UPDATE 2
एक लड़की होटल के एक कमरे का दरवाजा खट खटाती है तभी एक लड़का दरवाजा खोल लड़की को देख...
लड़का – रेणु तुम यहां पर क्या कर रही हो...
रेणु – तुम मुझे बिना बताए बॉम्बे से गोवा क्यों आ गए कुमार....
कुमार – मै यहां निजी काम से आया हूँ लेकिन तुम यहां किस लिए आई हो और तुम्हे कैसे पता चला इस होटल के बारे में...
रेणु – बॉम्बे से जहां तुमने बस की टिकट बुक की थी उसका बिल मिला था मुझे घर पर और तुम्हारी डायरी से होटल का नंबर जिससे पाता चला मुझे तुम्हारे यहां होने के बारे में...
कुमार – लेकिन तुम इस कमरे मे कैसे आ गई....
रेणु – रिसेप्शन से पता चला मैने उन्हें कहा मै तुम्हारी बीवी हूँ...
कुमार – उफ्फ रेणु तुम्हे नहीं आना चाहिए था यहां पर...
रेणु – लेकिन क्यों कुमार आखिर क्यों बिना बताए तुम यहां आ गए गोवा में कौन सा ऐसा निजी काम आ गया तुम्हे....
कुमार – मै तुम्हे नहीं बता सकता अभी कुछ भी...
रेणु – (रोते हुए) उस दिवाली रात से तुम बहुत बदले बदले से लग रहे हो कुमार...
कुमार – दिवाली रात (रेणु की आंख में आसू देख) तुम्हारी आंख में आसू , रो मत रेणु मै वादा करता हूँ सही वक्त आने पर मै सबसे पहले तुम्हे ही बताऊंगा बात , खेर ये सब छोड़ो रात बहुत हो गई है तुम सो जाओ कल बात करते है...
अगले दिन सुबह के वक्त विक्रम जल्दी उठ के होटल की गैलरी में चक्कर लगा रहा था तभी एक कमरे से 3 लोग निकले और गलती से विक्रम उनसे टकरा गया जिस वजह से उन तीनों में एक आदमी जिसने हैट पहनी थी उसके सिर से गिर गई जिस वजह से विक्रम की नजर उस आदमी के सिर पर गई जहां उसके कुछ बाल सफेद थे तभी उनमें से एक आदमी गुस्से में विक्रम से बोला....
पहला आदमी – अंधा है क्या दिखता नहीं है क्या तुझे....
विक्रम – माफ करिए गा मुझे...
जिसके बाद पहला आदमी कुछ बोलता तभी उनका एक साथी उसे जल्दी से वहां से ले जाने लगा उनका तीसरा साथी अपनी हैट पहन के निकल गया उनके साथ तभी विक्रम चुपके से उन तीनों के पीछे जाने लगा चलते चलते वो तीनों होटल के पीछे बीच की तरफ जाने लगे एक दीवार को फांद के निकल गए तीनों जैसे ही विक्रम ने देखा वो भी उनके पीछे दीवार फांद गया लेकिन वहां विक्रम को तीनों में कोई ना दिखा जिसके बाद विक्रम वहां से वापस आके होटल में घूमने लगा कुछ समय बाद निकल आया अपने कमरे की तरफ कमरे में आते ही....
सुनीता – कहा चले गए थे तुम...
तब विक्रम ने सुनीता को जो हुआ वो बताया जिसके बाद...
सुनीता – अच्छा चलो नाश्ता करने चलते है बहुत भूख लगी है मुझे...
जिसके बाद दोनो होटल के नीचे बने लॉन में जहा एक छोटा सा स्विमिंग पूल बना हुआ था उसके पास बैठ के सब नाश्ता करने में लगे हुए थे वही विक्रम और सुनीता भी नाश्ता कर रहे थे इसके साथ विक्रम चारो तरफ अपनी नजरें घुमा रहा था तभी विक्रम की नजर अपने से कुछ दूर बैठे 2 लोगों पे नजर गई जिनसे विक्रम सुबह गलती से टकरा गया था लेकिन उनका तीसरा साथी नहीं था उनके साथ विक्रम अपनी टेबल से उठ उनके पास जाता तभी उन दोनों का तीसरा साथी की आवाज विक्रम के पीछे से आई जो कि होटल के एक कस्टमर से गलती से टकरा गया जिस वजह से उस कस्टमर का जूस का ग्लास उसकी शर्ट में गिर गया...
तीसरा आदमी– माफ करना गलती से हो गया ये सब...
कस्टमर –(गुस्से में तीसरे आदमी से) अबे अंधा है जो गलती से हो गया पूरी शर्ट खराब कर दी मेरी...
तीसरा आदमी– अजीब आदमी हो मैं शराफत से बात कर रहा हूँ आपसे और आप....
कस्टमर – भाड़ में गई शराफत तेरी...
बोल के कस्टमर तीसरे आदमी को हल्का धक्का दिया जिसे देख तीसरे आदमी उस कस्टमर को धक्का मारा जिस वजह से कस्टमर स्विमिंग पूल में गिर गया और तभी वहां बैठा होटल के बाकी कस्टमर की नजर उन दोनों पर गई तब....
सुनीता – (विक्रम को स्मिंग पुल की तरफ इशारा कर के) विक्रम वो देखो....
जैसे ही विक्रम ने स्विमिंग पूल पर देखा जहां पानी पर काला रंग बिखरा पड़ा था तभी विक्रम ने पुले पे गिरे कस्टमर को देखा पुल में गिरने की वजह से उसके आधे बाल सफेद दिख रहे थे तब....
विक्रम – (धीरे से सुनीता से) सुनीता इसका मतलब हमें जिसकी तलाश थी वो ये आदमी है जिसके आधे बाल सफेद है....
सुनीता – अब तुम क्या करोगे विक्रम....
विक्रम – अभी जाने दो इसे बाद में देखते है....
बोल के दोनो अपना नाश्ता करने लगे और बाकी के कस्टमर भी इस तरफ उस तीसरे आदमी के बाकी दोनों साथी आपने तीसरे साथी को वहां से जल्दी से घसीट के लेके निकल गए जबकि होटल के दूसरे फ्लोर की खिड़की से कुमार ये नजारा देख के...
कुमार – सफेद बाल इसका मतलब कही ये वही तो नहीं...
इसके बाद कुमार उस आधे सफेद बाल वाले पे नजर रखने लगता है वो आधे सफेद बाल वाला आदमी अपने कमरे में जाके वेटर को ऑर्डर देता है जिसके बाद वो कमरे का दरवाजा बंद कर देता है जबकि इस तरफ मुंबई से CBI OFFICER का कॉल आता है विक्रम के कमरे में....
CBI OFFICER – कैसे हो विक्रम...
विक्रम – हैलो सिर मै बिल्कुल ठीक हूँ....
CBI OFFICER – कोई जानकारी मिली तुम्हे....
विक्रम – कुछ खास नहीं सर....
CBI OFFICER –हम्ममम एक बात तुम्हे बतानी थी विक्रम पता नहीं वो तुम्हारे काम की है कि नहीं...
विक्रम – ऐसी क्या बात है सर....
CBI OFFICER –कल्पना के मर्डर के एक दिन पहले दिवाली की रात को एक लड़की को कल्पना के साथ देखा गया था....
विक्रम –लेकिन सर इस बात का इससे क्या ताल्लुख....
CBI OFFICER – जानकारी के मुताबिक उस लड़की को आखिरी बार कल्पना के साथ देखा गया था उसके बाद से उस लड़की जाने कहा गायब हो गई जबकि उसके दूसरे दिन कल्पना का मर्डर हो गया....
विक्रम – ओह वैसे उस लड़की का क्या नाम था....
CBI OFFICER – मेरे लोग पता लगा रहे है शायद उस लड़की के बारे में सिर्फ कल्पना जानती थी....
विक्रम – हम्ममम ठीक है सर जैसे मुझे कोई जानकारी मिलती है आपको इनफॉर्म करता हूँ मैं...
CBI – ठीक है....
बोल के कॉल कट कर दिया दोनो ने लेकिन इन दोनों को ये नहीं पता था कि ठाकुर वीर सिंह जो होटल का मालिक है वो दूसरे फोन से इनकी सारी बाते सुन रहा था इनके कॉल कट करते ही उसने भी फोन का रिसीवर रख दिया उसके बाद ठाकुर वीर ने अपने होटल के स्टाफ को समझा दिया था कि किसी तरह होटल में ये बात फैला दे कि होटल में पुलिस है जिसके बाद होटल के डिस्को में कई लोग आपस में बात करने लगे पुलिस के होटल में होने की धीरे धीरे ये बात पूरे होटल में आग को तरह फैल गई एक कमरे में वो तीनों आदमी बैठ के आपस में बात कर रहे थे...
पहला आदमी – सुना तुम लोगो ने होटल में पुलिस आ गई है अब क्या करे...
दूसरा आदमी – अब क्या होगा यार कैसे हम अपना काम करेंगे....
तीसरा आदमी – तुझे काम की लगी है मुझे लग रहा है कही पुलिस हमारे लिए तो नहीं आई यहां पर....
दूसरा आदमी – देखो हमारा एक साथी पहले ही मारा जा चुका है मुंबई में हमें किसी तरह जल्दी अपने काम को खत्म कर निकलना होगा गोवा से...
पहला आदमी – लेकिन कैसे करेंगे यार अपने काम को...
तीसरा आदमी – एक काम करते है दिन के वक्त बीच पर कोई नहीं जाता है तेज धूप के कारण उसी वक्त हम अपना काम करके निकल जाएंगे गोवा से...
पहला आदमी – हा यही सही रहेगा...
जबकि इस तरफ कुमार के कमरे में....
रेणु – कुमार ये होटल में पुलिस किस लिए आई होगी कुछ हुआ है क्या होटल में....
कुमार – पता नहीं रेणु मैने भी सुना पुलिस के होटल में होने के बारे में....
रेणु – कुमार हम शादी कब करेंगे...
कुमार – रेणु मैने तुमसे कहा था ना अभी नहीं कर सकते हम शादी....
रेणु – आखिर क्यों कुमार ऐसी क्या बात है जो तुम मुझे बता नहीं रहे हो क्या मुझमें कोई कमी है....
कुमार – नहीं रेणु तुममें कोई कमी नहीं है बस ये समझ लो मै मजबूर हूँ और इस बारे में मै अभी कुछ नहीं बता सकता तुम्हे थोड़ा इंतजार करो तुम....
रेणु –(रोते हुए) बस इंतजार ही कर रही हूँ तब से लेकिन तुम....
कुमार – रो मत रेणु मै वादा करता हूँ जल्दी ही हम यहां से निकल के शादी कर अपने घर में होगे एक साथ हमेशा के लिए...
बोल के कुमार ने रेणु को गले लगा लिया दूसरी तरफ रात के वक्त जब सभी होटल के कस्टमर खाना खा के अपने कमरे में आराम कर रहे थे तभी विक्रम जाता है ठाकुर वीर के पास वहां जाके...
विक्रम – होटल में सबको कैसे पता चला पुलिस के होने का....
ठाकुर वीर सिंह – ये बात तो मुझे आपसे पूछनी चाहिए विक्रम साहब....
विक्रम – आप मुझसे पूछ रहे है जबकि आपके इलावा किसी को ये नहीं पता था पुलिस के यहां होने के बारे में...
ठाकुर वीर सिंह – एक होशियार और अक्लमंद ऑफिसर होने के बाद आप बेअकली की बात कर रहे है आप क्या चाहते है मै लोगो के पास जाके ये बोलता फिरू कि मुम्बई में एक मर्डर हुआ है जिसकी तहकीकात के लिए एक ऑफिसर यहां आया है , नहीं विक्रम साहब अपना धंधा चौपट कराने का कोई शौक नहीं है मुझे...
जिसके बाद विक्रम गुस्से में वहां से निकल अपने कमरे में जाता है जहां कमरे में विक्रम ने सुनीता को नाइट गाऊन पहना के तैयार कर दिया था...
विक्रम –(सुनीता को नाइट गाऊन में चारो तरफ से देखते हुए) एक काम करो गाऊन को दोनों कंधे से नीचे करो...
सुनीता – (ना में सिर हिलाते हुए) नहीं पहले प्लीज बोलो...
विक्रम – अच्छा बाबा प्लीज...
गाऊन को दोनों कंधों से हल्का नीचे कर दिया...
विक्रम – हम्ममम सही है अब एक काम करो कमरा नंबर 290 में जाओ....
सुनीता – वहां क्यों...
विक्रम – रिसेप्शन के रजिस्टर से मुझे पता चला उस कमरे में आधे सफेद बाल वाले आदमी का नाम नाम कौशल है तुम किसी तरह उसके कमरे में चली जाओ मै 2 मिनिट बाद उसके कमरे में कॉल करूंगा जिसके बाद अगर घबरा के उसने कोई ऐसी वैसी हरकत की तुम तुरंत मुझे आके बताना ठीक है....
सुनीता – और अगर जैसा तुम बोल रहे हो वैसा कुछ ना हुआ तो....
विक्रम – कॉल करने के बाद मैं उसके कमरे के बाहर आ जाऊंगा अगर मेरा प्लान काम नहीं किया तो मैं कमरे का दरवाजा नॉक करूंगा और कमरे में आके तुम्हे मना के ले जाऊंगा ठीक है...
सुनीता – ठीक है...
विक्रम – चलो जाओ अब जल्दी से उसके कमरे में....
सुनीता – (मुस्कुरा के) पहले प्लीज बोलो...
विक्रम – उफ्फ फ़ो प्लीज....
सुनीता मुस्कुरा के जाने लगी कमरे के बाहर आते ही....
विक्रम – (सुनीता से) BEST OF LUCK....
जिसके बाद सुनीता सीधे कौशल के कमरे के बाहर आ गई और दरवाजा नॉक किया उसी वक्त कमरे में कौशल अपने बालों में डाई लगा रहा था दरवाजे पे नॉक सुन खोल के सामने सुनीता को देख...
कौशल – जी आप कौन....
कौशल की बात सुन सुनीता रोने का नाटक करने लगी जिसे देख....
कौशल – अरे क्या हुआ आप रो क्यों रही हो....
सुनीता – क्या मै आज रात आपके कमरे में रह जाऊं...
कौशल – (सुनीता को सिर से पाव तक देख) रात क्या आप चाहो तो हमेशा के लिए रह जाओ मेरे कमरे में आइये अन्दर...
जिसके बाद सुनीता कमरे के अन्दर आ गई उसी वक्त कौशल कमरे का दरवाजा बंद कर रहा था तभी होटल का वेटर आया....
वेटर – साहब आपका पानी की बॉटल...
कौशल – (वेटर को कमरे के बाहर से ही भागते हुए) अबे तू क्यों अन्दर आ रहा है जा यहां से....
वेटर – सर पानी....
जिसके बाद कौशल ने बिना वेटर की बात सुन दरवाजा बंद कर दिया....
वेटर – (कमरे के बाहर से ही) लगता है आज साहेब की लॉटरी लग गई...
बोल के हस्ते हुए वेटर वहां से चला गया जबकि कमरे के अन्दर....
सुनीता – मै कहा बैठूं...
कौशल – जहा चाहे वहां बैठ जाओ...
सुनीता हल्का मुस्कुरा के ना में सिर हिलती है जिसे देख...
कौशल – फिर कहा (मुस्कुरा के) मेरे दिल में...
सुनीता फिर से हल्का मुस्कुरा के ना में सिर हिलती है जिसके बाद....
कौशल – (मुस्कुरा के) मेरी बाहों में...
सुनीता –(मुस्कुर के बेड में बैठते हुए) यहां बैठूंगी...
कौशल मुस्कुरा के सुनीता के पास आके गले लगाने की कोशिश करते है और बोलता है...
कौशल – बताइए मै क्या कर सकता हूँ आपके सिर को दबा दूं या आपके कमर को नहीं मै आपके पैर दबाता...
बोल के कौशल नीचे होते हुए सुनीता के पैर दबाने जाता है के तभी टेलीफोन को घंटी बजती है जिसे के बाद...
कौशल – (गुस्से में) इसे भी अभी बजाना था (कॉल रिसीव करके) कौन है...
विक्रम –(फोन पे रुमाल लगा के) हैलो कौन बोल रहा है....
कौशल – मै कौशल बोल रहा हूँ...
विक्रम – (आवाज बदल के) हैलो कौशल मै खन्ना बोल रहा हूँ....
कौशल – हा खन्ना बोलो....
विक्रम – तुमने सब गड़बड़ कर दी आज स्विमिंग पुल पर जो हादसा हुआ उससे तुम्हारे सिर से कला रंग निकल गया और किसी ने तुम्हे पहचान लिया है....
कौशल –(घबरा के) ये क्या बोल रहे हो अब मैं क्या करू मै मर जाऊंगा...
विक्रम –(आवाज बदल के) अपनी पहचान के सारे सबूत छिपा दो तुम जल्दी से...
कौशल – (घबरा के) हा मै अभी करता हूँ...
बोल के कॉल कट कर दिया कौशल ने इस तरफ विक्रम ने मुस्कुराते हुए फोन रख दिया इस तरफ कौशल के कमरे में....
कौशल – (सुनीता से) तुम एक काम करो जाओ कमरे से...
बोल सुनीता का हाथ पकड़ के कमरे से बाहर कर दरवाजा बंद कर दिया जिसके बाद सुनीता तुरंत अपने कमरे में चली गई कमरे में आते ही....
सुनीता – विक्रम तुम्हारा प्लान काम कर गया कौशल घबरा गया कॉल आने से...
विक्रम – (मुस्कुराते हुए) VERY GOOD चलो अब आराम से सो जाओ कल सुबह का इंतजार करते है आज रात कौशल कोई ना कोई गलती जरूर करेगा जल्दी बाजी में....
ये दोनो इस बात से अंजान की कौशल अपने कमरे में अपनी पहचान के सारे सबूत लेके कमरे से बाहर निकल जाता है नीचे होटल के गार्डन के पास एक पेड़ के नीचे मिट्टी खोदने लगता है जबकि एक कोने में छुप के कुमार गोर से कौशल को देख रहा होता है तभी कौशल अपनी जेब से कुछ कागज निकाल के खड्डे में छिपा के मिट्टी डाल बंद करके निकल जाता है उसके जाने के बाद कुमार उसी गड्ढे में से उस कागज को निकाल के पढ़ता है जिसमें कौशल का नाम लिखा होता है जिसे पढ़ के...
कुमार –(गुस्से में कागज को मुट्ठी में दबा के) तो ये है कौशल अब तू नहीं बचेगा मेरे हाथों से....
जबकि इस तरफ कौशल गार्डेन के साथ बनी गैलरी से होटल के हॉल की तरफ जा रहा होता है तभी बीच में एक पेड़ के पीछे से वही काले कपड़ों में आदमी रस्सी को कौशल की गर्दन में डाल के उसे लटकाने लगता है जिसके बाद कुछ सेकंड में कौशल तड़प तड़प कर अपना दम तोड़ देता है तभी वो काले कपड़ों वाला आदमी कौशल की लाश वही लटका के निकल जाता है अगले दिन सुबह के वक्त होटल के कई कस्टमर मॉर्निंग वॉक कर रहे थे तभी एक लड़की के चिल्लाने की आवाज आई जिसे सुन बाकी के लोग वहा इकट्ठे हो गए जहां पर सभी की नजर पेड़ पे लटके कौशल की लाश पर गई तब होटल के स्टाफ ने होटल मालिक ठाकुर वीर सिंग को बताया जिसके बाद ठाकुर वीर ने गोवा पुलिस कमिश्नर को बुलाया जब पुलिस वहां आई उस वक्त होटल से बाकी कई लोग भी आ गए थे जिसमें विक्रम , सुनीता , कुमार , रेणु , UNKNOWN और वो तीन लोग भी थे जो पेड़ में लटकी कौशल की लाश को देख रहे थे तब....
कमिश्नर –(ठाकुर वीर सिंह से) ठाकुर साहब मै चाहता हूँ आप अपने होटल के सभी कस्टमर को हॉल में इकठ्ठा करे मुझे कुछ जरूरी बात कहनी है....
जिसके बाद सभी होटल के मेन हाल में आ जाते है तब...
गोवा कमिश्नर – हैलो लेडीज एंड जेंटलमैन मैं गोवा का कमिश्नर हूँ मेरा नाम थापा है जैसा आप जानते है कल रात होटल में एक कत्ल हुआ है सो प्लीज आप सभी से रिक्वेस्ट है कि आप सभी होटल को छोड़ के कही ना जाए ताकि कातिल का पता लगाया जा सके थैंक्यू...
जिसके बाद सभी कस्टमर अपने कमरे में जाने लगे तभी...
ठाकुर वीर सिंह – (थापा से) कमिश्नर साहब ये मेरे होटल का वेटर है इसने कल रात को आखिरी बार कौशल को देख था...
थापा – (वेटर से) तुमने कल रात को क्या देख मुझे सारी बात बताओ...
वेटर – सर कल रात मै पानी देने गया था कौशल साहब के कमरे में लेकिन उन्होंने मुझे बाहर से भगा दिया....
थापा – ऐसा क्यों किया कौशल ने...
वेटर – वो कल रात को उनके कमरे में सुनीता मैडम थी....
थापा – कौन है ये सुनीता....
वेटर – जी वो विक्रम साहब की बीवी है....
थापा – क्या मतलब सुनीता शादीशुदा है लेकिन कौशल के कमरे में क्या काम उसे , ठीक है ये विक्रम साहब कहा मिलेंगे मुझे....
वेटर – आइए सर मै आपको ले चलता ही उनके पास...
बोल के वेटर कमिश्नर थापा को विक्रम के पास ले जाने लगा तभी होटल की गैलरी में विक्रम मिल जाता है जिसे देख....
वेटर – (विक्रम को रोक के) एक मिनिट विक्रम साहब (कमिश्नर थापा से) सर यही है विक्रम साहब....
थापा – (विक्रम से हाथ मिलाते हुए) हैलो मिस्टर विक्रम मेरा नाम थापा है गोवा कमिश्नर...
विक्रम – हैलो थापा साहब (वेटर से) ठीक है अब तुम जाओ मैं बात करता हूँ...
वेटर के जाने के बाद....
विक्रम – (अपना I CARD दिखा के) थापा साहब मै मुंबई से CBI OFFICER हूँ यहां गोवा में एक मर्डर केस के सिलसिले में आया हुआ हूँ...
कमिश्नर थापा – Oh I SEE NICE TO MEET YOU मुझे मुंबई से CBI हेडक्वार्टर्स से कॉल आया था उन्होंने आपके बारे में बताया था मुझे , आइए काफी पीते हुए बात करते है....
दोनो होटल के रेस्टोरेंट में जाके काफी पीते हुए बात करने लगे...
थापा – तो मिस्टर विक्रम बताइए आपकी इंक्वायरी कहा तक पहुंची....
विक्रम – सर पहले तो आप मुझे सिर्फ विक्रम बुलाइए यहां होटल में मै पुलिस हूँ ये किसी को नहीं पता है रही बात केस की तो सिर्फ कुछ लोगों पे शक है मुझे....
थापा – हम्ममम अगर मुझसे कोई मदद हो सके तो बताइए मुझे....
विक्रम – सर आप होटल में सबकी इंक्वायरी जरूर करेंगे...
थापा – बिल्कुल ये नॉर्मल प्रोसिजर है....
विक्रम – जी मुझे आपसे इसमें मदद की जरूरत पड़ेगी...
थापा – बताए कैसी मदद चाहिए आपको....
उसके बाद विक्रम कमिश्नर थापा को उन तीन लोगों के बारे में बताता है साथ में कुमार और उस चारो की पहचान के बारे में बताता है और ये भी की मुंबई से तीन लोग यहां आए हुए है लेकिन वो कौन है क्या नाम है उनका ये पता लगाने की बात करता है विक्रम जिसे सुन....
थापा – ओके विक्रम मै जल्द से जल्द इस सब के बारे में पता करके आपको इनफॉर्म करूंगा....
विक्रम – थापा साहब आप प्लीज ये बात सिर्फ मुझे बताइए गा और प्लीज पर्सनली बताइएगा मुझे कॉल पर नहीं...
थापा – ठीक है विक्रम...
बोल के दोनो निकल जाते है जहां पर कौशल की लाश को पेड़ से होटल के स्टाफ के लोग उतार रहे थे जिसके बाद कौशल की लाश को अपने साथियों के साथ थापा लेके निकल गया जबकि विक्रम पेड़ के आस पास देख रहा था तभी विक्रम की नजर घास में पड़े लाइटर पर गई गोर से देखने पर विक्रम को उस लाइटर में कुमार का नाम लिखा दिखाई दिया
विक्रम – हम्ममम कुमार (बोल के अपनी जेब में लाइटर रख दिया)
.
.
जारी रहेगा
Kon kisko nipta raha hai? Ye abhi clear nahi hua

renu and kumaar ka ili-ilu bhi hoga kya?

Waise jo bhi chal raha hai, chalne dene ka, kisi aur loche me fase to gadbad ho sakta

Awesome update and superb writing

dear