Virgo mind
New Member
- 51
- 11
- 9
Any updateNamshkar, mera naam vegeta hai,me ek kahani likh raha hu ,ye ek kalpnik kahani hai,
Ye 2-3 kahani se inspire hoke likh raha hu,
ye jyada softcore story hogi,hardcore kam rahegi.asha karta hu aapko pasand aayegi,
Kahani shuru hoti hai aaj se 25 saal pele ek gaav me jaha sab log miljulkar rehte hai,usme ek ghar hai birjuchacha ka,uske parivaar me hai sirf ek lauta beta nirav jo ** saal ka hai,nirav ki maa ka haal hi me dehant hua tha,jis vajah se parivaar me bahut bada dukh pahochta hai,
Lekin tabhi uski is dukh bhari ghadi me sahara bante hai birjuchacha ke dost aur nirav ke dost ke pitaji aur uska parivaar, uske parivaar me the 4 member
1 balwant chacha(jise hum aage chacha kahenge)
2 balwant chacha ki biwi
3 balwant chacha ka beta samir
4 balwant chacha ki beti
Birju chacha ki aarhik stithi thodi kharab thi iski vajah se nirav ke padhne likhne aur khane pine ka jimma balwant chacha ne uthaya,
Usne bina bhedbhav ke tino bacho ko ache se padha likha kar kaabil banaya.
Dekhte hi dekhte 25 saal guzar gaye,chacha ne apne bete ki sadi ek ache gharane ki ladki se ki,aur uski beti ki sadi ek nri ladke ke sath karwayi,jo london rehte hai,
Chacha ka beta samir america me bahot badi compny me uchi post par hai uski sadi abhi 3 saal hogaye the,uski biwi navya jo ki 27 saal ki hai,par abhi tak unko baccha nahi ho raha tha,kafi treatment ke baad bhi koi positive news nahi aa rahi thi,
Iski vajah se samir ki maa ne mannat mangi thi,aur 2 mahine me khush khabri mili jiski vajah se wo aur chacha apne bete aur bahu ke sath mannat puri karne jaenge
Lekin kishmat ko kuch aur hi manjur tha, wo log car se mannat puri karne rajsthan jaa rahe the ki raste me hi unki car ka bahut bura accident hota hai jisme chacha ke alawa sab ki maut ho jaati hai,chacha bahut gambhir rup se ghayal hote he uske ek hath aur paav me cracked aa jati hai aur wo 1 month ke liye hospital me rehte hai,
Jab we hospital me the tab uska khayal birjuchacha, nirav aur nirav patni ne rakha tha aur hospital ka sara kharcha bhi nirav ne diya tha,chacha ke parivar ka antim sanskar uski beti,damad aur nirav ne kiya tha,1 mahine baad jab chacha ki beti use uske sath london aane ko kaheti hai to nirav use mana kar deta hai,kyoki wo use apna baba manta tha,aur doctor ne bhi use family wale mahol me rehne ki advise di thi,jis se wo jaldi thik ho jaye.
Wo use apne ghar lata hai jo ki 2 bhk ka flat hai,10-15 din tak birju waha rukta hai aur badme wo apni aur balwant chacha ke khet sabhalne ke liye chala jata hai,par jaate waqt wo nirav aur uski biwi ko kaheta hai ki wo balwant ke ahesan ko yaad karo jiski wajah se hum abhi itne sukhi hai,
Ab hamari baari ahesan chukane ka, tum usko khush rakhna aur use parivar ki kami mehsus naa ho,itna kehkar wo gaav aa jata hai,
Asli kahani suru hogi ab aage.....
Mast he bhai pleae next updateUpdate 5
चाचा शालिनी को देखे ही जा रहे थे
शालिनी का वो पसीने से भिगा बदन देखकर चाचा की नजर नहीं हट रही थी,शालिनी चेहरा पूछते हुए
शालिनी : चाचाजी कैसा लगा मेरा डांस ?ठीक से तो किया ना?कोई भूल हो तो बता देना ,
चाचाजी: कुछ देर तक शांत रहकर....तुम्हारा नृत्य बहोत ही अच्छा था ,एकदम ग़ज़ब ,बहुत दिनों बाद एसा नृत्य देखा कि दिल खुश हो गया ,बहोत बढ़िया था. मे तो बीच से ही टीवी देखना भूल गया था ,सिर्फ तुम्हें ही देख रहा था .
शालिनी : आप कुछ ज्यादा ही बोल रहे है ,इतना भी अच्छा नहीं होगा ,आप मेरा दिल रखने के लिए बोल रहे है
चाचाजी : नहीं मे सच बोल रहा हू, मुन्ने की कसम .
शालिनी : सच मे इतना अच्छा था? फिर भी कोई सुधार या सुझाव तो दीजिए जो आपको लगा हो
चाचाजी : वेसे तो 2 बाते है लेकिन तुम्हें ये थोड़ा अजीब लग सकता है,
शालिनी : बोलिए ना हो सकता होगा तो मे जरूर करूंगी
चाचाजी: 1)तुम सिर्फ हिन्दी की बजाय दूसरी भारतीय भाषा के गाने पर भी नृत्य करो,तुम्हारी मातृ भाषा के गानों से तुम जल्दी जुड़ेगी, उससे तुम और अच्छे से नृत्य कर सकोगी,,
2) जैसे अभिनय मे अभिनय के साथ-साथ उस किरदार की वेषभूषा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है,तुम भी अगर जिस गाने मे नृत्य करने वाली हो उस नृत्यांगना की वेषभूषा से मिलता जुलता कुछ पहनो तो तुम और दर्शक उस अभिनय से ज्यादा जुड़ेंगे
शालिनी : धन्यवाद चाचाजी मे आप की इस सुझाव का जरूर मानेगी, हो सके तो आप मुजे कोई गाना बताए जो मेरे कसरत और मेरे नाच दोनों मे फिट हो ,
चाचाजी : तुम्हें कैसा गाना चाहिए?
शालिनी : जिसमें कमर और पेट का ज्यादा योगदान हो,कोई आइटम सोंग जेसा होगा तो चलेगा,
चाचाजी : ठीक है कोई याद आएगा तो बताएगा,अभी तुम आराम करो.
शालिनी बाथरूम में जाके दरवाजा बंध करके फ्रेश होतीं हैं, फ़िर रूम मे आके अपने कपड़े बदलती है ,अभी वो हल्के फुल्के कपड़े पहनते है,
फिर वो नील को जगाकर उसे अपना मीठा दूध पिलाने लगती है,अभी उसकी दवाइयां का असर होने लगा था,उसके सुडोल और गोरे स्तनों मे दूध का बहाव बढ़ गया था ,अब उसके स्तन पहेले से ज्यादा दुध बना रहे थे,दुध पिलाने के बाद वो खाना बनाने चली जाती है तभी नीरव कॉल आता है ,शालिनी उसे सब बताती है कि केसे आज उसने चाचा के सामने डांस किया और चाचा को भी अच्छा लगा
नीरव : अच्छा ! चलो चाचा को एक बात से तो खुशी हुई ,तुम उसे खुश रखो इस से वो अपना ग़म भूल जाएगे, और खुश रहेगे तो जल्दी ठीक हो जायेगे, उसको मनपसंद खाना बना के दो ,नील के साथ खेलने दो ,उसे जिस मे मन लगता हो वो करने दो ,
शालिनी : हाँ सही कहा तुमने ,अभी तो चाचाजी बहुत खुश है और मे उसे खुश रखने की कोशिश करूंगी,
फिर वो फोन रख के खाना बनती है ,फिर वो दोनों साथ मे खाना खाके चाचा को अपने रूम मे छोड़ आती है,फिर वो किचन का काम खत्म कर के रूम मे आती है,देखती है चाचाजी नील के साथ खेल रहे थे और नील से कहते है कि " तुम बहुत भाग्यशाली हो जो तुम्हें शालिनी जेसी माँ मिली है,वो तुम्हारा बहोत ख्याल रखेगी ,और तुम्हें अच्छी परवरिश करेगी,और तुम्हारी गलती होगी तो वो तुम्हें प्यार से डाट भी देगी ,कल मुझे केसे डाट दिया था वैसे ,तब तो मुझे भी बहुत अच्छा लगा था,जैसे मे उनका बड़ा बेटा हू ।
शालिनी ये सब दरवाजे पर खड़ी खड़ी सुनती है,और वो मुस्करा देती है,फिर वो अंदर आकर नील को गोदी मे ले लेती है,फिर वो उसे चाचा की और पीठ करके दुध पिलाने लगती है ,दुध पिलाने के बाद वो चाचा और नील के बीच मे सो जाती है ,उसका टॉप खुला खुला होने के वज़ह से सोने के समय उसके पर्वत के समान उन्नत स्तन जिस मे से दुध की नदी बहती है,जिस से उसका बेटा पिया था ,(लेकिन इस बार दुध थोड़ा सायद बच गया था क्योंकि छोटी सी जान कितना दुध पियेगा ,)वो स्तन काफी झलक रहे थे उसके अंदर पहने ब्रा भी दिखाई दे रही थी ,फिर चाचा शालिनी की और पीठ करके सो गए ,लेकिन जब चाचा पूरी तरह नींद मे थे तब फिर से उसका एक हाथ शालिनी के पेट के ऊपर चला गया , शालिनी की नींद खुलती है लेकिन वो चाचा को और शर्मिंदा नहीं करवाना चाहती थी,इस लिए वो इसे ही सो गई ,वो सोचती है कि अब मुझे इसकी आदत डालनी होगी और चाचा का हाथ -पैर का स्पर्श होना सामन्य समझना होगा ,यही सही रहेगा,
शालिनी सो जाती है ,तभी चाचाजी का पैर फिर से शालिनी के पैर पर चाला जाता है ,इस बार चाचाजी की नींद खुलती है और वो तुरत अपना हाथ और पैर शालिनी के ऊपर से ले लेते है ,फिर वो शालिनी की और पीठ करके सो जाते है,फिर शाम के 5 : 30 बजे शालिनी की नींद खुलती है तो देखती है चाचाजी का एक हाथ फिर से उसके ऊपर है ,अभी उसको चाय नाश्ता बनाना था तो वो धीरे से चाचाजी का हाथ को अपने गोरे पेट से उठाकर बेड पर सेट करती है लेकिन इस बार चाचाजी जग जाते है, और वो शालिनी को ये सब करते देखते है,
चाचाजी : अरे रे....! फिर से , माफ़ करना बेटी .
शालिनी : कोई बात नहीं चाचाजी ,होता है नींद मे ,इस से पहले भी मेने आपसे कहा था ना कि कोई बड़ी बात नहीं,आप ज्यादा मत सोचिए ,ठीक है.
चाचाजी चुप होके नीचे नजर से बेठे रहते है,शालिनी फिर अपना कपड़े सही करके फ्रेश होके नाश्ता बनाने चली जाती हैं, नाश्ता बन जाने के बाद वो चाचाजी को बुलाती है तब चाचाजी हाथ मुँह धोखे नाश्ता करने आते है लेकिन वो चुपचाप नाश्ता करके सोफ़े पर बैठ के टीवी मे समाचारों को देखने लगते है ,शालिनी जब रात के खाने का पूछती है तो वो ठीक से जवाब नहीं दे रहे थे बस टीवी देखे जाँ रहे थे ,शालिनी को समझ आ गया कि दोपहर मे जो हुआ इनसे ये सब हुआ है,चाचाजी कितने अच्छे आदमी है,वर्ना इस ज़माने मे कोई लोग औरत को छुने का मोका नहीं चूकते और वही चाचा को मेने कहा फिर भी वो अपने आप को कसूरवार समझते हैं,
शालिनी से चाचाजी की ये हालत देखी नहीं जाँ रही है,फिर वो कुछ सोचती है ,उसने जो विचार किया था वो बहोत ही बड़ा और असहज था लेकिन वो चाचा की इस हालत मे देख नहीं सकती,फिर भी वो एक बार नीरव से बात करना चाहती थी ,फिर वो टाइम देखती है और नीरव को कॉल करती है,
शालिनी : हैलो नीरव ,कैसे हो?ऑफिस पहुच गए?
(क्योंकि अमेरिका मे दिन होता है.....)
नीरव : नहीं बस निकल ही रहा हू ,बोलो क्या काम है,? कुछ हुआ क्या ?
शालिनी : हा वही बात चाचाजी आज फिर से मायूस हो गए है क्योंकि दोपहर मे उसका पैर फिर से मेरे ऊपर आ गया था ,
नीरव : तुम उसको समझाओ के ये बात को तुम अवॉइड करके नॉर्मल समझ रही हो,
शालिनी : मेने बहुत समझाया पर वो गुमसुम बेठे रहते है,आज मेरे दिमाग में एक विचार आया है अगर तुम सहमती दो तो चाचा नॉर्मल हो सकते है,
नीरव : क्या ?
शालीन उसे अपना सुझाव बताती है ,नीरव एक मिनट के लिए पूरा चौंक जाता है,
नीरव : शालिनी ये तुम क्या कह रही हो?ये केसे हो सकता है ,चाचाजी बिल्कुल नहीं मानेंगे, और सच कहूँ तो मुझे भी सही नहीं लगता ,
शालिनी : तुम सही कह रहे हो पर चाचा बहुत मायूस हो गए है,और मुझसे उसकी ये हालत नहीं देखी जाती,चाचा बहुत अच्छे आदमी है,इतने दिनों के उनके बर्ताव को देखा है इस लिए मे ये सुझाव तुम्हें बता रही हू ,
नीरव : तुम सही कह रही हो कि चाचा अच्छे आदमी है पर ....ठीक है अगर यही रास्ता है तो तुम्हारा मन मान रहा हो और तुम्हें अपने और अपने सुझाव पर विश्वास हो तो तुम प्रयास करो ,लेकिन मुझे हर बात बताना ,कुछ छिपाना नहीं ,और अपना ध्यान रखना,फिर भी सौ बार सोच लेना ठीक है ।
शालिनी : मेने बहुत सोचा,मुझे और कोई रास्ता नजर नहीं आया,अगर तुम्हारे पास कोई और रास्ता हो तो कहो,
नीरव : सोच के .....ठीक है तुम्हें जो सही लगे वो करो ,लेकिन जो भी करना सोच समझ कर करना ,कहीं उल्टा चाचाजी को और ठेस ना पहुचे वर्ना वो और ज्यादा दुखी हो जायेगे तो उसे कुछ भी हो सकता है,
शालिनी : नहीं एसा कुछ नहीं होगा सब अच्छा ही होगा देख लेना
नीरव : ठीक है अपना और सब का ख्याल रखना चलो मे ऑफिस जा रहा हू ,I LOVE YOU,TAKE CARE
शालिनी : OK BYE, LOVE YOU,TAKE CARE
शालिनी फोन रख के हॉल में आती है,चाचाजी को खाना खाने बुलाती है, दोनों खाना खाते है पर चाचाजी कुछ नहीं बोल रहे थे शालिनी उसे जो भी पूछती उसका हा या ना मे जवाब देते ,
शालिनी : आप कब तक अपने आप को कोसते रहोगे ,मेने आप से बोला ही है ना कि आप उस बात को नॉर्मल समझे ,
चाचाजी चुप रहते है और नीचे देख रहे थे .
शालिनी : ठीक है आप की इस परेशानी का इलाज ढूंढ लिया है,आप सहयोग करेगे तो आप को इस परेशानी से मुक्ति मिल सकती है,
चाचाजी : क्या ? तुम सच कह रही हो?मे कुछ भी करूगा इस परेशानी से मुक्ति पाने के लिए,
शालिनी : एसे नहीं आप को वादा करना पड़ेगा मे जो बोलेगी आप वैसे ही करेगे,
चाचाजी : ठीक है वादा
शालिनी ; नील की कसम खाकर बोले कि मे जेसा बोलेगी आप वैसे करेगे
चाचाजी : मुन्ने की कसम बस,तुम बस मुझे इस परेशानी से छुटकारा दिलाए ,मुझे अपने आप से घिन आ रही है,
शालिनी : चलिए पहेले रूम मे जाते है सोने के लिए ,
चाचाजी : तो मे क्या वापिस अपने रूम मे जा सकता हू,
शालिनी : नहीं आप हमारे कमरे मे ही रहेंगे ,
चाचाजी: अभी तो तुमने कहा मेरी तकलीफों से मुक्ति दिलायेगी और तुम मुझे उसी और ले जा रही हो,
शालिनी : आप बहोत बोलते है अब आप चुपचाप रहे और अच्छे बच्चे की तरह मे जो कहु वो सुनिए और करिए बस
शालिनी चाचा को सहारा देके बेड पर सुलाती है फिर वो नील को ले आती है और चाचा की ओर पीठ करके अपना दुध नील को पिलाने लगती है फिर लाइट ऑफ करके नील को सुलाती है,सिर्फ नाइट्स लैम्प चालू था ,फिर वो दोनों के बीच मे आती है और चाचाजी की और मुँह करके लेट जाती है
शालिनी : अब बोलिये ,क्या कह रहे थे अब मे आप के हर सवाल का जवाब दूंगी,
चाचाजी : तुम तो मेरे बगल में सोयी होगी तो fir से रात को मेरा हाथ या पैर तुम्हारे ऊपर चला जाएगा
शालिनी : बात तो आप की सही है पर आज रात कुछ अलग होगा,हर रात नींद मे आपके हाथ-पाव मेरे ऊपर आ जाते है जिस से आप दुखी हो जाते है लेकिन आज से आप पहले से ही एक पैर मेरे पैर के ऊपर रखके सो जाया करना
चाचाजी : ये क्या कह रही हो तुम ? होश मे तो हो?
शालिनी : हा बहुत सोच समझकर बोल रही हू ,अब यही एक रास्ता है,रात को अनजाने मे हाथ पैर मेरे ऊपर आते थे इस लिए आप दुखी हो जाते है लेकिन अब आप पहले से ही मेरी और आप की जानकारी मे ही पैर रख कर सो जाना जिस से आप को दुख नहीं होगा ,और हा शुरुआत मे अजीब लग सकता है पर रोज करने पर नॉर्मल लगेगा ,जैसे कि पहली बार आप की मौजूदगी मे नील को स्तनपान कराने मे मुजे तकलीफ हुई लेकिन अब मुझे नॉर्मल लगता है,
जब आप मेरे और आप के मालूम होते हुए एसे सोयेगे तो आप को इतना ग्लानि नहीं होगी ,धीरे धीरे फिर सामन्य हो जाएगा
चाचाजी : मुझे नहीं लगता एसा ,तुम क्यों अपने आप को इतनी कठिन स्थिति मे डाल रही हो ,मुझे दूसरे कमरे मे जाने दो ,मेरी वज़ह से तुम्हें इतना कुछ करने की जरूरत नहीं है,और नीरव भी इधर नहीं है,
शालिनी : नीरव से मेरी बात हो चुकी है इस बारे मे,उसने कहा कि मुझे सही लगे और आप पर भरोसा हो तो मे एसे सो सकती हू,और मुझे आप पर पूरा भरोसा है,और आपने भी नील की कसम खाई है,आप एक बार मेरे सुझाव को मान के देखिए ,अगर 1 हफ्ते मे आप का दुख कम ना हो तो आप जो बोलेंगे वो मे करूंगी. नील की कसम बस,
चाचाजी : क्या नीरव से तुम्हारी बात हुई इस बारे मे ? पागल....मेरे खातिर क्या बलिदान दे रहा है,इतना तो सायद मेरे बेटा भी नहीं करता
शालिनी : इसमे कोन सा बलिदान ? आप उसके पिताजी से कम थोड़ी है?कोई बेटा अपने पिताजी के दुखी नहीं देख सकता,
चाचाजी : मगर .....
शालिनी : अगर मगर कुछ नहीं, आप ही नील को बता रहे थे ना मेने आपको एक बड़े बेटे की तरह डाट दिया था ,तो अपने छोटी माँ के साथ सोने मे केसी शर्म ? कैसा दुख ? अब आप मेरे बड़े बेटे बनके सो जाए,वर्ना मे डांट दूंगी.
चाचाजी : (हसते हुए ) जी छोटी माँ ,एक ही पल मे बहु मे से मेरी छोटी माँ बन गई ,अब से दो रिश्ता बना दिया.
शालिनी : ठीक है अब सो जाते है,चलिए अभी से आप एक पैर मेरे ऊपर रखिए
चाचा झिझकते हुए एक पैर रखकर सो जाते है,शालिनी भी सो जाती है रात मे चाचाजी का हाथ शालिनी के गोरे चिकने पेट पर चला जाता है ,शालिनी की नींद खुलती है वो चाचा के हाथ के ऊपर अपना हाथ रख देती है अगर चाचा को पता चले तो भी वो ज्यादा मायूस ना हो,सुबह जब शालिनी उठती है तो देखती है चाचा सोये हुए थे उसका एक पैर उसके ऊपर था वो धीरे से उसे हटा के वो खड़ी होके अपने कपड़े सही करके ,वो अपने जीम के कपड़े बदल के हॉल मे आके वीडियो मे देख के योग करती है ,थोड़ी देर बाद उसके रूम का दरवाजा खुलता है वो देखती है चाचा बिना सहारे लंगड़ाते
हुए बाहर आए शालिनी तुरत उसको सहारा देने आती है
चाचाजी: नहीं बेटी अब मुझे इस शारीरिक सहारे की जरूरत नहीं ,तुमने कल जो मानसिक सहारा दिया उसका धन्यवाद ,सायद इस वज़ह से आज मेरे पैर मे काफी दर्द कम हो गया है,
शालिनी : फिर भी चाचाजी 1 -2 दिन ख्याल रखे तो पूरी तरह से ठीक हो जाएगा
चाचाजी : हाँ वो तो तुम मुझसे ज्यादा मेरा ख्याल रख रही हो तो ठीक तो होगा ही ना ! मे तो प्राणयाम और हल्की कसरत करने आया हूं ,
फिर दोनों अपने अपने योगासन करते है चाचा की नजर कई बार शालिनी के लचीले बदन पर चली जाती ,कसा हुआ योग पेंट और एकदम टाइट बिना बांह का टी-शर्ट और पोनी बंधे बाल ,एकदम किसी अभिनेत्री की तरह दिख रही थी ,
योगासन करके दोनों बारी बारी फ्रेश होके शालिनी सुबह का नाश्ता बना रही थी ,फिर दोनों साथ मे नाश्ता करने बैठते है,
शालिनी : चाचाजी कल आपको निंद कैसी आयी?
चाचाजी : सच कहूँ नींद तो बहुत अच्छी आई, पर रात को एक बार नींद खुली तो देखा हाथ तुम्हारे पेट के ऊपर था,और तुम्हारा हाथ मेरे हाथ के ऊपर था,
शालिनी : नींद मे हुआ होगा ज्यादा मत सोचिए
नाश्ता खत्म करके शालिनी नील को बड़े प्यार और अपनी ममता से जगाती है,नील को नहलाने के बाद उसे अपना दुध पिलाती है,फिर उसे लेके वो चाचाजी को देती है फिर वो घर के काम करने लगती है, काम खत्म करके चाचाजी के साथ मिलके नील के साथ खेलने लगती है,थोड़ी देर आराम करके वो नील को सुलाने जाती है ताकि वो अपने नृत्य को खुल के करे,
शालिनी : लाइए चाचाजी नील को सुला देती हू ,फिर हम नृत्य का आनंद लेगे,तब तक आप कोई गाना सोच के बताये मे आज वो नृत्य करूंगी,
शालिनी के जाने के बाद चाचाजी सोच ने लगते है फिर वो दो गाने सोचते है,शालिनी 10 15 मिनट बाद आती है
शालिनी : सोचा कुछ चाचाजी?
शालिनी : बताए कौनसा गाना है?
चाचाजी : 1) माधुरी का चोली के पिछे क्या है?
2) शोले फिल्म का महबूबा महबूबा
बेटी तुमने ही कहा था कि आइटम सुंग जेसा गाना पर नृत्य करना है,इस लिए एसा गाना सोचा ,अगर तुम्हें गलत लगे तो तुम अपने हिसाब से गाना और नृत्य कर सकती हो,
शालिनी : आज पहली बार आपने फर्माइश की है तो आपको मना कैसे कर सकती हू,
फिर शालिनी दोनों नृत्य को मोबाइल मे एक बार देखती है फिर वो गाने को टीवी मे लगाकर हूबहू उसी जैसा नृत्य करती है
image uploader
image फिर वो चाचाजी के दिए सुझाव मानकर 2 भोजपुरी गाने पर भी नृत्य करती है,
जिसके कई पंक्तिया द्विअर्थी होती है पर वो अर्थ के बजाय नृत्य पर ध्यान देती है फिर वो थक कर सोफ़े पर आकर बैठती है,उसके पसीने से भीगे बदन को देखकर फिर से चाचाजी होश खो कर इसे देखने लगे थे,
शालिनी : चाचा कैसा लगा मेरा नृत्य?
चाचाजी : बहुत ही बढ़िया ,कल से भी बढ़िया,एक काम करना तुम ये तुम्हारे फोन मे मुझे गाना चलाना और ढूंढना सीखा दो ,तो मे दूसरे गाने कल के लिए ढूँढ दूँगा ,
शालिनी चाचाजी को दो तीन बार उसको सब सिखाती है ,चाचाजी को इंग्लिश लिखना नहीं आता था इस लिए शालिनी उसे " voice search" सिखाती है, और मन मे खुश हो रही थी के चाचाजी उसके नृत्य मे रुचि ले रहे है,और अपनी निराशा को भूल रहे है,
शालिनी : चाचाजी एक बात पूछूं ?
चाचाजी : हाँ बोलो क्या बात है?
शालिनी : कल रात जब आप मेरे ऊपर अपना पैर रख के सोये थे फिर आप जब बीच मे नींद से जागे तब आपका हाथ भी मेरे पेट पर था और पाव भी मेरे पैर पर था तब आपको कैसा लगा ? सच बताना
चाचाजी : मे सच ही कहूंगा ,जब मे जगा और देखा तब पहले तो निराशा हुई फिर तुमने ही मुझे अपने पैर के उपर पैर रखने दिया था तो फिर ज्यादा निराशा नहीं हुई ,
शालिनी : चलिए अभी फटाफट खाना बनती हू ,
चाचाजी : बेटा मुझे तो भूख नहीं है ,
शालिनी : वैसे तो भूख तो मुझे भी नहीं है पर दवाई पीनी है इस लिए खाना पड़ेगा ,भले ही थोड़ा खाओ,चलिए अपना पैर आगे करे आपकी मालिश कर देती हू,
फिर वो सोफा पर ही चाचाजी का पैर अपनी गोदी मे लेके मालिश करने लगती है,जिस मे कई बार उसके स्तन ब्लाउज के ऊपर से उसके पैर के संपर्क मे आके हल्के दब जाता है,फिर वो हाथ धोखे खाना बनती है ,फिर दोनों खाना खाने के बाद दवाई खाके सोने आते है,
कमरे मे आके शालिनी चाचाजी और नील के बीच मे सो जाती है?तभी नील जग जाता है ,शालिनी उस की और मुँह करके दुलारती है फिर वो शालिनी के स्तन पर हाथ मारता है ,जिस से शालिनी समझ जाती है,कि नील को क्या चाहिए,फिर वो ब्लाउज के निचले हूक खोलकर ब्रा ऊपर करके अपनी निप्पल नील के मुँह मे देती है,अभी स्तन मे दुध ज्यादा बनने लगा था तो नील के पेट भर के पीने के बाद भी बच जाता था,फिर अपनी ब्रा और ब्लाउज सही करके सीधी लेट जाती है
शालिनी : चाचाजी अब आप मेरे पैर पर पैर रख कर सो सकते है,
चाचाजी शालिनी के पैर के ऊपर पैर रख देते हैं, फिर दोनों सो जाते है,नींद मे चाचा का एक हाथ शालिनी के स्तन के ऊपर आ जाता है,शालिनी की स्तन पर पड़े दबाव के कारण नींद खुल जाती है ,वो देखती है कि चाचा की हथेली उसके स्तन के ऊपर थी मानो वो उसके स्तन की गोलाई नाप रहे हो,वो देखती है चाचा नींद मे है,फिर वो चाचाजी के हाथ को धीरे से हटा के अपने गोरे पेट तक ला कर रख देती है। फिर वो सो जाती है ,कुछ देर बाद चाचा पानी पीने जगते है तो देखते है उसका हाथ शालिनी के पेट पर था,वो तुरत हाथ हटा लेते है,फिर पानी पीके शालिनी की और पीठ करके सोते है,
शाम को चाचाजी जगने पर देखते है, शालिनी जग चुकी थी वो दीवार के सहारे चलके बाहर आते है शालिनी नील के साथ खेल रही थी ,
शालिनी : अरे!चाचाजी आप जग गए आप हाथ मुँह धों लीजिए तब तक मे गरम गरम चाय बनाती हू।
चाचाजी और शालिनी चाय पीते है,चाचाजी चुपचाप रहते है,वो अपने आप को कसूरवार मान रहे थे ,क्योंकि उसे लग रहा था कि अगर शालिनी को नींद मे अगर गलत जगह छु लिया तो उसका भरोसा टूट जायेगा ,और शालिनी उसके बारे मे क्या क्या सोचेंगी,कहीं वो मुझे गलत समझ लिया तो मेरे दोस्त और पूरे गाव मे मेरी बेइज्जती होगी,मेरी इतनी सालो की कमाई हुई इज़्ज़त नीलाम हो जाएगी,मेरा तो फिर भी ठीक है ,लेकिन शालिनी को पूरी जिंदगी उसे हादसा भुलाने मे तकलीफ होगी,
एक छोटे से पल मे इतना सारा चाचाजी सोच रहे थे वो चाचाजी अनजाने में नींद मे कर चुके। फिर भी शालिनी उसके सामने सामन्य व्यावहार कर रही थी,क्योंकि वो चाचाजी की तबीयत के बारे मे सोच रही थी,
शालिनी : क्या सोच रहे है चाचाजी?
चाचाजी : मे झूठ नहीं बोलूंगा ,अभी सोते समय मे पानी पीने उठा तो मेरा हाथ तुम्हारे पेट पर था
शालिनी : (मन मे ...)पेट पर तो मेने रखा था आप का हाथ तो मेरे स्तन पर था,
चाचाजी : बहु मेरी वज़ह से तुम्हें कितनी तकलीफ हो रही है,
शालिनी : चाचाजी बस इस बात को इधर खत्म करे और भूल जाए ,हर बार आप एसे दुखी होते है ,और आपकी तबीयत पर असर होता है,
चाचाजी : पर बहु मुझे ये बिल्कुल अच्छा नहीं लगता ,
शालिनी : ( मन मे ...) चाचाजी हर दिन एसे दुखी होगे तो केसे चलेगा वो और बीमार हो जायेगे,इस का कोई उपाय करना पड़ेगा ,
शालिनी नील को चाचाजी को देकर तीनों खेलते है ,जिस से चाचाजी का मूड बदल जाए,
शालिनी : चाचाजी आप मुझे वो गाने तो बताइए जिस पर मुझे कल नृत्य करना है ,क्या है ना मे वो देखकर उसके जैसा नृत्य कर सकू,
चाचाजी : ठीक है मेने मोबाइल मे जब खोजा तो कई गाने आए पर उसमे से रोज थोड़े थोड़े गाने पर नृत्य करेगे, कल के लिए
1) भेड़िया फिल्म का ठुमकेस्वरी
2) मराठी आइटम सोंग
3 ) दक्षिण भारत के फिल्म के 2 गाने
शालिनी : ठीक है चाचाजी कल यही गाने पर नृत्य होगा
रात को तीनों सोने जाते है ,शालिनी साड़ी मे ही दोनों के बीच मे आकर सो जाती है ,वो अपने बेटे को अपना प्यारा दुध पिलाती है,फिर वो चाचाजी की और करवट लेती है ,
शालिनी : चाचाजी आप पैर रख दीजिए ,
चाचाजी शालिनी के ऊपर पैर रख के सो जाते है ,रात मे नील जागता है ,जिस से शालिनी और चाचाजी भी जग जाते है,फिर चाचाजी उसे शांत करते है ,फिर शालिनी चाचाजी की और पीठ करके उसे दुध पिलाती है,दुध पिलाने के बाद शालिनी ब्लाउज सही करती है पल्लू लगाकर सो जाती है,शालिनी के कहने पर चाचा उसके ऊपर पैर रख देते है,
शालिनी : चाचाजी ,अब से आप मेरे बिना कहे ही मेरे ऊपर पैर रख देना ,हर बार अब कहने की जरूरत नहीं है,
चाचाजी : ठीक है,बहु,मेरी एक बात मानोगे, तुम्हें बुरा तो नहीं लगेगा न?तुम गलत मतलब मत निकालना,
शालिनी : बोलिए ना चाचाजी ,क्या बात है,आप नहीं बताएंगे तो बुरा लगेगा,
चाचाजी : आज मुझे सपना आया था जिस मे मे अपने परिवार के साथ हू,और मे सब से गले मिलने जाता हू लेकिन जेसे ही मे उनसे गले मिलने जाता वो गायब हो जाते थे,अपने बेटे ,बहु पोता ,और अपनी पत्नी को गले लगाकर रोना चाहता था,उसको प्यार करना चाहता था,तभी नील के रोने की आवाज से मे जग गया,
शालिनी : माफ़ करिए चाचाजी,आपका सपना अधूरा रह गया ,आपकी नींद हमारी वज़ह से खराब हो रही है,
चाचाजी : वो बात नहीं है,मुझे मेरी नींद की परवाह नहीं है,मेरा वो परिवार तो दूर हो गया,लेकिन मुझे ये जो परिवार मिला है उसे मे खोना नहीं चाहता ,
शालिनी : हम हमेसा आप के साथ है,और रहेगे,
चाचाजी : बहु मे तुम्हें और मुन्ने को एक बार गले लगाना चाहता हू,सपने मे जो अधूरा रह गया,उस अह्सास को तुम दोनों के साथ पूरा करना चाहता हूं,मे वो लम्हे को तुम दोनों के साथ जीना चाहता हू,तो क्या मे तुम्हें और मुन्ने को गले लगा सकता हू?
शालिनी देखती है कि ये बोलते बोलते चाचाजी की आवाज भारी हो गई थी,सायद उनके आँखों से आंसू भी निकले हो,चाचाजी भी एक इंसान है, पुरुष होने की वज़ह से वो अपने दुख को दबा रहे थे,लेकिन आज उस सपने ने चाचाजी को भावुक बना दिया ,और जो दर्द अब तक दबा रहे थे वो छलक गया,
शालिनी : भावुक हो कर....चाचाजी इस मे बुरा लगाने वाली कोई बात नहीं ,आप भी इंसान है,आप के भी ज़ज्बात होते है,और अब तो हम ही आपका परिवार है,नील तो अभी सो गया है,एक काम करिए आप अभी मुझे गले लगा लीजिए,नील को सुबह गले लगा लेना।
दोनों खड़े होते है,फिर शालिनी सामने से ही चाचा को गले लगाने आती है,चाचा भी अपनी दोनों मजबूत बाँहें फैलाकर शालिनी को अपनी बांहों मे भरते है,शालिनी का सिर चाचाजी के चौड़े सीने पर होता है,शालिनी चाचाजी की धड़कन को सुन पा रही थीं ,शालिनी के साथ साथ चाचाजी की धड़कन भी तेज चल रही थी,
x5 50i 0 60
थोड़ी देर बाद चाचाजी अपने सिर को शालीन के कंधे पर लाते है
infiniti q70 v8 0 60
तभी उसके आँखों के आंसू शालिनी के कंधे पर गिरते है ,फिर चाचा का रोना निकल जाता है,और वो शालिनी को कसकर गले लगाने लगते है,जिस से शालिनी के स्तन चाचाजी के सीने मे दब रहे थे,दुख की वज़ह से चाचा का रोते हुए खड़ा होना मुश्किल हो रहा था,और वो धीरे धीरे बेहोश हो रहे थे फिर चाचाजी का सिर शालिनी के कंधे से लुढ़क कर उसके स्तन पर रुककर गिरने लगते है ,शालिनी चाचाजी को सम्भालने की कोशिश करती है ,चाचाजी के सिर के साथ साथ उसका पल्लू भी गिर जाता है, लेकिन दोनों मे से किसी को भी पल्लू का ख्याल नहीं था ,फिर चाचाजी का सिर उसके पेट को छू कर धीरे से फर्श पर गिर जाते है,
शालिनी चाचाजी के सिर को गोदी मे लेके बैठ कर उसको होश मे लाने की कोशिश करती है,उसके गालों को हल्के से थप्पड़ मरकर होश मे लाने की कोशिश करती है,लेकिन चाचाजी होश मे नही आ रहे थे,फिर वो जल्दी से पानी लेने जाती है,और वापिस आके चाचाजी के सिर को गोदी मे लेके उसके ऊपर पानी मारती है,इस हडबडी मे शालिनी को एक बार भी अपने गिरे हुए पल्लू को सही करने का खयाल नहीं आया उसे बस कुछ भी कर के चाचाजी को होश मे लाना था, 15 मिनट baad चाचाजी होश मे आते है,वो आंख खोलते है तो उसको शालिनी के बड़े दुध से भरे उन्नत स्तन दिखते है ,जो ब्लाउज मे कैद है,उसके होंठ शालिनी की नाभि से थोड़े ही अन्तर पर है,यदि वो सिर घुमाएं तो आसानी से उसके नाभि पर उसके होंठ का स्पर्श हो जाए,
चाचाजी : खडे होते हुए..... बहु ! क्या हुआ था मुझे?
शालिनी : लेटे रहिए आप, पहले आप पानी पीजे,
शालिनी चाचाजी के सिर को पिछे से अपने हाथ से सहारा देकर उसे बेठे बेठे पानी पिलाती है,पानी पीते वक़्त चाचाजी की नज़र शालिनी के ऊपर जाती है ,वो देखते है शालिनी का पल्लू गिर गया है,उसके ब्लाउज मे से उसके दुध के भरे कुम्भ छलक रहे थे ,बाल बिखरे हुए ,चिकनी कमर जिसमें बैठने की वजह से तीन रेखा बनी हुई है,
चाचाजी पानी पीके एक लंबी साँस लेते है,लेकिन थोड़ी देर बाद उसके परिवार दूर होने का दुख जो अब तक अंदर ही अंदर घुट रहा था आज वो सब बाहर आ रहा था,लेकिन चाचाजी नील की और देखते है और लड़खड़ाते हुए रूम के बाहर आते है शालीन उसे बैठने या सोने का बोल रही थी लेकिन चाचाजी अनसुना करके बाहर आ जाते है,शालिनी भी उसके पीछे पीछे जाती है अभी भी उसका पल्लू गिरा हुआ था ,
हॉल मे आके देखती है चाचा सोफ़े पर बेठे थे,शालिनी उसके सामने जाके खड़ी हो जाती है ,
शालिनी : क्या हुआ चाचाजी ?आप बाहर क्यु आए? चलिए कमरे मे जाके आराम करे और सो जाए
चाचाजी : मेरी वजह से नील की नींद खराब ना हो इस लिए मे बाहर आ गया,
शालिनी : ( मन मे ....) चाचाजी कितने अच्छे है,इतने दुख मे भी हमारा ध्यान रखते है,मेरे भी फर्ज बनता है कि उसका दुख दूर करू,नहीं तो दुख कम करने का प्रयत्न करू,
शालिनी जब सोच रही थी तभी चाचाजी उसके कमर पर हाथ बांधकर उसको अपनी ओर खींच लेते है फिर उसके पेट पर सिर रखकर फुट-फुटकर रोने लगते है,जेसे कोई अपनी माँ को पकड़कर बच्चा रोता हो,शालिनी भी चाचाजी के सिर पर प्यार से हाथ घुमाकर उसे दुलारती है,और उसे शांत करने का प्रयास करती है,
Mast he bhai pleae next updateUpdate 5
चाचा शालिनी को देखे ही जा रहे थे
शालिनी का वो पसीने से भिगा बदन देखकर चाचा की नजर नहीं हट रही थी,शालिनी चेहरा पूछते हुए
शालिनी : चाचाजी कैसा लगा मेरा डांस ?ठीक से तो किया ना?कोई भूल हो तो बता देना ,
चाचाजी: कुछ देर तक शांत रहकर....तुम्हारा नृत्य बहोत ही अच्छा था ,एकदम ग़ज़ब ,बहुत दिनों बाद एसा नृत्य देखा कि दिल खुश हो गया ,बहोत बढ़िया था. मे तो बीच से ही टीवी देखना भूल गया था ,सिर्फ तुम्हें ही देख रहा था .
शालिनी : आप कुछ ज्यादा ही बोल रहे है ,इतना भी अच्छा नहीं होगा ,आप मेरा दिल रखने के लिए बोल रहे है
चाचाजी : नहीं मे सच बोल रहा हू, मुन्ने की कसम .
शालिनी : सच मे इतना अच्छा था? फिर भी कोई सुधार या सुझाव तो दीजिए जो आपको लगा हो
चाचाजी : वेसे तो 2 बाते है लेकिन तुम्हें ये थोड़ा अजीब लग सकता है,
शालिनी : बोलिए ना हो सकता होगा तो मे जरूर करूंगी
चाचाजी: 1)तुम सिर्फ हिन्दी की बजाय दूसरी भारतीय भाषा के गाने पर भी नृत्य करो,तुम्हारी मातृ भाषा के गानों से तुम जल्दी जुड़ेगी, उससे तुम और अच्छे से नृत्य कर सकोगी,,
2) जैसे अभिनय मे अभिनय के साथ-साथ उस किरदार की वेषभूषा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है,तुम भी अगर जिस गाने मे नृत्य करने वाली हो उस नृत्यांगना की वेषभूषा से मिलता जुलता कुछ पहनो तो तुम और दर्शक उस अभिनय से ज्यादा जुड़ेंगे
शालिनी : धन्यवाद चाचाजी मे आप की इस सुझाव का जरूर मानेगी, हो सके तो आप मुजे कोई गाना बताए जो मेरे कसरत और मेरे नाच दोनों मे फिट हो ,
चाचाजी : तुम्हें कैसा गाना चाहिए?
शालिनी : जिसमें कमर और पेट का ज्यादा योगदान हो,कोई आइटम सोंग जेसा होगा तो चलेगा,
चाचाजी : ठीक है कोई याद आएगा तो बताएगा,अभी तुम आराम करो.
शालिनी बाथरूम में जाके दरवाजा बंध करके फ्रेश होतीं हैं, फ़िर रूम मे आके अपने कपड़े बदलती है ,अभी वो हल्के फुल्के कपड़े पहनते है,
फिर वो नील को जगाकर उसे अपना मीठा दूध पिलाने लगती है,अभी उसकी दवाइयां का असर होने लगा था,उसके सुडोल और गोरे स्तनों मे दूध का बहाव बढ़ गया था ,अब उसके स्तन पहेले से ज्यादा दुध बना रहे थे,दुध पिलाने के बाद वो खाना बनाने चली जाती है तभी नीरव कॉल आता है ,शालिनी उसे सब बताती है कि केसे आज उसने चाचा के सामने डांस किया और चाचा को भी अच्छा लगा
नीरव : अच्छा ! चलो चाचा को एक बात से तो खुशी हुई ,तुम उसे खुश रखो इस से वो अपना ग़म भूल जाएगे, और खुश रहेगे तो जल्दी ठीक हो जायेगे, उसको मनपसंद खाना बना के दो ,नील के साथ खेलने दो ,उसे जिस मे मन लगता हो वो करने दो ,
शालिनी : हाँ सही कहा तुमने ,अभी तो चाचाजी बहुत खुश है और मे उसे खुश रखने की कोशिश करूंगी,
फिर वो फोन रख के खाना बनती है ,फिर वो दोनों साथ मे खाना खाके चाचा को अपने रूम मे छोड़ आती है,फिर वो किचन का काम खत्म कर के रूम मे आती है,देखती है चाचाजी नील के साथ खेल रहे थे और नील से कहते है कि " तुम बहुत भाग्यशाली हो जो तुम्हें शालिनी जेसी माँ मिली है,वो तुम्हारा बहोत ख्याल रखेगी ,और तुम्हें अच्छी परवरिश करेगी,और तुम्हारी गलती होगी तो वो तुम्हें प्यार से डाट भी देगी ,कल मुझे केसे डाट दिया था वैसे ,तब तो मुझे भी बहुत अच्छा लगा था,जैसे मे उनका बड़ा बेटा हू ।
शालिनी ये सब दरवाजे पर खड़ी खड़ी सुनती है,और वो मुस्करा देती है,फिर वो अंदर आकर नील को गोदी मे ले लेती है,फिर वो उसे चाचा की और पीठ करके दुध पिलाने लगती है ,दुध पिलाने के बाद वो चाचा और नील के बीच मे सो जाती है ,उसका टॉप खुला खुला होने के वज़ह से सोने के समय उसके पर्वत के समान उन्नत स्तन जिस मे से दुध की नदी बहती है,जिस से उसका बेटा पिया था ,(लेकिन इस बार दुध थोड़ा सायद बच गया था क्योंकि छोटी सी जान कितना दुध पियेगा ,)वो स्तन काफी झलक रहे थे उसके अंदर पहने ब्रा भी दिखाई दे रही थी ,फिर चाचा शालिनी की और पीठ करके सो गए ,लेकिन जब चाचा पूरी तरह नींद मे थे तब फिर से उसका एक हाथ शालिनी के पेट के ऊपर चला गया , शालिनी की नींद खुलती है लेकिन वो चाचा को और शर्मिंदा नहीं करवाना चाहती थी,इस लिए वो इसे ही सो गई ,वो सोचती है कि अब मुझे इसकी आदत डालनी होगी और चाचा का हाथ -पैर का स्पर्श होना सामन्य समझना होगा ,यही सही रहेगा,
शालिनी सो जाती है ,तभी चाचाजी का पैर फिर से शालिनी के पैर पर चाला जाता है ,इस बार चाचाजी की नींद खुलती है और वो तुरत अपना हाथ और पैर शालिनी के ऊपर से ले लेते है ,फिर वो शालिनी की और पीठ करके सो जाते है,फिर शाम के 5 : 30 बजे शालिनी की नींद खुलती है तो देखती है चाचाजी का एक हाथ फिर से उसके ऊपर है ,अभी उसको चाय नाश्ता बनाना था तो वो धीरे से चाचाजी का हाथ को अपने गोरे पेट से उठाकर बेड पर सेट करती है लेकिन इस बार चाचाजी जग जाते है, और वो शालिनी को ये सब करते देखते है,
चाचाजी : अरे रे....! फिर से , माफ़ करना बेटी .
शालिनी : कोई बात नहीं चाचाजी ,होता है नींद मे ,इस से पहले भी मेने आपसे कहा था ना कि कोई बड़ी बात नहीं,आप ज्यादा मत सोचिए ,ठीक है.
चाचाजी चुप होके नीचे नजर से बेठे रहते है,शालिनी फिर अपना कपड़े सही करके फ्रेश होके नाश्ता बनाने चली जाती हैं, नाश्ता बन जाने के बाद वो चाचाजी को बुलाती है तब चाचाजी हाथ मुँह धोखे नाश्ता करने आते है लेकिन वो चुपचाप नाश्ता करके सोफ़े पर बैठ के टीवी मे समाचारों को देखने लगते है ,शालिनी जब रात के खाने का पूछती है तो वो ठीक से जवाब नहीं दे रहे थे बस टीवी देखे जाँ रहे थे ,शालिनी को समझ आ गया कि दोपहर मे जो हुआ इनसे ये सब हुआ है,चाचाजी कितने अच्छे आदमी है,वर्ना इस ज़माने मे कोई लोग औरत को छुने का मोका नहीं चूकते और वही चाचा को मेने कहा फिर भी वो अपने आप को कसूरवार समझते हैं,
शालिनी से चाचाजी की ये हालत देखी नहीं जाँ रही है,फिर वो कुछ सोचती है ,उसने जो विचार किया था वो बहोत ही बड़ा और असहज था लेकिन वो चाचा की इस हालत मे देख नहीं सकती,फिर भी वो एक बार नीरव से बात करना चाहती थी ,फिर वो टाइम देखती है और नीरव को कॉल करती है,
शालिनी : हैलो नीरव ,कैसे हो?ऑफिस पहुच गए?
(क्योंकि अमेरिका मे दिन होता है.....)
नीरव : नहीं बस निकल ही रहा हू ,बोलो क्या काम है,? कुछ हुआ क्या ?
शालिनी : हा वही बात चाचाजी आज फिर से मायूस हो गए है क्योंकि दोपहर मे उसका पैर फिर से मेरे ऊपर आ गया था ,
नीरव : तुम उसको समझाओ के ये बात को तुम अवॉइड करके नॉर्मल समझ रही हो,
शालिनी : मेने बहुत समझाया पर वो गुमसुम बेठे रहते है,आज मेरे दिमाग में एक विचार आया है अगर तुम सहमती दो तो चाचा नॉर्मल हो सकते है,
नीरव : क्या ?
शालीन उसे अपना सुझाव बताती है ,नीरव एक मिनट के लिए पूरा चौंक जाता है,
नीरव : शालिनी ये तुम क्या कह रही हो?ये केसे हो सकता है ,चाचाजी बिल्कुल नहीं मानेंगे, और सच कहूँ तो मुझे भी सही नहीं लगता ,
शालिनी : तुम सही कह रहे हो पर चाचा बहुत मायूस हो गए है,और मुझसे उसकी ये हालत नहीं देखी जाती,चाचा बहुत अच्छे आदमी है,इतने दिनों के उनके बर्ताव को देखा है इस लिए मे ये सुझाव तुम्हें बता रही हू ,
नीरव : तुम सही कह रही हो कि चाचा अच्छे आदमी है पर ....ठीक है अगर यही रास्ता है तो तुम्हारा मन मान रहा हो और तुम्हें अपने और अपने सुझाव पर विश्वास हो तो तुम प्रयास करो ,लेकिन मुझे हर बात बताना ,कुछ छिपाना नहीं ,और अपना ध्यान रखना,फिर भी सौ बार सोच लेना ठीक है ।
शालिनी : मेने बहुत सोचा,मुझे और कोई रास्ता नजर नहीं आया,अगर तुम्हारे पास कोई और रास्ता हो तो कहो,
नीरव : सोच के .....ठीक है तुम्हें जो सही लगे वो करो ,लेकिन जो भी करना सोच समझ कर करना ,कहीं उल्टा चाचाजी को और ठेस ना पहुचे वर्ना वो और ज्यादा दुखी हो जायेगे तो उसे कुछ भी हो सकता है,
शालिनी : नहीं एसा कुछ नहीं होगा सब अच्छा ही होगा देख लेना
नीरव : ठीक है अपना और सब का ख्याल रखना चलो मे ऑफिस जा रहा हू ,I LOVE YOU,TAKE CARE
शालिनी : OK BYE, LOVE YOU,TAKE CARE
शालिनी फोन रख के हॉल में आती है,चाचाजी को खाना खाने बुलाती है, दोनों खाना खाते है पर चाचाजी कुछ नहीं बोल रहे थे शालिनी उसे जो भी पूछती उसका हा या ना मे जवाब देते ,
शालिनी : आप कब तक अपने आप को कोसते रहोगे ,मेने आप से बोला ही है ना कि आप उस बात को नॉर्मल समझे ,
चाचाजी चुप रहते है और नीचे देख रहे थे .
शालिनी : ठीक है आप की इस परेशानी का इलाज ढूंढ लिया है,आप सहयोग करेगे तो आप को इस परेशानी से मुक्ति मिल सकती है,
चाचाजी : क्या ? तुम सच कह रही हो?मे कुछ भी करूगा इस परेशानी से मुक्ति पाने के लिए,
शालिनी : एसे नहीं आप को वादा करना पड़ेगा मे जो बोलेगी आप वैसे ही करेगे,
चाचाजी : ठीक है वादा
शालिनी ; नील की कसम खाकर बोले कि मे जेसा बोलेगी आप वैसे करेगे
चाचाजी : मुन्ने की कसम बस,तुम बस मुझे इस परेशानी से छुटकारा दिलाए ,मुझे अपने आप से घिन आ रही है,
शालिनी : चलिए पहेले रूम मे जाते है सोने के लिए ,
चाचाजी : तो मे क्या वापिस अपने रूम मे जा सकता हू,
शालिनी : नहीं आप हमारे कमरे मे ही रहेंगे ,
चाचाजी: अभी तो तुमने कहा मेरी तकलीफों से मुक्ति दिलायेगी और तुम मुझे उसी और ले जा रही हो,
शालिनी : आप बहोत बोलते है अब आप चुपचाप रहे और अच्छे बच्चे की तरह मे जो कहु वो सुनिए और करिए बस
शालिनी चाचा को सहारा देके बेड पर सुलाती है फिर वो नील को ले आती है और चाचा की ओर पीठ करके अपना दुध नील को पिलाने लगती है फिर लाइट ऑफ करके नील को सुलाती है,सिर्फ नाइट्स लैम्प चालू था ,फिर वो दोनों के बीच मे आती है और चाचाजी की और मुँह करके लेट जाती है
शालिनी : अब बोलिये ,क्या कह रहे थे अब मे आप के हर सवाल का जवाब दूंगी,
चाचाजी : तुम तो मेरे बगल में सोयी होगी तो fir से रात को मेरा हाथ या पैर तुम्हारे ऊपर चला जाएगा
शालिनी : बात तो आप की सही है पर आज रात कुछ अलग होगा,हर रात नींद मे आपके हाथ-पाव मेरे ऊपर आ जाते है जिस से आप दुखी हो जाते है लेकिन आज से आप पहले से ही एक पैर मेरे पैर के ऊपर रखके सो जाया करना
चाचाजी : ये क्या कह रही हो तुम ? होश मे तो हो?
शालिनी : हा बहुत सोच समझकर बोल रही हू ,अब यही एक रास्ता है,रात को अनजाने मे हाथ पैर मेरे ऊपर आते थे इस लिए आप दुखी हो जाते है लेकिन अब आप पहले से ही मेरी और आप की जानकारी मे ही पैर रख कर सो जाना जिस से आप को दुख नहीं होगा ,और हा शुरुआत मे अजीब लग सकता है पर रोज करने पर नॉर्मल लगेगा ,जैसे कि पहली बार आप की मौजूदगी मे नील को स्तनपान कराने मे मुजे तकलीफ हुई लेकिन अब मुझे नॉर्मल लगता है,
जब आप मेरे और आप के मालूम होते हुए एसे सोयेगे तो आप को इतना ग्लानि नहीं होगी ,धीरे धीरे फिर सामन्य हो जाएगा
चाचाजी : मुझे नहीं लगता एसा ,तुम क्यों अपने आप को इतनी कठिन स्थिति मे डाल रही हो ,मुझे दूसरे कमरे मे जाने दो ,मेरी वज़ह से तुम्हें इतना कुछ करने की जरूरत नहीं है,और नीरव भी इधर नहीं है,
शालिनी : नीरव से मेरी बात हो चुकी है इस बारे मे,उसने कहा कि मुझे सही लगे और आप पर भरोसा हो तो मे एसे सो सकती हू,और मुझे आप पर पूरा भरोसा है,और आपने भी नील की कसम खाई है,आप एक बार मेरे सुझाव को मान के देखिए ,अगर 1 हफ्ते मे आप का दुख कम ना हो तो आप जो बोलेंगे वो मे करूंगी. नील की कसम बस,
चाचाजी : क्या नीरव से तुम्हारी बात हुई इस बारे मे ? पागल....मेरे खातिर क्या बलिदान दे रहा है,इतना तो सायद मेरे बेटा भी नहीं करता
शालिनी : इसमे कोन सा बलिदान ? आप उसके पिताजी से कम थोड़ी है?कोई बेटा अपने पिताजी के दुखी नहीं देख सकता,
चाचाजी : मगर .....
शालिनी : अगर मगर कुछ नहीं, आप ही नील को बता रहे थे ना मेने आपको एक बड़े बेटे की तरह डाट दिया था ,तो अपने छोटी माँ के साथ सोने मे केसी शर्म ? कैसा दुख ? अब आप मेरे बड़े बेटे बनके सो जाए,वर्ना मे डांट दूंगी.
चाचाजी : (हसते हुए ) जी छोटी माँ ,एक ही पल मे बहु मे से मेरी छोटी माँ बन गई ,अब से दो रिश्ता बना दिया.
शालिनी : ठीक है अब सो जाते है,चलिए अभी से आप एक पैर मेरे ऊपर रखिए
चाचा झिझकते हुए एक पैर रखकर सो जाते है,शालिनी भी सो जाती है रात मे चाचाजी का हाथ शालिनी के गोरे चिकने पेट पर चला जाता है ,शालिनी की नींद खुलती है वो चाचा के हाथ के ऊपर अपना हाथ रख देती है अगर चाचा को पता चले तो भी वो ज्यादा मायूस ना हो,सुबह जब शालिनी उठती है तो देखती है चाचा सोये हुए थे उसका एक पैर उसके ऊपर था वो धीरे से उसे हटा के वो खड़ी होके अपने कपड़े सही करके ,वो अपने जीम के कपड़े बदल के हॉल मे आके वीडियो मे देख के योग करती है ,थोड़ी देर बाद उसके रूम का दरवाजा खुलता है वो देखती है चाचा बिना सहारे लंगड़ाते
हुए बाहर आए शालिनी तुरत उसको सहारा देने आती है
चाचाजी: नहीं बेटी अब मुझे इस शारीरिक सहारे की जरूरत नहीं ,तुमने कल जो मानसिक सहारा दिया उसका धन्यवाद ,सायद इस वज़ह से आज मेरे पैर मे काफी दर्द कम हो गया है,
शालिनी : फिर भी चाचाजी 1 -2 दिन ख्याल रखे तो पूरी तरह से ठीक हो जाएगा
चाचाजी : हाँ वो तो तुम मुझसे ज्यादा मेरा ख्याल रख रही हो तो ठीक तो होगा ही ना ! मे तो प्राणयाम और हल्की कसरत करने आया हूं ,
फिर दोनों अपने अपने योगासन करते है चाचा की नजर कई बार शालिनी के लचीले बदन पर चली जाती ,कसा हुआ योग पेंट और एकदम टाइट बिना बांह का टी-शर्ट और पोनी बंधे बाल ,एकदम किसी अभिनेत्री की तरह दिख रही थी ,
योगासन करके दोनों बारी बारी फ्रेश होके शालिनी सुबह का नाश्ता बना रही थी ,फिर दोनों साथ मे नाश्ता करने बैठते है,
शालिनी : चाचाजी कल आपको निंद कैसी आयी?
चाचाजी : सच कहूँ नींद तो बहुत अच्छी आई, पर रात को एक बार नींद खुली तो देखा हाथ तुम्हारे पेट के ऊपर था,और तुम्हारा हाथ मेरे हाथ के ऊपर था,
शालिनी : नींद मे हुआ होगा ज्यादा मत सोचिए
नाश्ता खत्म करके शालिनी नील को बड़े प्यार और अपनी ममता से जगाती है,नील को नहलाने के बाद उसे अपना दुध पिलाती है,फिर उसे लेके वो चाचाजी को देती है फिर वो घर के काम करने लगती है, काम खत्म करके चाचाजी के साथ मिलके नील के साथ खेलने लगती है,थोड़ी देर आराम करके वो नील को सुलाने जाती है ताकि वो अपने नृत्य को खुल के करे,
शालिनी : लाइए चाचाजी नील को सुला देती हू ,फिर हम नृत्य का आनंद लेगे,तब तक आप कोई गाना सोच के बताये मे आज वो नृत्य करूंगी,
शालिनी के जाने के बाद चाचाजी सोच ने लगते है फिर वो दो गाने सोचते है,शालिनी 10 15 मिनट बाद आती है
शालिनी : सोचा कुछ चाचाजी?
शालिनी : बताए कौनसा गाना है?
चाचाजी : 1) माधुरी का चोली के पिछे क्या है?
2) शोले फिल्म का महबूबा महबूबा
बेटी तुमने ही कहा था कि आइटम सुंग जेसा गाना पर नृत्य करना है,इस लिए एसा गाना सोचा ,अगर तुम्हें गलत लगे तो तुम अपने हिसाब से गाना और नृत्य कर सकती हो,
शालिनी : आज पहली बार आपने फर्माइश की है तो आपको मना कैसे कर सकती हू,
फिर शालिनी दोनों नृत्य को मोबाइल मे एक बार देखती है फिर वो गाने को टीवी मे लगाकर हूबहू उसी जैसा नृत्य करती है
image uploader
image फिर वो चाचाजी के दिए सुझाव मानकर 2 भोजपुरी गाने पर भी नृत्य करती है,
जिसके कई पंक्तिया द्विअर्थी होती है पर वो अर्थ के बजाय नृत्य पर ध्यान देती है फिर वो थक कर सोफ़े पर आकर बैठती है,उसके पसीने से भीगे बदन को देखकर फिर से चाचाजी होश खो कर इसे देखने लगे थे,
शालिनी : चाचा कैसा लगा मेरा नृत्य?
चाचाजी : बहुत ही बढ़िया ,कल से भी बढ़िया,एक काम करना तुम ये तुम्हारे फोन मे मुझे गाना चलाना और ढूंढना सीखा दो ,तो मे दूसरे गाने कल के लिए ढूँढ दूँगा ,
शालिनी चाचाजी को दो तीन बार उसको सब सिखाती है ,चाचाजी को इंग्लिश लिखना नहीं आता था इस लिए शालिनी उसे " voice search" सिखाती है, और मन मे खुश हो रही थी के चाचाजी उसके नृत्य मे रुचि ले रहे है,और अपनी निराशा को भूल रहे है,
शालिनी : चाचाजी एक बात पूछूं ?
चाचाजी : हाँ बोलो क्या बात है?
शालिनी : कल रात जब आप मेरे ऊपर अपना पैर रख के सोये थे फिर आप जब बीच मे नींद से जागे तब आपका हाथ भी मेरे पेट पर था और पाव भी मेरे पैर पर था तब आपको कैसा लगा ? सच बताना
चाचाजी : मे सच ही कहूंगा ,जब मे जगा और देखा तब पहले तो निराशा हुई फिर तुमने ही मुझे अपने पैर के उपर पैर रखने दिया था तो फिर ज्यादा निराशा नहीं हुई ,
शालिनी : चलिए अभी फटाफट खाना बनती हू ,
चाचाजी : बेटा मुझे तो भूख नहीं है ,
शालिनी : वैसे तो भूख तो मुझे भी नहीं है पर दवाई पीनी है इस लिए खाना पड़ेगा ,भले ही थोड़ा खाओ,चलिए अपना पैर आगे करे आपकी मालिश कर देती हू,
फिर वो सोफा पर ही चाचाजी का पैर अपनी गोदी मे लेके मालिश करने लगती है,जिस मे कई बार उसके स्तन ब्लाउज के ऊपर से उसके पैर के संपर्क मे आके हल्के दब जाता है,फिर वो हाथ धोखे खाना बनती है ,फिर दोनों खाना खाने के बाद दवाई खाके सोने आते है,
कमरे मे आके शालिनी चाचाजी और नील के बीच मे सो जाती है?तभी नील जग जाता है ,शालिनी उस की और मुँह करके दुलारती है फिर वो शालिनी के स्तन पर हाथ मारता है ,जिस से शालिनी समझ जाती है,कि नील को क्या चाहिए,फिर वो ब्लाउज के निचले हूक खोलकर ब्रा ऊपर करके अपनी निप्पल नील के मुँह मे देती है,अभी स्तन मे दुध ज्यादा बनने लगा था तो नील के पेट भर के पीने के बाद भी बच जाता था,फिर अपनी ब्रा और ब्लाउज सही करके सीधी लेट जाती है
शालिनी : चाचाजी अब आप मेरे पैर पर पैर रख कर सो सकते है,
चाचाजी शालिनी के पैर के ऊपर पैर रख देते हैं, फिर दोनों सो जाते है,नींद मे चाचा का एक हाथ शालिनी के स्तन के ऊपर आ जाता है,शालिनी की स्तन पर पड़े दबाव के कारण नींद खुल जाती है ,वो देखती है कि चाचा की हथेली उसके स्तन के ऊपर थी मानो वो उसके स्तन की गोलाई नाप रहे हो,वो देखती है चाचा नींद मे है,फिर वो चाचाजी के हाथ को धीरे से हटा के अपने गोरे पेट तक ला कर रख देती है। फिर वो सो जाती है ,कुछ देर बाद चाचा पानी पीने जगते है तो देखते है उसका हाथ शालिनी के पेट पर था,वो तुरत हाथ हटा लेते है,फिर पानी पीके शालिनी की और पीठ करके सोते है,
शाम को चाचाजी जगने पर देखते है, शालिनी जग चुकी थी वो दीवार के सहारे चलके बाहर आते है शालिनी नील के साथ खेल रही थी ,
शालिनी : अरे!चाचाजी आप जग गए आप हाथ मुँह धों लीजिए तब तक मे गरम गरम चाय बनाती हू।
चाचाजी और शालिनी चाय पीते है,चाचाजी चुपचाप रहते है,वो अपने आप को कसूरवार मान रहे थे ,क्योंकि उसे लग रहा था कि अगर शालिनी को नींद मे अगर गलत जगह छु लिया तो उसका भरोसा टूट जायेगा ,और शालिनी उसके बारे मे क्या क्या सोचेंगी,कहीं वो मुझे गलत समझ लिया तो मेरे दोस्त और पूरे गाव मे मेरी बेइज्जती होगी,मेरी इतनी सालो की कमाई हुई इज़्ज़त नीलाम हो जाएगी,मेरा तो फिर भी ठीक है ,लेकिन शालिनी को पूरी जिंदगी उसे हादसा भुलाने मे तकलीफ होगी,
एक छोटे से पल मे इतना सारा चाचाजी सोच रहे थे वो चाचाजी अनजाने में नींद मे कर चुके। फिर भी शालिनी उसके सामने सामन्य व्यावहार कर रही थी,क्योंकि वो चाचाजी की तबीयत के बारे मे सोच रही थी,
शालिनी : क्या सोच रहे है चाचाजी?
चाचाजी : मे झूठ नहीं बोलूंगा ,अभी सोते समय मे पानी पीने उठा तो मेरा हाथ तुम्हारे पेट पर था
शालिनी : (मन मे ...)पेट पर तो मेने रखा था आप का हाथ तो मेरे स्तन पर था,
चाचाजी : बहु मेरी वज़ह से तुम्हें कितनी तकलीफ हो रही है,
शालिनी : चाचाजी बस इस बात को इधर खत्म करे और भूल जाए ,हर बार आप एसे दुखी होते है ,और आपकी तबीयत पर असर होता है,
चाचाजी : पर बहु मुझे ये बिल्कुल अच्छा नहीं लगता ,
शालिनी : ( मन मे ...) चाचाजी हर दिन एसे दुखी होगे तो केसे चलेगा वो और बीमार हो जायेगे,इस का कोई उपाय करना पड़ेगा ,
शालिनी नील को चाचाजी को देकर तीनों खेलते है ,जिस से चाचाजी का मूड बदल जाए,
शालिनी : चाचाजी आप मुझे वो गाने तो बताइए जिस पर मुझे कल नृत्य करना है ,क्या है ना मे वो देखकर उसके जैसा नृत्य कर सकू,
चाचाजी : ठीक है मेने मोबाइल मे जब खोजा तो कई गाने आए पर उसमे से रोज थोड़े थोड़े गाने पर नृत्य करेगे, कल के लिए
1) भेड़िया फिल्म का ठुमकेस्वरी
2) मराठी आइटम सोंग
3 ) दक्षिण भारत के फिल्म के 2 गाने
शालिनी : ठीक है चाचाजी कल यही गाने पर नृत्य होगा
रात को तीनों सोने जाते है ,शालिनी साड़ी मे ही दोनों के बीच मे आकर सो जाती है ,वो अपने बेटे को अपना प्यारा दुध पिलाती है,फिर वो चाचाजी की और करवट लेती है ,
शालिनी : चाचाजी आप पैर रख दीजिए ,
चाचाजी शालिनी के ऊपर पैर रख के सो जाते है ,रात मे नील जागता है ,जिस से शालिनी और चाचाजी भी जग जाते है,फिर चाचाजी उसे शांत करते है ,फिर शालिनी चाचाजी की और पीठ करके उसे दुध पिलाती है,दुध पिलाने के बाद शालिनी ब्लाउज सही करती है पल्लू लगाकर सो जाती है,शालिनी के कहने पर चाचा उसके ऊपर पैर रख देते है,
शालिनी : चाचाजी ,अब से आप मेरे बिना कहे ही मेरे ऊपर पैर रख देना ,हर बार अब कहने की जरूरत नहीं है,
चाचाजी : ठीक है,बहु,मेरी एक बात मानोगे, तुम्हें बुरा तो नहीं लगेगा न?तुम गलत मतलब मत निकालना,
शालिनी : बोलिए ना चाचाजी ,क्या बात है,आप नहीं बताएंगे तो बुरा लगेगा,
चाचाजी : आज मुझे सपना आया था जिस मे मे अपने परिवार के साथ हू,और मे सब से गले मिलने जाता हू लेकिन जेसे ही मे उनसे गले मिलने जाता वो गायब हो जाते थे,अपने बेटे ,बहु पोता ,और अपनी पत्नी को गले लगाकर रोना चाहता था,उसको प्यार करना चाहता था,तभी नील के रोने की आवाज से मे जग गया,
शालिनी : माफ़ करिए चाचाजी,आपका सपना अधूरा रह गया ,आपकी नींद हमारी वज़ह से खराब हो रही है,
चाचाजी : वो बात नहीं है,मुझे मेरी नींद की परवाह नहीं है,मेरा वो परिवार तो दूर हो गया,लेकिन मुझे ये जो परिवार मिला है उसे मे खोना नहीं चाहता ,
शालिनी : हम हमेसा आप के साथ है,और रहेगे,
चाचाजी : बहु मे तुम्हें और मुन्ने को एक बार गले लगाना चाहता हू,सपने मे जो अधूरा रह गया,उस अह्सास को तुम दोनों के साथ पूरा करना चाहता हूं,मे वो लम्हे को तुम दोनों के साथ जीना चाहता हू,तो क्या मे तुम्हें और मुन्ने को गले लगा सकता हू?
शालिनी देखती है कि ये बोलते बोलते चाचाजी की आवाज भारी हो गई थी,सायद उनके आँखों से आंसू भी निकले हो,चाचाजी भी एक इंसान है, पुरुष होने की वज़ह से वो अपने दुख को दबा रहे थे,लेकिन आज उस सपने ने चाचाजी को भावुक बना दिया ,और जो दर्द अब तक दबा रहे थे वो छलक गया,
शालिनी : भावुक हो कर....चाचाजी इस मे बुरा लगाने वाली कोई बात नहीं ,आप भी इंसान है,आप के भी ज़ज्बात होते है,और अब तो हम ही आपका परिवार है,नील तो अभी सो गया है,एक काम करिए आप अभी मुझे गले लगा लीजिए,नील को सुबह गले लगा लेना।
दोनों खड़े होते है,फिर शालिनी सामने से ही चाचा को गले लगाने आती है,चाचा भी अपनी दोनों मजबूत बाँहें फैलाकर शालिनी को अपनी बांहों मे भरते है,शालिनी का सिर चाचाजी के चौड़े सीने पर होता है,शालिनी चाचाजी की धड़कन को सुन पा रही थीं ,शालिनी के साथ साथ चाचाजी की धड़कन भी तेज चल रही थी,
x5 50i 0 60
थोड़ी देर बाद चाचाजी अपने सिर को शालीन के कंधे पर लाते है
infiniti q70 v8 0 60
तभी उसके आँखों के आंसू शालिनी के कंधे पर गिरते है ,फिर चाचा का रोना निकल जाता है,और वो शालिनी को कसकर गले लगाने लगते है,जिस से शालिनी के स्तन चाचाजी के सीने मे दब रहे थे,दुख की वज़ह से चाचा का रोते हुए खड़ा होना मुश्किल हो रहा था,और वो धीरे धीरे बेहोश हो रहे थे फिर चाचाजी का सिर शालिनी के कंधे से लुढ़क कर उसके स्तन पर रुककर गिरने लगते है ,शालिनी चाचाजी को सम्भालने की कोशिश करती है ,चाचाजी के सिर के साथ साथ उसका पल्लू भी गिर जाता है, लेकिन दोनों मे से किसी को भी पल्लू का ख्याल नहीं था ,फिर चाचाजी का सिर उसके पेट को छू कर धीरे से फर्श पर गिर जाते है,
शालिनी चाचाजी के सिर को गोदी मे लेके बैठ कर उसको होश मे लाने की कोशिश करती है,उसके गालों को हल्के से थप्पड़ मरकर होश मे लाने की कोशिश करती है,लेकिन चाचाजी होश मे नही आ रहे थे,फिर वो जल्दी से पानी लेने जाती है,और वापिस आके चाचाजी के सिर को गोदी मे लेके उसके ऊपर पानी मारती है,इस हडबडी मे शालिनी को एक बार भी अपने गिरे हुए पल्लू को सही करने का खयाल नहीं आया उसे बस कुछ भी कर के चाचाजी को होश मे लाना था, 15 मिनट baad चाचाजी होश मे आते है,वो आंख खोलते है तो उसको शालिनी के बड़े दुध से भरे उन्नत स्तन दिखते है ,जो ब्लाउज मे कैद है,उसके होंठ शालिनी की नाभि से थोड़े ही अन्तर पर है,यदि वो सिर घुमाएं तो आसानी से उसके नाभि पर उसके होंठ का स्पर्श हो जाए,
चाचाजी : खडे होते हुए..... बहु ! क्या हुआ था मुझे?
शालिनी : लेटे रहिए आप, पहले आप पानी पीजे,
शालिनी चाचाजी के सिर को पिछे से अपने हाथ से सहारा देकर उसे बेठे बेठे पानी पिलाती है,पानी पीते वक़्त चाचाजी की नज़र शालिनी के ऊपर जाती है ,वो देखते है शालिनी का पल्लू गिर गया है,उसके ब्लाउज मे से उसके दुध के भरे कुम्भ छलक रहे थे ,बाल बिखरे हुए ,चिकनी कमर जिसमें बैठने की वजह से तीन रेखा बनी हुई है,
चाचाजी पानी पीके एक लंबी साँस लेते है,लेकिन थोड़ी देर बाद उसके परिवार दूर होने का दुख जो अब तक अंदर ही अंदर घुट रहा था आज वो सब बाहर आ रहा था,लेकिन चाचाजी नील की और देखते है और लड़खड़ाते हुए रूम के बाहर आते है शालीन उसे बैठने या सोने का बोल रही थी लेकिन चाचाजी अनसुना करके बाहर आ जाते है,शालिनी भी उसके पीछे पीछे जाती है अभी भी उसका पल्लू गिरा हुआ था ,
हॉल मे आके देखती है चाचा सोफ़े पर बेठे थे,शालिनी उसके सामने जाके खड़ी हो जाती है ,
शालिनी : क्या हुआ चाचाजी ?आप बाहर क्यु आए? चलिए कमरे मे जाके आराम करे और सो जाए
चाचाजी : मेरी वजह से नील की नींद खराब ना हो इस लिए मे बाहर आ गया,
शालिनी : ( मन मे ....) चाचाजी कितने अच्छे है,इतने दुख मे भी हमारा ध्यान रखते है,मेरे भी फर्ज बनता है कि उसका दुख दूर करू,नहीं तो दुख कम करने का प्रयत्न करू,
शालिनी जब सोच रही थी तभी चाचाजी उसके कमर पर हाथ बांधकर उसको अपनी ओर खींच लेते है फिर उसके पेट पर सिर रखकर फुट-फुटकर रोने लगते है,जेसे कोई अपनी माँ को पकड़कर बच्चा रोता हो,शालिनी भी चाचाजी के सिर पर प्यार से हाथ घुमाकर उसे दुलारती है,और उसे शांत करने का प्रयास करती है,