kabir singh
Aye kabira maan jaa
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KABUL HE :- 15
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इधर सहर में अर्जुन खुसी के ज़िंदगी जीने लगा.. डॉक्टरी पढ़ाई के साथ साथ अनामिका जैसी स्वर्ग की पारी को दिन रात चोद चोद कर ...अर्जुन ने अर्जुन को पत्नी की तरह मान रहा था..
अर्जुन बचपन से इस शहर के अंदर पढ़ाई करके आपनी गरीब के अभाव से जो ज़िंदगी गुज़ार राहा था..
अब अनामिका के जरिये अर्जुन के पास पैसा आने से अर्जुन दिल खोल कर जीने लगा..
अर्जुन राज पटेल ओर बसुंधरा का बेटा था.. एक सूर्यबंशी राजपूत का खून था अर्जुन के खून पर..
अर्जुन के सुंदर चेहरे और गठीला सरीर पर ..सहर के मेहेंगी मेहेंगी कपड़े खूब जचता था..
खुदके पास आलीशान बंगला , मेहेंगी कार , ढेर सारे बैंक बैलेंस ओर चुदाई केलिये स्वर्ग लोक की परी अनामिका ..ओर क्या चाहिये था अर्जुन को..
यसवंत मामा ने रोज़ अर्जुन को फोन करके ..अर्जुन के दिल मे बाप बेटे का रिश्ता कायम कर चुके थे..
अर्जुन के कलेज दोस्तो ने अर्जुन को कलेज इलेक्शन में खड़े होने केलिये सुझाब दिए.. तब पहेली बार रूपा ममी ने अर्जुन को ..अर्जुन के घर पर आकर राजनीत अछि नहीं है बोलकर चली गेई थी..
अर्जुन को पहेली बार अनजाने में रूपा ममी को आपनी माँ समझ ने लगा..
अर्जुन आपने मन में - अगर मेरी सगी माँ मेरे पास होती तो रूपा आंटी की तरह दिखती ..
ऐसे ही कुछ दिन के अंदर अर्जुन यसवंत चोपड़ा के परिवार के साथ घुल मिल चुका था.. बन्दना ओर बन्दना के पति रूपेश चौहान को छोड़ कर ..बाकी सबको साथ अर्जुन आछे तरह से दोस्ती बना चुका था..
खास करके यसवंत मामा के 2nd बेटी चुमकी..
चुमकी अपने पति मेहुल महाजन के साथ यसवंत मामा के घर पर रहती थी...
म्यूज़ियम के अंदर अर्जुन सबके सामने यसवंत मामा को सेर के मुंह से बचा कर ..चोपड़ा परिवार का सबसे प्यारा बेटा बन चुका था..
चुमकी का सबसे प्यारा भाई और आछे दोस्त अर्जुन बन चुका था.. बन्दना चोपड़ा परिवार की एक ओर बेटी है ..ये बात कोई अर्जुन को बताए नहीं ..ओर अर्जुन भी कभी पूछा ही नहीं..
एक दिन बन्दना की घर पर बन्दना ओर रूपेश की के बीच कुछ हल्की फुल्की नोक झोंक हुई.. रूपेश सीधा ना बोलकर उल्टी दिशा में बन्दना को चौहान खानदान की वारिस मांग रहा था ...
अनजाने में बन्दना की आंख से 2 बून्द आंसू निकल चुकी थी..
बन्दना अछि लड़की थी ..इशिलिय तो आपने पति रूपस का नामर्द वाला कमज़ोरी को अभी तक छुपा कर रखी थी..
ओर तो ओर ..जिस दिन से बन्दना ने अर्जुन और अनामिका की चुदाई का लाइव टेलीकास्ट देखी है.. ओर कोई लड़की होती तो कबकी अर्जुन के लन्ड को आपनी चुत के अंदर ले चुकी होती..
रूपेश आपने नामर्द के कमज़ोरी की वाज़ा से बन्दना को बार बार अनामिका की तरह माँ बनने केलिये बोल चुका था..
फिर भी बन्दना आपने प्यार केलिये ..आपनी चुत की आग को युही घुट घुट कर जी रही थी..
जब बन्दना ने अर्जुन और अनामिका के चुदाई को देखती थी.. तब बन्दना की चुत के अंदर भूचाल आ जाती थी..
फिर भी बन्दना कोई ज़ल्दबाज़ी में गलत कदम उठाना नहीं चाहती थी.. पर आज बन्दना की सासु माँ ने बन्दना को मुँह खोल कर चौहान खानदान केलिये वारिस मांगने लगी...
रुपेश की माँ - देख बोहु , में मानती हूं तुम दोनों पति पत्नी ज्यादा पढ़े लिखे हो.. पर एक बार इस खानदान के बारे में तो सोचो ? अनामिका बेटी भी उसी दिन सादी की थी.. जिस दिन तू मेरी बोहु बनकर इस घर पर आई थी.. जब अनामिका बेटी ने माँ बनने जा रही है.. तो फिर तू कब माँ बनेगी ? तुझे में सासु माँ की हिसाब से नहीं ..एक माँ की हिसाब से बोल रही हूँ.. रूपेश इस खानदान का अकेला वारिश है.. इशिलिय तुझे में बेटी और बोहु मानती हूँ..
इतना बोलकर रूपेश की माँ भीगी पलके लेकर आपनी रूम के अंदर चली गेई..
बन्दना काफी सोच बिचार करने के बाद ..बन्दना ने अनामिका को फ़ोन करदी..
बन्दना - तू अभी किधर है ?
अनामिका - में मेरे घर पर हूँ ..
बन्दना - रुक में अभी अति हूँ ..
जब बन्दना अनामिका के घर पर गेई. सचमुछ अनामिका घर पर अकेली थी..
बन्दना - तेरे ससुराल वाले सब किधर है ?
अनामिका - क्या बताऊँ यार ..नंदन के दादी की तबियत अचानक खराब हो गेई.. नंदन मेरी सासु माँ को लेकर गाँव गए हुए है.. बनी तेरी चेहेरा क्यों उतरी हुई लग रही है ? Whats happen ?
फिर बन्दना मयूश भरी आवाज़ से सबकुछ बताने लगी ..
अनामिका गेहरी सांस छोड़ के - अब तू क्या चाहती है बनी ?
बन्दना - में तेरी तरह प्रेग्नेंट होना चाहती..
अनामिका खुसी से - सच ?
बन्दना - पर अनु , इश बात को करन को पता नहीं होनी चाहिए .
अनामिका - whats ननसेन्स सवाल ? ऐसे कैसे पॉसिबल है ? आच्छा आछा वही इंजेक्शन टेक्निक.. पर बनी इंजेक्शन के ज़रिए 20% चांस है ?
बन्दना - ohh no , आछा अनु , ऐसा हो सकता है ..करन तुझे समझ कर मुझेसे सेक्स करके चला जाये ?
अनामिका - not bad idea ..पर हाऊ कान पॉसिबल ?
बन्दना - देख अभी तेरे घर पर कोई नहीं है ..तू तेरी चिकनी चुपड़ी बातों से करन को इधर बुलाएगी.. ओर करन समझेगा इस घर पर तेरी सासु माँ है.., so तू पेहेले करन को तेरी सासु माँ की कमरे पर ले जाएगी ..
अनामिका - क्यों ?
बन्दना - क्यों कि तुझे करन के दिमाग पर डर पैदा कर देना है.. करन को यकीन हो जाना चाहिए कि तेरी सासु माँ सोइ हुई हैं..
अनामिका - पर मेरी सासु माँ तो बिस्तर पर नहीं मिलेगी ..तब ?
बन्दना ने अनामिका की सर को हल्की सी झटका दे कर - बेबकुफ़ लड़की तुझे प्रिंन्सपाल कौन बनाया ..आरे बुधु में तेरी सासु माँ बनकर चेहेरे छुपा कर सो जाउंगी..
अनामिका - उसके बाद ?
बन्दना - इसके बाद.. तू घर की सारि लाइट बंद कर देगी.. उसी वक़्त में तेरे बदले करन के नीचे आ जाउंगी..
अनामिका - वो तो ठीक है .पर ?
बन्दना - पर क्या ?
अनामिका - करन का लन्ड मामूली इंसान के लन्ड के तरह नहीं है ..क्या तू पेहेली बार करन का लन्ड को झेल पाएगी ? क्या करन को सक नहीं होगा ?
बन्दना - हाँ यार ..पर तु चिंता मत कर .में दर्द को झेल लुंगी .. तू एक काम कर ..करन को अभी फ़ोन करके नाईट का प्रोग्राम बता दे ?
अनामिका हस के - बनी तुझे पोलटिक्स में होना चाहिए.. साली क्या दिमाग पाई है..
बन्दना - ज्यादा उछल मत.. जल्दी से करन को फोन कर ..अभी सिर्फ 2 घन्टे का वक़्त है ..
अनामिका ने अर्जुन को फोन करदी.. अर्जुन भी अनामिका की फोन को बड़े प्यार से स्वागत किया..
अनामिका - जानू में आज तुम्हरे रूम नहीं आ सकती ...अचानक नंदन किसी मीटिंग से बाहर है.. घर पर मेरी सासु माँ अकेली है..
अर्जुन गुशे में - अनु मेरी जान.. तू तो दिन भर कलेज के ब्यस्त रहेती है.. ओर अभी बोल रही है रात को चुदाई नहीं हो सकती ..अब में क्या करूँ ?
अनामिका - मेने कब बोलो की चुदाई नहीं हो सकती .. चुदाई होगी ..वो भी मेरे ससुराल में ..मेरे पति नंदन के बिस्तर पर ..पर आज कुछ अलग तरीके से ..
अर्जुन - पर तेरी सासु माँ ?
अनामिका - आरे बुधु .. में हूँ ना .. तुम फिक्र मत कर... में सारे इंतज़ाम कर लुंगी..तुम सिर्फ साइलेन्स रहना.. मेरे ससुराल के अंदर घुसते ही गूंगा बनकर रहेना.. क्यों कि तुम घर के अंदर एंट्री होते ही ..में घर के सारे लाइट बंद कर दूंगी..
अर्जुन - आछा प्लान है ...पर में तुझे देख नहीं पाऊंगा..
अनामिका हस के - ओर एक खास बात ..आज हम पेहेली बार नंदन बलवंत के बिस्तर पर चुदाई करने वाले है.. इशिलिय में मेरी चुत को मेडिसिन के ज़रिए छोटी करदी.. ताकि तुम्हे मेरी चुत थोड़ी टाइट लगे..
अर्जुन - ओक में थोड़ा बाहर हूँ ..मुझे ..
बीच मे अनामिका - ठीक है.. मेरी सासु माँ ठीक रात 9 बजे सोती है.. तुम रात को 11 बजे आ जाना. ओर आनेसे पेहेले एक बार फोन ज़रूर करलेना..
अर्जुन हस के - ओक ..
अर्जुन फोन बंद करने के बाद ..
चुमकी हस के - हो गेया फोन ..चल पापा ओर मामा(माँ) तुझे डानिंग टेबल पर इंतज़ार कर रहे है.. वेसे कौन थी वो ? गर्ल फ्रेंड ?
अर्जुन - दीदी तेरी दिमाग खराब हो चुकी है.. भला मुझ जैसे छोटे जात ओर लावारिस को कौन हमसफर बनाएगा ?
चुमकी गुशे में पेर पटक कर अंदर चली गेई.. कुछ मिनट के बाद अर्जुन घर के अंदर घुसा..
यसवंत , रूपा डाइनिंग टेबल पर बैठ कर अर्जुन के राह देख रहे थे..
अर्जुन आपने सीट पर बैठ कर - ये चुमकी दीदी किधर गेई ?
यसवंत - तुने उसे कुछ बोल दिया.. इशिलिय चुमकी गुशे से चली गेई..
अर्जुन - में सच तो बोला ?
रूपा फाटक से आपनी कुर्सी से उठ कर अर्जुन को पीछे से आपनी बाहों में भर के - तू लवारिष नहीं है.. तू सिर्फ मेरा बेटा है ..
यसवंत - करन बेटा .. तू कभी लवारिष कभी छोटे जात .. अगर तू जंगल के उस कबीले के बेटा नहीं है तो तू छोटे जात कैसे हुआ ? अगर तू लवारिष है तो उस कबीले के सरदार तुझे कहाँ से पाया ?
फिर अर्जुन ने आपनी बचपन की सचाई बताने लगा.. ये सचाई महिस्मती ने अर्जुन को हाली में बताई थी. जब अर्जुन ने महिस्मती को गर्भवती बना कर खुद को कासुरबार सोच राहा था.. इशिलिय महिस्मती ने सारी सचाई अर्जुन को बता दिया..
अर्जुन के कहानी सुन ने के बाद अचानक रूपा ने खूब ज़ोर ज़ोर से अर्जुन को आपनी बाहों में भर कर..
रूपा - भागबन के घर देर है अन्धेर नहीं.. मुझे मेरे खोया हुआ बेटा मिल गेया.. मुझे मेरे राज़ मिल गेया.. इतने साल के बाद मुझे मेरे लाल मिल गेया..
तब बाहर से अर्जुन का एक दोस्त अर्जुन से मिलने आया.. अर्जुन रूपा चोपड़ा को भीगी पलके से देख देख कर आपने दोस्त से बात करने जाने से पेहेले..
अर्जुन - में बस 2 मिनेट के अंदर आया..
इतना बोलकर अर्जुन भागता हुआ आपने दोस्त से मिलने आया.. ताकि अर्जुन फटाफट आपने दोस्त का प्रॉब्लम को ख़तम करके आपने छुपे हुए अतीत को सामने ला सके....
अर्जुन जाने के बाद यसवंत - रूपा ये क्या बेहूदा मज़ाक है ?
रूपा - में किसी भी हालत में करन को मेरे हाथ से जाने नहीं दूँगी.. भले ही में झूठ बोल रही हूं.. पर सच ये है करन अब मेरा बेटे बनकर मेरे पास रहेगा..
चुमकी ये सब सुन कर आपने कमरे से निकल कर - माँ , करन बहोत अच्छा लड़का है ..अगर उसे मालूम पड़ेगा कि तू उसे झूट बोल रही है तो ?
रूपा - मेरे छोटी सी झूट से करन को एक नई जीवन मिल जाएगा.. मुझे मेरे राज मिल जाएगा. ओर चुकमि तुझे तेरा एक भाई मिल जाएगा..
यसवंत - रूपा , में भी करन को अपना बेटा मान चुका हूँ.. पर कभी करन को असलियत मालूम पड़ा तो ?
रूपा - करन मेरा बेटा है.. अब करन मेरा बेटा राज चोपड़ा है.. खबरदार अगर तुम दोनो में से कोई सचाई बताया तो ..अगर मेरे राज को मेरे झूट का पता चला तो सोच लेना उस दिन मेरी आखिर दिन होगी..
इधर करन फटाफट आपने दोस्त को काल के पार्ट में जाने केलिये हाँ बोलकर घर के अंदर भागा चला आ राहा था..
रूपा - देखो मेरा बेटा राज़ आ राहा है..
अर्जुन - हाँ में आगेया ..
रूपा अर्जुन के माथे को लगातार चूमते हुए - आज के ठीक 19/20 साल के पेहेली बात है.. हम ***जंगल पर पिकनिक बनाने गये थे.. अचानक कुछ डाकू तुझे उठा के भागने लगा..
रूपा -तेरे पापा (यसवंत) ओर में उस डाकू के पीछे भागने लगे.. काफी देर तक हम दोनों उस डाकू के पीछे भागने के बाद तेरे पापा ने मजबूरन उस डाकू के उपर गोली चला दिए..
अर्जुन - फिर ?
यसवंत - फिर मेने देखा डाकू के हाथों में तू नहीं है..
रूपा - हम दोनों तुझे काफी दिन तक उस बिरान जंगल के अंदर ढूंढने लगे...
अर्जुन - आप कैसे यकीन के साथ बोल सकती हो कि में ही राज़ हूँ..
फिर रूपा ने यसवंत ओर अर्जुन दोनो को खींच के बड़े से आईने के सामने खड़ी कर के..
रूपा - राज बेटा ..इश आईने में तेरे चेहेरे से तेरे पापा के चेहेरे को कंपेयर कर.. नाक , आंख ,कान ,सब कुछ .. आपने दिल और दिमाग से नापतोल कर..
अर्जुन और यसवंत ..दोनो तो सगे मामा भांजे थे.. भला अर्जुन आपने मामा की तरह क्यों नेहुं दिखेगा ?
जब बसुन्धरा के रूप रंग अर्जुन के तन बदन पे कूट कूट कर भरा था.. तो भला यसवंत मामा की सकल अर्जुन के सकल से कैसे नहीं मिलता..
अर्जुन पेहेली बार आईने के सामने यसवंत मामा ओर खुद के सकल को बारी बारी से देख देख कर दिल से आँसू निकल राहा था..
चुमकी भी अर्जुन जैसा प्यारा इंसान को आपने छोटे भाई बनाने में बेचैन थी..
चुमकी - राज.. में तेरी बेहेन चुमकी हूँ .
इतना सुनते ही अर्जुन फाटक से चुकमि को सबके सामने आपने सिक्स पैक बॉडी के अंदर कस के पकड़ लिया..
तब यसवंत के सेक्रेटरी बिक्रम आ कर यसवंत की मीटिंग केलिये बुला के लेकर चला गेया..
चुमकी अर्जुन को - इडियट में तेरी बेहेन हूँ.. मुझे गर्ल फ्रेंड की तरह आपने बाहों में भर कर मेरी जान लेगा क्या ?
अब अर्जुन को कोई गीले सुकवे नहीं थी.. अर्जुन आपनी सगी बेहेन समझ कर चुमकी को गर्ल फ्रेंड की तरह आपने बाहों में पकड़ कर आपनी मामी रूपा को..
अर्जुन - मां , आज से एहि मेरी दीदी ओर गर्ल फ्रेंड भी है..
रूपा हस के - चल बदमाश.. अजा जल्दी खाना खा ले..
अर्जुन - माँ में आज बहोत खुस हूँ ..आज मे मेरी दीदी के साथ बाहर किसी खुले जगह पर खाना खाना चाहता हूँ..
इतना बोलकर अर्जुन के आँख से अनजाने में 2 धार आँसू निकल चुका था.. अर्जुन के आँख से आँसू देख कर ..चुकमि ने अर्जुन को आपनी बाहों में फिर से भर लिया..
रूपा भी अर्जुन को पीछे से पकड़ कर - जा मेरे लाल.. जी ले आपनी ज़िंदगी.. जा पेहेले तेरा चेहेरा ठीक कर..
अर्जुन फाटक से बाथरूम के अंदर घुस गेया..
चुमकी -मामा , अर्जुन..
बीच में रूपा चुमकी की मुँह को दबा कर - राज़ , तेरा भाई राज़.. सिर्फ राज़ चोपड़ा है..इस चोपड़ा खानदान का वारिश है...
चुमकी - पर माँ राज़ तो मुझे बेहेन ओर गर्ल फ्रेंड..
रूपा हस के - राज तुझसे सिर्फ मज़ाक कर राहा है.. जरा सोच तू राज़ की सगी बडी बेहेन है और ऊपर से सादी सुदा भी.. कोई आपनी से बड़ी बेहेने से ऐसा सोच सकता है ?
रूपा - तू जानती है करन तेरा भाई नहीं है.. पर राज के दिमाग पर तो तू उसकी सगी बेहेन है.. अगर तेरी सादी मेहुल से ना हुई होती तो में राज को तेरे साथ शादी करवा लेती..
चुमकी आंख फाड़ के - मामा ?
रूपा दर्द भरी आवाज़ में - हाँ चुमकी ..जब से करन ने तेरे पापा का जान बचाया है.. तब से तेरे पापा ने करन के फोटो को देख देख के मुझे हमेसा कहते है " कास करन जैसा बेटा हमारे पास होता".. ओर में भी अनजाने में करन को आपने बेटे मान चुकी थी.. अगर तेरी सादी नहीं होती तो करन को मेरी दामाद बना देती.. पर उपर वाले कि चमत्कार देख.. करन मेरा राज़ बन गेया..
बीच मे चुमकी - मामा , चुप रहो.. राज आ राहा है..
तब अचानक मेहुल आकर - कहाँ जा रहे हो साले साहेब ?
अर्जुन गुशे में - क्या बोला आपने ? साला ? किसका साला ? मिस्टर मेहुल महाजन मुँह संभाल कर बात कीजिये ..
इतना सुनते ही मेहुल थोड़ा डर जाता है ..अर्जुन फाटक से मेहुल को कस के बाहों में भर के..
अर्जुन - प्यारे जीजा जी.. में आपके साला था.. साला हूँ और साला रहूंगा..
फिर रूपा मामी ने वही झूटी कहानी मेहुल को भी सुनाने लगी..
सब सुनने के बाद मेहुल हस के - भगबान के देर है अन्धेर नहीं.. अच्छा तू तेरी चुकमि दीदी को लेकर किधर जा राहा है ?
अर्जुन हस के - दीदी आज से मेरी गर्ल फ्रेंड.. कलेज के सभी दोस्त मुझे फटू बुलाते है..आज सबको बोल दूँगा मै फटू नहीं हूं.. में चोपड़ा खानदान का बीटा हूँ..
चुमकी हस के - ठीक है राज़.. तू आज से मेरा जान बन कर रहेगा ..
अर्जुन हस के - दीदी कुछ दिन केलिये मेरे दोस्तों को बेबकुफ़ बंनाने केलिते तू मेरी गर्ल फ्रेंड बन सकती है ?
मेहुल हस के - बाप रे.. फिर मेरा क्या होगा राज़ ?
अर्जुन गुशे से - जीजू ..प्लीज़ आप मुझसे मज़ाक मत कीजिये..
मेहुल हस के - आरे यार मैं तो मज़ाक कर राहा था..
चुमकी हस के - राज चलना.. मुझे भूक लगी है..
फिर चुमकी के कंधे पर हाथ डाल कर अर्जुन बाहर निकल जाता..
रूपा - दामाद जी.. मुझे उपर वाले ने मेरे खोए हुए राज़ को मेरी झोली में डाल दिये..
मेहुल - हाँ माँ जी.. आज पेहेली बार चुमकी की चेहरे पर खुसी देखा है..
Fucking hot update BhaiKABUL HE :- 16
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अर्जुन चुमकी दीदी को लेकर एक आछे रेस्टुरेंट के अंदर जाने लगा.. गाड़ी से उतरते ही अर्जुन खुसी से चुमकी दीदी के कंधे पर हाथ रख कर रेस्टुरेंट के अंदर जाने लगा..
अर्जुन आज सबसे ज्यादा खुश नजर आ रहा था.. क्यों कि चुमकी दीदी जैसी सुंदर लेडीज़ अर्जुन का सगी बड़ी बेहेन निकली..
एहि सोच कर अर्जुन उपर वाले को दिल से धन्यवाद दे रहा था..
हमारी चुमकी दीदी भले ही बन्दना दीदी की तरह हेल्थी नहीं थी.. पर थी कमाल की..
कचुमकी दीदी कि सरीर खूब अक्ट्रेटिव है. समान सही जगह पर ज़रूरत से ज्यादा थी..मतलब चूची ओर गाँड़ बन्दना दीदी की तरह थी.. रूप रंग तो आपनी माँ रूपा और बेहेन बन्दना दीदी की तरह है..
गले मे मंगल सूत्र , माथे पर लाल सिंदूर की बिंदी , हाथो में सुहागन की चूड़ी.. कोई भी देखेगी तो नई नबेली सादी सुदा सुहागन ही समझेगी..
अर्जुन कभी सपनो में नहीं सोच सकता कि उसकी बिछड़ी हुई परिवार इतनी आसानी से अर्जुन को मिल जाएगा..
चुमकी की सकल ओर अर्जुन की सकल काफी मिलती जुलती थी.. उसी हिसाब से अर्जुन के दिमाग पर कोई भी सक की गुंजाइश नहीं था...
अर्जुन चुमकी दीदी को लेकर एक टेबल के पास चला गेया..एक लेडी वेटर आ कर अर्जुन को..
लेडी वेटर - सर् , ये पब्लिक प्लेस के टेबल है..यहां आप लोगो केलिये ये टेबल नहीं है.. हमारे रेस्टूरेंट पर आप जैसे कपल के जोड़ी केलिये पर्सनल रूम है..
अर्जुन हस के - नहीं नहीं हम इधर कंफेटबले है..
लेडी वेटर - सर् , आपको दोनो कपल को देख कर पाता चलता है.. आप दोनों रीसेंट सादी किया है.. ऐसे कपल केलिये हम पर्सनल सेवा करते है.. प्लीज़ मेरे पीछे पीछे आइए..
लेडी वेटर जाने के बाद चुमकी ने हास के - देख तू मुझे दीदी से गर्ल फ्रेंड बना कर लाया था.. पर यहां के सिचुएसन ने मुझे तेरी दीदी से बीबी बना दिया..
अर्जुन गुशे में - चुप कर.. तू सिर्फ मेरी लाड़ली बेहेन है..
लेडी वेटर ने अर्जुन और चुमकी को लेकर एक बड़ा सा रूम के अंदर छोड़ दिया.. जिसमे ढेर सारे कपल भरे हुए थे..
अंदर सभी टेबल पर सादी के जोड़े एक दूसरे से रोमांस कर रहे थे...सारे कपल के रोमांस देख के अर्जुन सरम से सर नीचे कर दिया ..
चुमकी भी ज़रूरत से ज्यादा सरम से पानी पानी ही चुकी थी..
जैसे तैसे करके दोनो खाना खाकर घर वापस लौटे.. फिर अर्जुन फाटक से प्रितपाल अनामिका के चोदने केलिये अनामिका की घर की ओर आपने कार को घुमा लिया..
चुमकी आपनी बेड पर आपनी माँ रूपा की बातों को सोच रही थी.. " अगर तेरी सादी नही होती तो में करन को साथ तेरे शादी करवा देती "..." करन को देख कर में ओर तेरे पापा ने ..करन को बेटा मान चुके है "..
इधर अर्जुन फ़ोन करके अनामिका को आने का खबर दे चुका था..
जैसे ही अर्जुन अंदर घुसा वेसे ही अनामिका ने अर्जुन के हाथ से मोबाइल छीन कर लेगेयी ओर मोबाइल को swich off करदी..
प्लान के मुताबिक बन्दना ने अनामिका की सासु माँ बनकर बिस्तर के अन्दर मुँह ओढके सो चुकी थी..
अनामिका अर्जुन को लेकर दबे पेर बन्दना के पास आकर धीरे से..
अनामिका प्लान के मुताबिक अर्जुन के कान में धीरे से - करन , बूढ़ी सो चुकी है.. हमे बिना बात चीत , बिना आवाज़ से आज काम करना होगा.. बूढ़ी की नींद खूब कमज़ोर है..
अर्जुन भी धीरे से - बात क्यों करती हो.. कहीं बूढ़ी उठ गेई तो ?
अनामिका -तू चिंता मत कर.. अगर बूढ़ी उठ भी गेई तो कुछ समझ नहीं पाएगी.. मै लाइट बन्द कर दूंगी तो बूढ़ी को अंधेरे में कुछ नज़र नहीं आएगी..
अनामिका - फिलहाल बूढ़ी अभी नहीं उठेगी.. जब में घर के सारे लाइट ऑफ कर दूंगी.. तब बूढ़ी गर्मी के वाज़ा से उठ जाएगी.. इशिलिय लाइट ऑफ करना ज़रूरी है... लाइट बन्द होने के बाद कोई आवाज़ नहीं..
अर्जुन धीरे से - अगर चुदाई के वक़्त चुत की पच पच आवाज़ हुया तो ?
अनामिका धीरे से - वो भी नहीं होगी.. क्यों कि आज तुम्हे मेरी चुत खूब टाइट लगेगी.. तुम मेरे बेड पर चलो में लाइट ऑफ करके आती हूँ..
जैसे ही अर्जुन बेड के ऊपर बैठ गेया.. वेसे ही अनामिका ने घर की बिजली गुल करदी..
फाटक से बन्दना उठ कर अनामिका के पास चली गेई.. अनामिका अंधेरे में बन्दना को उसकी बेड तक लेकर अर्जुन को..
अनामिका - चुदाई के वक्त कोई भी आवाज़ नहीं ..वरना मेरी सासु माँ को सक हो जाएगी..
अनामिका बड़े साबधानी से बन्दना को अर्जुन के पास छोड़ कर दबे पेर बाहर आ गेई..
बन्दना कई बार अनामिका ओर अर्जुन चुदाई देख देख कर अर्जुन के चुदाई के स्टाइल को समझ चुकी थी.. इशिलिय बन्दना को मालूम थी कि अर्जुन सबसे पहले क्या करने वाला है..
बन्दना को सिर्फ एक बात की डर थी ..कहीं अर्जुन के खतरनाक लन्ड से बन्दना की मुँह से चीख ना निकल जाए..
बन्दना फाटक से अर्जुन को गले में अपनी दोनों हाथ रख कर अपनी मन में..
बन्दना आपनी अंदर आत्मा से - सायद करन को मेरे जीवन मे इंट्री होना ऊपर वाले का निर्देश है.. वरना में लाख कोशिश के बाद भी करन के आगोश में कैसे आ गेई.. सायद करन मेरा बचे का बाप ओर मेरा असली पति बन ने जा रहा है..
इतना सोच कर बन्दना आपने अंदर आत्मा के साथ समझौता कर चुकी थी..
बन्दना अर्जुन के खतरनाक लन्ड से डर रही थी... भले ही बन्दना कुवारी लड़की नहीं थी.. फिर भी अर्जुन के मोटे ओर लम्बे लन्ड से डर रही थी..
इशिलिये तो बन्दना ने दर्द ना होने की दबाई खा चुकी थी ओर साथ साथ सेक्स की वायग्रा टेबलेट भी खा चुकी थी..
उतना ही नहीं..बन्दना ने आपने पास एक छोटी सी कपड़ा यानी एक रुमाल भी रखी थी.. कहीं अगर मुँह से चीख निकल गेई .अगर करन को सचाई का पता चल गेया तो.. इसी प्रॉब्लम को सुलझाने केलिये बन्दना ने पेहेले रूमाल एक रुमाल पास में रखी थी.. ताकि चुदाई के वक़्त अगर मुँह से चीख निकल ने से पहले रुमाल को अपनी मुँह के अंदर घुसा लेगी..
जैसे ही बन्दना अर्जुन के पास गेई .वेसे ही अर्जुन ने बन्दना को आपने बाहों में भर कर बन्दना की गोरी गोरी गाल को चूमने लगा..
एक अदबुद रोमांस बन्दना की तन बदन पर लहर की तरह फैल गेई.. ऐसा मादक अनुभव बन्दना को कभी एहसास नहीं हुआ था..
बन्दना सेक्स के नशे में आपने पति और अर्जुन के रोमांस को अपनी दिमाग से मेसुरमेन्ट करती हुई.. अर्जुन के रंग में रंगीन होने लगी...
अर्जुन रात के अंधेरे में बन्दना की चेहेरे कर सारे अंग की छूकर प्यार करने लगा..
बन्दना खूब चालक थी.. इशिलिय अनामिका की कान के झुमके की तरह आपनी कान में भी वेसे ही झुमका लगवा कर अर्जुन को गुमराह कर रही थी..
उतना ही नही ..अनामिका की सर के बाल के स्टाइल से आपनी सर की बाल को भी वेसे ही कंगी से सजा चुकी थी..
अर्जुन फाटक से बन्दना की रस मलाई होंठ को चूमने लगा..
अर्जुन के होंठ लगते ही बन्दना की तन बदन रिमझिम सी होने लगी..
बन्दना आपनी jeebn साथी खुद चुन कर सादी किया था.. बन्दना आपने पति के साथ कॉलेज सेलेकर सादी सुदा जिंदगी तक लाखो बार लिप् किस कर चुकी थी..
मगर आज or अभी जो अलग मज़ा बन्दना के शरीर को मिल रही थी.. सायद ये अदभुद रोमांस रूपेश आपनी पत्नी बन्दना को आज तक कभी एहसास नहीं दिलाया था..
जैसे खून खून को पहचानती है.. वेसे बन्दना की सरीर ने आपने खून के कतरे की परख चुकी थी..
आज एक बाप के अलग अलग कोख से निकले हुए भाई बहन की संगम होने जा रहा है..
किसको काबुल हो या ना हो.. पर इस वक़्त बिधि ओर समय को अर्जुन और बन्दना की प्यार काबुल हो चुकी थी .
कुदरत के अजीब कसमे कस से बन्दना की जमीन के अंदर आज पटेल खानदान का बिज गिरने तय हो चुका था..
रात के अंधेरे में अर्जुन ने आपनी बड़ी बेहेन बन्दना दीदी को अनामिका समझ कर ..बन्दना की सरीर से कपड़ा खोलने लगा..
बन्दना भी खुसी खुसी आपनी सरीर से एक एक कपड़ा उतरने दिया..
अब बन्दना सिर्फ चड़ि or ब्रा में अर्जुन के सामने खड़ी थी..
भले ही कमरे के अंदर घनघोर अंधेरा छा चुकी थी.. पर अर्जुन बिना रोमांस से अनामिका को चोदना सम्भब नहीं था .
अर्जुन फाटक से अनामीका समझ कर बन्दना दीदी को आपने बाहों में भर लिया..
अर्जुन आपनी अनामिका मैडम को एक पत्नी की तरह दर्ज़ा दे चुका था..
उसी रिस्ते को निभाने केलिये अर्जुन आपने फ़र्ज़ ओर धर्म को सामने रख कर बिना आवाज़ से बन्दना दिदी के आधी नंगी सरीर के साथ खड़े खड़े खेलने लगा..
आज चौहान खानदान के बुजुर्ग (पति और सांस) ने बन्दना को खुले आजाद दे चुके थे..
बन्दना के गले में रूपेश के नाम पर एक मंगल सूत्र की मोहर वाला लाइसेन्स लटक रही थी..
जिस लाइसेन्स को दिखा कर आज बन्दना ने अपने सौतेला भाई के बचे की माँ बनने को जा रही थी..
आज बन्दना आपनी संस्कार मान मर्यादा , रूपेश का पबित्र बंधन को तोड़ कर.. एक नई इतिहास रचने जा रही है.. बन्दना सब कुछ भूल कर करन खुरबुला यानी राज शेखर के बेटे अर्जुन पटेल की नाज़ायज़ पत्नी बन कर पटेल खानदान की बचे को अपनी गर्भ में रखने केलिये ..आपने भाई अर्जुन के साथ चुदवाने जा रही है..
अर्जुन के मज़बूती हाथो से बन्दना आपनी कड़क चूची को मसल रही थी..
जैसे ही अर्जुन का मर्दाना हाथ बन्दना की नंगी चुकी के उपर संघर्ष हुआ..
वेसे ही बन्दना की अंदर आत्मा को एक मिठास दर्द एहसास हुई...
रात के अंधेरे में अर्जुन एक एक कपड़े खोल कर बन्दना को मदर जात नंगी कर चुका था..
अर्जुन आपने हाथ घुमा घुमा कर बन्दना की कड़क चूची के चारो बाज़ू जायज़ा करते हुए सोचने लगा..
अर्जुन आपने मन से - अनामिका मेरे लिए कहाँ कहाँ से नई नई दबाई खोज खोज कर आपनी चूची को स्ट्रांग कर रही है..
इतना सोचने के बाद अर्जुन अहिस्ता अहिस्ता बन्दना की चूची के दोनों निप्पल को हल्के हल्के सेहेलाने लगा..
आपनी दोनो निप्पल पर अर्जुन के उंगली के जादू पड़ते ही बन्दना की चुत के अंदर खलबली होने लगी.. बन्दना की छोटी छोटी निप्पल कड़क होने लगी..
अर्जुन आपने दिमाग से - बाऊ.. मेरी जान अनु ने फिर से वही वाली निपल बना दिया.. पगली क्यों नहीं समझ रही है ..अगर निप्पल बड़ी नहीं होगी तो बचा दूध कैसे पियेगा ? अब मुझे कुछ करना पड़ेगा..
इतना सोचते ही अर्जुन ने आपने मुँह को बन्दना की एक निप्पल पर रख कर चुसने लगा.. ओर साथ साथ दुशरी निप्पल को आपनी उंगली से रगड़ने लगा..
अर्जुन का ऐसे अदभुद रोमांस से बन्दना की काम वासना भड़क चुकी थी..
अर्जुन जितने प्यार से बन्दना की चूची को रगड़ राहा था.. बन्दना की चुत उतनी बेचैनी से फाड् फाड़ा रही थी..
बन्दना के पति रुपेश चौहान नाम का पति था..चुदाई के मामले मे रूपस तो बिरजू खुरबुला से भी गेया गुज़रा था..
इस अंदाज से आप सोच सकते है बन्दना की चुत कितनी कसी हुई चुत होगी ?
अर्जुन अभी बन्दना की चेहेरे को तो कभी चूची को तो कभी कान की नोकीले भाग को चूम चुम कर बन्दना की तन बदन पर सोला भड़का चका था..
ऐसे अदभुद रोमांस करते करते अर्जुन का हाथ बन्दना की चुत के ऊपर आ गेया..
अर्जुन आपने मन मे - वाऊ.., आज सुबह सूरज किस दिशा में निकले थे.. जिस अनु को में काफी समय से चुत के बाल को साफ करने केलिये बोल बोल कर थक चुका था..आज वही अनु बीना बताये चुत के सारे बाल साफ करदी.. बोल रही थी कि ..ये चुत के झाँटे ननंद बलवंत के बेहद पसंद है.. पर आज अनामिका के दिल पर मेरा राज़ कैसा ? सायद ये राज़ चोपड़ा का दिल के बात को अनामीका ने दिल से स्वागत कर लिया है ..
इतना सोच कर अर्जुन ने उशी चुत के बिना बालो वाली एरिया पर उंगली फिराने लगा..
सच तो ये है.. नंदन बलवंत को झाँटे वाली चुत बेहद पसंद है.. भले ही नंदन अनामिका को खुस नहीं कर पाता ..पर अनामिका को सज़ा कर ज़रूर रखता था..
ठीक विपरीत रूपेश ओर बन्दना थे.. बन्दना आपनी चुत को हमेसा साफ सुतरी रखती थी.. रूपेश को भी चुत के उपर बाल पसंद नहीं था..
अर्जुन काफी देर तक बन्दना की मखमली चुत के बिना बालो वाली एरिया को चूमने लगा..
बन्दना आपनी मन मे - करन .. तुम्हारी इश प्यार के वाज़ा से में तुमसे दूर भाग रही थी.. कही रूपेश के बदले मुझे तुमसे प्यार ना हो जाये.. तुम्हे में कैसे बताऊं.. जब से तुम्हे में पेहेली बार कलेज के अंदर देखी है.. तब तुम्हारे चेहेरे ..मेरे दिल पर एक गेहरी छाप छोड़ कर जा चुका था.. ओर जब तुम्हारे लन्ड अनामिका को चोद राहा था.. तब भी तुम्हारे बिसाल लन्ड ने मेरी चुत को दीवानी बना दिया था... में नहीं चाहती थी कि में मेरी सुहागन धर्म पर कोई भी बाहर की हवा लगे.. पर समय के धार ने मुझे तुम्हारे लन्ड के धार को लेने लेकिये मजबूर कर रही है..
अर्जुन फाटक से बन्दना की छोटी सी चुत को आपने मुँह से लॉक कर दिया.
अर्जुन के जीव सीधा जा कर बन्दना की चुत के दाने पर टच होने लगा.. फिर क्या था ?
बन्दना फाटक से अर्जुन के सर को पीछे से ज़ोर से पकड़ लिया.. जैसे जैसे जीव चुत के दाने को छेड़ता राहा ..वेसे वेसे बन्दना की चुत के नमकीन रस बेहेने लगी..
कुछ ही देर कि बाद बन्दना की चुत पानी से लब लाबा गेई.. अब अर्जुन को नज़रो से अनामिका के मुह के अंदर लन्ड दाल कर .लन्ड को गिला करना था..
अर्जुन ने फाटक से अपना बिसाल लन्ड को अनामिका समझ कर बन्दना के मुँह के पास ले गेया..
बन्दना बहोत बार अर्जुन और अनामिका की चुदाई देख कर समझ चुकी थी थी अब लन्ड को क्या करना चाइये..
बन्दना आज तक कभी आपने पति रूपेश के लन्ड चूसी नहीं थी..बन्दना को लुंड चूसना अछि नहीं लगती थी.. पर अभी के परिस्तिति पर क्या किया जाए..
अनामिका ने तो लन्ड को लॉलीपॉप की तरह चूस चूस के बेहाल कर रही थी..ये नज़ारा खुद बन्दना ने देखी थी..
बन्दना अपनी मन मे अनामिका को गाली देती हुई - साली कुटिया को मर्द के लन्ड चुसने में क्या खुसी मिलती है.. साली मुझे भी इस घिन काम मे शामिल करदी..
इतना बोलकर बन्दना ने अर्जुन के बिसाल लन्ड को मुठी में कस ली.. लन्ड मुठी के कसते ही सुपडे के ऊपर चमड़ी पीछे सरक गेया..
अनामिका की स्टाइल से बन्दना भी अर्जुन के लन्ड को अपनी चेहरे के ऊपर रख कर अपनी मन मे अनामिका को गाली देने लगी..
बन्दना आपनी मन में - साली कुतिया छिनाल की हरकत की वाज़ा से मुझे भी ये सब करना पड़ता है..
सुपडे के चारो बाज़ू के बदबू सीधा बन्दना की नाक के अंदर दस्तक देने लगा..बन्दना तुरंत उल्टी करते करते रुकी..
बन्दना आपनी नाक को आपनी उंगली से दबा कर सुपडे को आपनी मुँह के अंदर भरली..
इधर अर्जुन आपने दोनो हाथो के उंगली से बन्दना की दोनो निप्पल को मसल राहा था..
बन्दना आपनी दिमाग से - अगर में लन्ड चुसने में कंजूसी की तो करन को सक हो जाएगा...मुझे भी साली कुतिया अनामिका की तरह लन्ड चूसना चाहिए..वरना करन..
इतना सोच कर बन्दना जी जान लगा कर अर्जुन के लन्ड को चुसने लगी..
लन्ड चूसते चूसते बन्दना को लन्ड चूसना अहिस्ता अहिस्ता अछि लगने लगी.. पता नहीं क्यों अर्जुन के सुपडे के बदबू अब बन्दना को अछि लग रही थी..
अचुअली अर्जुन के लन्ड के खुसबू ओर गर्मी ने बन्दना की दिमाग को हिला कर रख दिया था..
अर्जुन आपनी बड़ी बेहेन बन्दना दीदी को अनामिका समझ कर मुँह के अंदर लन्ड को अंदर बाहर करने लगा..
समाज के नज़रो से सेहर के इज़्ज़तदार आदमी यशवंत चोपड़ा की बड़ी बेटी आज किसी पराये मर्द की बिस्तर गरम कर रही थी..
रूपा चोपड़ा की नाज़ायज़ बड़ी बेटी आज ऊपर वाले के खेल से आपने सौतेला भाई अर्जुन पण्डित के मर्दाना रस से पूरा समाज के आंख से धूल देकर रूपेश चैहान को एक बारिस देने आयी थी..
बन्दना शेरनी की तरह अर्जुन के लन्ड को नोचती गेई.. बन्दना की थूक से लुंड पूरी तरह से गिला हो चुका था..
आ अब समय को बर्बाद करना उचित नहीं समझा.. जैसे ही अर्जुन लन्ड को बन्दना की मुँह से खिंचा..वेसे ही बन्दना आपनी मन में उदासी भारी सकल से..
बन्दना - लन्ड चूसने में इतनी मज़ा है..ये राज़ अब मुझे पता चली..अनामिका लन्ड चूस कर कोई गलती नहीं कर रही थी ..सच में करन के लन्ड में जादू है.. मुझे करन के लन्ड को ओर चूसना था.. पर ये करन के बचे लन्ड को क्यों निकाल दिया.... लगता है करन अब मेरी चुत को चोदने वाला है.. कहाँ गेई मेरी रुमाल..
बन्दना अंधेरे में ढूंढ ढूंढ कर रुमाल को आपनी मुँह में ठूस चुकी थी.. ताकि अर्जुन को उसकी चीख से कोई सक ना हो..
इधर अर्जुन लन्ड के सुपडे को बन्दना दीदी की छोटी सी चुत के दोनों ढकन के बीच रख कर ..बन्दना दीदी के ऊपर अपना पूरा वज़न डाल कर ..आपने मुह को बन्दना दीदी की मुँह के पास ले गेया..
अर्जुन को 2/2 चुत.. अनामिका ओर उतरा बाज़ी की खुली हुई चुत को फ़ास्ट टाइम फाड़ने के वक़्त याद आने लगा..
उतरा बाज़ी जब जंगल के बिरान में आपनी खुली हुई चुत को अर्जुन के लन्ड से पूरा फाड़ राहा था.. तब उतरा बाज़ी के खतरनाक आवाज़ से जंगल के सारे पंछी इधर उधर फररर फररर करके उड़ रहे थर..
अनामिका जब कलेज के लेब्रोटरी के अंदर आ के लन्ड से चुत को फाड़ रही थी तब अनामिका भी काफी दर्द भरी आवाज़ किया था.. अब वही अनामिका फिर से चुत को टाइट करके आयी थी..
अगर इस बार भी अनामिका चिल्लाई तो अनामिका की सासु माँ उठ जाएगी.. एहि सोच कर अर्जुन ने आपने मुह को अनामिका समझ कर बन्दना की मुँह से अपना मुँह जोड़ दिया..
अर्जुन ने महसूस किया अनामिका ओर उसके मुँह के बीच कोई कपड़ा फसा हुया था..
अर्जुन फाटक से उस कपड़ा को निकाल कर फाटक से अपना मुँह को बन्दना की मुँह से जोड़ कर ...एक खतरनाक प्रहार दिया..
अर्जुन के सिक्स पैक ताकत से बन्दना की बंद दरवाज़ा खुलने लगी.. लन्ड सीधा 5 इंच तक लन्ड आपना झंडा गाड़ गाड़ ने लगा..
बन्दना की खतरनाक चीख अर्जुन में मुँह के अंदर दब गेई थी.. पर बाज़ू वाले रूम पर सोई अनामिका को बन्दना की चीख क्लीयर सुनाई देने लगी..
अनामिका आपने मन में - लगता है करन आपने झंडा गाड़ दिया है..
इधर रात के अंधेरे में बन्दना की चुत से हालकी हालकी खून बेहकर बिस्तर को लाल करने में लगी हुई थी...
बन्दना आपनी सोच में - है भगवान ..में पेनकिलर खा कर भी इतनी दर्द ही रही है..अगर पेनकिलर नहीं खाई होती तो मेरी क्या हाल होती..
बन्दना दर्द से छट पटा रही थी.. पर अर्जुन अच्छे तरीके से लन्ड को एसे ही रख कर ..बन्दना की चेहेरे ओर चूची के साथ खेलने लगे..
कुछ मिनट के बाद जब अर्जुन को एहेसास हुया की अनामिका नर्माल हो गेई है तो अर्जुन ने उशी हिसाब से अहिस्ता अहिस्ता चुदाई करना सुरु करदिया...
ऐसी अदभुद प्रेम के प्यार से बन्दना की दर्द अहिस्ता अहिस्ता मज़े में बदलने लगा..
बन्दना की उंगली अहिस्ता अहिस्ता अर्जुन के पीठ को सेहेलाने लगी.. तब अर्जुन को लगा अब आखिर झटका दे देना चाहिए..
इतना सोच कर अर्जुन बिना सोचे समझे आपने सांस रोक कर पूरे ताकत से एक खतरनाक प्रहार दिया..
इस ख़तरनाक प्रहार से बन्दना की चूत की सारी दरवाज़ा खुलने लगी...बन्दना की सारी चीख को अर्जुन आपनी मुँह के अंदर कर लिया.. लेकिन बन्दना की आसूं
बन्दना की आसूं से साफ पता चलता था कि अब बन्दना सही तरीके के असली औरत बनी है..
9 इंच का लन्ड को बन्दना की चूत में घुसा कर आज बन्दना साबित कर चुकि थी कि बन्दना भी सुर्ज्यबनशी पटेल खानदान की औलाद है..
बन्दना दीदी की की मुँह से " माँ" की सब्द निकल गेई.. बन्दना आपनी माँ रूपा चोपड़ा को अपनी जुबान पर बुला रही थी..
पर होनी को कौन टाल सकता है.. अर्जुन का बिसाल लन्ड आपने मंजिल तक पहोंच चुका था..
अर्जुन के कान में दर्द भरी " माँ" की आवाज़ पड़ते ही अर्जुन फाटक से अनामिका समझ कर बन्दना दीदी की कड़क चूची को प्यार से हमला बोल दिया..
कभी left breast तो कभी right breast ..दोनो चूची को चूस चूस कर लाल टमाटर बनाने लगा....
अर्जुन ने बन्दनादीदी की कान से झुमके खोल कर नंगी कान को जीव से छेड़ छाड़ करने लगा..
अर्जुन के जीव के कमल ..जीव जब बन्दना की कान के अंदर घूमता था तब बन्दना की सरीर में 440 volt की करेंट फेल रही थी..
कुछ देर के बाद अर्जुन का मेहनत रंग लाने लगा..अब बन्दना की सरीर में सेक्स की गोली का असर सुरु हो चुकी थी..
बन्दना फिर से चुदाई में बेचैन होने लगी ..बन्दना फाटक से अर्जुन के चेहेरे को चूमते चूमते दांतो से हल्की हल्की काटने लगी..
फिर अर्जुन और बन्दना ने रोमांस भरे लिप किश का आनंद उठाने लगे.. कभी होंठ से होंठ तो कभी जीव से जीव के संगम से दो जिस्म भड़क ने लगे..
बन्दना रात के अंधेरे में अर्जुन को गुमराह करने की भरपूर कोशिश कर रही हैं..
अब अर्जुन अहिस्ता अहिस्ता चुदाई का प्रोग्राम सुरु कर दिया..
अर्जुन का तगड़ा 9 इंच के लन्ड पूरे अंदर से बाहर..फिर बाहर से अंदर होने से बन्दना को थोड़ी तकलीफ तो हो रही थी..pr इस दर्द के अंदर जो अदभुद आनंद बन्दना को मिल रही थी.. ये अदभुद मज़ा सिर्फ बन्दना ही महसूस कर रही थी
पर 2/3 मिनट के बाद जब अर्जुन का मोटा सुपडे का नोकीली भाग बन्दना की बच्चेदानी के पॉइंट पर बार बार ठोकर करने लगा..
तब बन्दना को ओर ज्यादा आनंद मिलने लगी..औरत जीवन की जो असली सुख ..वो अब बन्दना को मिल रही थी..
बन्दना इस खुसी की आलम को आपनी अंदर आत्मा से महसूश कर रही थी.. जैसे बन्दना सिर्फ आनंद की प्राप्त करने केलिये इस पापी संसार मे पैदा हुई है..
ये वो एहेसास थी जो किसी किताब या ज्ञान से नही ..बल्कि ये एहेसास सिर्फ वही जानती है.. जिशे संभोग के वक़्त ऐसी तृप्ति मिलती है..
अदभुद तृप्ति.. कई सालों से बिछड़े हुए 2 आत्मा की मिलन.. सही जगह सही मंजिल का की खोज.. ओर सही वक्त पर सही मंजिल पर पहोंच जाने से जो परम आनदं मिलती है...
आज वही आनंद बन्दना दीदी की चेहरे पर साफ झलक रही थी..
ये बो तृप्ति थी ..जिशे कभी बन्दना के पति रूपेश चौहान ने ..बन्दना को कभी नहीं दिया था..लन्ड के नोकीली हिसे ने ..बन्दना की बचेदानी के घर कि इमारत को आपने छेनी से खुद तैयार कर राहा था..
अर्जुन के 4 इंच मोटे सुपाडे ने बन्दना की 27 साल की कच्ची पक्की बच्चेदानी के घर को कुट कुट कर ज़रूरत से ज्यादा चौड़ा करने में लगा था..
ऐसी अदभुद कुटाई के बीचों बीच बन्दना ने आपनी ज्वालामुखी छोड़ दी..जिस से अर्जुन को लन्ड थोड़ा और राहत की सांस मिला..
अर्जुन का लन्ड अब तेज़ रफ़्तार पकड़ चुका था..बन्दना भी आपनी दोनो पेर को अर्जुन के कंधे के ऊपर चढ़ा कर फिर से उतेजित हो चुकी थी..
अर्जुन के ताबर तोड़ चुदाई से बन्दना बेचैन होकर चुदाई के आलम नसे में अनजाने में आपनी नाखून से अर्जुन के पीठ पर नाखून की निसान देती रही थी..
अर्जून आपने ताकत से लगातार बन्दना दीदी की चूत की रस को निचोड़ रहा था...
बन्दना बार बार आपनी बच्चेदानी के अंदर अर्जुन का मोटा सूपड़ा के हमले से स्वर्ग लोक का दर्सन कर रही थी...
पूरे 25 मिनेट के बाद अर्जुन का जोर जोर का झटके से..बन्दना समझ गेई की अब वो घड़ी आ चुकी है.. जिस को बन्दना काफी देर से इंतज़ार कर रही थी..
बन्दना आपनी कमर कस ली.. दोनो हाथो से अर्जुन के कमर को पकड़ ली.. अब अर्जुन एक चीख मारके लन्ड को पूरा जड़ तक घुसा कर
पटेल खानदान का बिज़्ज को चोपड़ा (पटेल)खानदान की बेटी के रस से मिलने लगा..
जैसे जैसे अर्जुन आपना पिचकारी मरता गेया..वेसे वेसे बन्दना की आँख ज़रूरत से ज्यादा चौड़ी होती गेई..
क्यों कि अर्जुन का बिज़्ज आग के तरह गरम था.. रूपेश चौहान के बिज़्ज से काफी गरम ..
एक के बाद एक एक पिचकारी से बन्दना कि बच्चेदानी के अंदर अर्जून का मर्दाना रस भरने लगा...
पेहेली गरम उसके बाद नरम मुलायम के एहेसास से बन्दना समझ चुकी थी कि ..करन के बिज़्ज के अंदर बहोत कुछ है..
एहो सब सोचसोच कर बन्दना हैरान हो रही थी कि ..अर्जुन के पिचकारी के साथ साथ उसकी चुत भी दुशरी बार झाड़ रहो थी...
रात के अंधेरे में अर्जुन मदरजात नंगा हो कर अनामिका समझ कर बन्दना को आपने बाहों में भर कर सोने लगा..