• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery Kamukta ki inteha

urc4me

Well-Known Member
21,652
36,051
258
Rasprad aur Romanchak. Waiting for next update
 

SKYESH

Well-Known Member
3,301
7,990
158
Bhai ese hindi me hi post ye request hai hamari.

I agree with u ...dear :happy::happy::happy::happy::happy:

kahani HINDI font main ho to .......ek alag hi maza hota hai...padhne ka,...........:happy::happy::happy::happy::happy:
 
  • Like
Reactions: kamdev99008

Aryanlaunda

New Member
44
61
34
अब आगे:

मेरा भार 72 किलो है जनाब और उसने मुझे ऐसे उठाया जैसे मैं 30 किलो की हूँ।

उठा कर चलते हुए उसने कहा- तेरी सर्विसिंग तो ज़बरदस्त तरीके से करनी पड़ेगी, बहुत चूपा गया आम है तू, पर तेरा रस कम नहीं हुआ बल्कि बढ़ता गया है। तेरे जैसी औरतें बहुत कम मिलती हैं। तुझे सेक्स का नशा नहीं है, भूख है। वो तो तेरा पति ही इतना मजबूत है कि 2 साल उसने किसी की ज़रूरत नहीं पड़ने दी। वर्ना तू एक लंड पर टिकने वाली जिंस नहीं है।

उसकी 101% सच्ची बातें सुन कर मेरे होश उड़ गए और मुंह अभी भी खुला का खुला था।
यह कह के वो मेरे ऊपर आ गया और उसने अपना लंबा बड़ा हाथ पजामी और पैंटी के अंदर ले जाने की कोशिश की, लेकिन पजामी इतनी तंग थी कि बहुत ज़ोर लगाने के बाद भी हाथ नहीं घुसा और नाड़े के कारण मुझे दर्द होने लगा।

images-28
ढिल्लों ने कहा- ओहो, इतनी टाइट पजामी, तूने तो दिल जीत लिया, लेकिन अब साली उतारनी भी तो है।
यह कहकर उसने मेरा नाड़ा खोलने की कोशिश की लेकिन उसकी गाँठ पिचक गयी थी; 1-2 मिनट की कसरत करने के बाद भी जब नाड़ा न खुला तो उसने दोनों हाथों से ऊपर से नाड़ा पकड़ के दांत भींच के ज़ोर लगाया और नाड़ा टक करके टूट गया।

मैं जब भी थोड़ा होश में आती तो उसकी ताकत कुछ ऐसा कर देती कि मेरे होश फिर उड़ जाते। अभी तक मैं एक लफ्ज़ भी नहीं बोल पायी थी और हैरानी के खंडहर में अकेली घूम रही थी। जनाब वो नाड़ा इतना मोटा और मजबूत था कि बुलेट मोटरसाइकिल को भी उससे खींच जा सकता था।

पजामियों के नाड़े ऐसे टूटने लगें तो बाजार में रोज़ आधी औरतें नंगी हो जाया करें। लेकिन वो था क्या, थोड़े से दांत भींचे और तड़ाक।

मैं हैरान-परेशान ये सब देख रही थी कि वो अपना लंबा मोटा हाथ नीचे ले गया और चूत और गांड पर पूरा हाथ फेरा। बिल्कुल मक्खन जैसी चूत और गांड देख कर उसने कहा- ओह, वाह … मज़ा आ गया छम्मक-छल्लो! मुझे तुझसे यही उम्मीद थी, ऐसा लगता है जैसे तेरे बाल आते ही ना हों।
यह कहकर उसने अपने मोटे होंठ, मेरे लबों पे रख दिये और चूसने लगा।

किस तो मुझे पहले भी आशिक़ों ने किए थे लेकिन यह कुछ और था … ज़बरदस्त। मेरी मुँह में मुंह डाल कर वो किस नहीं कर रहा था बल्कि मुझे घूंटें भर के पी रहा था। नीचे से उसने अपनी एक उंगली जब मेरी भीगी चूत में डाली तो मैं हिल गयी। उसकी उंगली की मोटाई का सही अंदाज़ा मुझे अब लगा था। अभी तक उसने अपनी बीच वाली लंबी उंगली का तीसरा भाग ही अंदर डाला था।

images-30

मुझे एकदम बहुत तेज़ दर्द हुआ लेकिन अगले ही पल मैं कबूतर की तरह फड़फड़ाने लगी और उससे चिपट गयी।

images-31

देखकर उसने अपनी उंगली का अगला हिस्सा चूत में घुसा दिया। होंठ अभी होंठों में थे और वो उसी तरह मुझे पी रहा था।

इन 5-7 मिनटों में ही काम के समुन्दर की जिन गहराइयों में वो मुझे ले गया था, मैं वहाँ तक पहले कभी नहीं गयी थी। बहुत लड़कों ने हाथों से मेरी चूत मसली थी और दो-दो उंगलियां भी घुसाई थी, पर ऐसी उंगली कभी मेरी चूत में नहीं गयी थी।

मैंने बड़ी मुश्किल से आंखें खोल कर ध्यान से उसके हाथों को देखा, उसकी हरेक उंगली मेरे पति के लौड़े जितनी मोटी थी। जब उसने उंगली का बाकी तीसरा हिस्सा भी अंदर सरका दिया तो उसके रूखेपन ने मेरी जान ही निकल दी। मज़ा एक बार फिर तेज़ दर्द की एक लहर में बदल गया।

फिर अचानक उसने सारी उंगली, जो मेरे रस से तर-बतर थी, बाहर निकाल ली और गांड के द्वार को अच्छी तरह मेरे ही रस से गीला कर दिया।

मैं बड़ी मुश्किल से अपना मुंह उसके मुंह से हटा के यह कहने ही लगी थी कि ‘यहां नहीं …’ उसने अपनी आधी उंगली मेरी गांड में डाल दी।


images-32
कहानी जारी रहेगी.
 
Last edited:

urc4me

Well-Known Member
21,652
36,051
258
Awesome. Rasprad aur romanchak. Waiting for next
 

Aryanlaunda

New Member
44
61
34
ओह, दर्द के तेज चिंगारी मेरी गांड से निकल कर जिस्म में फैल गयी। उसने एक पल भी मेरे मुँह को अलग नहीं होने दिया और फिर मेरे होठों पर कब्ज़ा कर लिया। यह करके उसने गांड में उंगली डाले ही अपना मोटा अँगूठा मेरी लपलपाती चूत में डाल दिया। अँगूठा तो उंगली से मोटा ही होता है, इसलिए मेरे मुंह से एक तेज़ ‘ऊंह…’ निकली क्योंकि उसने अपने होठों के शिकंजे से मेरे लबों को भींचा हुआ था।

अब इसी तरह मैं उसकी मज़बूत बांहों में लेटी रही क्योंकि मुझे अब अहसास हो गया था कि प्रतिरोध एकदम व्यर्थ है। मैंने अपना जिस्म ढीला छोड़ दिया और उसमें गुम होने लगी। ऐसा लग रहा था जैसे कोई सपना हो।

अब वो अपना अँगूठा और एक आधी उंगली मेरी गांड और चूत में आगे पीछे कर रहा था। एक बार फिर दर्द एक असीम आनंद में बदल गया था।
कुछ पलों बाद मैं बड़ी तेज़ी से झड़ने की कगार पर पहुंची ही थी कि उसने अचानक अपना अँगूठा और उंगली एकदम बाहर निकाल ली।
“फड़ाच” की आवाज़ आयी जो मैंने अपने जिस्म से निकलते हुए कभी नहीं सुनी थी। उंगलियां बाहर निकालते ही उसने होंठों को भी आज़ाद कर दिया और उठ के खड़ा हो गया और अपने बैग में कुछ तलाशने लगा।


IMG-20201021-170424

मेरी सांसों की आवाज़ मेरे कानों के पर्दो पर “धक-धक, धक-धक” पीट रही थी। मेरा मुँह अभी भी खुला का खुला ही था और मेरे होश मेरा साथ छोड़ कर उस कमरे से बाहर चले गए थे।

हैरान-परेशान मुझमें इतनी हिम्मत भी नहीं थी कि मैं एक लफ्ज़ भी मुँह से निकाल सकूं। उसकी एक उंगली, अंगूठे और होंठों ने ही मुझे जन्नत के दरवाज़े तक पहुंचा दिया था। मेरा सीना आधे फुट की ऊंचाई तक जाकर वापस आ रहा था।


images-37

मेरी टूटे नाड़े वाली लाल पजामी और चमकते हरे रंग की पैंटी नीचे चूत तक सरकी हुई थी और मुझमें इतनी हिम्मत नहीं थी कि उन्हें ऊपर करक उस हैवान ढिल्लों का हाल-चाल पूछ लूं।

इन 15 मिनटों में उसके फन ने बता दिया था कि वो काम का एक मंझा हुआ और ज़बरदस्त चोटी का खिलाड़ी है।
लेकिन वो अब अपने बैग में क्या तलाश रहा था?

3-4 मिनट बाद अपनी पूरी ताकत इकट्ठी करके मैं उससे सिर्फ इतना कह पायी- ये क्या था?
उसने एक ज़ोर का मर्दाना ठहाका लगाया और कहा- अभी तो तुझे चैक ही किया है।
मैंने अपनी सांसें समेटते हुए पूछा- क्या चैक किया है और क्या पता चला?

उसने जवाब दिया- तेरी चूत बहुत गहरी है, तेरे जैसी नाटे कद और भारे बदन वाली औरत की चूत बहुत गहरी होती है। तेरी प्यास किसी से अभी तक इसीलिए नहीं बुझी क्योंकि तेरी चूत की पूरी गहराई में किसी का लौड़ा गया ही नहीं है, तुझे सिर्फ अपने दाने से ही संतुष्टि मिल जाती है, तेरे पति का लंड ठीक ठीक ही है ना? और कभी उससे बड़ा लंड भी नहीं लिया ना?

मैं उसकी बातें सुन कर दंग रह गयी और उससे पूछा- तुम्हें कैसे पता?
उसने कहा- मैडम, मैंने चूतों पर पी एच डी की हुई है। मेरी 20 एकड़ जमीन इसी काम में गयी है लेकिन कोई बात नहीं अभी भी 250 एकड़ बाकी है। हां, एक बात तो है, बहुत औरतें अपने नीचे से निकाली हैं लेकिन तेरे जितना जोश बहुत कम औरतों में देखा है। इसके साथ तेरा बदन भी पूरा गदराया हुआ है, तेरे मम्मों की गोलाई और साइज बहुत किस्मत वाली औरतों को मिलते हैं। साले ये इतने बड़े कैसे हो गए, कमर तो तेरी 30 की ही होगी, कोई दवाई खाई है? और तेरी गांड, भैन-चोद इतनी बड़ी कैसे है?, चूत जैसे बहुत बड़ी खायी में है.
मैंने जवाब दिया- मम्मे तो नैचुरली ऐसे हैं और गांड जिम जा-जा के बनाई थी।

images-35


IMG-20201021-150306

यह सुन कर उसने अफ़ीम की दो बड़ी गोलियां बनाई और एक मुझे दे दी- खा लो, आज रात सोना नहीं है तुम्हें।
मैंने कहा- न भाई, इसमें तो नशा होगा, अगर कुछ हो गया तो?
उसने कहा- अगर मज़े लेने आयी है तो खा ले, इस रात को एक हसीन सपना बना दूंगा, आगे तेरी मर्ज़ी, वैसे तू आज बहुत खतरनाक तरीके से बजने वाली है।

मैं वो गोली खाने या न खाने के बारे में सोच ही रही थी कि उसने दो बड़े डी एस एल आर कैमर पूरे साज़ो सामान के साथ अपने बड़े बैग से निकाले और उनको फिट करने लगा।
मैंने फिर पूछा- ये क्या है?

images-38

“कैमरे हैं, तेरी यादगार रात तुझे कार्ड में डाल के दे जाऊंगा, फिकर मत करो अपने पास कुछ नहीं रखूंगा, और वैसे भी इसमें मैं हम दोनों के चेहरे नहीं आने दूंगा, अगर आ भी गए तो एडिट करके फेस छुपा दूंगा।”

मुझे उसकी बातों पर न जाने क्यों यकीन सा आ गया और मैं वो अफीम का गोला पानी के साथ गटक गयी।

दो जगहों पर कैमरे फिट करके जब वो भी पानी के साथ अफीम का गोला खाने लगा तो वो कुछ सोच के रुका और लिफाफे में से और अफीम निकाल के एक बड़ा गोला बना लिया और पानी के साथ गटक गया।

और फिर देसी दारू की बोतल निकाल ली, दो बड़े पैग बनाये और एक मुझे थमा दिया। मैंने सूँघ कर देखा तो इलाइची की खुशबू आ रही थी तो मैंने एक घूंट भरी; बहुत कड़वी थी; धुन्नी तक धमाल करती हुई महसूस हुई।
अचानक मेरे दिमाग में पता नहीं क्या आया कि एकदम गिलास खाली कर दिया और उसकी आंखों में आँखें डाल लीं।

images-39
थोड़ा हैरान होकर उसने भी अपना पैग खींचा और एक उससे भी बड़े दो पैग बना दिया; फिर पानी डालके मुझे थमा दिया।
मैंने एक बार बिना सोचे समझे नाक बंद करके एक वार में ही ग्लास खाली कर दिया और उससे कहा- ढिल्लों, आज जो करना है कर ले, आज अपने आठों द्वार खोल दूँगी, कोई कमी नहीं रहनी चाहिए, डाल और, देखती हूं तुझे भी आज!

वो हंस पड़ा- रहने दे … अभी इतनी काफी है, नहीं तो बेहोश हो जाएगी। चल अपने सभी कपड़े उतार, देख तो लूं जी भर के!

मैं अपने कपड़े उतारने लगी लेकिन वो तो ठीक ठाक होते हुए भी नहीं उतरते थे, अब तो मैं बिल्कुल टल्ली थी। खैर कुछ देर मेहनत की, लेकिन व्यर्थ।
वो उठा और दो-तीन बार चिर-चिर हुई और बोला- अब उतर जाएंगे।

images-40

उसने मेरे कपड़े फाड़ दिए थे, मैंने हँसते हुए आराम से अपने जिस्म से अलग कर दिये। अब मैं सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। उसके कुछ कहने से पहले ही मैंने दोनों चीज़ें उतार के दूर फेंक दी। वो पैग लगाता रहा और मुझे देखता रहा।

अचानक मेरे टल्ली दिमाग में पता नहीं क्या आया कि मैंने जाकर उसकी पैन्ट को ढीला किया और उसकी अंडरवियर नीचे कर दी।
“ओह…” आगे का नज़ारा देख कर मैं पीछे हट गई, वो लंड नहीं था, महालंड था, मेरी कोहनी जितना बड़ा और कलाई से भी ज़्यादा मोटा, ऐन तना हुआ … सुपारा संतरे जितना मोटा था और उसकी लम्बाई ख़त्म ही नहीं होती थी।
मैं टल्ली होते हुए भी भौंचक्की रह गयी, मेरे पैरों के नीचे से ज़मीन निकल गयी थी। मुझे लगा के शायद पहली बार मैंने इतनी बड़ी ग़लती की है।

images-41

मैं उसको देखते देखते नंगी बेड पर बैठने ही वाली थी कि उसने अपने हाथ मेरी गांड के नीचे रख दिया और कहा- क्या हुआ? इतना बड़ा देखा नहीं था पहले कभी?
मैंने उसको देखते हुए ही जवाब दिया- देखना तो क्या सोचा भी नहीं था, मैं नहीं ले पाऊँगी इसे।
उसने हँसते हुए कहा- तेरे जैसी चूतों के लिए ही बना है ये, एक बार ले लिया तो सारी दुनिया छोड़ने के लिए तैयार हो जाओगी। तुझे इसी की ज़रूरत है। बाकी आगे तेरी मर्ज़ी अगर नहीं देना चाहती तो मैं चला जाता हूँ, धक्के से नहीं लेता मैं किसी की।

यह कहकर उसने अपना लण्ड अंडरवियर के अंदर करना चाहा, मगर मैंने उसे रोक लिया और कहा- ज़रा देख तो लेने दो!
और मैं उसके पास चली गयी। लंबाई नापने लगी तो पता चला के मेरी कलाई से लेकर कोहनी जितना लंबा था। डरते डरते हाथ लगाया और पकड़ा; एकदम गर्म; जब अपने हाथ में ठीक से पकड़ा तो पता चला कि हाथ में होने के बावजूद भी मेरी चार टेढ़ी उंगलियों जितना मोटा है। मैं पंजाब की टल्ली और भारी मुटियार उसे देखती रही और हौले हौले हिलाने लगी।

images-42
अचानक मन हुआ की मुँह में लूँ और मुंह आगे बढ़ाया ही था कि उसने दारू का एक और ग्लास भरके मुझे थमा दिया- पी लो, फिर घबराहट नहीं होगी।
मैंने तीसरा पैग भी आंख मींच के पी लिया और मुंह करारा करने के लिए पूरा मुँह खोल के उसका लंड डाल लिया. मुँह में मोटाई की वजह से जा नहीं रहा था तो उसने अचानक मेरी गर्दन पकड़ के एक झटका मार दिया, मेरी आँखें बाहर आ गईं और मुंह फट गया।

images-43

लेकिन मैं भी बहुत पक्की थी, लंड बाहर नहीं निकाला और मुट्ठियाँ बंद कर लीं और पूरा जोर लगा के मुंह आगे पीछे करने लगी, जितना ही सकता था। मैंने बहुत कोशिश की लेकिन लंड चार इंच से ज़्यादा मुँह में न ले पायी।

अचानक वो खड़ा ही गया और एक झटके से अपने सारे कपड़े उतार दिए। मैं भी खड़ी होने लगी तो दारू के नशे की वजह से एकदम चक्कर सा आके गिरने ही लगी थी कि उसने मुझे अपनी बांहों में भर के ऊपर उठा लिया और फिर बेड पे लिटा दिया और कैमरे के सामने ले आया, लिटाते ही अपना मुंह मेरी चूत पर रख दिया और गांड में अपनी बीच वाली उंगली डाल दी।

download
चूत पे मुँह होने के कारण मुझे मज़ा आया लेकिन उंगली गांड में होने के कारण चीख निकल गयी। ऊपर से नीचे तक अपनी लंबी जीभ फेर रहा था ढिल्लों; जब चूत से गुजरती तो अंदर चली जाती।
मेरी जान निकली जा रही थी; “डाल दे ढिल्लों, देखी जाएगी” मुँह से सिर्फ इतना निकला।

ढिल्लों सुनते ही टांगों के बीच से उठा और जल्दी से दो बड़े तकिये उठा के मेरी कमर के नीचे रख दिये और मेरे ऊपर चढ़ के मेरे होठों के घूंट भरने लगा। मैंने जल्दी नीचे से उसके लंड को तलाश किया और अपनी चूत पर ऊपर से नीचे तक फिराने लगी।
यह मेरी आदत है, कोई भी लंड लिया हो पर मैं 1-2 मिनट ये ज़रूर करती हूं। शायद आप को भी ये आदत हो।

images-44

ढिल्लों को मेरी यह अदा पसंद आई और वो और ज़ोरों से मेरे घूंट भरने लगा।

लंड चूत पीकर फिराते फिराते मुझे इतना आनंद मिल रहा था कि मैं उस महालंड को अपनी चूत के अन्दर करने की कोशिश करने लगी।
यह देख कर उसने कहा- लेना है?
“हां, अभी।”
“दर्द बर्दाश्त कर लोगी, देख लो, इसके बाद तुम्हें सिर्फ मैं ही तृप्त कर सकता हूँ, अपने पति से तो गयी समझो तुम, अब भी मौका है?”
“हां, डाल दो प्लीज, मैं यहाँ आयी ही टिका टिका के मरवाने के लिए थी, ये बहुत बड़ा है, पहले पता होता तो न आती, लेकिन अब जब आ ही गयी हूं तो मरवाकर ही जाऊँगी, तू चक्क दे फट्टे ढिल्लों, देखी जाएगी।”

“ठीक है, तैयार हो जा, बहुत हिम्मत करनी पड़ेगी, हार न मान लेना, नहीं यो बहुत दर्द होगा।”
यह कहते ही उसने मेरी बिलबिलाती चूत पर अपना महालंड रख और बड़े सलीके और तेज़ी से एक झटका मारा, लंड का टोपा अंदर घुस गया था, चूत अपनी पूरी हदों तक फैल गयी। मैंने चादर को मुट्ठियों से भींच लिया था, आज तक किसी ने मेरी ये हालत नहीं की थी।

0000001162

लेकिन मेरा नाम भी सरदारनी रूपिंदर कौर है, अगर कोई और औरत होती तो भाग खड़ी होती, पर मैंने मैदान नहीं छोड़ा। पूरा ज़ोर लगा के पंजाबी में बोली- आजा ढिल्लों, लग्ग जाऊ पता, कीहदे नाल वाह पिया है। (आ जा ढिल्लों, लग जायेगा पता किसके साथ पाला पड़ा है।)
वैसे मैं ज़्यादा शेखी मार रही थी ( शायद शराब और अफीम के कारण) क्योंकि मुझे पता था कि अब मेरे हाथ में कुछ नहीं है। अब जो करना था ढिल्लों शेर को ही करना था।

इस बार उसने कैमरे की तरफ पीछे मुड़ के देखा और मेरी गांड और तकिये थोड़े ठीक करके उसने मेरी टाँगें मोड़ लीं, अब चूत छत की तरफ पूरी तरह उठ चुकी थी और उसका सुपारा मेरी चूत में अटका हुआ था।

IMG-20201021-210703

मैंने चैलेंज तो कर दिया था, पर मैं हैरान-परेशान थी कि अब क्या होगा।

अचानक वो बोला- लो आ गयी तुम्हारी तबाही!
यह कहते ही उसने एक तेज़ घस्सा मारा और उसका 12 इंची लंड 8 इंच तक अंदर धस गया; मेरे होश फाख्ता हो गए; बहुत जोर के साथ “ईं…” निकली और ऊपर छत में धंस गई। उसने इसी पोज़ में दूर बेड के किनारे हाथ पहुंचाया और लिफाफे में से अफीम की एक बड़ी गोली निकाल कर मेरे हवाले कर दी, मैंने ऐसे ही उसे मुँह में ले लिया, बहुत कड़वी थी, लेकिन दर्द में मुझे इस चीज़ का अहसास नहीं हुआ, और मेरे मुंह से निकला- निकाल, ढिल्लों।


इसके आगे अगले भाग में!

Screenshot-2020-10-21-21-11-03-042-com-twitter-android
 

SKYESH

Well-Known Member
3,301
7,990
158
good yara
 
Top