अब तो जी चाहता है शिव को सच में जेल की हवा खानी चाहिए। एक सवाल और है क्या कोई लड़का इतने प्यार से जीद करेगा कि शिव गांड मारने दे तो क्या शिव उसको गांड मारने देगा।
शिव को इतना सरल भी नहीं होना चाहिए कि हर किसी के बात में आ जाए। 2 बोल किसी ने प्यार से बोला नहीं के घुटने टेक देता है। खासकर दिव्या जैसी जिद्दी लड़की से बच के रहना चाहिए। साला एक तरफ खुद को अनाथ भी समझता है और मनीषा जैसी के सामने कुछ नहीं कर पाता और अब दिव्या जो एक ही दिन में इतना आगे बढ़ने पर उतारू है। खैर,,, हमने जो महसूस किया बता दिया। आखिर लेखक दिखाना क्या चाहता पल्ले नहीं पड़ रहा। चित भी अपनी पट भी अपनी।।।