बड़ी ही खतरनाक लेवल पर पहुँच गई है राजवीर और स्वाति की कहानी । ऐसा लग रहा है जैसे राजवीर साहब ने एक दुर्गम किला जीत लिया हो । स्वाति को अपने रंग मे ढ़ालना दुर्गम किला फतह करने के ही बराबर था ।
इन्सेस्ट के मैदान पर दो जोड़े रेस पर दौड़ रहे हैं - आलोक - आरोही , और राजवीर - स्वाति , और इस रेस मे फिलहाल दूसरी जोड़ी जीत हासिल करती हुई नजर आ रही है ।
राजवीर साहब ने तन और मन के साथ साथ धन का भी अच्छा खासा यूटिलाइज किया । रोल्स राॅयस कार तक खरीद लिया । स्वाति को पता होना चाहिए कि ऐसी कार हिन्दुस्तान मे मात्र चंद लोग के ही पास है ।
ठीक ही कहा जाता है , औरत के चक्कर मे बड़े बड़े जहाज तक बिक जाते है । यहां तो फिर भी एक रोल्स राॅयस का ही चूना लगा ।
डबल मिनिंग्स डायलॉग , ठंडे पानी मे भी आग लगा देने लायक इरोटिक प्रसंग , सिलसिलेवार इन्सेस्ट रिलेशनशिप बिल्ड अप इस कहानी को एक अलग ही दर्जे पर लेकर जा रहा है । बहुत ही बेहतरीन लिख रही है आप ।
हंड्रेड पर्सेंट , इस कहानी के पात्रों का इन्सेस्ट रिलेशनशिप की स्पीड बुलेट ट्रेन की स्पीड जैसे हो गई है ।
आउटस्टैंडिंग एंड हाॅट अपडेट रेखा जी ।