KABUL HE - 20
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अर्जुन और चुमकी ऐसे एक दूसरे के बाहों में कैद हो गई .. तब चुमकी की सहेली पुष्पा..जिसकी आज बर्थडे थी..
पुष्पा - चुमकी ..चुमकी ?
इतना सुनते ही अर्जुन फाटक से चुमकी दीदी को आपने बाहों में से आज़ाद कर दिया..
पुष्पा हस के चुमकी को कोपचे में बुला कर- चुमकी ये कौन है ?
चुमकी - ये मेरा बचपन का दोस्त राज़..
पुष्पा - दोस्त या बॉय फ्रेंड ?
चुमकी हस कर - हां .. पर राज़ फटू है ..
पुष्पा हस कर - आरे वाऊ ..काफी हैंडसम है.. कस मेरा भी ये बॉय फ्रेंड होता ?
अर्जुन गुशे से पर स्माइल के साथ पुष्पा के पीछे से चुकमी को - क्या में जा सकता हूँ ?
पुष्पा आंख फाड़ के - अभी अभी आ कर ..किधर ?
चुमकी हस के - पुष्पा थोड़ा साइड में जा मुझे राज़ से थोड़ा बात करनी है ..
पुष्पा - तू जल्दी मिस्टर राज़ को अंदर लेकर आजा..
इतना बिलकर पुष्पा अंदर चली गेई..
चुमकी गुशे से - राज़ के क्या बतमीज़ है ?
अर्जुन - तेरी सहेली पुष्पा क्या बोल रही थी ?
चुमकी राज़ के शर्ट बॉटम को ठीक करती हुई - मेरा बॉय फ्रेंड काफी हैंडसम है ना.. इशिलिय तुझे लाइन मार रही थी ..ओर तू कौन सा दूध का धुला हुआ है.. तू भी पुष्पा को मज़ाक कर .. देख पुष्पा सरम से पानी पानी होकर भाग जाएगी..
अर्जुन - दीदी..तू मेरे साथ ऐसी गेम क्यों खेल रही है ..में तेरा सगा भाई हूँ ?
चुमकी गुशे में - ज्यादा चपर चपर किया तो तेरा सारे काला चिठा पापा ओर मामा के सामने फाड़ दूँगी..
अर्जुन मासूम चेहरे से - ओके मेरी माँ .., चल अंदर..
अर्जुन जैसे ही अंदर गेया ..चुमकी के सारे सहेली अर्जुन के चारो बाज़ू घिर के " वाऊ क्या मस्त लड़का है"...
फिर पुष्पा की बर्थडे केक .. पुष्पा काटने लगी.. पुष्पा सबसे पेहेली केक काट कर - मेरे सारे सहेलियो " ये है मिस्टर राज़.."
फिर पुष्पा धीरे से चुमकी को- पूरा नाम तो बता ?
चुमकी - राज़ चोपड़ा ..
पुष्पा - ये है मिस्टर राज़ चोपड़ा . महारे सहेली चुमकी की बचपन का दोस्त..
इतना बोलकर पुष्पा पेहेला केक को अर्जुन को खिलाने लगी.
अर्जुन आपने मन में - बचगेया प्रभु .. अगर ये पुष्पा बोल देती की में चुमकी दीदी की बॉय फ्रेंड हूँ.. तो मुझे काल मुँह छुपाने को दुशरा रास्ता देखना पड़ता..
इतना सोचकर आपने मुँह पर बचा कुचा झूठा केक को चुमकी दीदी को खिला दिया..
अर्जुन का भाई वाला प्यार को सब अलग नज़र से सोच कर उस महफ़िल को तालियो से गड़गड़ा दिए..
तब पुलिस वान आकर चुमकी को - मैडम.. ये मोबाइल हमको *** जगह पर मिला.. ओर कुछी दूरी पर 5 आदमी की लास..
इतना सुनकर चुमकी - हाँ इंस्पेक्टर ..ये मोबाइल मेरे पर्स के साथ आज साम को ..मेरी मतलब है अभी 2 घन्टे पेहेले चोरी हो चुका था.. पर लास ?
इतना सुनकर अर्जुन चोरों की तरह इधर उधर देखने लगा..
चुमकी - एक्सक्यूज़ मि इंस्पेक्टर..
तब चुमकी पुष्पा को पास जा कर - पुष्पा तू राज़ को लेकर रूम के अंदर जा .. उसे एक घन्टे तक बातों में उलझा...
चुमकी - हाँ इंस्पेक्टर बोलिये..?
पुष्पा - राज़ जी ..आप उपर चलिए..
पुष्पा अर्जुन को लेकर उपर चली गेई..
इंस्पेक्टर - मैडम.. उधर लाश के पास कातिल के कुछ इंसान भी मिला है.. जैसे कातिल का ड्रेस.. ओर लोहे के पाइप पर कातिल के उंगलियो का निशान..
इतना सुनकर चुमकी फाटक से आपनी सहेली की फोन से आपने बाप को फोन करदी...
पुलिस इंस्पेक्टर - मैडम आपको हमारे साथ पुलिस स्टेशन जाना पड़ेगा..
चुकमि - एक मिनट इंस्पेक्टर ..ये लो यसवंत चोपड़ा आपसे बात करेंगे..
चुमकी आपनी फ़ोन को इंस्पेक्टर को दे देती..
यसवंत - इंस्पेक्टर में यसवंत चोपड़ा बोल राहा हूँ.. आप इश वक़्त मेरे बेटी को लेकर मेरे घर पर आईये..
इंस्पेक्टर - ओके सर् ..में अभी मैडम को लेकर आपके पास पहोंच राहा हूँ.. लीजिए मैडम से बात कीजिये .
चुमकी - हाँ पापा ?
यसवंत - बेटा तू टेन्सन मत ले ..तू अभी के अभी इंस्पेक्टर के साथ घर आजा.. ओर तेरा भाई राज किधर है ?
चुकमि - पापा इस मे राज़ को क्यों घसीट रहे हो ..वेसे राज अभी घर जा चुका है..
यसवंत - ठीक है.. तू आजा..
पुष्पा अर्जुन को उसकी कमरे में रख कर चुमकी के पास आने लगीं..
चुमकी - इंस्पेक्टर जी.. क्या में मेरी सहेली को बर्थडे विश कर सकती हूँ ?
इंस्पेक्टर - ओके मैडम.. हम भान के पास खड़े है..
पुलिस जाने के बाद चुमकी पुष्पा को - पुष्पा तू किसी भी हालत मैं राज़ को एक घंटा संभाल .जब तक मे फ़ोन नहीं करती.. तब तक तू राज़ को नहीं छोड़ेगी.. understand ?
पुष्पा - ओके तू जा ..
फिर चुमकी पुलिस भान से आपनी घर की ओर निकल गेई..
इधर यसवंत चोपड़ा ने पुलिस कमिशनर को फोन करके पास बुला लिया था..
यसवंत मामा घर के बाहर left right कर के चुमकी की राह देख रहे थे..
चुमकी आते ही आपने बाप की सीने से सर रख कर रोने लगी.. फिर यसवंत मामा ने आपनी बेटी को लेकर घर के अंदर जाने लगा..
चुमकी आपनी माँ और बाप के सामने अर्जुन का गुसा ओर प्यार को एक एक करके बोल बोल कर रो रो कर सारी हादसे को सुरु से अंत तक बोलने लगी..
यसवंत गुशे से - तू आराम से सो जा.. ओर वो 5 लास के बारे में राज़ को पता होना नहीं चाहिए.. यशवंत होते हुए मेरे राज का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता..
इतना बोलकर यसवंत मामा बाहर पुलिस वालो के सामने आकर..
यसवंत - कमिशनर जी.. ये मैटर को एहि खतम करदो .. सुबह होने से पेहेले कोई भी सुराग मिलना नहीं चाइये..
कमिशनर - ओके सर्.. में समझ गेया.. इंस्पेक्टर क्या क्या निसान मिला है ?
इंस्पेक्टर - कुछ नहीं सर् .. वो 5 अपराधी थे .. बैंक लूट पर इनकाउंटर से मारे गए ..
यसवंत - गुड...
कमिशनर हस के - अब में जा सकता हूँ ?
यसवंत - कमिशनर साहेब ..में कभी गतल रास्ते पर नहीं गेया था.. पर मेरी इज़्ज़त ..
बीच मे कमिशनर - इंस्पेक्टर तुम अभी पूरे टीम के साथ जाओ ...
इंस्पेक्टर जाने के बाद कमिशनर - यसु.. तू मेरा बचपन का दोस्त है.. इसिलए तो उस 5 हरामीओ को में ...
यसवंत - थैंक यू भाई..
अचतुअली जब पार्क के अंदर काफी देर तक 5 बदमास का चिलम चली सुरु हुया तब पार्क के अंदर से कोई पुलिस को फोन किया था..
जब पुलिस उधर पहोंच कर उन्ह 5 को मेडिकल के अंदर भर्ती किया... तब उन मे से एक राज़ चोपड़ा का नाम बता दिया..
फिर पुलिस इंस्पेक्टर ने पार्क पर चुमकी की फ़ोन को चेक करके कमिशनर को फ़ोन किया..
कमिशनर खुद 5 का बयान लेने के बाद.. कमिशनर खुद यसवंत चोपड़ा को फ़ोन करके हॉस्पिटल पर बुलाया..
5 बदमास ने आपने गलती मान चुके थे..
यसवंत गुशे में कमिशनर को - जब मेरे जैसे आदमी के फैमिली इस शहर में सुरसखित नहीं है.. तो में पब्लिक को क्या प्रोटेक्सन दूँगा..
इतना सुनते ही इंस्पेक्टर ने गुशे से ..उन्ह 5 बदमास को 5 सेकंड के अंदर गोली से भून दिया..
यसवंत हैरान भरे आवाज़ में - इंसपेक्टर ये क्या किया ?
इंस्पेक्टर - सर् . इस तरह मेरी एक बेहेन को उसी पार्क के अंदर बलत्कार करके मार दिया गेया था..
कमिशनर - इंसपेक्टर.. , तुम अभी के अभी चुमकी बेटी को सही सलामत घर वापस ले आओ..
ये था असली मैटर..
इधर यसवंत अर्जुन को फोन पर - राज़ बेटा पढ़ाई में ध्यान दो..चुमकी घर आ कर मुझे सब कुछ बता चुकी है.. में सब कुछ संभाल लिया है.. ऐसी छोटे मोटे मैटर को लेकर दिमाग पर ज़ोर मत लगा..
अर्जुन - पर पापा ..वो 5 मर कैसे गये ?
यसवंत - उन लोगो ज़िंदा थे.. जब उन लोगो ने अपना गलती पुलिस के आगे बयान दिए तब खुद इंस्पेक्टर ने उन्हें गोली से भून दिया..
अर्जुन डरते हुए - अब कुछ प्रॉब्लम नहीं है ना ?
यसवंत हस के - तू मेरा सेर बेटा है.. तू बस पढ़ाई और मस्ती कर..
अर्जुन - पापा .. चुमकी दी इधर से कब निकल गेई ?
यसवंत - अभी अभी .. तू उशकी फिक्र मत कर.. तू अभी पुष्पा के घर पर है ?
अर्जुन - हाँ पापा .. बस सभी निकलने वाला हूँ ..
यसवंत - तू आज रात वही रुक.. सहर में कर्फ्यू जारी है.. में नहीं चाहता मेरे बेटे को कोई प्रॉब्लम हो.. रुक में पुष्पा को अभी बता देता हूं..
इतना बोलकर यशवंत मामा ने फ़ोन डिस्कोनेट कर दिए.. अर्जुन राहत की सांस लेने लगा..
अर्जुन फाटक से बन्दना को फोन कर दिया..
बन्दना - करन जी तुम किधर हो ?
करन - sorry जान .. इधर एक दोस्त के पार्टी में था.. पर सहर में 144 धारा लग चुका है..
बन्दना - तुम जहां हो वही रुक जाना... अभी आने की ज़रूरत नहीं है.. जब तक सुबह नहीं हो जाता..तब तक उधर से निकलना मत..
फिर दोनों के तरफ से फोन डिस्कोनेट..
कुछ देर के बाद पार्टी खतम करके पुष्पा हस के अर्जुन के पास आ कर - क्या में अंदर आ सकती हूं ?
अर्जुन का टेंसन अब दूर हो चुका था.. अर्जुन हस के - आपके घर है पुष्पा जी..
पुष्पा - आपकी गर्ल फ्रेंड चुमकी ..
बीच में अर्जुन - पुष्पा जी .. चुमकी मेरी दीदी है.. मेरी बेहेन..
पुष्पा- क्या ? पर मुझे लगा आप ?
अर्जुन हस के - आपको उल्लू बनाने केलिये चुमकी दीदी की प्लांनिग थी.. अचुअली में राज़ चोपड़ा चुमकी की सागा भाई हूँ..
पुष्पा हस के - पर में आपको कभी देखा नहीं....
अर्जुन हस के - छोड़िए वो सब बातें.. आपके परिवार के बारे मे बताइए ?
पुष्पा - मेरे परिवार में ..में मेरे पति और सांस ससुर है..
अर्जुन - पर आप तो अकेली .
पुष्पा - मेरे पति आपके जीजू मेहुल महाजन के कंपनी पर बिदेस मे काम करते है.. 2 महीने एक 2 दिन केलिये इंडिया आते है..
अर्जुन - और आपके सांस ससुर ?
पुष्पा - अचुअली आज मेरी 22 साल की बर्थडे है.. में मेरे सारे सहेलियो को पार्टी देने केलिये.. मेरे सांस ससुर को 2 दिन केलिये उमके बेटी(ननंद) के घर भेज दिया ..
अर्जुन - मेरी चुमकी दीदी की आपसे उमर 3 साल बड़ी है.. ओर आपकी 22 साल .फिर आप दोनों सहेली कैसे ?
पुष्पा हस के - में चुमकी से 3 क्लास पीछे हूँ.. फिर भी हम दोनों बचपन से अछि सहेली है.. अच्छी दोस्त होने केलिये उमर बराबर होना ज़रूरी है क्या ?
अर्जुन मिस्टेक से बोल दिया - दोस्ती और प्यार कभी उमर ओर रिस्ते को नहीं देखता ..
तब अचानक पुष्पा की मोबाइल पर रिंग होने लगती है..
पुष्पा हस के - लो आगेई आपकी लाड़ली दीदी की फोन.. राज़ तुम चुप रहो ..आपको आपकी चुमकी दीदी की कसम.. में भी चुमकी को थोड़ा उल्लू बना लेती हूं..
फिर पुष्पा फोन उठाकर लाऊड स्पेकर ओन करके - बोल मेरी जान ?
चुमकी - मेरा हीरो क्या कर राहा है ?
पुष्पा हस के - अभी मेरे बैडरूम पर सो चुका है ..
चुमकी हस के - गलती से मेरे राज़ के पास मत जा कमीनी ..
पुष्पा - क्यों ?
चुमकी - मेरे हीरो का तलवार काफी लंबा और मोटा है..
इतना सुनते ही अर्जुन सरम से पानी पानी हो चुका था..पर पुष्पा हस के मज़े ले रही थी..
पुष्पा - सभी को आपने आपने हीरो का तलवार अच्छा लगती है मेरी जान..
चुमकी - मामा(माँ) कसम.. सच मे मेरा राज़ का हथियार काफी लंबा और मोटा है... राज़ के हथियार के सामने मेहुल का हथियार कुछ भी नहीं है ..
इतना सुनते ही अर्जुन बेड से उठ कर जाने वाला था कि ..पुष्पा ने अर्जुन के हाथ को खींच कर फिर से बेड पर बैठा लिया..
पुष्पा हस के - लगता है तू राज़ के हथियार को खूब करीब से देखा है..
चुकमि - अगर तू भी देख लेगी ना ..तो तेरी सारी मन की मुराद पूरी हो जाएगी..
पुष्पा हस के - मेरी मन की मुराद ?
चुमकी हस के- ओर नही तो क्या .. तेरे सांस ससुर जिस मकसद से हर महीने 2 दिन केलिये मंदिर जाते है.. क्या पता वो बरदान तुझे मेरे राज़ के हथियार से मिल जाये ..
इतना सुनते ही पुष्पा की चेहेरा सरम से पानी पानी ही चुकी थी..
चुमकी - तेरे 2 साल की शादी सुदा बिरान जिंदगी में ..
बीच मे पुष्पा - तू भी तो पिछले 5 साल से शादी की है.. तेरी सादी सुदा जिंदगी भी तो बिरान भारी है.?
चुमकी फाटक से फोन बंद करके swich off करदी...
अर्जुन थोड़ा सर्मिन्दा होकर - पुष्पा जी मेरी चुमकी दीदी हमेसा मज़ाक करती है .
पुष्पा - वो तो मुझे पता है..
इतना सुनते ही अर्जुन सकून का सांस लेने लगा..
पुष्पा - राज़ तुम्हारे कितने गर्ल फ्रेंड है ?
अर्जुन हस के - एक भी नहीं ..
पुष्पा - तुम इतने हैंडसम हो ..फिर भी
बीच मे अर्जुन हस के - आप जैसी सुंदर लड़की मझे आज तक मिली ही नहीं..
पुष्पा हस के - में सादी सुदा हूँ..
अर्जुन हस के - बॉय फ्रेंड बनाने केलिये कुँवारी लडक़ी होना ज़रूरी है क्या ?
पुष्पा हस के - लगता है तुम्हे सादी सुदा औरत को गर्ल फ्रेंड बनाने का बड़ा शौक है ..
अर्जुन काफी दिमाग वाला था.. पेहेले पुष्पा ने अर्जुन को चुमकी का बॉय फ्रेंड समझ कर ..चुमकी को आपनी चॉइस बता चुकी थी... अब चुमकी ने फोन पर पुष्पा की सीक्रेट बात बता कर अर्जुन के दिमाग को सोचने पर मजबूर कर दिया था..
अर्जुन समझ चुके था कि पुष्पा की नज़र से अर्जुन हीरो है ..अर्जुन एक चांस पुष्पा पर लेना चाहा..
अर्जुन - हाँ मुझे सादी सुदा लेडीज़ को गर्ल फ्रेंड बनाने में आछा लगता है.. पर अभी तक ऐसा कोई नहीं मिली..
पुष्पा - ताकि बिना टेंसन मे तुम वो सब कर सको..
अर्जुन - आपका कोई बॉय फ्रेंड है क्या ?
पुष्पा - नहीं..
इतना बोलकर पुष्पा आपनी पेर को ज़मीन पर रगड़ने लगी.. इश्का मतलब पुष्पा बिल्कुल सीधा साधा लड़की है...
अर्जुन - आछा में आ चलता हूँ ..
फाटक से पुष्पा - आपकी बेहेन चुमकी ने मना किया है..
अर्जुन - अचुअली मुझे थोड़ा सराब पीने का आदत है..जब तक मे सराब नहीं पीता .तब तक मुझे नींद नहीं आता.. प्लीज़ मुझे जाने दो ?
चुमकी - मेरे पति के सेल्फ पर सराब के बोटल है.. अगर तुम चाहो तो पी सकते हो ? चलो में खाना लगवाती हूँ.. वेसे सारे दोस्त को अलबिदा करते करते समय का पता नहीं चला..
फिर पुष्पा डिंनिंग टेबल पर कुछ खाने के साथ साथ वाइन की बोतल भी ले आई...
अर्जुन तो बचपन से आपने माँ महिष्मति , बाप बिरजू , ओर आपने सारे बहनों के साथ देसी जंगली सराब पीने का आदत लगा चुका था..
अर्जुन - पुष्पा तुम सराब पीती हो ?
पुष्पा - छि.. मुझे सराब की स्मेल से उल्टी आती है..
अर्जुन फाटक से एक पैक पीकर - काफी मेहेंगी सराब है..
पुष्पा - मेरे पति ये सराब बिदेस से लेकर आते है..
अर्जुन - एक बार टेस्ट कर लो ना..?
तभी रूपा चोपड़ा (रूपा मामी) का फोन पुष्पा की मोबाइल पर आ जाती है..
पुष्पा अर्जुन को - राज़ तुम चुप रहो ..मेरे बुआ की फोन..
पुष्पा - नमस्ते बुआ जी ..
यसवंत - नमस्ते बेटा .. राज़ किधर है ?
पुष्पा - आपका लाडला राज़ सो चुका है बुआ जी..
रूपा - राज़ को सुबह से पेहेले मत छोड़ना .. सहर भर कर्फ्यू जारी हो चुका है.. ओके तू भी सो जा ..गुड नाईट..
इतना बोलकर रूपा मामी फोन डिस्कोनेट करदी..
अर्जुन - किसका फोन था..
पुष्पा - मेरी बुआ की ..
अर्जुन थोड़ा कन्फ्यूज़ से - आपकी बुआ की मै कैसे लाडला हुया ?
पुष्पा आपनी दिमाग से - बुआ आपने खोया हुआ बेटे को पा कर मुझे इस 2 दिन के अंदर हज़ार बार बता चुकी थी.. पर मेरे हालचाल के बारे मे एक बार भी नहीं बताई.. (स्माइल के साथ). वहां रे मतलबी माँ..बेटे को मिलते ही मेरी याद को निकाल दिया..
अर्जुन - बताओ ना..?
पुष्पा - राज़ तेरी माँ रूपा चोपड़ा मेरी सगी बुआ है..
अर्जुन खुशी से - मतलब तू मेरी मामा की लड़की ..
पुष्पा - तू ऐसे खुस हो राहा है.. जैसे में तेरी पत्नी हूँ ..
अर्जुन फ़िल्म अंदाज़ से - पुष्पा रानी .. इतिहास गबाह है.. मामा की लड़की के साथ बुआ का लड़का शादी होता है..
पुष्पा खाना खाती हुई - पर अबसोस तेरा ये सपना पूरा नहीं होने वाला.. क्यों कि में only one pice ऑलरेडी सादी सुदा हूँ..
अर्जुन एक पैक ओर पी कर - तभो में सोचु .. तेरे घर पर मुझे अकेले रहेने को पापा क्यों बोल रहे थे...
पुष्पा - राज़ तू सराब छोड़ दे..
अर्जुन हस के - अगर तू आज मेरे साथ सराब पीयेगी तो में काल से सराब छोड़ दूँगा..
पुष्पा कुछ सोच कर - प्रॉमिस..?
अर्जुन - पका प्रॉमिस...
फिर अर्जुन दूसरे ग्लास पर एक तगड़ा पैक बना कर पुष्पा के हाथ मे देकर - चल सुरु कर..