KABUL HE :- 18
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बन्दना किसी भी तरह अर्जुन को आपनि ओर खीचना चहिती थी.. वक़्त ओर सिचुएसन को नज़र मे रखते हुए बन्दना पूरी प्लानिंग के साथ चल रही थी..
जो भी करना है इस 2 घंटे के अंदर करना है.. वरना अनामिका की ससुराल वाले आ जाएंगे ..ओर करन जिस टाइप का लड़का है.. बन्दना कभी करन के साथ दुबारा चुद नहीं पाएगी..
बन्दना एहि सोच सोच कर आपनी मोबिल को फ्लाइट मुड़ पर रख कर .. झूट मूट की बोलने की एक्टिंग के साथ साथ अनजान बनकर आपनी दोनो पेर को हल्की फेला दी..
बन्दना देखना चाहती थी कि ..करन सिर्फ अनामिका की चुत का दीवाना है या मेरी चुत की ? क्यों कि करन काल चुदाई के वक़्त मेरी चुत की तारीफ किया था...
इतना सोच कर बन्दना आंख को हल्की सो खुली रखी .. कुछ देर के बाद अर्जुन ने जब बन्दना की ओर नज़र घुमाया.. तब अर्जुन का होस उड़ चुका था..
छोटी सी गाउन जो बन्दना माम् के बदन को छुपा नहीं सकती थी..
फाटक से अर्जुन का दिमाग दौड़ने लगा..
अर्जुन आपने मन मे - ये ये हॉट गाउन अनु को पेहेन कर गैलेरी के पास खड़ी होना चाहिए.. पर अनु के घर मे ..अनु के गाउन को बन्दना माम् कैसे पेहेन लिया.. ओर तो ओर लन्ड घुसा ने के बाबजूद बन्दना माम् मुझे थापड़ क्यों नहीं मेरी ?
ओर अब बन्दना माम् मेरे सामने आपनी रस मलाई चुत को क्यों दिखा रही है..?
ये सब सोच सोच कर अर्जुन का लन्ड भयंकर रूप ले चुका था..
अर्जुन दिमाग से तेज़ था.. अगर अर्जुन पेहेले की तरह बिरजू खुरबुला का बेटा होता तो अब तब बन्दना माम् को बलत्कार कर चुका होता...
पर अर्जुन आपने पहचान पा चुका था.. सहर के इज़्ज़तदार यसवंत चोपड़ा का बीटा राज़ चोपड़ा था..
इडिलिये अर्जुन अपना छिछोरा दिमाग पर काबू कर लिया..
प्लान के मुताबिक अब तक अर्जुन को बन्दना की चुत के पास होना चाहिए..पर ऐसा वेसा कुछ नहीं हो राहा था..
अनामिका ओर बन्दना ..दोनो की प्लान फेल हो चुकी थी.. अर्जुन मन लगाकर पढ़ने का नाटक करने लगा..
बन्दना जैसे जैसे नींद के बाहाने से खुद को नंगी करती थी ..अर्जुन वेसे वेसे तिरछी नज़र से बन्दना माम् की चुत ओर चुत के मुलायम एरिया को देख राहा था...
काफी देर ऐसा चलता राहा.. बन्दना की गुसा बढ चुकी थी..
बन्दना टॉयलेट का बाहाना कर के टॉयलेट के अंदर घुस के अनामिका को फोन करदी..
अनामिका आपने घर के सामने बगीचे के अंदर बैठी थी.
बन्दना गुशे से - साली कुटिया .. ले संभाल तेरा कुत्ता को..
अनामिका हस के - बनी क्या हुया ?
बन्दना गुशे मे - करन के सामने में कबसे नंगी हो चुकी हूं... ये साला कुत्ता को तेरी चुत चाहिए..
तब बाहर से अर्जुन थोड़ा ऊंचे आवाज़ में - माम् (बन्दना)में जाऊं ?
बन्दना गुशे मे दरवाज़ा खोल कर - जा साले.. अपना सकल मत दिखाना..
अनामिका समझ गेई की बनी अब गुशे में है.. अनामिका फटाफट घर के अन्दर घुसने लगी..
बन्दना टॉयलेट के अंदर मोबाइल साइड में रख कर - मुझे इग्नोर किया ? यसवंत चोपड़ा के बेटी को इग्नोर..? मेरे पीछे अभी भी लाखों पड़े हैं.. इतना सोच सोच कर बन्दना रोने लगी..
इधर अर्जुन और अनामिका के मुलाकत नीचे हल में हो जाती है...
अनामिका अर्जुन को दूसरे ओर लेकर - करन..,प्रफेसर बन्दना फोन पर इतनी क्यों भड़क रही है ?
अर्जुन तो टॉयलेट के बाहर बन्दना माम् की फोन वाली बात को सुन चुका था.. अर्जुन अब वो अर्जुन नहीं था..
अर्जुन आपने दिमाग को पूरे तरह से चोपड़ा खानदान का वारिश समझ चुका था..
सो अर्जुन का सक को यकीन में बदलने केलिये ..अर्जुन ने फाटक से अनामिका की साढ़ी के अंदर हाथ घुसा कर ..अनामिका की चुत को महसूस करने लगा..
अनामिका की चुत के ऊपर इलाके मे अभी भी जंगल थी..
अब अर्जुन का दिमाग दौड़ने लगा.. अर्जुन अनामिका ओर बन्दना की सारी चाल को समझ चुका था..
अनामिका - करन what happen ?
अर्जुन - कुछ नहीं.., वो बन्दना माम् को हमारे अफेयर के बारे में मालूम हो चुकी है..
इतना सुनते ही अनामिका को एक idea आयी ..अनामिका कुछ बोलने से पहले..
अर्जुन - बन्दना माम् को थोड़ा समझा दो .. अगर तुमसे नहीं हुआ तो मेरे पास भेज दो . में हाथ पैर जोड़ कर समझा दूँगा..
इतना बोलकर अर्जुन तूफान की तरह चला गेया..
अनामिका - ये पागल मुझे बोलने का मौका नहीं दिया.. अब में बन्दना को कैसे समझाऊं ?
अर्जुन जाने के बाद अनामिका ऊपर मंज़िल तक बढ़ने लगी.. अनामिका को देख कर बन्दना..
बन्दना गुशे से - अनु , ऐसा क्या है तेरी चुत में जो मेरी चुत में नहीं है ?
अनामिका - रिलैक्स..
बन्दना- क्या में सुंदर नहीं हूँ ?
अनामिका - कूल डाउन बेबी..
बन्दना रोने जैसी सकल बना कर - यसवंत चोपड़ा की बेटी हूँ.. जहां पर उंगली रख दी..वो एरिया मेरी हो जाती थी..
अनामिका- बनी , कुछ और प्रोग्राम बनाते है..
बन्दना - में चाहा तो पापा ने मेरे सादी रूपेश चौहान से करदी.. में आज तक रुपेश के अलावा किसी ओर को सर उठाकर नहीं देखा है...
अनामिका - बनी होस में आ.., प्यार ज़ोर से नहीं होती..
बन्दना - करन खुरबुला काल रात के अंधेरे में मेरी चुत की तो काफी तारीफ कर राहा था ..अब क्या हो गेया.. में अनजान बनकर पूरे20 मिनेट तक उसे मेरी चुत को दिखाती रही.. पर कोई रिएक्शन नहीं ?
अनामिका जो भी बोल रही थी.. बन्दना कुछ भी सुनने को तयार नहीं थी..
अनामिका हस के - माफ करदे मेरी माँ , करन ने तुझे उसके रूम पर बुलाया है.. जा जी ले आपनी ज़िंदगी.. पर हाँ थोड़ा प्यार से.. ये यसवंत चोपड़ा की घमंडी बेटी बनी बन कर नहीं.. तू सिर्फ बन्दना माम् है..
इतना सुनते ही बन्दना की चेहेरे खिल उठी..
बन्दना - तू करन से बात करली ?
अनामिका - हाँ मेरी माँ ,
बन्दना खुसी से - तो फिर दे करन के घर का पता ?
अनामिका हस के - अभि करन बाहर है.. वो ठीक 10 बजे घर वापस आता है.. करन मुझे बोलकर गेया है.. मेरी जानू को रात 10 बजे मेरे घर पर भेज दो ..
बन्दना - करन ने मुझे जानु बोला ?
अनामिका - हाँ बहोत कुछ .. पर तु अब सीधा मेरी बेडरूम पर जा.. ओर सीधा 4/5 घंटे की नींद पूरी करले..
बन्दना - क्यों ?
अनामिका हस के - क्यों कि.. आज तुझे रात भर फिर से जाग ना जो है. पर ..?
बन्दना खुसी से - पर क्या ?
अनामिका - तुझे करन के घर मिसेस रूपेश चौहान नहीं.. बन्दना माम् बनकर जाना है..
बन्दना हस के - इस केलिये मुझे क्या करनी चाहिए ?
अनामिका - एक दम हॉट.. बोलतो कुवारी लड़की ..no सादी सुदा गेटउप..
बन्दना हस कर - वो तो करन ने काल रात को मेरे 7 साल की बंधन के धागे को रात के अंधेरे में फेंक चुके है..
अनामिका हस के - चलो ठीक है..
इधर अर्जुन सीधा चोपड़ा खानदान के घर पर के अंदर घुसने लगा..
सामने यसवंत मामा कुछ आदमी के साथ बात चीत कर रहे थे.. अर्जुन सीधा यसवंत के गले लग गेया..
जैसे हो अर्जुन यसवंत मामा के गले लग गेया.. वेसे यसवंत मामा ने अर्जुन को आपने बाहों में भर के सबको..
यसवंत- ये मेरा बेटा राज़... राज़ चोपड़ा है..
फिर यसवंत मामा ने अर्जुन के कान में - राज़ बेटा तेरे लिए तेरी माँ ने स्पेसल खाना बना रही है..
अर्जुन सीधा किचेन रूम के अंदर घुस गेया.. रूपा मामी लगभग खाना तयार कर के खड़ी थी..
अर्जुन फटाक से रूपा ममी को पीछे से आपने बाहों में भर लिया..
अर्जुन के मर्दाना जिस्म रूपा के सरीर से मिलते ही रूपा की बदन सिमझिम सी गेई..
रूपा कभी भी अर्जुन को लेकर ऐसी बेहूदा एहेसास नहीं सोची थी.. पर इस मे रूपा क्या कर सकती है..
बिचारि को सरीर को कई साल से मर्द का सुख नहीं मिली थी.. फिर भी रूपा ये सब बेहद खयाल को आपनी दिमाग से मिटा कर अर्जुन को प्यार भरी बात से उलझाने लगी..
रूपा हस के - आगेई मेरी याद..
अर्जुन ऐसे ही रूपा ममी को बाहों में भर के - तुझे तो में कई साल से ढूंढ रहा था.. अब जब मेरी मामा (माँ) मुझे मिलगेई.. जी करता है मेरी माँ को ऐसे ही ज़िंदगी भर आपने सीने में दबा कर रखूं..
इतना बोलकर अर्जुन फाटक से रूपा ममी की गोरी चिकनी गाल पर एक तगड़ा चुम्बन जड़ दिया..
इश चुम्बन से रूपा की पूरी सरीर के अंदर 440 volt फैलने लगी.. ऐसी बिचित्र अनुभब रूपा को पेहेली बार मिल रही थी..
रूपा अछि तरह से जानती थी कि करन यानी अर्जुन.. अर्जुन यानी राज़ उसका बेटा नहीं है .. एक पराया मर्द के स्पर्स से रूपा की सरीर के अंदर खलबली मचल चुकी थी..
पर रूपा इतनी कमज़ोर नहीं थी.. आपनी संस्कार, प्रतिष्ठा , स्वाभिमान ओर मान मर्य्यादा से चोपड़ा खानदान को संभाल रही थी..
ये सरीर की भूख के आगे रूपा की आत्म सन्मान सबसे बडी थी..
रूपा - राज़ बेटा ,मेरे लिए कोई बोहु पसंद किया है या नहीं ?
अर्जुन आपने बाहों को ओर मज़बूत करके - नहीं मामा.. अभी तक तो नहीं है.. पर मुझे आप की परछाई कहाँ मिलेगी ?
चुमकी पीछे से खड़ी हो कर दोनो की बात को गौर से सुन रही थी.. परछाईं मतलब zerox copy..
रूपा हस के - चल बदमाश..
अर्जुन - सच मामा ..पापा लकी है जो आप जैसी खूबसूरत .संसार के सबसे अच्छी wife मिली..
रूपा - अगर तू सच मे किसी से दिल ना लगाया है.. तो मेरे पास एक लड़की है...
अर्जुन हस के - पर मामा.. मुझे आपकी परछाई चाहिए..
रूपा हस के - वेसे मेरे पास 2 ब्रांड थी ..वो दोनो सेलिंग हो चुकी है.. पर मेरी ननंद बसुन्धरा दीदी की छोटी बेटी है..
इतना सुनते ही चुमकी - मिस्टर राज चोपड़ा.. सेलिंग वाली प्रोडक्ट चलेगा क्या ?
इतना सुनते ही अर्जुन हस के - तेरी तो ..इतना बोलकर अर्जुन चुमकी के पीछे भागने लगा...
चुमकी ओर अर्जुन काफी देर तक चूहा बिल्ली के खेल खेलने के बाद.. आखिर कार अर्जुन ने चुमकी को रूपा मामी के सामने पीछे से दबोच लिया..
बिना कुछ सोचे समझे अर्जुन ने चुमकी दीदी की गाल पर एक चुम्बन जड़ दिया..
चुमकी फाटक से आपनी माँ रूपा को देखने लगी.. रूपा ने इशारे से चुमकी को चुप रहने केलिये बोली..
रूपा - राज़ बेटा .., जा आपने पापा को बुला कर ला ..खाना रेडी है..
अर्जुन जाने के बाद चुमकी ने - ये क्या है मामा ? मुझे ये सब अछि नहीं लग रही..
रूपा - अगर राज़ तेरा सागा भाई होता तो क्या तू मुझे ऐसी सवाल करती ?
चुमकी - पर माँ मुझे अजीब सी लग रही है.. किस ?
रूपा - अगर तुझे तेरा पति मेहुल करता तो ?
चुमकी - माँ मेहुल मेरा पति है..
रूपा - ठीक वैसा राज़ भी तेरा भाई है.. जैसे तूने 20 साल के बाद मेहुल महाजन को पति मान रही है.. ठीक उसी तरह राज़ को तुझे भाई माननी पड़ेगी..
चमकी - मुझे लगता है वही म्युज़िम के हादसे को लेकर तुम ओर पापा काफी एक्सटाइमेन्ट हो चुके हो ?
रूपा - तेरी सोच गलत है.. अगर तेरे मन साफ है तो तुझे राज़ एक छोटा भाई के नज़र में दुखाई देगा..
चुमकी - पर मामा अभी अभी जो करन..
रूपा गुशे में - राज़..
चुमकी - हाँ राज़ ..अभी अभी जो राज़ ने तुम्हे बोल रहा था " मुझे तेरी परछाई चाइये "..
रूपा - राज़ थोड़ा मज़ाक वाला लड़का है.. सो हमे उसके साथ एडजस्ट करके चलना होगा ..
चुमकी - में जा रही हूं..
रूपा - आरे आपने भाई को तो लेकर जा..
चुमकी धीरे से रूपा की कान में- मामा.. मुझे राज़ का नियत ठीक नहीं लग रही है..
इतना बोलकर चुमकी तूफान की तरह चली गेई..
चुमकी बाहर से टैक्सी पकड़ कर जा रही थी.. तब यसवंत का सेक्रेटरी बिक्रम ने चुमकी को देख लिया..
यसवंत के साथ साथ अर्जुन डाइनिंग टेबल के पास आने के बाद..
यसवंत - ये चुमकी किधर जा रही है ?
बिक्रम घर के अंदर घुस कर यसवंत को पीछे से - मालिक.. छोटी बेबी एक किराए के टैक्सी में.?
रूपा - आपनी कोई सहेली की बर्थडे पार्टी पर.. राज़ तू जल्दी खाना खा कर चुकमि के पास चला जाना..
यसवंत - ठीक है बिक्रम ..काल का प्रोग्राम बारे में बाद में बात करते है. इस वक़्त सिर्फ मेरा राज़ का बात सुनूंगा... बोल राज़ ?
अर्जुन हस के - पापा आप मेरे से बड़े है.. आज आप सुनाएंगे ओर में सुनूंगा..
फिर यसवंत खाना खाते खाते अर्जुन को पास में बैठा कर दुनिया और समाज के कुछ नासियत देता राहा..
अर्जुन भी यसवंत मामा जी को आपने सगे बाप समझ कर.. सीना चौड़े कर के खाना खाते खाते चोपड़ा खानदान के बुनियाद को समझ राहा था..
इधर बन्दना ब्यूटी पार्लर के घुस कर खुद को कुवारी जैसी सजधज ने में ब्यस्त थी...
अर्जुन खाना खाने के बाद आपने माँ(रूपा) को पीछे से पकड़ कर खड़ा राहा..
रूपा एक सांस में आपने पति यसवंत को देखने लगी.. यसवंत हस के ..
यसवंत - रूपा ये तेरा बेटा है..( अर्जुन फिर से रूपा ममी की गाल पर चुम्बन जड़ दिया) भाई तुम माँ बेटे के प्यार के बीच मुझे मत घसीटो..
अर्जुन फिर से ओर एक चुम्बन देकर - ये एक माँ और बेटे का प्यार है पापा ..अगर आपको बुरा लगे तो आप आपके माँ को प्यार कर सकते हो ..क्यों मामा (माँ)..
रूपा की तन बदन में उनचाइ खलबली मचल चुकी थी.. पर रूपा आपनी इमारत को बाज़बूती से पकड़ कर रखी थी..
रूपा हस के - जा , जा कर आपने ड्रेस चेंज करले.. तेरे पापा ने तेरे लिए पूरे शहर के दुकान को घर पर ला चुके है..
अर्जुन खुसी से ऊपर के कमरे में चला गेया..
रूपा आपने पति से - बनी के बापू ..
बीच मे यसवंत हस के - तुम क्या बिलना चाहती है में समझ गेया..राज़ हम दोनों का बेटा है.. तुम दोनों माँ बेटे के प्यार पर मुझे थोड़ा सा भी एतराज़ नहीं है...
इधर अनामिका डरती डरती आपने आपसे - अब क्या होगा ? कैसे में करन को समझाऊं ? अगर करन बुरा मान लिया तो ? करन बनी को तो चोदेगा नहीं.. उल्टा मुझे से प्यार करना छोड़ देगा.. है भगबान में क्या करूँ ?एक तो बनी की गुसा सातवे आसमान को छू जाती हैं.. दुशरा करन का प्यार को भी डर लग रही है... ना फोन करके करन को बोल सकती हूँ. ना बनो को संभाल सकती हूँ..
इधर चुकमि आपने मन मे - मुझे करन के चेहेरे पर भाई बेहेन वाली पबित्र रिश्ता दिखाई नहीं देती है.. करन राज़ चोपड़ा बनकर जो मेरे साथ कर रहा है ..ये कोई भाई आपनी बड़ी बेहेन के साथ नहीँ कर सकता..
चुमकी - काल मुझे रात को ... रात को रेस्टुरेंट ले गेया ..वो भी गर्ल फ्रेंड बना कर.. उतना ही नहीं.. करन जान बूझ कर कपल के बीच मुझे ले गेया.. ओर आज ? आज मुझे मामा के सामने किस किया.. o my god.. मामा भी चुप चाप आपने झूठे प्यार का नुमाईश कर रही थी..
चमकी आपनी दिमाग से - में चाह कर भो करन को घर से निकाल नहीं सकती..
फिर चुमकी फाटक से टैक्सी रोक कर दुशरी टैक्सी पकड़ कर - thank god... करन के बारे मैं सोच सोच कर में ये भूल गेई थी कि मुझे बिक्रम अंकल ने टैक्सी पकड़ते हुए देख लिए थे..अगर में टैक्सी चेंज नही करतो तो पापा ज़रूर करन को मेरे पीछे छोड़ देते..
चुमकी टैक्सी ड्राइवर को - **** पॉइंट पर ले चल....
कुछ देर जाने के बाद टैक्सी ड्राइवर अचानक गाड़ी को रोक लेता है..
चुमकी आपनी मोबाइल से नज़र हटाते हुए - यहाँ क्यों ?
फिर चुमकी की आंख फटी की फटी रेहे गेई.. गाड़ी के सामने 2 आदमी पिस्टल तान कर खड़े थे..
चुमकी कुछ बोलने से पेहेले ..चुकमि की दोनो साइड के डोर खोल कर ओर 2 मर्द ..चुमकी की दोनो बाज़ू में बैठ गये..
चुमकी डरती डरती - ये क्या बतमीज़ है ...तू सब मुझे जानते नेही हो .
फाटक से सामने खड़े ओहो पिस्तौल वाले 2 आदमी कार के फ्रंट वाली सीट पर बैठ कर टैक्सी ड्राइवर को..
पिस्तौल वाले एक आदमी - चुप चाप कार को आगे बढ़ा नहीं तो तुझे उपर पहोंचा दूँगा..
टैक्सी ड्राइवर डरते डरते चुमकी को देखने लगा..
चुमकी डरती डरती - आप कार चलाओ ड्राइवर जी.. वरना ये लोग आपके मार देंगे..
इधर अनामिका डरती डरती अर्जुन को फोन करने लगी.. अर्जुन इस वक़्त आपने कार के अंदर बैठने वाला था..
अर्जुन आपने मन मे - इसे भी थोड़ा डरता हूँ..
अर्जुन - बोल मेरी जान.?
अनामिका - करन अचतुअली काल रात..
बीच मे अर्जुन - मुझे मालूम है काल तुम्हारी सहेली/ बेहेन बन्दना /बनी मेरे बाहों में थी.. ओर आज में उसे मामू बना दिया..
अनामिका खुसी ऒर दर्द भरे आवाज़ में - करन क्या में माफी की काबिल हूं ?
अर्जुन हस के - मेरी अनु कभी गलत नही हो सकती..
अनामिका हस के - करन...
करन... में आज बहोत खुस हूँ ..
अर्जुन कार ड्राइव करके - तेरी सहेली को फ़ोन दे ?
अनामिका हस के - वो तो तुम्हारे घर पर तुम्हारी इंतज़ार कर रही होगी..
अर्जुन हस के - उसे कुछ मत बोलना.. आज काल से ज्यादा मज़ा करूँगा ..
अनामिका - प्लीज़ करन ..बनी very innocent है..जरा सा दर्द बर्दास्त नहीं कर सकती..
अर्जुन - ठीक है .उसे बोल मुझे wife की तरह फ़ोन करे ?