अपने आप को उसके ऊपर जिससे दोनों के बीच एक इंटिमेट क्लोज़नेस बन गई थी और अब नेहा की साँसे भारी होने लगी थी, इस पल की चाहत उन दोनों को ही नजने कब से थी

नेहा ने अपना निचला होंठ दातों तले दबाया, राघव की इन्टेन्स नजरे उसे परेशान कर रही थी

राघव- तुम ऐसा नहीं कर सकती, उनपर सिर्फ मेरा हक है, they’re all mine to bite, lick and suck समझ आया?

राघव ने नेहा का निचला होंठ उसके दांतों से बाहर निकाला और अपना चेहरा नेहा की गर्दन मे डाल दिया, राघव का स्पर्श नेहा को पागल बना रहा था, वो दोनों ही जानते थे को दोनों को ही एकदूसरे की जरूरत थी न सिर्फ ईमोशनली बल्कि फिजिकलि भी

राघव हल्के हल्के से नेहा की गर्दन पर चूम रहा था, उसे नेहा का स्वीट स्पॉट मिल चुका था और नेहा के हाथ राघव के बालों मे घूम रहे थे

राघव ने नेहा के सारे चेहरे ओर चूमा बस उसके होंठों को छोड़ कर, ये दूरी उससे भी सही नहीं जा रही थी लेकिन नेहा भी उसके लिए उतना ही तड़प रही थी ये देख उसके चेहरे पर एक मुस्कान आ गई

नेहा के दोनों पैर अब राघव की कमर के इर्द गिर्द थे, राघव ने नेहा की पहनी सैटन की शर्ट को थोड़ा सा नीचे सरकाया जिससे उसका एक कंधा अब पूरा राघव के सामने था, राघव ने अपनी उंगली नेहा के नग्न कंधे पर से घुमाई और ही एक गीली चुम्मी भी, नेहा की साँसे बढ़ रही थी, वो अपने निचले भाग मे गीलापन महसूस कर रही थी, जब राघव ने नेहा के गर्दन पर काटा तो वो दर्द से सिसक उठी...

नेहा की आंखे बंद थी और वो इस पल का मजा ले रही थी

राघव- अपनी आंखे खोलो बेबी

राघव ने सिडक्टिवली कहा

राघव की नजरे नेहा के होंठों पर पड़ी जो हल्के से खुले थे जो उसे अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे

नेहा- किस मी राघव

नेहा ने एकदम से कहा

नेहा- किस मी, आइ वॉन्ट टु taste यू

अब नेहा ने भी अपनी शर्म छोड़ दी थी

दोनों की नजरे आपस मे मिली दोनों की आँखों मे इस वक्त कई भावनाए उमड़ रही थी

इससे आगे कोई कुछ कहता नेहा को होंठ राघव के होंठों से मिल चुके थे

राघव नेहा को धीरे धीरे सॉफ्टली किस करने लगा और नेहा ने भी बगैर समय बर्बाद किया उसे वैसा ही प्रतिसाद दिया, नेहा की उँगलिया अब भी राघव के बालों मे घूमते हुए उनसे खेल रही थी

राघव ने नेहा को किस करते हुए ही उसे कमर से पकड़ के ऊपर उठाया और ऐसा करने मे अब नेहा का निचला गीला भाग राघव ने हार्ड पार्ट के कॉन्टेक्ट मे आया

नेहा- म्महम्म

किस के बीच ही नेहा के मुह से हलकी सी आवाज आई जैसे ही उसने राघव के हार्ड पार्ट को अपने वेट पार्ट पर फ़ील किया उसे एक स्ट्रॉंग सेन्सेशन महसूस हुआ

नेहा के होंठों को चूमते हुए चूसते हुए राघव ने अपनी जीभ उनपे से घुमाई और नेहा ने अपनी लोअर बॉडी को ऊपर उठाया और राघव ने बगैर एक पल सोचे बगैर किस तोडे उसे अपनी गोद मे बिठाया

राघव ने अपने दोनों हाथ नेहा के नितंबों पर रखे और नेहा के दोनों हाथ राघव के गले मे थे, राघव ने उसे अपनी ओर खिच लिया और नेहा भी राघव क्या चाहता है समझकर आगे बढ़ने लगी,

नेहा- आह

उसे मुह से एक धीमे, गहरी कराह निकली, राघव को खुश करने नेहा ने धीरे धीरे अपने नितबों को हिलाना शुरू और राघव ने उसका मुह छोड़ वापिस उसकी गर्दन पर अपना ध्यान लगाया, नेहा ने अचानक एक आनंद की लहर महसूस की और उसने अपनी गति को बढ़ा दिया और अपना सर झटके के साथ पीछे सरकाया

नेहा- ओ गॉड!! राघव !!

नेहा ने अभी अभी ऑर्गैज़म फ़ील किया था

राघव ने अपना हाथ नेहा की शर्ट के अंदर सरकाया और नेहा के नग्न शरीर पर उसका स्पर्श हुआ, नेहा की कमर के हल्के से चिमटी काटते हुए राघव के हाथ उसकी पीठ और पेट पर घूम रहे थे, राघव ने महसूस किया के नेहा के ब्रा नहीं पहन रखी थी और राघव ने अपने अंगूठे से उसके बाये उरोज के नीचे रगड़ा और शर्ट के ऊपर से ही उन आनंद कलशों को चूमने लगा, और नेहा उसके ऊपरी शरीर को गले लगाते हुए अपनी ठुड्डी उसे सर पर टिकाए सिसकने लगी,

राघव नेहा को अपनी बाहों मे भींचते हुए किसी भूखे शेर की तरह उसे चूम रहा था

वो दोनों ही रुकना नहीं चाहते थे और ये ड्राई हम्पिंग दोनों को आनंद का एहसास करा रही थी

राघव और नेहा दोनों ही इस वक्त अपनी ही दुनिया मे खोए हुए थे और राघव बस नेहा का शर्ट पूरी तरह से उतारने ही वाला था के किसी ने उनके रूम के दरवाजे पर खटखटाया जिससे उन्हे रुकना पड़ा

दोनों ही अचानक आए इस खलल से इरिटेट हुए थे वही नेहा के चेहरे पर शर्म की लाली छाई हुई थी

नेहा ने उठने की कोशिश की लेकिन राघव ने उसे रोक दिया और फिर से अपना रुख उसकी गर्दन की ओर घुमाया लेकिन इतने मे फिर से किसी से दरवाजा खटखटाया और इस बार साथ मे एक आवाज भी आई

विवेक- भाई!!! भाभी!!!

विवेक ने बाहर से उन्हे आवाज दी विवेक की आवाज सुन राघव ने घड़ी को देखा तो 11.30 बज रहे थे वो दोनों उठ गए नेहा शॉर्ट्स की जगह पायजामा पहनने चली गई वही राघव दरवाजा खोलने गया दरवाजा खुलते ही विवेक ने राघव को ऊपर से नीचे तक देखा हर बार इन्हे कोई न कोई डिस्टर्ब कर ही देता है।

राघव- क्या??

विवेक- आप ऐसे....

विवेक ने राघव के बिखरे बाल और कपड़े देखते हुए पूछा और राघव ने अपने आप को सही किया

राघव- सो रहा था मैं अब बताएगा क्यू आया है

विवेक- हा! भाभी कहा है??

विवेक ने रूम मे झाकते हुए पूछा लेकिन राघव ने उसे रोक दिया

राघव- क्यू??

विवेक- पहले भाभी को बुलाओ उनसे काम है

और अब इसी बात पे दोनों भीड़ गए तभी नेहा वहा आई

नेहा- क्या हुआ

विवेक- कुछ नहीं भाभी भाई मुझे आपने मिलने नहीं दे रहा था

राघव- अब काम बताएगा

राघव ने अपने हाथ बांधे पूछा

विवेक- हा, भाभी दादी ने कहा है के आपको बता दु के कल आपको आपके चाचा के यहा जाना है उन्होंने आपको कॉल किया था लेकिन आपने उठाया नहीं तो उन्होंने दादी से कहा अब रीज़न मुझे पता नहीं आप उनसे बात कर लेना

इतना बोल के विवेक वहा से निकल गया और राघव ने दरवाजा बंद किया

राघव- बात कर लो पहले चाचाजी से

राघव ने नेहा से बेड के पास जाते हुए कहा और नेहा ने भी अपना फोन उठाया और अपने चाचा को कॉल लगाया

नेहा- हैलो!

सतीश- हैलो नेहा बेटा! कैसी हो??

नेहा- मैं एकदम बढ़िया चाचाजी आप कैसे हो ?

तभी राघव नेहा के पास आया और अपना सर नेहा की गोद मे रख दिया और उसके एक हाथ से खेलने लगा

सतीश- मैं भी ठीक हु मैं कब से तुम्हें फोन लगा रहा था तुम जवाब ही नहीं दे रही थी कहा थी?

अपने चाचा के इस सवाल का नेहा पर पास कोई जवाब नहीं था

नेहा- वो.. चाचाजी मेरा फोन साइलन्ट मोड पर था तो रिंग सुनाई ही नहीं दी

नेहा का जवाब सुन राघव ने इशारे से ही क्या बात है कहा और नेहा ने उसे घूर कर देखा

सतीश- अच्छा अच्छा और राघव बाबू कैसे है?

तभी राघव ने नेहा की शर्ट के अंदर हाथ डाल उसके पेट पर अपनी उंगली घुमाने लगा और नेहा की साँसे तेज होने लगी

नेहा- वो.. वो... भी ठीक है

सतीश- क्या हुआ नेहू? तुम ऐसे क्यू बात कर रही हो सब ठीक है ना

नेहा- हा.... हा चाचाजी सब ठीक है चाची कैसी है?

सतीश- हा वो भी अच्छी है, नेहू??

नेहा- जी चाचाजी

सतीश- दामादजी तुम्हारा खयाल तो रखते है ना??

नेहा के चाचा की आवाज मे थोड़ा डर था

नेहा- हा चाचू वो बहुत खयाल रखते है मेरा

नेहा ने स्माइल के साथ कहा और राघव ने उसे देखा

सतीश- चलो अच्छा है फिर, जब वो शादी के बाद अचानक चले गए थे मुझे लगा था वो खुश नहीं है अब तुमसे सुन लिया तसल्ली हो गई

नेहा- मैं बहुत खुश हु चाचू आप बिल्कुल चिंता ना करे

सतीश- बहुत बढ़िया बात है ये तो, बेटा मैं क्या कह रहा था अगर तुम्हें कल समय हो तो एक बार मिलने आ जाओ , बहुत समय हो गया है तुम्हें देखे तुम्हारी चाची और सचिन भी काफी याद कर रहे है तुम्हें

नेहा- मैं जरूर आऊँगी चाचू

सतीश- और हा बेटा अगर दामादजी को फुरसत मिले तो उन्हे भी लाना, तुम दोनों कभी साथ नहीं आए हो

नेहा- मैं पूछ लेती हु उनसे

सतीश- ठीक है फिर मिलते है कल, अपना खयाल रखना

नेहा- जी चाचू, बाय

जिसके बाद नेहा ने फोन रख दिया और फोन रखते ही राघव उसके पास लपका

राघव- तो... क्या बाते हुई??

नेहा- कुछ नहीं चाचू ने हमे मिलने बुलाया है बहुत टाइम हो गया ना उनसे मिले

राघव- हमे??

नेहा- हा, हम कभी वहा साथ नहीं गए ना तो वो चाहते है के हम साथ आए

राघव- ठीक है कल शाम मे चले चलेंगे

नेहा- मुझे उनके साथ थोड़ा समय बिताना है शाम मे जाने पर कैसे होगा

राघव- और काम का क्या ??

नेहा- मैं कोई जॉब थोड़ी कर रही हु मैं छुट्टी ले सकती हु

नेहा ने राघव के टीशर्ट से खेलते हुए कहा

राघव- लेकिन मैं नहीं ले सकता

नेहा- प्लीज 🥺

राघव- ओके ऐसा करते है मैं सुबह तुम्हें ड्रॉप कर दूंगा और शाम को पिक कर लूँगा

नेहा- मुझे वहा कुछ दिन रहना है

राघव- बिल्कुल नहीं!!!

राघव ने एकदम से बेड पे सीधा बैठते हुए कहा

नेहा- क्यू??

राघव- क्या क्यू? मैं तुम्हें वहा नहीं छोड़ सकता वैसे भी तुम कल वहा पूरा दिन बिताओगी ही

नेहा- वो फॅमिली है मेरी

राघव- और मैं हज़बन्ड हु तुम्हारा

नेहा- और मैं आपही के साथ तो हु आप मुझे कुछ दिन वहा रहने नहीं दे सकते

राघव- तुम्हें जो सोचना है सोचो तुम वहा नहीं रहोगी

राघव ने जिद्दी बनते हुए कहा

नेहा- लेकिन मेरी फॅमिली का तो सोचिए

राघव- और तुम मेरे बारे मे तो सोचो

नेहा- तो आप भी मेरे साथ वहा रुक जाइए

राघव- नहीं

नेहा- तो मुझे तो रहने दीजिए ना

नेहा ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा

राघव- कुछ दिन बहुत होते है

नेहा- लेकिन फॅमिली है वो मेरी वो भी आपसे पहले

राघव- हा लेकिन

नेहा- राघव प्लीज....

नेहा ने प्यार भारी आवाज मे कहा और यहा राघव बाबू पिघल गए

राघव- ठीक है जाओ

राघव ने बेड पर से उठते हुए कहा और बाथरूम मे चला गया वही नेहा बस उसे जाते हुए देखने लगी कुछ देर बाद राघव आया और बेड पर नेहा के उलटी तरफ मुह करके सो गया

नेहा ने राघव को पीछे से गले लगाया और उसके कान मे बोली

नेहा- बस 2-3 दिन

और राघव के गाल को चूम लिया फिर कुछ पल राघव के रिप्लाइ का इंतजार किया और जब रिप्लाइ नहीं मिला तो उसने अपना हाथ निकालना चाहा लेकिन राघव ने उसका हाथ पकड़ा और उसकी ओर घूम गया

राघव- बस 1 दिन

राघव की बात पर नेहा मुस्कुराई और वो दोनों फिर नींद के आगोश मे समा गए एक दूसरे की बाहों मे

ये सच था के उनके रिश्ते को सवरने मे समय लगा था लेकिन अब वो समय सार्थ हो रहा था छोटे छोटे कदमों से उनका रिश्ता मजबूत हो रहा था......

क्रमश:
vadhiya update brother
 

Babybulbul

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राघव ने अंधेरे मे ही स्विच बोर्ड टटोला और रूम मे डीम लाइट शुरू की जिसने महोल हो थोड़ा रोमांटिक बना दिया और जैसे ही राघव पलटा उसके होश ही उड गए मुह खुला रह गया और आंखे बस बाहर ही आने वाली थी......

राघव ने नेहा को सर से लेकर पैर तक सप्राइज़ होकर देखा, उसने कभी नेहा को ऐसे नहीं देखा था, उसने बस सिर्फ एक नाइट ड्रेस पहना था लेकिन उसमे भी कहर मचा रखा था, एक नाइट ड्रेस मे भी कोई इतना हॉट लग सकता है इसका राघव को अंदाज ही नहीं था और ये कहना तो बिल्कुल ही गलत होगा के नेहा को ऐसे देख राघव के अरमान ना जागे हो

राघव- न... न... ने.....

नेहा- शश......

नेहा ने राघव ने होंठों पर उंगली रख उसे बोलने से रोक दिया

नेहा- वेस्टर्न इस नॉट माइ थिंग! राइट??

नेहा ने राघव ने कान में सेडक्टिवली पूछा नेहा को भी नहीं पता था के उसमे आज इतनी हिम्मत कहा से आई थी लेकिन अब वो पीछे नहीं हटने वाली थी वही राघव की नजरे नेहा से हट ही नहीं रही थी वो सप्राइज़ एक्सप्रेशन के साथ नेहा को उसकी ड्रेस को देख रहा था उसने नेहा को कभी ऐसे कपड़ों मे नहीं देखा था वो सुपर हॉट लग रही थी जबकि उसने बस एक नाइट ड्रेस पहना था राघव ने नेहा को हमेशा साड़ी या ट्रडिशनल कपड़ों मे देखा था लेकिन इस शर्ट और शॉर्ट्स मे वो उसे पागल बना रही थी

नेहा- वाच इट मिस्टर देशपांडे

नेहा ने एक मुस्कान के साथ राघव के होंठों पर अपनी उंगली घुमाते हुए कहा वही राघव बगैर पलके झपकाए नेहा को देख रहा था जिसके बाद नेहा ने गाना प्ले किया और अपनी अदाओ से राघव को घायल करने लगी, नेहा के हिलते नितंब और उरोजों ने राघव की धड़कने तेज कर दी थी उसने नहीं सोचा था के आज उसे नेहा का ये अवतार देखने मिलेगा,

वो लोग अपने रूम मे थे एसी चल रहा था फिर भी तापमान बढ़ा हुआ था वही बालकनी से झाकता चाँद सिचूऐशन को और रोमांटिक बना रहा था नेहा सुपर हॉट और सेक्सी लग रही थी वही उसे देख राघव के होंठ सुख चुके थे जिनपर से उसने अपनी जीभ घुमाई, उसकी नजरे नेहा की लंबी टांगों पर थी जो इस वक्त बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी जिसके बाद राघव का ध्यान नेहा के ओवर्साइज़ ड्रेस की ओर गया जो नेहा के डांस मूवस् के साथ उसका क्लीवेज रीवील कर रहा था

नेहा- कैसा लगा मिस्टर देशपांडे

नेहा ने अपना सिडक्टिव डांस खतम कर राघव से पूछा लेकिन वो बताने की हालत मे कहा था वो तो बस मुह फाड़े बगैर पलके झपकाए उसे देख रहा था, नेहा ने उसकी तरफ एक कदम बढ़ाया और अपनी बाहों का हार उसके गले मे डाला

नेहा- क्या हुआ?? अब भी ऐसा लगता है के वेस्टर्न मेरे बस का नहीं?

नेहा ने मासूम बनते हुए पूछा जिसका जवाब वो जानती थी

राघव- तुम.... तुम... बहुत हॉट लग रही हो

राघव ने नेहा को सर से पैर तक देखते हुए कहा वही नेहा झूठा शॉक एक्सप्रेशन बनाते हुए बोली

नेहा- अपनी बीवी को कोई हॉट बोलता है !!

राघव- मेरी बीवी को ही कह रहा हु किसी और की थोड़ी

राघव के रिप्लाइ पर नेहा मुस्कुरा दी, राघव ने आँखों मे चमक लिए नेहा को देखा जैसे उसे उसकी मन चाही चीज मिल गई हो और वही भाव नेहा की आँखों मे थी थे

अचानक से नेहा को राघव की स्माइल उसकी आवाज उसका चेहरा, उसका बात करने का तरीका उसका उसकी केयर करने का तरीका सब कुछ अट्रैक्ट कर रहा था और अभी उसे सबसे ज्यादा राघव के होंठ अट्रैक्ट कर रहे थे,

राघव- नेहा..!!

नेहा की आंखे राघव के होंठों पर जमी हुई थी और उसका मन उसे चूमने को बेचैन हुआ जा रहा था, वो दोनों इतने करीब थे के राघव नेहा की सासों को अपनी नाक और होंठ के बीच महसूस कर सकता था, दोनों के बीच बस इंच भर का फासला था और अब महोल मे गर्मी बढ़ रही थी..

नेहा बहुत ज्यादा सेक्सी लग रही थी और उसे देख राघव के अरमान तो पहले ही जाग चुके थे, राघव ने नेहा का एक पैर उठा कर अपनी कमर पर रखा और जैसे ही राघव ने अपने हाथ को नेहा की खुली टांग पर घुमाया उसके बदन मे एक सिरहन सी दौड़ गईं, उसने अपनी आंखे बंद कर ली, राघव के बस एक स्पर्श ने उसे और भी ज्यादा इंटिमेट कर दिया

राघव- तुम इतनी हॉट और सेक्सी लग रही हो के मैं बता नहीं सकता के तुम्हारे इस बोल्ड और सेक्सी अवतार ने मेरा क्या हाल किया है

राघव ने नेहा को अपने करीब खिचते हुए हल्के से अपनी हस्की आवाज मे कहा

नेहा की उंगली इस वक्त राघव के होंठों को छूते हुए गले से होते हुए उसकी छाती पे घूम रही थी और अब दोनों के बीच सेक्शुअल टेंशन बढ़ रहा था

नेहा के गुलाब की पंखुड़ियों समान होंठों को देखते हुए राघव ने अपने चेहरा उसके करीब किया लेकिन नेहा उसे किस करने से रोकने के लिए मुसकुराते हुए मूड गई

राघव का अब अपने आप पर काबू पाना मुश्किल हो रहा था, उसका एक हाथ अब भी नेहा के पैर पर घूम रहा था वही उसने अपना दूसरा हाथ नेहा की पीठ पर रखा और उसे ऊपर उठा लिया और उसे बेड तक ले आया

राघव ने धीमे से नेहा को बेड पर लिटाया और अपने आप को उसके ऊपर जिससे दोनों के बीच एक इंटिमेट क्लोज़नेस बन गई थी और अब नेहा की साँसे भारी होने लगी थी, इस पल की चाहत उन दोनों को ही नजने कब से थी

नेहा ने अपना निचला होंठ दातों तले दबाया, राघव की इन्टेन्स नजरे उसे परेशान कर रही थी

राघव- तुम ऐसा नहीं कर सकती, उनपर सिर्फ मेरा हक है, they’re all mine to bite, lick and suck समझ आया?

राघव ने नेहा का निचला होंठ उसके दांतों से बाहर निकाला और अपना चेहरा नेहा की गर्दन मे डाल दिया, राघव का स्पर्श नेहा को पागल बना रहा था, वो दोनों ही जानते थे को दोनों को ही एकदूसरे की जरूरत थी न सिर्फ ईमोशनली बल्कि फिजिकलि भी

राघव हल्के हल्के से नेहा की गर्दन पर चूम रहा था, उसे नेहा का स्वीट स्पॉट मिल चुका था और नेहा के हाथ राघव के बालों मे घूम रहे थे

राघव ने नेहा के सारे चेहरे ओर चूमा बस उसके होंठों को छोड़ कर, ये दूरी उससे भी सही नहीं जा रही थी लेकिन नेहा भी उसके लिए उतना ही तड़प रही थी ये देख उसके चेहरे पर एक मुस्कान आ गई

नेहा के दोनों पैर अब राघव की कमर के इर्द गिर्द थे, राघव ने नेहा की पहनी सैटन की शर्ट को थोड़ा सा नीचे सरकाया जिससे उसका एक कंधा अब पूरा राघव के सामने था, राघव ने अपनी उंगली नेहा के नग्न कंधे पर से घुमाई और ही एक गीली चुम्मी भी, नेहा की साँसे बढ़ रही थी, वो अपने निचले भाग मे गीलापन महसूस कर रही थी, जब राघव ने नेहा के गर्दन पर काटा तो वो दर्द से सिसक उठी...

नेहा की आंखे बंद थी और वो इस पल का मजा ले रही थी

राघव- अपनी आंखे खोलो बेबी

राघव ने सिडक्टिवली कहा

राघव की नजरे नेहा के होंठों पर पड़ी जो हल्के से खुले थे जो उसे अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे

नेहा- किस मी राघव

नेहा ने एकदम से कहा

नेहा- किस मी, आइ वॉन्ट टु taste यू

अब नेहा ने भी अपनी शर्म छोड़ दी थी

दोनों की नजरे आपस मे मिली दोनों की आँखों मे इस वक्त कई भावनाए उमड़ रही थी

इससे आगे कोई कुछ कहता नेहा को होंठ राघव के होंठों से मिल चुके थे

राघव नेहा को धीरे धीरे सॉफ्टली किस करने लगा और नेहा ने भी बगैर समय बर्बाद किया उसे वैसा ही प्रतिसाद दिया, नेहा की उँगलिया अब भी राघव के बालों मे घूमते हुए उनसे खेल रही थी

राघव ने नेहा को किस करते हुए ही उसे कमर से पकड़ के ऊपर उठाया और ऐसा करने मे अब नेहा का निचला गीला भाग राघव ने हार्ड पार्ट के कॉन्टेक्ट मे आया

नेहा- म्महम्म

किस के बीच ही नेहा के मुह से हलकी सी आवाज आई जैसे ही उसने राघव के हार्ड पार्ट को अपने वेट पार्ट पर फ़ील किया उसे एक स्ट्रॉंग सेन्सेशन महसूस हुआ

नेहा के होंठों को चूमते हुए चूसते हुए राघव ने अपनी जीभ उनपे से घुमाई और नेहा ने अपनी लोअर बॉडी को ऊपर उठाया और राघव ने बगैर एक पल सोचे बगैर किस तोडे उसे अपनी गोद मे बिठाया

राघव ने अपने दोनों हाथ नेहा के नितंबों पर रखे और नेहा के दोनों हाथ राघव के गले मे थे, राघव ने उसे अपनी ओर खिच लिया और नेहा भी राघव क्या चाहता है समझकर आगे बढ़ने लगी,

नेहा- आह

उसे मुह से एक धीमे, गहरी कराह निकली, राघव को खुश करने नेहा ने धीरे धीरे अपने नितबों को हिलाना शुरू और राघव ने उसका मुह छोड़ वापिस उसकी गर्दन पर अपना ध्यान लगाया, नेहा ने अचानक एक आनंद की लहर महसूस की और उसने अपनी गति को बढ़ा दिया और अपना सर झटके के साथ पीछे सरकाया

नेहा- ओ गॉड!! राघव !!

नेहा ने अभी अभी ऑर्गैज़म फ़ील किया था

राघव ने अपना हाथ नेहा की शर्ट के अंदर सरकाया और नेहा के नग्न शरीर पर उसका स्पर्श हुआ, नेहा की कमर के हल्के से चिमटी काटते हुए राघव के हाथ उसकी पीठ और पेट पर घूम रहे थे, राघव ने महसूस किया के नेहा के ब्रा नहीं पहन रखी थी और राघव ने अपने अंगूठे से उसके बाये उरोज के नीचे रगड़ा और शर्ट के ऊपर से ही उन आनंद कलशों को चूमने लगा, और नेहा उसके ऊपरी शरीर को गले लगाते हुए अपनी ठुड्डी उसे सर पर टिकाए सिसकने लगी,

राघव नेहा को अपनी बाहों मे भींचते हुए किसी भूखे शेर की तरह उसे चूम रहा था

वो दोनों ही रुकना नहीं चाहते थे और ये ड्राई हम्पिंग दोनों को आनंद का एहसास करा रही थी

राघव और नेहा दोनों ही इस वक्त अपनी ही दुनिया मे खोए हुए थे और राघव बस नेहा का शर्ट पूरी तरह से उतारने ही वाला था के किसी ने उनके रूम के दरवाजे पर खटखटाया जिससे उन्हे रुकना पड़ा

दोनों ही अचानक आए इस खलल से इरिटेट हुए थे वही नेहा के चेहरे पर शर्म की लाली छाई हुई थी

नेहा ने उठने की कोशिश की लेकिन राघव ने उसे रोक दिया और फिर से अपना रुख उसकी गर्दन की ओर घुमाया लेकिन इतने मे फिर से किसी से दरवाजा खटखटाया और इस बार साथ मे एक आवाज भी आई

विवेक- भाई!!! भाभी!!!

विवेक ने बाहर से उन्हे आवाज दी विवेक की आवाज सुन राघव ने घड़ी को देखा तो 11.30 बज रहे थे वो दोनों उठ गए नेहा शॉर्ट्स की जगह पायजामा पहनने चली गई वही राघव दरवाजा खोलने गया दरवाजा खुलते ही विवेक ने राघव को ऊपर से नीचे तक देखा हर बार इन्हे कोई न कोई डिस्टर्ब कर ही देता है।

राघव- क्या??

विवेक- आप ऐसे....

विवेक ने राघव के बिखरे बाल और कपड़े देखते हुए पूछा और राघव ने अपने आप को सही किया

राघव- सो रहा था मैं अब बताएगा क्यू आया है

विवेक- हा! भाभी कहा है??

विवेक ने रूम मे झाकते हुए पूछा लेकिन राघव ने उसे रोक दिया

राघव- क्यू??

विवेक- पहले भाभी को बुलाओ उनसे काम है

और अब इसी बात पे दोनों भीड़ गए तभी नेहा वहा आई

नेहा- क्या हुआ

विवेक- कुछ नहीं भाभी भाई मुझे आपने मिलने नहीं दे रहा था

राघव- अब काम बताएगा

राघव ने अपने हाथ बांधे पूछा

विवेक- हा, भाभी दादी ने कहा है के आपको बता दु के कल आपको आपके चाचा के यहा जाना है उन्होंने आपको कॉल किया था लेकिन आपने उठाया नहीं तो उन्होंने दादी से कहा अब रीज़न मुझे पता नहीं आप उनसे बात कर लेना

इतना बोल के विवेक वहा से निकल गया और राघव ने दरवाजा बंद किया

राघव- बात कर लो पहले चाचाजी से

राघव ने नेहा से बेड के पास जाते हुए कहा और नेहा ने भी अपना फोन उठाया और अपने चाचा को कॉल लगाया

नेहा- हैलो!

सतीश- हैलो नेहा बेटा! कैसी हो??

नेहा- मैं एकदम बढ़िया चाचाजी आप कैसे हो ?

तभी राघव नेहा के पास आया और अपना सर नेहा की गोद मे रख दिया और उसके एक हाथ से खेलने लगा

सतीश- मैं भी ठीक हु मैं कब से तुम्हें फोन लगा रहा था तुम जवाब ही नहीं दे रही थी कहा थी?

अपने चाचा के इस सवाल का नेहा पर पास कोई जवाब नहीं था

नेहा- वो.. चाचाजी मेरा फोन साइलन्ट मोड पर था तो रिंग सुनाई ही नहीं दी

नेहा का जवाब सुन राघव ने इशारे से ही क्या बात है कहा और नेहा ने उसे घूर कर देखा

सतीश- अच्छा अच्छा और राघव बाबू कैसे है?

तभी राघव ने नेहा की शर्ट के अंदर हाथ डाल उसके पेट पर अपनी उंगली घुमाने लगा और नेहा की साँसे तेज होने लगी

नेहा- वो.. वो... भी ठीक है

सतीश- क्या हुआ नेहू? तुम ऐसे क्यू बात कर रही हो सब ठीक है ना

नेहा- हा.... हा चाचाजी सब ठीक है चाची कैसी है?

सतीश- हा वो भी अच्छी है, नेहू??

नेहा- जी चाचाजी

सतीश- दामादजी तुम्हारा खयाल तो रखते है ना??

नेहा के चाचा की आवाज मे थोड़ा डर था

नेहा- हा चाचू वो बहुत खयाल रखते है मेरा

नेहा ने स्माइल के साथ कहा और राघव ने उसे देखा

सतीश- चलो अच्छा है फिर, जब वो शादी के बाद अचानक चले गए थे मुझे लगा था वो खुश नहीं है अब तुमसे सुन लिया तसल्ली हो गई

नेहा- मैं बहुत खुश हु चाचू आप बिल्कुल चिंता ना करे

सतीश- बहुत बढ़िया बात है ये तो, बेटा मैं क्या कह रहा था अगर तुम्हें कल समय हो तो एक बार मिलने आ जाओ , बहुत समय हो गया है तुम्हें देखे तुम्हारी चाची और सचिन भी काफी याद कर रहे है तुम्हें

नेहा- मैं जरूर आऊँगी चाचू

सतीश- और हा बेटा अगर दामादजी को फुरसत मिले तो उन्हे भी लाना, तुम दोनों कभी साथ नहीं आए हो

नेहा- मैं पूछ लेती हु उनसे

सतीश- ठीक है फिर मिलते है कल, अपना खयाल रखना

नेहा- जी चाचू, बाय

जिसके बाद नेहा ने फोन रख दिया और फोन रखते ही राघव उसके पास लपका

राघव- तो... क्या बाते हुई??

नेहा- कुछ नहीं चाचू ने हमे मिलने बुलाया है बहुत टाइम हो गया ना उनसे मिले

राघव- हमे??

नेहा- हा, हम कभी वहा साथ नहीं गए ना तो वो चाहते है के हम साथ आए

राघव- ठीक है कल शाम मे चले चलेंगे

नेहा- मुझे उनके साथ थोड़ा समय बिताना है शाम मे जाने पर कैसे होगा

राघव- और काम का क्या ??

नेहा- मैं कोई जॉब थोड़ी कर रही हु मैं छुट्टी ले सकती हु

नेहा ने राघव के टीशर्ट से खेलते हुए कहा

राघव- लेकिन मैं नहीं ले सकता

नेहा- प्लीज 🥺

राघव- ओके ऐसा करते है मैं सुबह तुम्हें ड्रॉप कर दूंगा और शाम को पिक कर लूँगा

नेहा- मुझे वहा कुछ दिन रहना है

राघव- बिल्कुल नहीं!!!

राघव ने एकदम से बेड पे सीधा बैठते हुए कहा

नेहा- क्यू??

राघव- क्या क्यू? मैं तुम्हें वहा नहीं छोड़ सकता वैसे भी तुम कल वहा पूरा दिन बिताओगी ही

नेहा- वो फॅमिली है मेरी

राघव- और मैं हज़बन्ड हु तुम्हारा

नेहा- और मैं आपही के साथ तो हु आप मुझे कुछ दिन वहा रहने नहीं दे सकते

राघव- तुम्हें जो सोचना है सोचो तुम वहा नहीं रहोगी

राघव ने जिद्दी बनते हुए कहा

नेहा- लेकिन मेरी फॅमिली का तो सोचिए

राघव- और तुम मेरे बारे मे तो सोचो

नेहा- तो आप भी मेरे साथ वहा रुक जाइए

राघव- नहीं

नेहा- तो मुझे तो रहने दीजिए ना

नेहा ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा

राघव- कुछ दिन बहुत होते है

नेहा- लेकिन फॅमिली है वो मेरी वो भी आपसे पहले

राघव- हा लेकिन

नेहा- राघव प्लीज....

नेहा ने प्यार भारी आवाज मे कहा और यहा राघव बाबू पिघल गए

राघव- ठीक है जाओ

राघव ने बेड पर से उठते हुए कहा और बाथरूम मे चला गया वही नेहा बस उसे जाते हुए देखने लगी कुछ देर बाद राघव आया और बेड पर नेहा के उलटी तरफ मुह करके सो गया

नेहा ने राघव को पीछे से गले लगाया और उसके कान मे बोली

नेहा- बस 2-3 दिन

और राघव के गाल को चूम लिया फिर कुछ पल राघव के रिप्लाइ का इंतजार किया और जब रिप्लाइ नहीं मिला तो उसने अपना हाथ निकालना चाहा लेकिन राघव ने उसका हाथ पकड़ा और उसकी ओर घूम गया

राघव- बस 1 दिन

राघव की बात पर नेहा मुस्कुराई और वो दोनों फिर नींद के आगोश मे समा गए एक दूसरे की बाहों मे

ये सच था के उनके रिश्ते को सवरने मे समय लगा था लेकिन अब वो समय सार्थ हो रहा था छोटे छोटे कदमों से उनका रिश्ता मजबूत हो रहा था......

क्रमश:
nice and beautiful update
 

Jos Jerrin

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Update 17



‘अब कैसे समझाऊ भाभी को, ये भाई भी सुनने को तयार ही नहीं है, यार क्या करने चले थे और क्या हो गया लगा था सब ठीक कर देंगे लेकिन ये अलग रायता फैल गया अब कैसे समेटु इसको... शायद मैं जानता हु भाई ऐसा बिहेव क्यू कर रहा है, मुझे लगा था भाई वो सब भूल गया होगा लेकिन नही उसकी गाड़ी अब भी वहा अटकी है, लगता है अब भाभी को सब सच बताना ही पड़ेगा उन्हे सब कुछ जानने का अधिकार है।

शेखर ने अपनी सोच मे गुम राघव के कैबिन का दरवाजा खोला तो सामने खड़े शक्स को देख वो थोड़ा चौका, उसके सामने राघव का सबसे अच्छा दोस्त विशाल खड़ा था और विशाल को देख के साफ पता चल रहा था के उसे अभी अभी हुई घटना की पूरी खबर है और वो काफी कन्फ्यूज स्टेट मे था.

शेखर - विशाल भाई आप?

विशाल का नाम सुन के राघव अपने केबिन से बाहर आया और शेखर राघव के वहा आता देख बगैर कुछ बोले वहा से निकल गया।

कुछ समय बाद

शेखर- भाभी प्लीज एक बार दरवाजा खोल के बस एक बार हमारी बात तो सुन लिजीए

वो लोग पिछले 10 मिनट से दरवाजा खटखटा रहे थे लेकिन नेहा कोई जवाब नहीं दे रही थी, नेहा ने घर पहुच कर अपने आप को कमरे मे बंद कर लिया था और घर के बाकी लोगों को इसकी खबर भी नहीं थी क्युकी घर मे इस वक्त कोई था ही नहीं

श्वेता- भाभी प्लीज दरवाजा खोलो

शेखर- भाभी सॉरी हम आपको हर्ट नहीं करना चाहते थे हमे नहीं पता था ऐसा कुछ होगा प्लीज दरवाजा खोलो भाभी आगे से ऐसा नहीं होगा

लेकिन जब अंदर से कोई जवाब नहीं आया तब वो लोग थक के चुप हो गए, शेखर और श्वेता वहा से जा ही रहे थे के उन्हे दरवाजा खुलने का आवाज आया लेकिन नेहा बाहर नहीं आई

शेखर और श्वेता ने एकदूसरे को देखा और रूम मे चले गए तो उन्होंने देखा के नेहा बेड पर बैठी थी, उसके चेहरे पर अब भी आँसुओ के निशान थे और वो खयालों मे खोई हुई थी

शेखर जाकर नेहा के बाजू मे उसका हाथ पकड़ कर बैठ गया और श्वेता उसके बाजू मे बेड पर जा बैठी

शेखर- भाभी..

शेखर ने धीमे से कहा

नेहा- मैं क्या इतनी बुरी हु शेखर के तुम्हारे भाई मेरी ओर देखते भी नहीं ?

शेखर- नहीं! आप... आप बेस्ट हो भाभी

नेहा- मैं थक गई हु अब चीज़े छुपाते हुए, हमारे बारे मे सबसे झूठ कहते हुए तुम्हें कुछ नहीं पता है

श्वेता- हम जानते है भाभी दादू से सब बताया है हमे।

श्वेता की बात से नेहा थोड़ी शॉक हुई लेकिन कुछ बोली नही

शेखर- हा भाभी हम सब जानते है और भाई की तरफ से मैं आपसे माफी मांगना चाहता हु

नेहा- तुम लोग क्यू सॉरी कह रहे है तुम्हारी कहा गलती है गलती तो उनकी है, पता है मैं उनसे कुछ नहीं कह पाती हु कोई बात शेयर नहीं कर सकती हु जानते हो क्यू? क्युकी भले ही हम शादी शुदा है लेकिन है अजनबी ही, उन्हे ये समझना चाहिए के मैं पत्नी हु उनकी वो अब एक बैचलर नहीं है ऐसा नहीं है के मैं उनकी फ्रीडम छीनना चाहती हु मुझे बस वो चाहिए, मुझे मेरी जिंदगी मे वो मेरे पति बनकर चाहिए ना की कोई अजनबी, जानते हो उन्होंने दादू से हमारी शादी की रात क्या कहा था.. ‘आपके कहने पर मैंने शादी कर ली और इस घर को बहु दे दी लेकिन मुझे अभी पत्नी नहीं चाहिए इसीलिए मुझसे कोई उम्मीद मत रखिएगा’ अरे वो तो पहली ही रात बाहर चले गए थे

नेहा की बात से शेखर और श्वेता दोनों शॉक थे

नेहा- मुझे भी बाकी कपल्स जैसा रहना है लेकिन मैं तो उनसे बात भी नहीं कर सकती क्युकी उन्हे ये पसंद नहीं आएगा, मैं थक गई हु उन्हे क्या पसंद आएगा क्या नहीं सोचते सोचते, हमेशा मैं ही कोशिश करू इस रिश्ते को सुधारने की? अब थक चुकी हु मैं मुझसे और नही होता।

नेहा बोलते बोलते रोने लागि और श्वेता उसकी पीठ सहला कर उसे शांत करवा रही थी वही शेखर चिंता मे नेहा को देख रहा था उसने नेहा को कभी ऐसे नहीं देखा था वो नहीं जानता था के नेहा हमेशा झूठी मुस्कान लिए रहती थी।

नेहा- हमेशा ऐसा क्यू है के मुझे ही उन्हे समझना पड़ेगा वो कभी मुझे क्यू नहीं समझ सकते? वो तो ऐसे बिहेव करते है जैसे मैं हु ही ना कहने को तो हम लाइफ शेयर कर रहे है लेकिन हम एक बेड भी शेयर नहीं करते क्युकी उन्हे अच्छा नहीं लगेगा, हमेशा सब वैसा ही होता है जैसा उन्हे चाहिए लेकिन मेरा क्या? लेकिन अब बस बहुत हो गया

नेहा रोए जा रही थी, आज वो सारी बाते बाहर निकालना चाहती थी और नेहा की बाते सुन कर शेखर की आँखों से एक आँसू निकला जिसे पोंछ कर वो बोला

शेखर- भाभी आपको कुछ बताना है मुझे, वो जिसे आपको जानने का पूरा हक है, मैं नहीं जानता मैं ये सही कर रहा हु या नहीं लेकिन मैं ये जानता हु के जो मैं आपको बताने जा रहा हु वो भाई को आपको बताना चाहिए लेकिन अब बस हो गया क्युकी मुझे नहीं लगता भाई आपको कभी वो बात बताएगा

नेहा ने उतरे चेहरे के साथ शेखर को देखा, उसकी आँखों मे अब भी आसू थे

शेखर- श्वेता मुझे बस भाभी के बात करनी है

और शेखर ने इशारे से श्वेता को वहा से जाने के लिए कहा श्वेता भी उसका इशारा समझ के वहा से चली गई

नेहा- कहना क्या चाहते हो तुम शेखर

शेखर- भाई के पास्ट के बारे मे आपको जानना चाहिए भाभी आप सभी जिस राघव को जानते है वो इससे बिल्कुल अलग है, ये गुस्से वाला, बाते काम करने वाला किसी पे भरोसा ना करने वाला मेरा भाई हमेशा ऐसा नहीं था इन सब के पीछे कुछ रीज़न है की वो ऐसा क्यू है

नेहा- तो बताओ वो ऐसे क्यू है

शेखर- उसके साथ कुछ हुआ है भाभी जिसने उसे ऐसा बना दिया है........
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(अभी नहीं बताऊँगा :D )


राघव के पास्ट के बारे मे सुनकर नेहा शॉक थी वो ये सब बाते नहीं जानती थी और अब उसे अपने बर्ताव पर पछतावा हो रहा था

शेखर- मैं जानता हु मैं ये बात कह कर स्वार्थी बन रहा हु लेकिन मेरे भाई को आपकी जरूरत है भाभी, मैं ये नहीं कह रहा हु के आप अपने आप को बदल दो लेकिन बस एक और बार इस रिश्ते को एक मौका दे दो, मैं जानता हु आप मेरे भाई को बदल देंगी, मेरे भाई को छोड़ के मत जाना भाभी

शेखर ने नेहा के सामने हाथ जोड़ते हुए कहा

नेहा- मुझे नहीं पता था उन्होंने इतना सब सहा है और मैं बस उनके स्वभाव की शिकायत करे जा रही थी

नेहा अब और ज्यादा रोने लागि

शेखर- मेरा भाई ऊपर से चाहे जितना टफ बन ले भाभी अंदर से वो बस एक बच्चा है जिसे हमने उस घटना मे खो दिया, भाभी बस आप ही वो हो जो उस पुराने राघव को वापिस ला सकती हो, वो कभी किसी से कुछ कहता नहीं है जो मिल जाए उसी मे खुश रहेगा वो, बगैर बात के नतीजे पर पहुच जाता है, उसे भले ही बिजनस की अच्छी समझ हो लेकिन रिश्ते निभाने के मामले मे बहुत कच्चा है वो, उसे आपकी जरूरत है भाभी और मैं जानता हु के आपने उसके पास जाने की कोशिश की तो वो रोकेगा नहीं आपको क्युकी उसे कोई ऐसा चाहिए जो उसकी केयर करे सिर्फ उसकी, जो उसे प्यार करे, कोई भी इंसान अपने पेरेंट्स से भाई बहनों से, दोस्तों से सब शेयर नहीं कर सकता उसे कोई ऐसा चाहिए जो इन सब को समझे

शेखर- वो बस आपसे इसीलिए दूर भाग रहा है क्युकी वो डरता है, वो ईमोशनली इसीलिए कनेक्ट नहीं कर पाता, उसे रिश्ते जोड़ने से डर लगता है, दादू ने कहा था उसमे थोड़ा समय मांगा है इस रिश्ते को आगे बढ़ाने लेकिन सच तो ये है के वो अपने आप को आपके लिए तयार कर रहा है, वो बताता नहीं है पर उसे चिंता है आपकी, बस उसे ये सब जताना नहीं आता बस आप उससे दूर मत जाइए।

नेहा- ऐसा सोचना भी मत के मैं उनसे दूर जाऊँगी, मुझे बस ये सब पता नहीं था लेकिन अब सब जानने के बात मैं पीछे नहीं हटने वाली, मुझे बस उनका भरोसा जितना है जो मै जीत के रहूँगी

नेहा ने अपने आँसू पोंछते हुए कहा जिसपर शेखर ने भी हा मे गर्दन हिला दी और कमरे से बाहर चल आया और नेहा सोचने लगी

‘मैंने इन्हे कैसे समझ नहीं पाई? वो पहले ही बहुत सह चुके है और उन्हे सपोर्ट करने के बजाय मैं उन्हे ही भला बुरा कह रही थी, वो बस उस बात को मन मे लिए बैठे है और मैंने भी इस बारे मे सही से कोशिश नहीं की, उन्होंने कभी बात करने की कोशिश नहीं की तो मैंने भी कभी कोई ज्यादा इंटेरेस्ट नहीं दिखाया और यही मेरी गलती थी।

मैं पत्नी हु उनकी और मुझे उनके ऐसे बर्ताव के पीछे का रीज़न जानना चाहिए था लेकिन मैं तो खुद ही बेचारी बनी बैठी रही
अगर सब ऐसे ही चलता रहा तो हमारा रिश्ता कभी नहीं सुधर पाएगा, हमने कभी बात करने चीजे सुलझाने की कोशिश ही नहीं की लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, ये आदत किसी को तो बदलनी पड़ेगी और वो मैं करूंगी

अब इन्हे एक नई नेहा मिलेगी...'



क्रमश:
we also wants to know about raghav's past, tell us too we also want to sympathies
 

Jos Jerrin

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Update 18




(नोट - इस भाग में राघव और विशाल की बात चीत के कुछ अंश हो सकता है आपको समझ में ना आए क्युकी वो राघव के पास्ट से जुड़े हुए है जो कि आपको जल्द ही पता चलेगा)

दूसरी तरफ ऑफिस में शेखर के जाते ही विशाल राघव के केबिन में आया और उसने आते साथ ही राघव पर सवालों को बरसात कर दी।

विशाल - ये क्या था भाई कौन गई ये रोते हुए?

(असल में विशाल राघव की शादी में नही था तो वो नेहा को नही जानता था हा इतना जानता था के उसका दोस्त बैच्लर नहीं रहा अब लेकिन उसने नेहा को नहीं देखा था और जब बंदे का खुद का शादी मे कोई इंटेरेस्ट नहीं था तो उसमे विशाल को भी शादी कब हुई कैसे हुए बताया नहीं था जिससे विशाल उससे काफी नाराज भी हुआ था)

राघव - तू वो सब बाते छोड़ और बता आया कब तू?

विशाल - बस सुबह ही आया हु, अपना बिजनेस यहा भारत में मूव कर रहा हु तो उसी काम से आया था और बस सारे काम निपटा कर आ रहा हु रात को वापसी को फ्लाइट है लेकिन तेरी जिंदगी में क्या चल रहा ये क्या रायता फैला लिया भाई केबिन ? और बता शादी के बाद कैसी चल रही जिंदगी? भोसडीके शादी मे तो बुलाया नहीं तूने चल का भी बुलाया तारीख ही बात देता मैं बिन बुलाए ही आ जाता

राघव- फिर वही गाना...

विशाल- भाई जब तक तू दुनिया नहीं छोड़ जाता तब तक सुनना पड़ेगा तुझे ये, बाकी बात क्या चल रहा तेरे जिंदगी मे

राघव - बस ठीक है लेकिन तू बता अचानक इंडिया वापिस आना लंदन से मन भर गया क्या?

और इसके बाद राघव ने जो टॉपिक चेंज किया उसने विशाल को वापिस नेहा वाले मुद्दे पर आने ही नही दिया लेकिन अपने पहुंचते ही अपने दोस्त के केबिन से एक लड़की रोते हुए निकली उसके पीछे उसको रोकने दूसरी लड़की निकली उसके पीछे दोस्त का भाई निकला ये बात विशाल को हजम ही नही हो रही थी और आखिर में बातो बातो में रात हो चुकी थी, वो दोनो अब भी राघव के केबिन में बैठे थे और अब वहा व्हिस्की की बोतल खुल चुकी थी और बातो बातो में विशाल ने राघव से उसके और नेहा के बारे में सारी बाते जान ली थी और जैसे ही उसे पता चला के वो नेहा थी जो रोते हुए गई थी वो तो राघव पर भड़क गया।

विशाल - अबे तू आदमी है के ढक्कन है बे!! साले तेरी बीवी तेरे ऑफिस में तेरे केबिन से रोते हुए गई और तु तब से यहां मेरे साथ बैठा बकैती कर रहा, तू उठ अभी के अभी और पहले भाभी के पास जा

राघव - अरे छोड़ ना भाई ये बात तू इतने दिनो बाद आया है कहा मेरे झलेमे लेके बैठ गया और वैसे भी हम दोनो के बीच ऐसा कुछ नही है और रही बात नेहा की तो ठीक हो जाएगी।

राघव ने बिंदास होकर कहा जैसे कुछ हुआ ही ना हो लेकिन विशाल के बात थोड़ी थोड़ी समझ आ गई थी

विशाल - तू अब भी इस शादी से भाग रहा है ना?

राघव ने विशाल की बात का कोई जवाब नही दिया

विशाल - तू अब भी उसे वाकये नही भुला है, है ना?

राघव जो अपने हाथ में ड्रिंक का ग्लास लिए अब तक चुप था उसने चौक के विशाल को देखा और उसको उसका जवाब मिल गया

विशाल - ब्रो कम ऑन मैन, इतना सब होने के बाद भी अब भी तू उसी में उलझा हुआ है?

राघव अब भी कुछ नही बोला वो बस अपनी जगह से उठा और उसके केबिन में बनी विंडो के सामने जाकर खड़ा हो गया जहा से पूरा शहर दिखता था, उसके हाथ में उसने व्हिस्की का ग्लास पकड़ा हुआ था

विशाल - अब कुछ बोलेगा भी या यू ही चुप रहेगा और तूने सोचा है इसका तेरी लाइफ पे क्या असर पड़ेगा, भाई तेरी शादी हो चुकी है ये मत भूल तू और वैसे भी वो समय बीत चुका है वापिस नही आयेगा

राघव - जानता हु, जानता हु के वो समय वापिस नही आयेगा और मैं भी आगे बढ़ना चाहता हु भाई, तुझे क्या लगता है मैने कोशिश नही की लेकिन मुझसे नही हो रहा भाई, जब भी अपने और नेहा के बारे में, हमारे रिश्ते को सुधारने के बारे में सोचता हु दिमाग में वही पुरानी यादें उमड़ आती है और मेरे कदम रुक जाते है।

विशाल - तो फिर क्या तू कभी कोशिश ही नही करेगा? और भाभी का क्या उनका सोचा है? वो दोपहर में यहां से रोते हुए गई है और तु है के तुझे फर्क ही नहीं पड़ा, ऐसे संभालेगा ये नया रिश्ता

राघव - तू भी दादू की तरह बाते मत करने लग बे

विशाल - क्यू ना करू जब मुझे दिख रहा है मेरा दोस्त अपनी जिंदगी को गड्ढे में लेके जा रहा है और मैं उसे रोकू भी ना? राघव तू बिजनेस के मामले में अच्छा होगा लेकिन रिश्तों के मामले में तू बहुत कच्चा है

विशाल बोले जा रहा था और राघव सुन रहा था

राघव - मैं मिला हूं उससे।

राघव का हाथ उसके ग्लास पे कस गया और उसने एक घुट में उसे खाली कर दिया वही विशाल उसकी बात सुन के चुप हो गया

विशाल - कब?

राघव - लंदन में, जब मैं यहां वापिस आ रहा था, मैं चाहता था इस शादी को अपनाना, तुझे याद है हमारी इस बारे में बात भी हुई थी?

( अपनी शादी के दिन राघव दो महीनों के लिए लंदन के लिए निकल गया था तो वो वहा विशाल के पास ही था और ऐसे निकल आने के लिए तब भी विशाल ने उसे बहुत कुछ सुनाया था)

विशाल - वैसे तो तू सब बात बताता है मुझे और ये बता क्यू नही बताई

राघव - छोड़ ना क्या फर्क पड़ता है बस इतना जान के ले वो इंडिया में है अभी

बोलते बोलते राघव को हल्का गुस्सा आ रहा था उसने अपने दात भींच लिए और विशाल उसके पास आया और उसके कंधे पर हाथ रख कर बोला

विशाल - राघव मैं जानता हु के तेरा गुस्सा जायज है और होना भी चाहिए, तू तो उससे मिल के शांत है मैं होता तो जान ले लेता उसकी लेकिन भाई ये भी तो सोच के इस सब में भाभी की कहा गलती है, अरे उन्हे तो कुछ पता भी नही है

राघव - जानता हु भाई लेकिन क्या करू, जब तक उससे सारे जवाब ना मांग लू मुझे चैन नहीं आयेगा।

विशाल - देख जिंदगी तेरी है और इसके सारे डिसीजन भी तेरे होने चाहिए लेकिन मैं फिर भी इतना ही कहूंगा के इन सब बातो को कुछ समय के लिए साइड कर दे कही ऐसा ना हो के पास्ट के चक्कर में तू प्रेजेंट गवा बैठे

राघव को भी कही न कही विशाल की बता समझ आ रही थी

विशाल - उससे निपटने के लिए बाद में भी समय मिल जायेगा भाई लेकिन अगर भाभी चली गई तो सोच दादू को, अपने परिवार को क्या कहेगा? और सबसे बड़ी बात अपने आप को क्या जवाब देगा, देख जितना मैं तुझे जानता हु उतना कोई नही जानता इसीलिए मुझे पता है भाभी को तकलीफ देके तुझे भी अच्छा नहीं लगेगा लेकिन जाने अनजाने तू उन्हे बहुत तकलीफ दे चुका है इसीलिए बेहतर यही होगा के तू अब घर जा और जो कुछ हुआ है दोपहर में उसके बारे में भाभी से बात कर और कोशिश कर अपने रिश्ते को संवारने की बाकी रही बात उसकी तो मैं आ रहा ही कुछ ही दिनों में मिल के देखेंगे उसे।

विशाल की बात सुन राघव मुस्कुराया एक यही तो दोस्त था उसका जो उसकी हर बात के उसके साथ था उसे जानने वाला उसे समझने वाला।

राघव - नेहा सबसे अलग है भाई, तुझे पता है जितना मैं दूर जाने की सोचता हु ना उतना हो वो आजकल मुझे अपने पास खींच रही है

विशाल - और तु फिर भी पुरानी बातो को मन में दबाए आने वाली नई खुशियों को रोक रहा है! अच्छा चल ठीक है पति पत्नी ना सही पहले दोस्त तो बनो एकदूसरे के दोस्ती से शुरुवात कर देख के दोस्ती कहा तक जाती है

विशाल की बात राघव को जम गई उसकी बात में प्वाइंट था

राघव - हा यार ये सही कहा तूने, किसी भी चीज की शुरुवात दोस्ती से करना सही है

विशाल - मैने बोला था ना तू बिजनेस में भले ही मास्टर है लेकिन रिश्तों के मामले में गधा है

राघव - तू एक और बार गधा बोल मुझे फिर देख मैं कैसे तेरे दात गायब करता हु

विशाल - जा बे बॉक्सिंग चैंपियन हु मै हाथ भी नही लगा पाएगा तू, अच्छा वो छोड़ मैं निकलता हु अब, मेरी फ्लाइट का टाइम हो रहा है तू बाकी सब कुछ भूल जा अभी और जितना मैने बोला है उतना सोच बाकी बाते मेरे आने के बाद देखेंगे अभी खाली भाभी पे फोकस कर तू चल बाय...

राघव - हम्म्

जिसके बाद विशाल तो वहा से चला गया और राघव वही बैठा विशाल से हुई बातचीत के बारे में सोचने लगा

क्या लगता है कुछ फर्क पड़ेगा इनके रिश्ते में?

क्रमश:
I don't think raghav will follow vishal's advice
 
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