मामा - भांजी एक ही थाली के चट्टे बट्टे थे । मामा के मन मे फिर भी कुछ समय के लिए ऊंच-नीच का ख्याल आता था पर भांजी बिल्कुल ही कलयुग की मॉडर्न ख्यालात की फुलझड़ी निकली । मौके पर चौके मारने से कोई भी नही चुका ।
पर सबसे अधिक आश्चर्यचकित किया भांजी की अम्मा ने । यह मैडम तो इनके कालेज की प्रिसिंपल निकली । लगता है इन्होने भी जवानी मे काफी गुल खिलाया है !
पहला अध्याय मुकम्मल होने के बाद दूसरा अध्याय कहीं इन्हीं दोनो भाई बहन पर तो नही ?
आउटस्टैंडिंग अपडेट माणिक भाई ।