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मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में….,
बस हम गिनती उसी की करते है जो हासिल ना हो सका….
बस हम गिनती उसी की करते है जो हासिल ना हो सका….
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Wahh damu bhaiya, per aaj kal yahi sachhai haiThak gaya hoon mehmanon ki tarha Ghar Jaate Jaate
Be-Ghar ho gaya hoon Chand rupay kamate kamate
“Each evening, we leave work to go home, only to return to work again.”Wahh damu bhaiya, per aaj kal yahi sachhai hai
Din mein 2 baar ( ) uthhne se pahleBas ab yahi dekhna baki rah gaya tha Kya kare bhai
Wah.. nice poemआहिस्ता चल जिंदगी,
अभी कई कर्ज चुकाना बाकी है,
कुछ दर्द मिटाना बाकी है,
कुछ फर्ज निभाना बाकी है...
रफ़्तार मे तेरे चलने से,
कुछ रूठ गए कुछ छूट गए,
रूठो को मानना बाकी है,
रोतो को हंसाना बाकी है,
कुछ रिश्ते बनकर टूट गए,
कुछ जुड़ते-जुड़ते छूट गए,
उन टूटे-छूटे रिश्तों के,
ज़ख्मों को मिटाना बाकी है,
कुछ हसरतें अभी अधूरी है,
कुछ काम भी और जरूरी हैं,
जीवन की उलझ पहेली को,
पूरा सुलझाना बाकी है,
जब सांसो को थम जाना हैं,
फिर क्या खोना क्या पाना है,
पर मन के जिद्दी बच्चे को यह बात बताना बाकी है।
आहिस्ता चल जिंदगी
अभी कई कर्ज चुकाना बाकी है,
कुछ दर्द मिटाना बाकी है,
कुछ फर्ज निभाना बाकी है।
- स्वाति कुमारी
Waah.. kya baat hai sky bhaiya shandaar linesप्रिय ! लिखकर..... नीचे लिख दूं नाम तुम्हारा,
कुछ जगह बीच में छोड़
नीचे लिख दूं सदा तुम्हारा !!
लिखा बीच में क्या ? ये तुमको पढ़ना है !
कागज़ पर मन की भाषा का अर्थ समझना है !
जो भी अर्थ निकलोगे तुम वो मुझको स्वीकार
झुके नैन... मौन अधर... या कोरा कागज़,
अर्थ सभी का प्यार ||