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देशी बालक हैं ब्रो, यहाॅ जिगरे चलते है,
नही चलती कोई बकवास
ओर अपनी अकड़ ले कर आ जाइयो,
ईलाज है हमारे पास।
नही चलती कोई बकवास

ओर अपनी अकड़ ले कर आ जाइयो,
ईलाज है हमारे पास।

Last edited:
Meri jarurat ye nahi. Me kahani ki theme bataungi. Muje us hisab se hi shayri chahiye. Ho sake to gazal ke kuch bol lines bhi. Wakt bahot hai abhi.चाहत के रंगीन धागे,
आज फिर से बुन लिए।
मोहब्बत की स्याही भरे, लफ़्ज़ों के फूल चुन लिए।
एहसास के कशीदों से, ग़ज़ल के बोल गढ़ दिए।
कलम की सुई से,
जज़्बात सारे सिल दिए।
उम्मीदों के थोड़े सितारे, आँचल पर तेरे जड़ दिए।
आरज़ू-ए-महफ़िल में,
पेश-ए-नज़र कर दिए।
गुनगुनाकर उस गज़ल को, दामन में ख़्वाब भर लिए।
ऐ ग़ज़ल! तूने अदा से, कितने शायर फ़िदा कर लिए।
चाहत के रंगीन धागे,
आज मैंने बुन लिए…..
Shetan
DEVIL MAXIMUM
Kuchnahi24
Ufaq saba
Damha
Rekha rani
Rajizexy
नाम तो तुम्हारा सुकून ही रहेगा ।शुक्रिया तेरा तिरे आने से रौनक़ तो बढ़ी,
वर्ना ये महफ़िल-ए-जज़्बात अधूरी रहती।।![]()
Mujhe Non-Devanagri shayari per mention kiya karo, Devanagari nahi ati mujheचाहत के रंगीन धागे,
आज फिर से बुन लिए।
मोहब्बत की स्याही भरे, लफ़्ज़ों के फूल चुन लिए।
एहसास के कशीदों से, ग़ज़ल के बोल गढ़ दिए।
कलम की सुई से,
जज़्बात सारे सिल दिए।
उम्मीदों के थोड़े सितारे, आँचल पर तेरे जड़ दिए।
आरज़ू-ए-महफ़िल में,
पेश-ए-नज़र कर दिए।
गुनगुनाकर उस गज़ल को, दामन में ख़्वाब भर लिए।
ऐ ग़ज़ल! तूने अदा से, कितने शायर फ़िदा कर लिए।
चाहत के रंगीन धागे,
आज मैंने बुन लिए…..
Shetan
DEVIL MAXIMUM
Kuchnahi24
Ufaq saba
Damha
Rekha rani
Rajizexy
Waah..नाम तो तुम्हारा सुकून ही रहेगा ।
चाहे मुझे जितना बेचैन करो तुम ।।
Seeko man, aage mod giri kaise chalaoge? Koi gali nikaal kar bhaag gaya to(devnagei me)Mujhe Non-Devanagri shayari per mention kiya karo, Devanagari nahi ati mujhe![]()
Tumhare alawa aise kaand aur kaun kar sakta haiSeeko man, aage mod giri kaise chalaoge? Koi gali nikaal kar bhaag gaya to(devnagei me)![]()
Tu bata kaha gayab rahta hai aajkal?Tumhare alawa aise kaand aur kaun kar sakta hai
Papi pet aur traveling…Tu bata kaha gayab rahta hai aajkal?
TranslatorSeeko man, aage mod giri kaise chalaoge? Koi gali nikaal kar bhaag gaya to(devnagei me)![]()
Super duper gazab gazalचाहत के रंगीन धागे,
आज फिर से बुन लिए।
मोहब्बत की स्याही भरे, लफ़्ज़ों के फूल चुन लिए।
एहसास के कशीदों से, ग़ज़ल के बोल गढ़ दिए।
कलम की सुई से,
जज़्बात सारे सिल दिए।
उम्मीदों के थोड़े सितारे, आँचल पर तेरे जड़ दिए।
आरज़ू-ए-महफ़िल में,
पेश-ए-नज़र कर दिए।
गुनगुनाकर उस गज़ल को, दामन में ख़्वाब भर लिए।
ऐ ग़ज़ल! तूने अदा से, कितने शायर फ़िदा कर लिए।
चाहत के रंगीन धागे,
आज मैंने बुन लिए…..
Shetan
DEVIL MAXIMUM
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Damha
Rekha rani
Rajizexy