Writer ने अच्छी story लिखी है | characters are quite consistent through out the story | shakuntala ने कभी भी गजेंद्र की advance को habhi नहीं होने दिया | बहुत सारे स्टोरी मैं शुरू मैं लड़की या औरत को writer ने लिखा होगा कि बहुत संस्कारी औरत हैं पर एक दो अपडेट के बाद वो खुद अपना chut दे रही होगी तो कोई इतनी संस्कारी पहले थी तो कैसे ऐसे बिना कोई situation के ऐसे बन गई? पर इस स्टोरी मैं Shakuntala को अपने character के हिसाब से दिखाया गया है, उसने कभी भी गजेंद्र को अपनी और से कुछ भी करने नहीं दिया, अपनी dignity बचाई रखी और पूरा रख लेती अगर रवि ऐसा नहीं निकालता |अगर अभी गजेंद्र shakuntala के साथ सम्भोग कर लेता है तो वो एक कमजोर पल ही होगा जिसका फायदा गजेंद्र उठा सकता है ना कि Shakuntala loose character हैं | और इसकी वजह रवि ही होगा | उसकी hawas की वजह से ही सब हो रहा है |अगर उसकी सोच खराब नहीं होती अपनी माँ के प्रति तो ये दिन ना देखना पड़ता | इस स्टोरी मैं बहुत ही अच्छी तरीके से स्टोरी को लिखा गया है | धीरे धीरे सभी चीज को build-up किया गया हैं | स्टोरी का theme पहले से ही Incest plus adaultry था और story का नाम भी तो है कि "जिस शरीफ माँ ने मुझे जैल से निकला उसी ने वापस डाला" | रवि जब जैल गया था तो उसकी माँ ने बहुत बड़ा बलिदान दे कर अपने बेटे को जैल से निकला था क्यूंकि उसे पता था कि उसका बेटा निर्दोष हैं और अब अगर जैल भेजती है तो इसका जिम्मेदार खुद रवि ही है अपनी हरकत की वजह से |