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देशी बालक हैं ब्रो, यहाॅ जिगरे चलते है,
नही चलती कोई बकवास
ओर अपनी अकड़ ले कर आ जाइयो,
ईलाज है हमारे पास।
नही चलती कोई बकवास

ओर अपनी अकड़ ले कर आ जाइयो,
ईलाज है हमारे पास।

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कुछ नही चाहिए तुम्हारी एक मुस्कान ही काफी है,चेहरा देख कर इंसान पहचानने की कला थी मुझमें
तकलीफ़ तो तब हुई जब इन्सानों के पास चेहरे बहुत थे।🩶![]()
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थोड़ी फिकर,थोड़ी कदर,थोड़ी खैर ख़बरकुछ नही चाहिए तुम्हारी एक मुस्कान ही काफी है,
तुम दिल में बसे रहो ये अरमान ही काफी है,
हम ये नही कहते हमारे पास आ जाओ,
बस हमे याद रखना, ये अहसान ही काफी है…!!![]()
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Ju to samajhdar hoBagal mein lekar kya kar rahe ho![]()
Waah meri striस्त्री.. विशेष पोस्ट
सभी महिलाओं को समर्पित!
स्त्री...
स्त्री प्रेम में रो सकती है, सो सकती है और किसी को धो भी सकती है,,
स्त्री प्रेम में टूट सकती है, रूठ सकती है, लूट सकती है और किसी को कूट भी सकती है,,
स्त्री प्रेम में जोड़ सकती है, तोड़ सकती है, मोड़ सकती है और किसी का सिर भी फोड़ सकती है,,
स्त्री प्रेम में डर सकती है, वर सकती है, मर सकती है और किसी के एक दो धर भी सकती है,,
स्त्री प्रेम में भटक सकती है, खटक सकती है, मटक सकती है और पटक भी सकती है,,
स्त्री प्रेम में लजा सकती है, सजा सकती है और किसी के कान नीचे बजा भी सकती है,,
स्त्री प्रेम में ढल सकती है, गल सकती है, जल सकती है और किसी को छल भी सकती है,,
स्त्री प्रेम में झेल सकती है तो किसी के साथ खेल भी सकती है,,
स्त्री प्रेम में गा सकती है, आ सकती है और जा भी सकती है,,
नारी सबको प्यारी हो सकती है, तो सब पे भारी भी हो सकती है....।
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